बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में बढ़ती छेड़खानी की घटनाओं के खिलाफ विवाद जारी है। सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं के विरोध प्रदर्शन से शुरू हुआ बवाल थमने का नाम ही नहीं ले रहा। वहीं, प्रदर्शन के चलते पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। छात्र-छात्राओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्टूडेंट्स की मुसीबतें बढ़ती जा रही हैं। कुछ विभाग में सेमेस्टर परीक्षाएं कैंसिल हो गई हैं।
परीक्षाएं हुई कैंसिल, हॉस्टल बंद होने से दिक्कत
बीएचयू में हो रहे बवाल के कारण सेमेस्टर परीक्षाएं आगे के लिए टाल दी गई है। सोमवार से कुछ सब्जेक्ट की परीक्षाएं होनी थी लेकिन अवकाश कर दिए जाने के कारण परीक्षाएं लंबित कर दी गई। अब छात्र-छात्राओं को नई तारीख का इंतजार करना है। वहीं स्टूडेंट्स को रविवार को हॉस्टल छोड़ने का नोटिस दे दिया गया, जिसके चलते स्टूडेंट्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान
प्रदर्शन के कारण वाराणसी के बाहर के स्टूडेंट सबसे ज्यादा परेशान है। अचानक से हॉस्टल बंद कर देने का नोटिस जारी कर दिया गया। उन्हें हॉस्टल खाली करने के लिए मजबूर किया गया। ऐसे में आनन-फानन सारा इंतजाम करना मुश्किलें पैदा करने वाला है। वाराणसी के बाहर की छात्राएं अचानक हॉस्टल छोड़ने के नोटिस से ज्यादा परेशान हैं। एक तरफ तो सुरक्षा की चिंता वहीं दूसरी ओर पैसों के आभाव में घर जाना उनकी दिक्कतें बढ़ाने वाला है। हॉस्टल में बिजली-पानी सप्लाई काट दी गई है।
मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटे
हॉस्टल छोड़ने के नोटिस के बाद मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु जैसे राज्यों के स्टूडेंट लौटना पड़ा। बता दें कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में करीब 25 हजार स्टूडेंट रहते हैं।
ऐसे शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन की शुरुआत गुरूवार (21 सितंबर) से हुई। ऐसा तब हुआ आर्ट्स डिपार्टमेंट की एक छात्रा अपने हॉस्टल लौट रही थी। उसी वक्त मोटरसाइकिल सवार तीन लोगों ने कथित तौर पर उसका उत्पीड़न किया। छात्रा के मुताबिक, जब उसने उन लोगों का विरोध किया, तो तीन लोगों ने उसके साथ गाली-गलौज की और उसके बाद भाग गए। छात्राओं ने आरोप लगाया कि घटनास्थल से तकरीबन 100 मीटर की दूरी पर मौजूद सुरक्षा गार्डों ने उन लोगों को रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया।
लगातार छेड़खानी का आरोप
बीएचयू की छात्राओं ने लगातार छेड़खानी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें कैंपस में लगातार ही छेड़खानी का सामना करना पड़ता है। विश्वविद्यालय प्रशासन असामाजिक तत्वों को रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।