पर्यटन विभाग में पंजीकृत होम स्टे की मार्केटिंग पर विशेष ध्यान रखेंः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में सिंचाई, शहरी विकास, पर्यटन, युवा कल्याण, परिवहन और आवास विभागों की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि पार्किंग स्थलों के लिए एक स्टैंडर्ड मॉडल बनाया जाए। विभिन्न उद्देश्यों के लिए भवन-निर्माण का जरूरत के अनुसार हो। पर्यटन स्थलों, शहरी क्षेत्रों में बनाए जाने वाले शौचालयों की गुणवत्ता का निरीक्षण सुनिश्चित किया जाए। नगर पंचायत भवन निर्माण को प्राथमिकता दी जाए। साहसिक खेल निदेशालय की स्थापना जल्द से जल्द की जाए। इको टूरिज्म पॉलिसी बनाई जाए। अगले वर्ष वैलनेस समिट की तैयारी शुरू की जाए। पर्यटन विभाग में पंजीकृत होम स्टे की मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।

आवास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर स्वीकृत मल्टी-पार्किंग के लिए किसी विशेषज्ञ एजेंसी से एक समान मॉडल बनवा लिया जाए। इसमें इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पर्वतीय क्षेत्रों में पार्किंग स्थल विकसित करने में कंक्रीट का भारी भरकम स्ट्रक्चर न बनाया जाए। आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाए। जहां अधिक आवश्यकता न हो, वहां ओपन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। बताया गया कि विभिन्न स्थानों के मास्टर प्लान बनाने की प्रक्रिया चल रही है।

कूड़ा निस्तारण में सेग्रीगेशन की प्रक्रिया को अपनाया जाए
शहरी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों के सभी शौचालयों की गुणवत्ता का निरीक्षण करवा लिया जाए। कूड़ा निस्तारण के लिए सेग्रीगेशन की व्यवस्था की जाए। जगह-जगह लगाए जाने वाले साईनेज में समरूपता हो। बताया गया कि नरेंद्र नगर में गंगा पथ पर मैरीन ड्राईव का निर्माण कुम्भ के तहत कराया जाएगा। पौड़ी में कूड़ा निस्तारण के लिए कार्यवाही गतिमान है। विद्युत शवदाह गृह चित्रशिला घाट, रानीबाग के लिए आंगणन प्रेषित किया गया है। मसूरी में भी वैंडर जोन बनाया जाएगा।

पुनर्जीवन अभियान के लिए जिलों में नदियां चिन्हित
सिंचाई विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रत्येक जिले में एक-एक नदी के संरक्षण व संवर्धन के काम में तेजी लाई जाए। बूढ़ाकेदार में आस्था पथ निर्माण, सहसपुर में मालडूग जलाशय निर्माण व कपकोट में सरमूल सौधारा के विकास के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को जल्द पूरा किया जाए। बताया गया कि जनपद देहरादून में रिस्पना, अल्मोड़ा में कोसी, नैनीताल में शिप्रा, उधमसिंहनगर में कल्याणी, रूद्रप्रयाग में क्वाली-सौंदा, मरगांव-सेमल्ता, ढोढा-कोतली, चमोली में मोटूगांव, पौड़ी में लंगेरीगाड़ व सीलगाड़, हरिद्वार में पीलीनदी, उत्तरकाशी में कमलनदी, टिहरी में हेवल नदी, पिथौरागढ़ में गुर्जीगाड़, चम्पावत में गोडी नदी को चिन्हित किया गया है। गैरसैंण में झील निर्माण के लिए कार्य गतिमान है। बाढ़ सुरक्षा के कार्य नाबार्ड के तहत कराए जा रहे हैं। देहरादून, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रूड़की, हरिद्वार व भगवानपुर में ड्रेनेज प्लान का प्रोक्योरमेंट रूल्स के तहत क्यू.सी.बी.एस. करा लिया गया है। नैनीताल झील के संरक्षण के लिए 3 करोड़ 17 लाख रूपए की राशि स्वीकृत की जा चुकी है।

इको टूरिज्म पॉलिसी बनाई जाएगी
पर्यटन विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने कहा कि केदारनाथ में गौरीकुण्ड मंदिर के समीप कुण्ड निर्माण में उसके प्राचीन स्वरूप को बरकरार रखते हुए किया जाए। साहसिक खेल निदेशालय की स्थापना जल्द से जल्द की जाए। इको टूरिज्म पॉलिसी बनाई जाए। पर्यटन विभाग में पंजीकृत होम स्टे की मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। बताया गया कि प्रत्येक जनपद में एक-एक नए पर्यटन स्थल विकसित करने के लिए मास्टर प्लान के अनुसार डीपीआर बनाई जा रही है। टिहरी के कोटी कालोनी में साहसिक पर्यटन की गतिविधियां की जा रही हैं। पर्यटन विभाग के अंतर्गत अभी तक 1700 होम स्टे पंजीकृत किए जा चुके हैं जबकि 600 जल्द ही हो जाएंगे। पौड़ी में कण्डोलिया के सौंदर्यीकरण और श्रीनगर-पौड़ी, खिर्सू-लैंसडौन को टूरिस्ट सर्किट के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक धनराशि अवमुक्त की गई है।

केन्द्र ने 16 शहरों के लिए 1400 करोड़ रुपये जारी किये

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के 16 शहरी क्षेत्रों के लिए 1400 करोड़ रूपए की योजना को स्वीकृति देने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के शहरी क्षेत्रों में अवस्थापना विकास खासतौर पर पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आई0सी0टी0 संबंधी काम तेजी से होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड पर विशेष ध्यान है। आल वेदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भव्य नई केदारपुरी, सहकारिता विकास परियोजना के बाद अब शहरी क्षेत्रों के लिये परियोजना को मंजूरी उत्तराखंड के विकास के लिए बड़ी देन है। राज्य सरकार भी नए भारत के अनुरूप नए उत्तराखंड के लिए पूरी गम्भीरता से काम कर रही है। देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम चल रहा है।
पहले चरण में 5 नगर निकायों के लिये 1400 करोङ की मंजूरी
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड के 16 मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में विभिन्न अवस्थापना विकास कार्यों के लिए तैयार परियोजना ‘‘मध्यम श्रेणी के नगर निकायों में शहरी अवस्थापना विकास (अर्बन इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेन्ट आफ सेकेन्डरी टाऊन)’’ के पहले चरण के लिये 1400 करोड़ रूपये (200 मीलियन अमेरिकी डालर) की मंजूरी भारत सरकार के आर्थिक कार्य विभाग (DEA) द्वारा दी गई है। पहले चरण में देहरादून के डोईवाला व विकासनगर पिथौरागढ़ के पिथौरागढ और ऊधम सिंह नगर के काशीपुर व रुद्रपुर में 24 x7 पेयजल, अपशिष्ट जल प्रबन्धन, बरसाती जल प्रबन्धन, शहरी सड़कें, यातायात और पार्किंग वैंडिंग जोन, सूचना संपर्क तकनीकी और ओपन स्पेस जैसे कार्य किए जायेंगे।

दूसरे चरण में 11 नगर निकायों के लिये भी 1400 करोड़ का प्रस्ताव
इसके अतिरिक्त दूसरे चरण में छः जिलों (चमोली, पौड़ी, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, उधम सिंह नगर) के ग्यारह नगर निकायों (गोपेश्वर, जोशीमठ, श्रीनगर, टनकपुर, चम्पावत, अल्मोड़ा, बागेश्वर, किच्छा, खटीमा, जसपुर, सितारगंज) में भी 1400 करोड़ रूपये से समान कार्य किये जाने प्रस्तावित हैं।

पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सडक परिवहन, सूचना एवं संचार तकनीक के होंगे काम
परियोजना के अन्तर्गत प्रदेश के कुल 9 जिलों के 16 नगरों में पेयजल, सीवरेज, ड्रेनेज, सड़क, ट्रांसपोर्ट, आई0सी0टी0 आदि कार्य कुल दो चरणों में प्रस्तावित हैं। जिसकी अवधि 10 वर्ष रहेगी। जिसकी कुल प्रस्तावित लागत 2800 (400 मीलियन अमेरिकी डालर) करोड़ रूपये हैं। परियोजना के लिए केन्द्रांश तथा राज्यांश की 80ः20 की हिस्सेदारी रहेगी।

एआईआईबी से है वित्त पोषित
यह परियोजना एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक ( AIIB ) द्वारा वित्त पोषित है तथा परियोजना का नियमन/क्रियान्वयन शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत गठित उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी ( UUSDA ) द्वारा किया जायेगा।

नागरिक सुविधाएं होंगी बेहतर
परियोजना के अन्तर्गत नगरों में स्वचालित स्काडा तकनीक के द्वारा चैबीस घंटे पानी की सुविधा प्राप्त होगी, घरों में पेयजल मीटर लगाये जायेंगे ताकि पानी के अपव्यय को कम किया जा सके। सुरक्षित, स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरणीय परिस्थितियों को बनाये रखने के लिए अपशिष्ट जल प्रबन्धन किया जायेगा। बरसाती पानी के प्रबन्धन हेतु विकास कार्य किये जायेंगे वहीं सड़कों व पार्किंग का निर्माण कर यातायात प्रबन्धन का कार्य भी किया जायेगा। छोटे फुटकर व्यापारियों के लिए वैन्डिंग जोन का निर्माण किया जायेगा। नियमित स्थानीय निकाय सुदृढ़ीकरण तथा सशक्तिकरण के लिए सूचना संचार तकनीकी का उपयोग किया जायेगा। इस सब अवस्थापना विकास कार्यों के फलस्वरूप नगरीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा तथा नागरिक विकास स्तर भी सुदृढ़ होगा।