जहां दूरसंचार कनेक्टिविटी नहीं, वहां प्राथमिकता के साथ सुविधा देंः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें केंद्र पोषित योजनाओं और कार्यक्रमों की प्रगति की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समिति के सदस्य सांसदगणों और विधायकगणों को आवश्यक सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराई जाए। जिला स्तर की बैठकों का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न योजनाओं में दिए गए टार्गेट समय पर पूरे हों। कार्यों की क्वालिटी पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। कोविड-19 के कारण हुई देरी की भरपाई करने के लिए दोगुनी ऊर्जा से काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज क्षेत्र कल्याण योजना में पर्याप्त मात्रा में धन उपलब्ध है। इसमें अवस्थापनात्मक, सामाजिक क्षेत्र और पर्यावरण संरक्षण से संबंधित काम कराए जाएं। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना में प्लेसमेंट को प्रमुखता दी जाए। डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम को सभी जिलों में तेजी से लागू किया जाना है। मनरेगा में अच्छा काम किया गया है। इसमें सुनिश्चित किया जाए कि नए जॉब कार्ड बनाने में कोई परेशानी न हो। जिन गांवों में दूरसंचार की कनेक्टिविटी नहीं है, उन्हें कनेक्टिविटी से जोड़ने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) द्वारा 41 केंद्र पोषित योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की जाती है। इसका उद्देश्य चुने हुए जनप्रतिनिधियों के सहयोग से उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग करना और तालमेल को बढ़ाना है। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय समिति और सांसदगण की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय समिति बनाई गई हैं। राज्य स्तरीय समिति में सभी सांसदगण और कुछ विधायकगण भी सदस्य होते हैं। समिति समन्वय और निगरानी के साथ ही धन प्रवाह की समीक्षा, भूमि, स्थान जैसे मामलों को हल करना, योजनाओं के क्रियान्वयन में सुधार के लिए आवश्यतानुसार सुझाव भारत सरकार को दे सकती है।
बैठक में पीएमजीएसवाई, एनआरएलएम, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना, मनरेगा, सर्व शिक्षा अभियान, मिड-डे मील, डिजिटल इंडिया, राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, सुगम्य भारत अभियान, अमृत, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी, स्वच्छ भारत मिशन, स्मार्ट सिटी मिशन, दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, एकीकृत विद्युत विकास योजना, डिजिटल भारत भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, परम्परागत कृषि विकास योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, ई-नाम, जल जीवन मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, समेकित बाल विकास योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना, टेलीकॉम, रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम आदि कार्यक्रमों व योजनाओं की समीक्षा की गई।
बैठक में सांसद अजय भट्ट, अजय टम्टा, विधायक राजेश शुक्ला, धन सिंह नेगी, राम सिंह कैड़ा, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आरके सुधांशु, शैलेश बगोली, नीतेश झा, आर मीनाक्षी सुंदरम सहित शासकीय अधिकारी उपस्थित रहे।

अंतिम संस्कार में पहुंचे सीएम बोले, भाजपा नेता मोहन प्रसाद व कुलदीप का जाना भाजपा के लिए बहुत बड़ी क्षति

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बद्री केदार मंदिर समिति के निवर्तमान अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल और ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष कुलदीप चैहान के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक जताया। सीएम ने उनके पार्थिव शरीर पर श्रद्धाजंलि अर्पित करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति व शोक संतप्त परिवार जनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेता मोहन प्रसाद थपलियाल का जाना पार्टी के लिए बहुत बडी क्षति है। उन्होंने कहा कि उनके स्वयं के लिए भी यह बडी व्यक्तिगत क्षति है। क्योंिक जब कभी भी हम किसी मुद्दे पर राय मसवरा करते थे वो तटस्थ भाव से बड़ी संतुलित राय देते थे। जिसमें सबकी भलाई निहित रहती थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन प्रसाद थपलियाल और ओबीसी के जिला अध्यक्ष का अचानक जाना बेहद दुःखद है और पार्टी के लिए बहुत बड़ी क्षति है। इस दौरान मुख्यमंत्री दोनों दिवंगत आत्माओं के परिजनों से भी मिले और उनको सांत्वना देते हुए ढांढ़स बधाया।

विधानसभा बद्रीनाथ के विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, कर्णप्रयाग विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट, जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया, मुख्य विकास अधिकारी हंसादत्त पांडे सहित भाजपा के तमात क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी पार्थिव शरीर पर श्रद्वांजलि देते हुए शोक संवेदना व्यक्त की।

विदित हो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मोहन प्रसाद थपलियाल शनिवार को कर्णप्रयाग मे मंडल प्रशिक्षण कार्य योजना की बैठक मे भाग लेने के बाद शाम को अपने गांव तपोवन लौट रहे थे। ओबीसी के जिलाध्यक्ष कुलदीप चैहान भी उनके साथ थे। पीपलकोटी से थोडा आगे भनेरपानी के निकट उनकी कार अनियंत्रित होकर लगभग 300 मीटर गहरी खाई मे जा गिरी। दुर्घटना स्थल के दूसरी और की पहाड़ी पर स्थित मठ बेमरू गांव के ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। रविवार को सुबह एनडीआरफ की मदद से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। दोपहर में चट्टान पर दो बॉडी दिखाई दी, लेकिन यहां आवाजाही के लिए रास्ता ना होने के कारण बॉडी को पूरे दिन भर रेस्क्यू नहीं किया जा सका और अंधेरा होने के कारण सर्च आपरेशन बंद करना पडा। सोमवार को कडी मस्कत के बाद चट्टान पर अटके दोनों शवो को एनडीआरएफ ने रेस्क्यू किया और मौके पर ही पोस्टमार्टम कर पार्थिव शरीर परिजनों को सौंपा गया। इसके बाद पार्थिव शरीर को पीपलकोटी के न्यू बस स्टैण्ड के प्रतिक्षालय लाया गया। जहॉ पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, तीनों विधायकों व भाजपा के अन्य नेताओं, कार्यकर्ताओं तथा स्थानीय लोगों ने श्रद्वासुमन अर्पित कर दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके बाद दोनों पार्थिव शवों को लेकर अपने पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार के लिए ले गए। जहॉ उनका अंतिम संस्कार किया गया।

बीआरओ द्वारा निर्मित उत्तराखंड के आठ पुल हुए राष्ट्र को समर्पित

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। रक्षा मंत्री ने अरूणाचल प्रदेश के तवांग मार्ग में नेचीफु सुरंग की आधारशिला भी रखी। राष्ट्र को समर्पित किए गए पुलों में उत्तराखण्ड में 08, अरूणाचल प्रदेश में 08, हिमाचल प्रदेश में 02, जम्मू कश्मीर में 10, लद्दाख में 08, पंजाब में 04 और सिक्किम में 04 पुल शामिल हैं। इन 44 पुलों का कुल स्पान 3506 मीटर है। उत्तराखण्ड के 08 पुलों का कुल स्पान 390 मीटर है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक साथ इतने पुलों का उद्घाटन और सुरंग की आधारशिला रखना बहुत बड़ा रिकार्ड है। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टीवीटी और विकास का नया युग प्रारम्भ होगा। देश में कोविड-19 में सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान व चीन के साथ हमारी बड़ी सीमा मिलती है, जहां तनाव बना रहता है। हम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन सभी समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर रहे हैं। हाल ही में अटल टनल का उद्घाटन किया गया था। सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा के साथ ही विकास में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन पुलों के बनने से स्थानीय आकांक्षाओं की पूर्ति होगी और सेना तक आवश्यक सामग्री पहुंचानें में मदद मिलेगी। सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में इनकी बड़ी उपयोगिता है। इससे दूरदराज के क्षेत्र, विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने बीआरओ की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में बीआरओ के बजट को लगभग तीन गुना किया गया है। हमें इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 44 पुलों के निर्माण के लिए रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों और सभी कार्मिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। उत्तराखण्ड में बनाए गए पुलों से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी सुविधा होगी। इसका क्षेत्र की आर्थिकी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पिथौरागढ़ में पुलों की लम्बे समय से मांग थी और सपना जैसा लगता था। आज क्षेत्रवासियों का ये सपना साकार हुआ है। ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में कम समय में पुलों का उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण पूरा करना सरकार की प्रतिबद्धता और बीआरओ की कुशलता को बताता है।

भूतपूर्व सैनिक संगठन के सदस्यों ने सीएम का आभार जताया

सेवारत एवं सेवानिवृत्त जेसीओ रैंक से ऊपर के सैन्य अधिकारियों का गृहकर माफ किये जाने की घोषणा पर भूतपूर्व सैनिक संगठन, देहरादून ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का आभार व्यक्त किया। रविवार को गढ़ी कैंट देहरादून स्थित डीएसओआई में आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र का संगठन द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर संगठन द्वारा मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र को अपनी मांगो से सम्बन्धित ज्ञापन एवं सुझाव पत्र भी सौंपा गया।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड एक सैनिक बहुल प्रदेश है। प्रदेश का हर परिवार सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों से किसी न किसी प्रकार से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का यह सौभाग्य है कि पूर्व सैनिको के रूप में हमारे पास प्रशिक्षित एवं अनुशासित जनशक्ति उपलब्ध है, जिनका उपयोग प्रदेश के विकास के लिए किया जा सकता है।
इस अवसर पर विधायक गणेश जोशी, जीओसी उत्तराखंड सब एरिया मेजर जनरल आरएस ठाकुर, डिप्टी जीओसी ब्रिगेडियर एसएन सिंह, भूतपूर्व सैनिक संगठन देहरादून के पदाधिकारी ब्रिगेडियर(से.नि.) केजी बहल, कर्नल (से.नि.) बीएम थापा, कर्नल (से.नि.) यू एस ठाकुर उपस्थित थे।

जौलीग्रांट व पंतनगर एयरपोर्ट का अंतराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा विस्तार

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप खरोला ने मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार एवं जौलीग्रांट एवं पंतनगर एयरपोर्ट का अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विस्तार किये जाने के साथ ही प्रदेश में हेली पोर्ट के निर्माण आदि से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की। उन्होंने जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट पर हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग की व्यवस्था से सम्बन्धित संभावनाओं पर भी विचार विमर्श किया। मौके पर सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट के विस्तार हेतु आवश्यक भूमि की उपलब्धता के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सैद्धान्तिक निर्णय ले लिया गया है। जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थायें की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे के विस्तार एवं इसे अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किये जाने बाद वहां पर हवाई जहाजों की नाइट पार्किंग की भी व्यवस्था हो सकती है। उन्होंने कहा कि जौलीग्रान्ट हवाई के विस्तार से राज्य में पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। सीमान्त क्षेत्र होने के नाते सामरिक दृष्टि से भी इस हवाई अड्डे को अन्तराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंतनगर हवाई अड्डे को भी ग्रीन फील्ड एयर पोर्ट बनाये जाने की दिशा में भी राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है, इसके लिए आवश्यक भूमि की भी व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की गई है। यहां से भी अन्तराष्ट्रीय स्तर पर हवाई सेवा के संचालन में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थिति के दृष्टिगत राज्य में हवाई सेवाओं की नितान्त आवश्यकता बनी रहती है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कार्ययोजना भी तैयार की गई है।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन सचिव ने मुख्यमंत्री को प्रदेश में हवाई सेवाओं के विस्तार में आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने बताया कि जौलीग्रान्ट हवाई अड्डे का विस्तारीकरण का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रथम चरण में लगभग 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

अब वन एवं वन्य जीवों से सम्बन्धित समस्याओं का होगा त्वरित समाधानः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वन विभाग द्वारा तैयार की गई वन एवं वन्य जीव हेल्पलाइन 1926 का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इस हेल्पलाइन की शुरूआत को वनों की सुरक्षा एवं मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने की दिशा मे की गई प्रभावी पहल बताया है।

वन विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हेल्पलाइन आम जनता को वन एवं वन्य जीवों के कारण होने वाली समस्याओं के समाधान में तभी कारगर साबित होगी जब विभागीय अधिकारी प्राप्त शिकायतों का तत्परता के साथ निराकरण करेंगे। कहा कि इससे वनों में होने वाली घटनाओं, वनों की तस्करी रोकने, जंगली जानवरों के अवेध शिकार जैसी तमाम समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकेगा।

कहा कि जंगली पशुओं के फसलों को हो रहे नुकसान को कम करना भी एक बड़ी समस्या है। इसके लिए वनों में वन्य जीवों के लिए भोजन की व्यवस्था पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इसके लिए कार्ययोजना बनाये जाने की भी जरूरत बतायी। मुख्यमंत्री ने इस सम्बन्ध में समय-समय पर व्यापक जन जागरूकता अभियान संचालित किये जाने के भी निर्देश दिये ताकि वनों एवं वन्यजीवों के संरक्षण में जन सहभागिता भी सुनिश्चित हो सके।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के औद्योगिक सलाहकार केएस पंवार, आईटी सलाहकार रवीन्द्र दत्त, प्रमुख वन संरक्षक जयराज, प्रमुख वन संरक्षक वन्य जीव रंजना काला, मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक जेएस सुहाग, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते आदि उपस्थित थे।

जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को पीने का स्वच्छ जल नल द्वारा मिलेगाः सीएम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि लोगों को गुणवत्ता युक्त पेयजल मिले और पानी के उपभोग के अनुसार ही बिल भुगतान हो, इसके लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मीटर लगाने के साथ ही पानी की खपत के अनुसार ही लोगों से चार्ज लिया जाए। इसके लिए एक सरल और स्पष्ट नीति बनाई जाए, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि मानकों का निर्धारण करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। इस योजना के तहत उत्तराखण्ड के सभी ग्रामीण परिवारों को पीने का स्वच्छ पानी नल द्वारा पहुंचाया जायेगा। जल संस्थान, स्वजल एवं पेयजल निगम को इसके लिए कार्यदायी एजेंसी बनाया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूईंग बिजनेस की रैंकिंग में सुधार के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की प्रक्रिया में और तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। निर्धारित रिफार्म एक्शन प्लान के अनुरूप कार्य किए जाएं। उत्तराखण्ड राज्य, राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने वाले राज्यों की श्रेणी में सम्मिलित हो इसके लिये प्रभावी प्रयास किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज आफ डूईंग बिजनेस में हालांकि उत्तराखण्ड वर्ष 2015 में 23 वें स्थान से अब 11 वें स्थान पर आ गया है। परंतु इसमें और सुधार के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास किए जाएं। कोविड-19 के दृष्टिगत तमाम सावधानियां भी रखनी हैं। साथ ही औद्योगिक इकाईयों को प्रोत्साहित भी करना है। राज्य के उद्यमी, आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एमएसएमई क्षेत्र के लिए किए गए प्रावधानों का लाभ उठा सकें, इसके लिए उनका हरसम्भव सहयोग किया जाए। वोकल फोर लोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव नितेश झा, शैलेष बगोली, सौजन्या, अपर सचिव नीरज खैरवाल, नगर आयुक्त देहरादून विनय शंकर पाण्डे आदि उपस्थित थे।

महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने अर्पित किए पुष्प

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

मुख्यमंत्री ने इसके पश्चात गांधी पार्क, देहरादून में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी एवं महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देश के दो महान विभूतियों राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश की आजादी के लिए अहिंसक आन्दोलन किया। उन्होंने अंहिसा के सिद्धान्त पर जनता को नागरिक अधिकारों एवं स्वतंत्रता के प्रति आन्दोलन के लिए प्रेरित किया। पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने ‘‘जय जवान जय किसान’’ का नारा दिया और भारतीय सेना और किसानों की मजबूती के लिए कार्य किया। देश के स्वतंत्रता संग्राम और नवभारत के निर्माण में शास्त्री जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
इस अवसर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वंशीधर भगत, विधायक हरबंस कपूर, खजान दास, मेयर सुनील उनियाल गामा ने भी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये।

शहीद आंदोलनकारियों का किया स्मरण
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कचहरी, देहरादून में उत्तराखण्ड के शहीद राज्य आन्दोलनकारियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। कहा कि आज ही के दिन उत्तराखण्ड के इतिहास में एक काला अध्याय भी जुड़ा। जब राज्य आन्दोलनकारियों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य की मांग के लिए शांतिपूर्ण तरीके से आन्दोलन किया जा रहा था। तब रामपुर तिराहा में इन आन्दोनकारियों पर बर्बरता पूर्वक अत्याचार किया गया। कहा कि अपने प्राणों की आहुति देने वाले राज्य आन्दोलनकारियों के बलिदान के परिणामस्वरूप ही उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य बना। राज्य आन्दोलनकारियों के सपनों के अनुरूप उत्तराखण्ड का विकास हो इसके लिए राज्य सरकार निरन्तर प्रयासरत है।

सीएम ने दिया निर्देश 100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन दें

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों के साथ जल जीवन मिशन की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि जल जीवन मिशन को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में पूरा करना सुनिश्चित करें। हर जिलाधिकारी के पास शाम को यह सूचना होनी चाहिए कि उनके जिले में उस दिन कितने घरों को पानी का कनेक्शन दिया गया। इस सूचना से जिलाधिकारी, शासन को भी नियमित रूप से अवगत कराएं। रोजाना के टार्गेट तय कर मिशन मोड में काम किया जाए।

जल जीवन मिशन के लिए पूरे कमिटमेंट से काम हो
मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन प्रधानमंत्री का प्रमुख कार्यक्रम है। ग्रामीण क्षेत्रों में सभी घरों में पानी का कनेक्शन के साथ ही समुचित पेयजल की उपलब्धता और इसकी गुणवत्ता भी सुनिश्चित करनी है। इसमें सभी को मिलकर अधिक मेहनत और कमिटमेंट के साथ काम करना होगा। जल्द से जल्द विलेज एक्शन प्लान तैयार कर उसके अनुरूप काम किया जाए। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में 1 रूपए में पानी का कनेक्शन दिए जाने की प्रशंसा कर हम सभी का उत्साह बढ़ाया है। अब हमें दोगुने उत्साह से काम करना है।

100 दिनों में सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के अनुसार 2 अक्टूबर से 100 दिनों के अंदर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाए। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दिसम्बर 2021 तक हर ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन
सचिव पेयजल नीतेश झा ने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत चार माईलस्टोन निर्धारित किए गए हैं। पहले माईल स्टोन के तहत लक्ष्य को और भी कम समय में हासिल करने की योजना है। अब प्रत्येक ग्रामीण घर में पानी का कनेक्शन दिसम्बर 2021 तक पहुंचाना है। इस वित्तीय वर्ष में कोरोना जैसी विषम परिस्थितियां होने पर भी 30 सितम्बर तक 61 हजार से अधिक पानी के कनेक्शन दिए जा चुके हैं। प्रदेश में कुल गांव 15218 हैं। इनमें से 623 गांव ऐसे हैं जहां पानी की लाइन नहीं गई है। जबकि कुल 14 लाख 61 हजार 910 घरों में से 2 लाख 78 हजार 124 घरों में पानी का कनेक्शन है। देहरादून और बागेश्वर के जिन गांवों में पानी की लाइन पहुंची हुई है, वहां इस वर्ष 25 दिसम्बर सुशासन दिवस तक सभी ग्रामीण घरों को पानी का कनेक्शन सुनिश्चित किया जाना है। अल्मोड़ा, चम्पावत, चमोली, नैनीताल, पौड़ी, पिथौरागढ़, रूद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी में पानी की लाइन वाले गांवों में 26 जनवरी 2021 तक सभी घरों को पानी का कनेक्शन उपलब्ध करवा देना है। हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिले को यह लक्ष्य 31 मार्च 2021 तक पूरा कर लेना है। सभी एससी व एसटी गांवों को मार्च 2021 तक कवर करना है। जिन गांवों में पानी की लाइन नहीं है, वहां 30 सितम्बर 2021 तक लक्ष्य हासिल करना है।

प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी
दूसरे माईल स्टोन के तहत पर्याप्त मात्रा में पेयजल की उपलब्धता के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर पानी सुनिश्चित किया जाएगा।

पेयजल की क्वालिटी बीआईएस रू 10500 मानक के अनुरूप
तीसरे माईल स्टोन के तहत पेयजल की क्वालिटी सुनिश्चित की जाएगी। इसमें भारत सरकार के पानी की गुणवत्ता के बीआईएस रू 10500 मानक को पूरा किया जाएगा। इसके लिए वाटर क्वालिटी लैब स्थापित कर उनकी मान्यता एनएबीएल से ली जाएगी। सभी वाटर लैब आम जन के लिए खुली रहेंगी। इनमें कोई भी व्यक्ति आकर अपने पानी के सैम्पल की गुणवत्ता की जांच करा सकेगा। ग्रामीण स्तर पर फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराई जाएंगी। इसके लिए कुछ ग्रामीणों को प्रशिक्षित भी किया जाएगा।

चैथे माईल स्टोन के तहत प्रधानमंत्री के दिए गए लक्ष्य के अनुरूप 2 अक्टूबर से 100 दिनों के भीतर सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जाएगा। इसके साथ ही ग्रे वाटर मैनेजमेंट और स्प्रिंग शैड मैनेजमेंट भी किया जाएगा।

रामनगर गर्जिया में पर्यटन जोन अति शीघ्र अस्तित्व में आएगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रामनगर स्थित धनगढ़ी गेट पहुंचकर लगभग 01 करोड़ की लागत से निर्मित अत्याधुनिक तकनीकि से युक्त कार्बेट परिचय केंद्र, नेचर शॉप, कैंटीन का लोकार्पण किया। सीएम ने कार्बेट टाइगर रिजर्व की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों के स्मारक पर दीप जलाकर व पुष्प चक्र एवं पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि कार्बेट परिचय केंद्र के खुलने से पर्यावरण एवं वन्य जीव प्रेमियों को कार्बेट पार्क की जैव विविधता को जानने एवं समझने में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि यह केंद्र वन एवं वन्य जीव संरक्षण के साथ ही पर्यावरण व वन्यजीव प्रेमियों को प्रेरित करने का कार्य करेगा। उन्होंने आयोजित हो रहे वन्य जीव सप्ताह में सभी से जैव विविधता के संरक्षण एंव महत्व के बारे में जागरूक होने को कहा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पार्क का आकर्षण बढ़ने के साथ ही जिम्मेदारियां भी बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिरूल जिसे संकट एवं समस्या माना जाता है उसके रेजिन एवं लीसा से मलेशिया में 127 किस्म के उत्पाद बनाए जा रहे हैं, बैजनाथ में लीसा एवं रेजिन से 7 से 8 प्रकार के उत्पाद बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीड़ की पत्तियों से चारकोल, बिजली उत्पादन हो रहा है। सीएम ने कहा कि पीरुल से 25 किलो वाट की विद्युत उत्पादन यूनिट में 207 लोगों को पहले फेज में एक यूनिट द्वारा काम दिया गया है। यूनिट की क्षमता बढ़ने के साथ ही रोजगार में भी वृद्धि होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अटल आयुष्मान योजना बहुत अधिक कारगर सिद्ध हुई है। अटल आयुष्मान योजना के अंतर्गत राज्य के दो लाख से अधिक लोगों को लाभ मिला है, जिसमें 192 करोड़ रुपये खर्च हुए है। योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा संबंधित अस्पतालों को 1 सप्ताह के भीतर भुगतान भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत 175 अस्पतालों के स्थान पर अब देश के 22 हजार से अधिक चिन्हित अस्पतालों में जाकर गोल्डन कार्ड दिखाकर मरीज अपना इलाज करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्जिया में पर्यटन जोन अति शीघ्र अस्तित्व में आएगा, जिसमें 50 जिप्सी तथा 50 नेचर गाइड को रोजगार के अवसर मिलने के साथ ही क्षेत्रीय जनता को भी लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने चोपड़ा, लेटी, रामपुर गांव को राजस्व ग्राम बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कार्बेट पार्क बाघों के संरक्षण के साथ ही इस बात के लिए भी जाना जाएगा कि यह वही पार्क है जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा आतंकी हमले का बदला एवं प्रतिकार लेने के लिए दृढ़ निश्चय एवं संकल्प लिया था जिसका प्रतिकार सेना द्वारा लिया गया।

कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की जनगणना का डाटा जारी करते हुए बताया गया कि वर्ष 2018 में कार्बेट टाइगर रिजर्व में टाइगर रॉकी संख्या 231 थी जो कि वर्ष 2020 में 252 से अधिक हो चुकी है।