नूतन वर्ष के प्रथम सप्ताह में ही नगर निगम प्रशासन ने ट्रेचिंग ग्राऊंड को शिफ्ट कराने के लिए डीएफओ द्वारा डिमांड नोट जारी करने पर एक करोड़ अठारह लाख सात हजार चार सौ अड़तालीस रुपये की राशि जमा करा दी है। इसके साथ ही जनपद के जिलाधिकारी द्वारा किए जाने वाली म्यूटेशन की प्रकिया का रास्ता साफ हो गया है।
उत्तराखंड का ऋषिकेश नगर निगम नूतन वर्ष में स्वच्छता के दृष्टिकोण से एक नजीर पेश करने की ओर कदम बढ़ा चुका है। ऋषिकेश में पिछले चार दशक से गोविंद नगर स्थित जिस खाली भूखंड में पिछले चार दशक से गिराए जा रहे कूड़े की वजह से लाखों मैट्रिक टन कूड़े का पहाड़ बन गया था अब उसे हटाने की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई। हालांकि इसके लिए निगम को पिछले 2 वर्ष से लगातार जद्दोजहद करनी पड़ी। विभिन्न तकनीकी पहलूओं और तमाम अड़चनों को दूर करने के लिए निगम महापौर अनिता ममगाई डटी रही। इस दौरान विभिन्न विभागों के जियो अनुसार निगम प्रशासन को कार्रवाई पूर्ण करने के लिए तमाम मशक्कत करनी पड़ी। सोमवार को नगर निगम प्रशासन द्वारा डीएफओ के डिमांड नोट जारी करने पर लैंड ट्रासफर फीस के रूप में एक करोड़ अठारह लाख सात हजार चार सौ अड़तालीस रूपये की भारी भरकम राशि की फीस जमा करा दी गई। मेयर ने बताया कि ट्रेचिंग ग्राउंड को शिफ्ट किए बगैर ठोस अपशिष्ट के निस्तारण एवं प्रोसेसिंग प्लांट की योजना को साकार नही किया जा सकता था। हांलाकि इसके लिए तमाम प्रयास और लम्बी मशक्कत करनी पड़ी।महापौर के अनुसारअंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त धार्मिक एवं पर्यटन नगरी ऋषिकेश में लाल पानी कक्ष संख्या 1 में ठोस अपशिष्ट के निस्तारण एवं प्रोसेसिंग प्लांट लगाने हेतु भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के बाद भी विभिन्न तकनीकी पेंच थे। जिसके लिए आवश्यक कदम उठाए गये।उन्होंने कहा कि ऋषिकेश नगर निगम की उक्त महत्वकांक्षी योजना अब जल्द साकार रूप लेती हुई नजर आयेेगी।
मेयर अनिता ममगाई ने बताया कि पर्यावरण वन एवं जलवायु मंत्रालय भारत सरकार द्वारा उत्तराखंड शासन के अपर सचिव (वन) को इस बाबत एक पत्र प्रेषित कर उन्हें देहरादून अंतर्गत ऋषिकेश के लाल पानी के कक्ष संख्या एक में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं प्रोसेसिंग प्लांट हेतु 10 हेक्टेयर वन भूमि गैर वानिकी कार्यो हेतु नगर निगम को प्रत्यावर्तन करने की विभिन्न शर्तों के साथ सैद्धांतिक सहमति दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व 29 सितंबर को एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा भी उक्त प्लांट के लिए नगर निगम को एनओसी मिल चुकी है। भारत सरकार के आदेश के बाद सैद्धांतिक स्वीकृति के आधार पर प्रोजेक्ट को सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने के उपरांत डीएफओ द्वारा डिमांड नोट जारी करने पर निगम को ट्रांसफर की फीस जमा करनी थी। उस प्रक्रिया को भी आज पूर्ण कर लिया गया है।उन्होंने इस महत्वपूर्ण योजना में किए गए पूर्ण सहयोग के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी जताया।