सरकार का प्रयास अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जाए-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सर्वे चौक स्थित महिला आई.टी.आई. परिसर में मेगा स्वरोजगार शिविर का शुभारम्भ किया। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार योजनाओं के स्टॉलों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही स्वरोजगार योजनाओं के स्टॉलों का निरीक्षण भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वरोजगार योजनाओं के तहत लाभार्थियों को ऋण स्वीकृति पत्र एवं चेक वितरित भी किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्वरोजगार शिविर के माध्यम से अनेक लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे। रोजगार एवं स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। सरकारी सेवाओं में रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाई गई है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। राज्य में औद्योगिक विकास के लिए उद्योग पॉलिसी का सरलीकरण किया जा रहा है। जन समस्याओं का समाधान जल्द हो इसके लिए कार्यों के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक विकास के लिए स्वरोजगार एक अच्छा माध्यम है। स्वरोजगार के माध्यम से एक व्यक्ति अपने साथ कई लोगों को रोजगार से जोड़ सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में स्वरोजगार के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। इन शिविरों में स्वरोजगार योजनाओं से संबंधित सभी विभागों एवं बैंकर्स को स्टॉल लगाने के निर्देश दिये गये हैं। लोगों की समस्याओं का समाधान एक ही स्थान पर हो, इसके प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं का समाधान त्वरित हो इसके लिए अधिकारियों प्रत्येक कार्यदिवस में 2 घण्टे जन सुनवाई कर उनका समाधान करने के निर्देश दिये गये हैं।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत अभी तक 113 करोड़ रूपये के ऋण स्वीकृत किये जा चुके हैं। 10 हजार से अधिक लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा गया है। राज्य में उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
इस अवसर पर विधायक खजान दास, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर. राजेश कुमार, मुख्य विकास अधिकारी देहरादून नितिका खण्डेलवाल एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य के 7 सात उत्पादों को भौगोलिक संकेतांक का प्रमाण पत्र

उत्तराखण्ड सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में बौद्विक सम्पदा भारत के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य के उत्पादों के भौगोलिक संकेतांक (ज्योग्राफिकल इण्डिकेशन) का वितरण समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें कृषि मंत्री सुबोध उनियाल एवं उद्योग मंत्री गणेश जोशी द्वारा राज्य के सात उत्पादों (कुमांऊ च्यूरा ऑयल, मुनस्यारी राजमा, उत्तराखण्ड का भोटिया दन, उत्तराखण्ड ऐंपण, उत्तराखण्ड रिंगाल क्राफ्ट, उत्तराखण्ड ताम्र उत्पाद एवं उत्तराखण्ड थुलमा) को भौगोलिक संकेतांक (ज्योग्राफिक इन्डिकेशन) प्रमाण पत्र वितरित किये गए।
कार्यक्रम के अवसर पर प्रधानमंत्री के सलाहकार भास्कर खुल्बे एवं सचिव डीपीआईआईटी भारत सरकार अनुराग जैन द्वारा वीडियो कार्न्फ्रेन्स के माध्यम से प्रतिभाग किया गया।
इस दौरान कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य के लिए बहुत बड़े गौरव का विषय है कि यहां के मौलिक उत्पादों को वैश्विक पहचान मिलती जा रही है। कहा कि वोकल फॉर लोकल और स्थानीय प्रोडक्ट के प्रचार-प्रसार में जीआई टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्थानीय प्रोडक्ट को देश के साथ ही इंटरनेशनल मार्केट में पहचान दिलाने मे जीआई टैग महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में और भी अनेक ऐसे परम्परागत कृषि उत्पाद है जो अपने भौगोलिक क्षेत्र विशेष के आधार पर लगातार वैश्विक पहचान बनाते जा रहे है। उत्तराखण्ड में कुल 6.48 लाख हैक्टेयर कृषि भूमि हैं जिसमें 3.50 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल पर परम्परागत कृषि उत्पादों का उत्पादन हो रहा है। अभी तक तेजपत्ता प्रदेश का पहला जीआई टैग प्राप्त करने वाला उत्पाद था। उन्होंने कहा कि उपरोक्त के अतिरिक्त उत्तराखण्ड सरकार के निर्देशन पर उत्तराखण्ड लाल चावल, बेरीनाग चाय, उत्तराखण्ड गहत, उत्तराखण्ड मण्डुआ, उत्तराखण्ड झंगोरा, उत्तराखण्ड बुरांस सरबत, उत्तराखण्ड काला भट्ट, उत्तराखण्ड चौलाई/रामदाना, अल्मोड़ा लाखोरी मिर्च, उत्तराखण्ड पहाड़ी तोर दाल, उत्तराखण्ड माल्टा फ्रूट जैसे 11 कृषि उत्पादों का जीआई टैग लिये जाने का कार्य भी फाईल कर दिया गया है।
इस दौरान उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि जिन उत्पादों को भौगोलिक संकेतांक प्रमाण-पत्र प्राप्त हुए है, अब उन उत्पादों की मार्केट में ब्राडिंग बढ़ने से अधिक डिमांड बढ़ेगी तथा उनको अच्छा मूल्य प्राप्त होगा। जिससे इन उत्पादों से जुड़े हुए उत्पादक सीधे-सीधे लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार के निर्देशन पर अन्य उत्पादों का जीआई टैग किये जाने का भी कार्य जारी है।
इस कार्यक्रम के अवसर पर तकनीकी कार्यशाला का भी आयोजन किया गया जिसमें पदमश्री डॉ रजनीकांत एवं उप रजिस्ट्रार, जीआई सचिन शर्मा द्वारा भौगोलिक संकेतांक से सम्बन्धित जानकारी प्रदान की गई।
इस दौरान कार्यक्रम में संयुक्त सचिव, डीपीआईआईटी भारत सरकार श्रुति सिंह, व संयुक्त सचिव, डीपीआईआईटी भारत सरकार राजेन्द्र रतनू, सचिव कृषि एवं उद्यान मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव राधिका झा, महानिदेशक/आयुक्त उद्योग रोहित मीणा, निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल, निदेशक कृषि गौरीशंकर सहित उद्योग एवं कृषि विभाग के अधिकारी/कर्मचारी तथा प्रदेश से आए हुए जैविक किसान/काश्तकार सभागार में उपस्थित थे तथा अन्य लोग विभिन्न जनपदों से वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से उपस्थित रहे।

कोरोना काल में औद्यानिकी के विकास से जुड़े कार्मिकों को भी प्रोत्साहन राशि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रेंजर ग्राउंड में आयोजित तीन दिवसीय अन्तराष्ट्रीय एप्पल महोत्सव का शुभारम्भ किया। उन्होंने प्रदेश में सेब उत्पादन को बढ़ावा देने तथा राज्य के सेब को पहचान दिलाने के लिये एप्पल मिशन को दी जाने वाली धनराशि दुगनी किये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में औद्यानिकी एवं बागवानी के विकास से जुड़े कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि प्रदान किये जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के साथ ही उद्यान एवं बागवानी के विकास हेतु अनुकूल नीति बनायी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में नये उद्यानों की स्थापना तथा उनके बेहतर प्रबन्धन पर ध्यान देने पर बल देते हुए कृषि वैज्ञानिकों से राज्य की भौगोलिक परिस्थिति के अनुकूल कृषि एवं बागवानी के विकास हेतु शोध एवं अनुसंधान पर ध्यान देने की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेब पौष्टिकता से युक्त फल है। हमारा सेब उत्पादन वैसे आगे बढ़े तथा देश व दुनिया में इसकी पहचान बने इस पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन निश्चित रूप से हमारे सेब उत्पादकों तथा बागवानी से जुड़े किसानों को नये अवसर प्रदान करने तथा प्रधानमंत्री के किसानों एवं बागवानों को खुशहाल बनाने के संकल्प को भी पूरा करने में मददगार होगा। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा भी राज्य में कृषि एवं बागवानी के विकास में पूरा सहयोग का आश्वासन दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में नई तकनीकि के बल पर सेब के उन्नत किस्म के पेड़ लगाने से हम जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल से अच्छी क्वालिटी का सेब उत्पादन कर उसके निर्यातक बनें। इस दिशा में समेकित प्रयासों की भी उन्होंने जरूरत बतायी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों, नौजवानों, समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक विकास योजनाओं का लाभ पहुंचाना हमारा उद्देश्य है, इसके लिये जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में सरलीकरण के साथ समाधान एवं निस्तारण तथा संतुष्टि के भाव के साथ कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर आयोजित प्रदर्शनी एवं स्टालों का भी अवलोकन किया तथा प्रतिभागियों से भी जानकारी प्राप्त की।
कृषि एवं उद्यान में मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह आयोजन राज्य के सेब उत्पादन एवं बागवानी के विकास मे मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि एप्पल मिशन के साथ अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जा रहा है। जम्मू कश्मीर एवं हिमाचल के साथ हमारे सेब की पहचान बने इसके लिये क्वालिटी एवं पैकिंग पर ध्यान दिया गया है। आधुनिक तकनीकि एवं उपकरणों के साथ कृषि वैज्ञानिकों को भी इससे जोड़ा गया है ताकि बेहतर अनुसंधान के बल पर हमारे उत्पादों की पहचान बन सके।
निदेशक उद्यान डॉ. एच.एस. बवेजा ने बताया कि प्रदेश को उद्यान प्रदेश बनाने की कार्य योजना तैयार की गयी है। इसके लिये 1690 करोड़ रूपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है। हमारे किसान आधुनिक तकनीकि का इस्तेमाल कर बागवानी के विकास में सहयोगी बनें इसके प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक महेश नेगी, पूर्व मंत्री नारायण सिंह राणा आदि उपस्थित थे।

पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को दिया जा रहा बढ़ावा-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वर्चुअल माध्यम से सीआईआई के प्रतिनिधियों के साथ राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। औद्योगिक संगठनों के साथ मिलकर राज्य में रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसमें औद्योगिक संगठनों से सहयोग की अपेक्षा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। सीमांत क्षेत्र सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में एक नई कार्य संस्कृति लाने के प्रयास किये गये हैं। कार्यों के सरलीकरण, समाधान और निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य में कनेक्टिविटी तेजी से बढ़ रही है। सड़क, रेल एवं हवाई कनेक्टिविटी का तेजी से विस्तार हो रहा है। औद्योगिक विकास के लिए उत्तराखण्ड में अनुकूल माहौल है। उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास के लिए अनेक क्षेत्रों में अच्छा कार्य हो सकता है। भारत सरकार के सहयोग से सिडकुल हरिद्वार में 300 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। उत्तराखण्ड आने वाले औद्योगिक संस्थानों को राज्य में हर संभव सुविधा दिये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
सीआईआई के प्रतिनिधियों ने राज्य में औद्योगिक विकास के लिए अपने सुझाव दिये। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। इन्वेस्टर समिट के बाद उत्तराखण्ड में औद्योगिक विकास में तेजी आई है। उत्तराखण्ड में विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से सीआईआई के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बेरोजगारों को पीएम स्ट्रीट वेंडर्स और दीनदयाल अन्त्योदय योजना की जानकारी दी

पीएम स्ट्रीट वेंडर्स और दीनदयाल अन्त्योदय योजना के अंतर्गत नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला सभागार में बैंक कर्मियों व स्थानीय लोगों की संयुक्त बैठक आयोजित की गई। इसमें अधिशासी अधिकारी बीपी भट्ट ने क्षेत्र के बेराजगारों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की है।
सिटी मिशन मैनेजर टिहरी अरविन्द जोशी ने बैठक में बताया कि दीनदयाल अन्त्योदय योजना के अंतर्गत दुकानदारों या बड़े व्यापारियों को दो लाख रूपए का व्यक्तिगत ऋण उपलब्ध करवाए जाने का प्रावधान है। इसके अलावा स्वयं सहायता समूहों के लिए 10 लाख रूपए तक का ऋण प्रदान किया जा रहा है। बताया कि पीएम स्ट्रीट वेंडिंग योजना के अंतर्गत छोटे व्यापारियों जैसे रेहड़ी, फड़ और ठेली विक्रेताओं आदि को रोजगार करने हेतु ऋण उपलब्ध करवाने की सुविधा उपलब्ध है। इसमें रोजगार शुरू करने के लिए बैंक के माध्यम से 10 हजार रूपए का ऋण दिया जा रहा है। बताया कि इन ऋणों पर ब्याज में सात प्रतिशत की सब्सिडी भी प्रदान की जाती है।
बैठक में कर निरीक्षक अनुराधा गोयल, पीएनबी से प्रशांत सेमवाल, मनोज राणा, एसबीआई से रचित रस्तोगी, यूबीआई मुनिकीरेती से महेश पंत, आईओबी मुनिकीरेती से अजिताभ, डीसीबी तपोवन से विनोद सिंह, आरपी मैठाणी, बीओआई से अमित ध्यानी, सभासद सुभाष चौहान, अजय रमोला, स्वास्थ्य लिपिक दीपक कुमार आदि उपस्थित थे।

सरकार अपनी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के योगदान को सुधारने पर ध्यान केंद्रित कर रही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सुभाष रोड स्थित होटल पेसिफिक में उद्योग विभाग द्वारा आयोजित आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर वाणिज्य उत्सव में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया एवं स्टॉलों का निरीक्षण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, ऐसे समय में वाणिज्य सप्ताह का आयोजन किया जाना सराहनीय है। वाणिज्य उत्सव का मुख्य उद्देश्य आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना एवं विशेष रूप से भारत से निर्यात को बढ़ावा देना है। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों व ट्रांसपोर्ट की अनेक बाधाओं के बावजूद उत्तराखंड राज्य साल दर साल निर्यात के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यही कारण है कि केंद्र सरकार की ओर से जारी एक्सपोर्ट प्रीपेयर्डनेस इंडेक्स में उत्तराखंड राज्य को हिमालयी राज्यों की श्रेणी में प्रथम स्थान मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले पांच सालों में ही उत्तराखंड ने निर्यात के मामले में करीब दोगुना से अधिक की बढ़त हासिल की है। वर्ष 2017-18 में उत्तराखंड से 10,836 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ, वहीं 2020-21 में यह बढ़कर 15,914 करोड़ रुपये पहुंच गया है। राज्य में आटोमोबाइल व फार्मा इकाइयां सबसे बड़े निर्यातक क्षेत्र के रूप में उभरे हैं। इसके अलावा उत्तराखंड से पुष्प उत्पादन, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, जैविक उत्पाद, सगंध-औषधीय पौधे, जैव प्रौद्योगिकी, हस्तशिल्प की वस्तुओं का निर्यात विदेशों में होता है। राज्य में निर्यात क्षमता और राज्य से निर्यात योग्य उत्पादों एवं सेवाओं को बढ़ावा देने और प्रदर्शित करने के लिए भारत को एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति के रूप में प्रतिस्थापित करने के लिए वाणिज्य उत्सव का आयोजन मील का पत्थर साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड उत्तर भारत में अपनी प्रगतिशील नीतिगत ढांचे, गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति की उपलब्धता तथा अच्छी कानून व्यवस्था के कारण एक पसंदीदा निवेश गन्तव्य बन गया है। मैनुफैक्चरिंग सेक्टर का राज्य के जीएसडीपी में 36 प्रतिशत से अधिक का योगदान है। सरकार अपनी अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के योगदान को सुधारने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है और पर्यटन क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया गया है। उद्योग और आंतरिक व्यापार को बढ़ावा देने के लिए विभाग डीपीआईआईटी द्वारा आयोजित बिजनेस रिफॉर्म एक्शन पॉइंट रैंकिंग में उत्तराखंड शीर्ष राज्यों में से एक है। राज्य की निवेश संवर्धन एजेंसी को इन्वेस्ट इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता घोषित किया गया है। हरिद्वार में इनलैंड कनटेनर डिपो (आईसीडी) की स्थापना के लिए प्रयास किये जा रहे है। राज्य ने निर्यात को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख क्षेत्रों कृषि, स्वास्थ्य और आयुष, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल एवं एलाइड, पर्यटन और आतिथ्य, हथकरघा और हस्तशिल्प, शैक्षिक सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को भी पहचान की है। हमारा लक्ष्य 30,000 करोड़ रुपये मूल्य की वस्तुओं के निर्यात के अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य को प्राप्त करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में अनेक योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। युवाओं के स्किल डेवलपमेंट हेतु विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। जिससे युवाओं को एक नया मंच और साथ ही उद्योगों को ऊर्जावान युवा मिल सके। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत आत्मनिर्भर भारत बनने की राह पर चल रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार मजबूत इच्छाशक्ति से काम कर रही है। देवभूमि उत्तराखंड का संदेश पूरे विश्व में जाता है। राज्य में और अधिक उद्योग स्थापित हों इसके लिये हमारे उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र को लेकर काम कर रही है। हम उद्योगों से जुड़े लोगों की समस्याओं का सरलीकरण कर समाधान करेंगे और साथ ही उनकी समस्याओं का निस्तारण भी होगा। उत्तराखंड में जितने भी उद्योग स्थापित हुए है, उनकी समस्याओं को दूर कर उन्हें विकास और ग्रोथ के हर अवसर दिए जाएँगे। साथ ही उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए हमारी सरकार हर संभव मदद करने को तैयार है।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि आज उत्तराखंड दुनिया के तमाम उद्योगपतियों के लिए एक इंडस्ट्रियल डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। हमारी सरकार का देश के तमाम उद्योगपतियों के साथ संवाद जारी है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत छोटे उद्योगों को लगाए जाने का कार्य राज्य में तेजी से हुआ है साथ ही उद्योगों से संबंधित आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं।
इस अवसर पर सचिव उद्योग राधिका झा, वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के उप सचिव आनन्द भाष्कर, डीजी एसईपीसी डॉ. अभय सिन्हा, निदेशक उद्योग सुधीर चन्द्र नौटियाल, एक्सपोर्ट कमिश्नर रोहित मीणा एवं उद्योग संघ के पदाधिकारी मौजूद थे।

मुनिकीरेती पालिका ने अनिवार्य किया दुकानदारों का ट्रेड लाइसेंस, जल्दी बनवायें

शासन के निर्देश पर नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला में दुकानदारों से ट्रेड लाइसेंस बनवाए जा रहे हैं। पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी ने क्षेत्र के समस्त दुकानदारों से इस लाइसेंस को शीघ्र बनवाने की अपील की है।
अधिशासी अधिकारी बीपी भट्ट ने बताया कि शासन की ओर से जारी निर्देशों के क्रम में प्रत्येक दुकानदारों को ट्रेड लाइसेंस बनवाना आवश्यक है। निकाय में आवेदन करके या ऑनलाइन माध्यम से इस लाइसेंस को बनवाया जा सकता है। ऑनलाइन आवेदन की वेबसाइट nagar.uk.gov.in है। लाइसेंस के लिए प्रत्येक व्यापारी को वार्षिक शुल्क अदा करना होगा। प्रत्येक वर्ष अप्रैल माह में ट्रेड लाइसेंस का नवीनीकरण होगा, इसमें प्रत्येक ट्रेड के लिए अलग-अलग शुल्क निर्धारित होगा। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए पालिका कार्यालय में कर निरीक्षक अधिकारी से संपर्क कर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

व्यापारिक हितों को लेकर संघर्ष करते रहेंगे व्यापारी

प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड की जिला ऋषिकेश इकाई का जिला स्तरीय सम्मेलन देहरादून रोड स्थित व्यापार सभा भवन में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि प्रांतीय चेयरमैन अनिल गोयल व प्रांतीय अध्यक्ष नवीन वर्मा रहे। साथ ही साथ प्रदेश महामंत्री प्रकाश चंद्र मिश्रा, संयुक्त महामंत्री दिनेश डोभाल, विपिन नागलिया, सुभाष कोहली, प्रदेश उपाध्यक्ष राकेश डिमरी, माधव सेमवाल, केके सिंघल, प्रदेश संगठन मंत्री हरगोपाल अग्रवाल, प्रदेश मंत्री ईश्वर मैखुरी, गढ़वाल प्रभारी सुरेश बिष्ट भी उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि अनिल गोयल ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कोरोना काल के दौरान सरकार टूरिज्म से संबंधित टैक्स माफ करें। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण व्यापारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है, इसलिए सरकार व्यापारियों को अन्य रियायतें भी दे।
अध्यक्ष नवीन वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार जीएसटी के सर्वे करवा रही है, जो सर्वथा गलत है। व्यापारी पिछले 2 साल से वैसे ही परेशान है। उस पर जीएसटी का सर्वे सरकार का गलत निर्णय है, जिसे किसी भी हालत में होने नहीं दिया जाएगा।
प्रदेश महामंत्री प्रकाश चंद्र मिश्रा ने कहा कि यात्रा का आरंभ हो गई है जिसका स्वागत होना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की, कि भारी बारिश के कारण टूटे हुए रास्तों को सरकार तुरंत दुरुस्त करें, जिससे आने वाले यात्रियों को समस्या ना हो। प्रदेश अध्यक्ष नवीन वर्मा ने युवा इकाई के जिलाध्यक्ष पद पर आशु डंग की घोषणा की।
मौके पर जिला अध्यक्ष नरेश अग्रवाल ने कहा कि गढ़वाल का मुख्य द्वार है किंतु यहां पार्किंग की भारी समस्या है। जिस कारण बाहर से आने वाले लोगों को दिक्कत होती है और व्यापारी को आर्थिक नुकसान होता है। उन्होने सरकार से ऋषिकेश में पार्किंग बनाने के मांग की ।
इस अवसर पर नगर अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र, महामंत्री प्रतीक कालिया, कोषाध्यक्ष सुनील गुप्ता, रविकुमार जैन, जिला मीडिया प्रभारी मनोज अग्रवाल, अरविंद जैन, राजकुमार तलवार, जिला उपाध्यक्ष दीपक तायल, जिला महामंत्री सचिन गर्ग, ललित मनचंदा, आशु डंग, आशु अरोड़ा, दीपक अरोड़ा, जगमीत सिंह, घनश्याम डंग, शिवम टुटेजा आदि उपस्तिथि रहे।

तीन संतुष्टि मंत्रों से व्यापार जगत की होंगी समस्यायें दूर-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून में औद्योगिक संस्थानों एवं संगठनों के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र को लेकर काम कर रही है। हम उद्योगों से जुड़े लोगों की समस्याओं का सरलीकरण कर समाधान करेंगे और साथ ही उनकी समस्याओं का निस्तारण भी होगा। उद्योगों की संतुष्टि का हमारा प्रयास है। उत्तराखंड में जितने भी उद्योग स्थापित हुए है, उनकी समस्याओं को दूर कर उन्हें विकास और ग्रोथ के हर अवसर दिए जायेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा राज्य को दिये गये औद्योगिक पैकेज से प्रदेश में बड़ी संख्या में उद्योगों की स्थापना हुई है। भविष्य में राज्य में और अधिक उद्योग स्थापित हों इसके लिये हमारे उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर रहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में देश-विदेश से उद्योगपति आये इसमें हमारे उद्यमियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्योगों के अनुकूल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सम्पूर्ण देश में भी यह संदेश जाना चाहिए कि उत्तराखंड उद्योगों के लिए एक श्रेष्ठ डेस्टिनेशन है। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योगपतियों के बीच लगातार संवाद कायम रहेगा।
उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री हमेशा उत्तराखण्ड के विकास को प्राथमिकता देते हैं। आज उत्तराखंड में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। परिवहन, कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उत्तराखंड में तेजी से काम हो रहा है। कोरोना काल मे हर किसी के लिए समस्या पैदा हुई। लेकिन सरकार ने कोविड प्रभावित अर्थव्यवस्था को मज़बूती देने के लिए कई निर्णय लिए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 10 सालों में उद्योग के क्षेत्र में उत्तराखंड देश का नंबर वन राज्य बने, इसके लिये हम प्रयासरत हैं। इसमें उद्योगों को भी सहयोगी बनना होगा। राज्य सरकार सभी के सहयोग के लिये है। अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये भी बड़ी संख्या में उद्योगों की स्थापना जरूरी है। इसके लिये जो बेहतर होगा वह किया जायेगा। राज्य के सभी क्षेत्रों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी के लिये सड़क एवं हवाई सेवाओं की बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
राज्य में उद्योगों की बेहतरी के लिये ऊर्जा, चिकित्सा, परिवहन, राजस्व, वन आदि विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना से बचाव के लिये हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर ध्यान दिया गया है। आगामी दिसम्बर तक राज्य के सभी लोगों का वैक्सीनेशन कर दिया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन का भी विमोचन किया।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश के विकास में उद्योगों की बड़ी भूमिका है। बड़ी संख्या में उद्योग रोजगार के भी माध्यम हैं। राज्य सरकार उद्योगों के हित में निरंतर प्रयासरत है। उद्योगों से आपसी संवाद के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जायेगा। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ उद्योगों के हित में कार्य कर रहे है। खनन आदि नीतियों को पब्लिक डोमेन में डाला जा रहा है, ताकि सभी के सुझावों पर ध्यान देते हुए बेहतर नीतियां तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि उद्योगों के हित में सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था 10 साल के लिये की जा रही है। उद्योगों को भी विश्वास एवं ईमानदारी का वातावरण बनाने में सहयोगी बनना होगा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक संगठनों द्वारा दिये गये सुझावों पर शीघ्र कार्यवाही कर समस्याओं का समाधान किया जायेगा।
सचिव उद्योग राधिका झा ने औद्योगिक संगठनों से हुई वार्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राप्त सुझावों के निराकरण का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, एक्सपोर्ट पॉलिसी, टेक्सटाइल पॉलिसी के साथ ही अवस्थापना विकास, पर्यावरण व राजस्व से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान के लिये जिला उद्योग मित्र तथा सिंगल विंडो सिस्टम को भी प्रभावी बनाया जायेगा।
इस संवाद कार्यक्रम में पीएचडीसीसीआई, केजीसीसीआई, सीआईआई, आईएयू सिडकुल मैन फोर्स एसोसिएशन, टूरिज्म एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी ने राज्य सरकार के इस प्रकार के प्रयासों की सराहना करते हुए सरकार को पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, नितेश झा, सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम आदि उपस्थित थे।

ललित मोहन मिश्र ने नगर युवा उद्योग व्यापार के अध्यक्ष और महामंत्री बनाएं

नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमण्डल ऋषिकेश के अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र द्वारा नगर युवा उद्योग व्यापार के अध्यक्ष एवं महामंत्री की नियुक्ति की है। अध्यक्ष शिवम टुटेजा एवं महामंत्री शिवम अग्रवाल को नियुक्त करते हुए नवनियुक्त पदाधिकारियों का स्वागत भी किया गया।
युवा व्यापार मण्डल की घोषणा करते हुए नगर अध्यक्ष ललित मोहन मिश्र ने कहा कि दोनों युवा व्यापारियो के हितों के लिए संघर्ष करते रहे है तथा सदा व्यापार मण्डल के कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करते है। उन्होंने आशा जताई कि भविष्य में व्यापार मण्डल को मजबूत बनाने ने अपना सहयोग देंगे।
इस अवसर पर रवि जैन, जिला संयुक्त महामंत्री पवन शर्मा, घाट रोड के महामंत्र मनोज टुटेजा, आशु, अभिषेक शर्मा, मयंक अरोड़ा, रोहन खुराना, जगमीत सिंह आदि उपस्थित रहे।