महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार को उद्धव की चुनौती

दिल्ली।
भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच रिते सहज नही दिख रहे है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि फडणवीस सरकार के कारण शिवसेना को जरा भी परेशानी हुई तो माफ नहीं करेंगे। उन्होंने गठबंधन तक तोड़ने की बात कह डाली। उद्धव ने कहा कि हम चुप नहीं बैठें हैं। इस बयासन के बाद कयास लगने शुरु हो गये है कि महाराष्ट्र में दोनो के बीच संबध सहज नही है।
सामना (हिंदी) के कार्यकारी संपादक और सांसद संजय राउत ने उद्धव ठाकरे की बात का समर्थन करते हुए कहा है कि बात नुकसान की नहीं है। उद्धव जी ने जो कहा है वो सही कहा है। गठबंधन को हिंदुत्व के बताया, कहा कि बीजेपी ने 25 साल बाद गठबंधन धर्म नही निभाया है। बता दें कि शिवसेना और भाजपा का तीन दशक पुराना संबंध पिछले वर्ष 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के पहले ही टूट गया था। उन्होंने भाजपा पर गंठबंधन को तोडने का आरोप भी लगाया है।

कैग ने पहले दो दौर की नीलामी में परस्पर प्रतिस्पर्धा को नही बताया उचित

नई दिल्ली।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने एनडीए सरकार के कार्यकाल में पिछले वर्ष कोयला ब्लाकों की ऑन-लाइन नीलामी के पहले दो दौर में कमियां निकाली है। कैग का कहना है कि इनमें 11 ब्लाकों के मामले में जिस तरह कंपनी समूहों ने अपनी ज्वाइंट वेंचर्स या सब्सिडियरीज के जरिए कॉरपोरेट ग्रुप्स के एक से अधिक बोलियां पेश की थीं उससे यह भरोसा नहीं होता कि दो दौर की प्रतिस्पर्धा में संभावित स्तर हासिल हुआ है।
पहले दो चरणों में कुल 29 कोयला खानों की सफल नीलामी हुई थी। कोयला खानों की ऑनलाइन नीलामी पर कैग की संसद में पेश ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इन नीलामियों में 11 कोयला ब्लॉक की में कंपनी समूहों ने अपनी सब्सिडियरीज कंपनियों या ज्वाइंट वेंचर्स के जरिए एक से अधिक बोलियां लगायीं। ऐसे में उसकी राय है कि हो सकता है इससे प्रतिस्पर्धा बाधित हुई हो।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आडिट में यह भरोसा नहीं जगा कि पहले दो चारों में 11 कोयला खानों की नीलामी में प्रतिस्पर्धा का संभावित स्तर हासिल हो गया होगा। इसके अनुसार ऐसे परिदृश्य में जबकि मानक टेंडर दस्तावेज (एसटीडी) के तहत संयुक्त उद्यम की भागीदारी की अनुमति दी जाती है और साथ ही ई नीलामी में भाग लेने वाली क्यूबी की संख्या सीमित की जाती है तो ऑडिट में यह कहीं आश्वासन नहीं मिलता कि पहले दो चरणों में नीलाम हुई उक्त 11 कोयला खानों की बोली के दूसरे चरण में प्रतिस्पर्धा का संभातिव स्तर हासिल किया गया था।

एम्स मे नौकरी करनी है तो करे आवेदन

दिल्ली।
अखिल भारतीय मेडिकल संस्थान ने टेक्निशियन (रेडियोथेरेपी) और लोवर डिविजन क्लर्क पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. योग्य व इच्छुक उम्मीदवार 13 अगस्त तक आवेदन कर सकते हैं।
कुल पदों की संख्या- 69
लोवर डिविजन क्लर्क- 60
टेक्निशियन (रेडियोथेरेपी)- ग्रेडII- 9
योग्यता-
1-टेक्निशियन पद के लिए उम्मीदवार किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान व यूनिवर्सिटी से रेडियोथेरेपी टेक्नोलॉजी में बीएससी की डिग्री होनी अनिवार्य या एटोमिक एनर्जी रेगुलेटरी बोर्ड के अधीन मान्यता प्राप्त संस्थान से रेडियोथेरेपी में 2 साल का अनुभव।
2-लोवर डिविजन क्लर्क के लिए 12वीं पास और अंग्रेजी में 35 शब्द प्रति मिनट और हिन्दी में 30 शब्द प्रति मिनट की टाइपिंग आनी जरुरी है।
उम्र सीमा और अधिक जानकारी के लिए नोटिफिकेशन जरुर देखें।
अंतिम तारीख- 13 अगस्त
विशेष जानकारी के लिए आधिकारिक साइट पर www.aiims.edu देखें।

उड़ता पंजाब के बाद उड़ते आप के सांसद!

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भगवंत मान पर सनसनी खेज खुलासा
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के निलंबित सांसद हरिंदर खालसा ने सांसद भगवंत मान पर सनसनीखेज ख्ुलासा किया हैं। खालसा ने कहा है कि सांसद भगवंत मान सदन में शराब पीकर आते हैं। सांसद हरिंदर खालसा ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से शिकायत करते हुए अपनी सीट बदलने की मांग भी कर डाली।
आपकों बतातें चले कि खालसा और मान की सीट एक साथ है। हरिंदर खालसा ने कहा कि मान की सीट से बहुत ज्यादा शराब की बदबू आती है। उनसे बचने के लिए मैं किसी न किसी बहाने से इधर-उधर भागता हूं। उन्होंने ये भी जोड़ा कि मैंने स्पीकर से शिकायत नहीं बल्कि विनती की है कि वह मेरी सीट को बदलें। हालांकि मान ने खालसा के आरोपों को निराधार बताया है।
हरिंदर खालसा ने कहा कि वह (मान) तो कलाकार आदमी है, शराब पीकर संसद आ सकता है, गुरुद्वारे जा सकता है। मैंने तो बस ये कहा है कि हमें बचाओ। पाटी फोरम में बात उठाने के सवाल पर उन्होंने कहां कि पार्टी ने तो उन्हें निलंबित किया है। ऐसे में वह अपनी बात कैसे रखें?
नशे के खिलाफ आप की खुली पोल!
आप नेता भले ही पंजाब के कुशासन और बढते नशे के कारोबार के खिलाफ तेजी से मुखर हो रहे हो, लेकिन मान पर हुए खुलासे से आप नेताओं की पोल खुलती नजर आ रही है। एक तरफ तो आप नशे के खिलाफ झंडा बुलंद कर रही है, वहीं दूसरी तरफ उसके सांसद संसद की मर्यादा को तार करने पर तुले हुए है।

नवजोत सिद्धू के इस्तीफे से भाजपा ने बनाई दुरी

पार्टी नेता कुछ भी कहने से सीधे बच रहे
नई दिल्ली।
भाजपा नेता नवजोत सिद्धू के इस्तीफे से तिलमिलाई भाजपा ने अब इस प्रकरण पर चुप्पी साधने में ही भलाई समझी है। तीन बार के अमृतसर लोकसभा सीट से सांसद रहे सिद्धू ने सोमवार को अचानक राज्यसभा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था, उनके साथ उनकी पत्नी नवजोत कौर ने भी भाजपा से अपना नाता तोड़ लिया है। सूत्रों की मानें तो भाजपा के स्टार प्रचारक सिद्धू आम आदमी पार्टी से पंजाब के सीएम पद के दावेदार हो सकते है।
पूर्व क्रिकेटर सिद्धू अपनी पत्नी संग पिछले दो वर्षो से पंजाब की अकाली दल सरकार को कटघरे में खड़ा करते आये है। जिससे भाजपा व अकाली दल में कई बार खटास पैदा हो चुकी है। भाजपा हाईकमान अकाली दल से कोई नाराजगी मोल नही लेना चाहता है। इसके चलते सिद्धू अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने नवजोत सिद्धू को आप में शामिल होने को कहा था।
बरहाल नशे के कारोबार के चलते पंजाब में अकाली व भाजपा सरकार की बुरी स्थिति हो चली है। ऐसे में सिद्धू का अचानक चले जाना और चुनाव में भाजपा के खिलाफ प्रचार करना मंहगा साबित हो सकता है। वहीं, भाजपा नेता दबी जुबान से सिद्धू पर निष्क्रीय रहने का आरोप लगा रहे है।

भाजपा के साथ केन्द्र सरकार की किरकिरी

अरुणाचल में कांग्रेस सरकार बहाल करने के आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से केन्द्र को गहरा झटका लगा
उत्तराखंड सीएम हरीश रावत बोले सच्चाई की जीत

उत्तराखंड की तर्ज पर अरुणांचल प्रदेश में भी सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस सरकार को बहाल कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से केन्द्र की भाजपा सरकार को गहरा झटका है। उत्तराखंड सीएम ने कोर्ट के निर्णय को ऐतिहासिक बताते हुए सच्चाई की जीत बताया है।
गौरतलब है कि कांग्रेस के कई विधायक अरुणांचल प्रदेश में भाजपा के साथ चले गये थे। जिससे सरकार पर संकट गहरा गया था। भाजपा ने मौके का भरपूर फायदा उठाते हुए सरकार गठन करने की भरपूर कोशिश की। कुछ हद तक भाजपा संगठन को कामयाबी तो मिली लेकिन मामला कोर्ट तक चला गया। कोर्ट से उत्तराखंड की तरह मामला कांग्रेस के पक्ष में चला गया। सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद अरुणांचल में कांग्रेस की सरकार बनते दिख रही है।