वर्चुअल रैलियों में तेजी लाने के लिए भाजपा ने बनाई ये रणनीति

कोरोना संक्रमण ने लोगों की जीवनशैली से लेकर सियासत तक गहरा असर छोड़ा है। अब इसका असर विधानसभा चुनावों पर भी दिख रहा है। इसकी काट निकालने के लिए राजनीतिक दलों ने डिजिटल माध्यम को हथियार बनाया है। कांग्रेस फिलहाज भाजपा से डिजिटिल माध्यम में आगे नजर आ रही है। वहीं अब भाजपा ने निर्णय लिया है कि उत्तराखंड की हर विधानसभा क्षेत्र में एक आईटी एक्सपर्ट को नियुक्त करेगी। भाजपा का यह फैसला चुनाव आयोग द्वारा 15 जनवरी तक रोड शो और रैलियों के आयोजन पर रोक लगाने के बाद आया है।

मोबाइल फोन पर भेजा जाएगा एक लिंक
उत्तराखंड भाजपा के महासचिव कुलदीप कुमार ने बताया कि पार्टी बूथ और राज्य स्तर पर सभी महत्वपूर्ण बैठकें करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। पार्टी ने पूरी योजना बना ली है। हम एक साथ एक हजार लोगों को वन-वे एड्रेस दे सकते हैं। इंटरैक्टिव वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर कम से कम 500 लोगों से जुड़ सकते हैं। बैठकों और कार्यक्रमों को मूर्त रूप देने के लिए देहरादून में एक स्टूडियो खोला जाएगा। जोकि एक-दो दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। स्टूडियो में दो लोगों के बैठने का मंच होगा। निर्वाचन क्षेत्र के सभी लोगों को उनके मोबाइल फोन पर एक लिंक भेजा जाएगा। इसके जरिए लोग जुड़ सकते हैं।
कुलदीप कुमार ने कहा कि भाजपा ने राजधानी देहरादून में एक वॉर रूम आईटी सेल बनाने का भी प्रस्ताव रखा है। जिससे पार्टी एक बार में 15 वरिष्ठ नेताओं के साथ वर्चुअल बैठक कर सकती है। इसके जरिए पार्टी एक दिन में 10 से अधिक विधानसभा सीटों को कवर करने में सक्षम होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय भाजपा नेताओं की रैली देहरादून कार्यालय से दिल्ली कार्यालय से जोड़कर संपन्न कराई जा सकेगी। जिसके बाद पार्टी के नेता विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों के लोगों को संबोधित कर सकेंगे। 70 सदस्यीय उत्तराखंड विधानसभा के चुनाव के लिए मतदान होगा। 14 फरवरी जबकि मतगणना 10 मार्च को होनी है।

व्यापारियों को कोविड नियमों का पालन करने के निर्देश

कोरोना के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर पुलिस प्रशासन सतर्क हो गया है। पुलिस अधिकारियों ने व्यापारियों को कोविड नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को ऋषिकेश कोतवाली में पुलिस और व्यापारियों के बीच बैठक हुई। बैठक में सीओ डीसी ढौंडियाल ने व्यापारियों से कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए अपना व्यापार संचालित करने को कहा। उन्होंने दुकानों में भीड़ न एकत्रित होने देने, मास्क पहनने व ग्राहकों को भी मास्क पहनने की अपील करने सहित अन्य नियमों का पालन करने का आग्रह किया। मौके पर कोतवाल रवि कुमार सैनी, नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र, रवि जैन, राजकुमार तलवार, दीपक बंसल, आशु अरोड़ा, आशु डंग, युवा नगर अध्यक्ष शिवम टुटेजा, एकांत गोयल, घाट रोड अध्यक्ष पवन शर्मा, प्रदीप गुप्ता, मनोज टुटेजा आदि उपस्थित रहे।

अचानक सेवाओं से हटाने पर कर्मचारियों का हंगामा, कनक धनाई ने संभाली कमान

शनिवार को ऋषिकेश एम्स परिसर में एम्स प्रशासन मुर्दाबाद के नारों से गूंज उठा। उत्तराखंड जनएकता पार्टी के संस्थापक सदस्य एवम ऋषिकेश विधानसभा सीट से प्रत्याशी कनक धनाई, निष्काषित 98 कर्मचारियों समेत सैकड़ों की संख्या में लोग एम्स परिसर में एकत्र हो विरोध के नारे लगाने लगे।
बता दें कि एम्स में रोजगार में भ्रष्टाचार एवम इलाज में अव्यस्थाओं को लेकर लोग आए दिन परेशान रहते हैं। एम्स से त्रस्त कर्मचारी पिछले कुछ दिनों से एम्स प्रशासन के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। ऐसे में 98 कर्मचारियों को एक साथ नौकरी से निकाल दिया गया, उपरोक्त सूचना जैसे ही धनाई तक पहुंची वे तुरंत 98 निष्काषित कर्मचारियों समेत एम्स प्रसाशन का घेराव करने पहुंच गए एवम कर्मचारियों को निकाले जाने के स्पस्टीकरण को लेकर नारेबाजी करने लगे। इतने में उजपा के तमाम समर्थक एवम इलाज कराने आये हुए लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो गए। लंबे समय की इंतज़ार के बाद जब कोई प्रतिक्रिया नही दी गई तो भीड़ प्रशासनिक कक्ष के बाहर पहुंचकर नारेबाजी करने लगी। स्थिति अनियंत्रित होती देख मौके पर पुलिस बल भी पहुँच गया। काफी देर तक बातचीत का आश्वाशन देकर भी जब कोई बातचीत करने हेतु नही आया तो प्रदर्शन उग्र हो गया। पुलिस ने भी जब स्थिति हात से निकलती देखी तो भारी मात्रा में पीएससी बुलानी पड़ी। परिस्थिति को भांपते हुए मौके पर तहसीलदार समेत उप जिला प्रशाशन भी पहुंच गया।
इस मौके पर कनक धनाई ने कहा कि एम्स में रोजगार में हो रही दलाली, स्वास्थ्य सुविधाओं में अव्यवस्थाओं एवम पार्किग में मची लूट को लेकर हम लंबे समय से समाधान एम्स अभियान चला रहे हैं। ऐसे में जैसे ही निकाले गए कर्मचारियों में से ही किसी ने सूचना दी कि टीडीएस कंपनी द्वारा 98 अटेंडेंट को एक साथ हटा दिया गया है तो हम सभी निष्काषित कर्मचारियों के साथ सुबह ही एम्स प्रशासन से जवाब मांगने आ गए। परंतु हमे बस लटकाया जा रहा है कोई संतोषजनक निष्कर्ष नहीं निकाला जा रहा, आवाज को दबाने हेतु पुलिस बल का सहारा लिया जा रहा है। परंतु हम सभी लोग बिना अपना हक लिए यहां से हटने वाले नहीं हैं।
एम्स प्रशासन की ओर से कार्यवाही हेतु 1 हफ्ते का समय मांगा गया है तथा यह निश्चित हुआ है कि 30 जनवरी तक 98 की अटेंडेंट की तनख्वाह यथावत मिलती रहेगी तथा निकाले गए अटेंडेंट को टीडीसी कंपनी उत्तराखंड में किसी भी विभाग में रोजगार मुहैया कराएगी।
मौके पर गुरुमुख सिंह, सोम अरोड़ा, हिमांशु पंवार, चंद्रकांत कलूडा़, रवि कलूडा़, शिवम प्रजापति, अभिषेक शर्मा, शिव प्रसाद रतूड़ी, नितिन पोखरियाल, अभिषेक रावत, निखिल वर्मा, सचिन सेमवाल समेत उजपा के तमाम कार्यकर्ता तथा इलाज कराने आये लोग एवम उनके परिजन प्रदर्शन में मौजूद रहे।

आंदोलनकारी मंच ने उनकी मांग को समर्थन देने पर जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के सदस्यों ने भेंट की। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के सदस्यों ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने से संबंधित पत्रावली पर अनुमोदन देने हेतु राज्यपाल महोदय से पुनः अनुरोध करने का कैबिनेट द्वारा लिये गये निर्णय पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं का सदैव सम्मान किया गया है। राज्य आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप प्रदेश का समग्र विकास हमारा ध्येय रहा है। उन्होंने सभी से राज्य के विकास में सहयोगी बनने की भी बात कही।
इस अवसर पर पूर्व दायित्वधारी रविंद्र जुगरान, ओमी उनियाल, राम लाल खंडूडी, जगमोहन सिंह, नेगी प्रदीप कुकरेती, चंद्र किरण राणा, पूरन सिंह लिंगवाल, राजेश पांथरी, जयदेव सकलानी, राजीव तलवार, क्रांति कुकरेती, धर्मेंद्र बिष्ट आदि उपस्थित रहे।

विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री को किया सम्मानित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का प्रदेश में कृषि मण्डी शुल्क कम करने तथा व्यापारियों की अन्य समस्याओं के समाधान का आश्वासन देने पर विभिन्न उद्योग एवं व्यापार से जुड़े संगठनों ने आभार व्यक्त कर उन्हें सम्मानित किया।
गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सांसद नरेश बंसल के नेतृत्व में आये प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल, दून व्यापार मंडल, किराना मर्चेंट एसोसिएशन, राइस मिलर्स एसोसिएशन, फ्लोर मिलर्स एसोसिएशन, टिंबर मर्चेंट एसोसिएशन, सर्राफा एसोसिएश, केमिस्ट एसोसिएशन आड़त बाजार आदि संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं कृषि मंत्री सुबोध उनियाल का स्वागत करते हुए उनका आभार जताया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उद्योग एवं व्यापार से जुड़े लोगों की समस्याओं के समाधान का बेहतर रास्ता निकाला जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योग व व्यापार सही ढंग से चले इसके लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है तथा उनके हित में निर्णय ले रही है। राज्य सरकार ने लगभग हर समस्या का समाधान का रास्ता निकाला है। सरकार सभी की समस्याओं के समाधान का प्रयास कर रही है। व्यवधान नहीं समाधान हमारा उद्देश्य है। उद्योग व्यापार से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिये कमेटी भी बनायी है। प्रदेश में उद्योग व व्यापार अच्छे ढंग से चलेंगे तो उसका लाभ सभी को होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्य हित में लगभग 600 फैसले लिये हैं। उन्हें धरातल पर उतारने के प्रयास हो रहे हैं। राज्य में प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना पर 60 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही है। इसी प्रकार कई हितकारी निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 21 वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बताया है। राज्य के विकास के लिये जो भी प्रयास किये जाने हैं वह किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य का समग्र विकास हमारा ध्येय है इसमें सभी को सहयोगी बनाना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास में केन्द्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। राज्य की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा प्राथमिकता दी जा रही है।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी तक डेढ़ साल तक प्रदेश में मण्डी शुल्क समाप्त रहा है। उन्होंने कहा कि मण्डी किसानों के उत्पादों के विपणन की व्यवस्था के साथ ही वहां कई लोगों को रोजगार भी मिला है। हमारा प्रयास है कि मण्डी भी चलती रहे तथा व्यापारियों की समस्याओं का भी समाधान हो।
इस अवसर पर विपिन नागलिया, विनय गोयल, विश्वास डाबर, सुरेंद्र जैन, रमेश गोयल, रामगोपाल बंसल, सुनील मैसोन, राजेन्द्र प्रसाद गोयल, विनोद गोयल, राम गोपाल आदि सहित बड़ी संख्या में उद्यमी एवं व्यापारीगण उपस्थित रहे।

राज्य के विकास में युवाओं की भूमिका अहम-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सांय मुख्यमंत्री आवास में वर्चुअल रोजगार एवं उद्यमिता संवाद आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बोधिसत्व विचार श्रृंखला की पांचवी संगोष्ठी को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधिसत्व विचार श्रृंखला की रोजगार एवं उद्यमिता संवाद संगोष्ठी में तकनीकी दक्षता प्राप्त कर रहे छात्रों एवं विषय विशेषज्ञ शिक्षकों, विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार के माध्यम से समाज को नई राह दिखाने वाले युवा उद्यमियों के विचार इस विचार श्रृंखला को नई दिशा देने में प्रभावी भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास उत्तराखण्ड को ब्राण्ड मॉडल बनाने का भी कार्य करेंगे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा कैम्पस सलेक्शन न होने वाले छात्रों को प्रशिक्षित करने के प्रयासों की सराहना की तथा ऐसे छात्रों को लेटर ऑफ इन्ट्रेन भी प्रदान किये, उन्होंने कहा कि ऐसे छात्रों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास युवाओं के भविष्य को संवारने में मददगार होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य स्थापना के दो दशक के बाद उत्तराखण्ड युवा राज्य बन चुका है। पिछले दो दशकों में राज्य के विकास के लिये सतत प्रयत्न किये गये हैं, जिनका असर धरातल पर दिखाई भी दे रहा है। इन दशकों में राज्य के विकास का आधारभूत ढ़ांचा बनाने के लिये भी कई पहलुओं पर प्रयोग हुए हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिये एक दूरगामी योजना बनाने के लिये समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों एवं विषय विशेषज्ञों को सहयोगी बनाने का हमारा प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोगों ने देश व दुनिया में अनेक क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा एवं योग्यता से अपनी पहचान बनायी है। राज्य के सर्वांगीण विकास की रूपरेखा के निर्धारण में विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों एवं प्रबुद्ध जनों को सहयोगी बनाये जाने का हमारा प्रयास है। इसके लिये इस विचार श्रृंखला की शुरुआत की गई है। उन्होंने कहा कि इस श्रृंखला में प्राप्त होने वाले सुझाव व विचार उत्तराखण्ड को 2025 में रजत जयंती वर्ष के अवसर पर राज्य को देश का श्रेष्ठ व अग्रणी राज्य बनाने में मददगार होंगे, इसके लिये सभी विभागों का आगामी 10 सालों का रोड मैप भी तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अच्छी स्कूल हो, शिक्षा का बेहतर वातावरण हो, स्वास्थ्य सुविधाओं का विकास हो, राज्य के आय के संसाधनों की वृद्धि के साथ ही मूलभूत सुविधाओं के विकास पर कैसे नियोजित ढंग से व्यय हो, पलायन रूके, बेरोजगारी दूर हो इस प्रकार की ज्वलंत समस्याओं का हमें समाधान करना है। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी सीमित है, इससे ही बेरोजगारी दूर नहीं होगी। इसके लिये स्वरोजगार की दिशा में पहल की गई है। विभिन्न विभागों के 24 हजार पदों के साथ ही पुलिस विभाग में रिक्त पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की है। सरकारी नौकरी हजारों में है और बेरोजगारी लाखों में, यह विषय सभी के लिये सोचनीय है इसके लिये हम सबको सहयोगी बनना होगा। इसमें बुद्धिजीवियों, विषय विशेषज्ञों, समाजसेवियों, सभी को योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन हमारी आर्थिकी का महत्वपूर्ण आधार है, इसके लिये राज्य में होम स्टे योजना को प्रभावी बनाया गया है। इनकी संख्या लाखों में पहुंचे इसके भी प्रयास किया जा रहा है।
इस अवसर पर उत्तराखण्ड तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.पी. ध्यानी ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध हों उन्हें तकनीकी दक्षता का बेहतर माहौल उपलब्ध हो, कैम्पस सलेक्शन न होने वाले छात्रों को कैम्पस में उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। ऐसे 250 छात्रों को संस्थान द्वारा प्रशिक्षित भी किया गया है।
संवाद कार्यक्रम में न्यूयार्क युनिवर्सिटी के डीन आशीष जोशी ने सुझाव दिया कि कम्यूनिटी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावो देने के साथ ही राज्य के विकास का मॉडल तैयार किया जाना चाहिये इसमें हर क्षेत्र में कार्य करने वालों को सहयोगी बनाने के लिये रिसर्च सेंटर की स्थापना की बात उन्होंने कही। स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास से सम्बन्धित उद्यम से जुड़े सीएस डांगी ने राज्य के उत्पादों को पहचान दिलाने तथा विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञों के बुद्धिजीवियों की टीम बनायी जाने तथा नवाचार के प्रति विशेष ध्यान देने पर बल दिया। युवा उद्यमी तरूण कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड में हेंडी क्राफ्ट को बढ़ावा देने की बड़ी संभावना है। कास्तकारों की आय तथा स्वरोजगार के अवसर इससे बढ़ सकेंगे। इसके साथ ही संवाद कार्यक्रम में तकनीकि प्रशिक्षण एवं कौशल विकास से जुड़े अमित गोस्वामी, आंचाल डाकिया ने अपने विचार साझा किये। प्रदेश के सभी प्रमुख संस्थानों के शिक्षक छात्र तथा देश के विभिन्न क्षेत्रों से विषय विशेषज्ञ इस संवाद कार्यक्रम से जुड़े थे।
कार्यक्रम के संयोजक एवं मुख्यमंत्री के मुख्य समन्वयक प्रो. दुर्गेश पंत ने बताया अब तक बोधिसत्व की 5 विचार श्रृंखलायें तथा 13 विचार गोष्ठी आयोजित की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि विचार श्रृंखला में प्राप्त सुझावों को संकलित किया जायेगा तथा इससे भविष्य की योजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

78 अवर अभियंताओं को नियुक्ति पत्र जारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड पॉवर कॉरपोरेशन लि. में अवर अभियंता के पद पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। पहले चरण में 78 अवर अभियंताओं को नियुक्ति पत्र आज जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास में 12 अवर अभियंता को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। 16 अवर अभियंताओं का भी डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया गतिमान है, उनको भी जल्द नियुक्ति प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त शासन द्वारा अनफ्रीज किए गए 60 अवर अभियंता के पदों पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा नियुक्ति की कार्यवाही की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते कहा कि सभी पूर्ण मनोयोग से अपने कार्यों का निर्वहन करें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जनसेवा के लिए जो भी कार्य मिलता है, उसे सभी अभ्यर्थी कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी से समय पर पूर्ण करेंगे।
इस अवसर पर प्रबंध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल अनिल कुमार, परियोजना निदेशक यूपीसीएल अजय कुमार अग्रवाल, निदेशक परिचालन एम. एल प्रसाद, महाप्रबंधक मानव संसाधन के.बी चौबे, उप महाप्रबंधक मानव संसाधन अमित कुमार, वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी जितेन्द्र कुमार एवं यूपीसीएल के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति को केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने दिए निर्देश

केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत किशन राव कराड ने मंगलवार को सचिवालय में राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने सभी सरकारी एवं प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को निर्देश दिए कि विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से दिए जाने वाले ऋण आवेदनों को शीघ्र से शीघ्र निस्तारण किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि रिजेक्टेड आवेदनों को पुनः समीक्षा कर उनकी कमियों को दूर कर ऋण उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएं। दूरस्थ क्षेत्रों में बैंकों और प्रशासन द्वारा योजनाओं की जानकारी हेतु जन जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने निर्देश दिए कि बैंकों द्वारा आवेदनों के निस्तारित किए जाने की तय समय सीमा के अंतर्गत ही निस्तारित किया जाए। उन्होंने मुद्रा लोन के टारगेट को बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बैंकों द्वारा आउटरीच बढ़ाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि बैंकों को एक्टिव रोल निभाना होगा तभी टारगेट को प्राप्त किया जा सकेगा।
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना अंतर्गत बैंकों द्वारा निर्धारित लक्ष्य 190000 के सापेक्ष 105352 इकाईयों को रु. 1365.86 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 55 प्रतिशत है तथा योजनान्तर्गत लगभग 150145 नागरिकों को रोजगार प्राप्त हुआ है। एन. आर. एल.एम योजना अंतर्गत निर्धारित लक्ष्य 10000 के सापेक्ष 9427 इकाईयों को रु. 156.20 करोड़ का ऋण स्वीकृत किया गया है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 94 प्रतिशत है।
इकाईयों को वित्तपोषित किया गया है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 78 प्रतिशत है तथा मार्जिन मनी वितरण हेतु निर्धारित वार्षिक लक्ष्य रु 51.71 करोड़ के सापेक्ष बैंकों द्वारा रु. 20.58 करोड़ की मार्जिन मनी वितरित की गयी है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अंतर्गत 4102 लाभार्थियों को ऋण स्वीकृत तथा 2494 लाभार्थियों को ऋण वितरित किया गया है। पी.एम स्वनिधी योजना अंतर्गत 11082 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत तथा 10322 ऋण आवेदन पत्रों में ऋण वितरण किया गया है। एन.यू.एल. एम. योजना अंतर्गत 678 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये हैं तथा 651 को ऋण वितरित किया गया है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना अति सूक्ष्म (नैनो) उद्यम योजना अंतर्गत 392 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये हैं तथा 102 आवेदकों को ऋण वितरित किया गया है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना अंतर्गत 47 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये हैं तथा 28 आवेदकों को ऋण वितरित किया गया है। स्पेशल कम्पोनेन्ट प्लान योजना अंतर्गत अनुसूचित जाति मद में 561. अनुसूचित जनजाति मद में 63 तथा अल्पसंख्यक मद में 33 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये है।
वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना अंतर्गत वाहन मद में 102 तथा गैर-वाहन मद में 33 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये हैं तथा दीन दयाल उपाध्याय होम स्टे योजना अंतर्गत 92 ऋण आवेदन पत्र स्वीकृत किये गये हैं। किसान क्रेडिट कार्ड संतृप्तता योजना अंतर्गत कृषि एवं कृषि अनुषंगी गतिविधियों (।हतपबनसजनतम ंदक ।हतपबनसजनतम ंससपमक ंबजपअपजपमे) हेतु बैंकों द्वारा 120199 कृषकों को रु 2105.28 करोड़ का ऋण वितरित किया गया है। राज्य में दिनांक 31.11.2021 तक प्रधानमंत्री जन-धन योजना अंतर्गत 29,59,839 प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अंतर्गत 21,30,899 प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना अंतर्गत 4,93,775 तथा अटल पेंशन योजना अंतर्गत 3,39,111 खाते खोले गये है।
प्रथम फेज में उत्तराखण्ड राज्य के समस्त जिलों के 16 ब्लाक में भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक तथा बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा ब्त्प्ैप्स् थ्वनदकंजपवद (छळव्) के सहयोग से वित्तीय साक्षरता केन्द्र स्थापित किये गये हैं, जहां पर विद्यार्थियों, वरिष्ट नागरिकों, स्वयं सहायता समूह के सदस्यों, किसानों एवं छोटे-छोटे उद्यमियों को वित्तीय साक्षरता विषयक जानकारी प्रदान की जा रही है। पूर्व में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शत प्रतिशत डिजीटाईजेशन हेतु जिला अल्मोड़ा का चयन किया गया था तथा इसी अनुक्रम में डिजीटल लेनदेन को बढ़ावा देने हेतु एक अन्य जिला चमोली का चयन किया गया है।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति द्वारा होटल पैसिफिक में आयोजित क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, उत्तराखंड ग्रामीण बैंक और राज्य के अन्य बैंक द्वारा हिस्सा लिया गया। कार्यक्रम में 18 स्वयं सहायता समूह के 112 सदस्यों को आमंत्रित किया गया तथा मुख्य अतिथि द्वारा उन्हें 7.25 करोड़ रुपये का लोन वितरित किया गया।

नाबार्ड द्वारा स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन, जारी किया गया स्टेट फोकस पेपर

नाबार्ड द्वारा 2022-23 के लिए उत्तराखण्ड राज्य के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए कुल ऋण क्षमता 28528 करोड़ रूपए का अनुमान लगाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नाबार्ड द्वारा आयोजित ‘स्टेट क्रेडिट सेमिनार’ में स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की विकास यात्रा हम सभी की सामूहिक यात्रा है। इसमें सभी को पूरी तत्परता से अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करना है। ‘स्टेट क्रेडिट सेमिनार’ में बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने में नाबार्ड का महत्वपूर्ण सहयोग रहेगा। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से वर्ष 2025 में उत्तराखण्ड को प्रत्येक क्षेत्र में श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास में नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान है। आधारभूत संरचना से संबंधित योजनाओं के माध्यम से सड़कों, भण्डारण व्यवस्था, पेयजल, सिंचाई आदि में सुधार हुआ है। विशेष रूप से प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्रों को मजबूत करने और महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आजीविका सृजन कर महिला सशक्तिकरण में भी नाबार्ड का येगदान रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2025 में उत्तराखण्ड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने का लक्ष्य दिया गया है। इसे हम सभी को मिलकर पूरा करना है। इसी क्रम में हमने बोधिसत्व विचार श्रृंखला जारी की है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और प्रबुद्ध लोगों के साथ संवाद किया जा रहा है। प्राप्त सुझावों का संकलन किया जा रहा है। साथ ही सभी विभागों से अगले 10 वर्षों का रोडमैप भी लिया जा रहा है। इसके आधार पर राज्य के विकास की रूपरेखा बनाई जाएगी। हमारी विकास नीति का लक्ष्य अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाना है। छोटे किसानों और आम व्यक्ति को योजनाओं का लाभ मिले। खेती, बागवानी, उद्योगों में नवाचार की जरूरत है। नई तकनीक को अपनाना होगा। बेस्ट प्रैक्टिसेज का समावेश करना है। होम स्टे इसी प्रकार की बेस्ट प्रेक्टीस है। इससे एक ओर हमारे युवाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर देश विदेश के लोग उत्तराखण्ड की संस्कृति से परिचित हो रहे हैं। होमस्टे इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों में समन्वय का अच्छा उदाहरण है। योजनाएं बहुत सारी हैं। परंतु इसका आउटकम तभी मिलेगा जबकि सामान्य से सामान्य व्यक्ति को भी इनकी पूरी जानकारी हो।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक अरुण प्रताप दास ने कहा कि नाबार्ड, ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के अपने जनादेश के अनुरूप कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में सभी हितधारकों को शामिल करते हुए सहभागी और परामशी दृष्टिकोण अपनाकर हर साल देश के प्रत्येक जिले के लिए संभावित लिंक्ड क्रेडिट प्लान (पीएलपी) तैयार करता है। पीएलपी राज्य के प्रत्येक जिले के लिए प्राथमिकता क्षेत्र के भीतर कृषि, संबद्ध और अन्य क्षेत्रों में ऋण क्षमता का अनुमान प्रदान करती है। ये अनुमान जिला स्तर पर अग्रणी बैंकों और राज्य स्तर पर एसएलबीसी के लिए वार्षिक ऋण योजना (एसीपी) तैयार करने के लिए एक आधार के रूप में भी काम करते हैं। स्टेट फोकस पेपर, पीएलपी के परिणामों की परिणति है, जिसमें सभी जिलों की संभावनाओं और अनुमानों को समग्र रूप से राज्य के लिए एक समेकित दस्तावेज में शामिल किया गया है। वर्ष 2022-23 के लिए राज्य फोकस पेपर में उत्तराखंड राज्य में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए कुल ऋण क्षमता 28 हजार 528 करोड़ का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वर्ष के क्रेडिट योजना की तुलना में 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
स्टेट फोकस पेपर, भारत और राज्य सरकार दोनों की विभिन्न नीतिगत पहलों का भी संश्लेषण करता है। यह दस्तावेज 2022-23 के लिए नीतिगत पहल और बजट परिव्यय की प्राथमिकता के लिए राज्य सरकार के लिए मददगार साबित होगा। कार्यक्रम में सराहनीय कार्य करने वाले स्वयं सहायता समूहों, एनजीओ, सहकारी संस्थाओं, बैंकों व विभागों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, धन सिंह रावत, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार, भरसार विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. अजीत कुमार कर्नाटक उपस्थित रहे।

खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन में जंगल सफारी का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने जंगल सफारी भी की। सुरई ईकोटूरिज्म जोन प्रदेश का पहला ऐसा ईकोटूरिज्म जोन है, जहां पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा व आसपास के क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र में ऊंचा स्थान दिलाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। जैव विविधता और वन्य जीवों की मौजूदगी वाले तराई पूर्वी वन प्रभाग को योजनाबद्ध तरीके से विकसित कर उसके सुरई वन क्षेत्र को इको टूरिज्म जोन के रूप में तब्दील किया जाएगा, ताकि यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का उपयोग स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मुहैया करवाने में किया जा सके।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वन कानून की जटिलताओं के कारण वनों के आसपास रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, जिसमें उनकी खेती भी प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि इस कठिनाई को समझते हुए हमने निर्णय लिया है कि वन और वन्य जीवों को आर्थिकी से जोड़ते हुए स्थानीय लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया करवाए जाएंगे। इसी सोच के साथ हमने बीते 1 अक्टूबर 2021 को सीएम यंग ईकोप्रिन्योर योजना देहरादून में लॉच की थी। इस योजना का क्रियान्वयन शुरू कर दिया गया है। शुरुआत के तौर पर खटीमा में सुरई ईकोटूरिज्म जोन विकसित कर उसमें जंगल सफारी प्रारम्भ की जा रही है। ग्राम समितियों के जरिए इस योजना का संचालन किया जाएगा। जंगल सफारी शुरू होने से जिप्सी मालिक, चालक और गाइड के रूप में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। इसके लिए वन विभाग ने 30 जिप्सी संचालकों के साथ करार किया है। गाइड की भूमिका का सही निर्वहन करने के लिए कई युवकों को वन विभाग इसका प्रशिक्षण दे चुका है। सुरई ईकोटूरिज्म जोन में पर्यटकों की आमद से स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। पूरे प्रदेश में इस योजना को विस्तार दिया जाएगा ताकि वनों, वन क्षेत्रों और वन्य जीवों को हम अपनी कमजोरी नहीं ताकत बना सकें। उन्होंने कहा कि सीएम यंग ईको प्रिन्योर स्कीम के अंतर्गत नेचर गाइड, ड्रोन पायलट, वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर, ईकोटूरिज़्म, वन्यजीव टूरिज़्म आधारित कौशल को उद्यम में परिवर्तित किया जाएगा।

सुरई ईकोटूरिज्म जोन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की थी कि सुरई वनों की समृद्ध जैव विविधता को देखते हुए इसे क्षेत्र को सुरई इको टूरिज्म जोन (सुरई पारिस्थितिकी पर्यटन क्षेत्र) का स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके दो लाभ होंगे पहला यह कि जनसहभागिता सुनिश्चित करते हुए जैव विविधता के धनी इसे क्षेत्र को संरक्षित किया जाएगा और दूसरा, इसके वन मार्गों को जंगल सफारी के लिए विकसित किए जाने से यहां रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। वन विभाग ने मुख्यमंत्री की इस घोषणा पर काम करते हुए सुरई वन क्षेत्र के वन मार्गों को जैव विविधता ट्रेल के रूप में विकसित कर दिया है। यह क्षेत्र 180 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है। जिसके सीमा में पूर्व दिशा में शारदा सागर डैम, पश्चिम में खटीमा नगर, उत्तर में मेलाघाट रोड तथा दक्षिण में पीलीभीत टाइगर रिजर्व क्षेत्र सटा हुआ है। प्राकृतिक रूप से बेहद खूबसूरत इस वन क्षेत्र में साल के वृक्षों, चारागाह और पानी की प्रचुर मात्रा है। इन तमाम वजहों से यहां बाघों की आवाजाही बनी रहती है। इसके अलावा स्तनधारी जानवरों की लगभग 125, पक्षियों की 150 से अधिक और सरीसृपों को तकरीबन 20 प्रजातियां भी इस वन क्षेत्र में पाई जाती हैं। यहां के वन मार्गों को विकसित कर लगभग 40 किलोमीटर का ट्रेल जंगल सफारी के लिए तैयार कर लिया गया है, जिसमें जिप्सी में बैठकर पर्यटक दुर्लभ वन्य जीवों (रॉयल बंगाल टाइगर, भालू, चीतल, सांभर, काकड़, पैंगोलिन, कोरल सांप, पांडा आदि) का दीदार करने के साथ ही सुरम्य जंगलों, घास के मैदानों, प्राचीन शारदा नहर और सुन्दर तालाबों का लुत्फ उठा सकेंगे।