नई दिल्ली में आयोजित हुआ भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला, उत्तराखंड दिवस में सीएम धामी ने किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 44वें भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के तहत उत्तराखंड पवेलियन में उत्तराखंड दिवस समारोह एवं इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नाट्यशाला थियेटर में उत्तराखण्ड के लोक कलाकारों द्वारा आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। इस वर्ष व्यापार मेले की थीम ’’एक भारत श्रेष्ठ भारत’’ रखी गयी है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला हमारी संस्कृति, हस्तशिल्प, और समृद्ध विरासत को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठित करने का अवसर प्रदान करता है। यही नहीं इस मेले में आयोजित होने वाली सांस्कृतिक संध्या के माध्यम से हमारी लोक संस्कृति और उत्तराखंडी परंपराओं की जीवंत झलक देखने को मिलती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे पारंपरिक मेलों, उत्सवों और लोक संस्कृति को बढ़ावा देने हेतु “वन डिस्ट्रिक्ट, वन फेस्टिवल” के रूप में विकसित करने का आव्हान किया है। इस पहल से हमारे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेलों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी। हमारे स्थानीय उत्पादों, हस्तशिल्प, लोककला और पर्यटन को भी इससे पहचान मिलेगी।

उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का है हमारा संकल्प
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हमारी सरकार उत्तराखंड को प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी बनाने का संकल्प लेकर आगे बढ़ रही है। इसके लिये प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, खेल, पेयजल और हवाई कनेक्टिविटी जैसे सभी प्रमुख क्षेत्रों में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं।

राज्य में ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’ और ‘स्टार्टअप इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से विकसित भारत एवं विकसित उत्तराखंड बनाने के स्वप्न को साकार करने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। देवभूमि उत्तराखंड को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में भी हम निरंतर प्रयासरत हैं।

राज्य में केदारखंड और मानसखंड क्षेत्र के मंदिरों के सौंदर्यीकरण के लिए योजनाएं बनाने के साथ हरिपुर कालसी में यमुनातीर्थ स्थल के पुनरुद्धार, हरिद्वार ऋषिकेश कॉरिडोर और शारदा कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

हमारी लोक संस्कृति हमारी पहचान
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे प्रवासी उत्तराखंडी राज्य से बाहर कही भी बसे हों लेकिन वो अपनी लोक आस्था, संस्कृति, खान-पान और अपनत्व की भावना को सदैव जीवंत रखते हैं तथा उनकी दहलीज पर आज भी ऐंपण की कलाकृति देखने को मिल जाती है जो उत्तराखंड की पहचान है।

उन्होंने कहा कि उन्हें आज राजस्थान के पवित्र तीर्थ पुष्कर में, वहाँ के पर्वतीय समाज द्वारा निर्मित ‘उत्तराखंड धर्मशाला आश्रम’ का लोकार्पण करने का भी अवसर मिला यह हम सबके लिये गर्व की बात है कि हमारे लोगों द्वारा किसी दूसरे राज्य में इस प्रकार से अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने का सराहनीय प्रयास किया गया है। हमारे पर्वतीय समाज के लोग उत्तराखंड के बाहर अपनी संस्कृति, भाषा और सद्भाव की भावना को हमेशा जीवंत रखने का प्रयास करते हैं जो हमारे लिये सम्मान की बात है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य की रजत जयंती वर्ष के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में राज्य के पवेलियन में लगने वाले स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों पर लगने वाले शुल्क को माफ किया जाएगा। उन्होंने सांस्कृतिक प्रस्तुति देने वाले कलाकारों, संगीतकारों और सांस्कृतिक दलों के साथ सभी उद्यमियों और शिल्पकारों को भी धन्यवाद दिया। जिन्होंने राज्य के हस्तशिल्प और स्थानीय उत्पादों को इस मंच पर प्रदर्शित करने का सराहनीय प्रयास किया है।

मुख्यमंत्री ने इस पर भी प्रसन्नता व्यक्त की है कि इस वर्ष राज्य पवेलियन में हथकरघा बुनकरों एवं अन्य उत्पाद धारकों द्वारा अब तक 01 करोड़ का बिजनेस किया गया तथा 2.50 करोड के ऑर्डर प्राप्त किये। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके उत्पादों की बिक्री 2.50 करोड़ से अधिक की होगी।

राज्य में औद्योगिक विकास एवं निवेश पर दिया जा रहा है विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एलिवेटेड रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, भारतमाला और पर्वतमाला परियोजना, अमृत योजना, ऑल वेदर रोड और उड़ान योजना जैसी महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश के बुनियादी ढांचे को नए आयाम प्रदान किए जा रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए भी निरंतर कार्य किया जा रहा है। राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया था। इसके सुखद परिणाम हमारे सामने हैं। इस समिट के अंतर्गत प्राप्त हुए 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौतों में से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में हमें सफलता मिली है। औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और एमएसएमई नीति सहित 30 से अधिक नीतियां बनाकर उद्योगों को बेहतर माहौल और अवसर प्रदान करने का प्रयास किया है। इसके साथ ही, राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य हो रहा है।

स्थानीय आजीविका के बढाये गये हैं अवसर
राज्य में ‘एक जनपद, दो उत्पाद’ योजना के माध्यम से स्थानीय आजीविका के अवसरों को बढावा देने के साथ हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के माध्यम से पारंपरिक उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक पहचान दिलाने में भी हमें कामयाबी मिली है। ‘स्टेट मिलेट मिशन’, ‘फार्म मशीनरी बैंक’, ‘एप्पल मिशन’, ‘नई पर्यटन नीति’, ‘नई फिल्म नीति’, ‘होम स्टे’, ‘वेड इन उत्तराखंड’ और ‘सौर स्वरोजगार योजना’ जैसी पहलों के माध्यम से प्रदेश की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की भी प्रभावी पहल की गई है। उन्होंने कहा कि हमारे समेकित प्रयासों का परिणाम है कि विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए भी बीते साढ़े चार वर्षों में प्रदेश ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर मिली राज्य को सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के विकास के प्रति हमारे समर्पित प्रयासों का परिणाम है कि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2023-24 के सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के इंडेक्स में उत्तराखंड को देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। साथ ही, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी भी प्राप्त हुई है।

देवभूमि का मौलिक स्वरूप बनाये रखने के लिये हो रहे हैं प्रयास
प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया गया है। राज्य में ऑपरेशन कालनेमी चलाकर जहां हमने संस्कृति को बदनाम करने वाले लोगों को पकड़ने का काम किया है, कड़ी कार्रवाई करते हुए 10 हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अवैध अतिक्रमण से मुक्त कराया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य में नया कानून लागू कर मदरसा बोर्ड को भी समाप्त करने का निर्णय लिया है। जुलाई 2026 के बाद राज्य में वे मदरसे बंद हो जाएंगे जो हमारी सरकार द्वारा दिए गए सरकारी सेलेबस को अपने यहां नहीं पढ़ाएंगे। राज्य में नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने के लिए देश का सबसे सख्त नकल विरोधी कानून भी लागू किया है। जिसके परिणामस्वरूप पिछले साढ़े चार वर्षों में राज्य के 26 हजार से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हुई है, राज्य से भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए ‘’ज़ीरो टॉलरेंस’’ की नीति के साथ संकल्पित होकर कार्य किया जा रहा है। पिछले साढ़े चार वर्षों में भ्रष्टाचार में लिप्त 200 से अधिक लोगों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सभी से प्रधानमंत्री के “स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ’’ के मंत्र को आत्मसात करते हुए अधिक से अधिक स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने की भी अपेक्षा की। इससे हम अपने कारीगरों, किसानों और उद्यमियों को सशक्त बनाते हुए आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूती प्रदान करने में सफल होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने इस “विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने सभी प्रवासी राज्य वासियों से प्रदेश के विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा करते हुए सभी निवेशकों को हर संभव सुविधा एवं सहायता उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा उद्देश्य सभी के सहयोग से सशक्त एवं समृद्ध उत्तराखंड का निर्माण करना है, हम सब मिलकर ही आदर्श एवं अग्रणी उत्तराखंड के निर्माण की परिकल्पना को पूर्ण कर सकते हैं।

इस अवसर पर लोकसभा सांसद राजलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र दत्त सेमवाल, उत्तराखंड सरकार की मीडिया सलाहकार समिति के अध्यक्ष प्रो. गोविंद सिंह, उद्योग सचिव विनय शंकर, इंडियन ट्रेड प्रोमोशन ऑर्गेनाइजेशन के एमडी नीरज खैरवाल, सचिव संस्कृति युगल किशोर पंत, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग डॉ. सौरभ गहरवार, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा उपस्थित रहे।

औद्योगिक विकास और निवेश के क्षेत्र में उत्तराखंड देश का अग्रणी राज्य बनेगाः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज नई दिल्ली में PHD चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र में सम्मिलित हुए |

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में उपस्थित उद्यमियों व विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधिगणों का स्वागत करते हुए कहा कि PHD चैंबर ने बीते 120 वर्षों में देश की आर्थिक प्रगति, औद्योगिक विकास और उद्यमशीलता की भावना को सशक्त करने में जो भूमिका निभाई है वो अतुलनीय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम इस महत्वपूर्ण सत्र में “भारत की एक विश्वसनीय वैश्विक साझेदार के रूप में उभरती भूमिका” और उसमें उत्तराखंड राज्य के योगदान जैसे विषय पर सार्थक विचार-विमर्श के लिए एकत्रित हुए हैं। हम सभी जानते हैं कि किसी भी देश की आर्थिक प्रगति में उद्योगों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्योग न केवल रोजगार के अवसर उत्पन्न करते हैं, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के जीवन स्तर को सुधारने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश के उद्योगपति, उद्यमी और नीति-निर्माता एक साथ राष्ट्र उत्थान पर चिंतन और मंथन के लिए जुटते हैं, तो उसका प्रभाव केवल उद्योग जगत तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग के कल्याण और राष्ट्र के समग्र विकास का मार्ग भी प्रशस्त करता है। यह कॉन्क्लेव केवल उद्योग जगत का सम्मेलन भर नहीं, बल्कि भारत की आर्थिक शक्ति, सांस्कृतिक चेतना और वैश्विक नेतृत्व की नई संभावनाओं के द्वार खोलने वाला एक सशक्त मंच है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में “रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म” की नीति ने भारत को एक नई दिशा प्रदान की है। आज भारत में न केवल निवेश के लिए अनुकूल वातावरण तैयार हुआ है, बल्कि इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक न्याय जैसे क्षेत्रों में भी व्यापक परिवर्तन आया है| मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया और इस संकल्प को साकार करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ‘स्टार्टअप इंडिया’, ‘वोकल फॉर लोकल’, ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ जैसी पहलों के माध्यम से देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है। यही नहीं, आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम खड़ा करने वाला देश बन चुका है। आज हमारे स्टार्टअप्स ग्लोबल इनोवेशन में अपनी पहचान बना रहे हैं, डिजिटल इंडिया ने आम नागरिक तक तकनीक को पहुँचाया है और आत्मनिर्भर भारत अभियान ने देश को उत्पादन और विनिर्माण का हब बनाने का मार्ग प्रशस्त किया है। आज विश्व के बड़े बड़े देश ये देखकर अचंभित हैं कि भारत में सब्जी की एक छोटी सी दुकान लगाने वाली महिला भी UPI के के माध्यम से मोबाइल से पेमेंट का लेनदेन कर रही है।आज देश के 55 करोड़ से अधिक लोग बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ चुके हैं।चाहे कृषि उत्पादन हो, रक्षा का क्षेत्र हो, चिकित्सा, ऊर्जा, या विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हो या फिर अंतरिक्ष अनुसंधान का क्षेत्र हो, भारत प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनकर विकास और समृद्धि के नए-नए आयाम स्थापित कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और आने वाले समय में तीसरे स्थान पर पहुँचने का लक्ष्य लेकर आगे बढ़ रहा है। जो देश पहले भारत को केवल एक बड़े उपभोक्ता बाजार के रूप में देखा करते थे, आज वही देश भारत की प्रौद्योगिकी और नवाचार की क्षमता को चुनौती के रूप में देखने लगे हैं |क्योंकि भारत अब केवल सामान आयात करने वाला देश नहीं रहा, बल्कि निर्यात, विनिर्माण और तकनीकी विकास में विश्व का अग्रणी साझेदार बन रहा है। हमारी बढ़ती शक्ति से घबराकर कुछ देश हमारे बढ़ते कदमों को रोकने के असफल प्रयास भी कर रहे हैं। परन्तु भारत के उद्योग जगत के संकल्प, सामर्थ्य और नवाचार ने ये सिद्ध कर दिया है कि कोई भी शक्ति हमारे विकास के मार्ग में बाधा नहीं बन सकती। भारत के दो दिवसीय दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री श्री कीर स्टार्मर ने भी इस तथ्य को स्वीकार किया है कि “भारत 2028 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा और आज के दौर में भारत वैश्विक निवेश के लिए सबसे भरोसेमंद और सुरक्षित गंतव्य बन चुका है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी जहाँ एक ओर ‘स्वदेशी अपनाओ’ के मंत्र के साथ आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सशक्त बना रहे हैं। वहीं नेक्स्ट जनरेशन जीएसटी सुधारों के माध्यम से नागरिकों को राहत प्रदान करने के साथ-साथ हमारे स्थानीय उद्योगों और व्यापारियों को भी एक नई ऊर्जा प्रदान कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारी सरकार भी उत्तराखंड में औद्योगिक विकास की दिशा में निरंतर कार्य कर रही है। हमारी सरकार ने राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2023 में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया। हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि हमें इस समिट के अंतर्गत प्राप्त हुए 3.56 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश समझौतों में से लगभग 1 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में सफलता मिली है। हमने राज्य में निवेशक केंद्रित नीतियों, बुनियादी ढांचे, कुशल जनशक्ति और सुशासन के द्वारा स्वस्थ निवेश वातावरण की उपलब्धता सुनिश्चित की है। पहले राज्य में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने के लिए अलग-अलग विभागों से विभिन्न प्रकार की स्वीकृतियां लेनी पड़ती थी जिसमें बहुत समय लगता था। इस समस्या के समाधान के लिए हमने जहां एक ओर उद्योगों की लाइसेंसिंग प्रोसेस को आसान बनाते हुए सिंगल विंडो सिस्टम की व्यवस्था में सुधार किया,वहीं औद्योगिक नीति, लॉजिस्टिक नीति, स्टार्टअप नीति और MSME नीति सहित 30 से अधिक नीतियां लाकर राज्य में उद्योगों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का प्रयास भी किया।इसके साथ ही, विनिर्माण क्षेत्र में बड़े उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए हमारी सरकार ने राज्य में मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी भी लागू की है। इसके अलावा जहां हम स्टार्टअप को इनक्यूबेशन सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 60 करोड़ रुपए की लागत से विश्वस्तरीय यू-हब की स्थापना कर रहे हैं, वहीं, उन्हें आसानी से फंड उपलब्ध कराने हेतु 200 करोड़ रुपए के वेंचर फंड की स्थापना भी की गई है। यही नहीं, राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिये यूके-स्पाईस नाम से निवेश प्रोत्साहन एजेंसी स्थापित कर निवेशकों को समर्पित “निवेश मित्र” की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जहां एक ओर काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर, पंतनगर में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क की स्थापना की है, वहीं, MSME क्षेत्र के उद्यमियों को प्लग एंड प्ले मॉडल पर उद्यम स्थापना हेतु SIDCUL द्वारा रुद्रपुर, सेलाकुई और हरिद्वार में कम लागत वाली फ्लैटेड फैक्ट्रियाँ भी तैयार की जा रही हैं। इतना ही नहीं, हम किच्छा फार्म में हजार एकड़ से अधिक भूमि पर एक स्मार्ट इंडस्ट्रियल टाउनशिप विकसित करने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त, हम औद्योगिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों को सुविधाजनक आवास सुलभ कराने हेतु “रेंट बेस्ड एकोमोडेशन” सुविधा भी विकसित कर रहे हैं। आज हमारी पहल “हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड” राज्य के सभी आर्गेनिक उत्पादों को एक अम्ब्रेला के नीचे लाने में कारगर सिद्ध हो रही है।इसके अंतर्गत, राज्य के विभिन्न उत्पादों की जीआई टैगिंग कर विश्व स्तरीय पहचान दिलाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए उत्पाद वैश्विक पहचान बना रहे हैं | हमारी सरकार राज्य में मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस की अवधारणा को मूर्त रूप देने का प्रयास कर रही है। हमने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से राज्य में 10 हजार से अधिक नए उद्यमियों को लाभान्वित किया गया है। आज हम प्रदेश में 260 से अधिक व्यावसायिक सेवाओं को पूर्णतः ऑनलाइन उपलब्ध करा रहे हैं। इससे उद्यमियों को विभिन्न विभागों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं रह गई है और व्यवस्था में पारदर्शिता तथा गति दोनों सुनिश्चित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे इन सभी प्रयासों का परिणाम है कि आज ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तराखंड को एचीवर्स तथा स्टार्टअप रैंकिंग में लीडर्स की श्रेणी प्राप्त हुई है। हमारी सख्ती और पारदर्शिता का सीधा लाभ हमारे उद्यमियों को मिल रहा है और उन्हें योजनाओं की स्वीकृति, जमीन आवंटन, औद्योगिक लाइसेंस या अन्य व्यावसायिक गतिविधियों में अब अनावश्यक बाधा का सामना नहीं करना पड़ता। हम उत्तराखंड को देश के अग्रणी “इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली स्टेट” के रूप में स्थापित कर देश का अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प” को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून में 28 से 30 नवंबर 2025 तक आपदा प्रबंधन पर विश्व शिखर सम्मेलन (WSDM) आयोजित होने वाला है, जिसमें वैश्विक नेता और विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों पर चर्चा करेंगे। इस पहले WSDM प्री-समिट का उद्देश्य आपदाओं से निपटने के लिए नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देना है।

हेमंत जैन अध्यक्ष PHDCCI, अनिल गुप्ता, राजीव जुनेजा उपाध्यक्ष PHDCCI, संजीव अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष PHDCCI, विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि व उद्योगपति, यू कास्ट महानिदेशक दुर्गेश पंत उपस्थित रहे|

हरिद्वार में सीएम धामी ने हेलीकॉप्टर से कांवड़ियों पर बरसाये फूल, किया स्वागत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार पहुॅचकर ओम पुल के निकट गंगा घाट पर आयोजित प्रतिभाग किया तथा देशभर से आए शिवभक्त कांवड़ियों के चरण धोकर स्वागत किया व उन्हें सम्मानित किया। उन्होंने आयोजित भजन सन्ध्या में भी प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि शिव भक्त कांवड़ियों का पैर पखार कर उनका आशीर्वाद लेने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने सफल आयोजन के लिए हरिद्वार पुलिस सहित सभी प्रशासनिक अधिकारियों, एचआरडीए को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जल अर्पित करने मात्र से ही भगवान शिव अपने सभी भक्तों की मनोकामनायें पूरी कर देते है, और श्रावण मास में तो भगवान शिव की भक्ति का प्रभाव अत्यधिक बढ़ जाता है। देशभर से सैकड़ो-हजारों किलोमीटर की यात्रा करके शिव भक्त कांवड़िये धर्म नगरी हरिद्वार से गंगा का जल लेकर जाते है और जलाभिषेक करते हैं। उन्होंने कहा कि कांवड यात्रा न केवल श्रद्धा एवं आस्था का प्रतीक है बल्कि यह हमें सेवा में पुण्य का भागीदार बनने का भी अवसर देती है। इस वर्ष की अभी तक कांवड यात्रा पर एक करोड़ से अधिक शिव भक्त कांवड़ियों ने अपने-अपने गंतव्य को प्रस्थान कर लिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विकास के साथ-साथ संस्कृति के संरक्षण के लिए बहुत पुनरोत्थान के कार्य भी चले रहे है, चाहें काशी विश्वनाथ कोरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मन्दिर बनने की बात करें या उज्जैन में बनने वाला महाकाल, हमारे देवभूमि उत्तराखण्ड में केदारनाथ का नवनिर्माण या बद्रीविशाल का मास्टर प्लान हो, इन सभी पर कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने हमारे राज्य में प्रथम ध्वज वाहक बनकर आदि कैलाश यात्रा को पूरे विश्व में प्रसिद्धि दिलाने का काम किया है। वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री है जिन्होंने साढे़ 17 हजार फुट की ऊँचाईं पर जाकर सीमांत क्षेत्र में भगवान आदि कैलाश व पार्वती कुण्ड के दर्शन किये। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में मां गंगा के तट पर हरिद्वार-ऋषिकेश कॉरिडोर का निर्माण कराया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरिद्वार धर्मनगरी का भी काशी, अयोध्या की भाँति अपने भव्य स्वरूप में दर्शन हो जाया करेंगें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पवित्र धार्मिक और सांस्कृतिक यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है। इसके लिए हमने पहली बार एक विशिष्ट मोबाइल एप के साथ स्वास्थ्य केन्द्र, शौचालय, पार्किंग, टिन शेड विस्तार, विश्राम स्थलों की पर्याप्त व्यवस्था की है। आपकी यात्रा में कोई असुविधा न हो साथ ही प्रशासन द्वारा यात्रा मार्ग एवं हरिद्वार क्षेत्रों में होटल एवं ढाबों में गुणवत्तापूर्ण भोजन उपलब्ध कराने की मॉनिटरिंग भी की जा रही है। यात्रा के दौरान सुरक्षा के मजबूत इंतजाम किये गये है, धर्मनगरी हरिद्वार में सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी की जा रही हैं। लगभग तीन सौ से ज्यादा कैमरे कांवड़ क्षेत्र में लगाये गये है। कांवड़ मेला क्षेत्र में वाटर एंबुलेंस की व्यवस्था भी की है, जाम में फंसे गंभीर मरीजों को गंगा नदी और गंगनहर के जरिये जल्द से जल्द निकटवर्ती अस्पतालों तक पहुँचायें जा सके। कांवड मेंला केवल एक धार्मिक आयोजन ही नही हमारी आस्था श्रृद्धा और सनातन संस्कृति का प्रतीक है। हमारा सौभाग्य है कि हर साल करोंड़ों-करोंडों शिव भक्तों का सेवा करने का सुअवसर प्राप्त होता है। जहां भक्ति है वहां मर्यादा की भी आवश्यकता है, जहां आस्था है वहां अनुशासन भी जरूरी है, और जहां शिव है वहां शान्ति भी स्वाभाविक है। लेकिन हाल ही में कुछ घटनाएं भी सामने आई है, जहां कुछ स्थानों पर कांवड़ यात्रा के दौरान उपद्रव और अनुशासनहीनता भी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि शिव शक्ति कोई प्रदर्शन नहीं बल्कि एक आंतरिक साधना है। उन्होंने कहा कि भगवान महादेव को जलाभिषेक करने, जल अर्पित करने एवं उनकी आराधना करने की पवित्र यात्रा एवं अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि महादेव को प्रसन्न करने के लिए, अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए, अपना शोधन करने लिए इस यात्रा को करते हैं।

मुख्यमंत्री ने अपील करते हुए कहा कि आपकी यात्रा के कारण किसी को भी पेरशानी न हो, यात्रा में किसी भी प्रकार का विघ्न एवं बाधा न हो, कावंड़ यात्रा के नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्ति कावड़ यात्रा के उद्देश्यों को भुलाकर अशान्ति, एवं उपद्रव की राह पर चलने का प्रयास कर रहे हैं, उनसे भी विनम्र अपील की कि वह सच्चे शिव भक्त की भांति विनम्रता पूर्ण आचरण करें, क्योंकि जब भक्त विनम्र और सहनशील होता है तब आत्मिक शान्ति प्राप्त होती है। उन्होंने भगवान आशुतोष से प्रार्थना की कि इस बार की कांवड़ यात्रा आपके भीतर शिव तत्व को जागृत करें, इसके लिए आपको प्रसन्न रहकर शान्तिपूर्ण आचरण करना होगा। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की यह पुण्य भूमि केवल आप सभी का स्वागत ही नहीं करती है, बल्कि आपकी सेवा को अपना शौभाग्य मानती है। इसलिए संरकार, शासन एवं प्रशासन, स्वयं सेवी संगठन, डॉक्टर्स, सफाई कर्मी, व्यापार मण्डल, श्री गंगा सभा, जनप्रतिनिधिगण, सन्तगण सभी मिलकर कांवड़ यात्रा का संयोजन करते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने के लिए हमने विकल्प रहित संकल्प के साथ हम निरन्तर कार्य कर रहे हैं, उसका परिणाम भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी दिशा बिल्कुल सही लक्ष्य की ओर बढ़ रही है, नीति आयोग भारत सरकार ने इण्डेक्स में पूरे देश के अन्दर सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में देवभूमि उत्तराखण्ड ने देश के अन्दर पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही बेरोजगारी दर राष्ट्रीय स्तर से कम हुई है। उन्होंने कहा कि हमने नकल विरोधी कानून बनाया है, इसके बनने के बाद 24 हजार से अधिक नियुक्तियां बिना किसी नकल व बिना भ्रष्टाचार के सम्पन्न हो गई हैं। उन्होंने कहा कि नकल माफिया जेल की सलाखों के पीछे हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण के लिए भी काम किया है, सख्त धर्मान्तरण विरोधी कानून लागू किया है, दंगा विरोधी कानून, समान नागरिकता कानून लागू किया है, वहीं लव जिहाद, लैण्ड जिहाद और थूक जिहाद के खिलाफ भी कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सनानत की आड़ में विधर्मियों द्वारा छद्म वेष बनाकर भोले भाले लोगों को ठगने के खिलाफ भी ऑपरेशन कालनेमि चला रहे हैं। इस ऑपरेशन के माध्यम से छद्म वेशधारियों को पकड़ने का काम कर रहे है, जोकि सनातन धर्म को नुकसान पहुॅचाने एवं हिन्दु धर्म को बदनाम करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में श्रीमद् भागवत गीता के पाठ को भी अनिवार्य कर दिया है। पिछले दो दिनों से सभी स्कूलों में विद्यार्थी गीता का पाठ कर रहे हैं, जिससे हमारे प्रदेश के बच्चे शिक्षा के साथ-साथ जीवन जीने की कला को भी सीख पायें, शिक्षा के साथ-साथ अपने अध्यात्म के प्रति भी उत्सुकता भी जागृत हो। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि यात्रा की सफलता एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए जो भी दिशा-निर्देश जारी किये हैं, उनका अनुपालन करें, यात्रा को सफल बनाने में अपना सहयोग प्रदान करें।

इस दौरान अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी, राज्यसभा सासंद कल्पना सैनी, राज्यमंत्री ओमप्रकाश जमदग्नि, शोभाराम प्रजापति, देशराज कर्णवाल, हरिद्वार मेयर किरण जैसल, रुड़की मेयर अनीता देवी, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विधायक प्रदीप बत्रा, आदेश चौहान, मदन कौशिक, जिलाध्यक्ष हरिद्वार आशुतोष शर्मा, जिलाध्यक्ष रुड़की मधु, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, सभापति कृष्ण कुमार ठेकेदार, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, प्रणव सिंह चौंपियन, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, आईजी राजीव स्वरूप, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

पीएम से सीएम ने किया 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति देने का आग्रह

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिष्टाचार भेंट कर उत्तराखण्ड के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखण्ड विकसित भारत 2047 के विजन में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने को तत्पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के 27 देशों द्वारा प्रधानमंत्री को अपने देश का सर्वाेच्च नागरिक सम्मान प्रदान किए जाने से सभी भारतवासी गौरवान्वित हैं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कार्तिक स्वामी मंदिर के प्रतिरूप और आदि कैलाश यात्रा पर कॉफ़ीटेबिल बुक के साथ ही उत्तराखण्ड के उत्पाद कनार (धारचूला) का घी, लाल (पुरोला) चावल, बासमती चावल, काला जीरा, गंध रैण, जम्बू और स्थानीय शहद भेंट किये।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम की भांति ही हरिद्वार गंगा कॉरिडोर, ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर और चम्पावत में शारदा कॉरिडोर के मास्टर प्लान के अनुरूप अवस्थापना विकास के लिए सीएसआर के माध्यम से वित्त पोषण के लिए संबंधित को निर्देशित करने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर स्थित नेपा फार्म को सेमी कन्डक्टर हब के रूप में विकसित करने लिए सेमी कन्डक्टर उद्योग लगाए जाने, दिल्ली व मेरठ के मध्य रीजनल रैपिड ट्रान्जिट सिस्टम को हरिद्वार तक विस्तारित करने और टनकपुर-बागेश्वर व ऋषिकेश-उत्तरकाशी रेल परियोजनाओं में मार्ग निर्माण का प्रावधान भी शामिल किये जाने के लिए संबंधित मंत्रालयों को निर्देशित किये जाने का प्रधानमंत्री से आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड में वर्ष 2026 में होने जा रही नंदा राजजात यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि इसके संचालन के लिए व्यापक रूप से पर्यावरण अनुकूल अवस्थापना सुविधाएं विकसित की जानी हैं। मुख्यमंत्री ने अगस्त 2026 में आयोजित इस पर्वतीय महाकुंभ नंदा राजजात यात्रा के लिए प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया और साथ ही यात्रा में अवस्थापना सुविधाएं सुनिश्चित किए जाने के लिए 400 करोड़ की धनराशि केंद्र से उपलब्ध कराए जाने का अनुरोध भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में दिव्य और भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जाना है। राज्य सरकार द्वारा इसकी तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। इसके सफल आयोजन के लिए हरिद्वार में पुलों की मरम्मत, पार्किंग, विद्युत, पेयजल, शौचालय, परिवहन, श्रद्धालुओं के लिए पैदल मार्ग सहित अन्य कार्य कराए जाने हैं। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 3500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दिये जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश और हरिद्वार शहरों में एचटी व एलटी विद्युत लाईनों को भूमिगत करने के साथ ही विद्युत प्रणाली को स्वचालित करने के लिए उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भेजी गई 1015 करोड़ की डीपीआर को आरडीएसएस योजना के अंतर्गत स्वीकृत किये जाने के लिए संबंधित को निर्देशित करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऋषिकेश के निकट स्थित अनोखी धरोहर चौरासी कुटिया को अपने पुराने रूप में लाने के लिए राज्य सरकार प्रयासरत है। इसके लिए अपेक्षित धनराशि की व्यवस्था भी कर ली गई है। मुख्यमंत्री ने चौरासी कुटिया के प्रस्ताव का अनुमोदन राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड से कराए जाने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने के लिए प्रथम चरण में पिण्डर-कोसी लिंक परियोजना का प्रारम्भिक प्रस्ताव तैयार किया गया है। ग्लेशियर आधारित पिंडर नदी के पानी को वर्षा आधारित कोसी, गगास, गोमती व गरूङ नदियों में मिलाया जाये तो बागेश्वर, अल्मोड़ा व नैनीताल जिलों के 625 गांवों की लगभग 2 लाख जनसंख्या पेयजल व सिंचाई से लाभान्वित होगी। साथ ही गरुड़, कौसानी, द्वाराहाट, रानीखेत और अल्मोड़ा नगरों की लगभग सवा लाख आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति बेहतर हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने इस परियोजना को भारत सरकार की विशेष योजना के अंतर्गत लिये जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से कैबिनेट सचिव, भारत सरकार की अध्यक्षता में गठित समिति की संस्तुतियों के क्रम में कुल 596 मेगावाट क्षमता की पांच जल विद्युत परियोजनाओं के विकास की अनुमति प्रदान किये जाने का भी आग्रह किया।

प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से चारधाम यात्रा, आदि कैलाश यात्रा, नंदा राजजात यात्रा, हरिद्वार में होने जा रहे कुम्भ के साथ ही प्रदेश में जल जीवन मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखण्ड के विकास के लिए केंद्र सरकार से हर सम्भव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य में योग नीति का किया औपचारिक शुभारंभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण, गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस दौरान योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण एवं 8 देशों के डेलिगेट्स के साथ योग किया। योग कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योग नीति पर आधारित पुस्तिका का विमोचन करते हुए राज्य में योग नीति का औपचारिक शुभारंभ भी किया। उन्होंने “एक वृक्ष, योग के नाम“ कार्यक्रम के अंतर्गत विधानसभा परिसर में सेब का पौधा भी लगाया।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों में एक-एक स्पिरिचुअल इकोनॉमिक ज़ोन की स्थापना करेगी। उन्होंने कहा हम राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दो नए नगर बसाने जा रहे हैं, जो योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के केंद्र बनकर वैश्विक मानचित्र पर राज्य की विशेष पहचान स्थापित करेंगे। जिसमें सम्पूर्ण विश्व से वेलनेस के क्षेत्र में काम करने वाले बड़े ग्रुप्स, आध्यात्मिक गुरुओं, संस्थानों को यहाँ आमंत्रित किया जायेगा।

सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र है भराड़ीसैंण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सभी विदेशी मेहमानों के सान्निध्य ने इस आयोजन को वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा भराड़ीसैंण, ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य का केंद्र भी है। उन्होंने कहा 8 मित्र राष्ट्रों के प्रतिनिधियों के साथ किया गया सामूहिक योगा- अभ्यास, देवभूमि उत्तराखंड को योग और अध्यात्म की वैश्विक राजधानी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।

उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाएगी योग नीति

मुख्यमंत्री ने कहा उत्तराखंड देवभूमि के साथ योग और अध्यात्म की भूमि भी है। प्रधानमंत्री की प्रेरणा से राज्य सरकार ने देश की पहली योग नीति 2025 को राज्य में लागू किया है। योग नीति उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। जिसके तहत प्रदेश में योग एवं ध्यान केंद्र विकसित करने पर अधिकतम 20 लाख रुपए तक की सब्सिडी प्रदान की जा रही है। प्रदेश में योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने हेतु 10 लाख रुपए तक के अनुदान का प्रावधान भी किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार का संकल्प है कि 2030 तक राज्य में पाँच नए योग हब की स्थापना की जाए और मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर में योग सेवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी।

योग करता है एकाग्रता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार

मुख्यमंत्री ने कहा कि योग हमारे मन, आत्मा और शरीर के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करता है। योग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ मानव जीवन को आंतरिक शांति, मानसिक संतुलन और आध्यात्मिक स्थिरता प्रदान करता है। योग के विभिन्न आसनों और प्राणायाम से शरीर और मन को तनाव से मुक्त कर सकते हैं। योग मन की एकाग्रता बढ़ाने के साथ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार होता है।

योग ने किया विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा विश्व, योग को जीवन दर्शन के रूप में भी अपना रहा है। योग ने पूरे विश्व में जाति, भाषा, धर्म और भौगोलिक सीमाओं को पार कर मानव समाज को जोड़ने का काम किया है। योग वैश्विक एकता, समरसता और बंधुत्व का सेतु बनकर समस्त विश्व को एक सूत्र में पिरोने का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच और प्रेरणादायक नेतृत्व ने योग को ग्लोबल कनेक्टिविटी और मानवता की सेहत का मंत्र बनाकर विश्व पटल पर एक नई पहचान दिलाई है।

पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है राज्य सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में रोजगार सृजन और पलायन की समस्या के समाधान के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अधिक से अधिक साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में स्ट्रैटेजिक एडवाइजरी कमेटी का भी गठन किया है। ये कमेटी प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए नवाचार को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। हम युवाओं को उनके कौशल के अनुरूप पहाड़ में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।

विद्यार्थियों से मिलने उनके बीच पहुंचे मुख्यमंत्री

भराड़ीसैंण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पहले मुख्यमंत्री विद्यार्थियों और स्थानीय लोगों के बीच पहुंचे। उन्होंने लोगों से संवाद कर उनका हालचाल जाना और छात्रों से भी मुलाकात की। मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर छात्रों में विशेष उत्साह और उमंग देखने को मिला । मुख्यमंत्री ने सभी को योग के महत्व से अवगत कराया और स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करने का संदेश दिया।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, भारत में मैक्सिको के राजदूत फेडेरिको सालास, मेक्सिको दूतावास में आर्थिक मामलों के प्रमुख रिकार्डाे डेनियल डेलगाडो, भारत में फिजी उच्चायोग के हाई कमिश्नर जगन्नाथ सामी, भारत में नेपाल के राजदूत डॉ शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में सूरिनाम के राजदूत अरुणकोमर हार्डियन, भारत में मंगोलिया के राजदूत डंबाजाविन गैंबोल्ड, भारत में लातविया दूतावास में डिप्टी हेड ऑफ मिशन मार्क्स डीतॉन्स, भारत के श्रीलंका उच्चायोग के मिनिस्टर काउंसलर लक्ष्मेंद्र गेशन डिसनायके, रूसी दूतावास में प्रथम सचिव क्रिस्टिना अनानीना एवं तृतीय सचिव कैटरीना लज़ारेवा, विधायक अनिल नौटियाल, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, जिलाधिकारी चमोली संदीप तिवारी, पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखंडः पर्यटन विभाग के कंट्रोल रूम में देश भर से रोजाना आ रहीं औसतन 638 कॉल

हैलो सर, हमें चार धाम यात्रा में आना है। जीएमवीएन का टूर पैकेज कितना होगा। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद का कंट्रोल रूम अब दिन-रात व्यस्त है। यहां पर रह-रहकर फोन की घंटी बज रही है। देश भर से औसतन 638 लोग रोजाना कंट्रोल रूम में संपर्क कर यात्रा से जुड़ी जानकारी ले रहे हैं। अभी तक 17,853 लोग कंट्रोल रूम से संपर्क कर चुके हैं। यात्रा के लिए अभी तक कुल 17,76058 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उत्तराखंड की चार धाम यात्रा का श्रीगणेश इस महीने की 30 तारीख को अक्षय तृतीय पर्व से हो रहा है।

सबसे ज्यादा 1032 कॉल, सबसे कम 480

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 20 मार्च से शुरू हुई है। इसी दिन से कंट्रोल रूम ने भी काम करना शुरू कर दिया है। पहले दिन 20 मार्च को को सबसे ज्यादा 1032 लोगों ने कंट्रोल रूम में संपर्क कर जानकारी हासिल की थी। आठ अप्रैल को 961 और सात अप्रैल को 803 लोगों ने कंट्रोल रूम में संपर्क किया। सबसे कम 480 कॉल 30 मार्च को दर्ज हुईं।

इस तरह से काम कर रहा है कंट्रोल रूम

पर्यटन विकास परिषद के कंट्रोल रूम टोल फ्री नंबर 0135-1364 पर देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार कॉल आ रही हैं। पूरे समय कॉल अटैंड करने के लिए कार्मिकों की ड्यूटी लगाई गई है। ज्यादातर लोग संपर्क करके रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया, जीएमवीएन टूर पैकेज, हेली सेवाओं, कपाट खुलने की तिथियों के बारे में जानकारी मांग रहे हैं।

चार धाम यात्रा के लिए देश भर के यात्रियों में उत्साह है। देवभूमि सभी यात्रियों के स्वागत के लिए तैयार है। यात्रियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है। सभी के सहयोग से बेहतर यात्रा संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम धामी ने खटीमा में 213 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना के लिए किया भूमि पूजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कंजाबाग तिराहे, खटीमा में स्थापित किए जा रहे 213 फीट ऊँचे राष्ट्रीय ध्वज का भूमि पूजन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश की एकता, अखंडता और शौर्य का प्रतीक है। जो हर नागरिक को देशभक्ति की भावना से प्रेरित करता है। आने वाले समय में यह ध्वज पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा, सांसद अजय भट्ट, ले. जनरल संदीप जैन, मेयर रुद्रपुर विकास शर्मा, काशीपुर दीपक बाली, हल्द्वानी गजराज बिष्ट, दर्जा राज्यमंत्री डॉ. अनिल कपूर डब्बू, विनय रुहेला, विधायक शिव अरोड़ा, त्रिलोक सिंह चीमा, गोपाल सिंह राणा, सुरेश गड़िया, भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज पाल, कमल जिंदल, अध्यक्ष नगर पालिका रमेश चंद्र जोशी एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

सीएम धामी ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप के लिये उत्तराखंड की टीम को किया रवाना

नई दिल्ली में 11 से 13 अप्रैल 2025 तक आयोजित होने वाले चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप में प्रतिभाग करने के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय से उत्तराखण्ड की टीम को रवाना किया। इस आयोजन में एथलेटिक्स, फुटबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी, शूटिंग, बैडमिंटन टेबल टेनिस और वॉलीबॉल जैसे खेल शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री ने चौथे खेलो मास्टर्स राष्ट्रीय चौंपियनशिप में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में अनेक कार्य हुए हैं। खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है। प्रधानमंत्री द्वारा खिलाड़ियों का हमेशा उत्साहवर्द्धन किया जाता है। उन्होंने कहा कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं। उत्तराखण्ड में आयोजित राष्ट्रीय खेलों में राज्य ने सातवां स्थान प्राप्त किया। उत्तराखण्ड अब खेल भूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना चुका है।

खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के उपाध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में इस वर्ष उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों का दल चौथे मास्टर्स नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करेगा। उत्तराखंड की फुटबाल टीम में 40, 50 और 60 से अधिक आयु वर्ग की तीन टीमों के खिलाड़ी और एथलेटिक्स की 40 से अधिक आयु और 70 से अधिक की आयु वर्ग के खिलाड़ी खेलो मास्टर्स नेशनल गेम्स 2025 में प्रतिभाग करेंगे।

इस अवसर पर खेलो मास्टर्स गेम्स फाउंडेशन ऑफ़ उत्तराखंड के संरक्षक प्रेम सिंह बिष्ट, पी सी खंतवाल, सुभाष अरोड़ा, विमल सिंह रावत, सुनील शर्मा अनीश शर्मा, विनेश राणा शरद अग्रवाल, सुरेन्द्र सिंह रावत, छत्रेश कुमार प्रेम प्रकाश पुरोहित और अन्य खिलाड़ी उपस्थित थे।

बड़ी संख्या में सीएम से मिले विधायक, जताया आभार

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से विधानसभा परिसर में विधानसभा बजट सत्र में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 ध्वनि मत से पारित होने पर विधायक उमेश शर्मा काऊ, महंत दिलीप रावत, प्रमोद नैनवाल, रेणु बिष्ट, सुरेश चौहान, राम सिंह कैड़ा, महेश जीना, राजकुमार, अनिल नौटियाल सहित विभिन्न विधायकों ने भेंट कर इस ऐतिहासिक कार्य के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।

हमारा संकल्प उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों, को भू माफियाओं से बचाए रखना है-मुख्यमंत्री

विधानसभा बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (संशोधन) विधेयक, 2025 पर चर्चा के दौरान कहा कि यह संशोधन भू सुधारों में अंत नहीं अपितु एक शुरुआत है। राज्य सरकार ने जन भावनाओं के अनुरूप भू सुधारों की नींव रखी है। भू प्रबंधन एवं भू सुधार पर आगे भी अनवरत रूप से कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य की जनता की जनभावनाओं एवं अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय लिया है। सरकार कई नए महत्वपूर्ण मामलों पर ऐतिहासिक निर्णय ले रही है। उन्होंने कहा हम उत्तराखंड के संसाधनों, जमीनों को भूमाफियाओं से बचाने का संकल्प है। जिन उद्देश्यों से लोगों ने जमीन खरीदी है, उसका उपयोग नहीं दुरुपयोग हुआ, ये चिंता हमेशा मन में थी। उन्होंने कहा उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों के साथ मैदानी इलाके भी हैं। जिनकी भौगोलिक परिस्थिति एवं चुनौतियां अलग-अलग है। उन्होंने कहा जब से स्व. श्री अटल जी ने उत्तराखंड राज्य के लिए औद्योगिक पैकेज दिया तब से राज्य सरकार बड़ी संख्या में औद्योगीकरण की ओर जा रही है। ऐसे में राज्य में आने वाले असल निवेशकों को कोई दिक्कत न हो, निवेश भी न रुके। उसके लिए इस नए संशोधन/कानून में हमने सभी को समाहित किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सबकी जन भावनाओं के अनुरूप कार्य कर रही है। हम लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास रखते हैं। बीते कुछ वर्षों में देखा जा रहा था कि प्रदेश में लोगों द्वारा विभिन्न उपक्रम के माध्यम से स्थानीय लोगों को रोजगार देने के नाम पर जमीनें खरीदी जा रही थी। उन्होंने कहा भू प्रबंधन एवं भू सुधार कानून बनने के पश्चात इस पर पूर्ण रूप से लगाम लगेगी। इससे असली निवेशकों और भू माफियाओं के बीच का अंतर भी साफ होगा। राज्य सरकार ने बीते वर्षों में बड़े पैमाने पर राज्य से अतिक्रमण हटाया है। वन भूमि और सरकारी भूमियों से अवैध अतिक्रमण हटाया गया है। 3461.74 एकड़ वन भूमि से कब्जा हटाया गया है। यह कार्य इतिहास में पहली बार हमारी सरकार ने किया। इससे इकोलॉजी और इकॉनमी दोनों का संरक्षण मिला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कृषि एवं औद्योगिक प्रयोजन हेतु खरीद की अनुमति जो कलेक्टर स्तर पर दी जाती थी। उसे अब 11 जनपदों में समाप्त कर केवल हरिद्वार और उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर से निर्णय लिए जाने का प्रावधान किया गया है। किसी भी व्यक्ति के पक्ष में स्वीकृत सीमा में 12.5 एकड़ से अधिक भूमि अंतर्करण को 11 जनपदों में समाप्त कर केवल जनपद हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर में राज्य सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा आवासीय परियोजन हेतु 250 वर्ग मीटर भूमि क्रय हेतु शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। शपथ पत्र गलत पाए जाने पर भूमि राज्य सरकार में निहित की जाएगी। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों के अंतर्गत थ्रस्ट सेक्टर एवं अधिसूचित खसरा नंबर भूमि क्रय की अनुमति जो कलेक्टर स्तर से दी जाती थी, उसे समाप्त कर, अब राज्य सरकार के स्तर से दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा इसके साथ की नए कानून में कई बड़े बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा सरकार ने गैरसैंण में भी हितधारकों, स्टेकहोल्डर से विचार लिए थे। इस नए प्रावधानों में राज्यवासियों के विचार लिए गए हैं, सभी के सुझाव भी लिए गए हैं। सभी जिलों के जिलाधिकारियों एवं तहसील स्तर पर भी अपने जिलों में लोगों से सुझाव लिए गए। सभी के सुझाव के अनुरोध ये कानून बनाया गया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य मूल स्वरूप बना रहे, यहां का मूल अस्तित्व बचा रहे। इसके लिए इस भू सुधार किए गए हैं। उन्होंने कहा राज्य की डेमोग्राफी बची रहे इसका विशेष ध्यान रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में औद्योगिक, पर्यटन, शैक्षणिक, स्वास्थ्य तथा कृषि एवं औद्यानिक प्रयोजन आदि हेतु आतिथि तक राज्य सरकार एवं कलेक्टर के स्तर से कुल 1883 भूमि क्रय की अनुमति प्रदान की गयी। उक्त प्रयोजनों/आवासीय प्रयोजनों हेतु क्रय की गयी भूमि के सापेक्ष कुल 599 भू-उपयोग उल्लंघन के प्रकरण प्रकाश में आये हैं, जिनमें से 572 प्रकरणों में उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपान्तरण आदेश-2001) की धारा 166/167 के अन्तर्गत वाद योजित किये गये हैं तथा 16 प्रकरणों में वाद का निस्तारण करते हुए 9.4760 हे० भूमि राज्य सरकार में निहित की गयी है। अवशेष प्रकरणों में कार्यवाही की जा रही है।