प्रदेश सरकार ने पुलिस मुख्यालय द्वारा फायर स्टेशन संबंधी भेजे गये प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। दुर्गम व रिहायशी इलाकों में लगने वाली आग पर काबू पाने को प्रदेश में अब 33 स्टेशन खोलने की योजना है।
प्रदेश हर वर्ष फायर सीजन में लगने वाली आग में 20 से 25 करोड़ की संपत्ति स्वाहा होने के साथ सैकड़ों लोगों की जान खतरे में पड़ती है। आग से नुकसान के आंकड़े इसलिए भी आसमान छूते हैं क्योंकि प्रदेश के कई इलाकों में राज्य स्थापना के बाद से अब फायर स्टेशन तक नहीं खोले जा सके। लिहाजा दूरदराज के इलाकों से फायर ब्रिगेड बुलानी पड़ती है और तब तक यहां आग बेकाबू होकर तांडव मचा चुकी होती है।
इसे देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने प्रदेश के उन 33 स्थानों पर फायर स्टेशन खोलने को प्रस्ताव भेजा है, जहां अब तक फायर स्टेशन नहीं खुले हैं। मगर अग्नि दुर्घटनाओं के लिहाज यह इलाके हमेशा संवेदनशील रहते हैं। इसमें गैरसैंण, बद्रीनाथ, श्रीनगर, डोईवाला, चंपावत, त्यूणी व भगवानपुर शामिल हैं, जहां फायर स्टेशन स्थापित करने को सरकार ने हरी झंडी दे दी है।