उत्तराखंड में उपनल व संविदा कर्मियों के नियमितीकरण के लिए ठोस नीति बनेगी

तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों-युवाओं, उपनल और संविदा कर्मियों के लिए तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों और स्नातक डिग्री प्राप्त युवाओं को राज्य सरकार आर्थिक सहायता देगी। एक समर्पित मंच के माध्यम से उनके रोजगारपरक कौशल को विकसित करने लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए, सरकार एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी। उपनल एवं संविदाकर्मियों को नियमित नियुक्ति के लिए शीघ्र ही एक ठोस नीति तैयार की जाएगी। इसके अलावा, दस करोड़ रूपये तक के सरकारी कार्य प्रदेश के स्थानीय ठेकेदारों को ही दिए जाएंगे।

सेवा, सुशासन और विकास के तीन वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं कीं। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों की जोशपूर्ण उपस्थिति रही।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में सबसे पहले उत्तराखण्ड के अमर बलिदानियों और सरदार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को शहीद दिवस पर भावांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड ने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता प्राप्त की है। विभिन्न चुनौतियों के बावजूद इन तीन वर्षों में हमारे प्रदेश ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं और नए-नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं, जिनकी गूंज आज पूरे देश में सुनाई दे रही है।

मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि कुछ लोग जो बोलने में सावधानी नहीं रखते उनके कारण प्रदेश में कभी-कभी क्षेत्रवाद या जातिवाद की बातें सुनाई देती हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का कोई भी व्यक्ति यदि संकीर्ण क्षेत्रवाद या जातिवाद की बात करता है तो वो न केवल उन आंदोलनकारी के साथ अन्याय करता है, जिन्होंने इस प्रदेश के निर्माण के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया बल्कि वो अपनी मातृ-भूमि के खिलाफ भी कार्य करता है।

तीन वर्ष की उपलब्धियों और प्रमुख निर्णयों को सिलसिलेवार सामने रखा

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सरकार की तीन वर्ष की उपलब्धियों को सिलसिलेवार सामने रखा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले तीन वर्षों से जहां एक ओर शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने की दिशा में कार्य किया है, वहीं प्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित 30 से अधिक नई नीतियां बनाकर उत्तराखण्ड के सर्वांगीण विकास का एक विस्तृत रोडमैप तैयार कर कई नई योजनाएं लागू की हैं। इसका परिणाम है कि हर क्षेत्र में उत्तराखण्ड की प्रगति साफ दिखाई दे रही है। उन्होंने अंत्योदय परिवारों को तीन गैस सिलेंडर प्रदान करना, प्रदेश की महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसदी क्षैतिज आरक्षण, वृद्धावस्था पेंशन की सुविधा, सरकारी नौकरियों में खेल कोटे को पुनः प्रारंभ करना, विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना, 207 प्रकार की पैथोलॉजिकल जांचों की निःशुल्क सुविधाओं का खास तौर पर जिक्र किया।

मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-24 के सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के इंडेक्स में उत्तराखण्ड को मिले पहले स्थान के साथ ही ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी का जिक्र करते हुए बेरोजगारी दर में रिकार्ड कमी की जानकारी भी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश की बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाकर उत्तराखण्ड ने राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि हमारे सतत आर्थिक सुधारों का ही ये परिणाम है कि 2023-24 की तुलना में इस वर्ष राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 13.59 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। इतना ही नहीं प्रति व्यक्ति आय में हमने 11.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने जी-20 बैठकों, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की भी चर्चा की।
उन्होंने कहा कि देवभूमि से समान नागरिक संहिता की पवित्र गंगा प्रवाहित होने से पूरे देश में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार हुआ है। उन्होंने अपने संबोधन में नकल विरोधी कानून का जिक्र करते हुए कहा कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। दंगा और धर्मांतरण विरोधी कानूनों की भी चर्चा की। भू-कानून के संबंध में उन्होंने कहा कि इससे देवभूमि की इस पुण्य धरा को भू-माफियाओं से बचाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमने जनता से जो वायदे किए, उन्हें पूरा किया। अब तक हम 2022 में जारी अपने दृष्टि पत्र के करीब 70 प्रतिशत से अधिक वादों को धरातल पर उतारने में सफल रहे हैं। अन्य वादे भी जल्द पूरे कर लिए जाएंगे।

‘सेवा, सुशासन और विकास के 3 वर्ष’ पुस्तिका का विमोचन

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सूचना एवं लोक संपर्क विभाग की विकास पुस्तिका ‘सेवा, सुशासन और विकास के 3 वर्ष’ का विमोचन किया। इसमें सरकार द्वारा 03 साल में जनहित में लिये गये फैसले, योजनाएं और उपलब्धियां शामिल की गई हैं। ‘देवभूमि रजत उत्सव- संकल्प से सिद्धि’ कलेण्डर का डिजिटल विमोचन और कंटेंट क्रिएटर कंपटीशन का डिजिटल शुभारंभ भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

बाल भिक्षावृत्ति निवारणरू शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ने वाले 13 बच्चों का सम्मान

कार्यक्रम के दौरान बाल भिक्षावृति निवारण प्रयास के अन्तर्गत इंटेन्सिव केयर सेंटर साधूराम इण्टर कॉलेज देहरादून में प्रवेशरत शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े 13 बच्चों को सम्मानित किया गया। लखवाड़ बहुद्देशीय परियोजना के तहत अधिग्रहित की गई भूमि के भू स्वामियों को अनुग्रह अनुदान के रूप में कुल 10 करोड़ की धनराशि वितरित की गई। अटल आवास योजना के तहत लाभार्थियों को मुख्यमंत्री ने चेक और चाबी सौंपी। राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं से लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया और सराहनीय कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किये।

कार्यक्रम के दौरान सरकार के 03 वर्ष पूरे होने पर कलाकारों द्वारा राज्य की संस्कृति पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सरकार के 03 वर्ष पूरे होने पर कनक चौक से परेड ग्राउंड तक रोड शो में प्रतिभाग किया और विभिन्न स्टॉल का अवलोकन भी किया।

सभी जिलों में हुए कार्यक्रम

सरकार के तीन वर्ष पूर्ण होने पर देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम का सभी जनपदों में सजीव प्रसारण किया गया। जनपदों और ब्लॉक स्तर तक अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। स्वास्थ्य शिविरों और शिविरों के माध्यम से सरकार की विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं से लोगों का लाभान्वित किया गया। प्रभारी मंत्रियों और अन्य जनप्रतिनिधियों ने बतौर मुख्य अतिथि जनपद स्तरीय कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया ।

इस अवसर पर देहरादून में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, उमेश शर्मा काऊ, विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, सविता कपूर, मेयर देहरादून सौरभ थपलियाल, भाजपा के महानगर देहरादून अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, डीजीपी दीपम सेठ, जनप्रतिनिधिगण, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, एसएसपी देहरादून अजय सिंह एवं बड़ी संख्या में जनता उपस्थित थी।

एसएसपी से पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया की सीएम ने ली जानकारी, किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून पुलिस लाइन में पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया का निरीक्षण किया और भर्ती के लिए आए युवाओं का उत्साहवर्धन किया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून से भर्ती प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने भर्ती में शामिल युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए श्रेष्ठ प्रदर्शन करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने भर्ती प्रक्रिया की व्यवस्थाओं का जायजा लिया और अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे। इस अवसर पर उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया।

ग्रामोत्थान परियोजना चमोली में महिलाओं की आजीविका को कर रही मजबूत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चमोली जनपद में ग्रामोत्थान परियोजना ग्रामीणों की आर्थिकी को मजबूत कर रही है। जिले में योजना के तहत विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीणों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाया जा रहा है। जिससे ग्रामीण घर पर बैठकर ही अपनी आय को मजबूत कर रहे हैं।

जिला परियोजना प्रबंधक ममराज सिंह चौहान ने बताया कि ग्रामोत्थान परियोजना के तहत जनपद में 25 क्लस्टर लेवल फेडरेशन बनाई गई है। जिनके माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बकरी, पालन, डेयरी यूनिट, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, कुक्कुट पालन, ब्यूटी पार्लर, सिलाई सेंटर, रिटेल शॉप, फर्नीचर निर्माण, ढाबा, रेस्टोरेंट, फूड प्रोसेसिंग यूनिट जैसे उद्यमों का संचालन किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण अपनी आजीविका को मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत जनपद में कृषि आधारित योजनाओं में 53, गैर कृषि आधारित उद्यम में 55 तथा एक्ट्रीम व अल्ट्रा पुअर योजना के तहत 300 ग्रामीणों को लाभान्वित किया गया है। योजना की जानकारी देते हुए बताया कि कृषि आधारित व व्यक्तिगत उद्यम योजना में परियोजना की ओर से 30 प्रतिशत तथा लाभार्थी की ओर से 20 प्रतिशत का अंशदान किया जाता है। जबकि शेष धनराशि बैंक ऋण के माध्यम से प्रदान की जाती है। जिससे ग्रामीण उद्यम की स्थापना कर सकता है।

क्या कहते हैं लाभार्थी-

केस-1

टंगसा गांव निवासी मंजू देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना की मदद से उन्होंने व्यक्तिगत उद्यम योजना के तहत वर्ष 2024-25 में मिनी डेयरी का उद्यम स्थापित किया। जिससे उनको आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। बताया कि प्रतिदिन मिनी डेयरी से वे 22 लीटर दूध का विपणन कर 18 से 20 हजार तक की आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से संचालित योजना से उन्हें आर्थिक मजबूती मिली है।

केस-2

कुजौं-मैकोट निवासी अमिता देवी का कहना है कि ग्रामोत्थान परियोजना के सहयोग से उन्होंने गांव में रिटेल शॉप स्थापित की। जिसके माध्यम वर्तमान में घर पर ही रहते हुए 10 हजार रुपये प्रतिमाह शुद्ध आय प्राप्त कर रही हैं। उन्होंने योजना को गरीब तबकी की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए कारगर बताया है।

रोजगार समाचारः सीएम ने 126 नव चयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को दिए नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंचायतीराज विभाग के अन्तर्गत 126 नवनियुक्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। पिछले साढ़े तीन सालों में राज्य में 20 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी सेवाओं में नौकरी प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह दिन आपके जीवन में एक नया अध्याय लेकर आया है। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा नव चयनित अभ्यर्थी लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण इकाई ग्राम पंचायत के अभिन्न अंग बनकर गाँवों का समग्र विकास सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य करेंगे। राज्य के समग्र विकास के लिए गांवों का विकास जरूरी है। गांवों के विकास में एक ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इस कानून में सजा और जुर्माने के कठोर प्राविधान किये गए हैं। जब मेहनती और ईमानदार व्यक्ति अपनी लगन और मेहनत के दम पर कोई पद प्राप्त करता है, तो वह आम लोगों की पीड़ा और समस्याओं को समझकर ईमानदारी से अपना काम करता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के उद्देश्य से शहरों के साथ गांवों के विकास पर भी प्राथमिकता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में सख्त भू-कानून के लिए विधानसभा में विधेयक पारित हो चुका है।

उत्तराखंड की एकता के साथ खिलवाड़ करने वालों को माफ नहीं करेंगे -सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के निर्माण का सपना हमारे आन्दोलनकारियों ने इसलिए देखा था कि उत्तराखण्ड के अंतिम छोर में खड़े हुए व्यक्ति तक विकास पहुंचे। सभी उत्तराखण्डवासी मिल जुलकर राज्य को आगे बढ़ायें। मुख्यमंत्री ने सभी उत्तराखण्ड वासियों से आग्रह किया कि किसी भी प्रकार के बहकावे में न आकर एक उत्तराखण्ड की भावना से मिलकर कार्य करें। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि चाहे वे कोई भी हों, मंत्री हों, विधायक हों, सांसद हों या कोई आम उत्तराखंडी ही क्यों न हों, उत्तराखंड की एकता के साथ खिलवाड़ करने वालों को सरकार बिल्कुल भी माफ नहीं करेगी। आज के बाद सभी प्रकार के भड़काऊ बयानों को गंभीरता से लिया जाएगा और उत्तराखंड की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों पर सख्त कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।

पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने सभी नवचयनित ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रदेश में डबल इंजन की सरकार द्वारा प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। जनवरी 2025 में समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखण्ड यह कानून लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। पंचायतीराज विभाग द्वारा ग्राम पंचायतों में अवस्थापना सुविधाओं के तहत पंचायत भवनों का निर्माण, अतिरिक्त कक्षों का निर्माण कराये जा रहे हैं। विभाग द्वारा परिवार रजिस्टर, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, भवन निर्माण अनापत्ति प्रमाण पत्र ऑनलाइन निर्गत किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंचायतों में कम्प्यूटरीकरण का कार्य किया जा रहा है। आगामी दो वर्षों में सभी पंचायतों में कंप्यूटर स्थापित किये जायेंगे।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजानदास, सविता कपूर, बृजभूषण गैरोला, एकल सदस्यीय समर्पित आयोग के अध्यक्ष बी.एस वर्मा, सचिव पंचायती राज चन्द्रेश यादव, निदेशक पंचायती राज निधि यादव उपस्थित थे।

सेना और एसएसबी के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू होगा

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के स्थानीय अनाज मंडुआ की भांति झंगौरा के लिए भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही वॉकल फॉर लोकल के विजन को प्रोत्साहित करते हुए मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग को एसएसबी तथा सेना के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों, दूध एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीमान्त जनपदों के डीएम को बॉर्डर एरिया में खाली कृषि योग्य भूमि पर मिलेट्स के खेती के विस्तार को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों को राज्यभर के सभी जिलों में 601 एमपीएसीएस (New Multipurpose Primary Agriculture Cooperatives)/डेरी/फिशरीज सोसाइटी के गठन के लक्ष्य को प्राथमिकता पर लेते हुए समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सचिवालय में आज राज्य में धरातल स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से आयोजित करने को लेकर स्टेट कॉओपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक ले रही थी।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को राज्यभर में वर्ष 2025 में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से मनाए जाने हेतु अधिकाधिक जनमानस को इसके आयोजनों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत आयोजित किए जाने वाले सम्मेलनों, प्रदशर्नी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना, क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग में धरातल स्तर पर स्थानीय सहकारिता समितियों की सहभागिता सुनिश्चिति करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव डा0 बी वी आर सी पुरूषोतम, अपर सचिव सोनिका, मनुज गोयल सहित सहकारिता, वित्त, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

आईटीडीए कैल्क करवा रहा है 52 युवतियों को ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन का कोर्स

पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा। ग्रामीण पृष्ठभूमि और सामाजिक तौर पर कमजोर तबके से आने वाली इन तीनों युवतियों ने आज से कुछ समय पहले तक लैपटॉप तक नहीं चलाया था, लेकिन आज वो ड्रोन दीदी बनकर, ड्रोन असेम्बलिंग, रिपेयरिंग से लेकर फ्लाइंग तक का काम आसानी से कर रही हैं। ये संभव हो पाया है, उत्तराखंड सरकार के उपक्रम आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स, ड्रोन दीदी से।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार ग्रामीण और आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवाओं में तकनीकी कौशल बढ़ाने पर जोर रहे हैं। इसी क्रम में आईटीडीए कैल्क, भारत सरकार की वित्तीय सहायता और उत्तराखंड युवा कल्याण विभाग के सहयोग से, अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स संचालित कर रहा है। देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में चल रहे इस कोर्स के पहले बैच की शुरुआत, छह जनवरी से हो चुकी है, जिसमें प्रदेश भर से 52 युवतियां शामिल हो रही हैं। कोर्स के तहत उन्हें 37 दिन में कुल 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है। इसमें प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने जाने का व्यय तक सरकार की ओर से उठाया जा रहा है।

पुरस्कार में मिलेंगे निशुल्क ड्रोन

उत्तराखंड सरकार, युवाओं को ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में दो आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर संचालित कर रही है। देहरादून में चल रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम ऋषिकेश सेंटर के जरिए प्रदान किया जा रहा है। ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के मुताबिक कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, साथ ही प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों का निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत कुल 200 युवक – युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।

खुलेंगे रोजगार के अवसर

प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवतियों का कहना है कि अब वो ड्रोन सेवाओं पर आधारित स्वरोजगार करने के साथ ही आपदा और चिकित्सा सेवा में भी सरकार को सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इसमें से कुछ खुद का ड्रोन भी खरीदने की योजना बना रही हैं।

उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सरकार कई योजना चला रही है। इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना भी संचालित की जा रही है। भविष्य में ड्रोन सेवाओं का दायरा बढ़ने वाला है, इसलिए हमारे पास इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम ने 609 अभ्यर्थियों को प्रदान किए सरकारी सेवाओं के नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालयन सांस्कृतिक ऑडिटोरियम गढ़ीकैंट में कृषि, उद्यान, समाज कल्याण विभाग में चयनित कुल 609 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। जिसमें 333 सहायक कृषि अधिकारी, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग में वर्ग 2 के 37 व वर्ग 3 के 227 तथा 12 सहायक समाज कल्याण अधिकारी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी नव चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नव चयनित अभ्यर्थियों के जीवन में एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। सभी उत्तराखंड में कृषि क्षेत्र के उत्थान और समाज कल्याण के संकल्प को लेकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि ये युवा अभ्यर्थी अपनी मेहनत और निष्ठा से उत्तराखंड में कृषि के क्षेत्र में नवाचार करेंगे और किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक से जोड़ने का कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों को 03 लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। फार्म मशीनरी बैंक योजना के माध्यम से कृषि उपकरण खरीदने हेतु किसानों को 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी भी दी जा रही है। राज्य सरकार द्वारा, स्टेट मिलेट मिशन के माध्यम से एक निश्चित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मिलेट्स का क्रय करके विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों के किसानों को उनके मिलेट्स का सही मूल्य दिया जा रहा है। चाय बागान धौलादेवी, मुन्स्यारी और बेतालघाट को जैविक चाय बागान के रूप में परिवर्तित करने की दिशा में भी कार्य हो रहे हैं। सगंध खेती को भी बढ़ावा देने के लिए राज्य में 6 एरोमा वैली विकसित करने पर काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्लस्टर आधारित लगभग 18 हजार पॉलीहाउस का निर्माण किया जा रहा है। इससे किसानों की आय बढ़ने के साथ ही रोजगार के साधन भी बढ़ेंगे। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा आधारित खेती को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट भी स्वीकृत किया गया है। सब्जियों की तरह ही फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए भी विभिन्न स्तरों पर काम कर रही है। राज्य में एप्पल और किवी मिशन पर कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए समाज कल्याण विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। समाज में समानता, शिक्षा, स्वास्थ्य, और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना सरकार की शीर्ष प्राथमिकताओं में है। सरकारी योजनाओं और सेवाओं को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने में हमारे नव चयनित अभ्यर्थी अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद सभी भर्ती परीक्षाएं पूरी पारदर्शिता से सम्पन्न हुई हैं। पिछले साढ़े तीन साल में 20 हजार से अधिक युवाओं को राज्य की सरकारी सेवा में नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने समस्त 596 चयनित वर्ग-2 व वर्ग-3 के अभ्यर्थियों तथा उनके परिवार को बधाई दी और चयनित अभ्यर्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार दिलाने हेतु गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार भी जताया। उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि ये नव-नियुक्त अधिकारी प्रदेश के किसानों की उन्नति में अहम भूमिका निभाएंगे।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, प्रमोद नैनवाल, सचिव एस.एन.पाण्डेय, डॉ नीरज खैरवाल, महानिदेशक कृषि एवं उद्यान रणवीर सिंह चौहान, निदेशक उद्यान दीप्ति सिंह, निदेशक समाज कल्याण प्रकाश चंद एवं निदेशक कृषि के.एस. पाठक उपस्थित थे।

सीएम ने 530 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र किए वितरित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए कुल 530 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए। मुख्यमंत्री ने 352 स्वास्थ्य कार्यकर्ता (महिला ए.एन.एम) एवं उत्तराखण्ड वन विकास निगम के 178 स्केलर के पदों पर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र वितरित किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन पूरे भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। उत्तराखंड ने देश में सबसे पहले समान नागरिक संहिता कानून लागू करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। ऐसे शुभ दिन सभी लोगों को नियुक्ति पत्र देना हमारे लिए भी सम्मान की बात है। नियुक्ति पा रहे सभी लोगों के जीवन का आज एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने कहा सभी की नियुक्तियों से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ बनाने के साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी गति मिलेगी। एएनएम बहनें हमारी स्वास्थ्य सेवाओं का एक मजबूत आधार स्तंभ हैं, जो समाज के प्रत्येक परिवार और स्वास्थ्य सेवाओं के बीच एक सेतु का कार्य करती हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के लिए यह कालखंड रोजगार का कालखंड रहा है। उन्होंने कहा पहले उत्तराखंड में भर्तियों में भारी पक्षपात, धांधली और भ्रष्टाचार हुआ करता था। राज्य सरकार ने योग्य उम्मीदवारों और प्रतिभाओं का भविष्य बचाने के लिए राज्य में देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया है ।हमारा राज्य युवाओं को रोजगार देने में अग्रणी राज्य बनकर उभरा है, हमने एक वर्ष में बेरोजगारी दर में रिकॉर्ड 4.4 प्रतिशत की कमी लाने में सफलता प्राप्त की है, जो राष्ट्रीय औसत से भी अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नई एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति के बाद स्वास्थ्य सेवाओं को और अधिक बल मिलेगा। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाते हुए राज्य सरकार द्वारा आयुष्मान योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 58 लाख आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। जिसके माध्यम से, अब तक प्रदेश के 11 लाख से अधिक मरीजों को लगभग 2100 करोड़ रुपए का कैशलेस उपचार मिल चुका है। हम राज्य के प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित कर रहे हैं ताकि हमारे सुदूरवर्ती और दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को उनके जिले में ही आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता को सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने कहा वन विभाग में स्केलर के 178 पदों के लिए भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया जा रहे हैं। स्केलर की जिम्मेदारी वनों की देखभाल के साथ राज्य के पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता की सुरक्षा भी है।

इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, वन मंत्री सुबोध उनियाल, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक खजान दास, उपाध्यक्ष राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सुरेश भट्ट, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक धनजंय मोहन, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार एंव अन्य लोग मौजूद रहे।

11 लैब असिस्टेंट एवं 34 क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारियों को सीएम ने दिए नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में 45 नव चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। जिसमें गृह विभाग के अन्तर्गत 11 लैब असिस्टेंट एवं प्रान्तीय रक्षक दल विभाग के अन्तर्गत 34 क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी नव चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आज आपके जीवन की एक नई शुरुआत हो रही है। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि सभी चयनित अभ्यर्थी अपने कार्य क्षेत्र में पूरी लगन और ईमानदारी से कार्य करेंगे। अगर नियमित दिनचर्या के साथ हम कार्य शुरू करते हैं, हर राह आसान होती है। उन्होंने कहा कि 2047 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए सबको अपने कार्यक्षेत्र में विशेष योगदान देना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल में राज्य में सरकारी सेवाओं में 19 हजार से अधिक पदों पर नियुक्ति प्रदान की जा चुकी है। अनेक पदों पर भर्ती प्रक्रिया गमितान है। राज्य में सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद सभी भर्ती परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ समय पर पूरी की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य रजतोत्सव वर्ष में प्रवेश कर गया है। राज्य के समग्र विकास के लिए सरकार द्वारा आगामी 25 वर्षों की राज्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए विकास कार्य किये जा रहे हैं। आजादी के अमृत काल में उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए सभी प्रदेश वासियों का अहम योगदान होगा।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या, विधायक दिलीप रावत, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, निदेशक खेल एवं युवा कल्याण प्रशांत आर्य उपस्थित थे।

नजरियाः सौर ऊर्जा क्रांति से पलायन में लगेगी रोक, मिलेगा स्वरोजगार

गंगा- यमुना और बदरी – केदार की धरती में खामोशी के साथ सौर ऊर्जा क्रांति की नींव पड़ चुकी है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के जरिए सैकड़ों लोग अपने सोलर प्लांट सफलता पूर्वक संचालित कर रहे हैं। उत्तराखण्ड में इस समय करीब 600 मेगावाट की सौर ऊर्जा पैदा हो रही है, साथ ही 174 मेगावाट क्षमता के नए सोलर पावर प्लांट का भी आवंटन हो चुका है।

प्रदेश में पलायन रोकने के साथ ही स्वरोजगार के साधन विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार सीएम सौर स्वरोजगार योजना संचालित कर रही है। योजना के तहत एक परिवार का एक व्यक्ति 20, 25, 50, 100 या 200 किलोवॉट का एक सोलर प्लांट लगा सकता है। जिसकी पूरी उत्पादित बिजली यूपीसीएल खरीदता है। इसके लिए उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और उद्योग विभाग की एमएसएमई पॉलिसी के तहत मिलने वाली सभी छूट का लाभ प्रदान किया जा रहा है। सोलर प्लांट के लिए प्रदेश के स्थायी निवासी ही पात्र होते हैं, प्लांट की स्थापना अपनी निजी भूमि के साथ ही लीज की जमीन पर भी की जा सकती है। प्लांट लगाने के लिए सहकारी बैंक के साथ ही अन्य बैंकों के जरिए भी लोन प्रदान किया जा रहा है।

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’’उत्तराखण्ड को धूप का उपहार प्रकृति से मिला है, यहां सर्दियों में भी धूप खिली रहती है। इस कारण उत्तराखण्ड राज्य सौर ऊर्जा के लिए आदर्श है। इसीलिए सरकार सोलर प्रोजेक्ट का बढ़ावा दे रही है। इसके लिए उद्यमियों को तमाम तरह से प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सोलर प्रोजेक्ट से पलायन रोकथाम के साथ ही, गांवों की आर्थिकी बढ़ाने में कारगर साबित हुई है।’’

पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री
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सफलता की कहानी 01

उत्तरकाशी जिले में चिन्यालीसौड़ के पास टिपरी गांव निवासी आमोद पंवार ने सोलर पावर प्रोजेक्ट, खेती- बागवानी के साथ ही मत्स्य और मधुमक्खी पालन का एक सफल स्वरोजगार मॉडल खड़ा किया है। आमोद बताते हैं कि पहले ग्रिड की बिजली सप्लाई होने से, गांव में बिजली आपूर्ति अनियमित होती थी, उनका गांव टिहरी झील के ठीक सामने है। ऐसे में टिहरी बांध का गांव वालों के लिए सांकेतिक महत्व ही था, लेकिन अब सोलर प्रोजेक्ट के चलते गांव की बिजली आपूर्ति भी सुधर गई है। आमोद पंवार के मुताबिक पहाड़ में सर्दियों के दिनों में भी अच्छी धूप रहती है, इस कारण सोलर प्रोजेक्ट पहाड़ के लिए आदर्श हैं, अन्य युवाओं को भी इस दिशा में आगे आना चाहिए।

सफलता की कहानी 02

टिहरी जिले में देवप्रयाग विकासखंड के निवासी प्रताप सिंह रावत ने 2020 में खुद के नाम 400 किलोवाट का प्लांट लगाया, इसके बाद पत्नी के नाम 200 किलोवाट का प्लांट लिया। इन दोनों प्रोजेक्ट का सफलतापूर्वक रन करने के बाद वो इसी साल सीएम सौर स्वरोजगार योजना के तहत बेटे के नाम भी 200 किलोवाट की एक और अन्य परियोजना शुरु कर चुके हैं। इस तरह उनके परिवार में कुल तीन लोग हैं और तीनों के पास अपना अपना सोलर प्रोजेक्ट है। रावत कहते हैं कि इस प्रोजेक्ट की लाइफ करीब 25 साल है, इस तरह सरकार ने उन्हें घर बैठे 25 साल का रोजगार दे दिया है। उन्होंने देहरादून से वापसी अपने गांव की ओर रिवर्स पलायन कर लिया है।