मिशन ऋषिपर्णा के अंतर्गत मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पौधरोपण के गड्ढे खोदे। उन्होंने कहा कि रिस्पना व कोसी के पुनर्जीवीकरण के लिये हरेला पर्व के दौरान एक दिन निर्धारित कर लाखों पौधे लगाये जायेंगे। पौध रोपण का यह कार्य सभी के सार्थक प्रयासों से सफल होगा।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रिस्पना से ऋषिपर्णा सरकार का दीर्घकालिक एवं महत्वाकांक्षी अभियान है। इस मिशन में स्थानीय लोगों के अलावा विभिन्न सरकारी तथा गैरसरकारी संगठनों, संस्थाओं एवं अन्य प्रदेशों के लोगों का सहयोग भी मिल रहा है। रिस्पना एवं कोसी के पुनर्जीवीकरण के लिए हरेला पर्व के दौरान एक दिन निर्धारित कर 3.5 लाख पौधे लगाये जायेंगे। पौधरोपण का यह कार्य पूर्ण रूप से जन सहयोग से किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रारम्भिक चरण में रिस्पना एवं कोसी नदी को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके बाद अन्य जल स्रोतो को भी पुनर्जीवित किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को विश्व पर्यावरण दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पर्यावरण का संरक्षण, हम सब की सामूहिक जिम्मेदारी है। वर्ष-2018 में विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी भारत कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने प्लास्टिक मुक्त भारत का जो आह्वाहन किया है, उसमें सबका सहयोग जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 जुलाई से उत्तराखण्ड में पॉलीथीन पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित की जायेगी। सभी पॉलीथीन के थोक विक्रेताओं को इससे पूर्व पॉलीथीन का स्टॉक समाप्त करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि इससे एक सप्ताह पूर्व पूरे प्रदेश में पॉलीथीन से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान पर व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। उत्तराखण्ड को पॉलीथीन मुक्त राज्य बनाने के लिए सामाजिक संगठनों के अलावा जन सहयोग आवश्यक है।
जिलाधिकारी एसए मुरूगेशन ने बताया कि लण्ढ़ौर शिखर फॉल से मोथरोवाला-दौड़वाला तक तक वृक्षारोपण के लिए 39 ब्लॉक बनाये गये हैं। सम्पूर्ण क्षेत्र में अनेक प्रजाति के पौध लगाये जायेंगे। इसमें 30 प्रतिशत फलदार वृक्ष लगाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस मिशन में सबका अच्छा सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इसके उपरान्त मुख्यमंत्री आवास में भी वृक्षारोपण किया। उन्होंने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लीची, अनार, अमरूद, आडू, प्लम, नाशपाती आदि फलदार पौधे रोपे।