मुख्यमंत्री ने विद्या मंदिर, मांडूवाला में छात्रावास शिलान्यास कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मांडूवाला, देहरादून स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में छात्रावास के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने छात्रावास के शिलान्यास के अवसर पर सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह छात्रावास, छात्रों को आवासीय सुविधा प्रदान करने के साथ उनके सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा भारत की स्वतंत्रता के बाद सांस्कृतिक मूल्यों, राष्ट्रवाद की भावना को पुनर्स्थापित करने के लिए सरस्वती शिशु मंदिर की स्थापना की गई। मुख्यमंत्री ने सरस्वती विद्या मंदिर मांडूवाला के विद्यार्थियों द्वारा हाल ही में संपन्न हुई 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में शत-प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने पर शुभकामनाएं दी।

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में शिक्षा व्यवस्था में हुए व्यापक सुधार
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार किए गए हैं। प्रदेश सरकार ने देश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति को लागू किया। प्रदेश में 141 पीएम श्री विद्यालय तथा नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुअल क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी सरकारी विद्यालयों में एन.सी.ई.आर.टी. पुस्तके अनिवार्य की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखण्ड के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छठवीं से 12वीं कक्षा तक के मेधावी छात्र-छात्राओं को, मुख्यमंत्री मेधावी छात्र प्रोत्साहन छात्रवृत्ति योजना के तहत छात्रवृत्ति दी जा रही है। राज्य में बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए प्रत्येक विकासखण्ड के 10वीं और 12वीं के मेधावी छात्रों को भारत भ्रमण पर भेजने की शुरुआत भी की गई है। राज्य में मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना भी प्रारंभ की गई है। स्कूली शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता और परिणामों में सुधार लाने के उद्देश्य से राज्य में विद्या समीक्षा केंद्र की स्थापना भी की गई है।

प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों को भी विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़ा जाएगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के विद्या समीक्षा केंद्र के गुजरात मॉडल को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य के लगभग 16 हजार विद्यालय इस नवाचार से जोड़े जा चुका है। शीघ्र ही प्रदेश के सभी निजी विद्यालयों को भी विद्या समीक्षा केंद्र से जोड़ा जाएगा। जिससे इन विद्यालयों से संबंधित शिक्षकों, छात्रों तथा समस्त शैक्षिक गतिविधियों की जानकारी एक केंद्रीकृत प्रणाली के माध्यम से सरकार के पास उपलब्ध रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार प्रदेश में शिक्षा के साथ खेलों पर भी विशेष ध्यान दे रही है।

राष्ट्रीय स्तर में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने प्रदेश में करोड़ों रूपए की लागत से स्टेडियम एवं खेल सुविधाओं का निर्माण करवाया गया है 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृत्ति दी जा रही है। प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण, शिक्षा, आवास, भोजन व किट आदि भी प्रदान किए जा रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत भी की है। उन्होंने कहा हाल ही में आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर इतिहास रचा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्या भारती द्वारा संपूर्ण भारत में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं जिनमें लगभग 35 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इन विद्यालयों में आधुनिक और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही राष्ट्रभक्ति, नैतिक मूल्यों, भारतीय संस्कृति, संस्कारों और समाज के प्रति उत्तरदायित्व के बोध की भावना को विकसित करने का किया जाता है। विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालयों में चरित्र निर्माण और संस्कार सेवा भाव को महत्व दिया जाता है।

इस अवसर पर अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के सदस्य सुरेश सोनी, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायक सहदेव पुंडीर, अखिल भारतीय संगठन मंत्री शिवकुमार, क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) डोमेश्वर साहू, अध्यक्ष विद्यालय परिसर सुरेंद्र, डॉ. सुषमा अग्रवाल, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, नगर पालिका अध्यक्ष नीरू देवी, अध्यक्ष बाल आयोग गीता खन्ना एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों के लिए अगले 10 सालों के स्पष्ट प्लान पर किया जाएगा कार्यः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्कूलों में बच्चों को पाठ्यचर्या में श्रीमद् भगवत गीता का अध्ययन भी कराया जाए। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार का अगले 10 सालों के स्पष्ट प्लान पर कार्य किया जाए। शिक्षा विभाग द्वारा दिसम्बर 2026 तक शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों का रजतोत्सव कैलेंडर बनाया जाए। बरसात शुरू होने से पहले राज्य के सभी स्कूलों का निरीक्षण किया जाए और स्कूल के रास्तों और पुलों की स्थिति के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं को भी देखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कलस्टर विद्यालयों में आवासीय हॉस्टल की सुविधा के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन कर प्रस्ताव बनाया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को आवासीय हॉस्टल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों। पहले चरण में प्रत्येक जनपद में एक-एक आवासीय हॉस्टल बनाया जाए। 559 कलस्टर विद्यालयों के 15 किमी के अंतर्गत छात्र-छात्राओं की परिवहन व्यवस्था के लिए जल्द प्रस्ताव बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि हर साल बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें समय पर मिले। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में ट्रांसफर की प्रक्रिया में पूर्ण पारदर्शिता रहे, इसके लिए सभी पहलुओं का गहनता से अध्ययन कर प्रस्ताव बनाया जाए। जनपद, मण्डल और राज्य स्तरीय कैडर में सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए। स्कूलों में एनसीसी और एन.एस.एस को बढ़ावा दिया जाए, जिन स्कूलों में अभी इनकी सुविधा नहीं हैं, चरणबद्ध तरीके से स्कूलों का चयन किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शिक्षा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य के औद्योगिक प्रतिष्ठानों से सी.एस.आर फण्ड के तहत सहयोग के लिए अनुरोध भी किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जीर्ण-शीर्ण विद्यालयों में मरम्मत के कार्यों में तेजी लाई जाए। स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए। बच्चों की सुरक्षा से संबंधित किसी भी मामले में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। राजीव गांधी नवोदय विद्यालयों में छात्रों की क्षमता के अनुसार पूर्ण उपलब्धता हो, इसके लिए प्रतीक्षा सूची भी बनाई जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए आवश्यक संसाधनों में कोई कमी नहीं होने दी जायेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का राज्य में प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में और तेजी से कार्य किये जाएं। बच्चों को नैतिक शिक्षा, पर्यावरणीय शिक्षा, राज्य की सांस्कृतिक विरासत, महानुभावों का उल्लेख, क्षेत्रीय आवश्यकताओं के हिसाब से कौशल विकास, स्वास्थ्य शिक्षा, लोककथा, लोक साहित्य, संगीत और कला को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए।

बैठक में शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव रंजना, महानिदेशक माध्यमिक शिक्षा झरना कमठान, अपर सचिव बेसिक शिक्षा एम.एम. सेमवाल, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती, बेसिक शिक्षा निदेशक अजय नौडियाल अरौर शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

नर्सिंग कोर्स में जर्मन और जापानी भाषाओं को भी सिखाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों को चिकित्सकों, विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं उपकरणों से परिपूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिला अस्पतालों में मैनपावर, उपकरण एवं आधारभूत चिकित्सा सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की मान्यता प्राप्त करने की दिशा में कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि नैक की मान्यता के लिए पात्रता मानदंडों को पूर्ण किए जाने के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए इस दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि जर्मनी और जापान में नर्सिंग के क्षेत्र में जॉब की अत्यधिक सम्भावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा कराए जाने वाले नर्सिंग कोर्स में जर्मन और जापानी भाषाओं को भी सिखाए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि दून विश्वविद्यालय एवं अन्य भाषायी संस्थानों को जोड़ा जा सकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में भारतीय चिकित्सा पद्धति अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एलोपैथिक चिकित्सा के साथ ही भारतीय चिकित्सा पद्धति को भी शामिल किया जाए। इसके लिए एलोपैथी और आयुष को मिलकर कार्य किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने चारधाम मार्गों पर स्थित अस्पतालों के मजबूतीकरण पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने कहा कि ऐसे अस्पताल को आधारभूत चिकित्सा सुविधाओं और उपकरणों से पूर्णतः परिपूर्ण किया जाए। इन्हीं अस्पतालों को सक्षम बना कर चारधाम यात्रा के दौरान अन्य अस्पतालों से चिकित्सकों की व्यवस्था नहीं करनी पड़ेगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन कारगर सिद्ध हो रही है। इसे आगे भी जारी रखा जाए। उन्होंने इसके लिए डेडिकेटेड टीम लगाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए दूरस्थ क्षेत्रों में स्थिति स्वास्थ्य केन्द्रों में कनेक्टिविटी बढ़ायी जाए।

समीक्षा बैठक के दौरान सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों एवं योजनाओं पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों डाईवाला एवं भटवाड़ी को उप जिला अस्पतालों में अपग्रेड किया जा रहा है। रूद्रपुर और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का कार्य प्रगति पर है। विशेषज्ञ चिकित्सकों, नर्स और लैब तकनीशियनों की भर्ती के साथ ही स्वास्थ्य उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करायी जा रही है। उन्होंने कहा कि टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य से अधिक सफलता प्राप्त किया गया है।

इस अवसर पर मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया, अपर सचिव रीना जोशी एवं महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने दिया उच्च शिक्षा विभाग में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष जोर

उच्च शिक्षा विभाग में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाए। व्यावसायिक, उद्यमिता एवं रोजगार परक शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए। उच्च शिक्षा से डिग्री प्राप्त करने के बाद युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए उनके कौशल विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। विदेशों में मानव संसाधन की आवश्यकता के अनुसार युवाओं को विदेशी भाषा के साथ ही कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाए। विदेशों में रोजगार के लिए राज्य से दक्ष मानव संसाधन उपलब्ध कराने के लिए विदेशी दूतावासों से सम्पर्क कर विभिन्न देशों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता परक और रोजगारपरक शिक्षा के लिए प्राध्यापकों को भी आधुनिक तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाए। शिक्षण गतिविधियों को रुचिकर बनाने के लिए शिक्षण सहायक सामग्री की उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाए। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों की लाइब्रेरी में पुस्तकों की पर्याप्त उपलब्धता के साथ ही प्रयोगशालाओं में आवश्यक उपकरणों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों के लिए राज्य सरकार की भारत दर्शन योजना के तहत देश के प्रमुख संस्थानों में भ्रमण कराया जाए। राज्य के अधिकतम विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को नैक ग्रेडिंग सिस्टम में लाने के प्रयास किये जाएं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार राज्य में उच्च शिक्षा उन्नयन की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा में बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए पाठ्यक्रम को नवाचार से जोड़ा जाए। इसके लिए शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित संस्थानों से भी सहयोग लिया जाए। बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा और शैक्षणिक पाठ्यक्रम की पुस्तकें आसानी से और निःशुल्क उपलब्ध हो, इसके लिए ई-लाइब्रेरी सिस्टम को मजबूत बनाया जाए। महाविद्यालयों में व्यावसायिक कोर्स भी शुरू कराए जाएं। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. रंजीत सिन्हा उपस्थित थे।

धामी सरकार ने 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में की वर्चुअल क्लास रूम की व्यवस्था

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, हरिद्वार में आयोजित प्रतिभा सम्मान समारोह-2025 कार्यक्रम में प्रतिभाग कर नवनिर्मित भवन व स्मार्ट रूम का लोकापर्ण किया। उन्होंने प्रतिभावान विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को सम्मानित कर उनके कार्यों की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने नए भवन व स्मार्ट रूम के लोकापर्ण पर सभी छात्र छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात देश जब अपने पैरो पर खड़ा हो रहा था, उस समय राष्ट्र निर्माण की भावना को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के आनुषंगिक संगठन के रूप में विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान ने सरस्वती शिशु मंदिर के रूप में जो पौधा रोपित किया था, आज विशाल वट वृक्ष बनकर खड़ा हो गया है और देश के कोने-कोने में हमारे नौनिहालों को शिक्षित कर देश को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा विद्या भारती द्वारा देश में 12 हजार से अधिक विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें लगभग 35 लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी विद्या भारती द्वारा 50 से भी अधिक महाविद्यालय एवं एक विश्वविद्यालय का संचालन किया जा रहा है। जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा देने के साथ ही उनमें राष्ट्रसेवा, नैतिकता, संस्कृति संरक्षण, प्राकृतिक संरक्षण और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना को विकसित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में वर्तमान में विद्या भारती का एक बड़ा नेटवर्क है। माणा से लेकर सीमांत क्षेत्र धारचूला तक भी शिशु मंदिर और विद्या मंदिर मौजूद हैं। वर्तमान में विद्या भारती द्वारा 500 से अधिक विद्यालय प्रदेश के अंदर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें एक लाख से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज इस विद्यालय मे 04 स्मार्ट क्लासेज का लोकापर्ण होना इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है कि विद्या भारती के स्कूल किसी भी आधुनिक स्कूल से पीछे नहीं हैं, उनमें भी सभी प्रकार की सुविधाए दी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में निरतंर सुधार कर रही है। शिक्षा के महत्व को ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेश में सर्वप्रथम नई शिक्षा नीति लागू की। राज्य में पीएमश्री योजना के अंतर्गत 141 पीएमश्री विद्यालय बनाये गये हैं। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय का निर्माण भी किया जा रहा है। प्रदेश के 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुल्स क्लासरूम की व्यवस्था भी की गई है। क्वालिटी एजुकेशन सुनिश्चित करने के लिए सभी विद्यालयों में एनसीईआरटी की पाठ्य पुस्तकों को अनिवार्य किया गया है। विद्यार्थियों को, विज्ञान को बेहतर तरीके से समझाने के लिए राज्य में लैब ऑन व्हील्स अर्थात मोबाइल साइंस लैब की शुरुआत भी की है। राज्य में कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक और कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को पाठ्य पुस्तकों के साथ ही जूता और बैग भी उपलब्ध कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 20 मॉडल कॉलेज एवं 09 महाविद्यालय की स्थापना करने के साथ ही महिला छात्रावास एवं आईटी लैब सहित परीक्षा भवनों का निर्माण भी किया जा रहा है। स्कूलों के लिए अध्यापकों एवं महाविद्यालयों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर आदि की नियुक्ति भी हो रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में करोड़ों रुपए की लागत से स्टेडियम में खेल सुविधाओं का निर्माण करवाया गया है एवं 8 वर्ष की उम्र से ही प्रतिभावान खिलाड़ियों को छात्रवृति दी जा रही है।प्रदेश के आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेज के खिलाड़ियों को निशुल्क प्रशिक्षण शिक्षा आवास भोजन व किट आदि भी प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राष्ट्रीय स्तर की किसी भी प्रतियोगिता में मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने की ऐतिहासिक शुरुआत भी की है। इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि हाल ही आयोजित हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन में प्रदेश के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल लाकर इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेहनती और प्रतिभावान बच्चों के सपनों पर कोई नकल माफिया हावी नहीं हो सकेगा। राज्य सरकार ने उत्तराखंड में देश का सबसे बड़ा नकल विरोधी कानून लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा पहले के समय में आयोजित होनी वाली परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक होते थे। जिससे प्रदेश के युवाओं का मनोबल टूट रहा था। लेकिन जब से नकल विरोधी कानून प्रदेश में लागू किया है तब से एक भी पेपर लीक नहीं हुआ है। जिसका परिणाम यह है कि 3 वर्षों में लगभग 22 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने सरकारी नौकरी पाने में सफलता प्राप्त की है।मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों का आह्वान करते हुए कहा कि सभी मन लगाकर पढ़ाई करें और आगे बढ़े। उन्होंने कहा यह विद्यालय इसी प्रकार भविष्य में भी आने वाली पीढ़ियों को शिक्षा प्रदान करेगा एवं विद्यार्थियों में सामाजिक और नैतिक मूल्यों का विकास करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहेगा।

इस अवसर पर प्रांत प्रचारक आर.एस.एस उत्तराखंड डॉ शैलेन्द्र, विधायक आदेश चौहान, प्रधानाचार्य लोकेंद्र अथवाल, प्रबंधक अजय शर्मा आदि ने भी संबोधन में अपने विचार रखे।

इस दौरान शिवशंकर जायसवाल, शेर सिंह रावत, रोहित भाटिया, महापौर किरण जैसल, विधायक प्रदीप बत्रा, दर्जा राज्यमंत्री देशराराज कर्णवाल, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, पूर्व जिलाध्यक्ष संदीप गोयल, जिला उपाध्यक्ष लव शर्मा, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम ने चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी के लिए मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में पढ रहे छात्र-छात्राओं को लैब ऑन व्हील्स के माध्यम से 9 मोबाईल सांइस लैब की सौगात दी गई। मुख्यमंत्री ने कैम्प कार्यालय परिसर में मोबाईल सांइस लैब के विज्ञान मॉडलों का अवलोकन किया और 09 मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया। पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री ने राज्य के चार जिलों चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी के लिए मोबाईल सांइस लैब को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया था।

यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो0 दुर्गेश पंत ने बताया कि प्रथम चरण में राज्य के 04 जिलों क्रमशः चम्पावत, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में लैब ऑन व्हील्स का सफल संचालन रहा जिसके अभूतपूर्व परिणाम को देखते हुए राज्य के शेष जनपदों में आज लैब ऑन व्हील्स का शुभारंभ किया गया। प्रो. पंत ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना के माध्यम से राज्य के ग्रामीण/दूरस्थ क्षेत्रों में विज्ञान को लोकप्रिय बनाने और विज्ञान संचार गतिविधियों को बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है। परियोजना के अंतर्गत प्रयोगशाला, व्यवाहारिक प्रदर्शनों/मॉडलों, विज्ञान गतिविधियों और प्रदर्शनों के माध्यम से प्रदेश के कक्षा छः से दसवीं तक के छात्र-छात्राओं को जीव विज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित आदि विषय के पाठ्यक्रम को ओर अच्छे से सीखने एवं समझ पाने का अवसर प्रदान किया जा रहा है। प्रो0 पंत ने कहा कि यह प्रदेश में परियोजना का द्वितीय चरण है जिसके अंतर्गत शेष नौ जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, चमोली, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार, उधम सिंह नगर, नैनीताल, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ में किया जा रहा है।

इस अवसर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव नितेश झा एवं साइंस सिटी सलाहकार जी एस रौतेला, यूकॉस्ट से संयुक्त निदेशक डॉ डी पी उनियाल, परियोजना समन्वयक ई0 जितेन्द्र कुमार, अमित पोखरियाल, विकास नौटियाल, पुनीत सिंह एवं सहयोगी संस्था अगस्त्या इंटरनेशनल से अमित कुमार, अशोक सिंह, योगेश के अलावा विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक राम आश्रय चौहान, निधि, शिवानी कोहली, सीमा भंडारी, अभय शर्मा, सुमन गुप्ता, अनीता नेगी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

विधानसभा की कार्यवाही देखने पहुंचे बच्चे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को विधानसभा देहरादून में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय मेहरावना (चकराता) के विद्यार्थियों ने भेंट की। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने विधानसभा में विधानसभा सत्र में हो रही विभिन्न गतिविधियों को देखा। मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

आईटीडीए कैल्क करवा रहा है 52 युवतियों को ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन का कोर्स

पिथौरागढ़ की तनुजा वर्मा, गैरसैंण की रौशनी और उत्तरकाशी की जशोदा। ग्रामीण पृष्ठभूमि और सामाजिक तौर पर कमजोर तबके से आने वाली इन तीनों युवतियों ने आज से कुछ समय पहले तक लैपटॉप तक नहीं चलाया था, लेकिन आज वो ड्रोन दीदी बनकर, ड्रोन असेम्बलिंग, रिपेयरिंग से लेकर फ्लाइंग तक का काम आसानी से कर रही हैं। ये संभव हो पाया है, उत्तराखंड सरकार के उपक्रम आईटीडीए कैल्क के ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स, ड्रोन दीदी से।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार ग्रामीण और आर्थिक सामाजिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि वाले युवाओं में तकनीकी कौशल बढ़ाने पर जोर रहे हैं। इसी क्रम में आईटीडीए कैल्क, भारत सरकार की वित्तीय सहायता और उत्तराखंड युवा कल्याण विभाग के सहयोग से, अनुसूचित जाति की युवतियों के लिए ड्रोन सर्विस टैक्नीशियन कोर्स संचालित कर रहा है। देहरादून में प्रांतीय युवा कल्याण निदेशालय परिसर में चल रहे इस कोर्स के पहले बैच की शुरुआत, छह जनवरी से हो चुकी है, जिसमें प्रदेश भर से 52 युवतियां शामिल हो रही हैं। कोर्स के तहत उन्हें 37 दिन में कुल 330 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाना है। इसमें प्रशिक्षण से लेकर रहने, खाने और आने जाने का व्यय तक सरकार की ओर से उठाया जा रहा है।

पुरस्कार में मिलेंगे निशुल्क ड्रोन

उत्तराखंड सरकार, युवाओं को ड्रोन रिपेयरिंग और संचालन का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए ऋषिकेश और पिथौरागढ़ में दो आईटी स्किल ग्रोथ सेंटर संचालित कर रही है। देहरादून में चल रहा प्रशिक्षण कार्यक्रम ऋषिकेश सेंटर के जरिए प्रदान किया जा रहा है। ऋषिकेश सेंटर के प्रभारी वीरेंद्र चौहान के मुताबिक कोर्स के बाद परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें सफल प्रशिक्षणार्थियों को भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, साथ ही प्रशिक्षण में प्रथम पांच स्थान पर रहे प्रशिक्षणार्थियों का निशुल्क ड्रोन भी दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत कुल 200 युवक – युवतियों को निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाना है।

खुलेंगे रोजगार के अवसर

प्रशिक्षण प्राप्त कर रही युवतियों का कहना है कि अब वो ड्रोन सेवाओं पर आधारित स्वरोजगार करने के साथ ही आपदा और चिकित्सा सेवा में भी सरकार को सहयोग प्रदान कर सकते हैं। इसमें से कुछ खुद का ड्रोन भी खरीदने की योजना बना रही हैं।

उत्तराखंड के युवाओं को उच्च तकनीकी कौशल प्रदान करने के लिए सरकार कई योजना चला रही है। इसी क्रम में ड्रोन दीदी योजना भी संचालित की जा रही है। भविष्य में ड्रोन सेवाओं का दायरा बढ़ने वाला है, इसलिए हमारे पास इसके लिए पहले से ही प्रशिक्षित मानव बल उपलब्ध होगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने हाईस्कूल परीक्षा 2024 के टॉपर 157 छात्र-छात्राओं को भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण यात्रा पर किया रवाना

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षा निदेशालय, नानूरखेड़ा में आयोजित कार्यक्रम में हाईस्कूल परीक्षा 2024 के टॉपर 157 छात्र-छात्राओं के दल को भारत दर्शन शैक्षिक भ्रमण यात्रा पर हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेधावी छात्र- छात्राएं भ्रमण कार्यक्रम के दौरान देशवासियों को उत्तराखंड की विशिष्टता से भी परिचित कराने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में शिक्षा विभाग ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के ब्लॉक स्तर पर मेधावी छात्र छात्राओं के लिए शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम शुरू कर दिया है। इसके तहत हाईस्कूल परीक्षा 2024 के कुल 157 विद्यार्थियों के दल को सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड आज ऐसे निर्णय ले रहा है जो पूरे देश के लिए बेस्ट प्रैक्टिस साबित हो रहे हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ नवंबर के संबोधन में इन निर्णयों का उल्लेख कर राज्य सरकार को प्रोत्साहित किया है। प्रधानमंत्री ने इसे उत्तराखंड में विकास का महायज्ञ करार दिया है। इसी क्रम में अब प्रदेश सरकार बोर्ड परीक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं को देश के विभिन्न राज्यों के ऐतिहासिक, शैक्षिक महत्व वाले स्थलों के भ्रमण पर भेज रही है। पहला दल आज हिमाचल, पंजाब, चंड़ीगढ़, हरियाणा, दिल्ली के एतिहासिक स्थलों के भ्रमण पर जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ये भ्रमण उत्तराखंड की शिक्षा व्यवस्था में नया अध्याय जोड़ेगा। छात्र दृ छात्राएं इस दौरान जहां भी जाएंगे, वहां उत्तराखंड के ब्रांड अम्बेसडर के तौर पर खुद को पेश करें। इसलिए सभी छात्र दृ छात्राएं उत्तराखंड की पवित्र नदियों, देवस्थानों, मौसम, पर्यटन स्थलों के बारे में जानकारी लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि शीतकाल के लिए चार धामों के कपाट बंद होने के बाद अब शीतकालीन प्रवास स्थल पर भगवान के दर्शन हो सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार शीतकालीन यात्रा प्रारंभ कर चुकी है। दल में शामिल छात्र-छात्राएं इस बात की जानकारी दे सकते हैं कि शीतकालीन गद्दी पर भी लोग दर्शन कर पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम छात्र दृ छात्राओं की सोच और व्यक्तित्व विकास को नया आयाम देगा। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि बच्चों के भ्रमण से प्राप्त अनुभव भी लिए जाने चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय भाषा सप्ताह की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भारत विविधता में एकता का उदाहरण पेश करता है। भारतीय भाषा सप्ताह हमारे अंदर भारतीयता का गौरव भाव पैदा करेगा। उन्होंने महाकवि सुब्रमण्यम भारती का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ऐसे अनेक नायको से परिचित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड वासियों से जो नौ आग्रह किए हैं, उसमें अपनी क्षेत्रीय बोली भाषा का संरक्षण भी शामिल है। इसलिए सभी मेधावी अपनी बोली भाषा संस्कृति का भी संरक्षण करें। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विद्या समीक्षा केंद्र का दूसरे चरण करने और निदेशालय में जलभराव की समस्या से निपटने के लिए नाली निर्माण की भी घोषणा की है।

शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि पहली बार कोई राज्य सरकार अपने प्रदेश में ब्लॉक स्तर के टॉपर दो -दो बच्चों के लिए इस तरह का शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम शुरू कर रही है। इस दौरान मेधावी आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम के साथ ही वहां के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों से भी मिलेंगे। शिक्षा मंत्री ने कहा कि अपार आईडी तैयार करने में भी उत्तराखंड देश के टॉप 10 राज्यों में शामिल है। अब तक राज्य में 45 प्रतिशत छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बन चुकी है। उन्होंने कहा कि अगले शैक्षिक सत्र से सरकार सभी छात्र छात्राओं का निशुल्क पाठ्य पुस्तकों की तर्ज पर कॉपियां भी प्रदान करेगी।

इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक उमेश शर्मा काऊ, राजपुर विधायक खजान दास, कैंट विधायक सविता कपूर के साथ ही विभागीय सचिव रविनाथ रमन, महानिदेशक झरना कमठान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

बेहतर शिक्षा देना हमारा उद्देश्य होना चाहिएः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मल्लिकार्जुन स्कूल लोहाघाट का दीप प्रज्वलित कर लोकार्पण करते हुए कहा कि शहर के बच्चे को बेहतर शिक्षा देना हमारा उदेश्य होना चाहिए उन्होने कहा कि यह विद्यालय स्व. मल्लिकार्जुन जोशी जी द्वारा इस क्षेत्र में बच्चों को उत्कृष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए जो परिकल्पना की गई थी उस परिकल्पना को साकार करने की दिशा की प्रयासरत है। उन्होंने कहा की विद्यालय कि प्रयोगशाला में बच्चों ने बहुत ही शानदार प्रयोग का प्रदर्शन किया है इसके लिये उन्होने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मल्लिकार्जुन विद्यालय के बच्चे हमारा भविष्य हैं। इनमें से कोई डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, पत्रकार, प्रशासनिक सेवा में जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में भी वे जाएंगे उन क्षेत्रों को नेतृत्व देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिक शिक्षा माता-पिता से प्रारंभ होती है उसके बाद बच्चों को शिक्षा, संस्कार, व्यक्तित्व का विकास विद्यालय द्वारा किया जाता है। शिक्षण संस्थान बच्चों के व्यक्तित्व निर्माण की दिशा में बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं। शिक्षा व्यवस्था किसी भी समाज के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण आधार स्तंभ है। बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ उनके संपूर्ण व्यक्तित्व का विकास करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज जिस नए विद्यालय का लोकार्पण हुआ है उम्मीद है कि शिक्षा के क्षेत्र में और तेज गति से हमारे छात्र-छात्राओं को रोजगार परक शिक्षा देकर एवं प्रतियोगी परीक्षाओं में भी उनको सफलता प्राप्त करने में सहायता करेंगे। उन्होंने नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति आने से शिक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहन मिलना प्रारंभ हुआ है जिससे बच्चों और युवाओं में निश्चित रूप से एक वैज्ञानिक सोच का भी विकास होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है। उन्होने कहा कि 11वीं शताब्दी तक हमारी प्राचीन भारतीय शिक्षा का जो गौरव था वह अपने चरम पर था जब दुनिया के लोग शिक्षा व्यवस्था के बारे में नहीं जानते थे तब हमारे देश ने पूरे विश्व को ज्ञान विज्ञान की शिक्षा देने का काम किया। उस समय हमारे देश में नालंदा व तक्षशिला और विक्रमशिला जैसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय के रूप में शिक्षा के केन्द्र थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति द्वारा प्राचीन शिक्षा के समग्र दृष्टिकोण को फिर से प्राथमिकता देकर प्राचीन भारतीय शिक्षण प्रणाली के गौरव को पुनःस्थापित करने में लिया गया एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए अपने विकल्प रहित संकल्प को पूरा करने के लिए वह प्रतिबद्ध है। जब शिक्षकों द्वारा हमारे छात्र छात्राएं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी तभी यह हमारा संकल्प पूरा होगा। मुख्यमंत्री ने बच्चों को देश के उज्ज्वल भविष्य की नींव बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि जब भारत की आजादी के 100 वर्ष पूरे होंगे तो भारत दुनिया में विकसित भारत के रूप में पहचान बनायेगा विकसित भारत का संकल्प लेकर भारत पूरे विश्वगुरु के रूप में उभरेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्र शिक्षा को अपने जीवन की सर्वाेच्च प्राथमिकता बनाए जब छात्र व छात्राएं आगे बढ़ते है तो उससे माता-पिता, शिक्षकों, स्कूल और क्षेत्र का नाम रोशन होता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि इस पर्वतीय/सीमांत क्षेत्रों से नौजवान निकलकर पूरी दुनिया में अपना नाम रोशन कर नए कीर्तिमान स्थापित करने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की आज अनेक ऐतिहासिक फैसलों के लिए पूरे देश में एक मॉडल के रूप में पहचान बन रही है। उन्होंने कहा कि परिक्षाओं के पहले नकल के कारण से हमारे युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा था। परीक्षा उपरांत अखबारों में छप जाता था कि परीक्षा में धांधली हुई है। परिणाम में जिनका नाम आना चाहिए चयन सूची में उनका नाम नहीं आता था। लगातार गरीब माता-पिता के बेटे और बेटियों का हौसला कम हो रहा था। राज्य सरकार ने दिशा की पहल कर पूरी तरह से नकल के विरूद्ध कड़े निर्णय लेते हुए देश का सबसे कठोर नकलरोधी कानून बनाया। इस कानून के तहत नकल में पकड़े जो भी व्यक्ति चाहे छोटा हो बड़ा हो कोई अधिकारी क्यों न हो उसके खिलाफ हमने कड़ी कार्रवाई की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई कर 100 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने का काम किया है साथ ही तय किया है कि कोई भी गरीब माता-पिता के बेटे और बेटियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा और उनकी मेहनत और लग्न पर डाका डालेगा उसपर नकलरोधी कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करेंगे। इस कानून में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान किया है। राज्य सरकार द्वारा तीन साल में 19 हजार पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न करवा कर युवाओं को रोजगार देने का कार्य किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हित में सरकार ने अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं राज्य में समान नागरिक संहिता का कानून बनकर तैयार हो गया है जिसे जल्दी ही लागू करने के साथ ही सशक्त भूकानून हेतु भूमाफियाओं पर नकल कसने का काम भी सरकार कर रही है,इसकी शुरुआत कर दी है। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बैठक करके सभी जिलाधिकारी व एसडीएम को यह निर्देश दिए हैं कि अपने-अपने स्तर से सबसे सुझाव लेकर अपनी रिपोर्ट शासन को प्रेषित करें राज्य सरकार शीघ्र ही सभी की भावनाओं के अनुरूप एक सशक्त भूकानून बनाएगी।

उन्होंने कहा कि आज हम विकास के मामले में भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं विकास के क्रम में आज हमारा उत्तराखंड राज्य नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्य में पूरे देश में पहली रैंक पर आया है। उत्तराखंड राज्य बेरोजगारी दर के मामले में राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ा है। उत्तराखंड में बेरोजगारी दर 13.4 प्रतिशत से घटकर 9.4 प्रतिशत पर आ गई है जिसमें हमने 4.4 प्रतिशत की कमी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लंबे समय के बाद राज्य की बहुत सारी परियोजनाओं को आज भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है। इन योजनाओं में पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, रुद्रपुर में मेडिकल कॉलेज और उधमसिंह नगर में एम्स बन रहा है। देश के अंदर बनने वाले 12 औद्यौगिक आस्थानों मे से एक उत्तराखंड राज्य को भी मिला है जिसका कार्य प्रारंभ हो रहा है, औद्योगिक स्मार्ट सिटी बनने से उत्तराखंड राज्य के 1 लाख नौजवानों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार महिला सशक्तिकरण की दिशा में कार्य कर रही है, महिलाओं के आर्थिक उन्नयन के लिए हाउस आफ हिमालय ब्रांड प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार ने प्रारंभ किया है।

आदर्श जनपद चम्पावत की परिकल्पना हो रही है सरकार-मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आदर्श जनपद चंपावत की परिकल्पना की ओर तेज गति से अग्रसर है। विभिन्न क्षेत्रों के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अनेक कार्य गतिमान है,जिले में सम्पर्क फाउंडेशन द्वारा 333 राजकीय प्राथमिक एवं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्मार्ट टीवी विषयवार फ्री लोडेड उपलब्ध कराई गई है। यूकॉस्ट के माध्यम से चंपावत में साइंस सेंटर बनाया जा रहा है। जिले में लैब ऑन व्हील कार्यक्रम के अंतर्गत जो 20 विद्यालय लिए हैं उनमें साइंस मॉडल प्रदर्शनी , विज्ञान के प्रयोगात्मक गतिविधियां संपन्न कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर क्षेत्र में नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का संचालन किया जा रहा है जिसमें अनाथ बच्चों को उसमें वरीयता दी जा रही है वर्तमान में 38 बच्चों को इसमें प्रवेश दिया गया है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस छात्रावास का निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 20 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई। जिले के प्राथमिक विद्यालय टनकपुर व बनबसा में स्मार्ट कक्षाओं के निर्माण के लिए 76 लाख 40 हजार रुपए की धनराशि स्वीकृत की गयी। टनकपुर में पुस्तकालय के निर्माण कार्य हेतु 3 करोड़ 5 लाख की डीपीआर तैयार हो गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चंपावत में छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए पुस्तकालय का विस्तारीकरण करके 1 करोड़ 39 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत कर डीपीआर तैयार हो गई है। राजकीय इंटर कॉलेज चंपावत में छात्रावास के निर्माण के लिए 5 करोड़ 34 लाख की डीपीआर गठित की गई है। उन्होंने कहा कि ’सरकार जनपद चंपावत को आदर्श जनपद बनाने हेतु प्रतिबद्ध है,इस दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है।

मल्लिकार्जुन पब्लिक स्कूल पहुंचने पर विद्यालय के प्रबंधक हरीश जोशी, चौयरपर्सन रचना जोशी,निदेशक रुद्राक्ष जोशी,प्रधानाचार्य अशोक शर्मा,राहुल सिंह देव द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन किया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा स्वागत गीत,छोलिया नृत्य आदि प्रस्तुत किए गए।

इस अवसर पर दर्जा राज्यमंत्री गणेश भंडारी भाजपा जिलाध्यक्ष चंपावत, निर्मल महरा पिथौरागढ़ गिरीश जोशी, प्रशासक जिला पंचायत ज्योति राय,विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी, भाजपा महामंत्री मुकेश कलखुड़िया, जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे, पुलिस अधीक्षक अजय गणपति, सीडीओ संजय कुमार सिंह, एडीएम हेमंत कुमार वर्मा, सहित स्थानीय गणमान्य नागरिक, विद्यालय के अध्यापक-अध्यापिकाऐं छात्र-छात्राएं सहित स्थानीय लोग मौजूद रहे।