प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम में कुमांऊ मंडल के बागेश्वर जिले के किसानों की मिशाल दी गयी। पीएम नरेन्द्र मोदी ने कहा कि यहां के किसानों की मेहनत से उगने वाली फसल को संगठित होकर वैल्यू एडिशन के रूप में लिया है। साथ ही स्वरोजगार में भी इजाफा हुआ है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि बागेश्वर जिले के कपकोट क्षेत्र में मंडुवा, चोलाई, मक्का, जौ की फसल को ग्रामीणों ने बाजार मूल्य अच्छा न मिलने से नई तरकीब ढूंढ़ी है। कपकोट के ग्रामीणों ने फसल को बाजार में बेचने की जगह इन फसलों से बिस्किट्स और दूसरे खाद्य पदार्थ तैयार किए हैं। लौह तत्वों से भरपूर यह क्षेत्र इन बिस्किटों के माध्यम से देशभर में स्वरोजगार के लिए उदाहरण बन गया है।
प्रधानमंत्री ने मुनार गांव में ग्रामीणों की पहल की तारीफ करते हुए कहा कि आजीविका, आर्थिकी और स्वरोजगार के क्षेत्र में ग्रामीणों के इस कदम को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने भी इस अभियान को राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जोड़ दिया है। अब ग्रामीण संगठित होकर न केवल हर साल 10 से 15 लाख रुपए कमा रहे हैं, बल्कि 900 लोग रोजगार प्राप्त कर रहे हैं।
किसानों की यह मेहनत पलायन को कम करने में मील का पत्थर साबित हुआ है। उन्होंने बागेश्वर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों के संगठित प्रयास को देशभर के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। साथ ही कहा कि इससे न केवल किसानों ने अपना बल्कि अपने क्षेत्र का भाग्य बदल डाला है।
आभार जताया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले किसानों की तारीफ करी। जिसपर सीएम ने पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि यह हमारे राज्य के लिए गर्व की बात है कि प्रधानमंत्री ने पहाड़ के गांव के किसानों की मेहनत का संज्ञान लिया।