बागेश्वर उपचुनाव-पहाड़ में सीधे मुकाबले में कम बड़ी नहीं है 2405 वोटो की जीत

बागेश्वर उपचुनाव का नतीजा बहुत कुछ दर्शा गया। भाजपा प्रत्याशी पार्वती देवी 2405 वोटों से चुनाव जीत चुकी है। भाजपा प्रत्याशी की ये जीत पार्टी के भीतर ही कई लोगों को हजम नहीं हो रही है। जबकि 2022 का मुख्य चुनाव और 2023 के उपचुनाव के नतीजों के आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। उपचुनाव के सीधे मुकाबले में 2405 वोटों की जीत मामूली नहीं है। भाजपा प्रत्याशी को पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 1036 वोटो की बढ़त भी मिली है। आंकड़े तस्दीक कर रहे हैं कि किस तरह बागेश्वर उपचुनाव में सीएम पुष्कर सिंह धामी का जादू चला। किस तरह सीएम धामी के दो दिन के चुनावी दौरे ने पूरे चुनाव की तस्वीर ही पलट दी।
बागेश्वर उपचुनाव 2023 कई मायनों में मुख्य चुनाव 2022 से बिल्कुल अलग रहा। 2022 में जहां मुकाबला त्रिकोणीय था, वहीं 2023 में सीधा मुकाबला था। कांग्रेस के मौजूदा प्रत्याशी रहे बसंत कुमार 2022 के चुनाव में आम आदमी पार्टी से प्रत्याशी थे और चुनाव में 16100 वोट हासिल करने में सफल रहे थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 20100 वोट मिले थे। भाजपा से चुनाव जीते चंदनराम दास को 32 हजार वोट मिले थे। इस तरह यदि 2022 में कांग्रेस और आप के वोट मिला दिए जाते, तो भाजपा 2022 में करीब चार हजार वोट पीछे थे। इस बार बसंत कुमार कांग्रेस के ही टिकट से चुनाव मैदान में थे। इस तरह वो 2022 के चुनाव को देखते हुए 36 हजार वोट की मनोवैज्ञानिक बढ़त में थे। क्योंकि आप के टिकट पर 16 हजार वोट हासिल करके उन्होंने साबित कर दिया था कि ये 16 हजार वोट उनका अपना वोट बैंक है। इस वोट में कांग्रेस के 20 हजार वोट जुड़ने से आंकड़ा 36 हजार के पास पहुंच गया था।
2023 के उपचुनाव में सीधा मुकाबला होने से ये साफ था कि चुनाव कांटे का रहेगा। भाजपा को न सिर्फ कांग्रेस, आप के 36 हजार वोट के हिसाब से अपनी फिल्डिंग सजानी थी, बल्कि जीत का मार्जिन भी बढ़ाना था। 2022 के मुकाबले देखा जाए तो बसंत कुमार के रूप में कांग्रेस को साढ़े पांच हजार वोट कम मिला है। जबकि भाजपा उपचुनाव में पांच प्रतिशत कम वोटिंग होने के बावजूद अपना वोटबैंक 2022 के मुकाबले बढ़ाने में कामयाब रही। 2022 में स्व. चंदनराम दास को 32 हजार वोट मिले थे, जबकि इस बार पार्वती देवी को 33247 वोट मिले। जबकि वोटिंग पिछले चुनाव के मुकाबले कम रही। यूकेडी, सपा, परिवर्तन पार्टी नाममात्र के वोटों में ही सिमट कर रह गई।
इसके साथ ही कांग्रेस प्रत्याशी ने कुछ कारणों से पूरे क्षेत्र में अपने लिए सहानुभूति का ग्राफ बहुत बढ़ा दिया था। जो लोग मान कर चल रहे थे कि चंदनराम दास के निधन के बाद सहानुभूति पार्वती देवी को मिलेगी, लेकिन वो सहानुभूति कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में रही। भाजपा के भीतर भी एक गुट को चुनाव नतीजे विपरीत आने का ज्यादा इंतजार था। अंदरखाने फिल्डिंग इस तरह सजाई जा रही थी कि चुनाव नतीजे विपरीत आते ही दिल्ली दौड़ लगाई जाए और राज्य को फिर अस्थिरता की ओर धकेल दिया जाए।
इन तमाम लोगों के मंसूबों पर पानी फेरते हुए बागेश्वर उपचुनाव के अंतिम दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कमान अपने हाथ में ली। धुंआधार प्रचार करते हुए रोड शो निकाल माहौल बनाया। सीएम के प्रचार अभियान, दौरों, रोड शो में स्वतस्फूर्त उमड़ी भीड़ ने कहानी बयां कर दी थी कि नतीजे कहीं नहीं बदलने वाले, जीत पक्की है। पीएम मोदी के विकास कार्यों, केंद्र और राज्य सरकार के विकास कार्यों से जनता को जोड़ने वाले सीएम धामी ने जनता में विश्वास जगाया। लैंड जेहाद, लव जेहाद, सरकारी जमीनों पर बने अवैध धर्मस्थलों पर धामी सरकार की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने लोगों में सरकार के प्रति विश्वास जगाया। जबरन धर्मांतरण विरोधी कानून बना कर धर्मरक्षक धामी के रूप में धर्म, संस्कृति की रक्षा का संकल्प दोहराया। सख्त नकल विरोधी कानून बना कर राज्य के युवाओं में विश्वास जगाया।
बागेश्वर की जनता ने भी सीएम धामी के कार्यों पर मुहर लगा कर भाजपा प्रत्याशी की जीत पक्की की। ये जीत भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के लिए भी कितनी अहम है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि देश में हुए उपचुनाव में छह सीटों पर भाजपा को तीन में ही जीत मिली। यूपी की घोसी विधानसभा चुनाव में पार्टी को 24 हजार वोटों से करारी हार मिली। इन हालात में बागेश्वर की जीत बहुत बड़ी और बेहद अहम है। जिसे पार्टी के भीतर के ही कुछ 24 घंटे सपने में सीएम की कुर्सी का सपना देखने वाले हजम नहीं कर पा रहे हैं। न ही उन नेताओं से जुड़ी खबरनवीसों की टोली इस जीत को पचा पा रही है। इन तमाम दांवपेंच चलने वालों को नजरअंदाज करते हुए सीएम अपने कार्यों के दम पर लगातार राज्य और देश की राजनीति में अपना कद ऊंचा करते जा रहे हैं।

अंतिम दिनों में धामी के मैदान में उतरने से बदल गई बागेश्वर उप चुनाव की फिजा

बागेश्वर उपचुनाव के नतीजों में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विरोधियों पर फिर से भारी साबित हुए हैं। चुनाव के अंतिम दो दिनों में जिस तरह का धुंआधार प्रचार धामी की अगवाई में हुआ उसने चुनाव की तस्वीर बदलकर रख दी। वहीं जनता ने उपचुनावों के जरिये स्पष्ट संदेश भी दे दिया है कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व पर उन्हें पूर्ण भरोसा है और जिन विकासपरक नीतियों के साथ वे आगे बढ़ रहे हैं, उन्हें जनता हाथों हाथ ले रही है।
बागेश्वर विधानसभा सीट से धामी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे चंदन राम दास की बीमारी से हुई मृत्यु के बाद यह सीट रिक्त हो गयी थी। भाजपा ने इस सीट पर उनकी पत्नी पार्वती दास को टिकट दिया था। बागेश्वर चुनाव को लेकर शुरू से ही कांग्रेस की ओर से तमाम बड़े दावे और प्रपंच किये गए लेकिन जनता के दिलोदिमाग पर छाई भाजपा और धामी के तिलिस्म को कांग्रेस नहीं तोड़ पाई।
बागेश्वर सीट पर आई इस जीत के राजनीति के जानकार तमाम मायने बता रहे हैं। जानकारों का मानना है कि जिस तरह से चुनाव के अंतिम दो दिनों तक मुख्यमंत्री धामी ने गरुड़, बागेश्वर और काफली गैर में रोड शो किये और जिस तरह वहां महिलाओं की भीड़ उमड़ी, उसने न केवल धामी की लोकप्रियता को बढ़ाया बल्कि चुनावी नतीजों पर भी मुहर लगा दी थी। आज आयी इस जीत ने धामी सरकार द्वारा राज्य में चलाये जा रहे विभिन्न विकासपरक योजनाओं और विकासवादी एजेंडे पर भी मुहर लगाई है। दूसरा इस चुनाव ने वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की पटकथा भी अभी से लिखनी शुरू कर दी है। यह जीत जनता का भाजपा के प्रति राज्य में रुझान भी दर्शा रही है।

दाएं-बाएं करने वालों को भी मिला संदेश
भाजपा प्रत्याशी की इस जीत ने उन तमाम लोगों के मुँह भी बंद करने का काम किया है जो गाहे बगाहे नेतृत्व परिवर्तन और न जाने कैसे कैसे हवाई दावे गढ़ने लगते हैं। बागेश्वर सीट पर हुई इस जीत का संदेश आज दूर तक गया है। दूसरी ओर, इस जीत ने आलकमान को भी पूरी तरह से आश्वस्त कर दिया है कि 2024 के रण में धामी से बेहतर और कोई नेतृत्वकर्ता नहीं हो सकता।

5 सितंबर को होने वाले उपचुनाव़ से पहले उमड़ी भीड़ ने दे दिए बड़े संकेत

बागेश्वर में आगामी 5 सितंबर को होने जा रहे विधानसभा उपचुनाव से पहले आज जिस तरह से बागेश्वर एवं गरुड़ में आयोजित सीएम धामी के रोड-शो में जनसैलाब उमड़ा, उसने चुनाव से पहले ही भाजपा प्रत्याशी के लिए शुभ संकेत दे दिए हैं। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आज की इन दो रोड-शो में उमड़ी हजारों की यह भीड़ काफी कुछ कह गयी। खास बात यह कि दोनों ही स्थानों पर बड़ी संख्या में मातृशक्ति ने पहुँचकर भाजपा प्रत्याशी को एक तरह से अपना आशीर्वाद देने का काम किया।

भाजपा ने बागेश्वर उपचुनाव में पूर्व मंत्री चंदन राम दास की पत्नी पार्वती दास को अपना उम्मीदवार बनाया हुआ है। यहां पर भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार से है लेकिन भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में हो रही जनसभाओं, रैलियों, रोड-शो आदि में उमड़ रही भीड़ नतीजों को लेकर बहुत कुछ कह रही है।

आज भी बागेश्वर एवं गरुड़ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दो रोड-शो रखे गए थे। अहम बात ये कि दोनों ही स्थानों पर सीएम धामी को सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहां पूरा माहौल भाजपा मय हो गया। रोड-शो में उमड़ा लोगों का यह जनसैलाब यह बताने के लिए भी काफी था कि सीएम धामी के विकास के मॉडल को जनता-जनार्दन हाथों-हाथ ले रही है। वहीं, मुख्यमंत्री धामी ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुद्दा विहीन है। भीड़ को देख गदगद हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बागेश्वर का उपचुनाव भारत वर्ष में एक संदेश लेकर जाएगा। बागेश्वर एम धार्मिक भूमि है। प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड के सभी धार्मिक स्थलों के विकास के लिए रात दिन लगे हुए हैं।

बागेश्वर उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी के लिए सीएम ने जताया समर्थन

अनुसूचित जाति आरक्षित विधानसभा उपचुनाव भाजपा प्रत्याशी पार्वती दास के पक्ष में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, सांसद और प्रभारी मंत्री ने कार्यकर्ताओं में जोश भरा। प्रत्याशी के नामांकन के बाद नुमाइशखेत मैदान पर चुनावी सभा आयोजित की गई। प्रत्याशी अपना भाषण पूरा नहीं कर सकीं। वह मंच पर ही भावुक हो गईं तो उन्हें सीएम ने ढांढस बंधाया।

नुमाइशखेत मैदान पर आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि चंदन की पार्वती को विजयी बनाएं। स्व. चंदन राम दास को बागेश्वर की हमेशा फिक्र थी। विकास के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। उन्हें आगे बढ़ाना है। कांग्रेस के पास प्रत्याशी नहीं था। आप के नेता को सदस्यता ग्रहण कराई और उसे टिकट दे दिया। आज कांग्रेस के लोग भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर रहे हैं।

प्रत्याशी पार्वती दास ने कहा कि वह पति के कार्यों को आगे बढ़ाएंगी। वह मंच पर भावुक हो गईं। मुख्यमंत्री को उठकर उन्हें समझाने आना पड़ा। वह अपना भाषण पूरा भी नहीं कर सकीं। जनता का आभार व्यक्त किया और वोट देने को कहा।

इस मौके पर पुष्कर काला, सौरव बहुगुणा, शिव सिंह बिष्ट, इंद्र सिंह फर्स्वाण, रंजीत दास, फकीर राम, सरिता आर्या, सुरेश गढ़िया, प्रमोद नैनवाल, सुबोध साह, कुंदन परिहार, दीपा आर्या, महेश जीना, रमेश बहुगुणा, मुन्नी देवी, घनश्याम जोशी आदि उपस्थित थे।

विपक्ष ने की वोटबैंक की राजनीतिः सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि स्व. चंदन राम दास को वह भुला नहीं सकते हैं। वह उन्हें छोटा भाई मानते थे। उनका एकाएक चला जाना उत्तराखंड के साथ ही बागेश्वर के लिए भी अपूरणीय क्षति है, जिसे वोट में बदलें और चंदन की पार्वती को विजयी बनाएं। विपक्षी दल ने कोई विकास नहीं किया, वोटबैंक की राजनीति की, झूठे वायदे करते हैं। अंत्योदय भाव को लेकर भाजपा विकास कर रही है।

सीएम बोले जब चंदन थे बीमार
सीएम ने कहा कि चंदन राम दास पहली बार विधानसभा आए। भाषण पूरा किया और अस्पताल में भर्ती हो गए। चिकित्सकों ने उन्हें दिल्ली ले जाने को कहा। एयर एंबुलेंस की व्यवस्था की गई। वह बीमारी में भी चिंतित रहते थे। उन्हें बागेश्वर के विकास की चिंता रहती थी। सुंदर बागेश्वर का संकल्प लेना है।

नवरत्न में बागेश्वर-टनकपुर रेल मार्ग
सांसद अजय टम्टा ने कहा कि विकास आगे बढ़ रहा है। दुर्भाग्य से चंदन नहीं हैं। भाजपा ने 370 हटाया और समान नागरिक संहिता विषय भी भाजपा का है। ग्वालदम-कपकोट-जौलजीवी मोटर मार्ग भारत माला के अंतर्गत है। इसी सत्र में काम पूरा होना है। प्रधानमंत्री की नवरत्न योजना में बागेश्वर-टनकपुर रेल मार्ग का सर्वेक्षण हुआ है। पीएमजीएसवाई के तहत सड़कें बन रही हैं।

16 अगस्त को भारी जन समर्थन के साथ भाजपा प्रत्याशी बागेश्वर मे करेगा नामांकनः भट्ट

भाजपा बागेश्वर उपचुनाव मे मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष की मौजूदगी में 16 अगस्त को व्यापक जन समूह के साथ पार्टी प्रत्याशी का नामांकन करेगी।फिलहाल पार्टी ने 3 नामों का पैनल केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड के समक्ष भेज दिया है जिस पर विचार के उपरांत शीघ्र ही पार्टी उम्मीदवार के नाम पर मुहर लग जायेगी ।

पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक वार्ता मे उन्होंने कहा कि वीरवार को राज्य चुनाव समिति ने विचार विमर्श के बाद 3 शीर्ष नामों को केंद्रीय पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज दिया है। संभवत शीघ्र ही पार्टी पार्लियामेंट्री बोर्ड नामों पर विचार कर उम्मीदवार की घोषणा कर देगा।
उन्होंने बताया, संगठन ने प्रत्याशी के नामांकन की तैयारी शुरू कर दी है जिसके अनुसार 16 अगस्त को अपार जनसमूह के साथ पार्टी प्रत्याशी का नामांकन किया जायेगा । इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहेंगे।
भट्ट ने कहा कि कार्यकर्ताओं की सहमति और जनभावनाओं के अनुरूप उम्मीदवार उम्मीदवार तय किया जायेगा। पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वर्गीय चंदन राम दास जीवनपर्यंत बागेश्वर क्षेत्र की भलाई के लिए काम करते रहे हैं लिहाजा स्थानीय जनता और कार्यकर्ताओं में उनके परिवार के प्रति सद्भावना होना तय है । पार्टी वहां कार्यकर्ताओं की सहमति से ऐसे उम्मीदवार को खड़ा करेगी जो स्वर्गीय दास के अधूरे कार्यों को पूरा कर जनभावनाओं पर खरा उतरे।

उन्होंने कांग्रेस की चुनौती को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा सकारात्मक राजनीति करते हुए जीतने के लिए और कांग्रेस हारने के लिए चुनाव लड़ती है। हम पूर्व निधारित नीति के अनुसार पार्टी प्रत्याशी का चयन करते हैं और कांग्रेस अपनी पार्टी के अंदर और बाहर उम्मीदवार ढूंढती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस को आज अपनी पार्टी में ही कोई उम्मीदवार नहीं मिल रहा है और मीडिया के माध्यम से जानकारी आ रही है कि वे उम्मीदवार दूसरी पार्टी से आयात करने वाले हैं । दोनों पार्टियों में सोच का यही फर्क हमे रिकॉर्ड मतों से जिताने वाला है और कांग्रेस की एक बार फिर से जमानत जब्त होने वाली है।
भट्ट ने सड़कों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष द्वारा जारी वीडियो को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री धामी के बेहतर प्रबंधन में मानसूनी आपदा के बावजूद आज प्रदेश की सड़के मात्र घंटे दो घंटे में खोल दी जाती हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस को अपना जमाना याद करना चाहिए जब एक एक महीने तक सड़के बंद रहती थी। उन्होंने सलाह देते हुए कहा, सड़क बंद के साथ सड़क खुलने की वीडियो भी उन्हे डालनी चाहिए ताकि बाहर से आने वाले लोग भ्रमित न हो और राज्य की छवि प्रभावित नही हो।