100 से अधिक स्थानों पर मौजूद हैलीपैड के जरिए हवाई यातायात का मजबूत नेटवर्क तैयार

भौगोलिक रूप से चुनौतीपूर्ण राज्य में दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंच आसान बनाने के लिए सरकार राज्य में हवाई सेवाओं के लिए मजबूत बुनियादी सेवाएं जुटा रही है। इसी क्रम में बीते दो साल में राज्य में आठ स्थानों पर हैलीपोर्ट बनकर तैयार हो चुके हैं। जबकि छह अन्य स्थानों पर हेलीपोर्ट का निर्माण प्रगति पर है।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) बीते दो साल में सहस्रधारा, श्रीनगर, गौचर, चिन्यालीसौड़, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और मुनस्यारी में हैलीपोर्ट तैयार कर चुका है, जो अब यात्रियों को अपनी नियमित सेवाएं दे रहे हैं। इसके बाद यूकाडा त्रिजुगीनारायण, जोशीमठ, मसूरी, रामनगर, बागेश्वर, हरिद्वार में हैलीपोर्ट पर काम प्रारंभ कर चुका है। इन सभी जगह अगले एक साल में काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। यूकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी दयानंद सरस्वती के मुताबिक इसके साथ ही राज्य में अब 100 से अधिक हैलीपैड बनकर तैयार हो चुके हैं जो किसी भी यात्री सेवा या आपातकालीन स्थिति में ऑपरेशन के लिए उपलब्ध हैं। इस तरह राज्य में अब दूर दराज तक एयर कनेक्टिविटी के लिए बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी हैं।

जौलीग्रांट और पंतनगर एयरपोर्ट का विस्तार
राज्य सरकार पंतनगर और जौलीग्रांट एयरपोर्ट का विस्तार कर रही है। इसके लिए जमीन अधिगृहण की कार्यवाई की जा रही है। पंतनगर एयरपोर्ट का विकास ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की तर्ज पर जबकि जौलीग्रांट का विकास इंटरनेशनल मानकों के अनुसार किया जा रहा है।

क्या है हैलीपोर्ट
हैलीपोर्ट पर एक साथ कई हैलीकॉप्टर की पार्किंग, मेंटीनेंस (हैंगर) सुविधा के साथ ही यात्रियों के लिए विश्राम करने, कैंटीन, शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। हैलीपोर्ट का निर्माण एयरपोर्ट की तर्ज पर किया जाता है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि देश का आम आदमी भी हवाई सफर कर सके। इसके लिए उत्तराखंड में उड़ान योजना के साथ ही मुख्यमंत्री उड़नखटौला योजना के जरिए, हवाई सेवाओं का विकास किया जा रहा है। इसका लाभ तीर्थाटन और पयर्टन गतिविधियां बढ़ने के रूप में भी मिलेगा।

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

ऋषिकेश को विशेष वित्तीय सहायता के लिए मुख्यमंत्री ने जताया केंद्र का आभार

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तराखंड को ‘स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट फॉर कैपिटल इनवेस्टमेंट 2024 – 25 योजना‘ के तहत 66 करोड़ रुपए का विशेष लोन (सहायता) जारी करने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने तीर्थनगरी ऋषिकेश में पयर्टन विभाग के अधीन विभिन्न परियोजनाओं के लिए योजना के तहत कुल 100 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं, जिसमें से प्रथम किश्त के रूप में 66 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं। जबकि दूसरी किश्त के 34 करोड़ रुपए, प्रथम चरण की सहायता 75 प्रतिशत तक खर्च करने पर जारी की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लंबे समय से इस विशेष वित्तीय सहायता के लिए प्रयासरत थे, उनकी इस बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से बात भी हो चुकी थी।

मुख्यमंत्री धामी ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है, प्राप्त वित्तीय सहायता से सरकार ऋषिकेश को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित करेगी।

पीएम मोदी ने की धामी सरकार की जमकर सराहना, कहा उत्तराखंड की नीतियां देश के लिए बन रही उदाहरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य स्थापना दिवस पर उत्तराखंडवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार के युग में उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है। उन्होंने प्रदेश की धामी सरकार की प्रशंसा करते हुए, राज्य के सर्वागीण विकास के लिए प्रदेशवासियों और यहां आने वाले पयर्टकों से नौ आग्रह भी किए हैं।

विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड का संकल्प
पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस रैतिक परेड को वीडियो संदेश के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज से उत्तराखंड का रजत जयंती वर्ष शुरु हो रहा है, अब हमें उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए अगले 25 वर्ष की यात्रा शुरू करनी है। उन्होंने कहा कि यह सुखद संयोग है कि देश भी 25 वर्षों के लिए अमृत काल में है, विकसित भारत के लिए विकसित उत्तराखंड के संकल्प को इसी कालखंड में पूरा होते देखेगा।

यह दशक उत्तराखंड का दशक, बाबा केदार के चरणों में बैठकर किए गए इस विश्वास को उत्तराखंड ने सही साबित किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी दो दिन पहले ही प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का भी सफल आयोजन हुआ है, उन्हें पूरा विश्वास है कि हमारे प्रवासी उत्तराखंडवासी राज्य के विकास यात्रा में ऐसी ही बड़ी भूमिका निभाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लोगों को अपनी आशाओं, आकांक्षाओं के अनुरूप अलग राज्य प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक प्रयास करना पड़े, यह प्रयास तब पूरे हुए, जब केंद्र में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में सरकार बनी। बेहद खुशी की बात है कि अब हम सब उत्तराखंड को अपने सपनों को साकार करते हुए देख पा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड ने खूब सारा प्यार और अपनत्व दिया है, हम भी इसी भावना के साथ देवभूमि की सेवा करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे है। प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले उन्होंने बाबा केदार के चरणों में बैठकर विश्वास व्यक्त किया था कि यह दशक उत्तराखंड का दशक साबित होने जा रहा है, और उत्तराखंड ने उनके विश्वास को सही साबित किया है। आज उत्तराखंड विकास के नए रिकॉर्ड बना रहा है, पिछले साल एसडीजी इंडेक्स में उत्तराखंड को पहला स्थान मिला है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अचीवर्स और स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर कैटेगरी हासिल हुई है। बीते डेढ़ दो वर्षों में उत्तराखंड की विकास दर में सवा गुना से ज्यादा की बढ़ोत्तरी हुई है। इस साल जीएसटी कलेक्शन में 14 प्रतिशत की उछाल दर्ज हुई है। 2014 में राज्य की प्रतिवर्ष आय सवा लाख रुपए सालाना थी, जो आज बढ़कर 2 लाख 60 हजार हो चुकी है, 2014 में उत्तराखंड राज्य का सकल घरेलू उत्पादन यानि स्टेट जीडीपी एक लाख 50 हजार करोड़ के आस- पास थी। जो अब बढ़कर तीन लाख पचास हजार करोड़ हो गई है। यह आंकडे बता रहे हैं कि उत्तराखंड में कैसे युवाओं के लिए नए अवसर बन रहे हैं, कैसे औद्योगिक तरक्की हो रही है।

डबल इंजन सरकार का सही अर्थ उत्तराखंड में नजर आ रहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उत्तराखंड में 2014 से पहले पांच प्रतिशत से कम घरों में नल से जल आता था, आज यह बढ़कर करीब 96 प्रतिशत हो गया है। 2014 से पहले उत्तराखंड में सिर्फ छह हजार किमी की पीएमजीएसवाई सड़क बनी थी, आज इन सड़कों की लंबाई 20 हजार किमी से अधिक हो गई है। उत्तराखंड ने लाखों शौचालयों का निर्माण करने के साथ ही हर घर बिजली और उज्जवला गैस योजना के तहत लाखों गैस कनेक्शन देकर हर वर्ग का ध्यान रखा है। डबल इंजन सरकार का सही अर्थ उत्तराखंड में नजर आ रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को केंद्र से मिलने वाला अनुदान अब दोगुना हो गया है। डबल इंजन की सरकार ने उत्तराखंड को एम्स का सेटेलाइट सेंटर, देश के पहले ड्रोन एप्लीकेशन रिसर्च सेंटर की सौगात दी है, साथ ही यूएसनगर में स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप बनाने की भी योजना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड में केंद्र सरकार के दो लाख करोड के प्रोजेक्ट चल रहे हैं, कनेक्टिविटी योजनाओं को तेज गति से पूरा किया जा रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना को 2026 तक पूरा किए जाने की तैयारी है। राज्य के 11 स्टेशन को अमृत के रूप में विकसित किया जा रहा है। देहरादून – दिल्ली एक्सप्रेस वे बनने से देहरादून से दिल्ली का सफर ढाई घंटे में हो जाएगा।

उत्तराखंड में चल रहा विकास का महायज्ञ
पीएम ने जोर देकर कहा कि इस समय एक तरह से उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ चल रहा है, इससे पलायन पर रोक लग रही है। सरकार विकास के साथ विरासत को भी संजोने में जुटी हुई है। केदारनाथ धाम का भव्य और दिव्य पुनर्निर्माण किया जा रहा है, बदरीनाथ मास्टर प्लान के कार्य तेजी के साथ चल रहे हैं। इसी तरह मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत पहले चरण में 16 पौराणरिक मंदिरों को विकसित किया जा रहा है। ऑल वेदर रोड से चारधाम यात्रा को सुगम किया जा रहा है, पर्वत माला के तहत धार्मिक और पयर्टन स्थलों को रोपवे से जोड़ा जा रहा है।

सीमाओं पर स्थित गांव हमारे लिए देश के पहले गांव
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सीमांत के गांवों को पहला गांव मानते हुए, कार्य कर रही है, इसी क्रम में माणा गांव की यात्रा के दौरान उन्होंने वाइब्रेंट विलेज योजना की शुरुआत की। इसके तहत उत्तराखंड में करीब 50 गावों का विकास किया जा रहा है।

पर्यटन और श्रद्धालु की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि
प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ सप्ताह पहले की रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तराखंड में इस साल छह करोड़ पर्यटक और श्रद्धालु आए हैं, 2014 से पहले चारधाम यात्रियों की संख्या 24 लाख तक ही पहुंच पा रही थी, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 54 लाख को छू गया है। इससे होटल से लेकर होम स्टे वालों को, टैक्सी से टैक्सटाइल वालों को लाभ मिला है। बीते वर्षों में पांच हजार से अधिक होम स्टे का रजिस्ट्रेशन हुआ है।

उत्तराखंड की नीतियां देश के लिए उदाहरण बन रही
यूनिफॉर्म सिविल कोड यानि सैकुलर सिविल कोड
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड ऐसे निर्णय ले रहा है, जो देश के लिए उदाहरण बन रहे हैं। इसी क्रम में उत्तराखंड ने गहन अध्ययन के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोर्ड लागू किया, जिसे वो सही मायने में सैकुलर सिविल कोड मानते हैं। आज पूरा देश यूसीसी पर चर्चा करते हुए, इसकी जरूरत महसूस कर रहा है। इसी तरह उत्तराखंड ने युवाओं का भविष्य सुरक्षित करने के लिए नकल विरोधी कानून लागू करते हुए, माफिया पर सख्त कार्रवाई की है। उत्तराखंड के ऐसे कई कार्य दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन रहे हैं।

प्रधानमंत्री के नौ आग्रह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि आज 9 नवंबर है, 9 का अंक शुभ माना जाता है, यह शक्ति का प्रतीक होता है। इसलिए आज वो उत्तराखंड के लोगों से 5 और यहां आने वाले पयर्टकों के सामने 4 यानि कुल 9 आग्रह करना चाहते हैं।

01 – बोली भाषा का संरक्षण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपकी गढ़वाली, कुमांउनी, जौनसारी सहित सभी बोलियां बेहद समृद्ध हैं, इनका संरक्षण बेहद जरूरी है। इसलिए उत्तराखंड के लोग आने वाली पीढ़ियों को अपनी बोली भाषा जरूर सिखाएं, उत्तराखंड की पहचान के लिए भी यह जरूरी है।

02 – एक पेड़ मां के नाम
पूरा देश जानता है कि उत्तराखंड के लोग प्रकृति और पर्यावरण के प्रेमी होते हैं। उत्तराखंड तो गौरा देवी की भूमि है, यहां हर महिला मां नंदा का रूप है। इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। इसके लिए एक पेड़ मां के नाम के तहत पौधारोपण करें, क्लामेंट चेंज से लड़ने के लिए भी यह बेहद जरूरी है।

03 – स्वच्छ जल
उत्तराखंड में नौलों -धारों की पूजा किए जाने की परंपरा है। इसलिए आप सभी अपने नौलों, धारों को संरक्षित करते हुए, पानी की स्वच्छता के सभी अभियानों को गति देने का प्रयास करेंगे।

04 – गांव से जुड़ाव
उत्तराखंड के लोग अपने गांव में आना जाना बनाते हुए, जड़ों से जुड़े रहें। खासकर रिटायरमेंट के बाद गांव में समय जरूर बिताएं, इससे गांवों के साथ आपके संबंध मजबूत होंगे।

05 – तिबारी वाले घरों को संवारें
प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के लोग अपने गांव में पुराने तिबारी वाले घरों को बचाने और संरक्षित करने के लिए भी आगे आएं। पुराने घरों को होम स्टे में बदलकर, आय का साधन बना सकते हैं।

पयर्टकों से अपील
06 – सिंगल यूज प्लास्टिक से बचें
पर्यटक के रूप में आप जब भी आप हिमालय की गोद में जांए, स्वच्छता को सबसे उपर रखें इस सोच के साथ जाएं कि पहाड़ में सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करना है।

07 – वोकल फॉर लोकल
पहाड़ों में घूमने फिरने के दौरान वोकल फॉर लोकल याद रखें, अपनी यात्रा का कम से कम पांच प्रतिशत खर्च स्थानीय उत्पादों को खरीदने में करें।

08 – यातायात के नियम अपनाएं
आप जब भी पहाड़ों पर जाएं, वहां के ट्रैफिक नियमों का पालन करें, सावधान रहें, हर किसी का जीवन अमूल्य है।

09 – तीर्थों की मर्यादा का पालन करें
धार्मिक स्थलों पर स्थानीय रीति -रिवाजों और नियम कायदों का पालन करते हुए, वहां की मर्यादा का ध्यान रखें। इस बारे में उत्तराखंड के लोगों की मदद ले सकते हैं।

उत्तराखंड में ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना से स्थानीय युवाओं को मिल रहा लाभ

अपने लुभावने परिदृश्यों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध उत्तराखंड भारत में पर्यटन के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और स्थानीय जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलों को लागू किया गया है, जिससे क्षेत्र में सतत विकास सुनिश्चित हो सके। ऐसी ही एक पहल है ‘‘ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना,’’ पर्यटन में सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण योजना है।

ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय भागीदारी के महत्व पर जोर देती है। पहचाने गए ट्रेकिंग केंद्रों के 2 किलोमीटर के दायरे में ग्रामीणों को वित्तीय सहायता प्रदान करके, सरकार का उद्देश्य होम स्टे के निर्माण और सुधार को प्रोत्साहित करना है। यह पहल पर्यटन और स्थानीय समुदायों के बीच एक सहजीवी संबंध बनाने में महत्वपूर्ण है, यह सुनिश्चित करते हुए कि पर्यटन के आर्थिक लाभ जमीनी स्तर तक पहुँचें।

इस योजना के तहत, राज्य सरकार विभिन्न उद्देश्यों के लिए वित्तीय अनुदान आवंटित करती है। ग्रामीणों को नए भवनों के निर्माण के लिए प्रति कमरा 60,000 रुपये तक मिल सकते हैं, जिसमें शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएँ शामिल हैं। जिन लोगों के पास पहले से ही बने हुए कमरे हैं, उन्हें सरकार पर्यटकों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए इन स्थानों को सुसज्जित करने के लिए 25,000 रुपये प्रदान करती है। यह वित्तीय सहायता न केवल होम स्टे विकास को प्रोत्साहित करती है, बल्कि पारंपरिक पहाड़ी शैली की इमारतों सहित स्थानीय स्थापत्य शैलियों के पालन को भी बढ़ावा देती है, जो पर्यटकों के अनुभव की सौंदर्य अपील और प्रामाणिकता को बढ़ा सकती है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह योजना वास्तव में उत्तराखंड के निवासियों को लाभान्वित करती है, इसमें विशिष्ट पात्रता मानदंड शामिल हैं। ट्रेकिंग केंद्रों के पास रहने वाले मूल ग्रामीणों को वरीयता दी जाती है। यह शर्त आगंतुकों के लिए समृद्ध अनुभव प्रदान करने में स्थानीय ज्ञान और आतिथ्य के महत्व को पुष्ट करती है। इसके अलावा, होम स्टे संचालकों के लिए अपने परिवारों के साथ परिसर में रहने की आवश्यकता एक स्वागत योग्य वातावरण को बढ़ावा देती है जहाँ पर्यटक वास्तविक स्थानीय संस्कृति और गर्मजोशी का अनुभव कर सकते हैं। होम स्टे पंजीकरण के लिए अनिवार्यता इस पहल का एक और महत्वपूर्ण पहलू है। यह न केवल पर्यटकों के लिए सेवा और सुरक्षा के मानकों को बनाए रखने में मदद करता है, बल्कि सरकार को इस उभरते क्षेत्र के विकास की निगरानी और समर्थन करने की भी अनुमति देता है। होम स्टे को औपचारिक रूप देकर, सरकार यह सुनिश्चित कर सकती है कि पर्यटन का अनुभव उत्तराखंड के मूल्यों के अनुरूप हो और साथ ही स्थानीय परिवारों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व प्रदान करे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की इच्छशक्ति के तहत, ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास सतत पर्यटन विकास के लिए एक उल्लेखनीय दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करते हैं। स्थानीय भागीदारी को प्राथमिकता देकर, पारंपरिक वास्तुकला को संरक्षित करके और वित्तीय सहायता प्रदान करके, उत्तराखंड सरकार एक ऐसा मॉडल बना रही है जो न केवल आगंतुकों के अनुभव को बढ़ाता है बल्कि स्थानीय समुदायों का उत्थान भी करता है। ये पहल एक संपन्न पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता का उदाहरण है, जबकि यह सुनिश्चित करता है कि इस तरह के विकास का लाभ उत्तराखंड के लोगों के बीच समान रूप से साझा किया जाए।

मुख्यमंत्री ने चमोली जनपद के लिए की विभिन्न घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को चमोली स्थित कुरुड़ पहुंचकर तीन दिवसीय नन्दा देवी लोकजात मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने मां नंदा के दर्शन कर पूजा अर्चना की एवं प्रदेश के सुख समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणा भी की। मुख्यमंत्री घोषणा में नंदानगर, नारायणबगड़ और देवाल में खेल मैदान निर्माण, प्राणमती नदी के दोनों तटों पर सुरक्षा कार्य, थराली के ढाडरबगड़ में बाढ़ सुरक्षा कार्य शामिल हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने नंदा देवी लोकजात मेले को राजकीय मेला घोषित करने, नंदानगर चिकित्सालय को उप जिला चिकित्सालय में उच्चीकृत करने की घोषणा भी की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में स्थानीय जनता को संबोधित करते हुए कहा कि पारंपरिक मेले हमें हमारी संस्कृति के साथ अपनी जड़ों से जोड़ने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के पौराणिक मेलों को संरक्षण करते हुए नए आयामों को जोड़कर भव्यता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए विकास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में युवाओं के भविष्य को देखते हुए पारदर्शी भर्ती परीक्षाओं के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जहां एक ओर नकल विरोधी कानून बनाकर नकल पर प्रभावी रोक लगाई है, वहीं राज्य में भर्ती परीक्षाओं में नकल करवाने वाले 100 से अधिक दोषियों को जेल भेजने का काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की कार्य प्रणाली का प्रतिफल है कि अब तक 16 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में सतत विकास का कार्य भी तीव्र गति से हो रहा है। जिसके कारण उत्तराखण्ड देश में सतत विकास में पहले पायदान पर खड़ा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के निर्देशन में बद्रीनाथ और केदारनाथ का विकास किया जा रहा है।
इस अवसर पर थराली विधायक भूपाल राम टम्टा, मंदिर समिति अध्यक्ष सुखबीर रौतेला, राकेश गौड़, मेला समिति अध्यक्ष रेखा देवी, प्रकाश गौड़, कृपाल सिंह, प्रमुख भारती फर्स्वाण, जिला पंचायत सदस्त नंदिता रावत, हरेंद्र सिंह, सुरेन्द्र सिंह समेत बड़ी संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।

रक्षा मंत्री से मिले सीएम धामी, की ये मांग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शिष्टाचार भेंट कर उन्हें राज्य की समस्त जनता की ओर से पुनः रक्षा मंत्रालय का दायित्व मिलने पर बधाई और शुभकामनायें दी।
मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री से पर्यटन नगरी, नैनीताल में देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों/श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पार्किंग सुविधाओं के विकास के लिए नैनीताल स्थित रक्षा सम्पदा विभाग की भूमि को राज्य सरकार को उपलब्ध कराने पर सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में नैनीताल विश्व में पर्यटन ही नहीं वरन् धार्मिक/आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो गया है। जनपद नैनीताल में विश्व प्रसिद्ध बाबा नीब करौरी महाराज का आश्रम. श्री कैंची धाम में श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक बढोत्तरी हो रही है। कैंची धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालु नैनीताल अथवा नैनीताल के समीपवर्ती क्षेत्रों में ही रुकते हैं।
नैनीताल में पार्किंग व्यवस्था के काफी सीमा तक समाधान के लिए मुख्य रूप से यह विकल्प संज्ञान में लाया गया कि नैनीताल नगर में नैनी झील से 2 किमी. की दूरी पर रक्षा सम्पदा विभाग की भूमि है, जिसका क्षेत्रफल 3 एकड़ है। यदि इस भूमि को पार्किंग हेतु उपलब्ध करा दिया जाता है तो नैनीताल में एक सीमा तक पार्किंग व्यवस्था की समस्या का समाधान हो जायेगा। इस स्थल को यदि बहुमंजिला पार्किंग के रूप में विकसित किया जाता है तो इसमें लगभग 1500-2000 तक वाहन पार्क हो पायेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को यथा संभव सहयोग किए जाने के प्रति आश्वस्त किया।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर यात्रियों की दैनिक निर्धारित सीमा समाप्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारों धामों के दर्शन हेतु निर्धारित की गई सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन विनय शंकर पांडेय ने बताया है कि वर्तमान में चारों धामों में भीड़ सामान्य होने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जनहित में यह निर्णय लिया गया है कि यात्रियों की सुविधा हेतु ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारो धामों के दर्शन के लिए जो कोटा निर्धारित किया गया था, उसे समाप्त करते हुए अब यात्री ऋषिकेश एवं हरिद्वार के रजिस्ट्रेशन काउन्टर में स्वंय भौतिक रूप से उपस्थित होकर चारों धाम/दो धाम या किसी भी धाम का सीधे रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर अपनी यात्रा पर सुगमता से जा सकते हैं। यह आदेश चारों धामों में आने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

गत वर्ष की तुलना में एक माह में डेढ़ गुना अधिक श्रद्धालु पहुँचे चारधाम
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने अवगत कराया है कि विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष चारधाम यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गत वर्ष चारधाम यात्रा प्रारम्भ के एक माह में 12,35,517 श्रद्धालुओं द्वारा धामों के दर्शन किये गये थे, जबकि इस वर्ष 19,64,912 श्रद्धालुओं द्वारा चारों धामों के दर्शन किये जा चुके हैं, जो गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग डेढ गुना अधिक है।

मुख्यमंत्री के कैंची धाम दर्शन के दौरान गौरी शर्मा नाम की बच्ची ने भेंट कर सौंपा था पवलगढ़ कन्जर्वेशन रिजर्व का नाम बदलने के लिए पत्र

श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन उत्तराखंड सरकार ने पवलगढ़ कन्जर्वेशन रिजर्व का नाम सीतावनी कन्जर्वेशन रिजर्व करने का बड़ा फैसला लिया था। अब जानकारी सामने आई है कि गौरी शर्मा नाम की बच्ची ने सीएम धामी के कैची धाम दर्शन के दौरान उन्हें एक पत्र देकर इस रिजर्व का नाम सीतावनी किये जाने की इच्छा प्रकट की थी, जिस पर सीएम धामी ने बच्ची की भावनाओं का सम्मान करते हुए अधिकारियों को तत्काल इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व में मां सीता का पौराणिक मंदिर और महाऋषि वाल्मीकि आश्रम स्थित हैं जिसकी देख-रेख भारतीय पुरातत्व विभाग करता है और यहां जाने की अनुमति वन विभाग देता है।
उत्तराखंड की धामी सरकार देश की पहली ऐसी सरकार है जिसने एक संरक्षित क्षेत्र का नाम मां सीता के नाम पर रखा है। ये जंगल 5824.76 हैक्टेयर क्षेत्रफल में फैला है जो टाईगर, हाथी, पक्षी व तितलियों के लिए प्रसिद्ध है और यहां बड़ी संख्या में पर्यटक और तीर्थयात्री भी जाते हैं।
सीतावनी कंजर्वेशन रिजर्व में मां सीता का पौराणिक मंदिर और महाऋषि वाल्मीकि आश्रम स्थित होने के कारण आसपास के लोगों की भी मांग थी कि इस रिजर्व का नाम सीतावनी किया जाए। इस बीच, सीएम धामी जब बीते दिनों कैंची धाम में दर्शनों के लिए गए तो यहां गौरी शर्मा नाम की एक बच्ची ने उनसे भेंट कर उनसे मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि पवलगढ़ का नाम बदलकर सीतावनी किया जाए, जिस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए और 22 जनवरी के ऐतिहासिक दिन राज्य सरकार ने इस रिजर्व का नाम बदलकर सीतावनी कर दिया।

’बच्ची ने सीएम को जय श्रीराम लिखकर की पत्र की शुरुआत…’

मुख्यमंत्री जी,
जय श्री राम सबको पता है कि अयोध्या में भगवान श्री राम जी का मंदिर बन रहा है। हमारे यहाँ सीतावनी जंगल है, जहाँ माँ सीता और उनके बच्चों लव-कुश की पूजा होती है।
मेरी इच्छा है कि पवलगढ कन्जरवेशन रिजर्व का नाम बदलकर सीताबनी कन्जरवेशन रिजर्व रखा जाए। धन्यवाद
गौरी शर्मा

राज्य में ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था को लेकर तैयारियां शुरू

राज्य में ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को गम्भीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने उत्तराखण्ड में ट्रैकिंग एजेंसियों व कम्पनियों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था को पुख्ता करने, प्रदेश में एक प्रभावी ट्रैकिंग पॉलिसी या एसओपी बनाने के साथ ही डीएफओ को ट्रैकिंग के लिए आने वाले पर्यटकों की जानकारी जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग के साथ अनिवार्यतः सांझा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को भी इस सम्बन्ध में डीएफओ, पर्यटन विभाग तथा ईको टूरिज्म से समन्वय करने के निर्देश दिए हैं।

एसीएस रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि समय पर ट्रैकिंग एसओपी प्रभावी न होने की दशा में प्रदेश में आने वाले ट्रैकर्स की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की लापरवाही की घटना के लिए वन विभाग को सीधे तौर पर उत्तरदायी ठहराया जाएगा एवं कार्यवाही की जाएगी। एसीएस ने वन विभाग को सख्त हिदायत दी है कि ट्रैकिंग एजेंसियों के लिए भी एक ठोस एसओपी के साथ ही ट्रैकर्स के लिए पुख्ता सुरक्षा मापदण्ड, बीमा, प्रशिक्षित गाइड्स, स्नो इक्वपमेन्ट्स, हेल्थ सर्टिफिकेट, बेसिक मेडिसिन की तत्काल व्यवस्था को लागू किया जाए।
सचिवालय में प्रदेश में शीत लहर के सम्बन्ध में प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विशेषरूप से निर्माणधीन स्थलों में रहने वाले जरूरतमंदों श्रमिकों के शीत लहर से बचाव एवं राहत के लिए श्रम विभाग को तत्काल सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। घने कोहरे के कारण होने वाली सड़क दुर्घटनाओं के दृष्टिगत एसीएस ने हरिद्वार तथा उधमसिंह नगर जिलों में ट्रैफिक एवं पुलिस विभाग कों विशेषरूप से अलर्ट मोड पर रहने की हिदायत दी है। इसके साथ ही उन्होंने फायर डिपार्टमेंट को आग की घटनाओं को रोकने के लिए सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं। जरूरतमंदों की मदद के लिए दान किये जाने वाले गर्म कपड़ों को एकत्रित एवं वितरित करने के लिए एसीएस रतूड़ी ने एक पोर्टल बनाने के भी निर्देश आज की बैठक में दिए हैं।
बैठक में अपर मुख्य सचिव द्वारा लोक निर्माण विभाग को सड़कों की कनेक्टिविटी बनाए रखने, जेसीबी की व्यवस्था करने, सड़कों से पाला हटाने के लिए परम्परागत उपायों के साथ नए समाधानों पर कार्य करने निर्देश दिए गए। इस दौरान सभी जनपदों को सार्वजनिक स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था एवं कम्बलों के वितरण, अस्थाई रैनबसेरो में बिजली, पानी, बिस्तर एवं साफ-सफाई की व्यवस्था करने, इस सम्बन्ध में पृथक से नोडल अधिकारी नामित करने, सभी जनपदों में खाद्य आपूर्ति, पेयजल एवं ईंधन की जनवरी माह के अन्त तक के लिये पर्याप्त मात्रा में भंडारण करने, चिकित्सा स्वास्थ्य हेतु आपातकालीन सेवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में सचिव डा0 रंजीत कुमार सिन्हा सहित सम्बन्धित विभिन्न विभागो के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

प्रधानमंत्री मोदी ने किया उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून, उत्तराखंड में आयोजित ’उत्तराखंड वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन 2023’ का उद्घाटन किया। मोदी ने प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया और ग्राउंड ब्रेकिंग वॉल का अनावरण किया। प्रधानमंत्री मोदी ने सशक्त उत्तराखंड पुस्तक और ब्रांड हाउस ऑफ हिमालयाज भी लॉन्च किया। शिखर सम्मेलन का विषय ’शांति से समृद्धि’ है।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने देवभूमि उत्तराखंड में होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और सदी के तीसरे दशक को उत्तराखंड का दशक होने के बारे में अपने कथन को याद किया। मोदी ने कहा कि यह संतोष की बात है कि यह कथन जमीन पर साकार हो रहा है। प्रधानमंत्री ने सिलक्यारा में सुरंग से श्रमिकों के सफल बचाव मिशन में शामिल राज्य सरकार और सभी लोगों की सराहना की।

उत्तराखंड के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां दिव्यता और विकास एक साथ महसूस होता है। प्रधानमंत्री ने इस भावना को और विस्तार देने के लिए अपनी एक कविता सुनाई।

इस अवसर पर उपस्थित निवेशकों को उद्योग के दिग्गजों के रूप में संदर्भित करते हुए, प्रधान मंत्री ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण की उपमा दी और राष्ट्र पर इस अभ्यास को करने पर जोर दिया। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एसडब्ल्यूओटी विश्लेषण के परिणाम देश में आकांक्षाओं, आशा, आत्मविश्वास, नवाचार और अवसरों की प्रचुरता का संकेत देंगे। उन्होंने नीति-संचालित शासन के संकेतकों और राजनीतिक स्थिरता के लिए नागरिकों के संकल्प का भी उल्लेख किया। प्रधान मंत्री ने हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “आकांक्षी भारत, अस्थिरता के बजाय एक स्थिर सरकार चाहता है“ और रेखांकित किया कि लोगों ने सुशासन और उसके ट्रैक रिकॉर्ड के आधार पर मतदान किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड महामारी और अस्थिर भू-राजनीतिक परिदृश्य के बावजूद रिकॉर्ड गति से आगे बढ़ने की देश की क्षमता पर प्रकाश डाला। प्रधान मंत्री ने टिप्पणी की, “चाहे वह कोरोना वैक्सीन हो या आर्थिक नीतियां, भारत को अपनी क्षमताओं और नीतियों पर भरोसा था।“ परिणामस्वरूप, दुनिया की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत आगे खड़ा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित भारत का हर राज्य इस ताकत का लाभ उठा रहा है।

प्रधानमंत्री ने डबल इंजन सरकार के लाभों को दोहराया जिसके दोहरे प्रयास हर जगह दिखाई दे रहे हैं। राज्य सरकार जहां स्थानीय वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए काम कर रही है, वहीं भारत सरकार उत्तराखंड में अभूतपूर्व निवेश कर रही है। सरकार के दोनों स्तर एक-दूसरे के प्रयासों को बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण इलाकों से चारधाम तक जाने के काम का जिक्र करते हुए कहा कि वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी ढाई घंटे की रह जायेगी। देहरादून और पंतनगर हवाई अड्डे के विस्तार से हवाई कनेक्टिविटी मजबूत होगी। प्रदेश में हेली-टैक्सी सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है तथा रेल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ किया जा रहा है। यह सब कृषि, उद्योग, लॉजिस्टिक्स, भंडारण, पर्यटन और आतिथ्य के लिए नए अवसर पैदा कर रहा है।

सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थित स्थानों तक सीमित पहुंच प्रदान करने वाली पिछली सरकारों के दृष्टिकोण का खंडन करते हुए, प्रधान मंत्री ने उन्हें देश के पहले गांव के रूप में विकसित करने के लिए डबल इंजन सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने आकांक्षी जिलों और आकांक्षी ब्लॉक कार्यक्रम का उल्लेख किया जहां उन गांवों और क्षेत्रों पर जोर दिया जा रहा है जो विकास मानकों में पीछे हैं। श्री मोदी ने उत्तराखंड की अप्रयुक्त क्षमता पर प्रकाश डाला और निवेशकों से इसका अधिकतम लाभ उठाने का आग्रह किया।

उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र पर प्रकाश डालते हुए, जिसे डबल इंजन सरकार का लाभ मिला है, प्रधानमंत्री ने भारत के दौरे के लिए देश के साथ-साथ दुनिया भर के लोगों के उत्साह पर भी ध्यान दिया। उन्होंने पर्यटकों को प्रकृति के साथ-साथ भारत की विरासत से परिचित कराने के उद्देश्य से थीम आधारित पर्यटन सर्किट बनाने की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि प्रकृति, संस्कृति और विरासत को अपने में समेटे उत्तराखंड एक ब्रांड के रूप में उभरने जा रहा है। उन्होंने निवेशकों से योग, आयुर्वेद, तीर्थ और साहसिक खेल क्षेत्रों में अवसर तलाशने और पैदा करने को प्राथमिकता देने पर जोर दिया। पीएम मोदी ने देश के अमीरों, संपन्न लोगों और युवाओं से ’मेक इन इंडिया’ की तर्ज पर ’वेड इन इंडिया’आंदोलन शुरू करने की अपील की. उन्होंने उनसे अगले पांच वर्षों में उत्तराखंड में कम से कम एक विवाह समारोह आयोजित करने का अनुरोध किया। प्रधानमंत्री ने किसी भी संकल्प को हासिल करने की भारत की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए कहा, “अगर उत्तराखंड में एक साल में 5000 शादियां भी होती हैं, तो एक नया बुनियादी ढांचा तैयार हो जाएगा और राज्य को दुनिया के लिए एक विवाह स्थल में बदल देगा।“

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में बदलाव की तेज हवा चल रही है. पिछले 10 वर्षों में एक आकांक्षी भारत का निर्माण हुआ है। पहले से वंचित आबादी के एक बड़े हिस्से को योजनाओं और अवसरों से जोड़ा जा रहा है। गरीबी से बाहर आए करोड़ों लोग अर्थव्यवस्था को नई गति दे रहे हैं। नव मध्यम वर्ग और मध्यम वर्ग दोनों अधिक खर्च कर रहे हैं “हमें भारत के मध्यम वर्ग की क्षमता को समझना होगा। उत्तराखंड में समाज की यह शक्ति आपके लिए एक बड़ा बाज़ार भी तैयार कर रही है”, श्री मोदी ने कहा।

प्रधानमंत्री ने हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड लॉन्च करने के लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई दी और इसे उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों को विदेशी बाजारों तक ले जाने का एक अभिनव प्रयास बताया। श्री मोदी ने कहा, “हाउस ऑफ हिमालयाज वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल की हमारी अवधारणा को और मजबूत करता है।“ उन्होंने कहा कि भारत के हर जिले और ब्लॉक के उत्पादों में वैश्विक बनने की क्षमता है। प्रधान मंत्री ने ऐसे स्थानीय उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार की खोज के महत्व पर जोर दिया और निवेशकों से विभिन्न जिलों में ऐसे उत्पादों की पहचान करने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे महिला स्वयं सहायता समूहों और एफपीओ के साथ जुड़ने की संभावनाएं तलाशने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “स्थानीय-वैश्विक बनाने के लिए यह एक अद्भुत साझेदारी हो सकती है।“ लखपति दीदी अभियान पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों से दो करोड़ लखपति दीदी बनाने के अपने संकल्प को रेखांकित किया और कहा कि हाउस ऑफ हिमालय के ब्रांड के लॉन्च के साथ इस पहल को गति मिलेगी। उन्होंने इस पहल के लिए उत्तराखंड सरकार को भी धन्यवाद दिया।

राष्ट्रीय चरित्र को मजबूत करने के बारे में लाल किले से अपने आह्वान का जिक्र करते हुए प्रधान मंत्री ने सभी से आह्वान किया, “हम जो भी करें, वह दुनिया में सर्वश्रेष्ठ होना चाहिए। हमारे मानकों का दुनिया को अनुसरण करना चाहिए।’ हमें अब इस पर ध्यान केंद्रित करना है कि निर्यातोन्मुख विनिर्माण को कैसे बढ़ाया जाए।” उन्होंने नए निवेश द्वारा स्थानीय आपूर्ति श्रृंखलाओं और एमएसएमई को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

प्रधानमंत्री ने पोषण के नाम पर डिब्बाबंद भोजन के प्रति आगाह किया जबकि भारत मिलेट जैसे पौष्टिक भोजन में बहुत समृद्ध है। उन्होंने आयुष से संबंधित जैविक भोजन की संभावनाओं और उनके द्वारा राज्य के किसानों और उद्यमियों के लिए प्रदान किये जाने वाले अवसरों पर प्रकाश डाला। यहां तक कि डिब्बाबंद भोजन में भी, उन्होंने उपस्थित लोगों से स्थानीय उत्पाद को वैश्विक बाजारों तक पहुंचने में मदद करने के लिए कहा।

संबोधन का समापन करते हुए, प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की कि वर्तमान समय भारत, इसकी कंपनियों और इसके निवेशकों के लिए एक अभूतपूर्व समय है। उन्होंने कहा, “अगले कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है“, उन्होंने स्थिर सरकार, एक सहायक नीति प्रणाली, सुधार और परिवर्तन की मानसिकता और विकास में विश्वास के संयोजन को श्रेय दिया। “यही समय है, सही समय है। यह भारत का समय है”, प्रधान मंत्री ने कहा और निवेशकों से उत्तराखंड के साथ चलने और इसकी विकास यात्रा में भाग लेने की अपील की।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रदेश की समस्त जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि भारत में समय-समय पर अनेकों महापुरूषों ने मां भारती के मुकुट की शोभा बढ़ाने और समाज को सही दिशा दिखाने का कार्य किया है। इनमें से कई ऐसी विभूतियां हैं जिनके बारे में हमने केवल सुना है, उन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा नहीं है, लेकिन जब हम आज प्रधानमंत्री की ओर देखते हैं तो हमें उन सभी महान विभूतियों का अंश उनमें दिखाई देता है। देश के पीएम जिस कठिन परिश्रम से भारत को पुनः विश्व गुरू बनाने के लिए प्रयत्नशील है वह एक सौ चालीस करोड़ भारतीयों में आशा एवं विश्वास का बीज भी रोपित करता है। आज केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अन्य देश भी प्रधानमंत्री की सोच, उनकी रणनीति और उनके विचारों का अनुसरण करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी द्वारा गुजरात के सीएम रहते हुए ’’वाईब्रेंट गुजरात’’ नाम से इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन शुरू किया गया था, उसी से प्रेरित होकर राज्य सरकार ने ’’डेस्टिनेशन उत्तराखंड’’ की थीम पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया है। हमारी कोशिश रहेगी कि हर 02 वर्ष के अंतराल में इस समिट का आयोजन हो। “डेस्टिनेशन उत्तराखंड” का मुख्य उद्देश्य, ग्रीन इकोनॉमी और रोजगार को लेकर इकोलॉजी और इकोनॉमी के समन्वय द्वारा राज्य का समग्र विकास करना है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में ढाई लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को प्राप्त करने का लक्ष्य था, अभी तक लक्ष्य से अधिक के निवेश प्रस्तावों पर करार हो गये हैं। इनमें से अब तक 44 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, इससे प्रदेश में स्थानीय लोगों के रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि एक निवेशक को अच्छा व्यावसायिक वातावरण, अच्छी कानून व्यवस्था, इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली नीतियाँ और बेहतर कनेक्टिविटी के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य और आबोहवा भी चाहिए, यह सब उत्तराखण्ड के पास है। उन्होने कहा कि उत्तराखंड में गुजरात के ’’महात्मा मंदिर कन्वेंशन एंड एग्जीबिशन सेंटर’’ की भांति शीघ्र ही एक भव्य ’’कन्वेंशन सेंटर’’ का निर्माण किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में प्रत्येक साल करोड़ों तीर्थयात्रियों और पर्यटकों का आतिथ्य सत्कार होता है। करीब सवा करोड़ की आबादी वाला हमारा राज्य हर साल लगभग सात करोड़ लोगों का कुशलता से प्रबंधन करता है, जो कि राज्य की उच्चकोटि की कानून व्यवस्था का प्रतीक है। राज्य में विभिन्न सैक्टर्स में ’’निवेश मित्र’’ की नियुक्ति की है, जो 5 करोड़ रूपये से अधिक के पूंजी निवेश करने वाले उद्यमियों के लिये ’’सिंगल प्वाइंट आफ कॉटेक्ट’’ होंगे। उत्तराखंड में जहां एक ओर परिवहन मार्गों का विस्तार हुआ है, वहीं अब नए एयरपोर्ट के विकास तथा रोपवे और हैलीपोर्टों के निर्माण द्वारा कनेक्टिविटी के क्षेत्र में उत्तराखंड अपनी एक अलग पहचान बना रहा है।

इस अवसर पर उद्योग जगत के नेताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये। अदानी समूह के निदेशक और प्रबंध निदेशक (कृषि, तेल और गैस) श्री प्रणव अदानी ने कहा कि हाल के दिनों में सिंगल प्वाइंट मंजूरी, प्रतिस्पर्धी भूमि की कीमतें, सस्ती बिजली और कुशल वितरण, अत्यधिक कुशल जनशक्ति और राष्ट्रीय राजधानी से निकटता और एक बहुत ही स्थिर कानून और व्यवस्था का माहौल के कारण उत्तराखंड निजी क्षेत्र के निवेश के लिए सबसे आकर्षक स्थलों में से एक बन गया है। श्री अदाणी ने राज्य में विस्तार करने और अधिक निवेश और नौकरियां लाने की अपनी योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने उत्तराखंड राज्य को लगातार समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत के लोगों ने उनमें अभूतपूर्व विश्वास और भरोसा जताया है।

जेएसडब्ल्यू के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सज्जन जिंदल ने उत्तराखंड राज्य के साथ प्रधान मंत्री के संबंधों पर प्रकाश डाला, जिसे श्री जिंदल ने केदारनाथ और बद्रीनाथ की विकास परियोजनाओं के दौरान अनुभव किया था। उन्होंने देश की तस्वीर बदलने के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की और जीडीपी वृद्धि के मापदंडों और भारत के जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का उल्लेख किया। श्री जींदल ने भारत की वैश्विक महाशक्ति बनने की यात्रा में उनके नेतृत्व के लिए प्रधान मंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने देश भर के तीर्थ स्थलों तक कनेक्टिविटी में सुधार पर सरकार के जोर का भी उल्लेख किया। उन्होंने उत्तराखंड में लगभग 15,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने की कंपनी की योजना का विस्तार किया और नवंबर में शुरू की गई ’स्वच्छ केदारनाथ परियोजना’ के बारे में भी बात की। उन्होंने उत्तराखंड सरकार को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दिया और प्रधानमंत्री को भारत की विकास यात्रा में कंपनी के निरंतर समर्थन का आश्वासन दिया।

आईटीसी के प्रबंध निदेशक श्री संजीव पुरी ने जी 20 शिखर सम्मेलन की सफलता को याद करते हुए प्रधानमंत्री की वैश्विक राजनीति कौशल और ग्लोबल स्टेट्समेनशिप की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में कई उद्देश्यपूर्ण नीतिगत पहलों ने भारत को बहुआयामी चुनौतियों का सामना करने वाली दुनिया में अनुकूल स्थिति में ला दिया है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था में कई क्षेत्रों में बदलाव और जीडीपी के आंकड़े खुद बयां करते हैं। नेतृत्व ने ऐसी स्थिति पैदा कर दी है जहां विश्व स्तर पर, यह दशक और, कुछ लोग कह रहे हैं, सदी भारत की है।

पतंजलि के संस्थापक और योग गुरु श्री बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री को ’विकसित भारत’ का स्वप्नदृष्टा और भारत के 140 करोड़ नागरिकों के परिवार का सदस्य बताया। उन्होंने 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के प्रधान मंत्री के लक्ष्य पर प्रकाश डाला और निवेश लाने और रोजगार के अवसर पैदा करने में पतंजलि के योगदान का उल्लेख किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को आने वाले समय में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश और 10,000 से अधिक नौकरियों का आश्वासन दिया। उन्होंने नये भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री के संकल्प और इच्छाशक्ति की सराहना की। उन्होंने राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के प्रयासों की भी सराहना की और कॉर्पाेरेट घरानों से राज्य में एक इकाई स्थापित करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रधानमंत्री के नेतृत्व में राज्य के पर्यटन, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के विकास की भी सराहना की। उन्होंने निवेशकों से भारत को वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनाने और विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को मजबूत करने की अपील की।

एम्मार इंडिया के सीईओ श्री कल्याण चक्रवर्ती ने देश के विकास के लिए दिशा, दृष्टि और दूरदर्शिता प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में भागीदार बनने के लिए कॉर्पाेरेट जगत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने भारत-यूएई संबंधों में नई जीवंतता की ओर भी इशारा किया। एम्मार का मुख्यालय संयुक्त अरब अमीरात में है। श्री कल्याण चक्रवर्ती ने भारत के प्रति वैश्विक दृष्टिकोण में आए सकारात्मक बदलाव पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने जीएसटी और फिनटेक क्रांति जैसे कई नीतिगत सुधारों का उल्लेख किया जो औद्योगिक जगत के लिए नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

टीवीएस सप्लाई चेन सॉल्यूशंस के अध्यक्ष श्री आर दिनेश ने प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने उत्तराखंड की विकास गाथा में संगठन के योगदान का उल्लेख किया और टायर और ऑटो घटकों की विनिर्माण इकाइयों और लॉजिस्टिक्स और ऑटो क्षेत्र में सेवाओं का उदाहरण दिया। उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र और भंडारण क्षमता में निवेश को आगे बढ़ाने के लिए कंपनी की योजनाओं का विस्तार किया, जिससे सभी पारिवारिक कंपनियों में 7,000 से अधिक नौकरियां पैदा हुईं। उन्होंने बदलते वर्तमान विश्व परिदृश्यों के कारण डिजिटल और स्थिरता परिवर्तन में वित्तीय सहायता और अपस्किलिंग प्रदान करके ऑटो मार्केट क्षेत्र में भागीदारों को संभालने के लिए कंपनी की तत्परता पर जोर दिया। सीआईआई के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने 1 लाख से अधिक लोगों को परामर्श और सहायता प्रदान करने के लिए 10 मॉडल कैरियर केंद्र स्थापित करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड आतिथ्य, स्वास्थ्य देखभाल और उन्नत विनिर्माण क्षेत्रों को कवर करने वाले 10,000 लोगों को प्रशिक्षित करने की क्षमता वाला स्पेशलिटी मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने वाला पहला राज्य होगा।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.), राज्य सरकार के मंत्रीगण, पूर्व मुख्यमंत्री गण, सांसदगण, विधायकगण और विभिन्न औद्योगिक समूहों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।