उत्तराखंड हरित पहल की ओर, राष्ट्रीय खेलों के पदक विजेताओं के नाम पर रूद्राक्ष के 1600 पेड़ लगेंगे

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के समीप स्थित वन विभाग की 2.77 हेक्टेयर जमीन को जल्द नई पहचान मिलने जा रही है। यह पहचान खेल वन के रूप में होगी। राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने वाले 1600 खिलाड़ियों के नाम से यहां पर रूद्राक्ष के पेड़ लगाए जाएंगे। राष्ट्रीय खेल सचिवालय की दस फरवरी को यहां पर बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर ग्रीन गेम्स का प्रभावी संदेश देने की तैयारी है।

38वें राष्ट्रीय खेलों की थीम ग्रीन गेम्स की रखी गई है। उत्तराखंड सरकार ने हरित पहल करते हुए राष्ट्रीय खेलों में कई कदम ऐसे उठाए हैं, जिनकी पूरे देश में चर्चा हो रही है। इस क्रम में पदक विजेता खिलाड़ियों के सम्मान में उनके नाम से पौधा रोपने का कार्यक्रम भी शामिल है। राष्ट्रीय खेलों के उद्घाटन समारोह में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड सरकार की हरित पहल की सराहना की थी।

खेल वन जिस जगह पर विकसित किया जाना है, उसे आज-कल तैयार किया जा रहा है। दस फरवरी को यहां पर आयोजित कार्यक्रम में खेल वन का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। आज-कल इस पूरे इलाके की तारबाड़ की जा रही है, ताकि जब यहां पर पेड़ लगा दिए जाएं, तो उसकी सुरक्षा भी हो सके।

चौंपियन हमें प्रेरित करते हैं
खेल वन के लिए जो बड़ा बोर्ड तैयार कराया जा रहा है, उसमें यह लाइनें खास तौर पर उकेरी जा रही है-चौंपियनस इंस्पायर अस, दियर लेगेसी ब्लूम्स इन एवरी ट्री वी प्लांट। राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा का कहना है कि यहां लगाए जाने वाले हर पेड़ से हमारी स्मृतियों में विजेताओं का सुनहरा प्रदर्शन ताजा रहेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से हम ग्रीन गेम्स की थीम पर राष्ट्रीय खेलों का सफलतापूर्वक आयोजन कर रहे हैं। हमने हरित पहल करते हुए कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे दूर-दूर तक पर्यावरण संरक्षण का संदेश जाएगा। खेल वन इस कड़ी में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

उत्तराखंडः मास्टर्स एथलीटों का कुन्नमकुलम केरल में शानदार प्रदर्शन लगातार जारी

छठी राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक मीट का कुन्नमकुलम केरल में 31 जनवरी से 3 फरवरी तक राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें पूरे देश से 22 राज्यों के 35 वर्ष से 85 साल से अधिक तक के लगभग 1500 मास्टर्स पुरुष और महिला खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।

आज की प्रतियोगिता में देवभूमि मास्टर्स एथलेटिक एंड स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एसोसिएशन के 45 सदस्य दल ने 11 गोल्ड, 5 सिल्वर एवं 03 कांस्य पदक प्राप्त किए।

विभिन्न आयु वर्ग में सुमित शाह, घनानंद पांडे, घनश्याम पांडे, सतीश चंद चौहान, ललित चन्द्र जोशी, राजेंद्र प्रसाद जोशी, दीपक नेगी, भावना गढ़िया, मीना कंडारी, नीमा बिष्ट, स्वाति पोखरियाल, माला शर्मा ने स्वर्ण पदक तथा सिल्वर पदक प्राप्त करने वालों में दीपक नेगी जीएन पंत, यशोदा कांडपाल, सबल सिंह बिष्ट, तथा कांस्य पदक अर्चना बिष्ट, घनानंद पांडेय, सुभाष चंद्र भट्ट ने प्राप्त कर उत्तराखंड राज्य का नाम रोशन किया।

इस अवसर पर देवभूमि मास्टर्स एथलीट एंड स्पोर्ट्स डेवलपमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष एके सूद, संरक्षक धर्मेंद्र कुमार भट्ट, राष्ट्रीय कोच गुरुफूल सिंह, मीडिया प्रभारी जितेन्द्र कुमार गुप्ता टीम के साथ गए महासचिव सतीश चंद्र चौहान, सचिव ललित चंद जोशी सहित अनेक खेल प्रेमियों बधाई प्रेषित की है।

उत्तराखंडः राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ियों को पसंद आ रही रही फैन पार्क और मौली संवाद पहल

राष्ट्रीय खेलों के सबसे प्रमुख केंद्र महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में फैन पार्क और कॉन्क्लेव प्वाइंट आस-पास ही हैं। एक जगह खिलाड़ियों की थकान मिटाने के इंतजाम हैं, तो दूसरी जगह मोटिवेशन की वो धारा है, जो नए खिलाड़ियों को राह दिखाने वाली है। अपने मैच खत्म हो जाने या फिर खाली समय में खिलाड़ी दोनों ही जगह मौजूद दिख रहे हैं। चाहे वो फैन पार्क हो या फिर मौली संवाद कान्क्लेव खिलाड़ी दोनों ही पहल को पसंद भी कर रहे हैं।

फैन पार्क में खिलाड़ियों का धूम धड़क्का
शूटिंग के मैच खत्म होने के बाद फैन पार्क पहुंची छत्तीसगढ़ की श्रुति यादव वहां बज रहे गिटार की धुन को इन्ज्वॉय करती दिखीं। बातचीत में श्रुति ने कहा-उत्तराखंड के इंतजाम अच्छे हैं। वह बताती हैं-छत्तीसगढ़ की शूटिंग टीम पहली बार नेशनल खेल रही हैं। फैन पार्क की पहल को वह अच्छा बताती हैं। वैसे, फैन पार्क में हर समय गिटार की मधुर धुन ही नहीं है, डीजे का धूम धड़क्का भी है, जिसमें खिलाड़ी और उनके साथ आए लोग नाच-झूम रहे हैं। मैच देखने के लिए आने वाले खेल प्रेमियों के लिए भी यहां एंट्री है।

मौली संवाद में खिलाड़ी जान रहे अहम बातें
नेशनल स्पोर्ट्स विजन कॉन्क्लेव में 30 सत्रों की श्रृंखला 12 फरवरी तक चलनी हैं। इस कॉन्क्लेव को राष्ट्रीय खेल के शुभंकर मौली से जोड़ते हुए मौली संवाद नाम दिया गया है। यहां पर खिलाड़ियों को खेल विकास और उससे जुड़ी तमाम अन्य बातों की जानकारी देने की व्यवस्था की गई है। 50 विशेषज्ञों का पैनल तैयार है। जानी मानी एथलीट रह चुकीं अंजू बॉबी जार्ज और भारतीय हॉकी की कप्तान रानी रामपाल और संग्राम सिंह के टिप्स से इस सीरीज का आगाज हो चुका है। खिलाड़ियों को मोटिवेशन सपोर्ट, मेडिकल, न्यूट्रिशन, इंजरी से उबरनेे, डोपिंग समेत तमाम अन्य बिंदुओं पर टिप्स देने के लिए रोजाना सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। पंजाब की वुशु टीम के खिलाड़ी हरप्रीत व शिवम ने कहा-यह आयोजन खिलाड़ियों की बेहतरी से जुड़ा है।

चार जगह और संचालित हो रहे फैन पार्क
राष्ट्रीय खेलों में भाग ले रहे खिलाड़ियों के मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए हरिद्वार, हल्द्वानी व रूद्रपुर में भी फैन पार्क संचालित किए जा रहे हैं। इन तीनों ही जगहों पर राष्ट्रीय खेल आयोजित किए जा रहे हैं। नैनीताल में कोई खेल इवेंट नहीं होनी है, लेकिन पर्यटन नगरी में राष्ट्रीय खेल के प्रचार की दृष्टि से वहां भी फैन पार्क चलाया जा रहा है।

कॉन्क्लेव में 12 को आएंगी मुक्केबाज निखत जरीन
कॉन्क्लेव में 12 फरवरी को भारतीय स्टार मुक्केबाज निखत जरीन आएंगी। इसके अलावा, जानी मानी एथलीट रह चुकी अश्विनी नचप्पा, चक दे इंडिया फेम पूर्व हॉकी खिलाड़ी मीर रंजन नेगी समेत कई विशेषज्ञों केे भी कॉन्क्लेव में कार्यक्रम तय किए गए हैं। देहरादून में यह कॉन्क्लेव 12 फरवरी तक आयोजित की जाएगी। 11 फरवरी को एक दिन हल्द्वानी में भी कॉन्क्लेव आयोजित की जाएगी।

राष्ट्रीय खेलों में खिलाड़ी अपना बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनके मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ताकि उन्हें हर लिहाज से एक अच्छा वातावरण मिले और वह खेलों में आगे बढ़ सकें।
-नीरज गुप्ता, नोडल अधिकारी, गेम्स ऑपरेशन।

हमारी कोशिश है कि देशभर से आए खिलाड़ी देवभूमि उत्तराखंड से बहुत अच्छे अनुभव लेकर के जाएं। इसी अनुरूप तमाम तरह की व्यवस्था की गई हैं। हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय खेल सभी खिलाड़ियों के विकास में सहायक साबित हों।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में स्पोर्ट़स इकोनॉमी की भी रहेगी अहम भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रेरक संबोधन और आधिकारिक उद्घोषणा के साथ ही मंगलवार शाम से उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग शुभारंभ हो गया है।
मंगलवार शाम को देहरादून में राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आयोजित उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड आज युवा ऊर्जा से और भी दिव्य हो उठा है, बाबा केदार, बद्रीनाथ जी, मां गंगा के शुभाशीष के साथ आज यहां नेशनल गेम्स शुरू हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये वर्ष उत्तराखंड के निर्माण का 25वां वर्ष भी है, इस खास अवसर पर इस युवा राज्य में देश के अलग- अलग हिस्सों से आए, हजारों युवा अपना सामर्थ्य दिखाने वाले हैं। इससे यहां एक भारत, श्रेष्ठ भारत की सुंदर तस्वीर नजर आ रही है। प्रधानमंत्री ने शानदार आयोजन के लिए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी टीम को बधाई दी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अब देश में सालभर कई खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं, खेलो इंडिया सीरीज में कई सारे नए टूर्नामेंट जोड़े गए हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स की वजह से युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का मौका मिला है। इसी तरह यूनिवर्सिटी गेम्स और पैरा ओलंपिक गेम्स से भी मौके बढ़े हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन पहले लद्दाख में खेलो इंडिया विंटर गेम्स का पांचवां संस्करण शुरु हुआ है। पिछले साल ही बीच गेम्स का भी आयोजन किया। सरकार के साथ ही भाजपा सांसद भी सांसद निधि से खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय क्षेत्र का उदाहरण देते हुए कहा कि अकेले काशी संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रही खेल प्रतियोगिता में हर साल करीब ढाई लाख युवाओं को खेलने का मौका मिल रहा है।

खेल से बढ़ती है देश की प्रोफाइल
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब कोई देश खेल में आगे बढ़ता है तो, देश की साख और प्रोफाइल भी बढ़ती है। इसलिए सरकार खेल को विकास से जोड़कर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी बडी आर्थिक शक्ति बन रहा है तो इसमें स्पोर्ट्स इकोनॉमी का भी अहम योगदान होने जा रहा है। इससे खिलाड़ी ही नहीं बल्कि सहायक स्टॉफ से लेकर मैन्यूफैक्चर तक जुड़े होते हैं। उन्होने कहा कि भारत खेल सामग्री उत्पादन का हब बनता जा रहा है। अकेले मेरठ में खेल सामग्री निर्माण की 35 हजार से अधिक यूनिट हैं, जहां तीन लाख लोग काम कर रहे हैं।

पीएम यानि परम मित्र
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते दिनों उनसे मिलने ओलंपिक टीम के सदस्य आए थे, उस दौरान एक खिलाड़ी ने पीएम की नई परिभाषा बताई, जिसके अनुसार खिलाड़ी पीएम को प्राइम मिनिस्टर नहीं बल्कि परम मित्र कह कर बुलाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि दस साल में खेल का बजट तीन गुना बढ़ गया है, टॉप स्कीम के तहत दर्जनों खिलाड़ियों पर सैकडों करोड़ रुपए का निवेश हो रहा है। देशभर में आधुनिक खेल सुविधाओं का विकास हो रहा है। देश की पहली खेल यूनिवर्सिटी मणिपुर में है। सरकार के प्रयासों का असर पदक तालिका के रूप में नजर आ रहा है। देश के साथ ही उत्तराखंड के खिलाड़ी भी मैडल जीत रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हॉकी के गौरवशाली दिन वापस लौट रहे हैं। कुछ दिन पहले ही खो – खो टीम ने वर्ल्ड कप जीता है। अब युवा खेल को प्रमुख कैरियर के रूप में अपना रहे हैं।

2036 में ओलंपिक आयोजन का प्रयास
प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे हमारे खिलाड़ी हमेशा बड़े लक्ष्य लेकर चलते हैं, वैसे ही हमारा देश भी बडे संकल्प लेकर आगे बढ़ रहा है। इसलिए भारत 2036 में ओलंपिक की मेजबानी का प्रयास कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जहां भी ओलंपिक होते हैं वहां अनेक सेक्टर को गति मिलती है। खिलाड़ियों के लिए बेहतर सुविधाए बनती हैं। ठीक ऐसे ही नेशनल गेम्स से यहां देवभूमि उत्तराखंड को अनेक लाभ मिलेंगे।

यूसीसी समानता के लिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि बाबा केदार के दर्शन के बाद उनके मुंह से अचानक ही निकला था, कि 21वीं सदी का ये दशक, उत्तराखंड के नाम होने जा रहा है। अब उन्हें खुशी है कि राज्य तेजी से इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कल ही उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला राज्य बन गया है। यूसीसी सही मायने में सेक्युलर सिविल कोड है, जो हमारी बेटियों, माताओं और बहनों के गरिमापूर्ण जीवन का आधार बनेगा। इससे लोकतंत्र की भावना भी मजबूत होगी। कहा कि जैसे हर मैडल के पीछे सबको साथ लेकर चलने की भावना छुपी होती है, यही भावना यूसीसी में भी है।

शीतकालीन यात्रा पर सरकार के प्रयासों को सराहा
उन्होंने राज्य सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि उत्तराखंड में पहली बार इतने बडे पैमाने पर नेशनल ईवेंट हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था सिर्फ चारधाम यात्रा पर ही निर्भर नहीं रह सकती है। इसी दिशा में उत्तराखंड ने अब शीतकालीन यात्रा को भी प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड उनका दूसरा घर है, इसलिए उनकी भी शीतकालीन यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शीतकाल के दौरान उत्तराखंड में युवाओं के लिए एडवेंचर टूरिज्म के लिए भी कई अवसर होते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों से भी शीतकालीन टूरिज्म का आनंद उठाने की अपील की। प्रधानमंत्री ने देशवासियों से फिटनेस पर ध्यान देने की अपील करते हुए मोटापे की समस्या के प्रति सचेत रहते हुए खान पान पर ध्यान देने की भी अपील की है। खासकर अपने खान पान में तेल की खपत कम करनी होगी।

दर्शकों की मोबाइल फ्लैश लाइट करवाई ऑन
प्रधानमंत्री ने नेशनल गेम्स की विधिवत शुरुआत करते हुए कहा कि वैसे तो ये उनका दायित्व है, लेकिन वो चाहते हैं कि स्टेडियम में मौजूद सभी लोग मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर, उनका साथ दें, जिस पर उपस्थित जन समुदाय ने मोबाइल की फ्लैश लाइट जलाकर प्रधानमंत्री का साथ दिया।

सीएम बोले – 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा भारत
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का देवभूमि उत्तराखंड वासियों की ओर से स्वागत करते हुए उत्तराखंड को राष्ट्रीय स्तर के इतने महत्वपूर्ण खेल आयोजन की जिम्मेदारी देने के लिए आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि इस 17 दिवसीय राष्ट्रीय खेल महाकुम्भ का आयोजन प्रदेश के 11 शहरों में किया जा रहा है, जिसमें देशभर के 10 हजार से अधिक खिलाड़ी 35 खेलों में प्रतिभाग कर रहे हैं। इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से इस बार के राष्ट्रीय खेलों का आयोजन ग्रीन गेम्स की थीम पर किया जा रहा है। इस आयोजन में सौर ऊर्जा का व्यापक प्रयोग किए जाने के साथ ही पूरे आयोजन में प्लास्टिक का उपयोग कम से कम किए जाने के भी प्रयास किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के कुशल नेतृत्व में हमारा देश वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित होने के लिए अपनी कमर कस चुका है। जहां एक ओर भारत शिक्षा, स्वास्थ्य, बाल विकास, महिला सशक्तिकरण आदि सामाजिक क्षेत्रों में प्रगति कर रहा है, वहीं साइंस एंड टेक्नोलॉजी, मैन्युफैक्चरिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट आदि क्षेत्रों में भी विश्व के बड़े-बड़े देशों को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी ने कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण, सी.ए.ए. कानून लागू करना, तीन तलाक की समाप्ति आदि देश के अधिकतर सभी बड़े संकल्पों को सिद्धि तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से इस वर्ष राज्य में शीतकालीन यात्रा का भी शुभारंभ किया गया है, जिससे एक ओर जहां राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा वहीं स्थानीय रोजगार और आर्थिकी को भी मजबूती मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का जो संकल्प लिया था, उसको पूर्ण कर दिया गया है। 27 जनवरी से राज्य में यूसीसी कानून लागू कर दिया गया है। ये ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन के बिना असंभव था।

38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल ले ज गुरमीत सिंह (सेवानिवृत्त), मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई हस्तियों की मौजूदगी में मंगलवार शाम से उत्तराखंड में आयोजित हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों का रंगारंग उद्घाटन हो गया है। इस मौके पर बॉलीवुड सिंगर जुबिन नौटियाल, पवनदीप राजन के साथ ही पांडवाज बैंड ने शानदार प्रस्तुतियों से समा बांधा।

तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोठी ठीक छह बजे, राष्ट्रीय खेलों का उद्घाटन करने, मैदान में पहुंचे। प्रधानमंत्री ने सबसे पहले गोल्फ कार्ट में स्टेडियम का राउंड लिया, गोल्फ कोर्ट पर उनके साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी थे। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों और दर्शकों का हाथ हिलाकर अभिवादन किया। जिस पर उपस्थित जनसमुदाय ने भी तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रधानमंत्री का स्वागत किया। करीब आधे घंटे तक चले सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद, उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष और सांसद डॉ पीटी ऊषा ने स्वागत भाषण दिया।

शानदार मार्च पास्ट से खिलाड़ियों ने दी सलामी
कार्यक्रम के मध्य भाग में खिलाड़ियों ने शानदार परेड निकाली, परेड का नेतृत्व सैनिक घोड़ाखाल की बैंड टीम ने किया। जिसके पीछे अलग – अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश की टीमें पंक्तिबद्ध होकर निकलीं। इसके बाद ओलंपियन शटलर लक्ष्य सेन ने मंच पर पहुंच कर तेजस्वनी मशाल प्रधानमंत्री को सौंपी। लक्ष्य सेन ने खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेलों की शपथ भी दिलाई। प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद, उत्तराखंड राज्य स्थापना के रजत जयंती वर्ष के क्रम में 2025 शंख बजाकर, जोरदार शंखनाद किया गया ।

खिलाडियों से मिले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री ने मंच पर ही अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उत्तराखंड के कई खिलाड़ियों से मुलाकात की। इसमें जसपाल राणा, मनीष रावत, लक्ष्य सैन, सुरेंद्र कनवासी-, हंसा मनरालशर्मा, नितेंद्र रावत, सुभाष राणा, मनोज सरकार शामिल रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को उत्तराखंड की प्रचलित टोपी पहनाई। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु भूषण खंडूड़ी, केंद्रीय युवा एवं खेल मामलों की राज्य मंत्री रक्षा निखिल खडसे, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा, राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट, राष्ट्रमंडल खेलों के अध्यक्ष क्रिस जेनकिंग्स प्रमुख रूप से उपस्थित हुए।

नेशनल गेम्स के बड़े मंच से तीन विषय और उत्तराखंड को बड़ी शाबासी

मंगलवार को यह बड़ा मंच राष्ट्रीय खेलों का था, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल विकास से जुड़ी कई अहम बातें कीं। मगर तीन ऐसे विषय भी उठाए, जिनमें उत्तराखंड के विशेष प्रयास हैं। प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड के इन प्रयासों को नए सिरे से रेखांकित करते हुए धामी सरकार की खुलकर सराहना की और शाबासी दी। यह तीन विषय थे-यूसीसी, शीतकालीन यात्रा और प्लास्टिक मुक्त अभियान।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना के बाद धामी सरकार के प्रयास देश-दुनिया तक और प्रभावी ढंग से पहुंचे हैं। एक दिन पहले उत्तराखंड में लागू समान नागरिक संहिता यानी यूसीसी का प्रधानमंत्री ने खास तौर पर जिक्र किया। खेल और यूसीसी में सबको साथ लेकर चलने की अंतर्निहित भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिलचस्प ढंग से जोड़ा।

हाल ही में शीतकालीन यात्रा के लिए जिस तरह से धामी सरकार ने पहल की है, उसे प्रधानमंत्री के पूर्ण समर्थन के खास मायने रहे। उत्तराखंड की स्थानीय आर्थिकी के व्यापक हितों के लिए शुरू की गई शीतकालीन यात्रा के संबंध में प्रधानमंत्री का यह वक्तव्य अहम रहा कि वह खुद इस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं। पिछले दिनों अपने दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री से भेंट कर उन्हें शीतकालीन यात्रा पर आने के लिए आमंत्रित भी किया था। यात्रा की ब्रांडिंग कर प्रधानमंत्री राज्य सरकार के प्रयासों को भी गति दे गए।

राष्ट्रीय खेलों की ग्रीन गेम्स की थीम पर प्रधानमंत्री प्रभावित नजर आए। ई-वेस्ट से पदक निर्माण, विजेता खिलाड़ियों के स्तर पर पौधरोपण जैसी पहल पर प्रधानमंत्री खूब बोले। उन्होंने इसके साथ ही, धामी सरकार के प्लास्टिक मुक्ति के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी खुलकर सराहा।

राष्ट्रीय खेल से मिली सौगात, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं के लिए मजबूत होगा दावा

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए दून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज में तैयार हो रही शूटिंग रेंज का आने वाले दिनों में जलवा कायम होने जा रहा है। टारगेट क्षमता के मामले में दिल्ली व भोपाल के बाद देश की तीसरे नंबर की यह शूटिंग रेंज बनने जा रही है। इस शूटिंग रेंज में 160 टारगेट स्थापित किए जा रहे हैं। इस शूटिंग रेंज की बदौलत उत्तराखंड आने वाले दिनों में राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग स्पर्धाओं के लिए मजबूत दावेदार बनकर उभर सकता है।

राष्ट्रीय खेलों में शूटिंग स्पर्धा के मुकाबले महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में होने हैं। इसके लिए शूटिंग रेंज का काम लगभग तैयार हो गया है। दस और 25 मीटर रेंज के 60-60 टारगेट यहां स्थापित किए जा रहे हैं, जबकि 50 मीटर रेंज के 40 टारगेट हैं। देश भर में सबसे बड़ी शूटिंग रेंज की बात करें, तो मोटे तौर पर दो ही नाम सामने आते हैं। एक दिल्ली की डा करनी सिंह शूटिंग रेंज और दूसरी भोपाल की एमपी शूटिंग रेंज। इनमें दिल्ली की शूटिंग रेंज में हर स्पर्धा के लिए 80-80 टारगेट की क्षमता है, जबकि भोपाल के मामले में टारगेट क्षमता 60-60 है।

भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के अनुसार देश के तमाम दूसरे स्थानों में शूटिंग रेंज की सुविधाएं तो हैं, लेकिन उनकी क्षमता दिल्ली व भोपाल की तरह नहीं है। अब देहरादून भी शूटिंग रेंज की टारगेट क्षमता के मामले में दिल्ली, भोपाल के बराबर में खड़ा होने जा रहा है। यह स्थिति उत्तराखंड के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। तमाम राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाएं उत्तराखंड में अब सफलतापूर्वक कराई जा सकती हैं।

25 मीटर रेंज में दिल्ली से आगे निकल सकता है दून

दिल्ली की डा करनी सिंह शूटिंग रेंज में 25 मीटर की स्पर्धा के लिए 60 टारगेट की क्षमता है। 38 वें राष्ट्रीय खेलों में दून की शूटिंग रेंज में भी इस स्पर्धा के लिए 60 टारगेट फिक्स किए जा रहे हैं, लेकिन इस रेंज की संपूर्ण क्षमता 65 टारगेट की हैं। यानी दून की इस शूटिंग रेंज में आने वाले दिनों में यदि आवश्यकता पड़ती है, तो 65 टारगेट फिक्स किए जा सकते हैं। भारतीय शूटिंग टीम के असिस्टेंट कोच अरूण सिंह के अनुसार-पेरिस ओलंपिक में जिन टारगेट का प्रयोग हुआ था, उसी मानक वाले टारगेट यहां फिक्स किए जा रहे हैं। इससे सौ फीसदी सटीक स्कोरिंग संभव हो पाएगी।

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न सिर्फ शूटिंग, बल्कि अन्य खेलों में भी मजबूत आधारभूत ढांचा विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से देवभूमि की एक पहचान खेल भूमि के रूप में भी बनेगी। हमारे खिलाड़ी दुनिया में और चमकेंगे। साथ ही, हम बड़ी स्पर्धाओं को आयोजित करने में भी सक्षम साबित होंगे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

खेल विभाग के स्तर पर तैयार हो रहे लेगेसी पॉलिसी के ड्राफ्ट में खेल अकादमी का प्रस्ताव

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए अवस्थापना सुविधाओं के व्यापक विस्तार के बाद अब उसके दीर्घकालिक उपयोग को लेकर भी काम शुरू हो गया है। जहां-जहां खेल सुविधाएं बढ़ाते हुए आधारभूत ढांचे तैयार हो रहे हैं, वहां खेल अकादमी खोलने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। ताकि राष्ट्रीय खेलों के बाद भी खेल गतिविधियां बेहतर ढंग से संचालित होती रहें। खेल विभाग के स्तर पर तैयार किए जा रहे लेगेसी पॉलिसी के ड्राफ्ट में खेल अकादमी के प्रस्ताव को शामिल किया जा रहा है। मंजूरी के लिए इसे जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

उत्तराखंड में खेलों के लिए इन दिनों व्यापक स्तर पर आधारभूत ढांचा तैयार किया जा रहा है। देश-विदेश से अत्याधुनिक उपकरण मंगवाए गए हैं। कई खेल उपकरण अंतरराष्ट्रीय मानक वाले हैं। इस बीच, यह भी विचार किया गया है कि राष्ट्रीय खेलों के बाद अवस्थापना सुविधाओं का संचालन किस तरह से किया जाएगा। रांची समेत देश के कई जगहों के उदाहरण सामने हैं, जहां पर राष्ट्रीय खेल समाप्त होने के बाद आधारभूत ढांचे का सही इस्तेमाल नहीं किया जा सका। नतीजतन, देख-रेख के अभाव में महंगे उपकरण खराब हो गए और आधारभूत ढांचा उपयोगी साबित नहीं हो पाया।

उत्तराखंड ने दूसरे राज्यों के अनुभवों से सबक लिया है। राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के बीच ही लेगेसी पॉलिसी के ड्राफ्ट पर भी तेजी से काम चल रहा है। विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा के अनुसार-खेल अवस्थापना सुविधाओं का उत्तराखंड को लंबे समय तक लाभ मिलता रहे, इसलिए लेगेसी पॉसिली का ड्राफ्ट तैयार कराया जा रहा है। कोशिश ये ही है कि जल्द से जल्द इसे तैयार कर इसकी मंजूरी ले ली जाए।

इसलिए जरूरी हैं खेल अकादमी

देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम व कॉलेज से लेकर खटीमा, हरिद्वार, हल्द्वानी समेत तमाम शहरों में खेल अवस्थापना सुविधाएं व्यापक स्तर पर बढ़ी हैं। राष्ट्रीय खेलों के बाद इन जगहों पर आधारभूत ढांचे और अत्याधुनिक उपकरणों की देख-रेख के लिए खेल अकादमी को जरूरी माना जा रहा है। इसके साथ ही, खेल अकादमी शुरू होने के बाद खिलाड़ियों के लिए संबंधित खेलों में प्रशिक्षण लेने की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी। विभाग को खेल अकादमी संचालित करने के लिए प्रशिक्षण और प्रबंधन से जुड़े मानव संसाधन की आवश्यकता पडे़गी।

राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखंड में खेल अवस्थापना सुविधाओं का बडे़ स्तर पर विस्तार हो रहा है। महत्वपूर्ण बात यह है कि खेल सुविधाएं किसी एक जगह पर नहीं, बल्कि प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर बढ़ने जा रही हैं। यह उत्तराखंड के खेल विकास के लिए अति महत्वपूर्ण कदम है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खेल अवस्थापना सुविधाओं से खिलाड़ियों को लगातार लाभ मिलता रहे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

होटल कारोबार को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह का लाभ मिलना तय

राष्ट्रीय खेलों से खेल विकास की प्रबल संभावनाओं के बीच होटल इंडस्ट्री भी झूम उठी है। दून-हरिद्वार से लेकर खटीमा-पिथौरागढ़ तक के होटल राष्ट्रीय खेलों के लिए आरक्षित हो गए हैं। उत्तराखंड के 12 शहरों में खिलाड़ियों और अन्य तमाम लोगों को रूकवाने की व्यवस्था की गई है। होटल इंडस्ट्री की बेहतरी के लिए इस स्थिति को शुभ संकेत माना जा रहा है। उत्तराखंड के होटल कारोबारी उत्साहित हैं। तात्कालिक लाभ तो उन्हें मिल ही रहा है, दीर्घकालिक लाभ की भी वे उम्मीद कर रहे हैं।

38 वें राष्ट्रीय खेलों में दस हजार से ज्यादा खिलाड़ी उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। खेलों से संबंधित अन्य अफसर व स्टाफ अलग हैं। इन सभी के लिए राष्ट्रीय खेल सचिवालय के स्तर पर होटलों में रूकने का इंतजाम कराया गया है। इसके अलावा, जिस तरह की सूचनाएं मिल रही हैं, उसमें खिलाड़ियों के रिश्तेदार व अन्य लोग भी अपने स्तर से होटलों में कमरों की बुकिंग करा रहे हैं। उत्तराखंड में कड़कड़ाती सर्दी के बीच राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होटल इंडस्ट्री को गरमी प्रदान कर रहा है। भीमताल-टनकपुर के होटल कारोबारी हों या फिर कोटी कालोनी टिहरी के होटल व्यवसायी, राष्ट्रीय खेलों की वजह से सबकी आंखों में चमक आ रही है।

हल्द्वानी होटल एवं रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज जायसवाल का मानना है कि राष्ट्रीय खेल होटल वालों के लिए भी बड़ा अवसर है। हम मेहमानों को अच्छी सर्विस देंगे, ताकि वे अच्छी स्मृतियां लेकर उत्तराखंड से जाएं और हमारे होटलों का नाम पूरे देश तक फैले। दून होटल एसोसिएशन के उपाध्यक्ष राजेश भारद्वाज को राष्ट्रीय खेलों से होटल इंडस्ट्री को तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों तरह के फायदे मिलते दिखते हैं। भारद्वाज का कहना है कि इस आयोजन से होटल इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी।

होटलों में कमरों की स्थिति

शहर आवश्यकता
देहरादून 2431
हल्द्वानी 1221
हरिद्वार 556
रुद्रपुर 553
शिवपुरी ऋषिकेश 402
कोटी कालोनी टिहरी 226
अल्मोड़ा 147
पिथौरागढ़ 129
नैनीताल 113
खटीमा 118
टनकपुर 85
भीमताल 62

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन न सिर्फ खेलों, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी उत्तराखंड को आगे बढ़ाने वाला साबित होगा। यह आयोजन हम सभी का है। हमारी कोशिश है कि देशभर से आने वाले खिलाड़ी उत्तराखंड में आकर अच्छा अनुभव करें। उत्तराखंड के हर एक व्यक्ति से अपील है कि वे राष्ट्रीय खेलों में अपना-अपना योगदान सुनिश्चित करें।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

राष्ट्रीय खेलों से उत्तराखंड की होटल इंडस्ट्री को देशभर में एक्सपोजर मिलेगा। इसके दीर्घकालिक फायदे में ज्यादा देखता हूं। सबसे अहम बात राष्ट्रीय खेलों का उत्तराखंड में होना है। ऐसे में इंडस्ट्री से जुड़े हर व्यक्ति की यह जिम्मेदारी है कि देशभर से आने वाले लोगों को वह अच्छी सेवाएं दें। ताकि पूरे देश में उत्तराखंड का नाम हो।
– पंकज गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड।

राष्ट्रीय खेलः नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के माध्यम से मिलेंगे खेल स्वयंसेवक

राष्ट्रीय खेलों में 1200 विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की भी तैनाती की जाएगी। नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के स्तर पर उत्तराखंड को यह स्वयंसेवक उपलब्ध कराए जाएंगे। उत्तराखंड अपने स्तर से भी करीब 2300 सामान्य स्वयंसेवकों को चयनित करने जा रहा है। विशिष्ट खेल स्वयंसेवक इनसे अलग होंगे। हालांकि सामान्य स्वयंसेवकों के साथ ही इन्हें भी व्यवहार और शिष्टाचार की ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी।

उत्तराखंड राष्ट्रीय खेलों के 38 वें संस्करण की मेजबानी कर रहा है। यह आयोजन 28 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। तमाम तरह की व्यवस्थाओं को बनाने के लिए दो तरह के स्वयंसेवक अपना योगदान करेंगे। इसमें से सामान्य स्वयंसेवकों की भर्ती की प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है। 30 हजार से ज्यादा लोगों ने स्वयंसेवक बनने के लिए रजिस्ट्रेशन किया है। इन सभी को ऑनलाइन ट्रेनिंग दी गई है। ऑनलाइन परीक्षा भी ली गई है। इसके परिणाम के आधार पर ही स्वयंसेवक भर्ती किए जाएंगे।

राष्ट्रीय खेल सचिचालय के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत आर्या के अनुसार-सामान्य स्वयंसेवकों के अलावा विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की भी तैनाती की जाएगी। नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया के माध्यम से ये स्वयंसेवक उत्तराखंड को प्राप्त होंगे, जिनकी विभिन्न स्थानों पर तैनाती की जाएगी।

विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों की ये है विशिष्टता

नेशनल फेडरेशन स्पोर्ट्स ऑफ इंडिया इन विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों को उपलब्ध कराता है। खेल पृष्ठभूमि वाले इन स्वयंसेवकों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता का अनुभव होता है। सामान्य स्वयंसेवकों को जहां पार्किंग, मेहमानों को लाने-ले जाने संबंधी अन्य सामान्य व्यवस्थाओं में उपयोग किया जाता है, वहीं विशिष्ट स्वयंसेवकों को खेल से सीधे जुड़ी व्यवस्थाओं में जिम्मेदारी दी जाती है। स्वयंसेवकों से संबंधित कार्य देख रहे प्रतीक जोशी के अनुसार-विशिष्ट खेल स्वयंसेवकों को प्रतिदिन एक हजार रूपये मानदेय दिया जाएगा। सामान्य स्वयंसेवक का प्रतिदिन का मानदेय पांच सौ रूपये तय किया गया है।

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड पूरी तरह से तैयार है। यह खुशी की बात है कि हर वर्ग राष्ट्रीय खेलों से किसी न किसी रूप में जुड़ने के लिए तैयार है। खेलों का यह बहुत बड़ा उत्सव है, जो कि उत्तराखंड में खेल विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण साबित होगा।
– पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार।

मुख्यमंत्री ने चकरपुर, खटीमा में नव निर्मित वन चेतना केंद्र स्पोर्ट्स स्टेडियम का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चकरपुर, खटीमा में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए ₹ 1615.62 लाख की लागत नव निर्मित वन चेतना केंद्र स्पोर्ट्स स्टेडियम का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित स्टेडियम के उद्घाटन पर सभी क्षेत्रवासियों को शुभकामना देते हुए कहा कि 2017 में खटीमा के विधायक के रूप में उन्होंने इस स्टेडियम की घोषणा की थी। हालांकि, कई बाधाओं के चलते उनके विधायक रहते हुए इस स्टेडियम का कार्य पूर्ण नहीं हो सका था। लेकिन प्रदेश के मुख्य सेवक के रूप में उन्हें इसका शुभारंभ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ, जो उनके लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा ये स्टेडियम क्षेत्र के युवाओं को खेल का मंच प्रदान करेगा, जहाँ वे अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे और उसके माध्यम से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खटीमा सहित पूरे राज्य का गौरव बढ़ा सकेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवनिर्मित स्टेडियम आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। जहां बास्केटबॉल, फुटबॉल, वालीबॉल, कबड्डी जैसे खेलों के मैदानों का निर्माण कराया गया है, साथ ही खिलाड़ियों के ठहरने के लिए हॉस्टल और इनडोर कार्यक्रमों के लिए बहुउद्देश्यीय हॉल का भी निर्माण किया गया है। नए स्टेडियम में आगामी राष्ट्रीय खेलों की मलखंभ प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलो के आयोजन से क्षेत्र के युवाओं में खेलों के प्रति रुचि और उत्साह को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल, युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए महत्वपूर्ण होने के साथ ही युवाओं में अनुशासन, टीमवर्क और संघर्षशीलता जैसे गुणों का भी विकास करता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के प्रारंभ से ही ‘खेलो इंडिया’ और ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से देश में खेल संस्कृति को प्रोत्साहित करने की मजबूत नींव रखी है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत खेलों के क्षेत्र में भी नई ऊंचाइयों को छू रहा है तथा वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार प्रदेश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। सरकार द्वारा प्रदेश में नई खेल नीति के अंतर्गत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पदक विजेताओं को सरकारी नौकरी, आवासीय स्पोर्ट्स कॉलेजों के खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण और शिक्षा तथा खेल-छात्रवृत्ति जैसी सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं। मुख्यमंत्री खेल विकास निधि, मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने का काम भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खिलाड़ियों के लिए 4 प्रतिशत आरक्षण और पुरस्कार राशि को दोगुना करने जैसे कदम भी उठाए हैं। उन्होंने कहा कि हम शीघ्र ही राज्य में एक खेल विश्वविद्यालय भी स्थापित करने जा रहे हैं, जो खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण और सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आज देवभूमि और वीरभूमि के साथ-साथ खेलभूमि के रूप में भी अपनी पहचान बना रहा है। आगामी 28 जनवरी से हमारे राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होने जा रहा है। इस बार, हम राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन खेलों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा मुझे पूर्ण विश्वास है कि राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमारे प्रदेश के युवाओं में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की जनता से वादा करते हुए कहा कि इस बार के राष्ट्रीय खेल न केवल ऐतिहासिक होंगे, बल्कि खेलों के क्षेत्र में उत्तराखंड की साख को विश्वस्तरीय रूप देने में भी सफल रहेंगे। उन्होंने कहा खटीमा उनका घर है, यहीं से उन्होंने अपनी जनसेवा की यात्रा आरंभ की थी, और इस क्षेत्र की प्रत्येक गली, प्रत्येक गाँव उनके दिल के करीब है। उन्होंने कहा कि खटीमा की माटी और यहाँ के लोगों से उन्हें हमेशा ऊर्जा और प्रेरणा मिली है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने खटीमा में स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल से लेकर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गदरपुर और खटीमा बाईपास का निर्माण, नए हाईटेक बस स्टैंड का निर्माण कार्य, खटीमा को अन्य क्षेत्रों से जोड़ने वाली सड़कों के चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण का कार्य जैसे अनेकों कार्य इस क्षेत्र में हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश एवं खटीमा क्षेत्र के विकास में आगे भी कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। राज्य सरकार सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के अपने विकल्प रहित संकल्प के आधार पर निरंतर कार्य कर रही है।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने मलखम्ब खिलाड़ियों से संवाद किया व उनके खेल प्रतिभा को देख उनकी उसकी सराहना की।

इस अवसर पर विधायक खटीमा भुवन चंद कापड़ी, दर्जा मंत्री अनिल कपूर डब्बू, जिलाध्यक्ष भाजपा कमल जिंदल, पूर्व विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा, पूर्व दर्जामंत्री राजपाल सिंह, विवेक सक्सेना, गिरीश जोशी, भैरव दत्त पाण्डे, जीवन धामी, कैलाश चंद्र, अमित पाण्डे, जिलाधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, निदेशक खेल प्रशांत आर्या, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।