कोल्ड रिकाॅर्ड बनने के आसार, लगातार बारिश जारी

राज्य मौसम विज्ञान केंद्र ने नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, हरिद्वार, देहरादून और पौड़ी में बारिश के साथ ओलावृष्टि की संभावना जताई है। वहीं राजधानी देहरादून सहित कई इलाकों में रुक-रुक कर बारिश जारी है। रुद्रप्रयाग में रातभर से हो रही रुकरुक कर बारिश हो रही है। केदारनाथ में लगभग 6 फीट तक नई बर्फ गिर चुकी है। यहां पहले से पांच फीट बर्फ मौजूद है। तुंगनाथ में 6 फीट और चोपता में 5 फीट तक बर्फ गिर चुकी है। जनपद के गौंडार, तोषी, चैमासी, चिलौण्ड, जालमल्ला, ब्युखी, त्रियुगीनारायण और गौरीकुंड गांव बर्फ से लकदक हैं।
टिहरी जिले में रात भर से बारिश का सिलसिला बुधवार की सुबह भी जारी रहा। यहां ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी होने से कड़ाके की ठंड बढ़ गई है। उत्तरकाशी जिले के राष्ट्रीय राज्य मार्ग गंगोत्री गंगनानी से ऊपर बर्फबारी के कारण बाधित है तथा मार्ग खोलने का कार्य जारी है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग राड़ी टॉप, सुवाखोली और फूलचट्टी के पास बर्फबारी के कारण बाधित है। बागेश्वर जिले में कपकोट के अन्तर्गत बदियाकोट क्षेत्र में वाछम, तीख, खाती, सोराग, कालू, किलपारा, कुंवारी, डौला, बोरबलड़ा में लगभग 2 फीट बर्फबारी हो चुकी है।
मौसम विभाग के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि बुधवार को दिनभर ऐसा ही मौसम रहेगा। बृहस्पतिवार को हल्की राहत के आसार हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल पहाड़ों में बर्फबारी और रात को पाला पड़ने से हाड़ कंपाने वाली ठंड होगी। जबकि मैदानी इलाकों में शीतलहर चलेगी। मौसम विभाग के अनुसार नौ जनवरी को भी कुछ स्थानों पर शीत से तीक्षण दिवस हो सकता है। 10 और 11 जनवरी को हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर में घना कोहरा छाया रहेगा।
केंद्र की ओर से राज्य सरकार को सलाह दी गई है कि आठ जनवरी को अधिक बर्फबारी के कारण दो हजार मीटर या इससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में सड़कों के अवरुद्ध होने की आशंका है। बर्फबारी से पर्वतीय क्षेत्र की सड़कों पर फिसलन की स्थिति हो सकती है। यात्रियों और पर्यटकों को सतर्क रहने और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाने की सलाह दी गई है।मंगलवार को मसूरी में भी दिनभर बारिश होती रही। पर्यटन स्थल धनोल्टी में बारिश के बीच हल्की बर्फबारी हुई।
वहीं, उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री और गंगोत्री सहित समुद्र तट से दो हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित करीब 100 गांव बर्फ से ढक गए हैं। यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे समेत करीब आधा दर्जन सड़कें बर्फ से बंद हो गई है। चमोली जिले में करीब 80 गांवों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। पैदल रास्ते और पानी के स्रोत भी जम गए हैं। मौसम के बदले मिजाज के बीच जौनसार बावर की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं। लोखंडी, देववन, खंडबा, व्यास शिखर, मुंडाली, मोयला टॉप समेत कई ऊंची चोटियों पर छह इंच से एक फिट तक बर्फबारी हुई।
मौसम लगातार नया रिकॉर्ड बना रहा है। पिछले 12 वर्षों में पहली बार जनवरी 2020 में छह और सात जनवरी को बदरा बरसे। बारिश के चलते अधिकतम तापमान भी दो डिग्री सेल्सियस गिर गया। मंगलवार की सुबह से ही बादलों ने आसमान में डेरा डाल रखा था। सुबह से बूंदाबांदी हो रही थी। शाम को भी बारिश हुई।
मौसम की खराबी के कारण नैनीसैनी एयरपोर्ट से मंगलवार को सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। विजिबिलिटी नहीं होने से देहरादून से विमान पिथौरागढ़ नहीं आ सका। यात्रियों को घंटों इंतजार के बाद वापस लौटना पड़ा। नैनीसैनी के लिए पहली फ्लाइट देहरादून से आती है।

चारधाम सहित हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी से एक बार फिर ठंड बढ़ी

उत्तराखंड में मौसम के मिजाज में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में एक बार फिर से हिमपात होने से ठंड में एकाएक बढ़ोत्तरी हुई है। चार धाम के साथ ही उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात से कड़ाके की ठंड जारी है। प्रदेश के आठ शहरों में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से भी कम है। इतना ही नहीं अधिकतम तापमान भी सामान्य से पांच से सात डिग्री सेल्सियस कम बना हुआ है। देहरादून स्थित राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार शनिवार को प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं, वहीं निचले इलाकों में बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी भी संभव है।
उत्तराखंड में शीतलहर का असर बना हुआ हैं। मसूरी, चमोली के जोशीमठ और कुमाऊं के चम्पावत में पारा तीन डिग्री सेल्सियस से भी कम है। शीतलहर के असर को देखते हुए हरिद्वार और नैनीताल में शुक्रवार को एक से बारहवीं तक के स्कूलों में अवकाश रहा। वहीं देहरादून में स्कूलों के समय में बदलाव किया गया है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि रविवार तक प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ (वेस्टर्न डिस्टरबेंस) का प्रभाव बना रहेगा। बताया कि इस दौरान उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जिले के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश व बर्फबारी हो सकती है।
गंगा घाटी में भारी हिमपात से ठंड का कहर अपने चरम पर है। हाल ये है कि भीषण ठंड के कारण झाला से लेकर गंगोत्री तक कई झरने और नाले जम चुके हैं। गंगोत्री में भागीरथी (गंगा) के जिस हिस्से में बहाव कम है वहां भी पानी बर्फ बन चुका है। शीतलहर के कारण हर्षिल घाटी और गंगोत्री में पेयजल संकट गहरा गया है। लोग पानी का इंतजाम बर्फ गलाकर कर रहे हैं। गंगोत्री में इन दिनों 55 और भैरवघाटी में 40 लोग रह रहे हैं। ठंड के कहर का सबसे अधिक असर 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में है। जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 65 किमी दूर गंगोत्री की ओर सुक्की टॉप गांव से लेकर गंगोत्री तक अपनी सुंदरता बिखेरने वाले 40 से अधिक झरने व नाले जम चुके हैं। हर्षिल घाटी के आठ गांवों के अलावा गंगोत्री को पेयजल आपूर्ति करने वाले पेयजल स्रोत जम गए हैं।
हर्षिल के लोगों का कहना है कि हर्षिल घाटी में पाइपों के अंदर पानी जम चुका है। ऐसे में लोगों को पीने के पानी के लिए बर्फ पिघलानी पड़ रही है। झाला और धराली के बीच जो छोटी नदियां गंगा में मिलती हैं, उनका पानी भी मुहाने पर जम चुका है। शीतलहर के कहर से बर्फ बने नाले और झरने पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं। लेकिन, स्थानीय लोगों के लिए के लिए यह किसी सजा से भी कम नहीं है।

विदाई के पखवाड़े में खड़ा मानसून भारी बारिश की संभावना जता रहा!

राज्य में मानसून विदाई के पखवाड़े में खड़ा है लेकिन जाते-जाते पर्वतीय इलाकों में भारी बारिश का कारण बन सकता है। पिथौरागढ़, नैनीताल, पौड़ी और चमोली में अगले 24 घंटों में मूसलाधार बारिश के आसार हैं, जबकि उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। वहीं राज्य के तराई क्षेत्रों में मौसम की करवट से सुबह सर्दी तो दोपहर में उमस और रात में हल्की ठंड का अहसास हो रहा है।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि मानसून की विदाई मूसलाधार बारिश के साथ हो सकती है। जबकि 25 से 28 सितंबर तक भी झमाझम बारिश की संभावना जताई है। मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार राजस्थान में सबसे पहले सितंबर के प्रथम सप्ताह में मानसून विदा होता है। अभी मानसून की विदाई राजस्थान से नहीं हुई है। ऐसे में उत्तराखंड में मानसून अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक सक्रिय रहने की संभावना है। ऐसे में अक्तूबर में ही राज्य से मानसून की विदाई हो सकती है।