मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में रबी विपणन सत्र 2018-19 की समीक्षा की। उन्होंने अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिये कि गेहूं की फसल कटाई से पूर्व सहकारिता विभाग को अपेक्षित धनराशि उपलब्ध करा दी जाय ताकि किसानों को गेहूं क्रय मूल्य का भुगताल समय पर प्राप्त हो।
मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुये कहा कि गेहूं क्रय हेतु नामित विभाग एवं संस्थान आपसी समन्वय से गेहूं क्रय के लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास करें। उन्होंने क्रय नीति को भी शीघ्र अंतिम रूप देने को कहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने गतवर्ष की भांति इस वर्ष भी 2.21 लाख मीटरटन गेहूं क्रय लक्ष्य निर्धारित करने तथा गेहूं का समर्थन मूल्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित दर 1735 प्रति कुन्तल निर्धारित किये जाने को कहा। मुख्यमंत्री ने गेहूं भण्डारण क्षमता व भण्डारण एंजेसियों से सम्बन्धित कार्ययोजना पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को गेहूं क्रय केन्द्रों पर कोई कठिनाई न हो तथा गेहूं का मूल्य किसानों को समय पर उपलब्ध हो जाय, यह भी सुनिश्चित किया जाय।
प्रमुख सचिव खाद्य आनन्द बर्धन ने अवगत कराया कि प्रदेश में रबी विपणन सत्र 2018-19 हेतु 05 क्रय एजेन्सियां नामित की गई है, जिसमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग (विपणन शाखा), उत्तराखण्ड राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड, भारतीय राष्ट्रीय कृषक उपज उपार्जन, प्रसंस्करण एवं रिटेलिंग सहकारी संघ मर्यादित (एनएसीओएफ), भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (एनसीसीएफ), उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ लिमिटेड शामिल है। साथ ही प्रदेश में गढ़वाल व कुमाऊं मण्डलों में कुल 194 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये है तथा चैक के माध्यम से कृषकों को किये जाने वाले भुगतान व क्रय गेहूं की स्टेटपूल डिपोज पर डिलिवरी हेतु सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है।