विस चुनाव 2022ः 281 उम्मीदवारों को 500 वोट तक नहीं मिले

उत्तराखंड में विधायक बनने का सपना संजोये कई प्रत्याशियों को 500 वोट भी नहीं नसीब नही हो पाये। राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर इस बार 632 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। इसमें 47 सीटों पर भाजपा, 19 पर कांग्रेस, 2 पर बसपा और 2 पर निर्दलियों ने जीत का हासिल की। विधानसभा चुनाव में विधायक बनने का सपना लेकर उतरे 281 उम्मीदवारों को 500 सौ वोट भी नहीं मिले। यानि 44 प्रतिशत से अधिक प्रत्याशी पांच सौ वोट भी हासिल नहीं कर पाए। इसमें निर्दलीय उम्मीदवार तो थे ही। साथ ही कई सीटों पर आम आदमी पार्टी, बसपा, यूकेडी समेत अन्य क्षेत्रीय दलों के उम्मीदवार भी शामिल हैं।

उत्तराखंड की राजनीति में खुद को तीसरा विकल्प मान रही आम आदमी पार्टी ने पहली बार 70 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन जिस रणनीति के साथ आप चुनावी रण में उतरी थी, इसका असर नतीजों पर नहीं दिखा। आप प्रदेश में खाता तक नहीं खोल पाई। वहीं, 33 सीटों पर आप के उम्मीदवार एक हजार मत भी नहीं हासिल कर सके। पर्वतीय जिलों की सीटों पर आप का प्रदर्शन बेहतर कमजोर रहा। देहरादून जिले की धर्मपुर विधानसभा सीट पर 20 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा। इनमें ले 14 प्रत्याशियों को 500 सौ से कम वोट पड़े। इसी तरह रायपुर सीट पर नौ प्रत्याशियों का प्रदर्शन भी बेहद खराब रहा।

चुनाव में मुझे हर वर्ग का समर्थन मिला, तभी चौथी बार बम्पर वोटों से मिली जीतः प्रेमचंद

भाजपा प्रत्याशी व स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने चुनाव में भीतरघात करने वालों के लिए कहा कि ऐसे लोगों का भगवान भला करें। उनके लिए उन्होंने एक लाइन का प्रयोग भी किया, जो बुरी नजर वाले तेरा भी भला रही।

उन्होंने विरोधियों को लेकर कहा कि हमारी जनता बहुत ही जागरूक है, इसलिए विपक्षियों और अन्य दलों को सकारात्मक राजनीति करना चाहिए। तथ्यात्मक मुद्दों के साथ चुनाव में जाना चाहिए। मगर अफसोस की विपक्ष के साथी ऐसा नहीं करते, पांच साल गायब रहते है, एकाएक सक्रिय होकर क्षेत्रवाद, जातिवाद, शराब, धनलोभ और अनैतिक रूप से चुनाव लड़ते हैं, जो कि गलत है।

आगे उन्होंने कहा कि हर वर्ग का मुझे चुनाव में समर्थन मिला। मेरे लिए जनता ही मेरी भगवान है। इसके अलावा मेरे लिए देवतातुल्य कार्यकर्ता विपक्षियों के सामने चट्टान की तरह खड़े रहे। ऐसे कार्यकर्ता पार्टी के सिंबल होते है।

उमेश शर्मा काऊ ने बनाए रखा अपना दबदबा

देहरादून। रायपुर विधानसभा सीट पर भाजपा से उमेश शर्मा काऊ का दबदबा बरकरार है। रायपुर विधानसभा क्षेत्र देहरादून में आता है, यहाँ भारतीय जनता पार्टी से उमेश शर्मा काऊ ने 30052 वोटों से जीत हासिल किया है। उत्तराखंड में काऊ दूसरी बार सबसे अधिक वोटों से जीतने वाले विधायक बने। वहीँ दूसरे नंबर पर कांग्रेस के हीरा सिंह विष्ट रहे। यहां उमेश के सामने कांग्रेस से हीरा सिंह बिष्ट, आप से नवीन पिरशाली, बसपा से सर्मिष्ठा प्रालियम और सपा से नरेन्द्र सिंह वर्मा भी मैदान में थे।

पत्रकारों से बात करते हुए विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा कि मुझे मिटाने वाले आज खुद ही मिट गए। जनता जानती है लंबे समय तक मेरा उत्पीड़न किया गया। अगर मेरी सीट पर भितरघात न होती तो जीत का मारजन 45 हजार से अधिक होता। विरोधी ताकतों ने पूरा प्रयास किया लेकिन उनके नापाक मंसूबे कामयाब नहीं हुए। आने वाले पांच सालों में अधूरे कामों को पूरा करेंगे। युवाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार से जोड़ने का प्रयास करेंगे। हर वर्ग का विकास करेंगे।

आपको बता दें कि यह सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्‍तित्‍व में आई थी। इस सीट पर उमेश शर्मा काऊ का दबदबा है। अब तक हुए दोनों चुनाव उन्‍होंने जीते हैं। 2012 में कांग्रेस के टिकट पर लड़े थे, तब भाजपा के दिग्‍गज नेता और पूर्व मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को हराया था। 2017 में पाला बदलकर भाजपा से चुनावी मैदान में कूदे और दोबारा जीत दर्ज की। 2017 विधानसभा चुनाव में उमेश शर्मा काऊ को रिकॉर्ड 59764 वोट मिले थे। उन्‍होंने कांग्रेस के प्रत्‍याशी प्रभु लाल बहुगुणा को 36771 वोट से हराया था। बहुगुणा को 22993 वोट ही मिल सके थे। वहीं 2012 में उमेश शर्मा काऊ को 29900 वोट मिले थे। भाजपा के त्रिवेंद्र सिंह रावत को मात्र 474 वोट से पीछे रह गए थे, उन्‍हें 29426 मत प्राप्‍त हुए थे।

सीएम धामी बोले, राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड होकर रहेगा लागू


उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है। तो वहीं सीएम धामी अपनी सीट हार गए है। ऐसे में जहां पार्टी जीत की खुशी मना रही है तो वहीं सीएम धामी के बयान से सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। सीएम धामी ने बीजेपी की जीत पर कहा कि उत्तराखंड में बीजेपी को जनता ने दो तिहाई बहुमत दिया है।

बताता है कि लोगों ने काम को तवज्जो दी है। उन्होंने कहा कि मैं सीएम रहूं या ना रहूं लेकिन राज्य में नई सरकार का गठन होते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। सीएम धामी ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद सभी मिथक टूट रहे हैं और नए इतिहास बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि संकल्प पत्र में हमने जो यूनिफॉर्म सिविल कोड के बारे में कहा है, उसके लिए हम उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे। वह कमेटी इसके लिए एक ड्राफ्ट बनाएगी। उन्होंने कहा कि मैं भले सीएम रहूं या ना रहूं, लेकिन प्रदेश में सरकार गठन के साथ ही यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करके तुरंत प्रभाव से लागू किया जाएगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी के लिए समान होगा।सीएम धामी ने कहा कि नई भाजपा सरकार राज्य में समान नागरिक संहिता का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाएगी। यह यूसीसी सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, भूमि-संपत्ति और विरासत के संबंध में समान कानून प्रदान करेगी, चाहे उनकी आस्था कुछ भी हो। बता दें कि चुनाव से पहले सीएम धामी ने प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की नई सरकार बनते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा।

उत्तराखंड की सभी 70 सीटों पर यह रहे रूझान, विजयी प्रत्याशियों की यह है सूची

उत्तराखंड 2022 विधानसभा चुनाव के नतीजों का इंतजार अब खत्म हो गया है। दरअसल सभी विधानसभा सीटों के नतीजे आ चुके हैं। भाजपा 47 सीटों पर चुनाव जीती है तो वहीं कांग्रेस ने 19 सीटें हासिल की है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी विनर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा होनी बाकी है। बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 57 सीटें जीती थी। उस हिसाब से भाजपा ने 10 सीटें खोई है। जबकि कांग्रेस 11 से बढ़कर 19 सीटों पर पहुंची है।

लेकिन 2022 उत्तराखंड भाजपा अपने दम पर पूर्ण बहुमत की फिर से सरकार बना रही है। यह अलग बात है कि जिस मुख्यमंत्री के चेहरे पर भाजपा चुनाव जीती है वह खुद हार गए हैं। अब सीएम को लेकर मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री के लिए कई दिग्गज नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं। हालाकि पुष्कर सिंह धामी को फिर मुख्यमंत्री बनाने की भी चर्चा साथ-साथ चल रही है।

उत्तराखंड में तीसरा विकल्प बनकर मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी ने एक भी सीट हासिल नहीं की। एएपी को जनता ने पूरी तरह नकारा है और भाजपा पर ही दोबारा विश्वास जताया है। इसके इतर दो सीटों पर निर्दलीय और दो पर बसपा कब्जा जमाने में कामयाब रही है।

ये जीते चुनाव, देखिए पूरी लिस्ट

1. अल्मोड़ा- कैलाश शर्मा (bjp)

2. रानीपुर आदेश चौहान (bjp)

13. बद्रीनाथ – राजेंद्र सिंह भंडारी (cong)

4. बागेश्वर- चंदन राम दास (bjp)

5. बाजपुर- यशपाल आर्य (cong)

6. भगवानपुर- ममता राकेश (cong)

7. भीमताल- राम सिंह खेरा (bjp)

8. चकराता- प्रीतम सिंह (cong)

9. चंपावत- कैलाश चंद्र (bjp)

10. चौबट्टाखाल- सतपाल महाराज (bjp)

11. देहरादून कैंट- सविता कपूर (bjp)

12. देवप्रयाग – विनोद कंडारी (bjp)

13. धनोल्टी- प्रीतम सिंह पंवार (bjp)

14. धर्मपुर- विनोद चमोली (bjp)

15. धारचूला- हरीश सिंह धामी (cong)

16. डोईवाला- बृज भूषण गैरोला (bjp)

17. डीडीहाट- बिशन सिंह चुफाल (bjp)

18. द्वाराहाट- मदन सिंह बिष्ट (cong)

19. गदरपुर- अरविंद पांडे (bjp)

20. गंगोलीहाट- फकीर राम (bjp)

21. गंगोत्री- सुरेश सिंह चौहान (bjp)

22. घनसाली- शक्ति लाल शाह (bjp)

23. हल्द्वानी- सुमित हृदेश (cong)

24. हरिद्वार- मदन कौशिक (bjp)

25. हरिद्वार ग्रामीण- अनुपमा रावत (cong)

26. जागेश्वर- मोहन सिंह ( bjp)

27. जसपुर- आदेश सिंह चौहान (cong)

28. झबरेड़ा- वीरेंद्र कुमार (cong) –

29. ज्वालापुर- रवि बहादुर (cong)

30. कालाढूंगी- बंशीधर भगत (cong)

31. कपकोट- सुरेश गढ़िया (bjp)

32. कर्णप्रयाग- अनिल नौटियाल (bjp)

33. काशीपुर- त्रिलोक सिंह चीमा (bjp

34. केदारनाथ – शैला रानी रावत (bjp)

35. खानपुर- उमेश शर्मा (निर्दलीय)

36. खटीमा- भुवन चंद्र कापडी (cong)

37. किच्छा- तिलक राज बेहड़ (cong)

38. कोटद्वार- रितु खंडूरी (bjp)

39. लक्सर- शहजाद (bsp)

40. लाल कुआं- मोहन सिंह बिष्ट (bjp)

41. लैंसडाउन – दिलीप रावत (bjp)

42. लोहाघाट- खुशाल सिंह (cong)

43. मंगलौर – सरवत करीम अंसारी (bsp)

44. मसूरी- गणेश जोशी (bjp)

45. नैनीताल- सरिता आर्या (bjp)

46. नानकमत्ता- गोपाल सिंह राणा (cong)

47. नरेंद्र नगर- सुबोध उनियाल (bjp)

48. पौड़ी- राजकुमार पोरी (bjp)

49. पिरान कलियर- फुरकान अहमद (cong)

50. पिथौरागढ़- मयूख महर (cong)

51. प्रतापनगर- विक्रम सिंह नेगी (cong)

52. पुरोला- दुर्गेश लाल (bjp)

53. रायपुर- उमेश शर्मा काऊ (bjp)

54. राजपुर रोड- खजान दास (bjp)

55. रामनगर- दीवान सिंह बिष्ट (bjp)

56. रानीखेत- प्रमोद नैनवाल (bjp)

57. ऋषिकेश- प्रेमचंद्र अग्रवाल (bjp)

58. रुड़की- प्रदीप बत्रा (bjp)

59. रुद्रप्रयाग- भरत सिंह चौधरी (bjp)

60. रुद्रपुर- शिव अरोड़ा (bjp)

61. सहसपुर- सहदेव सिंह पुंडीर (bjp)

62. सल्ट – महेश जीना (bjp)

63. सितारगंज- सौरभ बहुगुणा (bjp)

64. सोमेश्वर- रेखा आर्य (bjp)

65. श्रीनगर- धन सिंह रावत (bjp)

66. टिहरी- किशोर उपाध्याय (bjp)

67. थराली – भोपाल राम टम्टा (bjp)

68. विकासनगर- मुन्ना सिंह चौहान (bjp)

69. यम्केश्वर- रेनू बिष्ट (bjp)

70. यमुनोत्री- संजय डोभाल (निर्दलीय)