बजट के खास प्रावधानों पर एक नजर…

बजट केवल एक वार्षिक वित्तीय दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा, नीतियों और सामाजिक कल्याण पहलों को आकार देने का एक शक्तिशाली साधन है।

बजट 2025-26 का आकार लगभग ₹1,01,175.33 करोड़ है। यह 2024-25 के अनुमान ₹89,230.07 करोड़ से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। पहली बार ₹1 लाख करोड़ से अधिक का बजट प्रस्तुत करने का सौभाग्य हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है। राज्य गठन के उपरान्त 2001-02 में ₹4,506 करोड़ का बजट पेश किया गया था। इस प्रकार 24 वर्षों में लगभग 24 गुना बजट हमने आज प्रस्तुत किया है।

लगभग 16.68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ इस बजट में ₹16,961.32 करोड़ का प्रावधान जेंडर बजट में किया गया है।

इकॉलोजी, इकोनामी, इनोवेशन, टेक्नालॉजी, सस्टेनेबल व इन्क्लूजिव डेवलवपमेंट तथा एकाउन्टेबिलिटी के व्यापक फ्रेमवर्क को ध्यान में रखते हुए हम कार्य कर रहे हैं।
सरलता, समाधान और निस्तारीकरण द्वारा विकास के अवरोध दूर कर रहे हैं।
हम ध्येय पथ पर बढ़ रहे हैं।

इस बजट में हम नई अनेक नई योजनाएं लेकर आये हैंः-

वेंचर फंड की स्थापना
रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट परियोजना
प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद
यू.आई.आई.डी.बी. को परामर्शी सेवाओं एवं सर्विस सेक्टर सब्सिडी
रेणुका जी बांध परियोजना मे राज्य की अंशपूंजी
स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत इलेक्ट्रिक बसों के संचालन
खेल विश्वविद्यालय की स्थापना
होमगार्ड कल्याण कोष
मादक पदार्थों से सम्बन्धित अभियोग में कार्यवाही के लिए पुलिस कर्मियों आदि के उत्साहवर्धन हेतु रिवाल्विंग फंड की स्थापना,
सैनिक विश्राम गृहों की साज सज्जा
यह बजट N, A, M, O (नमो) यानि नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है।

नमो का प्रथम बिन्दु N अर्थात नवाचार के प्रतीक अनेक बिन्दु जैसे परिवार पहचान पत्र, पेपरलेस रजिस्ट्रेशन, बायोमैट्रिक आधारित आधार प्रमाणीकरण, फायर हाइड्रेन्ट मशीन, स्मार्ट मीटर, साईंस सॅन्टर, स्मार्ट क्लास के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

नमो के दूसरे बिन्दु Aअर्थात आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड के लिए बजट में “सप्तऋषि“ की अवधारणा दी गयी हैः कृषि, उद्योग, ऊर्जा, अवसरंचना, संयोजकता, पर्यटन तथा आयुष। ये ’सप्तऋषि आधुनिक उत्तराखण्ड के हमारे ग्रोथ इंजन हैं।

नमो के तीसरे बिन्दु M अर्थात महान विरासत के संरक्षण के लिए अनेक पहल हमारी सरकार ने की हैः-

शीतकालीन यात्रा, आदि कैलाश, ओम पर्वत आदि पवित्र स्थानों के लिए सड़क संयोजकता को सुगम बनाना, गोविंद घाट से घांघरिया मार्ग का नाम साहिबजादे जोरावर सिंह, बिडौरा छेवी पातशाही गेट से धूमखेड़ा मार्ग का नाम साहिबजादे फतेह सिंह मार्ग किए जाने की स्वीकृति आदि।

हरिद्वार और ऋषिकेश के पुनर्विकास, शारदा रिवर फ्रंट और इसके निकटवर्ती क्षेत्रों का विकास, कांवड़ मेले के आयोजन, अर्द्धकुम्भ मेले की प्रारम्भिक तैयारी, ऋषिकेश में हिमालयन संग्रहालय की स्थापना हेतु विभिन्न मेलों के आयोजन, संस्कृत पाठशालाओं व विश्वविद्यालय को अनुदान आदि हेतु बजट प्रावधान किये गये हैं।

संस्कृति के पावन मूल्यों की रक्षा,
प्रदेश का भविष्य उज्जवल करना
तथा विकास भी और विरासत भी
के सिद्धांत पर अडिग रहना
यह हमारी कार्यनीति है।
इसका परिलक्षण इस बजट में होता है।

नमो के चौथे बिन्दु O अर्थात ओजस्वी मानव संसाधन के लिए हमारी पहल –

उत्तराखण्ड वेंचर फंड की स्थापना, उद्यमिता को प्रोत्साहन, कृषकों को प्रोत्साहन, खेल सुविधाओं का विकास, खिलाड़ियों को प्रोत्साहन, देवभूमि उद्यमिता योजना, छात्रवृत्तियां, शैक्षिक भ्रमण कार्यक्रम, प्रशिक्षण तथा साइंटिफिक टेम्परामेंट को प्रोत्साहन आदि।

केवल सरकार के प्रयास से नहीं, जागृत जनता और ओजस्वी जनता से बनेगा विकसित उत्तराखण्ड ।
इस बजट में समावेशी व समग्र विकास के दृष्टिकोण से ज्ञान (GYAN) अर्थात गरीब, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केन्द्र में रखा गया है।

गरीब कल्याण हेतु बजटीय प्रावधानः-

सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत विभिन्न पेंशन योजनाओं हेतु लगभग ₹1,811.86 करोड़
विभिन्न योजनाओं में सब्सिडी हेतु लगभग ₹918.92 करोड़
अन्नपूर्ति योजना ₹600.00 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु लगभग ₹207.18 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) हेतु लगभग ₹54.12 करोड़
EWS आवासों हेतु अनुदान ₹25.00 करोड़
परिवहन निगम की बसों में निर्धारित श्रेणी के यात्रियों हेतु निःशुल्क यात्रा की सुविधा हेतु ₹40.00 करोड़
राज्य खाद्यान योजना हेतु ₹10.00 करोड़
सस्ती दरों पर नमक उपलब्ध कराने हेतु लगभग ₹34.36 करोड़
निर्धन परिवारों हेतु रसोई गैस पर अनुदान हेतु ₹55.00 करोड़

“युवा शक्ति“ हेतु महत्वपूर्ण वित्तीय प्रावधानः-

टाटा टैक्नोलॉजी मॉडल के अनुसार आईटीआई का उन्नयन हेतु कुल ₹63.00 करोड़
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत प्रतिपूर्ति हेतु लगभग ₹178. 83 करोड़
9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों के लिए निःशुल्क पाठ्य पुस्तक हेतु लगभग ₹59.41 करोड़
कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों हेतु निःशुल्क जूता एवं बैग की व्यवस्था हेतु ₹23.00 करोड़
विद्यालयी शिक्षा छात्रवृत्ति हेतु ₹15.00 करोड़
उच्च शिक्षा छात्रवृति हेतु ₹15.00 करोड़
उदीयमान खिलाडियों को छात्रवृत्ति हेतु ₹10.00 करोड़
बालिका शिक्षा प्रोत्साहन (साईकिल) योजना हेतु ₹15.00 करोड़
साइन्स सिटी एवं विज्ञान केन्द्रों हेतु लगभग ₹26.64 करोड़
विज्ञान केन्द्र चम्पावत हेतु ₹10.00 करोड़
खेल महाकुम्भ के आयोजन हेतु ₹15.00 करोड़
युवा महोत्सव के आयोजन हेतु रू0 5.00 करोड़
मुख्यमंत्री युवा मंगल दल स्वावलम्बन योजना हेतु रू0 5.00 करोड़
अन्नदाता हेतु प्रमुख बजटीय प्रावधानः-
दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजनान्तर्गत समग्र रूप से ₹85.00 करोड़
किसान पेंशन योजनान्तर्गत समग्र रूप से लगभग ₹4218 करोड़
हाउस ऑफ हिमालयाज के अन्तर्गत ₹15.00 करोड़
मिशन एप्पल योजना अन्तर्गत ₹35.00 करोड़
साईलेज आदि हेतु समग्र रूप से ₹40.00 करोड
दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना हेतु समग्र रूप से ₹30.00 करोड़
मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजनान्तर्गत ₹25.00 करोड़
मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु समग्र रूप से ₹12.43 करोड़
मिलेट मिशन योजना के प्रोत्साहन हेतु ₹4.00 करोड़
स्थानीय फसलों को प्रोत्साहन कार्यक्रम हेतु लगभग ₹5.75 करोड़
नेशनल मिशन फॉर नेचुरल फार्मिंग योजना हेतु समग्र रूप से लगभग ₹3.22 करोड़

नारी कल्याण को समर्पित प्रमुख बजटीय प्रावधान-
नन्दा गौरा योजनान्तर्गत लगभग ₹157.84 करोड़
मुख्यमंत्री बाल पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹29.91 करोड़
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजनान्तर्गत लगभग ₹22.82 करोड़
मुख्यमंत्री वात्सल्य योजनान्तर्गत लगभग ₹18.88 करोड़
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजनान्तर्गत लगभग ₹13.96 करोड़
मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजनान्तर्गत ₹14.00 करोड़
मुख्यमंत्री बाल एवं महिला बहुमुखी विकास निधि हेतु ₹8.00 करोड़
निराश्रित विधवाओं की पुत्रियों के विवाह हेतु ₹5.00 करोड़
मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक मेधावी बालिका प्रोत्साहन योजनान्तर्गत लगभग ₹3.76 करोड़
मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना हेतु ₹5.00 करोड़
महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनांतर्गत ₹5.00 करोड़
ईजा-बोई शगुन योजना हेतु लगभग ₹14.13 करोड़

अक्सर बढ़ते हुए ऋण बोझ के कारण सरकार निशाने पर रहती थी। हमने वित्तीय प्रबन्धन पर जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि राज्य के स्वंय के संसाधनों से आय बढे तथा केन्द्र पोषित योजनाओं तथा बाड्य सहायतित योजनाओं में निर्वाध रूप से भारत सरकार से धनराशि प्राप्त की जा सके। इस हेतु लगातार समीक्षाए की जा रही हैं। समय पर उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं तथा सार्वजनिक व्यय में वृद्धि हो रही है।

हम उत्तराखण्ड के सुनहरे भविष्य के लिए जहा एक ओर निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रयत्नशील हैं वहीं इस बात का भी ध्यान रख रहे हैं कि राज्य अनावश्यक ऋण के बोझ से न दबे।
पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन में अभिवृद्वि राज्य की शीर्ष प्राथमिकता है। पहली बार हमारी सरकार की कार्यकाल में ₹10 हजार करोड से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हुआ है। पूंजीगत परिव्यय में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करते हुए वर्ष 2023-24 में ₹10982 करोड़ के रिकार्ड को प्राप्त किया था।
इस वर्ष अभी तक ₹7 हजार करोड़ से अधिक का पूंजीगत परिव्यय हो गया है।

वर्ष 2025-26 के लिए बजट में लगभग 7 प्रतिशत वृद्धि करते हुए ₹4,763.13 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

आधारभूत अवसंचना को समर्पित अनेक महत्वपूर्ण प्रावधान इस बजट में हैं-
जमरानी बांध परियोजना हेतु ₹625.00 करोड़
सौंग परियोजना हेतु ₹75.00 करोड़
लखवाड़ परियोजना हेतु ₹285.00 करोड़
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता (SASCI ₹1,500.00 करोड़
जल जीवन मिशन हेतु समग्र रूप से ₹1,843.44 करोड़
नगरीय पेयजल / जलोत्सारण योजना का निर्माण हेतु ₹100.00 करोड़
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास योजनार्न्न्तगत ₹60.00 करोड़
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में विकास सम्बन्धी निर्माण कार्य हेतु ₹8.00 करोड़
लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत पूंजीगत मद में लगभग ₹1,268.70 करोड़ तथा अनुरक्षण के लिए लगभग ₹900 करोड़
ग्राम्य विकास के अन्तर्गत पीएमजीएसवाई हेतु ₹1,065.00 करोड़

अन्य प्रमुख योजनाओं में बजटीय प्रावधानः-
यूनीफार्म सिविल कोड(UCC) हेतु ₹30.00 करोड़
परिवार पहचान पत्र योजना हेतु लगभग ₹10.28 करोड़
राज्य आन्दोलनकारियों को पेंशन हेतु ₹48.00 करोड़
गौ सदनों एवं निराश्रित पशुओं हेतु ₹70.00 करोड़
गैरसैंण में अवस्थापना कार्य हेतु ₹20.00 करोड तथा गैरसैंण विकास परिषद को अनुदान हेतु ₹5.00 करोड़
अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना हेतु ₹550.00 करोड़
राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम व राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन हेतु समग्र रूप से लगभग ₹989.74 करोड़
ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना अन्तर्गत ₹150.00 करोड़
स्प्रिंग एण्ड रिवर रेजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) के अन्तर्गत कुल ₹127. 00 करोड़
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना हेतु ₹60.00 करोड़
मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना हेतु ₹10.00 करोड़

सतत और समावेशी विकास करना हमारी प्राथमिकता है। आदरणीय प्रधानमंत्री ने यह कहा है कि यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उनके प्रेरणादायी शब्द हमें निरन्तर और बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।

हमने यह निश्चय किया है कि हम देवभूमि उत्तराखण्ड को एक प्रगतिशील, उन्नत एवं हर क्षेत्र में आदर्श राज्य बनायेंगें। गत 24 वर्षों में राज्य ने कई उपलब्धिया प्राप्त की है. किन्तु अभी हमें बहुत आगे जाना है तथा इस प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाना है। मुझे विश्वास है कि आप सभी के सहयोग एवं विकल्प रहित संकल्प से हम इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होंगें।

हम राजनीति नहीं अपितु राष्ट्रनीति को सर्वोपरि मानते हैं। इसीलिए राजनीतिक रूप से लाभ-हानि की चिंता किये बगैर हम प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अथक कार्य कर रहे हैं। बड़े स्केल व अधिक स्पीड पर काम कर रहें हैं। जनता की आशाओं और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य कर रहे हैं। जनता के आदेश को शिरोधार्य कर रहें हैं।

विकसित उत्तराखण्ड तथा इस दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हमारे प्रयासों को इस बजट से गति मिलेगी।

निर्मल पावन भावना है
देवभूमि की समृद्धि की कामना है।

बजट, राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बजट पेश होने के उपरान्त मीडिया से औपचारिक वार्ता करते हुए उत्तराखण्ड के रजत जयंती वर्ष में ऐतिहासिक बजट पेश करने के लिए वित्त मंत्री और पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि बजट राज्य सरकार की प्राथमिकताओं और संकल्पों को प्रस्तुत करता है। जो सरकार की भविष्य की योजनाओं को प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य निर्माण के रजत जयंती वर्ष में बजट के आकार ने 1 लाख करोड़ को पार किया है। पिछले बजट की तुलना में इस वर्ष के बजट में 13 प्रतिशत वृद्धि हुई है। उत्तराखण्ड राज्य के प्रथम बजट से इस बार का बजट 24 गुना अधिक है। बजट इकोलॉजी, इकोनोमी, इनोवेशन, इन्क्लूसिव और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और एकाउंटेबिलिटी को ध्यान में रख कर बनाया गया है। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखण्ड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के उत्साहवर्धन के लिए रिवाल्विंग फंड की स्थापना जैसी अनेक नए पहलुओं को इसमें सम्मिलित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट (नमो) अर्थात नवाचार, आत्मनिर्भर उत्तराखंड, महान विरासत व ओजस्वी मानव संसाधन की थीम पर आधारित है। उन्होंने कहा कि बजट में राज्य के समावेशी एवं समग्र विकास के लिए (ज्ञान) अर्थात गरीब कल्याण, युवा, अन्नदाता एवं नारी कल्याण को केंद्र में रखा गया है। राज्य सरकार ने इस बजट में वित्तीय प्रबंधन पर भी विशेष जोर दिया है। उन्होंने कहा हम अपने संसाधनों से राज्य की आय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। बजट में शिक्षा, ग्रामीण विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर, चिकित्सा, उद्योग आदि क्षेत्रों के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूल मंत्र के अनुरूप बजट है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने बाबा केदार के धाम से कहा था कि इस सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा, इसी को ध्येय लेकर बजट में इस संकल्प की प्राप्ति के लिए प्रयास किए गए हैं, जो आने वाले समय में राज्य के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह बजट आदर्श उत्तराखंड बनाने तथा उत्तराखण्ड को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाने के संकल्प को पूरा करेगा।

आपदाओं से बचाव के लिए व्यापक जन जागरूकता जरूरी-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को यूएसडीएमए के नव वर्ष 2025 के कैलेंडर (वॉल तथा टेबल टॉप) का विमोचन किया। उन्होंने चम्पावत, रुद्रप्रयाग, चमोली और ऊधमसिंहनगर जनपद के लिए सीएसआर मद में प्राप्त 4 पिकअप वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया। इन वाहनों में टैंट, स्लीपिंग बैग, लीफलेट तथा कैलेण्डर रवाना किए गए। इन फॉर बाय फॉर पिक अप वाहनों में 1-1 मिनी जनरेटर, 15 स्लीपिंग बैग एवं 70 टैंट तथा आकाशीय बिजली से बचाव हेतु 9500 लीफलेट एवं 40-40 नव वर्ष कैलेण्डर उपरोक्त प्रत्येक जनपद को भेजे गए। यह वाहन तथा अन्य उपकरण जनपदों में आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों के लिए उपयोगी साबित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा आपदाओं का सामना करने के लिए जन जागरूकता बहुत जरूरी है। जागरूकता, सजगता और सतर्कता से आपदा से नुकसान को काफी कम किया जा सकता है। यदि लोग आपदाओं के प्रकार, उनके प्रभाव और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक होंगे, तो वे अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए सही कदम उठा सकेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा यूएसडीएमए को नव वर्ष कैलेण्डर में ऋतु अनुसार विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता सामग्री प्रकाशित किए जाने के निर्देश दिए गए थे। उनके निर्देश पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा विभिन्न माध्यमों से आपदाओं से बचाव के लिए जागरूकता संदेशों तथा सामग्री का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सोशल मीडिया के माध्यम से नियमित तौर पर आपदाओं से सुरक्षा संबंधी पोस्ट, एनीमेटेड वीडियोज को प्रसारित किया जा रहा है। विभिन्न आपदाओं से बचाव हेतु जन सामान्य को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तथा क्या-क्या एहतियात बरतने चाहिए, इन्हें लेकर लीफलेट्स मुद्रित किए गए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के स्कूलों में प्राथमिक स्तर से ही पाठ्यक्रम में आपदा प्रबंधन विषय को शामिल किये जाने के अनुपालन में यूएसडीएमए के स्तर पर एक कमेटी गठित की गई है। बच्चे यदि आपदाओं के प्रति जागरूक रहेंगे तो यह न केवल उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि उन्हें समाज में एक ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करेगा। छोटी उम्र से ही अगर बच्चे भूकंप, बाढ़, तूफान, भूस्खलन, सड़क दुर्घटनाओं जैसी आपदाओं के बारे में सीखेंगे, तो वे आपातकालीन स्थितियों में घबराने के बजाय सही और त्वरित निर्णय ले सकेंगे।
सचिव आपदा प्रबन्धन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि यूएसडीएमए समुदायों को जागरूक करने की दिशा में भी प्रयासरत है। स्थानीय लोग ही फर्स्ट रिस्पांडर्स के तौर पर सबसे पहले किसी भी आपदा का सामना करते हैं। यदि आपदा संभावित क्षेत्र में स्थानीय लोग विभिन्न आपदाओं के प्रति जागरूक और उनके बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित होंगे, तो वे संकट की घड़ी में एक-दूसरे की सहायता कर सकते हैं। यूएसडीएमए द्वारा आपदा मित्रों की तरह ही आपदा सखी बनाने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। वहीं राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से समय पर आम जनमानस को अलर्ट भेजे जा रहे हैं ताकि लोगों को सचेत किया जा सके। विभिन्न आपदाओं से बचाव के लिए यूएसडीएमए द्वारा समस्त जनपदों तथा जनसामान्य के लिए एडवाइजरी भी जारी की जा रही हैं।
इस अवसर पर यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनन्द स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, अपर सचिव महावीर सिंह चौहान, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो ओबैदुल्लाह अंसारी आदि मौजूद रहे।

विधानसभा की कार्यवाही देखने पहुंचे बच्चे

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को विधानसभा देहरादून में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय मेहरावना (चकराता) के विद्यार्थियों ने भेंट की। इसके बाद छात्र-छात्राओं ने विधानसभा में विधानसभा सत्र में हो रही विभिन्न गतिविधियों को देखा। मुख्यमंत्री ने सभी विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।

सीएम धामी ने उत्तराखण्ड के युवाओं को सेना में अधिक मौके देने की रखीं बात

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को विधानसभा देहरादून में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री धामी और सीडीएस चौहान ने सुरक्षा से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों एवं सेना द्वारा राज्य में आयोजित किए जाने वाले आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सैन्यभूमि है। राज्य सरकार प्रदेश के युवाओं को रक्षा क्षेत्र में अधिक अवसर देने और राज्य की सुरक्षा व विकास को सुदृढ़ करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

प्रदेश के विभिन्न विकास कार्यों के लिए सीएम ने दी वित्तीय स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतर्गत राज्य पुलिस बलों का आधुनिकीकरण के मानक मद 40 में प्राविधानित ₹2.00 करोड़ धनराशि की स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद देहरादून के विधानसभा क्षेत्र मसूरी के वार्ड संख्या 5 धोरणखास के विभिन्न मार्गो का डी.बी.एम.बी.सी द्वारा सतह लेपन एवं साइनेज का कार्य हेतु ₹243.91 लाख की धनराशि स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है।

मुख्यमंत्री ने गढ़वाल में चलकुड़िया-मसमोली-सकनोली-नौखोली मोटर मार्ग के प्रस्तावित नाम को शहीद मंदीप सिंह नेगी मोटर मार्ग, सिसल्डी-मंझोला मोटर मार्ग के प्रस्तावित नाम को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मोटर मार्ग, बाडियूँकैंण्डूल तल्ला-कैण्डूल मल्ला उतिण्डा (मस्टखाल-पुलासूं-उतिण्डा मोटर मार्ग के प्रस्तावित नाम को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तुला सिंह रावत मोटर मार्ग के नाम किये जाने के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया है।

मुख्यमंत्री ने राज्य योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र-लालकुआं के वनभूलपुरा रेलवे कसिंग से गौलापुल तक गौला नदी के अत्यधिक पानी के बहाव के कारण क्षतिग्रस्त मार्ग का पुनः निर्माण एवं सतह सुधार का कार्य हेतु ₹148.48 लाख की धनराशि स्वीकृत करने, जनपद अल्मोडा के विधानसभा क्षेत्र सोमेश्वर के अन्तर्गत गोलूछीना-गल्ली-वस्यूरा-गोविन्दपुर मोटर मार्ग को जोड़ने हेतु चीनूना गाड के ऊपर 15 मी० विस्तार के आर.सी.सी पुल का निर्माण कार्य हेतु ₹ 121.83 लाख की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन किया गया।

मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय कारागार / सम्पूर्णानन्द शिविर, सितारगंज के द्वितीय चरण में टाईप-II के 30 आवासों का निर्माण कार्यों हेतु ₹929.12 लाख एंव जिला कारागार, अल्मोड़ा में टाईप IV के 02, टाईप III के 04 एवं टाईप II के 24 आवासीय भवनों के निर्माण कार्यों हेतु 997.41 लाख की धनराशि स्वीकृत करने पर अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत जनपद हरिद्वार के अन्नेकीपुर-हेत्तमपुर में निर्माणाधीन आवासीय परियोजना हेतु सिडकुल की ओर से परियोजना स्थल तक के मार्ग एवं नाली निर्माण हेतु ₹ 336.60 लाख की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत जनपद चमोली के विकासखण्ड गैरसैंण में सारकोट भराडीसैंण मोटर मार्ग के कि.मी. 6 से 11 में सुधारीकरण एवं डामरीकरण का निर्माण कार्य हेतु ₹ 403.41 लाख की धनराशि स्वीकृत पर अपना अनुमोदन प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने टनकपुर बस टर्मिनल निर्माण परियोजना निर्माण कार्य हेतु ₹ 23774.45 लाख (पूर्व स्वीकृत लागत ₹ 5590.70 लाख को शामिल करते हुए) की धनराशि स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री ने ’स्वान उत्तराखण्ड क्षेत्रीय विस्तार नेटवर्क के संचालन एवं रख-रखाव के कार्य हेतु ₹ 5238.15 लाख की धनराशि स्वीकृत की है। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड से नई परियोजनाओं के वित्तपोषण के क्रम में राज.पाली. द्वाराहाट, राज.पाली गंणाई-गंगोली तथा राज०पाली० पोखरी में भवन निर्माण कार्यों हेतु सकल धनराशि ₹ 1982.795 लाख अवमुक्त किये जाने हेतु अपना अनुमोदन किया है।

मुख्यमंत्री ने जनपद चमोली के अंतर्गत कर्णप्रयाग में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक के निर्माण कार्य हेतु ₹ 453.63 लाख की धनराशि स्वीकृत करने हेतु अनुमोदन किया है। मुख्यमंत्री ने जनपद उत्तरकाशी के विकासखण्ड मोरी के कासला स्थल पर हेलीपैड का निर्माण किये जाने हेतु अनुमोदन किया है।

सेना और एसएसबी के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू होगा

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने राज्य के स्थानीय अनाज मंडुआ की भांति झंगौरा के लिए भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही वॉकल फॉर लोकल के विजन को प्रोत्साहित करते हुए मुख्य सचिव ने सहकारिता विभाग को एसएसबी तथा सेना के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों, दूध एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीमान्त जनपदों के डीएम को बॉर्डर एरिया में खाली कृषि योग्य भूमि पर मिलेट्स के खेती के विस्तार को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों को राज्यभर के सभी जिलों में 601 एमपीएसीएस (New Multipurpose Primary Agriculture Cooperatives)/डेरी/फिशरीज सोसाइटी के गठन के लक्ष्य को प्राथमिकता पर लेते हुए समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी सचिवालय में आज राज्य में धरातल स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से आयोजित करने को लेकर स्टेट कॉओपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक ले रही थी।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को राज्यभर में वर्ष 2025 में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से मनाए जाने हेतु अधिकाधिक जनमानस को इसके आयोजनों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत आयोजित किए जाने वाले सम्मेलनों, प्रदशर्नी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना, क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग में धरातल स्तर पर स्थानीय सहकारिता समितियों की सहभागिता सुनिश्चिति करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में सचिव डा0 बी वी आर सी पुरूषोतम, अपर सचिव सोनिका, मनुज गोयल सहित सहकारिता, वित्त, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

राज्य सरकार, प्रदेश के विकास में समर्पित होकर नवाचार के साथ आगे बढ़ेगी-धामी

विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बजट सत्र की शुरुआत में राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया है। माननीय राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण में राज्य को लेकर जो भी रोडमैप रखा है। उस पर राज्य सरकार प्राथमिकता से कार्य करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार, प्रदेश के विकास में समर्पित होकर नवाचार के साथ आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य अपनी रजत जयंती वर्ष में प्रवेश कर चुका है। राज्य की विकास यात्रा अनवरत जारी रहे, इसके लिए बजट में प्रावधान किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक बताया था, जिस संकल्प को आत्मसार करने हेतु राज्य सरकार संकल्पित हैं। उन्होंने कहा विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए उत्तराखंड राज्य भी अपना योगदान दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार हर दृष्टि से उत्तराखंड को आगे बढ़ा रही है। राज्य में 38वे राष्ट्रीय खेल सफलतापूर्वक संपन्न हुए हैं। जो हमारे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। देश में सर्वप्रथम समान नागरिक संहिता लागू करने का सौभाग्य हमारे राज्य को प्राप्त हुआ है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की सूची में उत्तराखंड प्रथम स्थान पर आया है। बेरोजगारी दर में 4.4 प्रतिशत की कमी आई है। उत्तराखंड द्वारा लिए जा रहे अनेक ऐतिहासिक निर्णय अन्य राज्यों के लिए भी आदर्श उदाहरण बन रहे हैं। आज उत्तराखंड भारत का श्रेष्ठ राज्य बनने की ओर अग्रसर है। हमारा संकल्प है कि हम उत्तराखंड को भारत सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जन भावनाओं के अनुरूप ही कार्य करेगी। उन्होंने कहा पक्ष विपक्ष सभी ने मिलकर सदन को चलाना है। सदन सही प्रकार से चले यह सबकी जिम्मेदारी है।

सीएम ने किया ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण की उपस्थिति में मंगलवार को ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण किया। इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्रीगण और विधायकगण उपस्थित रहे।

सराहनीय कदमः मुख्यमंत्री ने किया समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने की अधिकारिक घोषणा करते हुए कहा है कि आज का दिन सिर्फ उत्तराखंड के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष के लिए ऐतिहासिक है। आज से उत्तराखंड में समाज में समानता स्थापित करने के लिए, समान नागरिक संहिता लागू हो गई है।

सीएम आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधिवत तौर पर समान नागरिक संहिता की अधिसूचना का अनावरण, यूसीसी पोर्टल ucc.uk.gov.in का भी शुभारंभ और यूसीसी नियमावली बुकलेट का विमोचन किया।

यूसीसी पोर्टल पर मुख्यमंत्री ने सबसे पहले अपने विवाह का पहला पंजीकरण कराया, जिसका प्रमाणपत्र मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री को सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यूसीसी के तहत सर्वप्रथम पंजीकरण कराने वाले पांच आवेदकों को भी प्रमाणपत्र प्रदान किए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता का ड्राफ्ट तय करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी ने 2.35 लाख लोगों से सम्पर्क साधा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करके राज्य सरकार संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ बी.आर. अंबेडकर सहित संविधान सभा के सभी सदस्यों को सच्ची भावांजलि दे रही है।

भावुक होकर की घोषणा
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे बेहद भावुक होकर सवा करोड़ उत्तराखंडवासियों के सामने समान नागरिक संहिता पूर्ण रूप से लागू करने की घोषणा कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें हर्ष के साथ ही गर्व की भी अनुभूति हो रही है। इसके साथ राज्य में प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक और नागरिक अधिकार एक समान हो गए हैं। साथ ही सभी धर्म की महिलाओं को भी समान अधिकार मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में उत्तराखंड में यूसीसी लागू हो पाई है, इसके लिए उन्होंने पूरे उत्तराखंडवासियों की ओर से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री का आभार व्यक्त किया।

पूरा हुआ संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनावों के दौरान 12 फरवरी 2022 को उन्होंने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का संकल्प लिया था। तब उन्हें नया-नया दायित्व मिला था, इसके सात महीने बाद ही विधानसभा चुनाव में जाना पड़ा। इसलिए कई लोग तब इस पर विश्वास नहीं कर पा रहे थे। लेकिन उन्हें पूरा भरोसा था कि उत्तराखंड की देवतुल्य जनता इस काम में उनका साथ देगी। उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार दुबारा भाजपा की सरकार बनी। सरकार बनने के बाद पहला निर्णय उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर लिया गया।

पहले छह महीने में नहीं लगेगा शुल्क
मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी जाति धर्म लिंग के आधार पर कानूनी भेदभाव समाप्त करने का संवैधानिक उपाय है, इसके जरिए सभी नागरिकों को समान अधिकार देने का प्रयास किया गया है। इसके जरिए महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण सुनिचित हो सकेगा। साथ ही हलाला, तीन तकाल, इद्दत जैसी कुप्रथाओं पर रोक लगेगी। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 342 के तहत वर्णित अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। इससे उनके रीति रिवाजों का संरक्षण हो सकेगा। जिन पंजीकृत व्यक्तियों का विवाह यूसीसी के लागू होने से पूर्व पंजीकृत हुआ हो या तलाक की डिक्री घोषित हुई हो या विवाह निरस्त हुआ हो, उनसे पहले छह महीने में किसी भी तरह का रजिस्ट्रेशन शुल्क नहीं लिया जायेगा।

किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नही
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यूसीसी किसी भी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है। यह समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर, समानता से समरता कायम करने का कानूनी प्रयास है। इसमें किसी की भी मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व के प्रमुख मुस्लिम और विकसित देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। इस कानून द्वारा सभी लोगों के लिए विवाह, विवाह विच्छेद, उत्तराधिकार के नियमों को समान किया गया है। सभी धर्म के लोग अपने अपने रीति रिवाजों से विवाह कर सकते हैं। लेकिन अब सभी धर्मों में लड़कों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र 21 और लड़कियों के लिए 18 कर दी गई है। साथ ही पति या पत्नी के रहते दूसरे विवाह को प्रतिबंध किया गया है। समान नागरिक संहिता में बाल अधिकारों को संरक्षित किया गया है, साथ ही बेटियों को सम्पति में समान अधिकार दिए गए हैं। परिवार के सदस्यों के बीच मतभेद न हो इसके लिए मृतक की संपत्ति में पत्नी, बच्चे और माता-पिता को समान अधिकार दिए गए हैं।

यूसीसी के तहत की गई है, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए, लिव इन के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, युगल की सूचना रजिस्ट्रार माता-पिता या अभिभावक को देगा। यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रहेगी। लिव इन से पैदा बच्चों को भी समान अधिकार दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए सरलीकरण के मूल मंत्र पर चलते हुए, ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है, साथ ही स्पष्ट नियमावली भी लागू कर दी गई है। पूरा ध्यान रखा गया है कि इसके लिए किसी भी नागरिक को दिक्कत का सामना न करना पडे।

27 जनवरी को मनाया जायेगा यूसीसी दिवस
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि अब प्रदेश में प्रति वर्ष 27 जनवरी को समान नागरिक संहिता दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि धारा 370, तीन तलाक, राम मंदिर को लेकर जितने भी संकल्प लिये गये थे, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे किये गये हैं।

इस अवसर पर यूसीसी नियमावली समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी नियमावली के बारे में विस्तार से जानकारी दी जबकि सचिव शैलेश बगोली ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा, राज्यसभा सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, विधायकगण, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, यूसीसी नियमावली समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, प्रो. सुरेखा डंगवाल, मनू गौड़, अजय मिश्रा, शासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।