हाईकोर्ट के निर्देश पर प्रशासन की टीम ने किया परमार्थ निकेतन का निरीक्षण, हुआ चौकाने वाला खुलासा

51 वर्षों से बिना लीज अनुबंध के परमार्थ निकेतन चल रहा है। इसका खुलासा शनिवार को हुई पैमाइश के बाद हुआ है। हाईकोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी पौड़ी धीरज गर्ब्याल ने प्रशासन की एक टीम को पैमाइश करने के लिए परमार्थ निकेतन भेजा। इस दौरान राजस्व, सिंचाई और वन विभाग के अधिकारियों ने परमार्थ निकेतन स्थित गंगा घाट की पैमाइश की। इस दौरान सामने 51 वर्ष पहले ही परमार्थ निकेतन की वन विभाग से हुई लीज डीड की अवधि समाप्ति वाली बात निकलकर आई।

हाईकोर्ट ने पौड़ी डीएम को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे के मामले में 16 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने यह आदेश एक याचिका के बाद दिया है। याचिका में यह आरोप है कि परमार्थ निकेतन ने सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण किया है। पैमाइश के दौरान खुलासा हुआ कि वन विभाग ने परमार्थ निकेतन को 2.3912 एकड़ भूमि लीज पर दी थी। लीज की अवधि वर्ष 1968 में ही समाप्त हो चुकी है। इस तथ्य की पुष्टि राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रो ने की है। उन्होंने बताया कि परमार्थ निकेतन का वन विभाग के साथ केवल 15 वर्षों का अनुबंध हुआ था, लेकिन लीज अनुबंध खत्म होने के बाद अफसरों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। पैमाइश करने वाली टीम में एसडीएम श्याम सिंह राणा, सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सुबोध मैठाणी, रेंज अधिकारी धीर सिंह, पटवारी कपिल बमराड़ा शामिल थे।

परमार्थ निकेतन का भूमि संबंधी विवाद वीरपुर खुर्द में भी जोर पकड़ रहा है। दरअसल यहां परमार्थ की ओर से संचालित गुरुकुल भी वन विभाग की भूमि पर संचालित है। आरोप है कि निकेतन ने यहां 27 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जा कर रखा है। इस संदर्भ में पशुपालन विभाग ने भी कोर्ट में काउंटर दाखिल कर स्पष्ट किया है कि उक्त भूमि वन विभाग की है। इस मामले में डीएफओ देहरादून राजीव धीमान का कहना है कि परमार्थ निकेतन की ओर से वीरपुर खुर्द में संचालित गुरुकुल का लीज अनुबंध 1978 में समाप्त हो चुका है। फिलहाल यहां हुए अवैध कब्जे को खाली करवाने के मामले में अफसर अभी चुप्पी साधे हुए हैं। परमार्थ निकेतन के प्रभाव को देखते हुए अफसरों में भी कार्रवाई को लेकर संशय बना हुआ है।

उधर, टाईगर रिजर्व के निदेशक पीके पात्रों ने अनुसार केवल 15 वर्षों के लिए परमार्थ को लीज पर भूमि दी गई थी। वर्ष 1968 में परमार्थ निकेतन के साथ वन विभाग का लीज अनुबंध समाप्त हो गया था। वर्ष 2003 तक परमार्थ निकेतन टाईगर रिजर्व को कर शुल्क जमा करता रहा। लीज के नवीनीकरण के लिए आश्रम की ओर से कई बार कहा गया। वर्ष 1980 में वन अधिनियम के तहत लीज पर देने का प्रावधान खत्म कर दिया गया है। इस कारण लीज के नवीनीकरण का मामला रुक गया।

कश्मीर अब खुले में सांस लेने लगा हैः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म मुद्दा 370 जे एंड के फिल्म का टीजर रिलीज किया। उन्होंने फिल्म को ऐतिहासिक तथ्यों तथा समसामयिक विषय पर आधारित बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि धारा 370 के हटने से कश्मीर को राष्ट्र की मुख्य धारा से जोड़ने में मदद मिली है। इस धारा के कारण कश्मीर देश की मुख्य धारा से अलग ही नहीं था, बल्कि तमाम बन्दिशों का भी सामना कर रहा था। अब कश्मीर खुले में सांस लेने लगा है, आने वाले समय में इसके दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे तथा कश्मीर पुनः धरती का स्वर्ग बनेगा।

उन्होंने फिल्म की 50 प्रतिशत शूटिंग उत्तरकाशी के जखौल, मोरी, पुरोला क्षेत्र में किये जाने की सराहना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में फिल्मांकन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावी प्रयास किये जा रहे हैं, उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के साथ ही प्रदेश व अन्य क्षेत्र भी फिल्मांकन के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी के जखौल क्षेत्र के विकास के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं।

वहां पर हेलीपैड के साथ ही हॉस्पिटल भी स्थापित किया गया है। इस क्षेत्र को हिमाचल से जोड़ने के लिये 12 कि.मी सडक का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड माउन्टेनियरिंग का भी पसंदीदा स्थल है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि राज्य में फिल्मों के निर्माण से देश व दुनिया के सामने यहां के नैसर्गिक प्राकृतिक सौन्दर्य की पहचान बनेगी तथा अनेक अनछुए क्षेत्र, देश व दुनिया के सामने आयेंगे। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही वे अपनी अगली फिल्म पी.ओ.के का निर्माण आरम्भ करेंगे।

फिल्म के निर्माता भवर सिंह पुंडीर तथा निर्देशक राकेश सावंत ने बताया कि यह फिल्म कश्मीर के ज्वलंत मुद्दों तथा कश्मीर से हुए पलायन के दर्द को बयां करती है। उन्होंने कहा कि फिल्म की 50 प्रतिशत शूटिंग उत्तराखण्ड में की गई है। उनका मानना था कि उत्तराखण्ड का सौन्दर्य कश्मीर से कम नहीं है। स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि यह फिल्म देश भर के थियेटरों में प्रदर्शित की जायेगी। कश्मीर के लिये उत्तराखण्ड का परोक्ष रूप से बड़ा योगदान रहा है। यहां के सैनिकों ने वहीं पर अपना बलिदान दिया है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री से इसका टीजर रिलीज करने का अनुरोध किया गया है।

सीएम त्रिवेन्द्र से मिले फिल्म निर्देशक अवनीश ध्यानी, की उत्तराखंड की प्रशंसा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में पद्मा सिद्धि फिल्म्स एवं जेएसआर प्रोडक्शन हाउस द्वारा उत्तराखण्ड में शूट की जा रही फिल्म ‘‘सौम्या गणेश‘‘ का मुहूर्त शॉट लिया। फिल्म के निर्देशक अवनीश ध्यानी एवं छायांकन निर्देशक हरीश नेगी हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति से सुन्दरता का वरदान प्राप्त है, यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और खूबसूरत वादियां फिल्म प्रोड्यूसर्स के लिए आकर्षण का केन्द्र बनती जा रही हैं। साथ ही फिल्म निर्माताओं को सहयोग देने के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म निर्माताओं की सुविधा के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा फिल्म पॉलिसी लागू की गई है। उन्होंने कहा कि यह पॉलिसी फिल्म प्रोड्यूसर्स को बहुत ही पसंद आ रही है। फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए प्रदेश में प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जिसके माध्यम से 3-4 दिनों में ही सभी प्रकार की क्लीयरेंस दे दी जाती हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में फिल्म, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए फिल्म कॉन्क्लेव आयोजित किया गया था जिसके अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। बहुत से फिल्म प्रोड्यूसर प्रदेश में शूटिंग करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। इस समय प्रदेश में बहुत सी फिल्मों की शूटिंग चल रही है, और बहुत सी फिल्मों की शूटिंग शुरू होने जा रही है।

अभिनेता रजनीकांत को मिला आइकोन ऑफ द गोल्डन जुबली अवार्ड

गोवा में सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बुधवार को 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत, प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन, रजनीकांत एवं विभिन्न राज्यों से आये हुए प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में फिल्म अभिनेता अभिनेता रजनीकांत को आइकोन ऑफ द गोल्डन जुबली अवार्ड से नवाजा गया।

अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में देश के सभी राज्य इस आयोजन में प्रतिभाग करते हैं। उत्तराखण्ड द्वारा भी इस आयोजन में प्रतिभाग किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के मार्गदर्शन में उत्तराखण्ड राज्य फिल्मों की शूटिंग की दिशा में देश का प्रमुख केन्द्र बन रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र के निर्देश पर इस आयोजन में राज्य सरकार का एक प्रतिनिधिमण्डल औद्योगिक सलाहकार मा. मुख्यमंत्री डॉ. केएस पंवार के नेतृत्व में प्रतिभाग कर रहा है। प्रतिनिधिमण्डल में महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर निदेशक सूचना डॉ. अनिल चन्दोला, उप निदेशक व नोडल अधिकारी केएस चौहान, अभिनेत्री हिमानी शिवपुरी, अभिनेत्री रूपदुर्गापाल एवं चित्रांशी रावत शामिल है।

फिल्म महोत्सव में प्रतिभाग करते हुए महानिदेशक सूचना डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि इस बार के आयोजन में विशेष सत्र रखा गया है, जिसमें पूरे देश से केवल उत्तराखण्ड और मध्य प्रदेश को स्थान दिया गया है। इस सत्र में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा लागू की गई फिल्म नीति एवं फिल्मों की शूटिंग को सरल बनाने के लिए अपनायी गई प्रक्रिया के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया जायेगा।

अपर निदेशक सूचना एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अनिल चन्दोला ने बताया कि गोवा में चल रहे फिल्म महोत्सव में उत्तराखण्ड राज्य में फिल्म शूटिंग हेतु दी जा रही सुविधाओं की जानकारी दी जायेगी। इस आयोजन में देश-विदेश के प्रसिद्ध फिल्म निर्माता व निर्देशक एवं विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा प्रतिभाग किया गया है।

प्रदेश में बड़ी संख्या में फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग हो रही

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड की विभिन्न लोकेशन्स में शूट की जा रही हिन्दी फिल्म ‘‘शुभ निकाह‘‘ का मुहूर्त शॉट लिया। इस फिल्म का 90 प्रतिशत हिस्सा उत्तराखण्ड में फिल्माया जाना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति से सुन्दरता का वरदान प्राप्त है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता और लोकेशन्स शूटिंग के लिए अनुकूल हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को फिल्म निर्माण में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए प्रदेश में प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है, जहां से औसतन 3-4 दिनों में सभी तरह की क्लियरेंस दे दी जाती हैं। यहां शूटिंग कर चुके फिल्मकार भी इस बात की प्रशंसा करते हैं कि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के समय स्थानीय लोगों द्वारा किसी प्रकार का व्यवधान नहीं किया जाता है। उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माताओं को सहयोग देने के लिए राज्य सरकार हमेशा तत्पर है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में फिल्म, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए फिल्मकारों व इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से प्राप्त सुझावों को राज्य सरकार द्वारा अमल में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गत वर्ष आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में प्राप्त सुझावों को समाहित कर राज्य की फिल्म नीति बनाई गई है, जिसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। प्रदेश में बड़ी संख्या में यहां फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग हो रही है।

इस अवसर पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, फिल्म निर्माता भूपेन्द्र संधू, अर्श संधू, फिल्म निर्देशक अरशद सिद्धकी एवं नायक-नायिका सहित फिल्म से जुड़े अन्य कलाकार व क्रू मेंबर भी उपस्थित थे।

डिजिटल माध्यम की बढ़ती ताकत को समझना जरूरीः स्मृति ईरानी

केंद्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास, स्मृति जुबिन ईरानी ने कंटेंट क्रियेशन पर सर्वाधिक बल देते हुए कहा कि जितनी तेजी से विश्व में कंटेंट क्रियेशन बदल रहा है उतना ही प्रगतिशील हमारा सिस्टम भी होना चाहिए। प्रदेश में एक कंटेंट क्रियेशन वर्किंग ग्रुप स्थापित किया जाए। प्रोडक्शन फेसिलिटेशन इसके समन्वय में काम करे। डिजिटल माध्यम की बढ़ती ताकत का उपयोग करने के लिए भी पुख्ता व्यवस्था हो। स्थानीय भाषाओं पर भी फोकस किया जाए।
कंटेंट क्रियेशन वर्किंग ग्रुप स्थापित हो
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिल्म शूटिंग के लिए अन्य सुविधाओं के साथ-साथ कंटेंट क्रियेशन पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है। इसके लिए प्रदेश में एक कंटेंट क्रियेशन वर्किंग ग्रुप स्थापित करना होगा। इस ग्रुप के समन्वय में प्रोडक्शन फेसिलिटेशन किया जाए। यह वर्किंग ग्रुप हमारी भाषायी ताकत को मजबूत करने का भी काम करेगा। केवल बॉलीवुड तक सीमित न रहकर बहुभाषायी कंटेंट क्रियेटर की व्यवस्था हो।
डिजिटल क्रांति के लिए हो पुख्ता तैयारी
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कंटेंट क्रियेशन में बहुआयामी प्लेटफार्म को समझना होगा। फिल्म व टेलिविजन के साथ डिजिटल क्रांति के लिए भी तैयारियां पुख्ता होनी चाहिए। आने वाले समय में डिजिटल मीडिया सबसे सशक्त माध्यम बनने जा रहा है।
स्थानीय भाषाओं पर भी हो फोकस
स्थानीय भाषाओं में भी कंटेंट क्रियेशन पर फोकस करना होगा। बडे निर्माताओं और स्थानीय कंटेंट क्रियेटर के बीच सेतु स्थापित किया जाए। प्रादेशिक भाषाओं में भी तकनीकी को मजबूत करना होगा। एकेडेमिक्स ऑफ फिल्म मेकिंग एंड प्रोडक्शन मैनेजमेंट स्किल्स पर भी ध्यान दिया जाए। हाईस्कूल से ही इसकी शिक्षा की व्यवस्था हो।
उत्तराखण्ड के इतिहास व संस्कृति का हो अभिलेखीकरण और डिजिटलीकरण
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का इतिहास और संस्कृति बहुत समृद्ध है। पूरे विश्व से इसका परिचय कराए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए राज्य के इतिहास व संस्कृति का अभिलेखीकरण व डिजीटलीकरण कर डिजिटल मीडिया के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व तक पहुंच स्थापित करनी होगी।

विशेषज्ञों के सुझावों पर अमल करेगी राज्य सरकार: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य में फिल्म, टीवी सीरियल आदि की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार फिल्मकारों व इस क्षेत्र के विशेषज्ञों के सुझावों को अमल में लाएगी। गत वर्ष इन्वेस्टर्स समिट के समय जो भी सुझाव मिले थे उन्हें समाहित करते हुए राज्य की फिल्म नीति बनाई गई। इसके सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं। बड़ी संख्या में यहां फिल्मों व टीवी सीरियलों की शूटिंग हुई है। दक्षिण भारत की भी बहुत सी नामी फिल्मी हस्तियां यहां आई हैं।
राज्य में है फिल्म शूटिंग के अनुकूल माहौल
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति से सुन्दरता का वरदान प्राप्त है। यहां जैसी लोकेशन कहीं और शायद ही हो। हमारे यहां प्रभावी सिंगल विंडों सिस्टम लागू किया गया है जहां से औसतन 3-4 दिनों में सभी तरह की क्लियरेंस दे दी जाती हैं। यहां शूटिंग कर चुके फिल्मकार भी इस बात की प्रशंसा करते हैं कि उत्तराखण्ड में फिल्म शूटिंग के समय स्थानीय लोगों द्वारा किसी प्रकार का व्यवधान नहीं किया जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फिल्म निर्माण से संबंधित संस्थाएं स्थापित की जा सकती हैं। इसमें सहयोग देने के लिए राज्य सरकार तत्पर है।
पैनल डिस्कशन में फिल्म नीति पर की गई चर्चा
कान्क्लेव में चार सत्र आयोजित किए गए जिनमें उत्तराखण्ड की फिल्म नीति और राज्य में फिल्म शूटिंग को बढ़ावा देने पर चर्चा के साथ ही राज्य में शूटिंग कर चुके फिल्मकारों का फीडबैक भी लिया गया।
प्रसिद्ध फिल्मी हस्तियों ने किया प्रतिभाग
मसूरी में आयोजित फिल्म कान्क्लेव में फिल्म जगत से जुड़ी नामचीन हस्तियों ने प्रतिभाग किया। इनमें विशाल भारद्वाज, तिग्मांशु धूलिया, मुजफ्फर अली, जैकी भगवानी, नारायण सिंह, अजय अरोड़ा, तरूण आदर्श, कविता चैधरी, भरत बाला आदि ने प्रतिभाग किया।

उत्तराखंड में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्थाः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता विनोद बच्चन ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में इस माह 10 दिनों तक मसूरी, देहरादून एवं ऋषिकेश में ‘गिन्नी वेड्स सन्नी’ फिल्म की शूटिंग की जायेगी।

इस फिल्म के निर्देशक पुनीत खन्ना, प्रमुख कलाकार विक्रान्त मासी एवं यामी गौतम हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों के फिल्मांकन के लिए अच्छा प्राकृतिक सौन्दर्य है। स्विटजरलैण्ड में कुछ ही स्थान फिल्मों की शूटिंग के लिए अच्छे हैं, लेकिन उत्तराखण्ड में ऐसे अनेक स्थान हैं। देवभूमि उत्तराखण्ड में फिल्मों के फिल्मांकन में भी अच्छा सहयोग मिलता है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मों की शूटिंग के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस की व्यवस्था की गई है। पिछले ढ़ाई साल में प्रदेश में कई फिल्मों का फिल्मांकन किया गया है। उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में अनेक दर्शनीय स्थल हैं। ऑल वेदर रोड का कार्य पूर्ण होने के बाद फिल्मों की शूटिंग के लिए और सुगमता होगी।

इस अवसर पर कोरियोग्राफर राजीव सूर्ति, विकास सिंह, उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद् के नोडल अधिकारी केएस चौहान, लोकल लाईन प्राड्यूसर पूरन थापा, अभिषेक मैन्दोला, फिल्म एक्सपर्ट सुमित अद्लखा आदि उपस्थित रहे।

प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल माहौलः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा, तथा फिल्म निर्देशिका रत्ना सिन्हा ने शिष्टाचार भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि उनके द्वारा अपनी फिल्म ‘लव यू-टू’ की शूटिंग अगले माह 12 नवम्बर से मसूरी, देहरादून तथा ऋषिकेश में की जा रही है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने फिल्मकारों का प्रदेश में स्वागत करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य एवं शान्त वातावरण फिल्मों के अनुकूल है। प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग के लिये अनुकूल माहौल उपलब्ध है। उत्तराखण्ड के प्राकृतिक सौन्दर्य के प्रति फिल्मकारों का रूझान बढ़ा है। पिछले दो वर्षों में 200 से भी अधिक फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड में हुई है। सिंगल विन्डो सिस्टम के माध्यम से फिल्मकारों को शूटिंग की अनुमति प्रदान की जा रही है। उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौन्दर्य अधिकाधिक फिल्म निर्माताओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक सुन्दरता के साथ ही सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध राज्य है।

फिल्म निर्देशक रत्ना सिन्हा ने कहा कि पिछले कई दिनों से वे शूटिंग की रेकी उत्तराखण्ड में कर रही थीं। उन्होंने कहा कि फिल्म शूटिंग के लिहाज से उत्तराखण्ड में बहुत ही खूबसूरत शूटिंग लोकेशन हैं। लगभग 35 दिनों तक उत्तराखण्ड में ही विभिन्न लोकेशन में वे अपनी फिल्म की शूटिंग करेंगी।

सूचना विभाग के नोडल अधिकारी केएस चौहान ने फिल्म निर्माता को आश्वस्त किया कि उन्हें शूटिंग अवधि में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी, साथ ही फिल्म नीति के अन्तर्गत जो भी सुविधाएं अनुमन्य है वह प्रदान की जायेगी।

विवेक ओबेराय ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र से की मुलाकात

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में फिल्म अभिनेता विवेक ओबेराॅय ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्हें पर्यटन पर आधारित पुस्तक भी भेंट की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मांकन के लिए प्राकृतिक सौन्दर्य के साथ ही शांति का वातावरण है। उत्तराखण्ड सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्य है। राज्य में फिल्म निर्माण व शूटिंग सम्बन्धित सभी प्रकार के अनुमोदन हेतु सिंगल विण्डो सिस्टम लागू किया गया है। राज्य को फिल्मों के निर्माण हेतु अनुकूल वातावरण बनाने हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार मिला हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि टिहरी, हर्षिल, त्रिजुगी नारायण जैसे अनेक स्थान फिल्मों के फिल्मांकन के लिए लोकप्रिय हैं।
फिल्म अभिनेता विवेक आॅबेराॅय ने कहा कि उत्तराखण्ड से उनका विशेष लगाव है। उत्तराखण्ड सरकार द्वारा फिल्मों के फिल्मांकन के लिए फिल्म जगत को आकर्षित करने के लिए सराहनीय पहल की जा रही है।

उत्तराखंड में फिल्म निर्माण को लेकर असीम संभावनाएं

सूचना महानिदेशक दीपेन्द्र कुमार चौधरी से शनिवार को सूचना महानिदेशालय में एफ.टी.आई.आई. के प्रबंध निदेशक भूपेन्द्र कैन्थोला ने भेंट की। उन्होंने बताया फिल्म एजुकेशन के लिये ‘एडमिशन-2019’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन सूचना निदेशालय देहरादून में किया जा रहा है। कैन्थोला ने कहा कि फिल्म जगत में युवाओं के लिये अनेक अवसर है। जिसके लिये एफ.टी.आई.आई. द्वारा फिल्म एवं टेलीविजन एजुकेशन, सिनेमैटोग्राफी, फिल्म एप्रिसिएशन, स्क्रीन एक्टिंग, फोटोग्राफी आदि अनेक कोर्स किये जा रहे हैं। इन प्रशिक्षणों से युवाओं के रोजगार के अवसर बढेंगे। उन्होंने कहा कि यदि फिल्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में दक्ष मानव संसाधन होगा तो यहां जिन फिल्मों की सूटिंग होगी, स्थानीय युवाओं को उनमें कार्य करने का मौका मिलेगा। कैन्थोला ने इस तरह के कोर्स समय-समय पर उत्तराखण्ड में कराने के लिये सहयोग मांगा है। 
महानिदेशक सूचना दीपेन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि उत्तराखण्ड के युवाओं में प्रतिभा है। उनकी प्रतिभाओं को उभारने के लिये इस तरह के कोर्स के लिये एफ.टी.आई.आई. को पूरा सहयोग दिया जायेगा। महानिदेशक सूचना ने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में फिल्मों को बढावा देने के लिये अनेक प्रभावी कदम उठाये है। 
देहरादून में एफ.टी.आई.आई. पुणे द्वारा उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के सहयोग से ‘‘एडमिशन-2019’’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में लगभग 35 से 40 छात्र-छात्राओं द्वारा प्रतिभाग किया गया है। इस अवसर पर अपर निदेशक सूचना डाॅ. अनिल चन्दोला, संयुक्त निदेशक आशिष त्रिपाठी, फिल्म मेकर सुश्री शालिनी शाह व सिनेमैटोग्राफर राजेश शाह उपस्थित थे।