सचिवालय में हुई टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में एशियाई विकास बैंक सहायतित टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में परियोजना निदेशक द्वारा टिहरी झील एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से संबंधित चौथी एचपीसी बैठक के निर्देशों की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की गई, साथ ही वर्तमान में गतिमान 19 उप प्रोजेक्ट की स्टेटस रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।

मुख्य सचिव ने गतिमान निविदा प्रक्रिया से संबंधित प्रकरणों एवं उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली।

उन्होंने टिहरी लेक एरिया डेवलपमेंट के कार्यों टूरिज्म रोड, डेवलपमेंट आफ डोबरा चांटी पार्क, अपग्रेडेशन ऑफ तिवाड़ गांव, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट इत्यादि की प्रगति की जानकारी प्राप्त करते हुए संतोष व्यक्त किया और तेजी से कार्यों को पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि भविष्य में किसी भी प्रोजेक्ट का कंपलीट ग्राउंड सर्वे करने के पश्चात ही डीपीआर तैयार करें ताकि प्रोजेक्ट के सभी पहलू सम्मिलित हो जाए और प्रोजेक्ट की बाद में लागत में बढ़ोतरी की संभावना भी ना रहे।

उन्होंने निर्देशित किया कि बड़े और मेजर कार्यों को छोड़कर छोटे-छोटे काम के लिए कंसल्टेंसी सर्विसेज लेने से बचें। प्रोजेक्ट/उप प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि कार्य पूरा होने के पश्चात उसका नियमित तरीके से बेहतर संचालन भी होता रहे।

मुख्य सचिव ने टिहरी एरिया के डेवलपमेंट से संबंधित अब तक विभिन्न एजेंसी द्वारा समय-समय पर किए गए कार्यों का विवरण भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सचिव पर्यटन को टिहरी झील और उसके आसपास के क्षेत्र को वर्ल्ड लेवल का टूरिस्ट हब डेस्टिनेशन बनाने के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाते हुए अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, सचिव वी. षणमुगम, परियोजना निदेशक/अपर सचिव अभिषेक रोहेला, वित्त निदेशक जगत सिंह चौहान, सहायक प्रोजेक्ट निदेशक राजेश पंत, सिविल इंजीनियर भवन एवं अवसंरचना कपिल कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम की 126वीं बोर्ड बैठक में अहम परियोजनाओं व कार्यों की हुई चर्चा

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में उत्तराखंड जल विद्युत निगम की 126 वीं बोर्ड बैठक आयोजित हुई; जिसमें महत्वपूर्ण परियोजनाओं और संस्थान के कार्यों पर चर्चा की गई।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2025 – 26 के लिए संस्थान के पावर हाउस का 5212 मिलियन यूनिट का जनरेशन टारगेट फिक्स किया गया।

निगम के केपीआई (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर) के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2024- 25 की उपलब्धियां पर चर्चा की गई एवं वित्त वर्ष 2025- 26 हेतु टारगेट निर्धारित किए गए।

सिरकारी – भयोल- रूपसिया बगड़ परियोजना हेतु सिविल पैकेज को हाइड्रो पैकेज के साथ शामिल करने का अनुमोदन प्रदान किया गया।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में रिव्यू पिटीशन फाइल किए जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया।

मद्महेश्वर परियोजना को पूरा करने की अवधि में विस्तार किया गया।

निगम के वित्त वर्ष 2025 – 26 हेतु बजट का अनुमोदन प्रदान किया गया।

मनेरी भाली परियोजना हेतु रिमोट ऑपरेटेड व्हीकल (आरोवी) से सर्वे कराने का अनुमोदन प्रदान किया गया।

बोर्ड बैठक में 100 करोड़ के ऊपर के निविदा डॉक्यूमेंट के लिए भी 20 से 100 करोड़ के निविदा प्रपत्र का ही उपयोग करने का अनुमोदन प्रदान किया गया।

निगम के 30 जून अथवा 31 दिसंबर को रिटायर होने वाले कार्मिकों के लिए लिए शासन के अनुरूप नेशनल इंक्रीमेंट का लाभ प्रदान करने तथा शासन द्वारा निर्गत की गई प्रोमोशन के शिथिलीकरण नियमावली को भी अंगीकार किया गया।

बैठक में इंडिपेंडेंट निदेशक इंदु कुमार पांडेय, पराग गुप्ता व सी एम वासुदेव, प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल सहित संबंधित सदस्य उपस्थित थे।

सीएस ने किया देहरादून एयरपोर्ट पर देर रात्रिकालीन लैंडिंग की सुविधा हेतु अनुरोध

उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य के विकास से जुड़े हुए विभिन्न मुद्दों के संबंध में भारत सरकार के विभिन्न सचिवों से भेंट की।

पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मिला आश्वासन

छह माह के भीतर निविदा प्रक्रिया की जाएगी प्रारंभ

मुख्य सचिव ने नागरिक उड्डयन सचिव समीर कुमार सिन्हा से भेंट की, जिसमें पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर चर्चा की। सचिव सिन्हा ने आश्वस्त किया कि आगामी छः माह में पंतनगर एयरपोर्ट का निर्माण हेतु Bidding Process प्रारंभ कर लिया जाएगा।

मुख्य सचिव ने देहरादून एयरपोर्ट पर देर रात्रिकालीन लैंडिंग की सुविधा हेतु भी अनुरोध किया। साथ ही हेली एम्बुलेंस सेवा को पुनः आरंभ करने, एवं पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के सुदृढ़ीकरण को लेकर भी आग्रह किया, जिस पर नागरिक उड्डयन सचिव ने सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया।

केदारनाथ में हुई हेलीकॉप्टर की क्रैश लैंडिंग की घटना के संदर्भ में मुख्य सचिव ने यात्रियों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से यथोचित कार्रवाई की मांग की, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।

रोपवे और जल विद्युत परियोजनाओं से संबंधित प्रोजेक्ट की पर्यावरणीय क्लीयरेंस का किया गया अनुरोध

मुख्य सचिव ने वन एवं पर्यावरण सचिव तनमय कुमार से भेंट कर त्यूणी-प्लासू जल विद्युत परियोजना, ऋषिकेश-नीलकंठ रोपवे प्रोजेक्ट, एवं सिरकारी भ्योल रूपासिया बगड़ जलविद्युत परियोजना के लिए वन स्वीकृति (wild life clearance/environment clearance) प्रदान करने का अनुरोध किया।

ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए रीजनल ट्रैफिक ट्रांजिट सिस्टम का दिल्ली मेरठ से आगे ऋषिकेश तक विस्तार का अनुरोध किया गया

मुख्य सचिव ने आवास और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास कटिकिथला से मुलाकात कर आरआरटीएस (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) को दिल्ली-मेरठ मार्ग से आगे हरिद्वार और ऋषिकेश तक विस्तारित करने हेतु अनुरोध किया। यह प्रस्ताव परीक्षण और दृश्यता रिपोर्ट के आधार पर क्रियान्वयन हेतु दिया गया। साथ ही देहरादून शहर में ट्रैफिक जाम और सार्वजनिक परिवहन की समस्याओं के समाधान हेतु सुझाव के लिये अनुरोध किया।

पेयजल और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु राज्य सरकार को दी जाने वाली धनराशि जारी करने का आग्रह

मुख्य सचिव ने पेयजल एवं स्वच्छता सचिव अशोक केके मीणा के साथ बैठक कर राज्य में जल जीवन मिशन के अंतर्गत लंबित धनराशि लगभग ₹3000 करोड़ अवमुक्त किये जाने का अनुरोध किया। साथ ही स्वच्छ भारत मिशन के तहत चार धाम यात्रा के दौरान ठोस स्वच्छता प्रबंधन व्यवस्था हेतु विशेष ध्यान देने की बात रखी।

राज्य में आपदा के दौरान वायु सेना को अदा किए जाने वाले शुल्क में छूट की मांग की गई

मुख्य सचिव ने रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह से मुलाकात कर राज्य के आपदा एवं राहत कार्यों के अंतर्गत भारतीय वायुसेना की सेवाओं के लिए देय शुल्क को माफ किए जाने का अनुरोध किया।

एमएसएमई सेक्टर को पूर्वोत्तर राज्यों की भांति 90% लागत सहायता प्रदान करने का किया अनुरोध

मुख्य सचिव ने एमएसएमई सचिव सुभाष चंद्र लाल दास से मुलाकात कर, पूर्वाेत्तर राज्यों के भांति उत्तराखण्ड राज्य को एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा 90 प्रतिशत तक लागत सहायता धनराशि के लिय अनुरोध किया। राज्य में फ्लैट फैक्ट्री एवं टूल रूम और प्रौद्योगिकी विकास केंद्र, टेस्टिंग पैकेजिंग सेंटर जैसे केंद्रों केा विकास करने हेतु अनुरोध किया गया।

उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों के अंब्रेला ब्रांड हाउस आफ हिमालय को प्रमोट करने का किया आग्रह

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह से मुलाकात कर मनरेगा के तहत 270 करोड़ रुपए की लंबित राशि को अवमुक्त करने का अनुरोध किया। इसके अतिरिक्त ‘हाउस ऑफ हिमालय’ को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा गया, ताकि उत्तराखण्ड के हस्तशिल्प, उत्पादों और सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक पहचान मिल सके। इसके साथ ही दिल्ली, मुम्बई, कोलकाता जैसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर ‘हाउस ऑफ हिमालय’ के आउटलेट्स खोले जाने का अनुरोध किया गया।

उत्तराखंड को सुगम्य फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के लिए फिल्म फेस्टिवल की मेजबानी का अनुरोध किया गया

मुख्य सचिव ने सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू से भेंट कर उत्तराखण्ड में राष्ट्रीय स्तर के फिल्म फेस्टिवल की मेज़बानी और राज्य में अधिक से अधिक फिल्मों की शूटिंग को प्रोत्साहित करने की दिशा में समर्थन माँगा गया। इसके अतिरिक्त व्यय सचिव श्री वी. वुअलनम से मुलाकात कर आगामी हरिद्वार कुंभ के लिए विशेष वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया गया, ताकि आयोजन भव्य और सुव्यवस्थित रूप में संपन्न हो सके।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सलाहकार (मा0 प्रधानमंत्री) से मुलाकात कर राज्य की विभिन्न आवश्यकता यथा कुम्भ-2027 हेतु आर्थिक सहायता, नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विस्तारीकरण व सुदृढ़ीकरण आदि हेतु अनुरोध किया गया।

प्रमुख वाहन निर्माताओं को उत्तराखंड में निवेश का दिया न्यौता

मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने उत्तराखंड निवास में प्रमुख वाहन निर्माताओं (टाटा मोटर्स, महिंद्रा, हुंडई, KIA मोटर्स, GSW आदि) के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर, देश के विभिन्न राज्यों में लागू इलेक्ट्रिक वाहन नीति को लेकर विस्तृत चर्चा की। इस संबंध में उत्तराखण्ड राज्य में ईवी क्षेत्र को बढ़ावा देने हेतु निवेश संभावनाओं पर विचार-विमर्श हुआ।

यूनिक और प्रभावी सर्विस, वन गेटवे तथा बेहतर मार्केटिंग के जरिए बढ़ाएं इको टूरिज्मः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में डेवलपमेंट ऑफ इको टूरिज्म की राज्य स्तरीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एच. पी. सी.) की बैठक आयोजित की गई। बैठक में वन विभाग तथा संबंधित अधिकारियों के साथ इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के किए जा रहे प्रयासों के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई।

बैठक में मुख्य सचिव ने वन विभाग को निर्देशित किया कि पूरे राज्य में जबरखेत मॉडल आधारित बड़े इको टूरिज्म डेस्टिनेशन डेवलप करें। इको टूरिज्म का एक बहुत बड़ा डेस्टिनेशन हो जिसके चारों ओर छोटे-छोटे डिस्टेंस पर फॉरेस्ट टूरिज्म से संबंधित छोटे-छोटे फॉरेस्ट टूरिस्ट स्टेशन हो। जहां पर इको टूरिज्म से संबंधित विविध प्रकार की एक्टिविटी (फॉरेस्ट ट्रैकिंग, बर्ड वाचिंग, वाइल्डलाइफ सफारी, हेरिटेज ट्रेल, इको कैंपिंग, नेचर एडवेंचर, नेचर गार्डन इत्यादि) मौजूद हो। इसको एक पूरे पैकेज की भांति डेवलप करें। इस बात का भी होमवर्क करें कि इसका बेहतर संचालन कैसे संभव हो अर्थात डेस्टिनेशन के डेवलपमेंट से लेकर, उसकी मार्केटिंग और उसका प्रभावी संचालन कैसे हो इन सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए कार्य करें।

यूनिक और स्मूथ सर्विस तथा वन गेटवे और बेहतर मार्केटिंग से इको टूरिज्म को बनाएं प्रभावी

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि शुरुआती चरण में 20 से 25 ऐसे इको टूरिज्म डेस्टिनेशन डेवलप करें जिनको डेवलप करना आसान हो और जहां पर डेवलप होने की व्यापक संभावनाएं मौजूद हो। उन्होंने निर्देशित किया कि इस बात की भी संभावनाएं तलाशें कि जो डेस्टिनेशन पहले से ही मौजूद हैं अथवा जिनको विकसित किया जा रहा है उनमें और अधिक वैल्यू एडिंग क्या की जा सकती है ताकि उसको और अधिक आकर्षक बनाया जा सके। बड़े और छोटे दोनों तरह के डेस्टिनेशन डेवलप करें।

उन्होंने कहा कि नंदा देवी पिक जो की 80 के दशक से बंद है वहां पर किस प्रकार से पुनः इको टूरिज्म की संभावना है तलाशी जा सकती हैं इसकी भी स्टडी करें।

मुख्य सचिव ने वन विभाग को निर्देशित किया कि राज्य के प्राकृतिक संसाधनों (वन एवं वन्य जीवों) का संरक्षण करते हुए स्थानीय समुदाय के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने पर जोर दें।

इस दौरान बैठक में सचिव वन सी रवि शंकर, पीसीसीएफ धनंजय मोहन, मुख्य वन संरक्षक राहुल, अपर सचिव पर्यटन डॉ पूजा गर्ब्याल, अपर सचिव वन विनीत कुमार, सीसीएफ इको टूरिज्म पी के पात्रों सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास तथा हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की समीक्षा की

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास तथा हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
मुख्य सचिव ने वन विभाग को प्रदेश में जड़ी- बूटी के विकास और संरक्षण से संबंधित वन विभाग द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी लेते हुए निर्देशित किया कि स्थानीय समुदायों और वन पंचायतों को जड़ी बूटी रोपण, इको टूरिज्म एवं मूल्य संवर्धन गतिविधियों के माध्यम से सशक्त बनाएं। उन्होंने जड़ी बूटी के विकास के माध्यम से आजीविका सृजन, कौशल विकास एवं स्थानीय आर्थिक व बुनियादी ढांचे में सुधार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि कलस्टर लेवल फेडरेशन (स्थानीय वन पंचायत) के समन्वय से जड़ी बूटी उत्पादन के प्रोजेक्ट को इंप्लीमेंट करें।
निर्देशित किया कि प्रोजेक्ट के अंतर्गत जितनी वन पंचायतों को चिन्हित किया जा चुका है वहां पर कार्यों की प्रगति तेजी से बढ़ाएं।
इस दौरान वन विभाग ने अवगत कराया की गैर प्रकाष्ठ वन उपज का विकास तथा हर्बल एवं एरोमा टूरिज्म प्रोजेक्ट की समय अवधि 10 वर्ष की है। इसका प्रथम चरण 2024 से 2029 तक तथा द्वितीय चरण 2028 से 2033 तक का है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 628 करोड रुपए है तथा यह प्रोजेक्ट जनपद हरिद्वार एवं उधम सिंह नगर को छोड़कर राज्य के 11 जनपदों में इंप्लीमेंट किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5000 वन पंचायतें लाभान्वित होंगी। इसके तहत 5000 हेक्टेयर वन पंचायत की भूमि पर तथा 5000 हेक्टेयर निजी भूमि पर जड़ी बूटी का वनीकरण किया जाना है।

सीएस ने उत्तराखंड जल विद्युत निगम में हुई ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में जीएमएस रोड स्थित उत्तराखंड जल विद्युत निगम के सभागार में ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में यूजेवीएनएल, पिटकुल और यूपीसीएल के तीनों कारपोरेशन के गतिमान कार्यों, उनकी वर्तमान स्थिति, उनकी प्रगति, भविष्य की रणनीतियों तथा लोगों को स्वच्छ, सुलभ और विश्वसनीय ऊर्जा उपलब्धता सुनिश्चित करने के संबंध में व्यापक विचार-विमर्श किया गया।

प्रोजेक्ट के तकनीकी, आर्थिकी और व्यवसायिक व्यवहारिकता का ध्यान रखा जाए।
महत्वपूर्ण अप्रूवल प्राप्त होने के पश्चात ही निविदा प्रक्रिया प्रारंभ करें।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि किसी भी प्रोजेक्ट को बनाते समय उसके तकनीकी, आर्थिकी और व्यावसायिक सभी पहलुओं को ध्यान में रखें। साथ ही प्रशासनिक, पर्यावरणीय, वित्तीय और तकनीकी सभी तरह की महत्वपूर्ण स्वीकृतियां प्राप्त होने के पश्चात ही निविदा प्रक्रिया प्रारंभ करें। ताकि बाद में परियोजनाओं को पूरा करने में किसी भी अवरोध का सामना न करना पड़े।

सभी प्रोजेक्ट को निर्धारित समयावधि में पूरा करें। केंद्र और राज्य के संबंधित मंत्रालयों तथा विभागों और एजेंसियों से समन्वय स्थापित करते हुए बाधक बिंदुओं का समाधान तलाशें।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट को पूरा करने की जो अवधि निर्धारित की जाती है उसी अवधि में प्रोजेक्ट पूरा करें।

प्रोजेक्ट को तेजी से पूरा करने के मार्ग में जो भी अवरोध सामने आते हैं चाहे केंद्र सरकार के किसी मंत्रालय से संबंधित हो अथवा राज्य सरकार के किसी विभाग अथवा एजेंसी से संबंधित उन संबंधित पक्षों से बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए उन मुद्दों का समाधान तलाशें जिससे प्रोजेक्ट समय से पूरे हो सकें।

तीनों कॉरपोरेशन अपने-अपने महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत, प्रोजेक्ट के विलंब की दशा में उसकी बढ़ी हुई लागत तथा ऊर्जा दक्षता में होने वाली हानि को रोकने के लिए व्यावहारिक उपायों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि ऊर्जा विभाग के तीनों कॉरपोरेशन अपने-अपने प्रोजेक्ट का इस संदर्भ में विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें कि प्रोजेक्ट की शुरुआती लागत क्या थी और किसी तरह के विलंब के चलते उसकी अंतिम लागत कितनी बढ़ी तथा उसके पीछे क्या कारण रहे। साथ ही ऊर्जा दक्षता में होने वाली हानि का क्या कारण है और उसको कैसे रोका जा सकता है।

ऊर्जा विभाग से जुड़े हुए तीनों कॉरपोरेशन आगामी मध्यकालिक और दीर्घकालिक अवधि का दूरगामी एजेंडा भी प्रस्तुत करें।

मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि तीनों कॉरपोरेशन आगामी 5 वर्ष, 10 वर्ष, 15 वर्ष और 25- 30 वर्षों का विस्तृत एजेंडा आगामी बैठक में प्रस्तुत करें। इस एजेंडा में भविष्य में ऊर्जा जरूरत को ध्यान में रखते हुए कारपोरेशन के क्या-क्या प्लान हैं, क्या टारगेट रहेंगे और उनको कैसे अचीव किया जा सकता है इनका विस्तृत विवरण प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को महत्वपूर्ण निर्देश

तराई वाले जनपदों के खंडवार विद्युत लॉस का विवरण उपलब्ध कराएं।

स्मार्ट मीटर के प्रोजेक्ट के कार्यों में तेजी लाएं और उसको समय से पूरा करें। उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में प्राथमिकता से विद्युत मीटर के कार्यों को पहले पूरा करें।
भूमिगत लाइनों के प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन तथा संबंधित विभागों से नियमित समन्वय कर डे बाय डे प्रगति बढ़ाएं।

पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ़ उत्तराखंड लिमिटेड को महत्वपूर्ण निर्देश

भारत सरकार के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण से राज्य के पारेषण तंत्र का विस्तृत अध्ययन कराया जाए ताकि पारेषण तंत्र में सुधार लाया जा सके।

विद्युत लॉस को रोकने तथा सुरक्षा की दृष्टि से हाइटेंशन लाइन का नियमित निरीक्षण करें तथा इसके लिए नई तकनीक को भी आत्मसात करें। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ट्रांसमिशन के विस्तारीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजे की धनराशि को बढ़ाने पर भी विचार करने के निर्देश दिए।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम को महत्वपूर्ण निर्देश

राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट की संभावना की स्टडी करें।
निर्माणाधीन लखवाड बहुउद्देशीय परियोजना के कार्यों में तेजी लाएं।
सभी विकासशील परियोजनाएं कब से शुरू हुई, वर्तमान में किस स्तर पर हैं तथा कब तक पूर्ण होंगी इसका विस्तृत विवरण प्रस्तुत करें।

उत्तराखंड जल विद्युत निगम और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन द्वारा सरकार को दी जाने वाली देनदारी का आपसी समन्वय से भुगतान करना सुनिश्चित करें।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि एशियाई विकास बैंक, राज्य को विशेष सहायतित अनुदान प्राप्त प्रोजेक्ट और मुख्यमंत्री की घोषणाओं से संबंधित प्रोजेक्ट सभी की प्रगति बेहतर करने के लिए नियमित रूप से मॉनिटरिंग करें।
सभी प्रोजेक्ट में अनिवार्य रूप से बोर्ड की संस्तुति प्राप्त करें।

इस दौरान उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य गठन के समय राज्य की स्थापित विद्युत क्षमता 1101 मेगावाट थी जो वर्तमान में बढ़कर 4264 मेगावाट हो गई है। कॉरपोरेशन द्वारा 2024- 25 में 1136 करोड़ का राजस्व जनरेट किया गया जबकि 95 करोड़ का प्रॉफिट भी किया गया।

इस दौरान ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड जल विद्युत निगम संदीप सिंहल, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड अनिल कुमार व पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ़ उत्तराखंड लिमिटेड पीसी ध्यानी सहित ऊर्जा विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने दिए पुलिस व परिवहन विभाग को यातायात नियमों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण सहित सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि देहरादून शहर की यातायात संकुलन की समस्या को दूर करने हेतु यातायात प्रबंधन योजना को सभी सम्बन्धित विभाग आपसी तालमेल से धरातल पर उतारें।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी देहरादून को शहर के यातायात संकुलन को कम करने के लिए चिन्हित चौराहों में सुधार पर शीघ्र कार्यवाही किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने पुलिस एवं परिवहन विभाग को यातायात नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यातायात नियमों के अनुपालन के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने शहर के भीतर नए पार्किंग स्थल चिन्हित करते हुए, अगले 5-10 वर्षों में होने वाले यातायात संकुलन के अनुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने की बात कही।

मुख्य सचिव ने एमडीडीए को आढ़त बाजार को शिफ्ट किए जाने हेतु कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को प्लॉट आबंटन का कार्य में तेजी लायी जाए। उन्होंने आढ़त बाजार शिफ्टिंग के लिए निर्धारित कैलेण्डर का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को आढ़त बाजार चौड़ीकरण की डीपीआर तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने वाणिज्यिक परिसर और शॉपिंग मॉल्स द्वारा अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं करने पर कार्रवाही किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि लोगों एवं आने वाली पीढ़ी में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने हेतु यातायात पार्क तैयार किए जाएं। उन्होंने फुटपाथ से अतिक्रमण हटाए जाने और यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए भी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, अपर सचिव रीना जोशी, पूजा गरब्याल, नगर आयुक्त नगर निगम देहरादून नमामी बंसल एवं उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन से बृजेश कुमार मिश्रा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री घोषणाओं को प्राथमिकता पर लिया जाएः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सीएम घोषणाओं को पूर्ण किए जाने में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री घोषणाओं को प्राथमिकता पर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जनहित एवं राज्य हित की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने योजनाओं को पोर्टल पर लगातार अद्यतन किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि विभागों को भी पोर्टल पर अपनी अद्यतन स्थिति देखे जाने का प्राविधान किया जाए। उन्होंने विभागों को घोषणाओं की प्रगति की अद्यतन सूचना मुख्यमंत्री घोषणा सेल को समय-समय पर उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिए गए।

मुख्य सचिव ने शासन को टीएसी एवं ईएफसी आदि के लिए भेजे गए प्रस्तावों को एक माह में निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। बैठक के दौरान शहरी विकास, लोक निर्माण विभाग, शिक्षा विभाग एवं सिंचाई विभाग की योजनाओं की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने सीएम घोषणाओं पर विभागों की प्रगति पर संतुष्टि व्यक्त की।

इस अवसर पर सचिव नितेश कुमार झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, एस.एन. पाण्डेय एवं महानिदेशक शिक्षा अभिषेक रोहेला अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मसूरी में यातायात संकुलन की समस्या को कम करने के लिए अन्य वैकल्पिक मार्गों को दुरूस्त किया जाना आववश्यकः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में मसूरी में आधारभूत संरचनाओं एवं सुविधाओं में सुधार के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने रोड कनेक्टिविटी, यातायात संकुलन और नागरिक सुविधाओं के विकास जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा की।

मुख्य सचिव ने कहा कि मसूरी में आधारभूत संरचनाओं एवं सुविधाओं के विकास के लिए शहरी विकास विभाग नोडल विभाग होगा। उन्होंने कहा कि मसूरी के लिए यातायात संकुलन एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मसूरी में यातायात संकुलन की समस्या को कम करने के लिए अन्य वैकल्पिक मार्गों को दुरूस्त किया जाना आववश्यक है। उन्होंने आरटीओ एवं पुलिस के द्वारा मसूरी के लिए ट्रेफिक प्लान को सख्ती से प्रवर्तन कराए जाने पर भी जोर दिया। उन्होंने झड़ीपानी रोड, कैमल्स बैक रोड, लंढौर एवं खट्टापानी रोड के चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण कार्य किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि नगर पालिका को इन सड़कों के सुधारीकरण कार्यों के लिए सरकार द्वारा फंडिंग उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने मसूरी के लिए इंटरनल कनेक्टिविटी प्लान तैयार किए जाने की भी बात कही। कहा कि इंटरनल कनेक्टिविटी के लिए रोपवे विकास पर सर्वेक्षण करा लिया जाए। उन्होंने मसूरी के मॉल रोड पर यातायात का दबाव कम करने तथा स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों को आंतरिक यातायात सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्व में संचालित गोल्फ कार्ट को पुनः सुचारू किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मसूरी में नए गन्तव्यों को चिन्हित कर विकसित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि झड़ीपानी फॉल, शिखर फॉल, मॉसी फॉल आदि क्षेत्रों के विकास के लिए योजना तैयार की जाए। उन्होंने मसूरी क्षेत्र के आसपास ट्रेक रूट्स विकसित किए जाने की भी बात कही। कहा कि मसूरी क्षेत्र में अन्य टूरिस्ट डेस्टिनेशन तैयार किए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। इसके लिए लगातार नए गंतव्यों की तलाश की जानी चाहिए। उन्होंने ऐसे गंतव्यों की सूची तैयार किए जाने के निर्देश दिए जिन्हें पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित किया जा सके। मुख्य सचिव ने कहा कि मसूरी में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए क्षेत्र में नए पार्किंग स्थल भी चिन्हित किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि पार्किंग स्थलों के निर्माण से न तो क्षेत्र की सुन्दरता प्रभावित हो, न ही दृश्यावलोकन बाधित हो। उन्होंने किंग क्रेग पार्किंग का संचालन भी शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मसूरी शहर में स्ट्रीट लाईटों के बीच-बीच में सोलर स्ट्रीट लाईट्स लगाए जाने की भी बात कही। कहा कि इससे लाईट जाने की स्थिति में भी मार्गों पर प्रकाश की उपलब्धता रहेगी। उन्होंने मसूरी मार्ग पर पड़ने वाले ईको-टोल टैक्स को फास्टैग के माध्यम से लिए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय एवं जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

प्रदेश में पर्यावरण दिवस पर एक्शन प्लान तैयार करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में पर्यावरण दिवस के वृहद स्तर पर आयोजित किए जाने के सम्बन्ध में संबंधित विभाग एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि इस वर्ष पर्यावरण दिवस की विषयवस्तु प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने पर केंद्रित होगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक्शन प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यावरण दिवस की विषयवस्तु के अनुरूप प्रदेशभर ने जन जागरूकता अभियान संचालित किए जाएं। प्रत्येक गतिविधि में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों के प्रभावी व्यक्तियों, चिकित्सकों, वकीलों, स्वयं सहायता समूहों आदि को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ एवं स्वयं सहायता समूहों को शामिल करते हुए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में सफाई अभियान आयोजित किए जाएं। ग्राम पंचायतों, शहरों, सड़कों नदियों के लिए सफाई अभियान आयोजित किए जाएं। उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों से भी पर्यावरण दिवस पर अभिनव प्रयास पर फोकस किए जाने की बात कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एल. फ़ैनाई, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सी. रविशंकर, विनोद कुमार सुमन, निदेशक उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस.पी. सुबुद्धि एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

प्रत्येक राज्य को एक स्थान को चिन्हित कर उसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बनानाः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान सभी जनपदों के जिलाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार से कोविड संक्रमण के विषय पर विस्तृत जानकारी ली।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने गवर्निंग काउंसिल की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण की मुख्य बातों पर ध्यान आकर्षित किया। मुख्य सचिव ने कहा कि विकसित भारत 2047 के लिए विकसित ग्राम, विकसित शहर, विकसित जनपद की तर्ज पर कार्य किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए सभी जनपदों द्वारा अपना प्लान तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों के लिए भी सभी जनपदों द्वारा अपने लक्ष्य निर्धारित किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राज्य को एक स्थान को चिन्हित कर उसे वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना होगा। इस दिशा में कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात बढ़ाने के साथ ही, स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा दिये जाने पर जोर दिया जाए। इसके लिए उद्योग विभाग द्वारा योजना तैयार की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी संचालित सदी है। उन्होंने कहा कि हमें अपनी योजनाओं और कार्यों में नई प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करते हुए, आम जनमानस तक सरकारी योजनाओं और कार्यों का लाभ समय पर आमजन तक पहुंचाना है। उन्होंने ईवी सेक्टर के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए प्रदेश के भीतर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की दिशा में कार्य किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में नई-नई तकनीकों के प्रशिक्षण को अपनी शिक्षा और कौशल विकास से जोड़े जाने की जरूरत है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में वैदिक गणित को भी बढ़ावा दिया जाए। इसके लिए उच्च शिक्षा, बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा द्वारा मिलकर वैदिक गणित के क्षेत्र में कार्य किया जाए। उन्होंने पांडुलिपियों के डिजिटाइजेशन किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए कि पांडुलिपियों को डिजिटल एवं फिजिकल दोनों प्रकार से संरक्षित किया जाए। उन्होंने गृह एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से प्रदेश में स्टेट कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम भी तैयार किए जाने की बात कही। कहा कि प्रदेश में इस के लिए एक मजबूत ईको सिस्टम तैयार किया जाए।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जनपद अपने दीर्घकालिक एवं लैगेसी मुद्दों को चिन्हित कर सम्बन्धित विभागों को भेजें। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों को उच्च स्तर पर निस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने 5 जून को पर्यावरण दिवस को बड़े स्तर पर मनाए जाने की बात कही। उन्होंने इसके लिए प्रमुख सचिव वन श्री आर.के. सुधांशु को इसकी जिम्मेदारी देते हुए प्रधानमंत्री जी के आह्वान ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ का वृहद् स्तर पर आयोजन किए जाने की बात कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, रविनाथ रमन, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, दीपक रावत, डॉ. वी. षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, विनय शंकर पाण्डेय, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, रणवीर सिंह चौहान एवं युगल किशोर पंत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।