शिवराज और धामी ने मिल पुराने दिनों को किया याद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बृहस्पतिवार को देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से पौधा भेंट किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ व प्रतीक चिह्न भेंट किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर स्थित शौर्य दीवार पर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इसके पश्चात उत्तराखंड के मुख्यमंत्री एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने देव संस्कृति विश्वविद्यालय परिसर में मौलश्री के पौधे का रोपण भी किया।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पाण्डया, जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत उपस्थित रहे।

ऋषिकेश में राष्ट्रपति ने परिवार सहित गंगा आरती की

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द रविवार सायं को भारत की पहली महिला सविता कोविंद तथा अपनी पुत्री के साथ परमार्थ निकेतन आश्रम पहुंचे। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के पावन सान्निध्य में ऋषिकुमारों और आचार्यों ने तिलक लगाकर, पुष्प वर्षा और शंख ध्वनि से सभी का दिव्य स्वागत किया।
स्वामी चिदानंद मुनि ने पवित्र रुद्राक्ष का पौधा और इलायची की माला से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। आरती के पश्चात राष्ट्रपति और प्रथम महिला सविता कोविंद और उनकी बेटी ने गंगा में दीप प्रवाहित किये तत्पश्चात भारत के राष्ट्रगान के गायन के साथ गंगा आरती समारोह का समापन हुआ।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सायंकाल परमार्थ निकेतन की विश्व विख्यात मां गंगा जी की आरती में सहभाग कर वैश्विक परिवार को सम्बोधित किया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि काफी वर्षों से उनकी काफी इच्छा थी कि वह गंगा आरती में शामिल हो सकें, फिर कोरोना महामारी के कारण भी कार्यक्रम टलता गया, आज उन्हें अपार खुशी है कि उनकी अधूरी इच्छा पूर्ण हुई है, यह हद्वय को स्पर्श करने वाला क्षण है। राष्ट्रपति ने कहा कि मां गंगा के बारे में जितना भी कहा जाए वह कम है, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मां गंगा भारत की अस्मिता है, गंगा मां के बिना भारत वर्ष अधूरा है व भारत के बिना मां गंगा अधुरी है। यह मिश्रण अथवा एक दूसरे के पूरक रूपी वरदान सृष्टि कर्ता ने केवल और केवल भारत मां को दिया है।
कार्यक्रम में परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज के साथ चर्चा करते हुये राष्ट्रपति ने स्वामी जी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में चलाए जा रहे विभिन्न सेवा कार्याे पर विस्तृत चर्चा की।
स्वामी मुनि ने माननीय राष्ट्रपति का स्वागत करते हुये उनके जीवन की अविश्वसनीय जीवन यात्रा, राष्ट्र की सेवा के लिए उनकी प्रतिबद्धता और उनके अद्भुत नेतृत्व के साथ कुम्भ मेला प्रयागराज यात्रा की स्मृतियों को ताजा किया। यह यात्रा स्वयं से वयं की यात्रा है, अनेकता से एकता की यात्रा है।
परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने बताया कि वर्ष 1953-54 में भारत के प्रथम राष्ट्रपति राजेन्द्र प्रसाद और डॉ सर्वपल्ली राधा कृष्णन के अभिनन्दन का भी सौभाग्य प्राप्त हुआ था। वर्ष 2019 प्रयागराज कुम्भ मेला में परमार्थ निकेतन शिविर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिनन्दन और सान्निध्य का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
आज के दिव्य कार्यक्रम में मां गंगा, सभी जल निकायों और हमारी प्रकृति, पर्यावरण के संरक्षण और संवर्द्धन हेतु पूज्य स्वामी से प्रेरित होकर विश्व प्रसिद्ध ग्रैमी पुरस्कार नामांकित, भक्ति गायिका स्नातम कौर द्वारा लिखित और उनके साथ ही ग्रैमी पुरस्कार नामांकित देवा प्रेमल और मितेन, कृष्णा दास, सीसी व्हाइट और अन्य साथियों द्वारा गाया गया एक दिव्य गान ‘गंगा गान’ (गंगा एंथम) गंगा आरती के दौरान प्रस्तुत किया गया।
कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री/सांसद गढ़वाल तीरथ सिंह रावत, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी रेणुका देवी, मुख्य विकास अधिकारी प्रशांत आर्य, ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव डॉ. साध्वी भगवती सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

पतंजलि के प्रथम दीक्षांत समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति, छात्रों को दी उपाधि

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने पतंजलि विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रथम दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव, कुलपति आचार्य बालकृष्ण, संकाय अध्यक्षा डॉ. साध्वी देवप्रिया उपस्थित थे।
राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि आधुनिक विज्ञान के साथ हमारी परंपरा की प्रासंगिक ज्ञान-राशि को जोड़ते हुए भारत को नॉलेज सुपर पावर बनाने का जो लक्ष्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने निर्धारित किया है उस मार्ग पर पतंजलि विश्वविद्यालय अग्रसर है। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं तथा स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी की उपाधियां प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में हरिद्वार की पावन धरती पर रहने का और शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलना बड़े सौभाग्य की बात है। पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति स्वामी रामदेव जी ने योग की लोकप्रियता को बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। भारत सरकार के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2015 में प्रतिवर्ष 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। ऐसे प्रयासों के परिणामस्वरूप सन 2016 में ‘योग’ को यूनेस्को द्वारा‘विश्व की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’ की सूची में शामिल किया गया है। राष्ट्रपति ने क्यूबा का उदाहरण देते हुए कहा कि योग को विश्व के हर क्षेत्र और विचारधारा के लोगों ने अपनाया है। राष्ट्रपति ने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं उनसे भारतीय ज्ञान-विज्ञान, विशेषकर आयुर्वेद तथा योग को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में विश्व-पटल पर गौरवशाली स्थान प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। मुझे यह देखकर प्रसन्नता होती है कि पतंजलि समूह के संस्थानों में भारतीयता पर आधारित उद्यमों और उद्यम पर आधारित भारतीयता का विकास हो रहा है।
राष्ट्रपति ने उपाधि प्राप्त विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि आलस्य और प्रमाद को त्याग कर आप सब योग-परंपरा में उल्लिखित ‘अन्नमय कोष’, ‘मनोमय कोश’ और‘प्राणमय कोश’ की शुचिता हेतु सचेत रहेंगे। और ‘विज्ञानमय कोश’ और ‘आनंदमय कोश’ तक की आंतरिक यात्रा पूरी करने की महत्वाकांक्षा के साथ आगे बढ़ेंगे। करुणा और सेवा के आदर्शों को आप अपने आचरण में ढाल कर समाज सेवा करते रहेंगे। करुणा और सेवा के अद्भुत उदाहरण हमारे देशवासियों ने कोरोना का सामना करने के दौरान प्रस्तुत किए हैं। आज हम गर्व के साथ यह कह सकते हैं कि हमारा देश विश्व के उन थोड़े से देशों में से है जिन्होंने न सिर्फ कोरोना के मरीजों की प्रभावी देखभाल की है अपितु इस बीमारी से बचाव हेतु वैक्सीन का भी उत्पादन किया है। हमारे देश में विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है। सृष्टि के साथ सामंजस्यपूर्ण जुड़ाव ही आयुर्वेद एवं योग-शास्त्र का लक्ष्य है। इस सामंजस्य के लिए यह भी आवश्यक है कि हम सभी प्रकृति के अनुरूप जीवनशैली को अपनाएं तथा प्राकृतिक नियमों का उल्लंघन न करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि आज जब हम आज़ादी का अमृत महोत्सव बना रहे हैं, तब हमें अपने ऐसे विश्वविद्यालयों और शिक्षण संस्थानों को और भी अधिक प्रोत्साहन देना चाहिए जो हमारी संस्कृति को आधुनिक परिप्रेक्ष्य में नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। यह विशेष रूप से उल्लेखनीय तथ्य है कि पतंजलि विश्वविद्यालय में छात्रों की अपेक्षा बेटियों की संख्या अधिक है। यह प्रसन्नता की बात है कि परंपरा पर आधारित आधुनिक शिक्षा का विस्तार करने में हमारी बेटियां अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। मुझे विश्वास है कि आप सभी छात्राओं में से आधुनिक युग की गार्गी,मैत्रेयी, अपाला, रोमशा और लोपामुद्रा निकलेंगी जो भारतीय मनीषा और समाज की श्रेष्ठता को विश्व पटल पर स्थापित करेंगी।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से. नि.) ने कहा कि आज हम सभी देवभूमि वासियों के लिये सौभाग्य और प्रसन्नता का क्षण है। महामहिम राष्ट्रपति जी की उपस्थिति से आज यह विद्या और ज्ञान का मन्दिर पंतजलि विश्वविद्यालय तथा हमारा पूरा उत्तराखण्ड परिवार गरिमामय हो गया है। देवभूमि उत्तराखण्ड की पावन धरती, यहां के सुन्दर पर्वत, नदियां और सभी लोग महामहिम राष्ट्रपति जी का आभार व्यक्त करते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने योग एवं आयुर्वेद को दुनियाभर में एक नई पहचान दी है। वे बधाई के पात्र है। स्वामी रामदेव जी ने आयुर्वेद व योग का महत्व पूरी दुनिया को बताया। वे योग एवं आयुर्वेद के माध्यम से हेल्थ सेक्टर में क्रांति लाए हैं। भविष्य में विश्व के 7 बिलियन लोग इसका लाभ उठाएंगे। उन्होंने इसे जन-जन तक पहुंचाने का महान कार्य किया है। आज बच्चे, बुजुर्गाे सहित सभी लोगों में योग लोकप्रिय हो चुका है। प्राणायाम और योगासनों की शक्तियों को पूरा विश्व पहचान चुका है। राज्यपाल ने कहा कि आयुर्वेद तथा योग ने भारत को कोविड काल की चुनौतियों के लिये भी तैयार किया। जहां पूरा विश्व कोविड के कारण बुरी तरह प्रभावित रहा। योग एवं आयुर्वेद के कारण भारत ने इस चुनौती का सामना बेहतर ढंग से किया। राज्यपाल ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आज इस दीक्षांत समारोह में डिग्रीयां लेने वाले विद्यार्थी अपने राष्ट्र, प्रदेश और समाज की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। आप अपनी शिक्षा, प्रतिभा एवं प्रशिक्षण का उपयोग मानव कल्याण के लिये करेंगे। आशा है कि हमारे यह स्वास्थ्य योद्धा आने वाली चुनौतियों का सामना सफलतापूर्वक करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का अर्थ शिक्षा की समाप्ति नही है। शिक्षा तो जीवनभर निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है। आज पूरा विश्व असीमित संभावनाओं और अवसरो से युक्त है। युवा पीढ़ी से अपेक्षाएं है कि आउट ऑफ द बाक्स थिकिंग और अपनी नई कल्पनाओं के साथ प्रत्येक क्षेत्र में असीमित परिणाम देंगे। मुझे यह देखकर खुशी होती है कि आज बड़ी संख्या में युवा संस्कृत भाषा, योग, आयुर्वेद, नैचुरोपेथी तथा प्राचीन भारतीय विधाओं को पढ़ना और सीखना चाहते हैं। ऐसे युवा यदि इन्फोर्ममेशन टेक्नॉलॉजीए डिजिटिजेशन, सोशल मीडिया एवं मास मीडिया में भी विशेषज्ञता प्राप्त कर लेते हैं तो यह हमारी प्राचीन विधाओं को नई ऊंचाईयों तक ले जाएंगा। युवाओं के द्वारा सोशल मीडिया तथा मास मीडिया का सदुपयोग इन समृद्ध विधाओ के प्रचार प्रसार किया जा सकता है। मेरा मानना है कि योग और आयुर्वेद के विद्यार्थी हमारी सभ्यता, संस्कृति के ब्राण्ड अम्बेसडर भी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि योग और आयुर्वेद हमारी सरल, सहज एव शाश्वत तथा सम्पूर्ण चिकित्सा विज्ञान है। हमे जन-जन तक इस बात को पहुंचाना है। योग और आयुर्वेद को विश्व की एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति के रूप में स्थापित करना है। यह महान उत्तरदायित्व भी आपके ऊपर ही है। राज्यपाल ने कहा कि आज हमारे समक्ष सतत विकास के साथ ही संतुलित विकास की भी चुनौती है। विद्यार्थियों से मेरा आग्रह है कि यदि आपकी शिक्षा, प्रतिभा और विजन का लाभ हमारे देश के पिछडे़ क्षेत्रों, दूरस्थ गांवों, समाज के वंचित और निर्धन तबकों को मिले तो यह आपके जीवन को एक नया अर्थ देगा। विशेषकर उत्तराखण्ड के संदर्भ में यहां की शिक्षित युवाओं को स्थानीय उत्पादों, शिल्पों, संस्कृति और सोच विचार पर आधारित उद्यमों के लिये कार्य करना चाहिये। निश्चित ही आप राज्य में रिवर्स माइग्रेशन का नया अध्याय लिखेंगे। राज्यपाल ने कहा कि आशा है कि भविष्य में आप अपने सेवा क्षेत्र में नैतिक मूल्यों, मानवीयता, विश्व कल्याण और सेवा को सर्वाेच्च प्राथमिकता देंगे। आप सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की सोच के साथ कार्य करेंगे। आप प्रोफेशनल एथिक्स के साथ ही अपने क्षेत्रों में उत्कृष्ट से उत्कृष्ट प्रयास करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रपति का देवभूमि और गंगा नगरी में आगमन पर स्वागत करते हुए कहा कि हमारे महामहिम राष्ट्रपति जी का जीवन एक प्रेरणा पुंज के समान है। ये हमें बताता है कि व्यक्ति में यदि दृढ़ संकल्प, आत्मविश्वास, साहस और इच्छाशक्ति हो तो वो बड़े से बड़े लक्ष्य को भी हासिल कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम जहां एकत्रित हुए हैं ये वो स्थान है जिसने दुनिया भर योग के प्रचार-प्रसार को एक नया आयाम और एक नया विस्तार दिया है। जिस प्रकार महर्षि दधीचि के तप का उपयोग कर वज्र का निर्माण हुआ उसी प्रकार स्वामी रामदेव अपने संघर्ष और तप से योग, प्रणायाम, अध्यात्म और स्वदेशी चिंतन की पताका को पूरे विश्व में फहरा रहे हैं। साथ ही इस अवसर पर मैं आभार प्रकट करना चाहुंगा आचार्य बालकृष्ण का भी जो कि अपने प्रबंधन कौशल तथा आयुर्वेद के ज्ञान से इस भारतीय चिकित्सा पद्धति और योग क्रांति को पूरे विश्व में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज योग भारतीय संस्कृति के ध्वजारोहक के रूप दुनिया भर में इस सत्य को पुर्नःस्थापित कर चुका है कि भारतीय परम्पराएं, भारतीय दर्शन और हमारे ऋषि मुनियों द्वारा अपनाई और तय की गई जीवन पद्धति कितनी वैज्ञानिक और हितकारी थी। योग केवल शारीरिक ही नहीं मानसिक और भावनात्मक विकारों को भी दूर करता है। यूं तो योग सदियों से विश्व में अपना डंका बजा रहा है लेकिन जो ख्याति प्रधानमंत्री के प्रयासों से इसने हासिल की है वो अभूतपूर्व है। ये आदरणीय मोदी की ही पहल थी कि 21 जून 2015 को दुनिया में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। यशश्वी प्रधानमंत्री का कथन है कि हमें खुद भी योग का संकल्प लेना है और दूसरों को भी इस संकल्प से जोड़ना है। “योग से सहयोग“ तक का मंत्र हमें भविष्य का नया मार्ग दिखाएगा और मानवता को सशक्त करेगा। उत्तराखंड में हम लगातार उनके इस मंत्र पर चलने और इसे सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पथ प्रदर्शक दीनदयाल उपाध्याय जी ने जो ’अंत्योदय’ का जो मन्त्र हमें दिया है लगातार उसको अपना कर हम अपनी योजनाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। इस दिशा में हमें सफलता भी मिली है और हमारी ये यात्रा निरंतर जारी है। उत्तराखंड उन सपनों को साकार करने की राह पर आगे बढ़ रहा है जो सपने इसके निर्माण के दौरान देखे गए थे। एक सैनिक पुत्र होने के नाते, मैं उत्तराखंड के सैनिक परिवारों की अपेक्षाओं और उम्मीदों को पूरा करने के लिए भी प्रयत्नशील हूँ। हम निरंतर उन कामों को कर रहे हैं जिनका सीधा सरोकार जनता से है, उनकी भलाई से है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि वर्ष 2025 में जब हम राज्य स्थापना के 25 वर्ष का जश्न मना रहे होंगे तब तक हम उत्तराखंड को हर क्षेत्र में नंबर वन बना लेंगे। प्रधानमंत्री ने भी कहा है और मैं भी उनके ही कथन को दोहरा रहा हूं कि आने वाला दशक उत्तराखंड का दशक होगा और इस दशक में हम आप सभी के सहयोग से नई बुलंदियों को छुएंगे। प्रदेश की जनता ने हमेशा हम पर विश्वास जताया है और मुझे पूरी आशा है कि उनका ये विश्वास हम पर आगे भी यूं बना रहेगा।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, विधायक आदेश चौहान, सुरेश राठौर, प्रदीप बत्रा, मेयर रूड़की गौरव गोयल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, उपाधि प्राप्तकर्ता विद्यार्थी एवं अन्य गणमान्य मौजूद रहे।

धामी ने प्रतापनगर क्षेत्र के विकास के लिए की कई घोषणाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद के प्रतापनगर के सेम-मुखेम स्थित गड़वागीसौड़ मैदान में आयोजित श्री सेमनागराजा त्रिवार्षिक मेला एवं जात्रा सेममुखेम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने श्री सेमनागराजा को नमन करते हुए कहा कि जब से नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने है तब से भारत का पूरे विश्व में वर्चस्व बढ़ा है। आज पूरी दुनिया योग को स्वीकार करती है। इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ही जाता है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत की पूरी दुनिया में एक नई पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के द्वारा हमारे राज्य में भी धार्मिक पर्यटन सहित राज्य की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्य किये जा रहे है। प्रदेश में चारधाम यात्रा मार्ग का निर्माण एवं रेलवे लाइन निर्माण जैसे प्रमुख कार्य इसका उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जब हमारे राज्य को 25 वर्ष होंगे तब हमारा राज्य एक युवा राज्य होगा। डबल इंजन की सरकार उत्तराखण्ड को देश का एक सर्वश्रेठ राज्य बनाने के लिए दृढ़ संकल्प है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सेवक का पदभार संभालने के बाद मेरे द्वारा राज्य हित व जनहित में अनेक महत्वपूर्ण फैसले लिए गये हैं। राज्य का वित्तीय आंकलन करने के बाद ही राज्य हित व जनहित में निर्णय लिये जाते हैं तथा घोषणाएं की जाती है। उन्होंने कहा कि जो घोषणाएं की जा रही हैं, उन्हें पूरा भी जरूर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की नयी खेल नीति, आयुष्मान कार्ड योजना, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली योजना, महिला स्वयं सहायता समूहों को सिंगल विन्डो सिस्टम के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराने, वर्तमान में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के आवेदन निशुल्क किये जाने, आंगनबाडी कार्यकत्रियों के मानदेय में वृद्धि किये जाने जैसी उपलब्धियों के बारे में भी विस्तार से प्रकाश डाला। मुख्यमंत्री ने मेले में देव डोलियों का आशिर्वाद लिया तथा विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने श्री सेमनागराजा के त्रिवार्षिक मेले को राज्य स्तरीय मेला घोषित किये जाने, मड़वागीसौड़ से सेम नागराजा मन्दिर तक रास्ते में टिनशेड का निर्माण, राइका गरवाण गांव के अधूरे भवन निर्माण हेतु अवशेष धनराशि अवमुक्त किये जाने, ग्रामसभा पडिया में मिनी स्टेडियम का अवशेष कार्य पूर्ण कराये जाने, डोबरा-चांठी पुल से लम्बगांव तक मोटर मार्ग का डामरीकरण व चौड़ीकरण किये जाने, जाख से डोबरा पुल तक मोटर मार्ग का डामरीकरण व चौड़ीकरण किये जाने, माजफ इण्टर कॉलेज को प्रान्तीयकरण किये जाने की प्रक्रिया में शामिल करने सेम-मुखेम जाने वाले मार्ग का निर्माण किये जाने ओणेश्वर महादेव में पर्यटन विभाग का अतिथि गृह बनाये जाने, लम्बगांव-रैका-दिन्याली मोटर मार्ग का निर्माण किये जाने लम्बगांव से जाखणी गांव 6 किमी मोटर मार्ग का निर्माण एवं लम्बगांव में सार्वजनिक शौचालय बनाये जाने घोषणा की।
इस अवसर पर अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण. विधायक प्रतानगर विजय सिंह पंवार, जिलाधिकारी इवा अशीष श्रीवास्तव, एसएसपी तृप्ति भट्ट, ब्लाक प्रमुख प्रतापनगर प्रदीप रमोला व जाखणीधार सुनीता देवी, विनोद रतूड़ी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

खटीमा में गंगा स्नान मेले का सीएम ने किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर खटीमा स्थित 22 पुल झनकईया में लगने वाले गंगा स्नान मेले का शुभारंभ किया तथा शारदा के गंगा घाट पर गंगा आरती की।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेले हमारी कला एवं संस्कृति को संजो कर रखने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं उन्होंने कहा कि बचपन से ही मेले का लगाव रहा है, जिस कारण मैं कक्षा चार से ही 22 पुल झनकईया मेले में शामिल होता रहा हूं। उन्होंने कहा कि इस मेले से मेरा बचपन से ही लगाव एवं जुड़ाव होने के कारण समिति के कहने पर व्यस्ततम कार्यक्रम के बावजूद मेले में शामिल हुआ हूँ। यह मेरा सौभाग्य है कि गंगा स्नान पर्व यहाँ मना रहा हूँ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 21 सालों से उत्तर प्रदेश के साथ परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर वार्ताएं चल रही थी परंतु समाधान तक नहीं पहुंच पा रही थी। मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए कि मुख्यमंत्री स्तर की बैठक में एक-एक करके परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर एक-एक बिंदु पर सहमति बन गई। मुख्यमंत्री ने परिसंपत्तियों के बंटवारे से उत्तराखंड व क्षेत्र को होने वाले फायदों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर मेला कमेटी ने मोमेंटो भेंट कर मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने बगूलिया दुर्गा मन्दिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की तथा प्रदेश वासियों की सुख-समृद्धि एंव खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने वन शक्ति मन्दिर में भी पूजा की।
इस अवसर पर विधायक नानकमत्ता प्रेम सिंह राणा ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान मेला कमेटी अध्यक्ष शेर सिंह दानू, उपाध्यक्ष ओमनाथ यादव, प्रबन्धक पूरन सिंह धामी, जिलाधिकारी उधम सिंह नगर रंजना राजगुरु, एसएसपी दलीप सिंह कुंवर, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, परियोजना निदेशक हिमांशु जोशी, अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह सहित क्षेत्रीय जनता उपस्थित रहीं।

सीएम ने लिया आध्यात्मिक गुरु प्रेम सुगंध से आशीर्वाद

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चम्पावत स्थित नखुडा (खरही) में साक्षी फाउंडेशन के आध्यात्मिक गुरु प्रेम सुगंध से उनके साधना केंद्र पर जाकर भेंट कर आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर मीडिया से वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के मध्य 21 सालों से जो मामले लंबित पड़े थे, उन सब पर सहमति बन गई है। इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया। दोनों राज्यों के बीच परिवहन, सिंचाई, आवास, पर्यटन तथा लंबित परिसम्पतियों के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण बैठक हुई, सभी मामलों पर दोनों राज्यों की सहमति बनी।
इस दौरान सांसद अजय टम्टा, विधायक पूरण फर्त्याल, जिलाधिकारी चम्पावत विनीत तोमर भी उपस्थित रहे।

गुरु नानक सिखों के ही गुरु ही नहीं, पूरे विश्व के भी गुरु है-विस अध्यक्ष

श्री गुरुनानक देव महाराज का 552वां प्रकाश उत्सव श्री गुरु सिंह सभा गुरुद्वारा में धूमधाम से मनाया गया। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया तथा प्रदेश के खुशहाली की कामना की।
गुरुद्वारा सिंह साहिब के तत्वावधान में रेलवे रोड़ स्थित नानक निवास में दोपहर को दीवान सजाया गया। हजारों लोगों ने गुरुग्रंथ साहिब के सम्मुख मत्था टेका व गुरु की अमृत वाणी सुनी। गुरु का अटूट लंगर भी छका। भक्तों ने शंख ध्वनि और घंटा घडियालों के साथ पूजन अर्चन की गई। इसी बीच गुरुनानक देव के जयकारों से जहां प्रांगण गूंज उठा, वहीं भक्ति भजनों से कार्यक्रम स्थल गुंजायमान रहा। भक्ति भजनों से समां बांधा।
इस अवसर पर विस अध्यक्ष अग्रवाल ने गुरुपर्व दी सुब नु लाख लाख बधाई दी। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जंयती कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाई जाती है। आज के दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक सिखों के ही पहले गुरु ही नहीं है, बल्कि पूरे विश्व के भी गुरु हैं। उन्होंने कहा कि गुरू नानक देव ने अपने उपदेशों से साम्प्रदायिक एकता और सद्भाव की ज्योति जलाई थी। गुरू नानक देव का जीवन एवं उनके सिद्धान्त हमें उदारता अपनाने और अहंकार से दूर रहने की सीख देते हैं। गुरु नानक ने सार्थक जीवन के तीन संदेश दिए, जिसमें भगवान के नाम का जप करना, कड़ी मेहनत करना और जरूरतमंदों की मदद करना शामिल है।
इस अवसर पर सिंह सभा के अध्यक्ष सरदार गोविंद सिंह, सरदार मंगा सिंह, सरदार गोल्डी सिंह पार्षद, पूर्व पालिकाध्यक्ष दीप शर्मा, सरदार इंदर सिंह, सरदार बूटा सिंह, परमवीर सिंघल, इंद्रपाल सिंह, प्रेम सिंह, सरदार गुरविंदर सिंह, सरदार अमरप्रीत सिंह, सरदार अमनदीप, हरीश आनंद, रामकुमार संगर, सुमित सेठी, सरदार परमजीत सिंह, बिना देवी, कमलेश जैन, कपिल गुप्ता, हैप्पी सेमवाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।

नानक देव के प्रकाश पर्व पर गुरुदारों में आर्शीवाद लिया

कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सिख धर्म के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी के 552वें प्रकाश पर्व के अवसर पर ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न गुरुद्वारों (हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा, गुरुसिंह सभा गुरुद्वारा, नानक निवास, निर्मल आश्रम गुरुद्वारा, गुरुद्वारा सिंह सभा श्यामपुर, गुरुद्वारा सिंह सभा जोगीवाला माफ़ी छिद्दरवाला) पर माथा टेका और प्रातः 8 बजे प्रभात फेरी से लेकर दोपहर सेवा कर लंगर का प्रसाद ग्रहण तक विभिन्न कार्यक्रमों में जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
खरोला ने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने वहम, जात पात तथा भ्रम की भावना से ऊपर उठकर मानवता की सेवा करने को प्रेरित किया था। इसके साथ ही उन्होंने इंसानियत के धर्म की पालना करने का संदेश दिया था। जिस पर चलकर जीवन को कृतार्थ किया जा सकता है।
इस मौके पर सरदार जगजीत सिंह, सरदार मंगा सिंह, राजेन्द्र गैरोला, अभिषेक शर्मा, परवीन बिष्ट भी कार्यक्रमों में मौजूद रहे।

छठ पूजा पंडाल में सामाजिक कार्यों के लिए समिति ने किया सम्मानित

सार्वजनिक छठ पूजन समिति द्वारा वैदिक रीति के अनुसार सुबह 4 बजे भगवान सूर्यनारायण व छठ मैया पूजा और उपासना के बाद मंत्रोच्चारण के साथ यज्ञ का आयोजन किया गया। उसके बाद प्रातः 6ः39 पर उषा अर्ध्य व बाद में छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए समिति द्वारा प्रसाद वितरण किया गया। छठ पूजा के सभी कार्यक्रम विधिवत समापन होने के पश्चात समिति के कार्यकर्ताओं और सदस्यों द्वारा त्रिवेणी घाट में स्वच्छता अभियान चलाया गया।
समिति के अध्यक्ष राम कृपाल गौतम ने बताया कि सनातन धर्म में इस पर्व की महत्ता त्रेता युग में भगवान राम के समय से ही प्रारंभ हुई। जब प्रभु श्री राम ने महाज्ञानी पंडित रावण के वध के उपरांत ब्रह्म हत्या से छुटकारा पाने हेतु मुंगेर बिहार में मां जानकी के साथ इस व्रत की शुरुआत की थी।
इससे पूर्व कल शाम को 5ः19 मिनट पर सूर्य अर्घ्य देकर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम नटराज ग्रुप देहरादून द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई, इसके बाद भजन संध्या में लकी शर्मा व सतीश राजभर द्वारा छठी मैया के गीतों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर किया। भोजपुरी लोकगीत बिरहा मुकाबला छोटे लाल बनारसी, बनारस वाले (महुआ चैनल) व सोनम सरगम, जौनपुर (कलाकार महुआ चौनल) के बीच संपन्न हुआ। कल शाम के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रेमचंद अग्रवाल विधानसभा अध्यक्ष उत्तराखंड, विशिष्ट अतिथि दीप शर्मा पूर्व चेयरमैन नगर पालिका ऋषिकेश, विशिष्ट अतिथि ललित मोहन मिश्रा अध्यक्ष व्यापार मंडल ऋषिकेश ने शिरकत की।
इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्रों में विशेष योगदान देने वाले समाजसेवियों, चिकित्सकों व प्रशासनिक अधिकारी को सम्मानित करने के क्रम में प्रदीप राय पुलिस अधीक्षक यातायात हरिद्वार, लक्ष्मण सिंह चौहान समाजसेवी, डॉ डीके श्रीवास्तव, डॉ हरिओम प्रसाद, डॉक्टर रितु प्रसाद, डॉ एन बी श्रीवास्तव, डॉक्टर यू पी गुप्ता, डॉक्टर अरुण कुमार, कैप्टन गोविंद सिंह रावत, लक्ष्मी रावत पार्षद, डॉ वरुण चार्टर्ड अकाउंटेंटआशुतोष कुमार पांडे को सम्मानित किया गया।
आयोजन कर्ता मंडल में धर्मदेव राजभर, नरेंद्र गुप्ता, जयप्रकाश नारायण, आशुतोष शर्मा, आदेश शर्मा, पंडित जगमोहन मिश्रा, नागेंद्र सिंह, लल्लन राजभर, ऋषि जयसवाल, बसंत ठेकेदार, परमेश्वर राजभर, वीर बहादुर राजभर, सतीश राजभर, राज कुमार राजभर, राजू गुप्ता, अनूप गुप्ता, सोनू गुप्ता, अमित चौधरी, अमित गुप्ता, वृद्धिचंद गुप्ता, हीरामन राजभर, मनु राजभर, शैलेंद्र गुप्ता, बेचैन गुप्ता, प्रेम राजभर, रामाशीष राजभर, प्रवीण सिंह, बजरंगी पाण्डे, धनंजय गुप्ता, अनिल गुप्ता, राकेश गुप्ता, दीपक गुप्ता, भोलू गुप्ता, बंटी गुप्ता, नागेंद्र चौरसिया, विनोद भारद्वाज, गोविंद भारद्वाज, अवधेश भारद्वाज, राजा गुप्ता, मुन्ना गुप्ता, बबलू गुप्ता, आदि उपस्थित रहे।

तीर्थनगरी में छठ पूजा की धूम, गंगा घाट श्रद्धालुओं से पैक

आज पूरी तीर्थनगरी छठ पूजा के रंग में रंगी नजर आई। छठ पूजा के महत्वपूर्ण पूजा स्थल त्रिवेणी घाट व मुनिकीरेती के शीशमझाड़ी स्थित छठ पूजा घाट को शानदार ढंग से सजाया गया था। यहां पूजा के लिए श्रद्धालुओं ने वेदियां तैयार की, जिन पर केले के थंभ से तोरणद्वार बनाए गए।

त्रिवेणी घाट गंगा तट पर शाम चार बजे से ही व्रती महिलाओं का पहुंचना शुरू हो गया था। महिलाएं सिर में प्रसाद की टोकरी लेकर बैंड बाजों के साथ छठ के पारंपरिक लोकगीत कांच रे बांस के बहंगिया, बहंगिया लचकत जाय…., अमर सुहाग होला, दुख जाला तार हो…., निर्धन जानेला, धनवान जानेला महिमा छठी मइया के पार इ जहान जानेला… भी गाते हुए चल रही थीं। अर्घ्य चढ़ाने से पहले व्रती महिलाओं ने गंगा घाट पर विधिवत पूजा-अर्चना की।

तत्पश्चात अस्तांचल को गमन करते दीनानाथ को अर्घ्य चढ़ाया गया। इस दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। छठ पूजा को देखते हुए त्रिवेणी घाट पर सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। कल गुरुवार को प्रातरूकाल में उदीयमान सूर्य को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। छठ व्रती महिलाएं अर्घ्य देने के बाद प्रसाद ग्रहण कर अपना व्रत खोलेंगी।