मुख्यमंत्री ने अलाव व रैन बसेरों में पर्याप्त सुविधाओं के निर्देश दिए

प्रदेश में मौसम विभाग की ओर से बारिश के साथ ही ठंड बढ़ने की चेतावनी दिए जाने को देखते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिलाधिकारियों को रैनबसेरों में पर्याप्त सुविधा जुटाने के साथ ही जरूरतमंद लोगों को रजाई, कंबल वितरित करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि तहसील स्तर पर ठंड से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम कर लिए जाएं। जरूरत के अनुसार रैन बसेरे शुरू करने के साथ ही रैन बसेरा में आवासहीन लोगों ओर परिवारों को शिफ्ट किया जाए, खासकर बच्चों, महिलाओं और बीमार लोगों को तत्काल रैन बसेरा की सुविधा दी जाए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि कंबल, रजाई भी वितरित किए जाएं, इसके अलावा प्रमुख स्थानों पर अलाव का भी इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक उंचाई वाले स्थानों पर बर्फवारी से निचले स्थानों पर भी ठंड बढ़ने के चलते जिला प्रशासन अपने स्तर से सावधानी बरतते हुए, जरूरतमंद लोगों को हर तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराएं।

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो में 12 तरह की ओपीडी, तैनात रहेंगे विशेषज्ञ चिकित्सक

आयुर्वेद के परंपरागत ज्ञान को समझने-जानने के अलावा इसके उपचार की सुविधा भी एक ही जगह पर मिले, तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है। वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एवं आरोग्य एक्सपो-2024 में ऐसा ही मौका उपलब्ध हो रहा है। विश्व स्तरीय इस कार्यक्रम में विषय विशेषज्ञ आयुर्वेद के हर एक पहलू पर बात करेंगे, तो विशेषज्ञ चिकित्सक डेलीगेट्स के साथ ही सामान्य लोगों को भी इसका उपचार उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए 12 तरह की ओपीडी पूरे समय एक्टिव रहेंगी। हर एक ओपीडी में दो-दो विशेषज्ञ चिकित्सक तैनात रहेंगे, जिनसे परामर्श भी मिलेगा और उपचार भी।

परेड ग्राउंड देहरादून में यह कार्यक्रम 12 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है, जो कि 15 दिसंबर तक चलेगा। आयुर्वेद का विश्व स्तरीय यह कार्यक्रम पहली बार उत्तराखंड में हो रहा है। वर्ष 2002 से इस तरह के कार्यक्रम की शुरुआत हुई है। पिछले वर्ष गोवा को इस कार्यक्रम की मेजबानी मिली थी। उत्तराखंड इस आयोजन के लिए उत्साहित है और तैयारियों पर पूरा जोर है। वैसे भी, आयुर्वेद के लिहाज से उत्तराखंड की समृद्ध विरासत रही है। इसलिए यहां से इस कार्यक्रम के संदेश देश-दुनिया में प्रभावी ढंग से जाने तय माने जा रहे है।

अपर सचिव आयुष डॉ विजय कुमार जोगदंडे के अनुसार कार्यक्रम स्थल पर 12 ओपीडी सक्रिय रहेंगी। इसके लिए तैयारियां चल रही हैं। हर ओपीडी में दो-दो विशेषज्ञ चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई जा रही है। मकसद ये ही है कि कार्यक्रम का हिस्सा बनने वालों को आयुर्वेद का ज्ञान भी मिले, साथ ही उनके रोगों का निदान भी परंपरागत चिकित्सा से संभव हो पाए।

ये होंगी ओपीडी, जहां मिलेगा परामर्श और उपचार

1-मर्म चिकित्सा (अस्थि संधि एव मर्म आघात चिकित्सा हेतु)
2-नाड़ी परीक्षा
3-क्षार सूत्र, अग्निकर्म एवं रक्तमोक्षण
4-नेत्र, शिरो, नासा एवं कर्ण रोग चिकित्सा
5-पंचकर्म चिकित्सा
6-स्त्री एवं प्रसूति रोग चिकित्सा
7-बाल रोग चिकित्सा
8-वृद्धजन रोग एवं मानस रोग चिकित्सा
9-स्वस्थवृत्त एवं अष्टांग योग चिकित्सा
10-किचन फार्मेसी एवं अरोमा थेरेपी
11-प्राकृतिक चिकित्सा
12-होम्योपैथी चिकित्सा
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विश्व आयुर्वेद कांग्रेस और आरोग्य एक्सपो-2024 परंपरागत आयुर्वेद चिकित्सा को समझने और जानने के लिए एक बेहतरीन अवसर है। देवभूमि में आयुर्वेद के विभिन्न पहलुओं पर विचार मंथन निश्चित तौर पर सभी के लिए उपयोगी साबित होगा। इसके अलावा, निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुभव का लाभ भी लोगों को मिलेगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री 

अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन के आयोजन की जिम्मेदारी को एक सप्ताह में एक्शन प्लान तय करने के निर्देश

सीएस राधा रतूड़ी ने 12 जनवरी 2025 को देहरादून में प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के आयोजन के दौरान विभिन्न सत्रों की जिम्मेदारी सम्बन्धित सचिवों को देते हुए एक सप्ताह में कार्ययोजना तय करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के दौरान आयोजित होने वाले सत्रों में राज्य में विभिन्न क्षेत्रों जैसे मैन्युफेक्चरिंग, पावर जनरेशन, स्टार्ट-अप आदि में निवेश के सम्भावनाओं पर चर्चा करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विशेषकर पर्यटन, कृषि, बागवानी, ग्राम्य विकास, उच्च शिक्षा, स्किल डेवलपमेण्ट, हेल्थ केयर, आयुष, योगा आदि पर विचार मंथन करवाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इन सत्रों में विषय विशेषज्ञों एवं अधिकारियों के साथ ही अतिथि प्रवासियों को भी वक्ताओं के रूप में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखण्डी सम्मेलन के आयोजन के दौरान राज्य की लोक संस्कृति, खानपान, स्थानीय हस्तशिल्प, उत्पादों के बेहतरीन प्रदर्शन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्मेलन के दौरान आयोजित किए जाने वाले प्रत्येक सत्र हेतु सम्बन्धित विभाग के सचिव को नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून को सम्मेलन के आयोजन के दौरान शहर एवं आयोजन स्थल की स्वच्छता, पार्किंग व्यवस्था, विदेश से आने वाले प्रवासी अतिथियों के स्वागत-सत्कार हेतु सम्पर्क अधिकारियों, परिवहन, प्रोटोकॉल, रहने, ट्रैफिक की पुख्ता व्यवस्था हेतु निर्देश दिए हैं।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव मीनाक्षी सुन्दरम, सचिन कुर्वे, विनोद कुमार सुमन सहित सभी विभागों के सचिव, अपर सचिव एवं सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

देवेंद्र फडणवीस को सीएम धामी ने दी बधाई

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुंबई में महाराष्ट्र सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने पर शुभकामनाएं दीं हैं। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व महाराष्ट्र विकास और समृद्धि की नई ऊंचाइयों को छूएगा। मुख्यमंत्री फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार अंत्योदय के सिद्धांत पर कार्य करेगी। निश्चित ही सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के मूल मंत्र के साथ महाराष्ट्र, विकसित भारत के संकल्प में अपनी अहम भूमिका निभाएगा।

उपनिषदीय दर्शन बोध पुस्तक के विमोचन पर सीएम ने दी लेखक प्रकाश सुमन को शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित मुख्य सेवक सदन में प्रकाश सुमन ध्यानी द्वारा लिखित पुस्तक ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ का विमोचन किया। पुस्तक विमोचन के अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी भूषण एवं महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के लेखक प्रकाश सुमन ध्यानी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे भारतीय वैदिक दर्शन और सनातन संस्कृति के संवाहक के रूप में एक नई पहचान स्थापित कर रहे हैं। इस पुस्तक के माध्यम से उन्होंने उपनिषद के जटिल और गूढ़ रहस्यों को साधारण तरीके से लिखा है। भारतीय ज्ञान परंपरा के विभिन्न आयामों को सबके समक्ष रखा है। उपनिषद भारतीय संस्कृति और दर्शन की अमूल्य निधि है, जिसने संपूर्ण विश्व को ज्ञान और चेतना का मार्ग दिखाया है। हमारी ज्ञान परंपरा संपूर्ण विश्व को वसुधैव कुटुम्बकम के रूप में मानती है। उपनिषद आध्यात्मिक चिंतन के स्रोत के साथ ही मानवता को व्यावहारिक जीवन दृष्टि भी प्रदान करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार से ज्ञान-विज्ञान आगे बढ़ रहा है, तब उपनिषदों और वेदों का ज्ञान हमारे लिए और भी प्रासांगिक हो जाता है। जीवन में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, भौतिकवाद की चकाचौंध के बीच में आत्मा और ब्रह्मा की खोज निश्चित रूप से हमें प्रेरणा देने का कार्य करेगी। यह पुस्तक सभी को आत्म विकास, आत्म चिंतन और स्वयं की खोज के लिए भी प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश देवभूमि होने के साथ ही आध्यात्मिक चिंतन का एक महत्वपूर्ण केन्द्र है। आदि शंकराचार्य, स्वामी विवेकानन्द और ऋषि-मुनियों ने इस पुण्य धरा को अपनी शरण स्थली बनाया। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक हमारी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।

महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि श्री प्रकाश सुमन ध्यानी ने जीव विज्ञान की पढ़ाई कर आत्मज्ञान तक पहुंचकर ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक लिखी इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि उपनिषद जैसे विषय पर व्याख्यान करना बड़ी बात है। आज भारत की आस्था, निधि और गौरव ‘अध्यात्म’ की ओर आज पूरी दुनिया आ रही है। उन्होंने कहा कि भारत के मूल में आध्यात्मिक इंटेलिजेंस है। आध्यात्मिक इंटेलिजेंस हमारे देश की ख्याति है। भारत दुनिया को अध्यात्म और योग का ज्ञान देने वाला है।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूरी भूषण ने कहा कि ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के माध्यम से लेखक ने आम जनमानस को उपनिषद और वेदों से जोड़ने का सराहनीय प्रयास किया है। हमारे वेद उपनिषद और प्राचीन ग्रंथ 21वीं सदी की आवश्यकता बन रहे हैं। जीवन जीने की शैली हमारे ये ग्रंथ सिखाते हैं। भावी पीढ़ी को अपने नैतिक मूल्यों से जोड़ना जरूरी है। आसान भाषा में हमारे ग्रंथो को बच्चों और जनमानस के साथ जोड़ना जरूरी है। आत्मा का चिंतन और परमात्मा से जुड़ाव होना आवश्यक है। इस पुस्तक के माध्यम से इस दिशा में सराहनीय प्रयास किया गया है।

इस अवसर पर विधायक सविता कपूर, भाजपा के जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, ‘उपनिषदीय दर्शन बोध’ पुस्तक के लेखक प्रकाश सुमन ध्यानी, गणेश खुगशाल एवं साहित्य से जुड़े लोग उपस्थित थे।

डाट काली मंदिर देहरादून में सीएम ने किया दिल्ली दून एक्सप्रेस वे का निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डाट काली मंदिर देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने एक्सप्रेस वे के निर्माण में इस्तेमाल हो रही आधुनिक तकनीकों और पर्यावरणीय सुरक्षा उपायों के बारे में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे का कार्य अन्तिम चरण में हैं। इस एक्सप्रेसवे का तेजी से निर्माण होने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मोदी एवं केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस एक्सप्रेस वे के पूर्ण होने पर देहरादून से दिल्ली का सफर मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण हो जायेगा। इससे जहां लोगों का आवागमन सरल होगा। चारधाम यात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को और सुगमता होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आर्थिकी को बढ़ाने, पयर्टन और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भी यह प्रोजेक्ट सहायक सिद्ध होगा। इस प्रोजेक्ट में इकोलॉजी और इकोनॉमी का समन्वय करते हुए एशिया का सबसे बड़ा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर भी बनाया गया है, जो वन्यजीवों की सुरक्षा एवं उनकी आवाजाही को मुक्त और पूर्ण तरीके से सुरक्षित बनाएगा।

50वां खलंगा मेला स्मारिका पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागरताल नालापानी, देहरादून में बलभद्र खलंगा विकास समिति द्वारा आयोजित ‘50वाँ खलंगा मेला’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खलंगा मेला आयोजन समिति को 5 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की। ‘50वाँ खलंगा मेला स्मारिका’ का विमोचन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि खलंगा मेला पूर्वजों की वीरता और अदम्य साहस को स्मरण करने का अवसर है। उन्होंने महान सपूत सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर साथियों, वीरांगनाओं को भी नमन किया। उन्होंने कहा खलंगा की वीरभूमि में वर्ष 1814 के एंग्लो-गोरखा युद्ध में सेनानायक कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस युद्ध में कुंवर बलभद्र थापा और उनके वीर सैनिकों ने ब्रिटिश सैनिकों की विशाल सेना का सामना करते हुए अपनी वीरता और रणनीतिक कौशल से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ये युद्ध हमारे वीर गोरखा योद्धाओं के अदम्य साहस और मातृभूमि के प्रति उनके असीम प्रेम का प्रतीक है, जो हमेशा हमें देशभक्ति की प्रेरणा देता रहेगा। खलंगा की गाथा हमारे वीर पूर्वजों के अप्रतिम साहस का एवं हमारी गौरवशाली विरासत का प्रतीक है। उन्होंने कहा ये मेला हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजते हुए उसे अगली पीढ़ी तक पहुंचाने का भी एक माध्यम है। हमारे देश की ऐतिहासिक धरोहरें हमारे गौरवमयी अतीत की पहचान होने के साथ हमारे संस्कृति रूपी वट वृक्ष की मजबूत जड़ें भी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारी संस्कृति को मजबूत करने का कार्य पूरे देश में किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विकास के साथ विरासत को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। खलंगा युद्ध स्मारक को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के संरक्षण में रखना, इसका बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा राज्य सरकार गोरखा समाज के उत्थान के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है और उनके विकास व कल्याण के लिए निरंतर प्रयासरत है। निश्चित ही ऐसे आयोजनों से नई पीढ़ी को इन गोरखा समाज की परंपराओं को संजोए रखने तथा अपने पूर्वजों की वीरता और बलिदान को याद रखने में सहायक सिद्ध होंगे।

इस अवसर पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, बलभद्र ख़लंगा विकास समिति के अध्यक्ष कर्नल विक्रम सिंह थापा, कुलदीप बुटोला, विश्वास डाबर, विजय बलूनी, पदम सिंह, ब्रिगेडियर राम सिंह थापा एंव लोग मौजूद रहे।

मुख्य सचिव से मिले सचिव पशुपालन बीवीआरसी पुरूषोत्तम

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सचिवालय में सचिव पशुपालन व मत्स्य विभाग डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने मुलाक़ात की। सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को हाल ही में उत्तराखंड को मत्स्य पालन के क्षेत्र में हिमालयी और उत्तर पूर्वी राज्यों में प्राप्त हुए सर्वश्रेष्ठ राज्य के पुरस्कार की जानकारी दी।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मत्स्य पालन विभाग तथा मत्स्य पालकों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए निरंतर कई प्रयास कर रही है। इसके परिणाम अब नजर आने लगे हैं। उत्तराखंड ने पिछले साल 2,600 हेक्टेयर में लगभग 70,000 मीट्रिक टन मछली का उत्पादन किया।

सीएम ने पीएम का 167.70 करोड़ रूपये की विशेष सहायता देने पर जताया आभार

वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने विशेष सहायता योजना के तहत राज्यों के पूंजी निवेश (भाग- IX) के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य के लिए 167.70 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत और मंजूर की है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्रालय का आभार व्यक्त किया है।

यह राशि राज्य में विकास परियोजनाओं और पूंजीगत निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वित्तीय सहायता राज्य में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, विकास परियोजनाओं को गति देने और राज्य के समग्र विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के निरंतर समर्थन से उत्तराखंड विकास के नए आयाम स्थापित कर रहा है।

वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एंड आरोग्य एक्सपोः विदेशी अतिथियों की सभी आवश्यकताओं के लिये अधिकारियों को मिले निर्देश

देहरादून में 12 से 15 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस एण्ड आरोग्य एक्सपो की तैयारियों को अन्तिम रूप देने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभिन्न कार्यों के लिए तत्काल नोडल अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मुख्य योगदान देने वाले सभी विभागों आयुष, पर्यटन, हॉर्टीकल्चर, उद्योग, कौशल विकास, स्वास्थ्य व संस्कृति विभाग के साथ ही भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के साथ प्रभावी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने इस आयोजन में दुनियाभर से आने वाले विदेशी अतिथियों हेतु सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ ही प्रोटोकॉल व सम्पर्क अधिकारियों की सूची को अन्तिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आयोजन स्थलों पर फूड एवं फायर सेफ्टी सहित सभी सुरक्षा सम्बन्धित व्यवस्थाओं को पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सीएस ने नगर निगम को शहर व आयोजन स्थलों पर स्वच्छता पर विशेष रूप से कार्य करने तथा अन्य सम्बन्धित विभागों को पार्किंग, बिजली व जल की अबाध आपूर्ति आदि हेतु निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने वर्ल्ड आयुर्वेद कॉंग्रेस एण्ड आरोग्य एक्सपो के आयोजन के दौरान स्टेट ब्रांडिंग के साथ ही उत्तराखण्ड की संस्कृति, स्थानीय भोजन आदि को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने वर्ल्ड आयुर्वेद कॉंग्रेस के दौरान उत्तराखण्ड आधारित आयुष एमएसएमई तथा उद्यमों के प्रदर्शन व प्रचार-प्रसार पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में जानकारी दी गई कि देहरादून में 12 से 15 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम वर्ल्ड आयुर्वेद कॉग्रेस एण्ड आरोग्य एक्सपो हेतु वर्ल्ड आयुर्वेद कॉग्रेस द्वारा देश और दुनियाभर के आयुर्वेद से जुड़े विशेषज्ञों, चिकित्सकों, विद्वानों, को निमंत्रण भेज दिए गए हैं। आयोजन के दौरान 400 से अधिक सत्रों के फॉर्मेट को अन्तिम रूप दे दिया गया है। 100 वक्ताओं की सूची तैयार की जा रही है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, सचिव पंकज कुमार पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।