देहरादून में लागू हुआ नो मास्क नो फ्यूल

देहरादून में कोरोना के खिलाफ जंग में पेट्रोल पंप संचालक भी आगे आए है। पंप संचालकों ने पेट्रोल पंपों पर आने वाले प्रत्येक नागरिक के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। मास्क न पहनने वाले को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक पेट्रोल पंपों पर नो मास्क, नो फ्यूल के बैनर व पोस्टर भी चिपकाए गए हैं। कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके, इसके लिए राज्य सरकार ने प्रत्येक सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है। देहरादून पेट्रोल पंप एसोसिएशन के मीडिया प्रवक्ता विवेक गोयल ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है। कहा कि अब जो भी पेट्रोल पंपों पर बिना मास्क के आएगा, उसे पेट्रोल डीजल नहीं दिया जाएगा।

कोरोना वायरस बचाव कार्यों में जो सहयोग न करें, सख्त कार्रवाई की जाए

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की स्थिति के संबंध में अपने आवास पर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाऊन खुलने की स्थिति में भीङ को रोकने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने के लिए कार्य योजना तैयार कर ली जाए। कोरोना वायरस से बचाव कार्यों में जो लोग सहयोग नहीं करते हैं उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। लोग सरकार का साथ दें, इसके लिए सभी धर्मगुरूओं और समाज के प्रबुद्धजनों का सहयोग लिया जाए। बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अनिल कुमार रतूङी, सचिव अमित नेगी, नितेश झा व एडीजी वी विनय कुमार उपस्थित थे।

सीएम ने की अपील, पांच अप्रैल के पीएम के आह्वान को बनाएं सफल
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर कोरोना वायरस के खिलाफ लङाई में एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए 05 अप्रैल 2020 को रात 9 बजे 9 मिनट के लिए अपने घरों में लाईट बंद कर चार दीपक प्रकाशित करने का आग्रह किया है। यदि दीपक न हो तो मोमबत्ती, टार्च या मोबाईल की फ्लैश लाईट भी जला सकते हैं। हम सभी दीपक जलाकर कोरोना वायरस से लङने में अपनी एकजुटता और दृढ़ संकल्प का परिचय दें। परंतु हमें कुछ बातों का भी ध्यान रखना है। प्रधानमन्त्री ने केवल घरेलू लाईट बंद करने के लिए कहा है। बिजली के अन्य उपकरणों जैसे टीवी, फ्रिज आदि को बंद नहीं करना है। इसी प्रकार आवश्यक सेवाओं में भी लाइट बंद नहीं होगी। स्ट्रीट लाइट भी जली रहेंगी। अति उत्साह में पूरे सोसायटी, अपार्टमेंट या घर के मेन वितरण प्रणाली से बिजली आपूर्ति बंद न करें। घर से बाहर न निकलें और न ही इकट्ठे हों।

31 मार्च की सुबह सात से सायं आठ बजे तक एक जिले से दूसरे जिले जाने की मिली छूट

प्रदेश के भीतर जो लोग एक जिले से दूसरे जिले में जाना चाहते हैं, वे लोग 31 मार्च को सुबह 7 बजे से सांय 8 बजे तक जा सकेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि केवल मंगलवार 31 मार्च के लिए ही यह अनुमति होगी। एक दिन का यह विंडो इसलिए दिया जा रहा है क्योंकि जगह-जगह से ऐसी बातें आ रही थी कि बहुत से लोग अपने काम से आए हुए थे और लॉकडाऊन के कारण अपने घर से बाहर फंसे हैं। बसों व टैक्सियों को सेनेटाइज करवाया जाना होगा। इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुबह सात से दोपहर एक बजे तक आवश्यक वस्तुओं की दुकानों को खोलने की व्यवस्था का अच्छा रेस्पोंस मिला है। इससे लोगों में घबराहट खत्म हुई है, भीङ भी नहीं हो रही। लोग भी अब समझने लगे हैं। इसलिए इसी व्यवस्था को जारी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि दिल्ली में जो उत्तराखंडवासी फंस गए हैं उनके लिए उत्तराखंड सदन ओपन कर दिया गया है। वहां उनके भोजन, मेडिकल आदि व्यवस्था है।

इसी प्रकार मुम्बई में भी उत्तराखंड भवन को लॉकडाऊन में फंसे उत्तराखंड के लोगों के लिए ओपन किया गया है। उन्होंने बताया कि हम दो तीन दिन में 500 चिकित्सकों की भर्ती करने जा रहे हैं। इससे हमारे यहाँ चिकित्सक पर्याप्त संख्या में हो जाएंगे। सीएम ने बताया कि पेंशनरों के लिए जीवन प्रमाण पत्र और वाहन चालकों के लिए ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण के लिए एक माह की छूट दी गई है।

समझें क्यों कहा मोदी ने कोताही बरती गई तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोविड-19 के प्रकोप से देश को बचाने के लिए देशवासियों से निर्णायक लड़ाई के लिए तैयार हो जाने का आह्वान किया है। देश के नाम अपने संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा है कि आज रात बारह बजे से पूरे देश में लॉकडाउन कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक तरह से जनता कर्फ्यू की ही तरह होगा, लेकिन इसमें पूरी सख्ती बरती जाएगी। मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव का एकमात्र तरीका सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक-दूसरे से मिलते समय करीब एक मीटर की दूरी बनाए रखना है और इस नियम का पालन करना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर इसमें कोताही बरती गई तो देश को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
प्रधानमंत्री ने एहतियात को ही बचाव का सबसे अच्छा उपाय बताते हुए लोगों से कहा कि वे इक्कीस दिनों की परीक्षा की इस घडी में घरों से बाहर न निकलें। प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना का मतलब है कोई भी रोड पर न निकले और इस नियम का पालन हम सभी को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम इक्कीस दिन तक संयम नहीं बरत पाए तो हम इक्कीस साल पीछे धकेल दिए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस आग की तरह से तेजी से फैलने वाली बीमारी है। दुनिया के अनेक देशों के अनुभव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि बेहतरीन चिकित्सा सुविधाओं वाले देशों को भी कोरोना से निपटने में भारी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हमें उनके अनुभवों से फायदा उठाते हुए अपनी पूरी तैयारी करनी होगी। उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने जिस तरह से इस बीमारी पर काबू पाया है वह हमारे लिए एक मिसाल होगी। हमें कोविड-19 के फैलाव की श्रृंखला को तोड़कर इस बीमारी से निपटना होगा।
प्रधानमंत्री ने देशवासियों का आह्वान किया कि जान है तो जहान है इसलिए हमें पूरी तैयारी करनी होगी और सोशल डिस्टेन्सिंग के नियम का कडाई से पालन करना होगा। उन्घ्होंने बीमारी से निपटने में चिकित्साकर्मियों, पुलिस कर्मियों और आवश्यक सेवाओं से जुडे अन्य कर्मियों के योगदान की सराहना की। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि सरकार आम लोगों की परेशानियों को दूर करने का हरसंभव प्रयास करेगी।