हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका को वापस लेने के मूड़ में है वन मंत्री

उत्तराखंड में 2016 के हॉर्स-ट्रेडिंग केस में सीबीआई द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग केस में चल रही जांच मामले बीजेपी नेता हरक सिंह रावत हाईकोर्ट से अपनी याचिका वापस ले सकते हैं। कोर्ट को इस बारे में जानकारी दे दी गई है।

बता दें कि सीबीआई जांच मामले में हरक सिंह रावत ने याचिका दाखिल की है। उन्होंने सीबीआई की जांच को कैबिनेट द्वारा निरस्त कर एसआईटी जांच को चुनौती दी है। पूरे मामले पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी, जिसके बाद सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. सीबीआई ने हरक सिंह रावत को भी आरोपी बनाया है।

यह है पूरा घटनाक्रम
गौरतलब है कि 2016 में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप में किए गए एक स्टिंग में केंद्र सरकार ने 2 अप्रैल, 2016 को राज्यपाल की मंजूरी के बाद सीबीआई जांच शुरू की थी। तब राज्य में कांग्रेस सरकार की बहाली हो गई और सरकार ने कैबिनेट बैठक में सीबीआई जांच को निरस्त कर मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया। इसके बाद भी सीबीआई ने जांच जारी रखी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को जांच के लिए 9 अप्रैल, 2016 को समन भेजा।

सीबीआई के लगातार समन भेजे जाने को हरीश रावत ने हाईकोर्ट में चुनौती दी और कहा कि राज्य सरकार ने 15 मई, 2016 को सीबीआई जांच के आदेश को वापस ले लिया था और एसआईटी का गठन कर दिया गया था। इसलिए सीबीआई को इस मामले की जांच का कोई अधिकार ही नहीं है। सीबीआई की पूरी कार्रवाई को निरस्त किया जाए। हाईकोर्ट ने सीबीआई को केस की जांच जारी रखने की इजाजत देते हुए यह कहा था कि कोई भी कदम उठाने से पहले उसे हाईकोर्ट की अनुमति लेनी होगी।

बहरहाल, हरीश रावत के सामने सीबीआई केस के रूप में बड़ी चुनौती है. 70 की उम्र पार कर चुके हरीश रावत के लिए राजनीति का यह दौर इतना भारी पड़ेगा इसका अंदाजा उन्हें शायद ही रहा हो। केस दर्ज होने के बाद अब उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

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