केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने दसवीं कक्षा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने का रास्ता आसान कर दिया है। बोर्ड ने दसवीं कक्षा में पास होने का मानदंड ही बदल दिया है। इस मानदंड के अनुसार विद्यार्थी अब आंतरिक व बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करने पर ही पास हो जाएंगे।
इससे पहले विद्यार्थियों को पास होने के लिए आंतरिक व बोर्ड परीक्षा के मूल्यांकन में अलग-अलग 33 फीसद अंक प्राप्त करने होते थे। शैक्षणिक सत्र 2017-18 की दसवीं की बोर्ड परीक्षा में विभिन्न मूल्यांकन पृष्ठभूमि से आए परीक्षार्थियों की परिस्थतियों को देखते हुए सीबीएसई की परीक्षा समिति ने 16 फरवरी को हुई बैठक में यह फैसला लिया है। हालांकि, पास होने का यह मानदंड सिर्फ इसी सत्र की बोर्ड परीक्षा के लिए लागू रहेगा।
सीबीएसई अध्यक्ष अनिता करवल द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार वर्ष 2018 में परीक्षा दे रहे दसवीं के विद्यार्थियों के लिए यह बदलाव किया गया है। इसके तहत 20 अंक वाली आंतरिक परीक्षा व 80 अंक वाली विषय परीक्षा के अंकों को मिलाकर 33 फीसद अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी पास माने जाएंगे।
यह नियम पांचों मुख्य विषयों के लिए लागू होगा। अगर किसी विद्यार्थी ने अतिरिक्त विषय के तौर पर छठा या सातवां विषय भी लिया है, तो उन विषयों के पास होने का मानदंड भी अन्य पांचों विषयों की तरह ही रहेगा।