सरकारी विभागों में रिक्त विभिन्न पदों पर और तेजी से होगी नियुक्ति की प्रक्रियाः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के माध्यम से उच्च शिक्षा विभाग में चयनित 68 असिस्टेंट प्रोफेसर, शहरी विकास विभाग में चयनित 63 अधिशासी अधिकारी एवं 22 कर व राजस्व निरीक्षकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी अभ्यर्थी राज्य सरकार के साथी के रूप में राज्य में अपनी सेवाएं देंगे। उन्होंने कहा जो जिम्मेदारी मिलने वाली है, उसका निर्वहन पूर्ण मनोयोग और ईमानदारी से करना है और उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनाने के लिए सभी को अपना योगदान देना है। सभी चयनित युवा अपनी मेहनत, माता-पिता, गुरुजनों एवं भगवान के आशीर्वाद से इस मुकाम पर पहुंचे हैं। जीवन के इस नए आयाम में नई शुरुआत करनी है, नौकरी के पहले दिन से ही संकल्प, अनुशासन लेकर कार्य करें, आगे काम करने के लिए जीवन में मापदंड तय करने होंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सभी अपने कार्यक्षेत्र में ईमानदारी और पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चयनित अभ्यर्थी हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आपके द्वारा किए गए कार्यों का प्रभाव लाखों लोगों पर पड़ेगा, जनता के विश्वास पर खड़ा उतरना सभी की शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। आपकी लगन और मेहनत से प्रदेश विकास क्षेत्र में आगे बढ़ेगा। राज्य सरकार की संकल्पना समृद्ध और सशक्त उत्तराखंड की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू की थी। उच्च शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए सरकार हर संभव कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों के विकास हेतु अनेक कार्य कर रही है। सभी छोटे बड़े शहरों को विकसित करने हेतु निरंतर कार्य जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मागर्दशन में सभी शहरों के नवीनीकरण का कार्य भी तेजी से चल रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि शहरी विकास में चयनित सभी अभ्यर्थी पूर्ण निष्ठा से शहरों के विकास की परियोजनाओं को आगे बढ़ाएंगे और राज्य के विकास में अपना अहम योगदान देंगे। अभ्यर्थी जन सहभागिता को प्राथमिक देकर कार्य करें, ताकि योजनाओं का सीधा लाभ आम जन को मिले। उन्होंने कहा निश्चित ही नए अभ्यर्थियों के आने से विभाग में नवाचार, ट्रांसपेरेंसी आएगी और कार्यशैली में परिवर्तन भी होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक निर्णय लिये गये हैं। राज्य में 20 मॉडल कॉलेज बनाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून लागू करके इस समस्या को जड़ से खत्म किया है। आज योग्यता के आधार पर नौकरियां मिल रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आगे भी विभिन्न विभागों में रिक्त पदों को जल्द भरेगी।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि लोक सेवा आयोग से चयनित सभी युवा, आने वाले समय में हमारे योग्य और सक्षम अधिकारीगण बनेंगे। आज प्रदेश में 105 निकाय हैं, शहरी विकास की योजनाओं को आगे बढ़ाने में सभी युवा अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इन अभ्यर्थियों के आने से विभाग के कार्यों में तेजी आयेगी। प्रदेश में 9 नगर निगम, 47 नगर पालिका, 49 नगर पंचायतें हैं। इन क्षेत्रों का विकास विभाग की प्राथमिकता में है। अब नए युवा अधिकारियों के आने से यह कार्य और सरलता से हो सकेगा।

कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तीन वर्षों में 15 हजार 500 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी देने का कार्य किया गया है। इस वर्ष 4000 बेसिक शिक्षकों, 1600 एल.टी , 882 लेक्चरर, करीब 622 प्रधानाचार्य, बीआरपी सीआरपी में 1500, हर इंटर कालेज हेतु 2500 चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति करने वाले हैं। इस प्रकार से कुल 11 हज़ार लोगों की नियुक्तियां शिक्षा विभाग में होंगी। इसके अलावा 1500 नर्सिंग स्टाफ, 750 एएनएम, 500 सीएचओ, 500 डॉक्टर्स, 378 मेडिकल कॉलेज हेतु असिस्टेंट प्रोफेसर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, हरिद्वार, रूद्रपुर मेडिकल कॉलेज हेतु 3700 पदों पर नियुक्तियां देने जा रहे हैं। आज राज्य सरकार युवाओं की रोजगार के कई अवसर दे रही है।

इस अवसर पर विधायक फ़कीर राम टम्टा, सचिव शैलेश बगौली, सचिव नितेश झा, निदेशक शहरी विकास नितिन भदौरिया, अपर निदेशक डॉ. ललित नारायण मिश्रा एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के अंतिम वर्ष के 212 अभ्यर्थियों को मिले नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में प्राविधिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से चयनित 212 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों के अंतिम वर्ष के इन छात्र-छात्राओं को विभिन्न कंपनियों में नौकरी मिली है। इस वर्ष अभी तक राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थानों से 65 प्रतिशत युवाओं को रोजगार मिल चुका है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले युवाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नियुक्ति पत्र सभी युवाओं के सपनों की पहली सीढ़ी है। यह परिश्रम और लगन से किए कार्य का सम्मान भी है। हर छात्र पूर्ण मनोयोग निष्ठा से अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि युवाओं को हर क्षेत्र में रोजगार के उचित अवसर मिलें। राज्य के अंदर निजी क्षेत्र भी रोजगार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। गैर सरकारी औद्योगिक इकाइयों का विकास हमारी आर्थिक विकास का प्रमुख स्तंभ है। देवभूमि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, राज्य सरकार इन प्रतिभाओं को राज्य में सही दिशा और उचित अवसर देने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाना, विकसित भारत और विकसित उत्तराखंड के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षाे में टेक्नोलॉजी, रोजगार, कौशल विकास के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। देश के अंदर हर क्षेत्र में नौजवानों को आगे बढ़ने का अवसर मिला है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में इनोवेशन एवं टेक्नोलॉजी को प्रथमिकता दी गई है। स्टार्टअप इंडिया, मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं से देश में नई औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीकी शिक्षा के विद्यार्थियों हेतु राज्य में ऑनलाइन ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेंटर का निर्माण किया गया है। जिसके माध्यम से छात्रों को बेहतर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। उन्होने छात्रों से कहा कि आपके द्वारा किए गए कार्य एवं अनुभव ही आपकी पूंजी के रूप में हमेशा आपके पास रहेगा। राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोज़गार से जोड़ना है। बीते 3 सालों में राज्य सरकार ने सरकारी विभागों में 15000 से भी ज्यादा युवाओं को नियुक्तियां दी है। राज्य में भर्ती प्रक्रिया को पूर्ण रूप से पारदर्शी बनाया गया है। परीक्षा से लेकर नियुक्तियां तक तय समय के अंदर हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया में आई पारदर्शिता से युवाओं का सरकार के प्रति विश्वास बढ़ा है। यह पारदर्शिता युवाओं को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के भ्रमण के दौरान लोगों/युवाओं द्वारा नकल विरोधी कानून लागू करने हेतु विशेष रूप से सरकार का आभार व्यक्त किया जा रहा है। यह पारदर्शिता तभी संभव है जब सरकार की नीति और नीयत दोनों साफ हो। राज्य सरकार प्रदेश के हर वर्ग के लिए निरन्तरता से काम कर रही है। समेकित विकास सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति में उत्तराखण्ड प्रथम स्थान पर आया है।

तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता परक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। युवाओं को सीधे रोजगार मिले इसके लिए औद्योगिक संस्थानों की आवश्यकता के हिसाब से नये कोर्स चलाये जा रहे हैं। बच्चों को तकनीकी शिक्षा के माध्यम से रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है। राज्य के पॉलिटेक्निक कॉलेजों में फाइनल वर्ष के 3500 बच्चों में से 2303 बच्चों को रोजगार से जोड़ दिया गया है। पॉलिटेक्निक कॉलेजों को आधुनिक तकनीक से भी जोड़ा गया है। युवाओं को अन्य देशों में भी रोजगार के अवसर मिले इसके लिए सरकार ने राज्य के पॉलिटेक्निक एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में जर्मन और फ्रेंच भाषा पढ़ाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन के लिए हर कॉलेज में अध्यापकों की नियुक्तियां की गई हैं। उन्होंने छात्रों से कहा कि केवल सर्विस प्राप्त करना उद्देश्य नहीं होना चाहिए, निजी सेक्टर में अपने समर्पण, ज्ञान, कार्यशैली के माध्यम से सफलता को प्राप्त करना है। जिस भी क्षेत्र में जाएं, उस क्षेत्र में हमेशा सर्वश्रेष्ठ कार्य कर निरन्तर सफलता के मार्ग पर आगे बढ़े। युवाओं को राज्य और समाज के बेहतर भविष्य के लिए सोचना चाहिए।

इस अवसर पर राज्यसभा सांसद डॉ. कल्पना सैनी, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेंद्र अंथवाल, अपर सचिव तकनीकी शिक्षा स्वाति भदौरिया, निदेशक तकनीकि शिक्षा आरपी गुप्ता, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों में एकल महिलाओं को मिलेगा मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का लाभ

वित्त मंत्री डॉ. प्रेम चन्द अग्रवाल ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना“ के क्रियान्वयन के लिए गठित मंत्री मंडलीय उप समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता की।

मंत्री ने कहा कि बैठक में “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना“ के तहत प्रदेशभर में एकल महिलाओं की कुल संख्या एवं योजना के तहत एकल महिलाओं को मिलने वाले स्वरोजगार के निर्धारण पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग से प्राप्त होने वाले अतिरिक्त शुल्क को खेल, गौशाला एवं महिला कल्याण के लिए दिया जाना था। मंत्री ने कहा कि आबकारी विभाग से मिलने वाली धनराशि का 10 करोड़ रूपया “मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के लिए निर्धारित किया गया है।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हर ब्लॉक की एकल महिलाओं (विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध एवं एसिड हमलों से पीड़ित महिला) को इस योजना के अन्तर्गत शामिल किया जायेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों में एकल महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जायेगा।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के तहत एकल महिलाओं के लिए स्वरोजगार के तहत कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुकुट, पालन, भेड़ पालन, बकरी पालन, उद्यान, बुटीक, टेलरिंग, जनरल स्टोर, टिफन सेवा, कैंटीन, कैटरिंग, प्लम्बर, इलैक्ट्रिशियन, डाटा एन्ट्री कार्य, कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली कॉलिंग आदि जैसे कार्यों को जोड़ा गया है।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना 18 से 50 वर्ष तक की आयुसीमा वाली एकल महिलाओं के लिए निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य है कि प्रदेशभर की एकल महिलाएं इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बन सकें और उन्नति के मार्ग पर आगे बढ़ें।

मंत्री ने कहा कि उप समिति की आगामी बैठक में अन्तिम रूप देने के बाद इसे शासन में भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि मंत्री मण्डल की समिति में पारित होने के बाद मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना को इसी साल लागू किया जायेगा।

इस अवसर पर बैठक में सदस्य सचिव, उप समिति, चन्द्रेश कुमार यादव, निदेशक, उप समिति, प्रशान्त आर्य एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

170 अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री ने प्रदान किये नियुक्ति पत्र

सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (ग्रामीण निर्माण विभाग) के पद पर 24, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (सिंचाई विभाग) के पद पर 44, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (उत्तराखण्ड जल संस्थान) के पद पर 20, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (लोक निर्माण विभाग) के पद पर 41, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण (आवास विभाग) के पद पर 14, सहायक अभियंता, यांत्रिक अभियंत्रण (सिंचाई विभाग) के पद पर 10, सहायक अभियंता, कृषि अभियंत्रण (लघु सिंचाई विभाग) के पद पर 06, सहायक अभियंता, सिविल अभियंत्रण ( लघु सिंचाई विभाग) एवं सहायक विद्युत निरीक्षक, (ऊर्जा विभाग) के पद पर 02-02 एवं सहायक अभियंता, विद्युत /यांत्रिक अभियंत्रण (लोक निर्माण विभाग) एवं सहायक अभियंता, विद्युत /यांत्रिक अभियंत्रण (ग्रामीण निर्माण विभाग) के पद पर 01-01 अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को शुभकामना देते हुए आशा व्यक्त की कि नियुक्ति प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को जिस भी क्षेत्र में सेवा करने का अवसर मिल रहा है, वे कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण भाव से जन सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि आज नियुक्ति देने का मुख्य उद्देश्य है कि, सभी अभ्यर्थियों को चयन वर्ष का लाभ प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए राज्य सरकार हर क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने सभी चयनित अभ्यर्थियों से अपेक्षा की किअपने क्षेत्र में बेहतर कार्य कर उत्तराखण्ड को श्रेष्ठ राज्य बनाने में सभी चयनित अभ्यर्थी अपना योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सबको अपने कार्यक्षेत्र में शत प्रतिशत योगदान देकर अपने माता-पिता और राज्य का गौरव बढ़ाने का कार्य करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 03 सालों में राज्य सरकार का प्रयास रहा है कि हर क्षेत्र में युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा जाए। इन 03 वर्षों में लोक सेवा आयोग, उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और मेडिकल चयन बोर्ड के माध्यम से कुल 14 हजार 800 नियुक्तियां प्रदान की गई हैं। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद से सभी भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ सम्पन्न हुई हैं। इस कानून के तहत दोषियों पर सख्त कार्रवाई के प्राविधान किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विश्वविद्यालय से ही युवा राजनीति में कार्य किया है, युवा वर्ग हमेशा उनकी प्राथमिकता में रहा है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने सभी चयनित अभ्यर्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए आशा व्यक्त की कि सभी सहायक अभियंता अपने कार्यक्षेत्र में उत्कृष्टता के साथ कार्य कर उत्तराखण्ड को विकसित राज्य बनाने में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि सभी चयनित अभ्यर्थी मन में यह भाव लेकर चलें कि कार्यक्षेत्र में हर समय नई चीजें, सीखने को मिलेगी, उनको आत्मसात करते हुए आगे बढ़ना है।

कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने चयनित सभी अभ्यर्थियों को बधाई देते हुए कहा कि चयनित अभ्यर्थियों के लिए यह जीवन की नई पारी की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में कई समय से सहायक अभियंताओं की कमी थी। नई नियुक्तियों से कार्यों में और तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के 09 जिलों में विकास प्राधिकरण हैं, जिनमें सहायक अभियंताओं को नियुक्ति मिलेगी। राज्य में प्राधिकरण बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि क्षेत्रों का नियोजित विकास हो सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विनीत कुमार, कर्मेन्द्र सिंह एवं संबंधित विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

शिक्षा विभाग में शीघ्र मिलेंगे 955 कार्मिकः धन सिंह

समग्र शिक्षा के अंतर्गत बीआरपी-सीआरपी के रिक्त 955 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उक्त पदों की पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के रोजगार प्रयाग पोर्टल पर 29 जून से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के लिये दो सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है। इसके उपरांत चयन प्रक्रिया पूर्ण कर प्रदेश के सभी सीआरपी-बीआरपी केन्द्रों पर चयनित अभ्यर्थियों की तैनाती आउटसोर्स के माध्यम से कर दी जायेगी। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ ही आउटसोर्स एजेंसी को शीघ्र भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि सूबे में शैक्षिक गतिविधियों में सुधार लाने के दृष्टिगत समग्र शिक्षा के अंतर्गत लम्बे समय रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। जिस हेतु पात्र अभ्यर्थी सेवायोजन विभाग के अंतर्गत रोजगार प्रयाग पोर्टल पर शनिवार 01रू00 बजे के उपरांत ऑनलाइन आवेदन भर सकेंगे। अभ्यर्थी आवेदन संबंधित समस्त जानकारियां एवं सहायता के लिये संबंधित पोर्टल के दूरभाष संख्या 0135-2653665 तथा आउटसोर्स एजेंसी के दूरभाष नम्बर 0135-4145780 पर सम्पर्क कर सकते हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में वही अभ्यर्थी अवेदन कर पायेंगे जो राज्य के किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत होंगे। इसके अलावा 10 प्रतिशत पद सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये आरक्षित किये गये हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि ब्लॉक संदर्भ व्यक्ति (बीआरपी) हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणति एवं सामाजिक विज्ञान के कुल 255 पदों हेतु न्यूनतम अर्हता स्नातक एवं स्नातकोत्तर में 55 फीसदी अंकों के साथ उपाधि ग्रहण की हो। इसके अलावा संकुल संदर्भ व्यक्ति (सीआरपी) के लिये 55 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि होनी जरूरी है। इसके अतिरिक्त बीआरीपी व सीआरपी पदों के लिये बीएड की उपाधि के साथ-साथ सीटीईटी अथवा यूटीईटी प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। साथ ही कम्प्यूटर में कार्य करने की दक्षता भी जरूरी है। जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये बीएड अथवा एलटी अर्हता होनी अनिवार्य है। बीआरपी-सीआरपी पदों के लिये आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 42 वर्ष निर्धारित की गई है जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष तय की गई है, सेवानिवृत्त शिक्षकों के पास चिकित्सा प्रमाण पत्रा होना भी जरूरी है।

48 फार्मेसी अधिकारी को पदोन्नति के लिए विभागीय मंत्री डा. धन सिंह ने दी मंजूरी

स्वास्थ्य विभाग में कई वर्षों से एक ही पद पर सेवाएं दे रहे 48 फार्मेसी अधिकारियों को पदोन्नति की सौगात दी गई है। इन सभी पात्र फार्मेसी अधिकारियों को मुख्य फार्मेसी अधिकारी के पद पर पदोन्नत कर दिया गया है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने फार्मेसी अधिकारियों की पदोन्नति को मंजूरी देते हुये शासन को शीघ्र पदोन्नति आदेश निर्गत करने के निर्देश दिये हैं। जिस पर फार्मेसी एसोसिएशन ने खुशी जाहिर कर स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत का आभार जताया।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि समय-समय पर आयोजित समीक्षा बैठकों में विभाग के अंतर्गत सभी संवर्गों के पात्र कार्मिकों की पदोन्नति को लेकर विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये गये थे। जिसके क्रम में विभाग द्वारा डीपीसी के माध्यम से 48 फार्मेसी अधिकारियों का चयन पदोन्नति के लिये किया गया है। डा. रावत ने बताया कि इन सभी पात्र फार्मेसी अधिकारियों को मुख्य फार्मेसी अधिकारी के पद पर पदोन्नत की मंजूरी प्रदान कर दी गई है। जिनको शीघ्र ही नई तैनाती दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि पदोन्नति के इस फैसले के तहत वर्तमान चयन वर्ष के माह जून तक सेवानिवृत होने वाले चीफ फार्मेसी अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिये 2 फार्मेसी अधिकारियों की भी पदोन्नति की गई है। विभागीय मंत्री ने कहा कि इस संबंध में शासन को शीघ्र पदोन्नति आदेश जारी करने कहा गया है ताकि समय पर फार्मेसी अधिकारियों को पदोन्नति का लाभ मिल सके।

डा. रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत पात्र कार्मिकों को पदोन्नति के लाभ से वंचित नहीं रखा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को समय-समय पर डीपीसी कर कार्मिकों को पदोन्नत करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि कार्मिकों को समय पर पदोन्नति का लाभ मिलने से उनके मनोबल में वृद्धि होगी और विभागीय कार्यप्रणाली में भी सुधार आयेगा। फर्मेसी अधिकारियों की मुख्य फर्मेसी अधिकारी पद पर पदोन्नति किये जाने पर फर्मेसी एसोसिएशन के पदाधिकरियों एवं फर्मेसी अधिकारियों ने खुशी जाहिर कर स्वास्थ्य मंत्री डा. रावत का आभार जताया।

इन्हें मिला पदोन्नति का लाभ
स्वास्थ्य विभाग में जिन फार्मेसी अधिकारियों की मुख्य फार्मेसी अधिकारी पद पदोन्नति की गई उनमें तारा दत्त उप्रेती, प्रदीप कुमार उनियाल, हरि राम, ललित वर्मा, चन्दन सिंह चौहान, एस0एस0 जेठूडी, दर्शन सिंह पंवार, दिनेश चन्द्र नौटियाल, सी0पी0 रतूडी, टी0एस0 बंगारी, प्रकाश चन्द्र रतूडी, गणेश राम नौटियाल, विजेन्द्र सिंह कैंत्यूरा, जनार्द्धन प्रसाद टम्टा, हेम चन्द्र पंत, हरभजन सिंह, एच0एम0 सिद्दकी, श्याम लाल बिजल्वाण, वीरेन्द्र सिंह असवाल, जगदीश लाल शाह, पुनीता नेगी, चिरंजी प्रसाद, महावीर सिंह राणा, जी0एस0 बिष्ट, डी0एन0 भट्ट, लखपत सिंह, महिपाल सिंह, उपेन्द्र दत्त, रघुवीर सिंह पंवार, भाग सिंह, सुदर्शन मैठाणी, विशालमणि अन्थवाल, रमेश राम, गिरीश चन्द्र काण्डपाल, गोपाल सिंह राणा, भूपाल सिंह, विनोद नेगी, डी0एस0 कोश्यारी, कैलाश चन्द्र चमोली, आत्मा राम जगूडी, अरबिन्द जगूडी, नन्द किशोर जोशी, दिनेश चन्द्र पाठक, इंदु कुमार जोशी, आनंद सिंह चौहान, जे0पी0 उप्रेती, भुवन चन्द्र जोशी तथा आर0सी0 नौटियाल शामिल हैं।

चीड़ पिरूल एकत्रीकरण का वन प्रभागवार लक्ष्य निर्धारित करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में कुशल वनाग्नि प्रबन्धन हेतु चीड़ पिरूल एकत्रीकरण को मिशन मोड में संचालित किए जाने के निर्देश दिए गए थे। कुशल वनाग्नि प्रबन्धन के दृष्टिगत चीड़ पिरूल एकत्रीकरण को महत्वपूर्ण मानते हुए प्रत्येक चीड़ आच्छादित वन प्रभाग में चीड़ पिरुल एकत्रीकरण हेतु लक्ष्य निर्धारित किये जाने के निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिए थे।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन द्वारा क्षेत्रीय प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा, चम्पावत, गढ़वाल, बागेश्वर, मसूरी, लैंसडौन, नैनीताल, सिविल अल्मोड़ा, उत्तरकाशी, टिहरी, टौंस, पिथौरागढ़, अपर यमुना बड़कोट, नरेन्द्रनगर, हल्द्वानी, रुद्रप्रयाग, चकराता, बद्रीनाथ, रामनगर एवं सिविल सोयम कालसी वन प्रभाग को निर्देशित किया गया है कि पिरूल एकत्रीकरण को मिशन मोड में क्रियान्वित करने के लिए यह आवश्यक है कि प्रत्येक चीड़ आच्छादित क्षेत्रीय रेंज में एक ब्रिकेट/पैलेट यूनिट की स्थापना सुनिश्चित की जाये ताकि एकत्रित पिरूल का प्लांट में उपयोग होकर ब्रिकेट/पैलेट उत्पादित किये जा सके एवं संबंधित उद्यमियों द्वारा उनका विक्रय किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट किया है कि इससे पिरूल के वन क्षेत्रों से हटने से वनाग्नि की घटनाओं में कमी आयेगी तथा स्थानीय संग्रहणकर्ताओं को आय अर्जित होगी इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रेंजवार पिरूल एकत्रीकरण लक्ष्य 5000 है० में उपरोक्त लक्ष्यों की पूर्ति हेतु न्यूनतम एक ब्रिकेट/पैलेट यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने सभी वन क्षेत्राधिकारियों से जिला स्तर पर उद्योग एवं ग्रामीण विकास विभाग के संबंधित अधिकारियों से समन्वय स्थापित करते हुये उद्यमियों का चयन कर उन्हें राज्य सरकार/वन विभाग से दी जाने वाली सुविधाओं/सहयोग के विषय में जागरूक करेंगे एवं इन यूनिटों की स्थापना सुनिश्चित करायेगें।
जारी निर्देशों में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रभागीय वनाधिकारी अपने प्रभाग के अंतर्गत ब्रिकेट/पैलेट यूनिटों की स्थापना सम्बन्धी कार्यवाही 3 माह (सितम्बर 2024 तक) में पूर्ण करते हुये अनुपालन आख्या उपलब्ध करायेंगे तथा सम्बन्धित मुख्य वन संरक्षकों/वन संरक्षकों द्वारा वन क्षेत्राधिकारियों द्वारा की जा रही कार्यवाही की प्रत्येक 15 दिन में समीक्षा किया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।

खुशखबरीः को-ऑपरेटिव बैंकों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को धामी कैबिनेट की मंजूरी


सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके अनुसार, सहकारी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से उनके संचालन में और पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में एकल परिवारों के वर्चस्व की समस्या खत्म कर दी गई है। डॉ. रावत ने कहा कि सत्ता के इस असंतुलन को दूर करने और अधिक समावेशी और न्यायसंगत शासन संरचना का मार्ग प्रशस्त करने का लक्ष्य बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। महिलाएं, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से नेतृत्व के पदों पर कम प्रतिनिधित्व मिला है, सहकारी संस्थाओं के प्रभावी कामकाज की दिशा में एक अनूठा दृष्टिकोण और योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि , सहकारी समितियों के उच्च स्तरों पर निदेशक मंडल और अध्यक्षों में महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी जरूरी है। इससे महिलाओं के निर्णय लेने की प्रक्रिया में विचारों और अनुभवों की विविधता भी आएगी। महिलाओं की भागीदारी से सहकारिता के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी और संतुलित निर्णय लिए जा सकेंगे , जो सहकारी समिति के सभी सदस्यों के हितों और जरूरतों को दर्शाएंगे। उन्होंने कहा देश का उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं के लिए सहकारी संस्थाओं में 33ः आरक्षण की मंजूरी दी गई है।

सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड में महिलाओं के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि धामी कैबिनेट ने सहकारी बैंकों और संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33ः आरक्षण के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सहकारी क्षेत्र में नेतृत्व के पदों पर लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए डॉ. रावत की अटूट लगन और दृढ़ संकल्प ने पिछले दो वर्षों में आयोजित एक दर्जन से अधिक समीक्षा बैठकों के बाद आखिरकार फल दिया है।

उत्तराखंड, कई अन्य राज्यों की तरह, लैंगिक असमानता और निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी के मुद्दों से लंबे समय से जूझ रहा है। राज्य में 10 जिला सहकारी बैंक, शीर्ष सहकारी संस्था, 670 एमपैक्स ( बहुद्देश्यीय सहकारी समिति) संचालित होने के साथ, नेतृत्व के पदों पर महिलाओं की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी।

डॉ. रावत के प्रयासों ने न केवल सहकारी क्षेत्र में अधिक लैंगिक विविधता और समावेशिता का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय मिसाल कायम की है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए आवाज उठाकर उन्होंने सार्थक बदलाव लाने में राजनीतिक इच्छाशक्ति और वकालत की शक्ति का प्रदर्शन किया है। यह देखकर खुशी होती है कि उत्तराखंड में महिलाओं की आवाज सुनी जा रही है और उनके योगदान को मान्यता दी जा रही है। सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम राज्य सरकार की प्रगतिशील मानसिकता और इस प्रयास में शामिल सभी लोगों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।

’उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 नियमावली 2004 के अंतर्गत निबंधित सभी प्रकार की सहकारी समितियों एवं संस्थाओं में, यह संशोधन लागू होंगे’

सहकारिता विभाग की शीर्ष सहकारी संस्था

’उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड’
’उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ
’उत्तराखंड आवास एवं निर्माण सहकारी संघ’
’प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन
’उपभोक्ता सहकारी संघ’
’उत्तराखंड रेशम फेडरेशन’
’उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन’
’उत्तराखंड भेड़ -बकरी एवं शशक फेडरेशन’
’उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ’
’श्रम निर्माण संविदा सहकारी संघ’
’उत्तराखंड सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ’
’उत्तराखंड साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ’
’उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ’

’10 जिला सहकारी बैंक’
’670 एम पैक्स (बहुद्देश्यीय सहकारी समिति)’
संपादक, यूकेसीडीपी, देहरादून।

पीएम-किसान योजना के तहत 17वीं किस्त में राज्य के 771567 किसानों के खाते में आई धनराशि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वाराणसी से पीएम-किसान योजना की 17वीं किस्त जारी की। जिसमें पूरे भारत के 9.26 करोड़ से अधिक किसानों को 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ दिया।
इसी क्रम में मंगलवार को नैनीताल क्लब सभागार से सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पीएम किसान कार्यक्रम के अन्तर्गत किसान सम्मेलन और 17 वीं किस्त के हस्तांतरण अवसर पर वीसी के माध्यम से प्रतिभाग किया। 17वीं किस्त में राज्य के 771567 किसानों को 830414 किस्तों में रुपए 166.08 करोड़ की धनराशि उनके खाते में हस्तांतरित की जाएगी। जिसमें जिले अल्मोड़ा के 94122, बागेश्वर के 38132, चमोली के 45566, चंपावत के 34915, देहरादून के 40250, हरिद्वार के 96088, नैनीताल के 49059, पौड़ी गढ़वाल के 59221, पिथौरागढ़ के 55575, रुद्रप्रयाग के 36891, टिहरी गढ़वाल के 102076, यूएस नगर के 72089 और उत्तरकाशी के 47583 के किसानों को इस योजना का लाभ मिलेगा। राज्य में वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2023-24 तक कुल 2579.16 की धनराशि वितरीत की जा चुकी है। वर्तमान में प्रदेश में योजना के अंतर्गत किसानों की संख्या 9.13 लाख है, जिसमें राज्य के 771567 किसानों को रुपए 166.08 करोड़ की धनराशि उनके खाते में हस्तांतरित की।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर पीएम नरेंद्र मोदी का पहला निर्णय किसान के हितों के लिए किया गया। पीएम-किसान योजना से किसानों की आय दोगुनी, बेहतर सिंचाई योजना, नई तकनीक से छोटे-छोटे किसानों को लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मोटे अनाज का उत्पादन और खेती को बढ़ावा देना हमारी प्राथमिकता है। और क़ृषि में महिलाओं का योगदान महत्वपूर्ण है। कहा कि केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं से किसानों को बेहतर लाभ मिल रहा है। जिससे कृषि के साथ लोगों को रोजगार आदि भी मिल रहा है। जिससे अब पर्वतीय इलाकों के लोगों को रोजगार के लिए शहरों में भटकना नहीं पड़ रहा है। और पलायन भी कम हो रहा है। बता दें केंद्र सरकार पीएम किसान योजना के तहत किसानों को साल में 6,000 रुपए प्रदान करती है, यह राशि साल में तीन किस्तों में 2,000 रुपए में प्रदान की जाती है। साथ ही किसानों को मिलने वाली ये धनराशि सीधे किसानों के बैंक खाते आती है। योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों की आर्थिक स्थिति का सुधार, आत्मनिर्भर और कृषि को बढ़ावा देना है।
इस दौरान क़ृषि एवं कृषक कल्याण विभाग ने माया नेगी पुत्री मोती सिंह नेगी गॉव गिनती विकास खंड कोटाबाग को 2023-24 में राष्ट्रीय क़ृषि विकास योजना के तहत ड्रोन क़ृषि कार्य हेतु प्रदान किया गया। जिसका कुल मूल्य 10 लाख एवं अनुदान 7.50 लाख डी. बी. टी. के माध्यम से कृषक भुगतान किया गया। पूनम दुर्गापाल गांव हिम्मतपुर विकासखंड हल्द्वानी को 2023-24 में इफको योजना के तहत ड्रोन दीदी योजना के तहत प्रदान किया गया। इसका कुल मूल्य दस लाख एवं अनुदान मूल्य 10 लाख डी. बी. टी. के माध्यम से कृषक को भुगतान किया गया। जबकि अर्जुन सिंह रावत पुत्र सुदर्शन सिंह रावत गांव नंदपुर न्याय पंचायत चिल्किया विकासखंड रामनगर की 2023-24 में योजना युवा स्वरोजगार (इफको) के तहत स्वरोजगार के अंतर्गत प्रदान किया गया। जिसका कुल मूल्य 10 लाख एवं अनुदान मूल्य 10 लाख डी. बी. टी. के माध्यम से भुगतान किया गया। इस दौरान कृषकों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभिन्न विभागों द्वारा कृषि उत्पादों से संबंधित लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण कर उत्पादों की भी जानकारी ली।

वैध खनन से राजस्व बढ़ाने के लिए एमडीटीएसएस लागू करने पर सहमति

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य में अवैध खनन पर सख्त निगरानी तथा वैध खनन से राजस्व बढ़ाने के लिए एमडीटीएसएस (माइनिंग डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन एण्ड सर्विलेन्स सिस्टम) को देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल व उधमसिंह नगर के 40 चेक गेट पर लगाने के लगभग 93 करोड़ रूपये के प्रस्ताव को सचिवालय में खनन विभाग की आज की व्यय वित्त समिति (ईएफसी) की बैठक में सहमति दी है।
एमडीटीएसएस को देहरादून के 8 चेक गेट, हरिद्वार के 13 चेक गेट, नैनीताल के 10 चेक गेट तथा उधमसिंह नगर के 9 चेक गेट सहित कुल 40 चेक गेट लोकेशन पर लगाया जाएगा। एमडीटीएसएस के तहत खनन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी हेतु एएनपीआर कैमरा, बुलेट कैमरा, आरएफआईडी राडार, एलईडी फलड लाइट जैसी अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग किया जाएगा। देहरादून में माइनिंग स्टेट कन्ट्रोल सेन्टर (एमएससीसी) स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल तथा उधमसिंह नगर के जिला मुख्यालयों में मिनी कमाण्ड सेन्टर स्थापित किए जाएंगे।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि एमडीटीएसएस के माध्यम से खनिजों के गैर कानूनी तथा अनाधिकृत परिवहन, खनिजों के अत्यधिक खनन या निष्कासन, खनिजों को ले जाने वाले वाहनों की ओवरलोडिंग, ट्रांजिट पास में दी गई डिलीवरी लोकेशन के विपरीत डिलीवरी, अवैध खनन व अन्य कारणों से राजस्व हानि आदि पर निरन्तर निगरानी सुनिश्चित होगी। मुख्य सचिव ने इस सम्बन्ध में खनन से जुड़े सभी हितधारकों से प्रभावी समन्वय कर उनका सहयोग लेने तथा जागरूक करने के निर्देश दिए हैं।
इसके साथ ही मुख्य सचिव ने खनन क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिकों के कल्याण एवं विकास तथा उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने हेतु कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होने राज्य में ईंट के भट्टों में कार्य करने वाले मजदूरों के विकास एवं कल्याण हेतु भी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने खनन क्षेत्रों एवं ईट के भट्टों में कार्य करने वाले मजदूरों के लिए मेडिकल एवं बीमा सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव बृजेश कुमार संत, अपर सचिव डा अहमद इकबाल सहित खनन एवं वित्त विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।