मां से मिले योगी, रुद्रप्रयाग हादसे के घायलों का हाल भी जाना

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एम्स में भर्ती अपनी मां सावित्री देवी से मिलने पहुंचे और उन्होंने मां के स्वास्थ्य का हाल जाना। इस दौरान सीएम योगी ने एम्स में भर्ती हुए रुद्रप्रयाग सड़क दुर्घटना के घायलों की स्थिति की जानकारी भी ली।
रविवार दोपहर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ हेलीकॉप्टर से एम्स ऋषिकेश के हैलीपैड पर उतरे। यहां सीएम योगी आदित्यनाथ का हरिद्वार लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत, उत्तराखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत व एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रो. नीतू सिंह ने पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
इसके बाद सीएम योगी सबसे पहले एम्स में छठवीं मंजिल पर वृद्धावस्था विभाग (जिरियाट्रिक वार्ड) में भर्ती हुई अपनी मां सावित्री देवी से मिलने पहुंचे। यहां सीएम योगी ने चिकित्सकों से मां की नेत्र संबंधी समस्या एवं स्वास्थ्य और उपचार से जुड़ी आवश्यक जानकारी ली।
सीएम योगी मां के वार्ड में काफी समय बिताया। वह करीब 30 मिनट तक वार्ड में भीतर रहे। इसके बाद सीएम योगी ट्रामा सेंटर में भर्ती रुद्रप्रयाग हादसे के घायलों का हाल जानने पहुंचे। उन्होंने कई उपचाराधीन घायलों के पास पहुंचकर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली।
इस दौरान सीएम योगी ने एम्स कार्यकारी निदेशक प्रो. नीतू सिंह से सभी घायलों को बेहतर उपचार देने को कहा। इस अवसर पर राज्य महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल, यमकेश्वर विधायक रेनू बिष्ट, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, एसडीएम ऋषिकेश कुमकुम जोशी व कई अन्य उपस्थित रहे।

21 वन प्रभागों के डीएफओ को नोटिस जारी, दो दिन में देना होगा जवाब

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कड़े निर्देशों के बावजूद जंगलों में अग्नि नियंत्रण के लिए तैनात लगभग चार हजार फायर वाचर का सामूहिक जीवन बीमा कराने में वन प्रभाग हीलाहवाली बरत रहे हैं। राज्य में 41 वन प्रभागों में से केवल 20 ने अपने-अपने क्षेत्र में 2286 फायर वाचर का बीमा कराया।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने शनिवार को वन मुख्यालय में अग्नि नियंत्रण की समीक्षा बैठक में इस स्थिति पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने निर्देश दिए कि जिन 21 वन प्रभागों में फायर वाचर का बीमा नहीं हुआ है, वहां के डीएफओ को मुख्यालय स्तर से कारण बताओ नोटिस जारी कर सभी से दो दिन के भीतर जवाब मांगा जाए।
वन मंत्री उनियाल ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दो टूक कहा कि जंगलों की आग और मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए जो भी कार्य किया जा सकता है, वह किया जाए। साथ ही इसमें कार्मिकों व योजित फायर वाचर, दैनिक श्रमिकों की व्यक्तिगत सुरक्षा भी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इन विषयों में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी।

अग्नि नियंत्रण के लिए नवंबर में जारी हो बजट
जंगल की आग का उल्लेख करते हुए वन मंत्री ने कहा कि आग की घटनाएं नवंबर से ही शुरू हो जा रही हैं। ऐसे में अग्नि नियंत्रण के लिए अप्रैल का इंतजार करने के बजाए नवंबर में ही बजट जारी किया जाना चाहिए।
उन्होंने राज्य के वन क्षेत्रों में सभी 571 सेक्शन में कार्यरत वन दारोगा को अग्नि नियंत्रण के दृष्टिगत लीफ ब्लोअर, ग्रास कटर समेत अन्य उपकरण हर हाल में अतिशीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।

स्थानीय निवासियों और वन कर्मियों के नाम मांगे
वन मंत्री ने अग्नि नियंत्रण में सक्रिय सहयोग देने वाले स्थानीय निवासियों की सूची भी सभी जिलों से मांगी है, ताकि उन्हें पुरस्कृत किया जा सके। वन मंत्री ने पूर्व में अग्नि नियंत्रण में योगदान देने वाले ग्रामीणों को जिला स्तर पर पुरस्कृत करने की घोषणा की थी। वन मंत्री ने उन वनकर्मियों की भी सूची मांगी है, जिन्होंने इस अग्निकाल में आग से निबटने में अहम योगदान दिया है। इन्हें भी पुरस्कृत किया जाएगा।

इन प्रभागों ने कराया फायर वाचर का बीमा
वन प्रभाग पिथौरागढ़, नैनीताल, रामनगर, बदरीनाथ, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, मुनिकीरेती, टिहरी, चकराता, मसूरी, पुरोला, बड़कोट, कोटद्वार व देहरादून, भूमि संरक्षण वन प्रभाग नैनीताल, अलकनंदा व पौड़ी, कार्बेट व राजाजी टाइगर रिजर्व और गोविंद वन्यजीव विहार।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर संभागीय परिवहन अधिकारी पौड़ी के नेतृत्व में लीड एजेंसी रवाना

जनपद रुद्रप्रयाग में शनिवार को हुई बस दुर्घटना व हाल के दिनों में चारधाम यात्रा मार्ग पर हुई अन्य दुर्घटनाओं को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने अफसरों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि यदि किसी विभाग के अधिकारी द्वारा दायित्व निर्वहन में शिथिलता पाई गई तो सम्बंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, मुख्यमंत्री के निर्देशों पर आज हुई दुर्घटना की जांच के लिए संभागीय परिवहन अधिकारी पौड़ी के नेतृत्व में लीड एजेंसी को रवाना किया गया है। दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच पृथक से की जा रही है।
जनपद रुद्रप्रयाग के रैतोली में हुई बस दुर्घटना में 9 व्यक्तियों की मृत्यु एवं 13 व्यक्तियों के घायल होने की सूचना प्राप्त हुई है। यह वाहन हरियाणा राज्य में माह जनवरी, 2024 में ही पंजीकृत हुआ था। उक्त वाहन के सभी प्रपत्र वैध पाये गये तथा वाहन की निर्धारित सीट क्षमता 20 है। मुख्यमंत्री ने दुर्घटना में मृतक व घायलों के प्रति गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए तत्काल राहत एवं बचाव कार्य करने और पीड़ितों को मदद पहुँचाने के निर्देश दिये गये, जिसके अनुपालन में पुलिस विभाग, परिवहन, जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमों द्वारा राहत एवं बचाव कार्य किया गया। संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा यह भी निर्देश दिये गये कि जिला प्रशासन द्वारा दुर्घटना में प्रभावित व्यक्तियों को दुर्घटना राहत निधि से राहत की धनराशि भी तत्काल उपलब्ध करा दी जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इस दुर्घटना की जांच हेतु संभागीय परिवहन अधिकारी, पौडी के नेतृत्व में लीड एजेन्सी को भी रवाना कर दिया गया है। दुर्घटना की मजिस्ट्रियल जांच पृथक से जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।

बी0आर0ओ0 को प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही के निर्देश
इससे पूर्व दिनांक 11-06-2024 को जनपद उत्तरकाशी के गंगनानी के समीप एक बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। परिवहन विभाग द्वारा श्री शैलेश तिवारी, संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन एवं सड़क सुरक्षा) देहरादून के नेतृत्व में लीड एजेन्सी के अधिकारियों को दुर्घटना स्थल के निरीक्षण एवं दुर्घटना के कारणों की जांच हेतु भेजा गया था। जिला प्रशासन स्तर पर भी घटना की जांच हेतु उप जिलाधिकारी, भटवाड़ी की अध्यक्षता में जांच समिति बनायी गयी, जिनके द्वारा अवगत कराया गया कि वर्ष 2023 में घटित सड़क दुर्घटना के उपरान्त भी बी0आर0ओ0 से मार्ग की दशा में सुधार के निर्देश दिये गये थे। बी0आर0ओ0 द्वारा यह बताया गया कि ऑल वैदर रोड के कार्य के समय इस स्थान का भी सुधार किया जाएगा। परिवहन विभाग स्तर से गये निरीक्षण दल द्वारा प्रस्तुत आख्या के अनुसार वाहन के सभी प्रपत्र वैध पाये गये। इस स्थान पर सड़क बहुत संकरी है, इसके अतिरिक्त तीव्र ढलान के साथ-साथ अंधा मोड़ भी है। निरीक्षण दल की आख्या के आधार पर बी0आर0ओ0 को प्राथमिकता के आधार पर कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, कड़ाई से हो तमाम मानकों की जांच
एक सप्ताह के भीतर चारधाम यात्रा मार्ग पर दो बसों की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री द्वारा चिन्ता व्यक्त करते हुए परिवहन एवं पुलिस विभाग के सभी प्रवर्तन अधिकारियों को वाहनों की यांत्रिक दशा की जांच कड़ाई से करने, लाईसेन्स जारी करने से पूर्व चालकों का कडाई से परीक्षण करने, ग्रीन कार्ड निर्गत करने में सावधानी बरतने, ओवर स्पीडिंग/ओवर लोडिंग एवं नशे की हालत में वाहन चलाने वाले चालकों के विरूद्ध कठोर प्रवर्तन की कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री द्वारा सड़क रख-रखाव करने वाली संस्था-लोक निर्माण विभाग, बी0आर0ओ0, एन0एच0ए0आई0 आदि को निर्देश दिये गये कि सड़कों की दशा में सुधार के सम्बन्ध में कार्यवाही प्राथमिकता के आधार पर सम्पन्न की जाए और दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु जो भी कदम आवश्यक है, सभी पर कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री द्वारा सभी अधिकारियों को चेतावनी दी गई कि यदि किसी विभाग के अधिकारी द्वारा अपने दायित्व निर्वहन करने में शिथिलता पाई गयी तो सम्बन्धित के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

एम्स पहुंचे सीएम धामी, घायलों को बेहतर उपचार के दिये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को एम्स, ऋषिकेश में उपचार हेतु भर्ती रुद्रप्रयाग में हुई वाहन दुर्घटना के घायलों का हालचाल जाना।
मुख्यमंत्री ने घायलों के उपचार के संबंध में एम्स के चिकित्सकों से भी जानकारी प्राप्त की तथा घायलों के बेहतर इलाज के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रुद्रप्रयाग में हुई वाहन दुर्घटना के जांच के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में वाहन दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।

बड़ी कार्रवाई-दो अधिकारी निलंबित, एक मुख्यालय अटैच

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर पी.के पात्रो मुख्य वन संरक्षक, कुमाऊं को तत्काल प्रभाव से प्रमुख वन संरक्षक (हॉफ), उत्तराखण्ड देहरादून के कार्यालय से सम्बद्ध किया गया है तथा कोको रोसे, वन संरक्षक उत्तरी कुमाऊं वृत्त, अल्मोड़ा, ध्रुव सिंह मर्ताेलिया, प्रभारी प्रभागीय वनाधिकारी, सिविल सोयम वन प्रभाग, अल्मोड़ा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है जब कि हेम चन्द्र गहतोड़ी, सहायक वन संरक्षक नैनीताल को स्थानान्तरित कर सिविल सोयम वन प्रभाग, अल्मोड़ा में तैनात किया गया है।
सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगतों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने घटना में चार घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि उन्हें बेहतर से बेहतर ईलाज उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि एयर एम्बुलेंस से घायल कर्मचारियों को बेहतर इलाज हेतु एम्स, दिल्ली भेजा गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की घटना पर उनके द्वारा पूर्व में ही स्पष्ट निर्देश दिए थे कि अपने दायित्वों के निर्वाह में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि लंबे समय से अधिकारियों को धरातल पर उतरने के निर्देश दिए जाते रहे हैं। पूर्व में जारी किए गए आदेश अनुसार प्रत्येक वन कर्मी और फायर वॉचर का बीमा कराए जाने का फैसला लिया गया है, यदि इस कार्य में भी कोई लापरवाही बरती गई होगी तो आगे भी करवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि सभी को यह स्पष्ट होना चाहिए कि किसी भी तरह की लापरवाही में अब सीधे कठोर कार्यवाही होगी।

घायल वनकर्मी को एयर एम्बुलेंस से एम्स दिल्ली में कराया भर्ती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर बिनसर वन्यजीव विहार में वनाग्नि की चपेट में आकर झुलसे चार वन कर्मियों को हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी बेस अस्पताल से दिल्ली एम्स के ट्रामा सेंटर में भर्ती किया जा रहा है। अब तक तीन घायलों को भर्ती किया जा चुका है, जबकि चौथे घायल की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है।
मुख्यमंत्री ने एम्स में भर्ती किये गये घायलों के परिजनों के दिल्ली में ठहरने आदि की व्यवस्था के भी निर्देश स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा को दिये हैं।
केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय टम्टा तथा एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने भी भर्ती घायलों का हाल-चाल जाना तथा उनके उपचार की जानकारी भी प्राप्त की।

आरटीआई से सरकारी कार्मिकों में ईमानदारी से कार्य करने की प्रवृति बढ़तीहै-मुख्य सचिव

सचिवालय के लोक सूचना अधिकारियों को आरटीआई की बेहतर जानकारी हेतु प्रोत्साहित करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सूचना के अधिकार के मजबूत होने से व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ने के साथ ही भ्रष्टाचार पर अंकुश लगता है। आरटीआई से सरकारी कार्मिकों में ईमानदारी से कार्य करने की प्रवृति बढ़ती है। सूचना का अधिकार अधिनियम आने से नागरिकों को सरकार के कार्याे की जानकारी प्राप्त करने का अधिकार मिला है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने शुक्रवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड सूचना आयोग द्वारा सचिवालय के सभी विभागों के लोक सूचना अधिकारियों के लिए आयोजित कार्यशाला में प्रतिभाग किया।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उत्तराखण्ड सूचना आयोग द्वारा सचिवालय के विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारियों हेतु आरटीआई पर यह कार्यशाला आयोजित करना सराहनीय पहल है। आरटीआई की बेहतर जानकारी होने से लोक सूचना अधिकारी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन अधिक कुशलता से कर पाएंगे। इससे अधिक से अधिक अपीलों का निस्तारण प्राथमिक स्तर पर ही हो जाएगा। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि जिला स्तर तथा विभागीय स्तर पर भी आरटीआई पर कार्यशालाओं को आयोजन किया जाना चाहिए। उन्होंने आयोग के कार्यों को अधिकाधिक ऑनलाइन करने की बात कही जिससे अधिकाधिक पारदर्शिता बढ़ेगी तथा दूरस्थ क्षेत्र के लोगों को सुविधा होगी।
कार्यशाला में सूचना आयुक्त योगेश भट, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी सहित विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारी मौजूद रहे।

सीएम धामी ने कालूवाला में जल संरक्षण और संर्वद्धन योजना का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कालूवाला, डोईवाला में जल संरक्षण अभियान के तहत डोईवाला विकासखण्ड में सौंग नदी के बांये तट पर स्थित जौली नहर के हेड पर जल संरक्षण और संर्वद्धन योजना का लोकार्पण किया। स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन प्राधिकरण (सारा) द्वारा नाबार्ड मद के अन्तर्गत लगभग 3 करोड़ 80 लाख की लागत से जल संरक्षण और संर्वद्धन की यह योजना पूर्ण की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण अभियान-2024 की मार्गदर्शिका का विमोचन और पौधा रोपण भी किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में जल के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। इसके लिए सरकार के प्रयासों के साथ ही जनसहभागिता की भी आवश्यकता है। उत्तराखण्ड में नौले, धारे, नदियां जैसी अमूल्य संपदा है। हम सभी को संकल्प लेना होगा कि पहाड़ का पानी और जवानी राज्य के ही काम आएं। उन्होंने कहा कि जहां जल प्रवाहमान होता है वहां जीवन भी प्रकाशवान होता है। हमें भविष्य की चुनौतियों का समाधान अतीत के पुनर्जागरण के साथ करना होगा। जल संवर्द्धन की पहल को जीवन से जुड़ा विषय बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि जल समाप्त हो गया तो जीवन भी समाप्त हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में जल संकट पूरे विश्व के लिए चुनौती बना हुआ है। अनियंत्रित प्रयोग से जल के स्रोत तेजी से समाप्त हो रहे हैं। जल संरक्षण सप्ताह का उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति को जल प्रबंधन के प्रति जागरूक करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण के प्रति गंभीर है। जल संरक्षण के लिए विभिन्न विभागों को सम्मिलित किया जा रहा है। इन प्रयासों को अधिक बल देने के उद्देश्य से ’सारा’ का गठन किया गया है। सारा द्वारा लगभग 500 पेयजल योजनाएं और 200 जलधाराएं चिन्हित की गई हैं जिन्हें पुनर्जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जल का संचय करने वाले बांज के वृक्ष समाप्त हो रहे हैं और आगजनी की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अपनी भावी पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए हमें जल और वनों का संरक्षण के लिए व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जौलीग्रांट से कालूवाला को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण लोक निर्माण द्वारा किया जायेगा। बाबा कालूसिद्ध मंदिर के पीछे सौंग नदी के बायें तट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जायेगा।
कार्यक्रम से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कालू सिद्ध मंदिर में पूजा-अर्चना कर कालू सिद्ध बाबा से प्रदेश और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन के कारण जलस्रोत लगातार सूख रहे हैं। जल संरक्षण एवं संवंर्द्धन के लिए जिस योजना का आज लोकार्पण किया गया है, इस योजना से कालूवाला, बड़ोवाला, भारूवाला, भंगनाला एवं जौलीग्रांट के लगभग 6 हजार ग्रामवासियों के खेतों की सिंचाई होगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरगामी सोच के कारण उत्तराखण्ड में सारा प्राधिकरण का गठन किया गया है।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जल संरक्षण और संवर्द्धन केवल सरकारी प्रयासों से ही सम्भव नहीं है। इसमें जन सहभागिता जरूरी है। सबको जल का सही उपयोग करना होगा। तापमान तेजी से बढ़ रहा है। जल स्तर घट रहा है। हमें जल संरक्षण को मिशन मोड में लेना होगा।
इस अवसर पर विधायक बृज भूषण गैरोला, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारा नीना ग्रेवाल एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर यात्रियों की दैनिक निर्धारित सीमा समाप्त

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारों धामों के दर्शन हेतु निर्धारित की गई सीमा को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
गढ़वाल आयुक्त/अध्यक्ष, चारधाम यात्रा प्रशासन विनय शंकर पांडेय ने बताया है कि वर्तमान में चारों धामों में भीड़ सामान्य होने के दृष्टिगत मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार जनहित में यह निर्णय लिया गया है कि यात्रियों की सुविधा हेतु ऋषिकेश एवं हरिद्वार में चारो धामों के दर्शन के लिए जो कोटा निर्धारित किया गया था, उसे समाप्त करते हुए अब यात्री ऋषिकेश एवं हरिद्वार के रजिस्ट्रेशन काउन्टर में स्वंय भौतिक रूप से उपस्थित होकर चारों धाम/दो धाम या किसी भी धाम का सीधे रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर अपनी यात्रा पर सुगमता से जा सकते हैं। यह आदेश चारों धामों में आने वाले यात्रियों की सुविधा हेतु तत्काल प्रभाव से लागू होगा।

गत वर्ष की तुलना में एक माह में डेढ़ गुना अधिक श्रद्धालु पहुँचे चारधाम
गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने अवगत कराया है कि विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष चारधाम यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। गत वर्ष चारधाम यात्रा प्रारम्भ के एक माह में 12,35,517 श्रद्धालुओं द्वारा धामों के दर्शन किये गये थे, जबकि इस वर्ष 19,64,912 श्रद्धालुओं द्वारा चारों धामों के दर्शन किये जा चुके हैं, जो गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष लगभग डेढ गुना अधिक है।

मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारियों को दिए समयबद्ध कार्य के आदेश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर प्रदेश में आपदा मद के तहत होने वाले कार्याे के लिए रू.13 करोड़ की दूसरी किश्त जारी की गई है। इस धनराशि से सभी जिलों में क्षतिग्रस्त मार्गों, पुलियाओं, पेयजल लाइनों, सिंचाई नहरों, स्कूल भवनों की मरम्मत आदि के कार्य किए जाएंगे।
प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में आपदा मद में मरम्मत कार्याे के लिए प्रदेश के सभी 13 जिलों के लिए रू.26 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है। इसके तहत पहली किश्त के रूप में रू.13 करोड़ की धनराशि पूर्व में जारी की जा चुकी है। आज इसकी दूसरी किश्त जारी कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिए हैं कि आसन्न मानसून सीजन को देखते हुए सभी कार्य समयबद्ध तरीके से पूर्ण कर लिए जाएं। इसमें किसी भी स्तर पर कोताही न बरती जाए। पैदल मार्गों और पुलियाओं की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से किया जाए। यह भी अनिवार्य रूप से देख लिया जाए कि पेयजल लाइनें और सिंचाई नहरें चालू हालत में हैं या नहीं।
बता दें, दो दिन पूर्व ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आसन्न मानसून को देखते हुए सचिवालय में आला अधिकारियों की बैठक लेकर विभागों की तैयारियों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मानसून को देखते हुए 15 जून से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएं।