मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत राज्य में आपदा से निपटने को लेकर सचेत नजर आ रहे हे। इसलिये समय-समय पर जिलों के जिलाधिकारियों से आपदा को लेकर तैयारियों की समीक्षा कर रहे है। मंगलवार को भी सीएम ने समीक्षा बैठक ली। वीडियों कान्फें्रसिंग के माध्यम से उन्होंने आपदा की तैयारियों की समीक्षा ली। उन्होंने कहा कि आपदा के निपटने में धन की कमी नहीं आनी चाहिए। उन्होंने आपदा प्रबंधन संबधी प्रशिक्षण सुनिश्चित कराने के सुझाव जिलाधिकारियों को दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी लेते हुये कहा कि प्रशासन को किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार रहना होगा। सभी आवश्यक प्रबंध पहले ही सुनिश्चित कर लिए जाये। आकस्मिक परिस्थितियों में कम्यूनिकेशन टूटना नहीं चाहिए। रेस्पान्स टाईम सबसे महत्वपूर्ण है। जल्द से जल्द घटना स्थल तक पहुंचना और प्रभावितों को राहत उपलब्ध करवाने की व्यवस्था हो। चिन्हित आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित हो। राशन की क्वालिटी समय-समय पर चौक कर ली जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अर्धसैन्य बलों के साथ भी समन्वय स्थापित किया जाए। सेना से भी आपदा की स्थिति में पूरा सहयोग मिलेगा। इस संबंध में सेना प्रमुख से उनकी बात हुई है। प्रचार माध्यमों से बाहर से आने वाले पर्यटकों को आगाह किया जाए कि वे नदियों के समीप न जाएं। कन्ट्रोल रूम 24 घंटे संचालित हों। मुख्यमंत्री ने ट्रैफिक प्रबंधन पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
बैठक में सभी जिलाधिकारियों द्वारा विस्तार से जानकारी दी गई। बताया गया कि संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्रों में वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए गए हैं। वर्षा से बाधित होने वाले मार्गों को कम से कम समय में खोला जा सके, इसके लिए जेसीबी, क्रेन व मानव संसाधनों को संवेदनशील स्थानों पर पहले से ही तैनात किया जा रहा है। जगह-जगह बनाए जाने वाले आश्रय स्थलों पर भोजन, पेयजल, कैरोसीन, दवाईयां व अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों व कर्मचारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। मॉक ड्रिल भी समस-समय पर आयोजित की जाती है।