38वें राष्ट्रीय खेलः सीएम ने कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगिताओं के शुभारंभ पर किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी झील कोटी कॉलोनी में 38वें राष्ट्रीय खेलों के अन्तर्गत आयोजित कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने 1000 मीटर हीट कयाकिंग मेन्स प्रतियोगिता में स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक विजेताओं को मेडल पहनाकर एवं सोविनियर से सम्मानित किया। इस दौरान श्रीमती गीता धामी भी मौजूद रही।

उक्त प्रतियोगिता में उत्तराखंड के प्रभात कुमार ने स्वर्ण पदक, एसएससीबी ने रजत तथा दिल्ली ने कांस्य पदक जीता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि, वीरभूमि के बाद अब खेलभूमि के रूप में स्थापित हो रहा है। राज्य में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करना पहला और सुखद अनुभव है। 28 जनवरी से 38वें राष्ट्रीय खेलों का भव्य आयोजन हो रहा है। सारी खेल प्रतियोगिताएं उत्तराखण्ड के 11 अलग-अलग स्थानों पर आयोजित की गई, खिलाड़ियों के लिए सारे खेल ट्रैक बनाये गये तथा कोई भी खेल उपकरण बाहर से नहीं लाये गये। जहां 37वें राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखण्ड 25वें स्थान पर रहा था वहीं अब हमारा राज्य 38वें राष्ट्रीय खेलों में 7 स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी झील ऊर्जा उत्पादन के साथ ही पर्यटन और साहसिक खेलों के लिए अन्यन्त अनुकूल है। यह वाटर स्पोर्ट्स का बहुत बड़ा हब बनेगा। यहां पर पहले भी राष्ट्रीय/अर्न्तराष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई हैं और आगे भी खेलों का क्रम सालभर चलता रहे यह प्रयास किये जायेंगे। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त होंगे तथा स्थानीय आर्थिकी को बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है, प्रदेश को ड्रग्स फ्री करने का संकल्प लिया गया है, निश्चित ही यह दशक उत्तराखण्ड का दशक होगा। उन्होंने अन्य राज्यों से आये खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों को देवभूमि उत्तराखण्ड के विभिन्न पर्यटक स्थलों का भ्रमण पर जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यहां की प्राकृतिक नैसर्गिक सुन्दरता से तन-मन में एक नई ऊर्जा का संचार होने के साथ ही शांति का अनुभव होगा। उन्होंने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने टिहरी में शीतकालीन पर्यटन की थीम पर डेस्टिनेशन टिहरी कैलेंडर 2025 लॉन्च किया। यह कैलेंडर टिहरी की एक प्रमुख शीतकालीन पर्यटन स्थल के रूप में उभरती क्षमता पर प्रकाश डालता है, जिसमें रोमांच, प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक स्थलों का समृद्ध मिश्रण है। उत्तराखंड पर्यटन और टाइम्स ऑफ इंडिया के सहयोग से टिहरी गढ़वाल के जिला प्रशासन द्वारा कैलेंडर बनाया गया है।

टिहरी झील में 38वें राष्ट्रीय खेल के अन्तर्गत तीन दिवसीय कयाकिंग-कैनोइंग प्रतियोगियों में 16 राज्यों के 160 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं, जिनमें उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, उड़ीसा, मणिपुर, कर्नाटक, केरल, पंजाब, चंडीगढ़, एसएससीबी आदि के 80 महिला खिलाड़ी एवं 80 पुरुष खिलाड़ी शामिल हैं।

विधायक टिहरी किशोर उपाध्याय ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन को लेकर उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि गंगा की निर्मलता बनी रहे और वह अविरल बहती रहे, इसकी रक्षा करना भी जरूरी है।

इस अवसर पर विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी, प्रशासक जिला पंचायत टिहरी सोना सजवाण, जिलाध्यक्ष भाजपा राजेश नौटियाल, अध्यक्ष ओबीसी संजय नेगी, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद् टिहरी मनमोहन सिंह रावत, अध्यक्ष नगरपालिका परिषद् चम्बा शोभनी धनोला, प्रशासक ब्लाक जाखणीधार सुनीता देवी, प्रशासक ब्लॉक चम्बा शिवानी बिष्ट, सचिव ओलम्पिक एसोसिएसन ऑफ उत्तराखण्ड डी.के. सिंह, अध्यक्ष भारतीय कैनोइंग-कयाकिंग एसोसिएशन प्रशान्त कुशवाह, डीएम टिहरी मयूर दीक्षित, एसएसपी आयुष अग्रवाल, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

उत्तराखंडः अवस्थापना सुविधाओं की तारीफ, संवारने पर जोर

38 वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड में विकसित की गई अवस्थापना सुविधा की सराहना हो रही है। खिलाड़ी हों या उनके कोच, खेलों के लिए तैयार किए गए बुनियादी ढांचे को बेहतरीन बता रहे हैं। हालांकि उनका यह भी कहना है कि राष्ट्रीय खेलों के बाद इसे संवारने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए। उनका यह भी मानना है कि राष्ट्रीय खेलों के लिए बेहतर इंतजाम कर उत्तराखंड ने खेल भूमि बनने की दिशा में लंबी छलांग लगा दी है।

राष्ट्रीय खेलों का आयोजन उत्तराखंड में 28 जनवरी से शुरू हुआ है। इस महा आयोजन की तैयारी के लिए उत्तराखंड को बहुत कम समय मिला, लेकिन फिर भी बेहतर व्यवस्थाएं बना ली गईं। कुल 35 खेलों के लिए देहरादून समेत हरिद्वार, हल्द्वानी, पिथौरागढ़, रूद्रपुर समेत कई स्थानों पर युद्धस्तर पर काम करते हुए सुविधाएं जुटाई गईं। बेहतरीन उपकरण मंगवाए गए। देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर का राष्ट्रीय खेलों की वजह से कायाकल्प हो गया है। देशभर से आए खिलाड़ी और उनके कोच अवस्थापना सुविधाओं से संतुष्ट हैं, लेकिन इस आयोजन के बाद रख-रखाव के लिए ठोस व्यवस्था की पैरवी भी कर रहे हैं।

किसने क्या कहा

मैं सियोल एशियाई गेम्स में भारत की शूटिंग टीम का हिस्सा रही हूं। देश-विदेश में कई जगह शूटिंग रेंज देखने का मेरा अनुभव है। मैं कह सकती हूं कि त्रिशूल शूटिंग रेंज बेहतरीन है। इसकी देख-रेख के लिए अच्छे इंतजाम हो जाएं, तो यहां बडे़ खेल आयोजन हो सकेंगे।

माया, शूटिंग कोच, पश्चिम बंगाल।

उत्तराखंड ने बहुत अच्छे इंतजाम किए हैं। तकनीकी क्षेत्र से जुड़े होने के कारण मैं कह सकता हूं कि अवस्थापना सुविधाएं विश्व स्तर की तैयार की गई हैं। जिस तरह से गुवाहाटी में राष्ट्रीय खेल होने के बाद वहां पर रख-रखाव बढ़िया से किया गया, अब वैसा ही यहां भी होना चाहिए।
आशीष शर्मा, टेक्निकल ऑफिसर मणिपुर टीम।
राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखंड ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। उत्तराखंड के खिलाड़ियों को अब आगे बढ़ने में काफी मदद मिलेगी।
कुमालिका, खिलाड़ी आर्चरी, झारखंड।
मैैं एक खिलाड़ी भी रहा हूं और वर्तमान में कोच की जिम्मेदारी निभा रहा हूं। मेरा मानना है कि उत्तराखंड में खेल के लिए बहुत ही अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो गया है। इसका आने वाले दिनों में लाभ मिलेगा।

प्रियांक त्यागी, कोच आर्चरी टीम, यूपी।

रखरखाव पर उत्तराखंड गंभीर, कवायद जारी

राष्ट्रीय खेलों के बाद खेल अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव को लेकर उत्तराखंड गंभीर है। राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले ही इस संबंध में कसरत शुरू कर दी गई थी। खेलों की व्यस्तता के बीच इस संबंध में लगातार कार्य किया जा रहा है। खेल विभाग अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव के लिए अकादमी का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। खेल निदेशक प्रशांत आर्या के अनुसार-इस संबंध में रोजाना बैठक की जा रही है। प्रस्ताव तैयार कर जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।

देशभर से आए मेहमानों से अवस्थापना सुविधाओं को लेकर सराहना मिलने से उत्तराखंड उत्साहित है। हम चाहते हैं कि ना सिर्फ उत्तराखंड, बल्कि अन्य राज्यों की खेल प्रतिभाओं के विकास में भी हम मददगार साबित हों। अवस्थापना सुविधाओं के रखरखाव के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम ने किया देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेल-2025 के अन्तर्गत आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता का अवलोकन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में 38वें राष्ट्रीय खेल-2025 के अन्तर्गत आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विजेता खिलाडियों को मेडल पहनाकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनका उत्साहवर्धन भी किया।

38वें राष्ट्रीय खेल के अंतर्गत उत्तराखंड के सूर्यांश रावत एवं तमिलनाडु के सतीश कुमार के बीच मेन्स सिंगल बैडमिंटन प्रतियोगिता का फाइनल मैच खेला गया। जिसमें 21/21 , 21/17 से तमिलनाडु के सतीश कुमार ने विजय प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने मेन्स सिंगल बैडमिंटन प्रतियोगिता के विजेता तमिलनाडु के सतीश कुमार को गोल्ड, दूसरे स्थान पर आए उत्तराखंड के सूर्यांश रावत को सिल्वर मेडल पहनाकर सम्मानित भी किया।

मुख्यमंत्री ने जाने, खिलाड़ियों के अनुभव

मुख्यमंत्री ने विभिन्न राज्यों से आए खिलाड़ियों से बातचीत कर 38वें राष्ट्रीय खेलों के बारे में उनके अनुभव भी जाने। खिलाड़ियों ने उत्तराखंड के नैसर्गिक सौंदर्य की जमकर तारीफ की।

मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर , खुश नजर आए खिलाड़ी

मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर खिलाड़ी एवं अन्य वालंटियर बेहद खुश नजर आए। उन्होंने मुख्यमंत्री का गरजोशी से स्वागत किया।

38वें राष्ट्रीय खेल आयोजित करना राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए सौभाग्य की बात

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38 वे राष्ट्रीय खेलों का आयोजित करना, हमारे राज्य के प्रत्येक नागरिक के लिए सौभाग्य की बात है। हमारा राज्य अब देवभूमि के साथ खेल भूमि के रूप में भी जाना जाएगा। उन्होंने कहा राष्ट्रीय खेलों को लेकर राज्य भर में खेलों की अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। कई खेल मैदानों को विकसित किया गया है। इससे भविष्य में भी खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों से राष्ट्रीय खेलों का अवलोकन कर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा हम युवाओ को अधिक से अधिक खेलों की ओर आगे बढ़ना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन से उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत एवं पारम्परिक लोक संस्कृति, खानपान से भी देश भर के खिलाडी परिचित हो रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक खजान दास, उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

नेशनल गेम्सः खिलाड़ियों के साथ साये की तरह रहेगी पुलिस

पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ ने 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की तैयारियों को लेकर गढ़वाल व कुमाऊँ परिक्षेत्र के सभी जनपद प्रभारियों, सेनानायकों एवं सम्बन्धित ईवेन्ट मैनेजमेन्ट एजेन्सियों के साथ त्रुटिरहित सुरक्षा व्यवस्था, फोर्स व्यस्थापन प्लान, यातायात प्लान, पार्किंग, सुरक्षा व्यवस्था हेतु आवश्यक उपकरण के सम्बन्ध में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से एक उच्च स्तरीय समीक्षा गोष्ठी आयोजित की।

गोष्ठी के दौरान पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड द्वारा ’सभी को सजग व सतर्क रहकर अपना कर्तव्य निर्वहन करने’ हेतु निर्देशित किया। उन्होंने बताया, दिनांक 28 जनवरी से प्रारम्भ हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेल प्रदेश के 09 जनपदों में 19 आयोजन स्थलों पर आयोजित होंगे। जिसमें 44 स्पर्धाओं में लगभग 10 हजार खिलाड़ी प्रतिभाग करेंगे। सभी जनपदों द्वारा ग्राउन्ड लेवल पर प्लानिंग कर खेलों के क्रियान्वयन हेतु पूरी तैयारी कर ली गयी है। प्रतिदिन उसकी मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने ’सभी अधिकारियों और आयोजन समिति के सदस्यों को निर्देशित किया कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को त्रुटिरहित और ऐतिहासिक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। यह आयोजन उत्तराखण्ड की क्षमता और सौंदर्य को देश-दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का एक बड़ा अवसर है। जिसे सकुशल व सुरक्षित तरह से आयोजित कराने के लिए हम पूरी तरह से तैयार हैं।’

▪️ ’38वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियां के सम्बन्ध में निर्देश-’

▪️ ’खिलाड़ियों के साथ साये की तरह रहेगी पुलिस’- खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उनके प्रवास स्थलों, वहां से आयोजन स्थलों जाने के मार्ग, अभ्यास सत्र, प्रतिस्पर्धी ईवेन्ट में प्रभावी एक्सेस कन्ट्रोल सुनिश्चित किया जाये। महिला खिलाड़ियों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये।

▪️ ’10 हजार पुलिसकर्मी रहेंगे ड्यूटी में तैनात’- सभी जनपद प्रभारी सम्बन्धित ईवेन्ट मैनेजमेन्ट एजेन्सियों और ज्ीवउंे ब्ववा (।ब्ज्)) के साथ समन्वय कर समय से खिलाड़यों की सुरक्षा, आवास व्यवस्था, यातायात प्लान, पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित कर लें और सभी आयोजन स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था हेतु आवश्यक उपकरण स्थापित करा लें।

▪️ ’सीसीटीवी की निगरानी में रहेंगे खिलाड़ी, कन्ट्रोल रूम से होगी मॉनिटरिंग’ सुरक्षा के दृष्टिगत आयोजन / प्रवास स्थलों पर सीसीटीवी से लैस कन्ट्रोल रूम स्थापित किये गये हैं।

▪️सभी एजेन्सियों व अधिकारियों के मध्य एक प्रभावी और रियल टाइम कम्यूनिकेशन हो।

▪️खिलाड़ियों के प्रवास स्थलों में कार्यरत कर्मियों का समय से सत्यापन कराना सुनिश्चित किया जाये।

▪️रूट यातायात/एन्ट्री व एक्जिट प्लान, पार्किंग व्यवस्था को निदेशक यातायात एवं सम्बन्धित जनपद प्रभारी स्वयं मॉनिटरिंग करें।

▪️आयोजन स्थलों पर फायर सेफ्टी/सिक्योरिटी प्लान के अनुसार अग्निशमन के समस्त उपाय जैसे मोटर फॉयर इंजन, फॉयर एक्सटिंग्यूशर आदि पर्याप्त संख्या में मौके पर उपलब्ध हों।

▪️एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, आयोजन स्थलों व खिलाड़ियों के प्रवास स्थलों की सुरक्षा मानकों के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

▪️निर्धारित कण्टीजेंसी व इवैक्यूएशन प्लान का अभ्यास किया जाये तथा सभी को इसके विषय में ब्रीफ भी किया जाये।

▪️अभिसूचना संकलन के लिए विभिन्न टीमें का गठन सम्बन्धित जनपद प्रभारियों द्वारा किया जाये।

▪️ एन्टी सबोटाज व ठक्ै की टीमें 24Û7 तैनात रहेंगी।

▪️ विधुत विभाग, पेयजल, लोनिवि, फायर, एसडीआरएफ व अन्य सम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर आयोजन को सफलतापूर्वक कराने हेतु भी निर्देशित किया गया।
’गोष्ठी में वी मुरूगेशन, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड एपी अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, प्रशासन/अभिसूचना एवं सुरक्षा, विम्मी सचदेवा, पुलिस महानिरीक्षक मुख्यालय/पी एंड एम, नीरू गर्ग, पुलिस महानिरीक्षक पीएसी, कृष्ण कुमार वीके, पुलिस महानिरीक्षक, दूरसंचार/अभिसूचना, मुख्तार मोहसिन, पुलिस महानिरीक्षक फायर, नीलेश आनंद भरणे, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, के एस नगन्याल, पुलिस महानिरीक्षक, सुरक्षा, अरुण मोहन जोशी, पुलिस महानिरीक्षक/निदेशक यातायात, जनमेजय खण्डूरी, पुलिस महानिरीक्षक/सचिव उत्तराखण्ड पुलिस स्पोर्टस कन्ट्रोल बोर्ड, सेंथिल अब्दई कृष्ण राज. एस, पुलिस महानिरीक्षक सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारीगण उपस्थित रहे।’

नेशनल गेम्सः छात्रों से लेकर रिटायर्ड आर्मी अफसर तक लाइन में, अन्य राज्यों से भी रजिस्ट्रेशन

38 वें नेशनल गेम्स की तेज होती तैयारियों के बीच वॉलंटियर बनने का जबरदस्त क्रेज है। कॉलेजों के छात्रों से लेकर रिटायर्ड आर्मी अफसर तक वॉलंटियर बनने के लिए लाइन में हैं। यही नहीं, उत्तराखंड से बाहर के अन्य प्रदेशों से भी रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं। स्थिति यह है कि रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा दस हजार तक पहुंचने वाला है। हालांकि विभाग की आवश्यकता दो से ढाई हजार वॉलंटियर्स की है। नेशनल गेम्स के शुभंकर समेत अन्य प्रतीकों की लॉंचिंग के बाद रजिस्ट्रेशन में तेजी आई है।

नेशनल गेम्स सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार नेशनल गेम्स जैसे बडे़ आयोजन के लिए सभी का सहयोग लिया जा रहा है। वॉलंटियर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया फिलहाल गतिमान है। वॉलंटियर नेशनल गेम्स के सफल आयोजन में अहम भूमिका निभाएंगे। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत आर्या ने बताया कि कई रिटायर्ड अफसरों ने भी वॉलंटियर बनने की इच्छा प्रकट करते हुए रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र व अन्य प्रदेशों से भी रजिस्ट्रेशन कराए जा रहे हैं।

इस तरह बन सकेंगे नेशनल गेम्स वॉलंटियर
यदि आप नेशनल गेम्स में वॉलंटियर बतौर अपनी भूमिका निभाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। आप खेल विभाग की वेबसाइट 38दहना-पद पर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। यह जरूरी है कि आपकी आयु 18 वर्ष या इससे अधिक हो। रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद आपके स्तर पर दी गई जानकारी के आधार पर चयन प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। रजिस्ट्रेशन कराते वक्त आपको श्रेणियों के दो विकल्प मिलेंगे। इसमें से एक खेल पृष्ठभूमि को इंगित करता विकल्प होगा, जबकि दूसरा विकल्प सामान्य होगा।

वॉलंटियर बनें या ना बनें, मिलेगा सर्टिफिकेट
नेशनल गेम्स के वॉलंटियर के लिए रजिस्ट्रेशन कराने के बाद आप विभाग से एक सर्टिफिकेट प्राप्त करने के अधिकारी हो जाएंगे। यह ई-सर्टिकिकेट होगा, जो कि रजिस्ट्रेशन कराने वाले हर एक को दिया जाएगा। वॉलंटियर बतौर चयनित हो जाने वालों को नेशनल गेम्स 2025 का सर्टिफिकेट अलग से मिलेगा। चयनित वॉलटियर को विभाग के स्तर पर आवश्यक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद, उन्हें जरूरत के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर तैनात किया जाएगा। स्पोर्ट्स इवेन्ट से लेकर पार्किंग, मेहमानों को लाने-ले जाने से लेकर अन्य तमाम व्यवस्थाओं में वॉलंटियर सहयोग करेंगे।

रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि बढ़ाने का अनुरोध
नेशनल गेम्स के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2024 तय की गई है, लेकिन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से तिथि विस्तारित करने का अनुरोध किया गया है। खेल विभाग ने इस पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। खेल विभाग जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह तक वॉलंटियर के चयन की प्रक्रिया को पूरा कर लेना चाहता है, ताकि उसी हिसाब से प्रशिक्षण व तैनाती संबंधी कार्य फाइनल किए जा सकें।

नेशनल गेम्स का आयोजन किसी विभाग का नही, बल्कि ये पूरे उत्तराखंड का है। सभी के सहयोग से उत्तराखंड नेशनल गेम्स का भव्य आयोजन करेगा। मैं सभी से ये आह्वान करता हूं कि इस महा आयोजन के साथ वह किसी न किसी रूप में अवश्य जुड़े। नेशनल गेम्स की मेजबानी मिलना हमारा सौभाग्य है।

गहन विमर्श से उपजा मौली, खिलाड़ियों के लिए होगा ज्यादा प्रेरक

उत्तराखंड में 38 वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारी तेज हो गई है। राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर प्रतीक ’मौली’ (मोनाल पक्षी) नए अवतार में नजर आएगा। यह खिलाड़ियों के नजरिए से ज्यादा आकर्षक और प्रेरक होगा। राष्ट्रीय खेल के लोगो को भी नए सिरे से डिजाइन किया गया है। जर्सी, टार्च, एंथम सभी में उत्तराखंड की छाप नजर आएगी।

दरअसल, 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखंड को करीब आठ वर्ष पहले मिल गई थी। तब इसका शुभंकर प्रतीक और लोगो जारी किया गया था। इन खेलों के लिए उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनाल को शुभंकर प्रतीक बनाया गया था। मगर लंबे विमर्श के बाद यह महसूस किया गया कि शुभंकर प्रतीक को और आकर्षक बनाने की आवश्यकता है। ताकि शुंभकर प्रतीक खिलाड़ियों से ज्यादा कनेक्ट कर पाए। अब इन खेलों का शुभंकर प्रतीक मौली के रूप में सामने आ रहा है। इसी तरह, लोगों को भी नए सिरे से डिजाइन किया गया है। मकसद ये ही है कि नई स्थितियों के अनुरूप ये ज्यादा आकर्षक नजर आएं।

राष्ट्रीय खेल सचिवालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमित सिन्हा के अनुसार-राष्ट्रीय खेलों की तैयारी तेजी से चल रही है। हम बेहतर आयोजन के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशांत आर्य के मुताबिक-बेहतर व्यवस्था बनाने के लिए जिस तरह की भी आवश्यकता है, उसके इंतजाम किए जा रहे हैं।

रविवार खास, शुभंकर, लोगो होंगे लांच

38वें राष्ट्रीय खेलों के लिहाज से रविवार यानी 15 दिसंबर का दिन काफी खास होने जा रहा है। रविवार को खेलों के शुभंकर प्रतीक, लोगो, टार्च, एंथम जर्सी लांच होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लांचिंग कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे, जबकि केंद्रीय खेल राज्य मंत्री रक्षा खडसे और भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी ऊषा की खास उपस्थिति होगी।

मशाल में गंगा, ब्रह्मकमल के दिखेंगे चिन्ह

राष्ट्रीय खेलों की मशाल में सदानीरा गंगा, राज्य पुष्प ब्रह्म कमल के चिन्ह दिखाई देंगे। इसे इसी हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसके अलावा, उत्तराखंडी लोक कला ऐपण के भी दर्शन प्रचार सामग्री से लेकर अन्य जगहों पर प्रभावी ढंग से होंगे।

छह टन स्क्रैप से बना टाइगर खीचेंगा ध्यान

महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर में राष्ट्रीय खेलों की तैयारी के बीच छह टन स्क्रैप से बना टाइगर भी अपनी ओर सभी का ध्यान खीचेंगा। यह पूरी तरह से स्क्रैप से तैयार किया गया है, जिसे बनाने में करीब 20 दिन लगे हैं।
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38वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन हमारे लिए सौभाग्य की बात है। उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में खेलों के इतने बड़े आयोजन की मेजबानी के लिए हम उत्साहित है। इसके लिए हमारी पूरी तैयारी है। सभी के सहयोग से भव्य और बेहतर इंतजाम किए जाएंगे।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

सीएम ने लॉन बाल कैंप में खेल रहे खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के पवेलियन मैदान में चल रहे लॉन बाल कैंप का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों से मुलाकात कर उनकी हौसला अफजाई की। खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद भी मैदान पर उतरते हुए लॉन बॉल में हाथ आजमाया।

मुख्यमंत्री ने कैंप में मौजूद खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों और अधिकारियों को आगामी 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं और सरकार उनके हरसंभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने खिलाड़ियों को मेहनत और अनुशासन के साथ खेल के प्रति समर्पित रहने को कहा।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा, खेल निदेशक प्रशांत आर्य, धीरेंद्र पंवार सहित कई अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने दिए नेशनल गेम्स आयोजन की तैयारियों को तत्परता से अन्तिम रूप देने के निर्देश

उत्तराखण्ड में 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को स्वर्णिम अवसर एवं चुनौती के रूप में लेने की हिदायत देते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अधिकारियों को तैयारियों को तत्परता से अन्तिम रूप देने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने नेशनल गेम्स हेतु राज्य के खेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को उत्कृष्ट स्तर तक विकसित करने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में राज्य की उभरती हुई युवा खेल प्रतिभाएं अधिकाधिक लाभान्वित हो सके।

आज सचिवालय में 38वें राष्ट्रीय खेल 2024 की उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने विभिन्न वित्तीय एवं सैद्धान्तिक स्वीकृतियां प्रदान की। प्रोक्यूरमेंट प्रक्रिया को ससमय सम्पन्न करने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खेल इक्यूपमेंट से सम्बन्धित निविदा प्रक्रिया को समयबद्धता से पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने नेशनल गेम्स के सुव्यवस्थित व सफल आयोजन हेतु सभी सम्बन्धित विभागों के मध्य प्रभावी समन्वय के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव रतूड़ी ने नगर निगम देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी व रूद्रपुर से शहरों के सौन्दर्यीकरण, खेल आयोजन स्थलों तक जाने वाली अप्रोच रोड के मरम्मत, आयोजन स्थलों से कूड़ा प्रबन्धन एवं वॉलियन्टर्स को बस सेवाओं का लाभ देने के सम्बन्ध में समन्वय हेतु निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने यूपीसीएल से खेल आयोजन स्थलों में आयोजन के दौरान अबाध विद्युत आपूर्ति तथा आयोजन स्थलों को इलेक्ट्रिकल सेफ्टी सर्टिफिकेट सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में समन्वय करने के निर्देश दिए हैं। पेयजल निगम से आयोजन स्थलों के स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेशन के सम्बन्ध में समन्वय हेतु निर्देश दिए गए हैं।

मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग से आयोजक शहरों के भीतरी एवं बाहरी सड़कों के सौन्दर्यीकरण तथा आयोजन स्थलों के स्ट्रक्चरल सेफ्टी सर्टिफिकेशन के सम्बन्ध में समन्वय हेतु निर्देश दिए गए हैं। पर्यटन विभाग से उत्तराखण्ड के पर्यटक स्थलों का खेल गतिविधियों के साथ प्रचार प्रसार के सम्बन्ध में निर्देश दिए गए हैं। उत्तराखण्ड अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाओं के साथ आयोजन स्थलों के फायर सेफ्टी सर्टिफिकेशन तथा आयोजन स्थलों पर फायर ब्रिगेड गाड़ियों की पर्याप्त व्यवस्था हेतु समन्वय के लिए निर्देश दिए गए है।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एयर पोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया व उत्तरी रेलवे जोन के साथ निःशुल्क हेल्प डेस्क सुविधा हेतु जगह देने, खिलाड़ियों व अतिथियों को रिसीव करने के लिए एयरपोर्ट एवं स्टेशन पर विशेष स्थान देने व पास सुविधा हेतु समन्वय करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, हरिद्वार, टिहरी, उधमसिंह नगर व नैनीताल के साथ आयोजन स्थलों पर सुरक्षा प्रबन्धन, ट्रेफिक मूवमेंट, पार्किंग मेनेजमेंट, वीवीआईपी हेतु पुलिस एस्कोर्ट व प्रोटोकॉल प्राप्त गणमान्यों हेतु सुरक्षा प्रावधानों के सम्बन्ध में समन्वय हेतु निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग से 38वें नेशनल गेम्स के प्रत्येक आयोजन स्थल को फिट टू ईट का प्रमाणीकरण देने के सम्बन्ध में निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से आयोजन स्थलों पर फिजियोथेरेपिस्ट, साइकोथेरेपिस्ट, नर्स, दवाईयों एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था के संबंध में समन्वय हेतु निर्देश दिए हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, विशेष सचिव अमित सिन्हा, सचिव दिलीप जावलकर, शैलेश बगौली सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

अगले वर्ष जनवरी में 38वें राष्ट्रीय खेल का आयोजन होगा

38वें राष्ट्रीय खेल 28 जनवरी से 14 फरवरी 2025 तक उत्तराखण्ड में होंगे। 25 अक्टूबर 2024 को प्रस्तावित भारतीय ओलंपिक संघ की आम सभा की बैठक में इसका पूरा कार्यक्रम जारी किया जायेगा। राष्ट्रीय खेलों के साथ ही विंटर नेशनल गेम का आयोजन भी उत्तराखण्ड में किया जायेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष डॉ. पी.टी उषा से भेंट की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि उत्तराखण्ड को 38वें राष्ट्रीय खेलों की जिम्मेदारी मिली है, इसके लिए उन्होंने भारतीय ओलम्पिक संघ की अध्यक्ष डॉ. पी.टी उषा का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें श्री बद्रीनाथ और श्री केदारनाथ के दर्शन के लिए भी आमंत्रित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 38वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए उत्तराखण्ड पूरी तरह से तैयार है। राष्ट्रीय खेलों के लिए राज्य में काफी इन्फ्रास्ट्रक्चर बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन भव्य तरीके से किया जायेगा। जिन राज्यों में पिछले राष्ट्रीय खेल हुए हैं, उनके अनुभवों के आधार पर भी राज्य में और अच्छे तरह से खेलों के आयोजन के लिए कार्य किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास होगा कि उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेलों का आयोजन अभी तक हुए राष्ट्रीय खेलों से बेहतर हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों की अच्छी व्यवस्था के साथ ही खिलाड़ियों और देश भर से आने वाले लोगों के लिए उत्तराखण्ड में होने वाले राष्ट्रीय खेल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेंगी। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय खेल के आयोजन से यहां के लोगों का मनोबल और प्रोत्साहन भी बढ़ेगा। उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय खेलों के माध्यम से एक अच्छा मंच मिलेगा। हमारे उदीयमान खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अच्छा अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव खेल अमित सिन्हा एवं स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा भी उपस्थित थे।

38वें राष्ट्रीय खेल की तैयारियों को लेकर हुई अहम बैठक

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में राज्य में प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों से सम्बन्धित उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक सचिवालय में सम्पन्न हुई। मुख्य सचिव रतूड़ी ने आज की बैठक में उत्तराखण्ड में पहली बार प्रस्तावित 38वें नेशनल गेम्स की तैयारियों के सम्बन्ध में देहरादून, हल्द्वानी, रूद्रपुर, हरिद्वार, टिहरी व पिथौरागढ़ में निर्धारित आयोजन स्थलों, स्टेडियम व खेल परिसरों के आसपास की सड़कों के नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण की तैयारियों तथा इस सम्बन्ध में चीफ इंजीनियर लोक निर्माण विभाग को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नेशनल गेम्स में प्रतिभाग करने जा रहे उत्तराखण्ड के खिलाड़ियों के लिए विशेष प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन तथा इस सम्बन्ध में गुजरात एव केरल राज्यों के मॉडल का अध्ययन करने, नेशनल गेम्स के आयोजन के दौरान सुरक्षा व कानून व्यवस्था, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन, नेशनल गेम्स के सम्बन्ध में प्रचार-प्रसार व जन जागरूकता हेतु नोडल अधिकारी नामित करने पर चर्चा की। मुख्य सचिव ने प्रस्तावित नेशनल गेम्स हेतु आईस रिंक, अर्न्तराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम, टेनिस कोर्ट व घुड़सवारी के मैदानों के लिए बुनियादी ढांचे के विकास व रेनोवेशन कार्यों पर भी चर्चा की। बैठक के दौरान 38वें नेशनल गेम्स के सफल आयोजन में खेल विभाग की सहायता के लिए एक स्पोर्टस प्रोजेक्ट मेनेजमेंट यूनिट स्थापित करने तथा गेम्स मेनेजमेंट सिस्टम को संचालित करने के लिए एकीकृत स्पोर्टस पोर्टल व एप्प को डिजाइन व डेवलप करने पर भी चर्चा की गई।
बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, विशेष सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगौली सहित खेल विभाग व अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।