राज्य में वन सेक्टर में होने वाला पूंजी निवेश देश और दुनिया के लिए भी उपयोगी साबित होगाः सुबोध उनियाल


उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में समृद्ध जैव विविधता से परिपूर्ण और विपुल वन संपदा वाले उत्तराखंड राज्य में इकोनॉमी और इकोलॉजी का बेहतर समन्वय व संतुलन कायम रखते हुए वन एवं इससे जुड़े सेक्टर्स में निवेश को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया गया। समिट के दौरान इस सिलसिले में आयोजित विशेष सत्र में कहा गया कि वन एवं इससे जुड़े सेक्टर्स राज्य के सामाजिक-आर्थिक विकास का प्रमुख जरिया बनने की पूरी सामर्थ्य रखते हैं। जलवायु परिवर्तन व कार्बन उत्सर्जन की वैश्विक चुनौतियों को नियंत्रित करने में भी यह सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। लिहाजा राज्य में वन सेक्टर में होने वाला पूंजी निवेश देश और दुनिया के लिए भी उपयोगी साबित होगा।

उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के वन एवं इसस जुड़े सेक्टर्स पर निवेश की संभावनाओं पर परिचर्चा के लिए आयोजित सत्र की अध्यक्षता करते हुए राज्य के वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड का 71 प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित है। यहां पर 11230 वन पंचायतें हैं जिनसे 20 लाख लोग जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि वनों के संरक्षण व संवर्द्धन तथा इससे जुड़ी आर्थिक गतिविधियों में स्थानीय जन-समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित कर वनों से स्थानीय लोगों के परंपरागत लगाव व जुड़ाव को कायम रखने पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। वन सेक्टर्स से संबंधित निवेश में भी पारिस्थितिक संतुलन और स्थानीय लोगों के हितों को सर्वाेच्च प्राथमिकता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि इन्डस्ट्रियल फ्रेंडली वातावरण के साथ ही इकोनॉमी और इकोलॉजी में समन्वय बनाते हुए कार्बन उत्सर्जन को कम करने पर सरकार का विशेष ध्यान है। वन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में ईको-टूरिज्म, जड़ी-बूटियों तथा संगंध पौधों के उत्पादन व संग्रहण के साथ ही प्रसंस्करण जैसे वनाधारित परियोजनाओं की व्यापक संभावनाएं हैं। जिसके लिए कई निवेशक आगे आए हैं। योग, वेलनेस टूरिज्म, आयुर्वेद जैसे क्षेत्रों में भी निवेशकों ने काफी रूचि दिखाई है। राज्य में तीन लाख करोड़ से अधिक के पूंजी निवेश के प्रस्ताव मिले हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में किया जाने वाला निवेश पूरी तरह सुरक्षित और बेहतर रिटर्न देने वाला साबित होगा। सरकार निवेशकों को हरसंभव सहयोग देगी। उनियाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के तौर पर विकसित किए जाने के आह्वान ने राज्य के आर्थिक विकास की नई संभावनाओं के द्वार दुनिया के सामने खोल कर रख दिए हैं। जिससे जल्द ही सार्थक परिणाम सामने आएंगे और उत्तराखंड दुनिया में डेस्टीनेशन वेडिंग के प्रमुख केन्द्र के रूप में उभरेगा। उन्होनें कहा उद्योग जगत से अपने सीएसआर फंड का उपयोग वनों के संरक्षण में करने का आह्वान करते हुए कहा कि इसके जरिए मानवता की बड़ी सेवा की जा सकती है।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु ने वन व इसे जुड़े क्षेत्रों में निवेषन की संभावनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि कुदरत ने उत्तराखंड को समुद्र के अलावा अन्य तमाम प्राकृतिक संसाधनों से सजाया-संवारा है। इस प्राकृतिक संपदा का राज्य के विकास और राज्यवासियों के कल्याण के लिए बेहतर इस्तेमाल करने के साथ ही देश व दुनिया के पर्यावारणीय सुरक्षा के हित में सदुपयोग करने के लिए उद्योग जगत व निवेशकों के द्वारा की जाने वाली हर एक सार्थक पहल का राज्य सरकार हर पल स्वागत करने को तत्पर है। उद्योग जगत इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ेगा तो सरकार चार कदम आगे बढाएगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में रहना व निवेश करना प्राकृतिक व आर्थिक दृष्टिकोण से निश्चित तौर पर सुकून भरा सिद्ध होगा।

कार्यक्रम में उत्तराखंड वन विभाग के प्रमुख (हॉफ) अनूप मलिक तथा पीसीसीएफ समीर सिन्हा ने निवेशकों का स्वागत और आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उद्योग जगत से श्री श्री तत्व के सीईओ तेज कटपिटिया ने समुदाय के स्वामित्व वाले वनों में औषधीय पादपों के उत्पादन हेतु निवेश के बारे में विचार रखे। पूर्व आईएफएस एवं एफएससी के कंट्री डायरेक्टर सुरेश गैरोला ने फॉरेस्ट सर्टिफिकेशन के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में रिन्यू पावर के सीनियर मैनेजर अनूप जकारिया और टेरी के एसोसिएट फैलो वरूण ग्रोवर ने कार्बन क्रेडिट के क्षेत्र में निवेश के अवसरों पर और सेंचुरी पल्प एंड पेपर्स के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डा. ए.पी. पाण्डे ने प्रकाष्ठ आधारित उद्योगों में उत्तराखण्ड के ग्लोबल इन्वेस्टमेंट हब के तौर पर स्थिति के बारे में विचार रखे।

सरकार ने उद्योग नीति 2023 को निवेशकों और उद्यमियों के अनुरूप बनायाः बहुगुणा

उत्तराखंड में स्टार्टअप की ग्रोथ के अवसर पर चौथा सत्र आयोजित हुआ। कौशल विकास और सेवायोजन मंत्री डॉ सौरभ बहुगुणा ने उपस्थित निवेशकों और स्टार्ट अप उद्यमियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज उत्तराखंड डेस्टिनेशन स्टार्ट अप हब के रूप में विकसित हो रहा है। युवाओं के लिए रोजगार प्रदाता के रूप में उभरने के पर्याप्त अवसर है। इसके लिए सरकार ने उद्योग नीति 2023 को निवेशकों और उद्यमियों के अनुरूप बनाया है जिससे निवेशकों के साथ ही स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को वित्तीय और मार्गदर्शन मिलता रहे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है की 10 पहाड़ी जिलों में फोकस कर विकास किया जाए। आज उत्तराखंड स्टार्ट अप के क्षेत्र में देश के पांच शीर्ष राज्यों में शुमार हो गया है। जहां 2016 में राज्य में मात्र 04 स्टार्ट अप थे वही आज राज्य ने 950 स्टार्ट अप की संख्या को पार कर दिया है। इनमें से कई स्टार्ट अप अपनी बुलंदियों पर पहुंचकर नए स्टार्ट अप की भी मदद कर रहे है। नई स्टार्ट अप पॉलिसी 2023 के तहत नए इनक्यूबेशन सेंटर खोलने पर 01 करोड़ तक का सहयोग किया जायेगा वही अवस्थित इनक्यूबेशन सेंटर के विस्तार हेतु 50 लाख तक का सहयोग भी मिलेगा।

सरकार ने ड्रोन के प्रोमशन और प्रयोग की पॉलिसी 2023, डाटा सेंटर उत्तराखंड सर्विस सेक्टर पॉलिसी 2023, आई टी/ आईटीईइस उत्तराखंड सर्विस सेक्टर पॉलिसी 2023 को हाल ही में बनाया है। हमें विश्वास है कि समस्त निवेशकों और उद्यमियों को राज्य में सिंगल विंडो क्लीयरेंस से आसानी होगी। उन्होंने निवेशकों को किसी भी प्रकार की समस्या आने पर शासन प्रशासन द्वारा हर संभव सहयोग का भरोसा भी दिलाया।

उत्तराखंड किस तरह हब के रूप में विकसित हो रहा है, इस पर पैनलिस्ट ने विस्तार से चर्चा की। कहा की उत्तराखंड में अच्छा व्यवसाय माहौल, सरकार का सहयोग और ईको सिस्टम है। सरकार वित्तीय सहयोग के साथ ही अपना मार्गदर्शन भी देती है जो कि कुशल व्यवसाय के लिए जरूरी है। विशेषकर उन स्टार्ट अप को सहयोग दिया जा रहा है जो किसी कारणवश चल नहीं पाए। उन्होंने नए स्टार्ट अप कर्ताओं से अपने प्रोजेक्ट में किसी भी प्रकार का शॉर्ट कट न अपनाने, प्रोजेक्ट की वित्तीय वायाबिलिटी को समझने के गुर दिए। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि जल्द ही देश की इकोनॉमी 4 ट्रिलियन से बढ़कर 10 ट्रिलियन होगी।

सत्र में प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड के एसोसिएट प्रोफेसर उदित शर्मा, ग्लोबल एसवीपी से डा सुबी चतुर्वेदी, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से डा अमन मित्तल, लॉग 9 से अक्षय सिंघल, कमर्शियल काउंसलर अजय सिंह मौजूद थे।

सिल्क्यारा सरीखे सफलतम रेस्क्यू ऑपरेशन का उदाहरण दुनिया में और कहीं देखने को नहीं मिलताः केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन आज इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टोरल सत्र का आयोजन किया गया जिसमें केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए।

केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय ने अपने उद्बोधन में कहा कि उत्तराखंड से मेरा पुराना रिश्ता रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है। श्रद्धेय पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी के कार्यकाल में तीन राज्यों का निर्माण इसी उद्देश्य से किया गया कि यह राज्य भी विकास में भागीदार बने। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गठन के बाद उत्तराखंड ने तेजी से प्रगति की है।

उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक भारत का सबसे स्वर्णिम युग कोई है तो वो हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का है। वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री हैं, उनके मार्ग-दर्शन में केदारनाथ में जो जीर्णाेद्धार कार्य हुए वे एक तपस्वी प्रधानमंत्री ही करा सकता है। जब केदारनाथ में आपदा आई तो मोदी जी यहां सबसे पहले पहुँचे थे।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा था यह दशक उत्तराखंड का होगा और आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिये यह चरितार्थ हो रहा है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी की हमारे 41 श्रमिक भाई सिल्क्यारा में सुरंग में फंस गए लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्र ने जिस तरह से यहां दिन-रात काम कर सभी श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला ऐसा उदाहरण दुनिया में और कहीं नहीं मिलता है। उन्होंने उद्यमियों का आह्वान किया कि वे यहां आएं और निवेश करें।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्र सरकार का पूरा ध्यान केंद्रित है। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बजट में 33 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि जो आत्मविश्वास हमारे प्रधानमंत्री में है, वो और किसी में नहीं है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी यह दर्शाते हैं कि देश में मोदी का विकल्प कोई नहीं है। आज ग्रामीण कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहे हैं। 2014 से अब तक 103 लाख ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। आयुष्मान योजना से करोड़ो लोग लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने 17 प्रोडक्ट लिंक इनीशेटीव स्कीम प्रारंभ की है, साथ ही उत्तराखंड सरकार ने भी इंडस्ट्री फ्रेंडली नीतियां लाई हैं। उन्होंने उद्यमियों से इन नीतियों का लाभ उत्तराखंड में उठाने की अपील की।

सीएम धामी ने एफआरआई में जांची इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देर सांय एक बार फिर से एफआरआई, देहरादून में आयोजित होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने मुख्य कार्यक्रम स्थल के साथ ही प्रदर्शनी स्थल विभिन्न सेक्टरों के संबंध में होने वाले इन्वेस्टर्स मीट के सभाकक्षों सहित अन्य व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी स्थल पर औद्योगिक क्षेत्रों के विषयवार निवेश से संबंधित मॉडलों का भी निरीक्षण किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु, सचिव मुख्यमंत्री डॉ. आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विनय शंकर पाण्डेय, शैलेश बगोली, सचिव राधिका झा, बी वी आर सी पुरूषोत्तम, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों का सीएम ने लिया जायजा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 8 और 9 दिसम्बर को एफआरआई, देहरादून में आयोजित होने वाले डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों को लेकर को कार्यक्रम स्थल का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर की जा रही विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए बनाये गये मीडिया सेंटर का उद्घाटन भी किया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यक्रम आयोजन की सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कर ली जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों और सौन्दर्यीकरण के कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए बड़ी समिट है। अभी तक ढ़ाई लाख करोड़ से अधिक के करार हो चुके हैं। करारों की ग्राउडिंग के लिए तेजी से कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश आने से स्थानीय लोगों के रोजगार में तेजी से वृद्धि होगी। राज्य में ऐसे करारों को शीर्ष प्राथमिकता दी जा रही है, जिनसे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए भी राज्य सरकार निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं।
निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, कार्यवाहक डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगोली, सचिव एवं गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पाण्डेय, सचिव विनोद कुमार सुमन, एडीजी ए.पी अंशुमन, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका,महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, एसएसपी देहरादून अजय कुमार एवं आयोजन के कार्यों में लगे अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में केन्द्रीय मंत्री का सहयोग मांगा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में केन्द्रीय श्रम, सेवायोजन, वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने भेंट की। भेंट के दौरान मुख्यमंत्री एवं केन्द्रीय मंत्री के मध्य राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से वन विभाग के एनओसी एवं क्लीयरेंस से संबंधित केन्द्रीय स्तर पर लंबित मामलों से अवगत कराया। केन्द्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि केंद्र स्तर पर लंबित वन विभाग सभी मामलों का शीघ्र समाधान किया जायेगा। इस दौरान दोनों के मध्य वनाग्नि जैसी घटनाओं को रोकने को लेकर भी चर्चा हुई।
केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आस्था के प्रमुख केंद्र के साथ ही वन और पर्यावरण की दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड भ्रमण के दौरान एफआरआई में वन एवं पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मामलों में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। प्रोजेक्ट एलीफेंट एवं कैंपा के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की गई। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड को वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में केन्द्र सरकार की ओर से हर संभव मदद दी जाएगी।