अनुकृति को देखने के लिए कोटद्वार की सड़कों में उमड़ा सैलाब

मिस ग्रैंड इंटरनेशनल प्रतियोगिता में इंडिया को रिप्रजेंट करने के लिए चुनी गई उत्तराखंड की ब्यूटी क्वीन अनुकृति गुसाईं का कोटद्वार पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान अनुकृति ने भी अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया और उनके साथ जमकर फोटो खिंचवाए।
अनुकृति के स्वागत के लिए कोटद्वारवासी सुबह से ही इंतजार में जुटे हुए थे। शुक्रवार दिन में कोटद्वार पहुंचते ही अनुकृति को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच गये। नजीबाबाद रोड स्थित बलूनी पब्लिक स्कूल से शुरू हुआ अनुकृति का काफिला ऑडिटोरियम में आकर ही थमा। विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से आयोजित इस सम्मान समारोह में शिरकत करने पहुंचे काबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के लोगों में हुनर की कोई कमी नहीं है और उन्हें अगर सही प्लेटफार्म दिया जाये तो वे अपनी सफलता के झंडे पूरे विश्व में बुलंद कर सकते हैं।
मिस ग्रैंड इंटरनेशनल प्रतियोगिता के लिए अनुकृति को शुभकामनायें देते हुए डा. रावत ने कहा कि सफल होने के लिए खूबसूरती के साथ-साथ उदार व्यक्तित्व भी होना चाहिये। इससे पूर्व गढ़वाल सभा, रोटरी क्लब, लायन्स क्लब की ओर से अनुकृति का पुष्पगुच्छ भेंट कर अभिनंदन किया गया। इसके बाद बलूनी पब्लिक स्कूल, एवीएन स्कूल और एमकेवीएन स्कूल के बच्चों ने आकर्षक प्रस्तुतियां देकर वहां उपस्थित लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। स्वागत समारोह के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष रश्मि राणा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला, अभिलाषा भारद्वाज, धीरेन्द्र चौहान, शशि नैनवाल, भुवनेश खर्कवाल, मयंक प्रकाश कोठारी, नर्मदा गुंसाईं, उत्तम सिंह गुंसाईं, बुद्धि बल्लभ ध्यानी, जर्नादन बुड़ाकोटी, योगम्बर सिंह रावत, विकास देवरानी, विनीता भट्ट, शोभा बहुगुणा भंडारी, सुषमा जखमोला, सुरेन्द्र गुंसाईं, गीता बुड़ाकोटी, रजनीश शर्मा समेत कई लोग उपस्थित थे।

अजीब नाम से क्या पर्यटक डर जाते है?

नाम में क्या रखा है ? शैक्सपीयर ने भले कहा हो कि गुलाब का नाम कुछ और रख देने से उसकी खुशबू थोड़े ही बदल जायेगी ? लेकिन नैनीताल के विधायक संजीव आर्य शैक्सपीयर के इस कथन से सहमत नहीं हैं। वे नैनीताल की कुछ झीलों के नाम तो बदलना चाहते हैं जिनके नाम अजीब हैं। जैसे यहां एक झील का नाम है-‘सुसाइड प्वाइंट’, तो दूसरी ‘फांसी गधेरा’ कहलाती है तो तीसरी सादिया (नष्ट हो रही ) ताल। आर्य इस बारे में सरकार को पत्र लिख रहे है कि इन नामों के सुनने से पर्यटकों को धक्का लगता है। गौरतलब हो कि पिछले साल भी कुमाऊ में ही चोरगलिया का नाम बदले जाने का अभियान चला था।
विधायक संजीव आर्य का कहना है कि कुछ पर्यटक स्थलों के नाम सुनकर पर्यटकों को अजीब लगता है। विधायक ने जनता से इन और ऐसे नामों की जगह वैकल्पिक नामों के सुझाव मांगें हैं। उनका कहना है कि इनमें बहुत से नाम तो अधिकृत भी नही हैं। जैसे कि सुसाईड प्वाइंट नाम तो कुछ गाइडों और घोड़े वालों ने पर्यटकों के बीच केवल उत्सुकता पैदा करने को रख दिया और इसके समर्थन में मन गढ़ंत कहानियां तक सुनानी शुरू कर दी। जिसके पीछे कोई तर्क नहीं है। जबकि इस स्थल का नाम यहां की साहसिक संभावनाओं के दोहन को होना चाहिये। उन्होने बताया कि कुछ साल पहले जब सादिया ताल का सौन्दर्यीकरण किया गया तो इसका नाम सरिता ताल रखा गया था लेकिन प्रचलन में अभी सादिया ताल ही है। विधायक संजीव आर्य ने नगर पालिका से भी इनके नामकरण से संबंधित रिकार्ड खंगालने को कहा है ताकि इसके बाद मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री से इस बारे मे बातचीत की जा सके।
अलबत्ता, इतिहास में रूचि रखने वाले जानकारों का कहना है कि सुसाइड प्वाइंट नाम तो कभी अस्तित्व में ही नही रहा लेकिन बाकी दो का नाम इतिहास में है और उनका नाम न ही बदला जाये, तो अच्छा होगा। उदाहरण को फांसी गधेरा प्रथम विश्व युद्ध में अंग्रेजों के रोहिलाओं को फांसी दिये जाने की याद दिलाता है जिन्होने 1857 में हल्द्वानी पर हमला किया था। इसका नाम बदलने का अर्थ होगा, इतिहास को भुलाना। इसी प्रकार सादिया ताल मूलतः वेटलेंड और क्षेत्र के जल प्रबंधन का हिस्सा है। यहीं पर कुमाऊ कमिश्नर सर हेनरी रैमजे ने पहली बार 1856 में आलू की खेती शुरू कराई थी।

कांवड़ मेला पार्किंग में संदिग्ध वस्तु मिलने से हड़कंप

हरिद्वार।
डाक कांवड़ मेला पार्किंग स्थल बैरागी कैंप में मंगलवार को पाइपनुमा एक संदिग्ध वस्तु मिलने से हड़कंप मच गया। विस्फोटक वस्तु की आशंका पर बम निरोधक दस्ते ने विस्फोट करके उसे निष्क्रिय करने का प्रयास भी किया। बाद में संदिग्ध वस्तु को जांच के लिए घोड़ा लाइन ले जाया गया। इस घटना से बैरागी कैंप में दहशत का माहौल बना रहा।
पुलिस ने अब बैरागी कैंप क्षेत्र की ड्रोन से निगरानी शुरू कर दी है। मंगलवार दोपहर के समय बैरागी कैंप में एक ढाबे के समीप पाइपनुमा एक संदिग्ध वस्तु दिखाई दी। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी दीपक रावत, एसएसपी कृष्णकुमार वीके, एसपी सिटी ममता वोहरा, सिटी मजिस्ट्रेट जयभारत सिंह, सीओ प्रकाश देवली सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस का डॉग स्कवायड और बम निरोधक दस्ता भी मौके पर पहुंचा हुआ था। कनखल थाना प्रभारी अनुज सिंह ने डंडे से संदिग्ध वस्तु को पास ही खोदे गए एक गड्ढे में डाल दिया।
पुलिस ने संबंधित स्थान की बेरिकेडिंग कर उसे खाली करा दिया। चंद मिनटों में क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया। बम निरोधक दस्ते ने गड्ढे में ही संदिग्ध वस्तु से विस्फोट कर उसे निष्क्रिय करने का प्रयास किया। मौके पर एक जोरदार धमाका भी हुआ। विस्फोट के बाद उस संदिग्ध वस्तु को कब्जे में लेकर उसे घोड़ा लाइन जांच को ले जाया गया।

बिहार के विधायक ने भी उत्तराखंड में वोट डाला

देहरादून।
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सोमवार को देहरादून में विधानसभा भवन में सुबह दस बजे से मतदान का सिलसिला शुरू हो गया था। सतपाल महाराज ने सबसे पहले विधानसभा भवन में मतदान किया। दोपहर करीब 12 बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भी मतदान किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राष्ट्रपति के चुनाव में रामनाथ कोविंद की जीत तय है। बिहार के आरजेडी विधायक विरेंद्र कुमार सिन्हा ने भी देहरादून स्थित विधानसभा भवन में मतदान किया। सुबोध उनियाल ने सबसे आखिरी में वोट डाला। दोहपर दो बजे तक सभी 70 विधायकों ने मतदान कर दिया था। बिहार के आरडेजी विधायक के मत को मिलाकर कुल 71 मत पड़े। मतदान में कुल 71 विधायक अपना मताधिकार का प्रयोग किया। जो विधायक उत्तराखंड विधानसभा में सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपना वोट डाला, उसमें 70 विधायक तो यहां के हैं। वहीं विहार के एक विधायक विरेंद्र कुमार सिन्हा भी दून में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। सिन्हा ने इस संबंध में केंद्रीय निर्वाचन आयोग से पटना के बदले देहरादून में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की अनुमति मांगी थी। आयोग ने उनको अनुमति प्रदान कर दी है। उत्तराखंड के सभी 70 निर्वाचित विधायक अपने मताधिकार का इस्तेमाल देहरादून और सांसदों ने दिल्ली में किया। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विधानसभा में तैयारी काफी समय पहले से चल रही थी। विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र ने बताया कि मतदान के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध कराई गयी विशेष प्रकार की पेन का ही इस्तेमाल किया गया। किसी भी मतदाता को कलम या मोबाइल फोन मतदान कक्ष में ले जाने की अनुमति नहीं थी। मतदान को लेकर विधानसभा की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

कमल जोशी की आत्महत्या से सकते में पत्रकारिता जगत!


घुमक्कड़ी पत्रकारिता के जीवन्तप्राय वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी की सोमवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी। वे अपने कमरे में रस्सी से झूलते हुए पाये गये। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने कमल जोशी के शव के रस्सी काटकर उतारा। उनके निधन से पत्रकार जगत एवं शहर में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। गोखले मार्ग स्थित उनके निवास स्थान पर लोगों का तांता लगा हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार कमल जोशी ने विज्ञान संकाय से परास्नातक करने के बाद पत्रकारिता एवं फोटोग्राफी को अपना कैरियर चुना। 65 वर्षीय स्व. जोशी अपने जीवन में फोटो पत्रकारिता के अलावा कई वर्षो तक प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया समाचार एजेंसी से जुड़े रहे।
वर्तमान में वे राज्य स्तरीय प्रेस फोटो ग्राफर के रूप स्वतंत्र पत्रकार शासन द्वारा मान्यता प्राप्त थे। पुलिस के अनुसार स्थानीय लोगों ने मामले की सूचना बाजार चौकी प्रभारी प्रदीप सिंह नेगी को दी। जिस पर वह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने मामले को संदिग्ध देखते हुए उच्च अधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद वरिष्ठ उपनिरीक्षक मोहम्मद यूनुस खान, पुलिस क्षेत्राधिकारी जोधराम जोशी, अपर पुलिस अधीक्षक पौड़ी हरीश वर्मा, उपजिलाधिकारी राकेश तिवारी, नायाब तहसीलदार हरिमोहन खंडूडी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थानीय लोगों की सूचना के आधार पर बताया कि सोमवार सुबह लगभग 10 बजे कमल जोशी को स्थानीय दुकानदारों द्वारा देखा गया। जब वह सांय को काफी देर तक बाहर नहीं निकले तो आस-पास के लोगों ने उनके मोबाईल नंबर पर फोन किया लेकिन जब उन्होंने काफी देर तक फोन नहीं उठाया तो स्थानीय दुकानदार जब अंदर गया तो उन्होंंने कमल जोशी के शव को खूंटे से लटकते हुए देखा।

रेलवे स्टेशन की सुविधाओं को समिति ने निरीक्षण किया


ऋषिकेश।
रेल मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित यात्रा सेवा समिति के पांच सदस्यीय दल ने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दल ने यहां पेयजल, सफाई, शौचालयों की स्थिति, बिजली व अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। कमेटी के सदस्य पंकज कुमार पाठक ने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा कांवड़ यात्रा को देखते हुए स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है। इसमें यात्रियों के लिए पेयजल, शौचालय आदि की अतिरिक्त व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि निरीक्षण में जो भी कमियां पाई गई हैं, उन्हें शीघ्र दुरुस्त करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रेल मंत्रालय द्वारा इस कमेटी का गठन इसलिए किया गया है कि वह प्रत्येक रेलवे स्टेशन का जायजा लेकर खामियों व अव्यवस्थाओं की रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपे। जिससे रेलवे स्टेशनों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा सके। इस मौके पर मंडल रेल प्रबंधक मुरादाबाद एके सिंघल ने बताया कि कांवड़ यात्रा को देखते हुए सात जुलाई से यात्राकाल में ऋषिकेश-हरिद्वार के बीच कांवड़ रेल सेवा शुरू की जाएगी। जिससे यात्रियों को परिवहन की समस्या से न जूझना पड़े। यात्री सेवा समिति की टीम को स्टेशन अधीक्षक आरपी मीणा ने भी स्टेशन की समस्याओं से अवगत करवाया। निरीक्षण टीम में पंकज कुमार पाठक, एमएन ¨सह, राजेश शाह, मंजू मखीजा व जयदीप आर्य शामिल थे।

खुले में पेशाब करना जेई को पड़ा भारी


हरिद्वार।
जिलाधिकारी कार्यालय के पास खुले में पेशाब करना सरकारी कर्मचारी को महंगा पड़ गया। जिलाधिकारी दीपक रावत ने कड़ी फटकार लगाते हुए अधिकारी पर 1 हजार रु का जुर्माना लगा दिया।
जानकारी के अनुसार स्वछता अभियान के तहत जिलाधिकारी ने नगर निकायों की बैठक मुख्यालय में बुलाई था। बताते है कि इसी बैठक में शामिल होने मंगलौर नगर पालिका के जे ई जगदीश चन्द्र भी आये हुए थे। इसी दौरान उन्हें बहुत तेज लघुशंका लगी,ओर वह कलैक्ट्रेट में खुले में ही पेशाब करने गए। तभी जिलाधिकारी वहां आ गए और उन्होंने जेई को फटकार लगाते हुए 1 हजार रुपये का जुमार्ना लगा दिया। यही नही बैठक में मंगलौर के ईई के उपस्थित न रहने पर उनकी एक माह की सैलरी काटने के भी आदेश दे दिया।

स्मार्ट सिटी बनेगा देहरादून, केन्द्र ने दी मंजूरी


नई दिल्ली।
स्मार्ट सिटी की सूची में देवभूमि देहरादून का नाम भी शामिल हो गया है। लंबे समय से चल रही कवायद को अंततः मंजिल मिल ही गयी है। दून के स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने से प्रदेश की राजधानी को विकास की नई दिशा मिलेगी। जिससे प्रदेश में पर्यटन और रोजगार के अवसर श्रृजित होंगे। बता दें कि दून को स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल करने की मांग लंबे समय से चल रही है। स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल होने से प्रदेश को लोगों में खुशी की लहर हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विकास के लिए जिन 30 शहरों की नई सूची जारी की गई है उनमें केरल का तिरूवनंपुरम, छत्तीसगढ़ का नया रायपुर और गुजरात का राजकोट शहर शामिल है। इस नई घोषणा के साथ केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना के तहत चयनित शहरों की संख्या 90 हो गई है। नई सूची के ऐलान से जुड़े के कार्यक्रम में शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए सूची में 40 शहरों के लिए स्थान खाली थे, लेकिन व्यवहारिकता और कार्य करने योग्य योजना सुनिश्चित करने के लिए 30 शहरों का चयन किया गया। स्मार्ट सिटी योजनाओं के तहत 57,393 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत केंद्र हर शहर को पांच साल की अवधि में 500 करोड़ रुपए प्रदान करता है ताकि विभिन्न विकास परियोजनाओं को क्रियान्वित किया जा सके।
 
आखिर जून माह में क्यों जुटते है कामाख्या मंदिर में देश विदेश के साधक!
नए शहरों की सूची

आंध्र प्रदेश का अमरावती
बिहार के पटना और मुजफ्फरपुर
यूपी से इलाहाबाद, अलीगढ़ और झांसी
तेलंगाना का करीमनगर
केरल के त्रिवेंद्रम,
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर और नया रायपुर
गुजरात के दाहोद, गांधीनगर और राजकोट
पुडुचेरी का पुडुचेरी
जम्मू कश्मीर के जम्मू और श्रीनगर
मध्य प्रदेश के सतना और सागर
हरियाणा के करनाल
कर्नाटक के बेंगलुरू
हिमाचल प्रदेश के शिमला
उत्तराखंड के देहरादून
तमिलनाडु के तिरुनवेली
तिरुचिरापल्ली, त्रिपुरा और तूतुकुडी
महाराष्ट्र के पिंरी चिंचवड
अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट
मिजोरम के आइजोल
सिक्किम के गंगटोक शहर

आपत्तिजनक हालत देख पुलिस की नजरें भी झुकीं


हरिद्वार।
हयूमन ट्रैफिकिंग सेल ने कलियर क्षेत्र के दो गेस्ट हाउस में छापा मारकर सेक्स रैकेट पकड़ा। पुलिस ने छह महिलाओं समेत नौ लोगों को हिरासत में लिया।
बुधवार शाम हयूमन ट्रैफिकिंग सेल की प्रभारी साधना त्यागी ने कलियर थाना प्रभारी देवराज शर्मा के नेतृत्व में अब्दाल साहब गेट के पास स्थित एक गेस्ट हाउस पर छापा मारा। यहां पर तीन महिलाएं और दो युवक आपत्तिजनक हालत में मिले। पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस ने नई बस्ती स्थित एक अन्य गेस्ट हाउस में भी छापा मारा। यहां पर अलग-अलग कमरों में तीन महिलाएं और एक युवक मिला।
यह तीनों भी सेक्स रैकेट से जुड़े थे। पुलिस इन सभी को थाने ले आई। कलियर थाना प्रभारी देवराज शर्मा ने बताया कि युनुश निवासी रामपुर तिराहा, निसार निवासी महमूदपुर कलियर, अंकुर गुप्ता निवासी खुड़बुड़ा मोहल्ला, देहरादून तथा छह महिलाओं पर मुकदमा दर्ज किया गया है। आधी-आधी बांटते थे रकम: पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि गेस्ट हाउस संचालक भी मामले में पूरी तरह से संलिप्त है।
सेक्स रैकेट से जुड़ी महिलाओं के लिए गेस्ट हाउस संचालक ग्राहक लाने का काम करते थे। गेस्ट हाउस में ठहरने वाले व्यक्ति से इस बावत पूछा भी जाता था। ग्राहक मिलने पर गेस्ट हाउस संचालक फोन करके सेक्स रैकेट से जुड़ी महिलाओं को बुला लेते थे। इसके बाद ग्राहक से मिलने वाली रकम को आधी-आधी आपस में बांट लेते थे।

एनएच-74 घोटाला-एनएच अधिकारियों से एसआईटी ने सात घंटे की पूछताछ


हल्द्वानी। 
एनएच-74 मुआवजा घोटाले की जांच कर रही एसआईटी ने एनएचएआई के प्रोजेक्टर डायरेक्टर समेत दो अधिकारियों से पूछताछ की। करीब सात घंटे तक चली पूछताछ के दौरान उनसे उपलब्ध दस्तावेज के आधार पर क्रास सवाल भी पूछे गए। साथ ही साथ में लाए दस्तावेज की भी जांच की। एनएच-74 फोरलेन प्रोजेक्ट में कृषि भूमि को अकृषक दिखाकर अधिक मुआवजा लेकर सरकार को करोड़ों के राजस्व की चपत लगाई गई है।
मामले की जांच कर रही एसआईटी अब तक पूर्व एसएलओ डीपी सिंह समेत 50 अधिकारी, कर्मचारी और किसानों से पूछताछ कर चुकी है। मंगलवार को एसआईटी ने मामले से जुड़े एनएचएआई के प्रोजेक्टर डायरेक्टर अजय विष्णोई और अनुज कुमार सिंह को नोटिस भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था। इस पर दोनों ही एनएचएआई के अधिकारी सुबह 11 बजे एसएसपी कार्यालय स्थित एसआईटी कार्यालय पहुंच गए। इस दौरान एसएसपी डा.सदानंद दाते, एसपी क्राइम कमलेश उपाध्याय, एएसपी देवेंद्र पिंचा, सीओ सिटी और एसआईटी प्रभारी स्वतंत्र कुमार सिंह ने उनसे पूछताछ की। साथ ही उनके बयान दर्ज किए। सुबह 11 बजे से शुरू हुई पूछताछ शाम छह बजे तक चली। एसआईटी ने पूछताछ के दौरान दोनों अधिकारियों द्वारा लाए गए दस्तावेज की भी जांच की। साथ ही उनसे कृषि भूमि को अकृषक दिखाकर दिए गए कई गुना मुआवजे के संबंध में भी पूछताछ की।
एसआईटी प्रभारी सीओ स्वतंत्र कुमार ने बताया कि गुरुवार को भी कुछ अधिकारी, कर्मचारी और काश्तकारों से पूछताछ की जाएगी। दस्तावेज में हुए हस्ताक्षर से कर रहे इंकार रुद्रपुर। एनएच-74 मुआवजा घोटाले में बरामद दस्तावेज में अधिकारियों के हस्ताक्षर है। एसआईटी के मुताबिक, पूछताछ के दौरान वह कुछ फाइलों में अपने हस्ताक्षर की बात तो कर रहे हैं, लेकिन कुछ दस्तावेज में अपने हस्ताक्षर होने से इंकार कर रहे हैं। जांच में खुल सकते हैं कई बड़े नाम रुद्रपुर। एसआईटी एनएच मुआवजा घोटाले की जांच में जुट गई है। जब तक जांच सीबीआई को जाएगी, तब तक एसआईटी काफी साक्ष्य जुटा लेगी। सूत्रों की मानें तो एसआईटी की जांच में अब तक हुई पूछताछ में कई साक्ष्य मिले हैं। आगे जांच में कई बड़े नाम सामने आने की संभावनाएं बनी हुई है।