एक दिन में सर्वाधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाला उत्तराखण्ड बना पहला राज्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में जीआई प्रमाण पत्रों का वितरण किया। उत्तराखंड देश का पहला राज्य है, जिसे एक दिन में सबसे अधिक 18 जीआई प्रमाण पत्र मिले हैं। अब तक उत्तराखंड के कुल 27 उत्पादों को जीआई टैग मिल चुका है। राज्य को जो 18 नये जी.आई प्रमाण पत्र मिले हैं उनमें उत्तराखण्ड चौलाई, झंगोरा, मंडुआ, लाल चावल, अल्मोड़ा लखोरी मिर्च, बेरीनाग चाय, बुरांस शरबत, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ आडू, माल्टा, पहाड़ी तोर, गहत, काला भट्ट, बिच्छूबूटी फैब्रिक, नैनीताल मोमबत्ती, कुमांऊनी रंगवाली पिछोड़ा, चमोली रम्माण मास्क तथा लिखाई वुड कार्विंग शामिल हैं। उत्तराखण्ड के नौ उत्पादों तेजपात, बासमती चावल, ऐपण आर्ट, मुनस्यारी का सफेद राजमा, रिंगाल क्राफ्ट, थुलमा, भोटिया दन, च्यूरा ऑयल तथा ताम्र उत्पाद को पहले ही जी.आई टैग प्राप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी दूरदर्शी सोच के कारण ही आज भारत सरकार से उत्तराखंड के 18 उत्पादों को भौगोलिक संकेतक टैग युक्त प्रमाण पत्र मिल पाए हैं। जिन उत्पादों को जीआई टैग प्रमाण पत्र प्रदान किये गये, उनके उत्पादकों को भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज का दिन उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक है। 2003 में जीआई कानून बनने से लेकर 2023 तक के बीस वर्षों के सफर में पहली बार एक दिन में, एक साथ किसी राज्य के 18 उत्पादों को जीआई प्रमाण पत्र निर्गत किये गए हैं। इस उपलब्धि से उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों के साथ ही कई अन्य वस्तुओं तथा इनसे संबंधित कलाकारों को काफी लाभ होने के साथ ही दुनियाभर में उत्तराखंड को अलग पहचान मिलेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जीआई टैग युक्त उत्तराखण्ड के उत्पादों का निर्यात तेजी से बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत बनाने के प्रयासों को इससे और मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के सभी जिलों में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना पर राज्य में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। इस योजना के तहत बाजार में मांग के अनुरूप कौशल विकास, डिजाइन, रॉ मैटेरियल, नई तकनीक आदि के आधार पर प्रत्येक जिले में दो उत्पादों का विकास किया जा रहा है। उत्तराखंड के सभी 13 जिलों में वहां के स्थानीय उत्पादों को पहचान कर उनके अनुरूप परंपरागत उद्योगों का विकास करना योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना से स्थानीय काश्तकारों एवं शिल्पकारों के लिए जहां एक ओर स्वरोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हर जिले के स्थानीय उत्पादों को विश्वस्तरीय पहचान मिल रही है।
कृषि एवं उद्यान मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के लिए आज का दिन बेहद हर्ष का दिन है। उन्होंने कहा उत्तराखण्ड के मोटे अनाज मण्डुआ, झंगोरा, लाल चावल सहित 18 उत्पादों को एक साथ भौगोलिक सकेंतक (जीआई टैग) प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत तथा लोकल फॉर ग्लोबल अभियान को बढ़ावा देने एवं श्रीअन्न को बढ़ावा देने के लिए जो मार्ग दर्शन दिये गये हैं, उसके अनुरूप प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने जीआई के लिए प्रयास किया। उन्होंने कहा कि राज्य को एक साथ 18 उत्पादों के जीआई टैग प्राप्त हुए हैं जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। उत्तराखण्ड के 9 उत्पादों को जीआई टैग पहले ही मिल चुका है। कृषि मंत्री ने कहा कि 12 से 18 जनवरी 2024 तक एक सप्ताह का देहरादून में प्रदेश स्तरीय जी.आई महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
इस अवसर पर उत्तराखंड मंडी परिषद एवं विपणन बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. अनिल डब्बू, प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, पद्मश्री एवं जीआई विशेषज्ञ रजनीकांत, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान और वर्चुअल माध्यम से भारत सरकार के महानियंत्रक प्रो. उन्नत पी. पंडित उपस्थित रहे।

इन्वेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियों के संबन्ध में बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय स्थित अपने सभागार में 8 एवं 9 दिसम्बर, 2023 को देहरादून में आयोजित हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक ली। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को सभी तैयारियों समय से पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिट के दौरान आयोजित हो रहे प्रत्येक इवेंट की विस्तृत रूपरेखा तैयार कर ली जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान शहर के यातायात एवं सुरक्षा से सम्बन्धित सभी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। उन्होंने कहा कि यातायात के कारण देश-विदेश से आ रहे निवेशकों के साथ ही आमजन को परेशानी न झेलनी पड़े इसका ध्यान रखा जाए। इसके लिए अन्य जनपदों से भी यातायात पुलिस की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कार्यक्रम स्थल के आसपास पार्किंग की भी समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के दौरान निवेशकों को आसपास के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण भी कराया जा सकता है। उन्होंने समिट से पहले शहर के सौन्दर्यीकरण कार्य को पूरा करने के साथ ही सड़कों की स्थिति दुरूस्त किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने बिजली, फाईबर लाइन्स एवं केबल टीवी आदि की तारों को अंडरग्राउण्ड किए जाने के भी निर्देश दिए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी. षणमुगम, विनोद कुमार सुमन एवं उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रदेश के विकास के लिए हर क्षेत्र में महिलाओं का योगदान जरूरी- धामी

हल्द्वानी स्थित एमबी इंटर कालेज में गुरुवार को ईजा-बैंणी महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसमें नैनीताल समेत अन्य जिलों से करीब 40 स्वयं सहायता समूहों ने पहाड़ी उत्पादों के स्टाल लगाए। महोत्सव में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल जिले के लिए 713 करोड़ की 66 योजनाओं का लोकार्पण और 193 योजनाओं का शिलान्यास किया।
ईजा बैंणी महोत्सव को लेकर आर्मी गेट से लेकर एमबी इंटर कॉलेज चौराहे तक पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र छोलिया और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया। तिकोनिया चौराहे से दुर्ग सिटी सेंटर चौराहे तक दोनों तरफ हजारों की संख्या में लोगों ने मुख्यमंत्री का अभिवादन किया इस दौरान स्कूली बच्चे व महिलाओं ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का महिलाओं ने दुर्गा सिटी सेंटर में फूल मालाओं के साथ कलश यात्रा कर जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम स्थल में पहुंचे मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम 713 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया तथा साथ ही प्रदेश के अन्य जनपदों के विकास योजनाओं का भी शिलान्यास व लोकार्पण वर्चुअल माध्यम से किया। इसके बाद कार्यक्रम स्थल में महिला समूहों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का निरीक्षण कर महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। जहां महिलाएं मुख्यमंत्री का स्वागत कर रहीं थी। वहीं मुख्यमंत्री ने भी महोत्सव में पहुंची महिलाओं का पुष्प वर्षा कर आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कन्या पूजन और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य के विकास के लिए महिलाओं का योगदान बहुत जरुरी है। कहा कि मातृ शक्ति के सहयोग से राष्ट्र का संपूर्ण विकास होगा। इस दौरान उन्होंने व्यवसाय के क्षेत्र में स्टार्ट अप कर रही महिलाओं से बात कर महिला समूहों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से उत्कृष्ट महिला उद्यमी महिलाओं को सम्मानित किया। जिसमें लीला मटियाली, कमला नेगी, कृति, मिनाक्षी खाती, श्रद्धा कांडपाल, हेमा परगांई, कमला नेगी, पूजा रावत, कमला अरोड़ा, गुंजन, निर्मला देवी, कोमल अधिकारी, मनोरमा, खष्टी राघव को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने की घोषणाएं
ईजा बैंणी महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिले के लिए कई महत्त्वपूर्ण घोषणाएं की। जिसमें मुख्य रूप से जम्मू कश्मीर राजौरी में शहीद संजय बिष्ट की याद में रातीघाट स्थित इंटर कालेज को शहीद संजय बिष्ट इंटर कालेज के साथ हली मोटर मार्ग को शहीद संजय बिष्ट के नाम से जानने की घोषणा की। साथ ही राजकीय इंटर कालेज कालाढूंगी में सड़क का विस्तार, हल्द्वानी गौवंश संरक्षण के लिए जल्द ही गौशाला निर्माण, शीशमहल स्थित फिल्टर प्लांट का क्षमता विकास, रानीबाग पुल का निर्माण करने की बात कही।

हल्द्वानी हरित कोयला परियोजना
नगर निगम हल्द्वानी-काठगोदाम एवं एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड (एनवीवीएन) के मध्य एमओयू किया गया। अनुमानित परियोजना लागत 230 करोड है जिसे एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड एनवीवीएन), एनटीपीसी लिमिटेड द्वारा ही वहन किया जाना है। यह उत्तराखंड की प्रथम सुविधा है जो नगरीय ठोस अपशिष्ट को हरित चारकोल में बदलेगी। गौला रौखड़ (गौला बायपास रोड), हल्दवानी में प्लांट प्रस्तावित है।
भारत सरकार के द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करने के लिए हल्द्वानी में एक ‘वेस्ट टू चारकोल’ सुविधा स्थापित की जाएगी। जिसमें नगर निगम द्वारा एकत्रित किया गया 500 टन प्रति दिन (टीपीडी) नगरीय ठोस अपशिष्ट (एम.एस.डब्ल्यू.) को चारकोल में प्रसंस्कृत किया जायेगा। यह सुविधा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगी और भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान का समर्थन करेगी।
यह परियोजना हल्द्वानी के लिए महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करेगी, जो कूड़े से मुक्त शहरों के रूप में होगा, जो भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा। इस परियोजना से कार्बन उत्सर्जन में 1.5 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड में कमी की उम्मीद है।

पहाड़ी उत्पादों की अम्मा की रसोई का लिया स्वाद
पहाड़ का मोटा अनाज यानी श्री अन्न द्वारा निर्मित स्वादिष्ट व्यंजनों का स्टालों से प्रदर्शन किया गया। महोत्सव में पहुंचे लोगों ने झंगोरे की खीर, मंडवे की पूरी, पिंडालु, दाल के पकोड़े, गहथ के दुबके आदि का स्वाद लिया। राज्य के उत्पाद अपने स्वाद के साथ ही पौष्टिकता से भरपूर है। जहां कंडाली का सेवन एनीमिया में फलदायक है वही मंडवे में दूध से अधिक कैल्शियम पाया जाता है।

हथकरघा, ऐपण, स्वयं सहायता समूह के लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी
महोत्सव में लाइव कला का प्रदर्शन कर रहे कुम्हार के साथ घड़ा बनाने में हाथ बढ़ाकर मुख्यमंत्री ने कारीगरों का मनोबल और मान बढ़ाया। वहीं वोकल फॉर लोकल उत्पादों का प्रोत्साहित भी किया। उन्होंने कहा कि लोकल उत्पाद पहाड़ की पहचान के साथ ही राज्य की आर्थिकी में भी सहायक है। विदेशों में उत्तराखंड के हथकरघा और हस्तकला की मांग बढ़ती जा रही है। हमें राज्य की कलाओं को संरक्षण और संवर्धन के साथ ही बेहतर ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर भी कार्य रहे है जिससे कलाकारों को उनके उत्पादों की विदेशों के साथ ही देश में भी उचित दाम मिल सके। महोत्सव में लगभग 40 स्टालों की प्रदर्शनी लगाई गई और उनकी अच्छी खासी बिक्री भी हुई।

नंदा गौरा योजना की तिथि बढ़ाई
महोत्सव में पहुंची महिला सशक्तिकरण एवम् बाल विकास मंत्री और नैनीताल प्रभारी रेखा आर्या ने महिला समूहों और महिला हित के लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को बताया। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं छोटे छोटे उद्योग और पहाड़ी उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भर बन रही है। जो कि राज्य के लिए गर्व की बात ही। उन्होंने कहा कि नंदा गौरा योजना की आवेदन तिथि 20 दिसंबर बढ़ा दी गई। इच्छुक प्रतिभागी 20 दिसंबर तक आवेदन कर सकती हैं।

जिलाधिकारी वंदना चौहान ने मातृशक्ति को संबोधित करते हुए कहा आज के समय में महिलाओं को उद्योग से जुड़ने के लिए संसाधन बहुत हैं। साथ ही सरकार भी महिलाओं को सशक्त बनाने के हर संभव कार्य कर रही है। समाज में कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराईयों और कुरुतियों को हटाने के लिए हम सबको आगे आना होगा।

मुख्यमंत्री ने कनिष्ठ सहायक के पदों पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को प्रदान किये नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कनिष्ठ सहायक के पद पर चयनित 16 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। इनमें महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के 12 तथा संस्कृति विभाग के 4 अभ्यर्थी शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से आपके जीवन का नया अध्याय प्रारम्भ हो रहा है। आप सबकी कड़ी मेहनत तथा माता पिता एवं गुरूजनों के आशीर्वाद से आपको यह सफलता मिली है। इस सफतला के बाद आपको नये जीवन में मानक तय करने होंगे। अपनी प्रतिभा, क्षमता तथा योग्यता के बल पर अपनी कार्य पद्धति में अपना सर्वाेत्तम देने का प्रयास करना होगा। अपने कार्यक्षेत्र में पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ नये जीवन की शुरुआत आत्म अनुशासन और नियमित दिनचर्या के साथ करें। जन सेवा करने का आप सबको जो अवसर मिला है, इसमें अपनी सामर्थ्य का पूरा उपयोग करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य का जीवन अमूल्य है। कई जन्मों के बाद मनुष्य जीवन प्राप्त होता है। इसे ईश्वर का वरदान समझे तथा अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा के साथ करें। इससे आप सभी को आत्म संतोष भी प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अच्छे एवं बुरे कार्यों का पूरा हिसाब ईश्वर रखते है इसलिये अपने कार्यक्षेत्र में भूलकर भी गलत कार्य न करें। आपके अच्छे कार्यों का लाभ आपको तो मिलेगा ही इससे समाज भी लाभान्वित होता है।

इस अवसर पर सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास हरिचन्द सेमवाल, निदेशक महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास प्रशान्त आर्य, निदेशक संस्कृति बीना भट्ट सहित अन्य अधिकारी एवं नियुक्ति पत्र प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी उपस्थित थे।

हर्बल अरोमा टूरिज्म पार्क के विस्तार की कार्ययोजना बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में प्रदेश के वन पंचायत में जड़ी-बूटी उत्पादन के सम्बन्ध में सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक आयोजित हुयी। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वन पंचायतों एवं वन से लगे क्षेत्रों में जड़ी-बूटी के उत्पादन की दिशा में कार्य शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इसके लिए शीघ्र ही एक फेडरेशन का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी ऐसी इच्छुक वन पंचायतों को, जो हर्बल अरोमा टूरिज्म पार्क के लिये मानदंडों को पूरा करता है, इसमें शामिल किया जाये। इसके लिए डीएफ़ओ के माध्यम से शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिये गए। उन्होंने कहा कि वन पंचायतों के क्षेत्र विस्तार (बड़ी वन पंचायतें) के बजाय इच्छुक वन पंचायतों को प्राथमिकता दी जाए, इससे सफलता की अधिक संभावनाएं हैं। उन्होंने छोटे और बड़ी मूल्य संवर्धन इकाइयों पर भी फोकस किए जाने के निर्देश दिये। कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक वैल्यू एडिशन यूनिट तैयार की जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि किस विभाग और अधिकारी को क्या करना है इसकी जानकारी के लिए अगले दो तीन सप्ताह में वर्कशॉप का आयोजन कर लिया जाए। उन्होंने प्रत्येक स्तर पर जो भी कार्य होने हैं उसके लिए तिथि सहित समय सीमा निर्धारित कर ली जाए। उन्होंने औषधीय पौधों की नर्सरी भी समय से तैयार हो जाएं इसके लिए भूमि चयन एवं अन्य तैयारियां भी साथ साथ शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि इसमें जिलाधिकारी एवं डीएफओ को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। इसके लिए डीएम, डीएफ़ओ एवं ज़िला उद्यान अधिकारी लगातार बैठकें आयोजित कर योजना को गति देने का कार्य करें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, पीसीसीएफ डॉ. धनंजय मोहन, सीसीएफ डॉ. पराग मधुकर धकाते, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं निदेशक सेंटर फॉर एरोमैटिक प्लांट डॉ. निरपेंद्र चौहान सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना को समय से पूरा करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने गुरूवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत प्रदेश में बन रही सड़कों और पुलों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों को जोड़ने के लिए बनायी जा रही यह सड़कें बहुत ही महत्त्वपूर्ण हैं, इनका निर्धारित समयसीमा के अंदर बनाया जाना अति महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने इन सड़कों का कार्य पूरा करने के लिए जिलाधिकारी एवं डीएफओ को उच्च प्राथमिकता पर लेकर इन सड़कों का निर्माण प्रत्येक स्थिति में पूर्ण करने पर जोर दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि सभी जिलाधिकारी एवं डीएफओ लगातार बैठकें आयोजित कर योजनाओं के पूर्ण होने में आ रही समस्याओं को निस्तारित कर कार्य पूरा कराएं। उन्होंने कहा कि कम समय में अधिक कार्य पूरा करने के लिए 2 या 3 शिफ्ट में कार्य पूरा कराया जा सके इसकी संभावनाएं भी तलाशी जाएं। उन्होंने मुख्य अभियंता एवं अन्य उच्चाधिकारियों को मौके पर जाकर समस्याओं के निस्तारण के निर्देश भी दिए। उन्होंने विभिन्न कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए बनाए गए नोडल अधिकारियों को लगातार सम्बन्धित से सम्पर्क कर समस्याओं के निस्तारण किए जाने की बात कही।
मुख्य सचिव ने कहा उच्च प्राथमिकता के कार्यों को रूटीन कार्यों की भांति न कर प्रतिदिन उसके लिए समय निकालने की आवश्यकता है। कहा कि प्रतिदिन कार्यों में लगे श्रमिकों एवं मशीनों की संख्या की जानकारी लेकर बचे काम को समय पर समाप्त करने के लिए कितने श्रमिकों को बढ़ाने की आवश्यकता है, इसकी रिपोर्ट मांगी जाए।
इस अवसर पर सचिव राधिका झा सहित सम्बन्धित विभाग के अन्य अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए सचिवालय में खुला आउटलेट

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में मिलेट बेकरी आउटलेट का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य के मोटे अनाजों पर आधारित उत्पादों को बढ़ावा देने और महिला स्वयं सहायता समूहों की आजीविका में वृद्धि करने के उद्देश्य से सचिवालय परिसर में मिलेट बेकरी का आउटलेट शुभारंभ किया गया है।
राज्य में ग्रामीण महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा स्थानीय मंडुआ, झंगोरा, ज्वार, चौलाई इत्यादि अनाजों के उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इन उत्पादों के मूल्य संवर्धन के लिए जनपद देहरादून के रायपुर ब्लॉक तथा जनपद पौड़ी के पौड़ी ब्लॉक में 2 मिलेट उत्पादों की बेकरी प्रारम्भ की गयी है। मिलेट बेकरी में मंडुआ तथा झंगोरा का प्रसंस्करण कर बिस्किट, ब्रेड तथा पिज्जा बेस व अन्य उत्पाद तैयार किये जा रहें है। अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के अन्तर्गत स्थानीय मोटे अनाजों के उत्पादन और उपभोग को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य में अनेक कार्यक्रम किये जा रहे हैं।
राज्य सरकार द्वारा महिला स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। वर्ष 2025 तक सवा लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 40 हजार 270 महिलायें लखपति दीदी बनायी जा चुकी है। चयनित स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को बेकरी विशेषज्ञ के माध्यम से बेकरी उत्पाद हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिससे अधिक संख्या में समूहों द्वारा बाजार की मांग के अनुरूप उच्च गुणवत्ता तथा पोषण से युक्त बेकरी उत्पाद तैयार कर लोगों को उपलब्ध करा सके।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव राधिका झा एवं ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने मिट्टी के दिये खरीदे, किया डिजिटल माध्यम से भुगतान

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को कुम्हार मंडी क्षेत्र का भ्रमण कर दीपावली के अवसर पर मिट्टी के दिये व अन्य सामान तैयार करने वाले कुम्हारों से मिले तथा उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी मिट्टी के दिये क्रय कर सभी से मिट्टी के दिये क्रय करने तथा दीपावली पर मिट्टी के दिये जलाने की अपील की। उन्होंने कहा कि मिट्टी के दिये दीपावली के पर्व को पावनता प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों के घरों में दीपावली पर जलने वाले दिये कुम्हारों की खुशहाली तथा आर्थिक समृद्धि का भी माध्यम बनते हैं।
मुख्यमंत्री ने क्रय किये गये दियों का डिजिटल माध्यम से भुगतान करते हुए, उन्होंने कहा कि डिजिटल ट्रांजेक्शन देश में तेजी से बढ़ा है। भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजेक्शन करने वाला देश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने डिजिटलाईजेशन के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। कुछ वर्षों में यूपीआई तेजी से हमारी अर्थव्यवस्था और आदतों का हिस्सा बन गया है। यह डिजिटल भारत की नींव है, यह अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का माध्यम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दीपावली पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए स्थानीय उत्पादों के प्रचार एवं प्रसार को हम सभी अधिक से अधिक बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की पूर्ति में भी अपना योगदान दे सकते हैं इससे हमारे पारम्परिक उत्पादों को भी पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में लोग यदि स्थानीय उत्पादों के क्रय पर ध्यान दे तो हमारा देश भी आर्थिक रूप से मजबूत बनेगा तथा स्थानीय उत्पादकों का बनोबल भी बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री ने सुख, समृद्धि और संपन्नता के प्रतीक दीपावली के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुये कहा कि माँ लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश जी के आशीर्वाद से सभी के जीवन में सुख समृद्धि, शांति एवं आरोग्य का संचार हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली का पर्व मर्यादा एवं सद्भावना का भी संदेश देता है। दीपों का यह त्योहार भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास के पश्चात वापस अयोध्या आने से भी जुड़ा है। दीपावली का पर्व बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। दीपावली का यह पर्व हम सबके जीवन को प्रकाशमय करने के साथ हम सबके जीवन में धन, ऐश्वर्य और संपन्नता लेकर आये, इसकी भी उन्होंने कामना की है।

इन्वेस्टर्स समिट के रोड शो में किये गये एमओयू को धरातल पर उतारने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में राज्य के विकास कार्यों में तेजी लाने एवं रोजगार सृजन को बढ़ाने के लिए शासन के उच्च स्तरीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के तहत अब तक हुए रोड शो में जो करार हुए हैं, उन करारों की ग्राउंडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि देहरादून में 8 और 9 दिसम्बर 2023 को होने वाले आयोजन से पहले अधिकांश कार्य धरातल पर उतरें, इसके लिए तेजी से कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए नीतियों में और सरलीकरण की जरूरत है, तो इसके लिए प्रस्ताव लाये जाएं। राज्य में जिन निवेश प्रस्तावों से अधिक रोजगार सृजन हो सकता है और राज्य की परिस्थितियों के हिसाब से जो प्रस्ताव अधिक अनुकूल हैं, उनको शीर्ष प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए हवाई कनेक्टिविटी को और विस्तार देना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जॉलीग्रांट एयरपोर्ट और पंतनगर एयरपोर्ट को अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की दिशा में राज्य स्तर से की जाने वाली समस्त कार्यवाही शीघ्र की जाएं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि पिथौरागढ़ के नैनीसैनी हवाई पट्टी से नियमित हवाई सेवा संचालित करने के लिए की जा रही कार्यवाही में तेजी लाई जाए। इन सभी गतिविधियों में फास्ट ट्रेक मोड में कार्य किया जाए। राज्य में रोपवे निर्माण से संबधित कार्यों में भी तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य किये जाएं। राज्य में गढ़वाल मंडल और कुमांऊ मण्डल आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत दोनों मण्डलों में कनेक्टिविटी के विस्तार के लिए भी तेजी से कार्य किये जाएं। मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत प्रथम चरण में चयनित मंदिरों के लिए मास्टर प्लान के आधार पर कार्यों में तेजी लाई जाय।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 28 नवम्बर से 1 दिसम्बर 2023 तक देहरादून में होने वाले 6वें विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन की सभी तैयारियां समय पर सुव्यवस्थित तरीके से की जाएं। उन्होंने कहा कि राज्य में आपदा प्रबंधन की दृष्टि से यह बड़ा आयोजन होना है। अनेक देशों से आपदा प्रबंधन से जुड़े विशेषज्ञ इस आयोजन में प्रतिभाग करेंगे। उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान बनाने का राज्य के पास अच्छा अवसर है।
मुख्यमंत्री ने आने वाले त्योहारों के दृष्टिगत कानून व्यवस्था की समीक्षा भी की। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि कानून व्यवस्था में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, विनय शंकर पाण्डेय, एस.एन. पाण्डेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी. अंशुमन, अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, युगल किशोर पंत, सी. रविशंकर, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, महानिदेशक यू कॉस्ट प्रो. दुर्गेश पंत, अपर सचिव जे.सी काण्डपाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

उद्योगपतियों को समस्याओं का समाधान करने का दिया आश्वासन

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के प्रतिनिधिमंडल एवं विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान इंडस्ट्रियल एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड द्वारा मुख्य सचिव को विभिन्न समस्याओं द्वारा अवगत कराया गया। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उनकी समस्याओं के निस्तारण के लिए प्राथमिकता से कार्य किया जाए।
मुख्य सचिव ने ऊर्जा निगमों से सम्बन्धित समस्याओं के निस्तारण के लिए अधिशासी अभियंता स्तर पर प्रत्येक तीन माह में इंडस्ट्री के साथ बैठक कर उनकी समस्याओं के निस्तारण किए जाने के निर्देश दिये। उन्होंने सिंगल विंडो सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए अन्य राज्यों द्वारा किए जा रहे प्रयासों को अपनाकर विभिन्न विभागों द्वारा दी जाने वाली स्वीकृतियों को शीघ्रातिशीघ्र उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेश भर में प्लास्टिक कचरा निस्तारण के लिए क्यूआर कोड सहित उद्योग संघ द्वारा सुझाये उपायों एवं अन्य उपायों पर भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश को प्लास्टिक मुक्त किए जाने के लिए प्रदेश सरकार, इंडस्ट्रीज एवं आमजन को मिलकर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव मीनाक्षी सुंदरम, विनय शंकर पाण्डेय, सदस्य सचिव उत्तराखण्ड पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड सुशांत पटनायक, अपर सचिव रोहित मीणा, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता सहित एसोसिएशन के अन्य सदस्य एवं सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।