प्रदेश के भीतर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा कर मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में प्रदेश के भीतर सभी राष्ट्रीय राजमार्गों की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने प्रदेश के अंतर्गत एनएच पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई की सड़कों की स्थिति और प्रगति की विस्तार से जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने एनएच पीडब्ल्यूडी की सड़कों की बॉटल नेक की जानकारी लेते हुए उन्हें दुरुस्त किए जाने के लिए शीघ्र योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन एवं वन्यजीव संस्तुतियों के लिए लगातार केन्द्र एवं राज्य स्तरीय सम्बन्धित विभागों से अनुवर्तन करते रहने की बात भी कही। कहा कि एनएच पीडब्ल्यूडी द्वारा लम्बित मामलों में सम्बन्धित जिलाधिकारियों और फारेस्ट के साथ लगातार बैठकें आयोजित करते हुए लम्बित प्रकरणों का निस्तारण किया जाए।

मुख्य सचिव ने ऋषिकेश बाईपास में बायपास को ऋषिकेश से शिवपुरी तक बढ़ाए जाने हेतु कार्यवाही शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र के स्तर से प्राप्त होने वाली स्वीकृतियों के लिए लगातार प्रयास किए जाएँ। उन्होंने कलियासौड़ रिअलाइनमेंट और जोशीमठ बाईपास रिअलाइनमेंट कार्य पूर्ण किए जाने के लिए टाईमलाइन निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कार्यों को निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाने के लिए लगातार उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कार्यों को समय से पूरा किए जाने के लिए जिन कार्यों को समानांतर शुरू किया जा सकता है, उन्हें शुरू कर लिया जाए।

मुख्य सचिव ने एनएचएआई के अंतर्गत बन रही सड़कों की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने एनएचएआई के बल्लुपुर पोंवटा साहिब पैकेज 1 और 2, झाझरा-आशारोड़ी 4 लेन, हरिद्वार बायपास सहित विभिन्न स्तरों पर चल रहे प्रोजेक्टों की विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कार्यों को निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाएं।

सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लम्बाई 3589.99 किमी है, जो एनएच पीडब्ल्यूडी के पास 2028.19 किमी, बीआरओ के पास 986.8 किमी, एनएचआईडीसीएल के पास 130 किमी और एनएचएआई के पास 445 किमी है। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग के कुल 53 कार्य होने हैं, जिनमें से 47 को स्वीकृति प्राप्त है। 42 कार्य अवार्ड किए जा चुके हैं, जिनमें से 30 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। 12 कार्यों पर कार्य गतिमान है। 5 कार्य अवार्ड होने बाकी हैं और 6 कार्य स्वीकृत होने बाकी हैं।

इस अवसर पर अपर सचिव विनीत कुमार एवं रीजनल ऑफिसर एनएचएआई विशाल गुप्ता एवं पीडी एनएचएआई पंकज भी उपस्थित थे।

कुंभ मेला तैयारियों पर श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुरूप ही घाटों की संख्या भी बढ़ाएंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि 2027 में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के दृष्टिगत सभी प्रकार के स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के कार्य 31 अक्टूबर, 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि कार्य समाप्ति की अंतिम तिथि को गंभीरता से लेते हुए सभी कार्यों को समय से पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों के नोडल अधिकारी शीघ्र नामित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन कर उसके अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुरूप ही घाटों की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने मेलाधिकारी को सभी हितधारकों से लगातार संवाद करते हुए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेक्निकल ऑडिट कमिटी और थर्ड पार्टी क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कुम्भ मेले के लिए सभी प्रकार के कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए ए, बी, सी श्रेणियों में बांटे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों को प्रत्येक स्थिति में कराया ही कराया जाना है, ऐसे कार्यों के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि के कार्यों को भी प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि वे समय से पूर्ण हो सकें। उन्होंने अस्थायी प्रकृति के कार्यों को समयावधि के अनुरूप कराए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन-जिन विभागों एवं संस्थाओं को कुम्भ मेला क्षेत्र में स्थान आवंटित किया जाता है, उन स्थानों पर यदि अतिक्रमण हो रखा है तो, अतिक्रमण हटाते हुए विभागों को आवंटित किया जाए। उन्होंने कुम्भ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने एसपी हरिद्वार को कुम्भ मेले के दौरान यातायात एवं पार्किंग प्लान 20 अगस्त, 2025 तक मेलाधिकारी को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, पेयजल एवं विद्युत विभाग सहित अन्य सभी ऐसे विभागों, जो कुम्भ मेले के दौरान सेवाएं देते हैं, को अपनी कार्ययोजना भी 20 अगस्त, 2025 तक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा मरम्मत के लिए नहर बंदी के समय जो कुम्भ मेले से सम्बन्धित कार्य उत्तराखण्ड द्वारा कराए जाने हैं, उसके लिए पूर्व से ही सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए, ताकि नहरबंदी के दौरान तत्काल कार्य कराया जा सके।

मुख्य सचिव ने कुम्भ मेला क्षेत्र को बढ़ाए जाने की सम्भावनाएं तलाशे जाने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रकार की सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण कराए जाने हेतु उच्चाधिकारियों को क्षेत्रीय भ्रमण कर समय से कार्य पूर्ण कराए जाएं। मुख्य सचिव ने रानीपुर मोड़, रेलवे पुल से ज्वालापुर तक जल भराव की समस्या का भी हल निकाले जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत कुम्भ मेला क्षेत्र में अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न जगहों पर फायर हाइड्रेंट भी स्थापित किए जाएं।

इस अवसर पर मेलाधिकारी सोनिका ने कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

इस अवसर पर डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, बृजेश कुमार संत, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, धीराज सिंह गर्ब्याल, युगल किशोर पंत एवं डॉ . रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी भी उपस्थित थे।

ई-डीपीआर मॉड्यूल से की जाए सभी डीपीआर तैयारः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने राज्य एवं जनहित से जुड़ी योजनाओं सहित राज्य सरकार के कर्मियों की समस्याओं एवं मुद्दों पर चर्चा करते हुए विभिन्न दिशा निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को अपने विभागों के अंतर्गत किए जाने वाले कार्यों के लिए ई-डीपीआर मॉड्यूल को लागू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ई-डीपीआर के माध्यम से डीपीआर तैयार किए जाने से लेकर सरकार तक पहुंचने तक की गतिविधि ई-डीपीआर के माध्यम से की जाए। उन्होंने कहा कि ई-डीपीआर का क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग को शत-प्रतिशत रूप से ऑनलाइन किया जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि यूकेपीएफएमएस के माध्यम से सभी कर्मियों की सर्विस बुक डाटा को अपडेट किया जाए। उन्होंने कहा कि आईएफएमएस डेटा का डिजिटाइजेशन शीघ्र किया जाए। इसके लिए आईएफएमएस मैकेनिज्म को मजबूत किए जाने की भी आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं वाहन चालकों के जीपीएफ सम्बन्धी डेटा को भी लगातार अपडेट किए जाने के निर्देश दिए हैं।

ई-ऑफिस और बायोमेट्रिक को विभागों एवं जनपदों में किया जाए 100 प्रतिशत लागू
मुख्य सचिव ने सभी सचिवगणों को अपने-अपने विभागों के अंतर्गत 100 प्रतिशत ई-ऑफिस शीघ्र लागू किए जाने के निर्देश दोहराए। उन्होंने जनपद स्तरीय कार्यालयों को भी शीघ्र ई-ऑफिस पर शिफ्ट किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, विभागों में 100 प्रतिशत बायोमेट्रिक उपस्थिति लागू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सिर्फ शुक्रवार सायं
मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा जिलाधिकारियों को अलग-अलग दिन अलग-अलग समय पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आयोजित कर के अनावश्यक रूप से व्यस्त रखा जाता है। इस समस्या के निस्तारण एवं जिलाधिकारियों को अन्य महत्त्वपूर्ण कार्यों के लिए मुक्त रखे जाने हेतु शुक्रवार सायंकाल का समय निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थितियों के अतिरिक्त जिन भी विभागों को जिलाधिकारियों के साथ बैठक करनी हैं, वे प्रत्येक शुक्रवार सायंकाल जिलाधिकारियों के साथ आयोजित होने वाली बैठक में अपनी बात रख सकते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी बैठकों के एजेण्डा पॉइन्ट्स पूर्व में ही जिलाधिकारियों को साझा किए जाएं।

मुख्य सचिव ने शीघ्र ही भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नियुक्ति के कार्यक्षेत्र (विकासखण्ड, तहसील और जिला मुख्यालय) को गोद लेने की प्रक्रिया में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने विभागों के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की लगातार समीक्षा किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. नीरज खैरवाल, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान एवं धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, रेट लिस्ट भी लगेः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आगामी कांवड़ मेले को सरल, सुखद व सुरक्षित संपन्न कराने हेतु इंटरस्टेट समन्वय समिति की बैठक सीसीआर सभागार हरिद्वार में संपन्न हुई। जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान के उच्चाधिकारियों द्वारा ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया गया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कांवड़ मेला आस्था एवं श्रद्धा का बहुत बड़ा उत्सव है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सकुशल एवम् सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य सम्बन्धित विभाग चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने सभी राज्यों से रियल टाइम कॉर्डिनेशन व रियल टाइम डाटा साझा किए जाने की बात भी कही। सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स साझा किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं में आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ मेले को दृष्टिगत रखते हुए सभी तैयारियों को अंजाम दिया जाए ताकि मेले के अनुभव कुंभ में भी काम आएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि कांवड़ मेले के दौरान कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था के लिए चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर भेल पार्किंग का भी उपयोग किए जाने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए। यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, साथ ही रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाए।

डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि हर आयोजन नई चुनौतियां प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि आस्था एवं श्रद्धा के इस मेले को सुरक्षात्मक रूप से संपन्न कराने हेतु रियल टाइम सूचनाएं साझा की जाए, किसी भी प्रकार की अफवाह का यूनिफाइड खंडन किया जाए। अपने कार्यों में दक्षता रखने वाले कर्मी ही एक-दूसरे स्टेट भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए क्या करें और क्या नहीं करें की जानकारी यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए। इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन की अपेक्षाएं पूर्ण हों तथा मेला शांतिपूर्वक संपन्न हो।

बैठक में सचिव गृह शैलेश बगौली ने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, यातायात व्यवस्था सरल सुगम व सुरक्षित हो तथा श्रद्धालुओं की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तथा एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कांवड़ यात्रा अवधि, विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रतिशत, ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सहित कांवड़ यात्रा हेतु की जा रही तैयारियों का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उत्तर प्रदेश की ओर से डीआईजी अभिषेक ने यात्रा प्लान सहित चल रही तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक सूचनाएं तथा इनपुट्स रियल टाइम साझा किए जाएं, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जाए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही के लिंक भी साझा किया जाए। कांवड़ 10 फीट से अधिक ऊंचाई के न हों। शराब तथा मीट से संबंधित एसओपी का सख्ती से अनुपालन हो, सभी चिन्हित डीजे संचालकों को नियमानुसार नोटिस देते हुए बाउण्ड ऑफ किया जाए। उत्तराखंड द्वारा समय-समय पर हरिद्वार में पार्किंग की स्थिति से उत्तर प्रदेश को अवगत कराया जाए।

बैठक में उत्तर प्रदेश से एडीजे भानु भास्कर, सचिव गृह मोहित गुप्ता, कमिश्नर मेरठ डिवीजन ऋषिकेश भास्कर यशोद, कमिश्नर बरेली सौम्य अग्रवाल, कमिश्नर सहारनपुर एके राय, डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह, आईजी आरपीएफ पंकज गंगवार, उत्तराखंड से आईजी निलेश आनंद भरणे, एनएस नपलच्याल, डीआईजी धीरेन्द्र गुंज्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, मेलाधिकारी सोनिका, सहित पांचों राज्यों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने जताई पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में राष्ट्रीय नार्काे समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की बैठक ली। मुख्य सचिव ने प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों के साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में युवाओं में बढ़ रही नशे की प्रवृत्ति पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने युवाओं पर नशे के बढ़ते प्रकोप पर काबू करने के लिए कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीएम एसएसपी को महत्त्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।

मुख्य सचिव ने नशे की बिक्री को रोकने के लिए प्रवर्तन को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नशे को रोकने के लिए पुलिस विभाग को कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह को नशे के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाने हेतु पूरी छूट देते हुए सिंगल पॉइन्ट नोडल अधिकारी नामित किया। उन्होंने कहा कि नशे की जड़ों को काटने के लिए उन्हें जो भी आवश्यकता है, उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि नशे के लिए बने इस ईको सिस्टम को तोड़ने के लिए पूरे प्रदेश में एक साथ अभियान चलाया जाए, जिसमें प्रत्येक सम्बन्धित विभाग को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को ड्रग इंस्पेक्टर को भी इस अभियान में शामिल किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि डिमांड और सप्लाइ की चौन को तोड़ने में प्रत्येक अधिकारी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। सही तरीके से काम नहीं कर पा रहे अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की जाए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक अपने जनपदों में शिक्षण संस्थानों और हॉस्टल आदि के प्रमुखों से वार्ता कर उन्हें अपने संस्थानों में मेडिकल टेस्ट करने हेतु राजी करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए उपकरण एवं टेस्ट मैटीरियल की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जाएगी। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भी इसमें सहयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्यार्थियों का मेडिकल टेस्ट कराए जाने हेतु लगातार अभियान चलाए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने वृहद स्तर पर राज्य एवं जनपदों में जागरूकता अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए गृह विभाग, सूचना विभाग, उच्च शिक्षा, विद्यालयी शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग को एक दिन निर्धारित करते हुए वृहद स्तर पर जागरूकता अभियान संचालित किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि जागरूकता गतिविधियों में सोशल मीडिया एवं सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर को भी शामिल किया जाए। प्रदेश भर में लगातार इस प्रकार के जागरूकता अभियान संचालित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण एवं जिला स्तरीय समन्वय समिति की प्रत्येक माह बैठकें आयोजित करायी जाएं। उन्होंने प्रदेश में संचालित हो रहे सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों की क्षमता बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उपयोग में नहीं आ रहे सरकारी भवनों को भी नशा मुक्ति एवं मानसिक स्वास्थ्य केन्द्रों के रूप में संचालित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रायवाला में ओल्ड एज होम के लिए बनाए गए भवन सहित अन्य तैयार हो चुके भवनों में अगले एक माह में नशा मुक्ति केन्द्र शुरू किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपदों में खाली पड़े सरकारी भवनों की रिपोर्ट तैयार कर शासन को उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए, ताकि इन भवनों में आवश्यकता के अनुसार अन्य जनहित के कार्य शुरू किए जा सकें।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में संचालित हो रहे प्राईवेट नशामुक्ति केन्द्रों का भौतिक निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो प्राईवेट संस्थान मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं, उन पर नियमानुसार कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि नशे की गिरफ्त में आ चुके युवाओं को सकारात्मक गतिविधियों से जोड़े जाने की आवश्यकता है, ताकि वे जल्दी से जल्दी अपनी नशे की लत को छोड़ सकें।

मुख्य सचिव ने कहा कि एनसीसी, एनएसएस और महिला मंगल दलों को भी नशे के खिलाफ लड़ाई में शामिल किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में वार्षिक हेल्थ चौकअप को बढ़ावा दिया जाए।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. रंजीत सिन्हा, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरूगेशन, आईजी लॉ नीलेश

पेयजल, टॉयलेट, सफाई, पार्किंग आदि मूलभूत सुविधाओं में लापरवाही बरतने वाले पर होगी सख्त कार्रवाई

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में कांवड़ मेला की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों और कार्यदाई संस्थाओं को कांवड़ मेले के संचालन से संबंधित सभी तैयारियां को समय से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने निर्देशित किया कि व्यवस्थित कांवड़ मेले में बाधक बनने वालों (नशे में लिप्त, उत्पात मचाने वालों, हिंसक प्रवृति को बढ़ावा देने वालों) पर सख्ती की जाए तथा मेले के दौरान बड़े डीजे साउंड पर प्रतिबंध लगाया जाए।

उन्होंने नगर निकायों को नियमित साफ सफाई, शौचालय व पार्किंग, जल संस्थान को पेयजल की निर्बाध सप्लाई, फूड सेफ्टी विभाग को खानपान की चीजों की नियमित देख- रेख, और पूर्ति विभाग को किसी भी तरह की ओवर रेटिंग पर लगाम लगाने के निर्देश दिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि साफ- सफाई, पेयजल व्यवस्था, पार्किंग इत्यादि में यदि किसी भी तरह की लापरवाही सामने आती है तो संबंधित विभाग और संबंधित कार्यदाई संस्था पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य सचिव ने समय रहते संबंधित कार्यदायी संस्थाओं की बैठक करते हुए उनको आवश्यक दिशा – निर्देश जारी करने को कहा। उन्होंने सिंचाई विभाग को विभिन्न स्नान घाटों और पुलों पर बेहतर साफ- सफाई और जरूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

कांवड़ मेला की अवधि 11 जुलाई से 23 जुलाई तक रहेगी। पंचक अवधि 13 से 17 जुलाई तक, डाक कावड़ 20 से 23 जुलाई तक तथा जलाभिषेक (श्रावण शिवरात्रि) 23 जुलाई को होगा।

बैठक में जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार द्वारा कांवड़ मेले के केंद्र बिंदु हरिद्वार कांवड़ के सफल संचालन हेतु की गई तैयारियों, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा व्यवस्था इत्यादि का विवरण प्रेजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया।
यातायात के प्रबंधन के लिए विभिन्न रूट, स्थाई – स्थाई पार्किंग, जनपद में आने वाले तथा अन्य जगह जाने वाले वाहनों के अनुरूप रूट डाइवर्जन प्लान इत्यादि से अवगत कराया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार ने अवगत कराया कि कांवड़ मेले के प्रबंधन हेतु इसको 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में विभाजित किया गया है।

कांवड़ मेले के संचालन से संबंधित चुनौतियों तथा उनसे निपटने के लिए किए जाने वाले स्थाई- अस्थाई निर्माण कार्यों की आवश्यकता और उससे संबंधित बजटीय प्रावधानों से भी अवगत कराया गया।

देहरादून, पौड़ी और टिहरी जनपदों द्वारा भी अपनी तैयारी और बजटीय आवश्यकताओं से अवगत कराया।

बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरुगेशन, आयुक्त गढ़वाल मण्डल विनय शंकर पांडेय, महानिरीक्षक के एस नग्नयाल सहित जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हरिद्वार, देहरादून, पौढ़ी व टिहरी तथा संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

संरचनात्मक और नीतिगत दोनों तरह के प्रयासों से अपेक्षित टारगेट पूरा करते हुए रैंकिंग इंप्रूव करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद में राज्य की ओर से रखे जाने वाले बिंदुओं की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को राज्य वित्त आयोग के दिशा – निर्देशों की एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। पंचायत को अपने रेवेन्यू सोर्स जनरेट करने के लिए तीन माह के भीतर नियमावली बनाने के निर्देश दिए। नागरिकों को ग्राम पंचायत स्तर पर सभी महत्वपूर्ण सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी देने के लिए ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करने तथा इसके लिए तत्काल पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और महिलाओं के सर्वांगीण विकास को समर्पित योजना और कार्यक्रमों के इंप्लीमेंटेशन का स्तर इंप्रूव करने के निर्देश दिए ताकि कुपोषण, अल्प पोषण, वेस्टिंग, कम वजनी इत्यादि बाल विकास के अवरोधों में कमी लाई जा सके तथा इससे संबंधित इंडिकेटर के सूचकांक को भी बेहतर किया जा सके।

फूड सेफ्टी विभाग ने अवगत कराया कि विभाग में सैंपलिंग और एनफोर्समेंट से संबंधित कार्मिकों की शॉर्टेज है।

जिस पर मुख्य सचिव ने विभाग को संबंधित भर्ती बोर्ड को संबंधित पदों की भर्ती का अधियाचन प्रेषित करने के निर्देश दिए। साथ ही शीघ्रता से पदोन्नति की प्रक्रिया भी पूरा करने के कहा।

इस संबंध में उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सचिव और संबंधित जिलाधिकारी सैंपलिंग और इससे संबंधित लंबित मामलों के निस्तारण के लिए प्रत्येक माह इसकी समीक्षा बैठक आयोजित कर पेंडिंग कार्यों को शीघ्रता से निपटाएं।

बाल व महिला अपराधों के इन्वेस्टिगेशन में तेजी लाएं

मुख्य सचिव ने बच्चों और महिलाओं से संबंधित अपराधों में कमी लाने के लिए पोक्सो एक्ट तथा रेप के मामलों में तेजी से इन्वेस्टिगेशन पूरा करने तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट में लंबित मामलों का भी तेजी से निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने हेड क्वार्टर तथा जनपद दोनों स्तर पर इन मामलों की नियमित मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अर्बन मास्टर प्लान से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करते हुए सभी टाउन्स में लैंड अवेलेबिलिटी की आख्या प्रस्तुत करने तथा अर्बन एरिया में अफॉर्डेबल आवास देने की सभी स्कीम का लाभार्थियों की अलग-अलग श्रेणी के अनुसार विवरण देने के निर्देश दिए।

स्मार्ट मीटर की प्रगति के संबंध में मुख्य सचिव ने ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए कि घरेलू उपभोक्ताओं के यहां जुलाई तक तथा कमर्शियल उपभोक्ताओं के यहां सितंबर तक टारगेट पूरा करें।

उन्होंने पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) को किसान समृद्धि केंद्र के रूप में परिवर्तित करने के लिए (पैक्स के कंप्यूटरीकरण, माइक्रो एटीएम वितरण, मल्टी परपज पैक्स स्थापन इत्यादि) के कार्यों की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने ग्राम्य विकास और लोक निर्माण विभाग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के टारगेट को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने इमरजेंसी सर्विस रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम छव् – 112 की गुणवत्ता में और सुधार करते हुए इसको अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

आयुष्मान योजना के संबंध में निर्देश दिए कि अन्य राज्यों के सापेक्ष तुलनात्मक प्रगति का विवरण प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

इस दौरान बैठक में सचिव चंद्रेश कुमार व विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, सोनिका, विनीत कुमार, हिमांशु खुराना, अपूर्वा पांडेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में कुमायूं के दो प्रकरणों पर हुई चर्चा

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद नैनीताल के रामनगर में स्थित गर्जिया देवी मंदिर के मुख्य टीले के सुरक्षात्मक कार्याे तथा गोला नदी से सटे आपदा प्रबंधन से संबंधित बाढ़ सुरक्षात्मक व सड़क सुधार कार्यों के दो प्रकरणों पर चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने नैनीताल के रामनगर में स्थित गार्जिया देवी मंदिर के कार्यों की प्रगति प्राप्त करते हुए अवशेष सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जनपद नैनीताल के लालकुआं के बनभूलपूरा रेलवे क्रॉसिंग से गोला पुल तक गोला नदी के अत्यधिक पानी के बहाव के चलते क्षतिग्रस्त मार्ग तथा विभागों से जुड़ी हुई सभी परिसंपत्तियों की आईआईटी रुड़की से हाइड्रोलॉजिकल स्टडी कराते हुए सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, श्रीधर बाबू अदांकी, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

बेसमेंट में पार्किंग न कराने वाले संस्थानों और संबंधित व्यक्ति पर सख्ती से होगी एनफोर्समेंट की कार्रवाई

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित बैठक में जिला प्रशासन देहरादून तथा संबंधित विभागों द्वारा देहरादून शहर को व्यवस्थित और अधिक गतिशील बनाने से संबंधित शहर के मोबिलिटी प्लान को प्रस्तुत किया गया।

जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल ने शहर के मोबिलिटी प्लान से संबंधित कार्यों में अब तक हुई प्रगति से अवगत कराया तथा शहर की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए भविष्य में किए जाने वाले कार्यों तथा दूरगामी प्लान से भी अवगत कराया।

मुख्य सचिव ने इस दौरान संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि शहर के सभी कमर्शियल संस्थाओं की बेसमेंट पार्किंग का शत – प्रतिशत उपयोग कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देश दिए की जो भी संस्थान बेसमेंट में पार्किंग नहीं कराते उन पर सख्त एनफोर्समेंट की कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने शहर में सड़क और जंक्शन इंप्रूवमेंट के कार्यों में तेजी से प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, एमडीडीए, नगर निगम, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग, उत्तराखंड जल संस्थान व जल निगम सभी विभागों को आपसी समन्वय से देहरादून शहर को अधिक गतिशील और सुव्यवस्थित बनाने के लिए स्पष्ट रोड मैप तैयार करने को कहा तथा प्रत्येक कार्यों को पूरा करने के लिए टाइमलाइन का निर्धारण सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने एमडीडीए को निर्देशित किया कि भवन निर्माण के मैप अप्रूवल में पार्किंग के बायलॉज का सक्ति से अनुपालन कराएं। इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पंकज पांडेय, एमडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विनीत कुमार, नगर आयुक्त देहरादून नमामि बंसल सहित लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग और संबंधी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
—————-
वन पंचायतों में गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास एवं हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड की वन पंचायतों में गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास एवं हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की स्टेट लेवल मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि हरिद्वार और उधम सिंह नगर जैसे जनपदों में जहां पर जड़ी बूटी उत्पादन की तो व्यापक संभावनाएं मौजूद हैं लेकिन इन मैदानी जनपदों में वन पंचायत का अस्तित्व नहीं हैं इसीलिए इन जनपदों में ग्राम पंचायत के माध्यम से जड़ी – बूटी का उत्पादन प्रारंभ करें।

उन्होंने कैंपा फंड के माध्यम से भी निजी भूमि पर हर्बल उत्पादन की संभावना तलाशने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि हर्बल उत्पादन के संबंधित सभी डाटा की ळप्ै मैपिंग करें और इसके सभी स्तर के आंकड़ों का डिजिटलीकरण भी करें।

उन्होंने हर्बल उत्पादन से संबंधित फॉरेस्ट और नॉन फॉरेस्ट एक्टिविटीज का एफडीए (फॉरेस्ट डेवलपमेंट एजेंसी) से एग्जामिन कराने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने हर्बल उत्पादन से संबंधित जुड़े हुए लोगों का एल्टीट्यूड वाइज प्रशिक्षण दस्तावेज तैयार करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि वन विभाग के अधीन वर्तमान समय में जो भी विभिन्न वनोत्पाद उपलब्ध हैं उनकी बेहतर मार्केटिंग और वैल्यू एडिंग करते हुए उसको भी स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और स्थानीय लोगों की जीविकोपार्जन का आधार बनाएं।

मुख्य सचिव ने मानसून की तैयारियों के संबंध में की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने मानसून की तैयारियों के संबंध में सभी जनपदों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मानसून अवधि में संभावित आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए सभी विभाग अपनी-अपनी तैयारियों को पुख्ता कर लें। यदि कुछ कार्य किए जाने शेष हैं तो समय पर उन्हें पूरा कर लें।

सचिवालय में आयोजित बैठक में दोनों मंडलों के आयुक्त तथा सभी जिलाधिकारियों ने बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग किया।

मुख्य सचिव ने कहा कि आपदाओं का सामना करने में जहां आपदा पूर्व तैयारी महत्वपूर्ण है, वहीं त्वरित रिस्पांस टाइम भी बेहद जरूरी है। जितना बेहतर हमारा रिस्पांस टाइम होगा, उतना ही प्रभावी तरीके से हम आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्य करने तथा आम जनमानस को राहत पहुंचाने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने आगामी मानसून सीजन के दौरान जलभराव की समस्या तथा अन्य आकस्मिकताओं से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल और चंपावत के जलभराव तथा बाढ़ प्रभावित इलाकों में मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए।

राज्य में चारधाम यात्रा भी चल रही है, ऐसे में सभी रेखीय विभागों का 24 घंटे अलर्ट पर रहना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि राहत और बचाव दल तथा विभिन्न विभाग यह सुनिश्चित करें कि किसी भी आपदा की स्थिति में उनकी टीम त्वरित गति से मौके पर पहुंचे और बिना समय गंवाए अपने-अपने कार्यों का निष्पादन करें।

बैठक में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने आगामी मानसून सीजन को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की तैयारियों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में विभिन्न रेखीय विभागों के नोडल अधिकारियों की तैनाती हो गई है। उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन निधि तथा राज्य सेक्टर से पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति कार्यों के लिए और राहत एवं बचाव कार्यों के लिए 162 करोड़ की धनराशि जनपदों को जारी कर दी गई है। तैयारी और क्षमता विकास मद में प्रति जनपद एक-एक करोड़ रुपये जारी किए जाने की कार्यवाही गतिमान है। विभिन्न विभागों को भी धनराशि आवंटित की गई है।

नदियों की डिसिल्टिंग कराया जाना आवश्यक
मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून अवधि में बाढ़ और जलभराव का एक प्रमुख कारण है, नदियों में सिल्ट का अत्यधिक मात्रा में जमा हो जाना। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों में नदियों की डिसिल्टिंग कराया जाना आवश्यक है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वन क्षेत्र में डिसिल्टिंग करने में जिन भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, उनका शासन के साथ वार्ता कर समाधान निकालकर कार्यवाही की जाए।

आपदा प्रभावितों को सहायता जल्द दी जाए
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा के बाद जन सामान्य को राहत पहुंचाना शासन-प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने आपदा प्रभावितों को सहायता जल्द से जल्द उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। आपदा के बाद पुनर्निर्माण कार्यों को त्वरित गति से संचालित करने तथा नुकसान के आकलन के लिए पंचायत स्तर पर सर्वे टीम गठित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों की मांग पर पर्याप्त एम्बुलेंस जनपदों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

धन की कमी नहीं पर दुरुपयोग न हो
मुख्य सचिव ने कहा कि आपदा संबंधी कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि आपदा मद में जो भी धनराशि शासन द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है, उसका शत-प्रतिशत उपयोग किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि धन का किसी प्रकार भी दुरुपयोग ना हो।

मुख्य सचिव द्वारा जारी किए गए अन्य आवश्यक दिशा-निर्देशः
बाढ़ सम्भावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण कर मौसम पूर्वानुमान के अनुसार ऐसे क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरिक्षत स्थानों में विस्थापित किया जाए।
बाढ़ आदि की संभावना के दृष्टिगत पूर्व से ही राहत शिविरों/सुरक्षित स्थानों का चिन्हीकरण किया जाए।
बाढ़ की स्थिति में पर्याप्त संख्या में नाव, राफ्ट की व्यवस्था की जाए।
राहत शिविर में लोगों के खान-पान तथा उपचार की व्यवस्था की जाए।
पशुओं के लिये सुरक्षित स्थान का चयन तथा उनके समुचित चारे एवं उपचार की व्यवस्था हो।
मार्ग बंद होने पर तुरंत खोलने के लिए जेसीबी तथा अन्य संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
वैकल्पिक व्यवस्था के दृष्टिगत बैली ब्रिज का भण्डारण।
खाद्यान्न, पेट्रोल, डीजल, एलपीजी, सीएनजी का भण्डारण।
दूरस्थ क्षेत्रों में रास्ता बंद होने की स्थिति में स्थानीय दुकानदारों के पास आवश्यक वस्तुओं का भण्डारण सुनिश्चित किया जाए।
मानसून के दौरान होने वाली जल जनित संक्रामक बीमारियों के उचित प्रबंधन हेतु आवश्यक औषधियों का भण्डारण।
गर्भवती महिलाओं डाटा एकत्रित करना तथा इनके प्रसव हेतु समीपस्थ निजी/सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का चिन्हीकरण किया जाए। बिजली तथा जलापूर्ति बाधित होने पर उपकरणों का समुचित भण्डारण।
बैठक में प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, पंकज कुमार पाण्डेय, एसएन पाण्डेय, सी रविशंकर, धीराज गर्ब्याल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, अनु सचिव ज्योतिर्मय त्रिपाठी आदि अधिकारी उपस्थित रहे।