सीएस ने पर्यटन विभाग को पर्यटकों के लिए बेसिक सुविधाओं के विकास कार्यों को तेजी से प्रारंभ करने के निर्देश

सचिवालय सभागार में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में व्यय समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणा के अंतर्गत जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर के अंतर्गत कौडियाला- व्यास घाट मोटर मार्ग किलोमीटर संख्या एक में गंगा नदी पर सिंगटाली नामक स्थान पर 150 मीटर सेतु निर्माण कार्य का समिति द्वारा अनुमोदन किया गया।

मुख्य सचिव ने 5712.55 लाख रुपए की अनुमानित लागत से बनने वाले सेतु के संबंध में लोक निर्माण विभाग को सेतु निर्माण के लिए संबंधित पक्षों से समन्वय करते हुए तेजी से अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जागेश्वर धाम के रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों के प्रस्ताव का भी समिति द्वारा अनुमोदन किया गया।

कुल 2119.27 लाख रुपए की लागत से किए जाने वाले रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों के संबंध में मुख्य सचिव ने पर्यटन विभाग को पर्यटकों के लिए बेसिक सुविधाओं के विकास कार्यों को तेजी से प्रारंभ करने के निर्देश दिए।

उन्होंने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट कार्यों के अंतर्गत नदी और मंदिर परिसर के आसपास तथा मंदिर प्रांगण, मंदिर के चारों ओर बेहतर पर्यटन सुविधाओं को विकसित करने के निर्देश दिए।

बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, अपर सचिव लोक निर्माण विभाग विनीत कुमार, निदेशक वित्त जगत सिंह चौहान, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग राजेश शर्मा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
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सचिवालय में सीएस ने की आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में विभिन्न रेखीय विभागों, संबंधित एजेंसियों और जनपदों द्वारा आपदा न्यूनीकरण से संबंधित प्रस्तुत किए गए प्रस्तावों पर चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने संबंधित पक्षों और जनपदों से आपदा प्रबंधन से संबंधित किए जाने वाले कार्यों की व्यावहारिकता और आवश्यकता की जानकारी लेते हुए सचिव आपदा प्रबंधन को आपदा प्रबंधन से संबंधित फंड को समय से और समुचित मात्रा में जारी करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने सभी जनपदों को और संबंधित पक्षों को निर्देशित किया कि आपदा प्रबंधन के कार्यों में तकनीकी समिति का सहयोग जरूर लें तथा जहां पर ज्योग्राफिक स्टडी की आवश्यकता हो उस दशा में उन संस्थानो का भी मार्गदर्शन भी प्राप्त करें।

उन्होंने आपदा प्रबंधन के कार्यों को संपादित करने के दौरान मितव्ययिता का भी ध्यान रखने तथा समय से सभी तरह की तैयारी पूरी करने के लिए बेहतर प्रबंधन करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने राज्य में आपदा प्रबंधन के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में किया जा रहे कार्यों का विवरण प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि आपदा प्रबंधन के कार्यों में संबंधित पक्षों का आपस में बेहतर समन्वय सुनिश्चित हो जिससे आपदा प्रबंधन के कार्य तेजी से पूरे हो सके।

इस दौरान सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव विनीत कुमार, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग राजेश शर्मा सहित संबंधित अधिकारी तथा विभिन्न जनपदों से वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी बैठक में उपस्थित थे।

मुख्य सचिव को सीएम ने दिए निर्देश, नीति आयोग की बैठक में पीएम द्वारा निर्देशों के क्रियान्वयन के लिए ठोस रणनीति बनें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को निर्देशित किया कि शनिवार को आयोजित नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जिन बिंदुओं पर राज्यों को मार्गदर्शन और निर्देश दिए गए हैं, उनके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राज्य स्तर पर स्पष्ट और व्यवहारिक रणनीति तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा विकसित भारत /2047 के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए राज्य सरकार को केंद्र सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए योजनाओं और नीतियों को जमीनी स्तर तक प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।

मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए कि संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर एक समयबद्ध कार्ययोजना तैयार की जाए और उसकी सतत मॉनिटरिंग की जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनभागीदारी सुनिश्चित करते हुए हर स्तर पर पारदर्शिता और उत्तरदायित्व तय किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प में पूर्ण निष्ठा से सहभागी है।

भारत दर्शन योजना में इस वर्ष छात्रों की संख्या का लक्ष्य 1000, अगले वर्ष के लिए दिया 5000 का लक्ष्य

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में शिक्षा विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विभाग के क्रियाकलापों पर अधिकारियों के साथ विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत परीक्षा पैटर्न एवं अन्य प्राविधानों को समाहित करने के लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

मुख्य सचिव ने माध्यमिक शिक्षा के अंतर्गत भारत दर्शन योजना को विस्तारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कम से कम 1 हजार बच्चों को भारत दर्शन यात्रा करायी जाए, जिसे अगले वर्ष बढ़ाकर 5000 करने का लक्ष्य रखा जाए। यह बच्चों के अन्वेषण एवं कौशल के लिए एक महत्त्वपूर्ण योजना है। उन्होंने भारत दर्शन यात्रा के दिवसों को बढ़ाकर 7 दिन किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि भारत के प्रतिष्ठित विज्ञान एवं तकनीकी संस्थानों के साथ ही सैन्य प्रतिष्ठानों के भ्रमण कार्य आयोजित कराए जाएं।

क्लस्टर स्कूल भवनों के लिए डीपीआर एक माह में तैयार करने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने प्रस्तावित 559 क्लस्टर विद्यालयों के निर्माण में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने अगले एक माह में सभी चिन्हित क्लस्टर विद्यालय भवनों की डीपीआर तैयार कर प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक के दौरान ही फोन के माध्यम से शिक्षा विभाग द्वारा चयनित कार्यदायी संस्थाओं के विभागाध्यक्षों को एक माह में डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज एवं कम्प्यूटर लैब निर्माण कार्यों की डीपीआर भी एक माह में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों में तेजी लाए जाने के लिए विभागीय निदेशकों को जिलाधिकारियों एवं कार्यदायी संस्थाओं से समन्वय के लिए जनपदों का दौरा किये जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने जनपदों के भ्रमण कार्यक्रमों के दौरान क्लस्टर स्कूलों में वाहन भाड़ा के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समितियों की बैठकें शीघ्र आयोजित कर ऐसे मामलों के निस्तारित किए जाने के भी निर्देश दिए।

प्रत्येक कार्य के लिए की जाए टाइम लाइन निर्धारितः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने विद्यालयों के लिए सभी प्रस्तावित हॉस्टल फैसिलिटी की डीपीआर भी एक माह में तैयार किये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट क्लासेज हेतु कम्प्यूटर लैब के लिए एक समर्पित हैड खोले जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में देरी न हो इसके लिए प्रत्येक कार्य की समयसीमा निर्धारित की जाए, साथ ही सचिव, अपर सचिव एवं महानिदेशक स्तर पर लगातार कार्यों की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के भीतर आवासीय विद्यालयों को बढ़ाए जाने पर भी फोकस किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आवासीय विद्यालयों में एक वाहन उपलब्ध कराया जाए, ताकि मेडिकल इमरजेंसी एवं अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में होने वाली समस्याओं से बचा जा सके।

इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन एवं अपर सचिव रंजना राजगुरू सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने की ई-ऑफिस लागू करने में जनपद पौड़ी के प्रदर्शन की सराहना

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को अपने-अपने विभागों में ई-ऑफिस लागू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों एवं जनपदों में ई-ऑफिस लागू किया जाए।

मुख्य सचिव ने ई-ऑफिस लागू करने में जनपद पौड़ी के प्रदर्शन की सराहना करते हुए बाकी जनपदों विशेषकर देहरादून, नैनीताल एवं हरिद्वार जनपद को भी शीघ्रातिशीघ्र ई-ऑफिस के माध्यम से कार्यों को किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने ई-ऑफिस सिस्टम के अंतर्गत शासन एवं निदेशालय के मध्य समन्वय मैकेनिज्म को सरल किए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी सचिवगण अपने-अपने विभागों की वेबसाइट भी अपडेट कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने आईटीडीए के माध्यम से तैयार नए फॉर्मेट में विभागीय वेबसाईटों को अपडेट किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि ई-ऑफिस की दैनिक गतिविधियों में विभागीय कार्मिकों को आ रही समस्याओं के निराकरण के लिए आईटी विभाग द्वारा विभागीय कार्मिकों को ई-ऑफिस एवं वेबसाइट अपडेट के लिए तकनीकी सहायता एवं प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फैनई, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन एवं रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पूर्व से चल रहे आयुर्वेदिक अस्पतालों को अपग्रेड कर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में आयुष विभाग की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड आयुर्वेद की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में अधिक लोगों को कैसे जोड़ा जाए, इसमें अधिक शोध और अनुसंधान को कैसे बढ़ावा मिले तथा आयुष चिकित्सा को आम जनमानस के बीच कैसे लोकप्रिय बनाया जाए इस पर योजना तैयार की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में आयुर्वेद एवं होम्योपैथी को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए शुरुआत में प्रदेश के 25 आयुष एवं वेलनेस सेंटर को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जाए। उन्होंने कहा कि इन केंद्रों में आयुर्वेद, होम्योपैथी, पंचकर्मा, योगा आदि की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने इन केंद्रों को पर्यटन से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले से चल रहे आयुर्वेदिक अस्पतालों को अपग्रेड कर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाया जा सकता है। उन्होंने इन्वेसटर्स समिट में आए अच्छे एवं महत्त्वपूर्ण प्रस्तावों का फिर से अध्ययन कर धरातल पर उतारे जाने की भी बात कही।

मुख्य सचिव ने राष्ट्रीय आयुष मिशन के अंतर्गत निर्माणाधीन आयुष अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के निर्माण कार्य पूर्ण किए जाने हेतु समय-सीमा निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नए अस्पतालों के निर्माण कार्यों के साथ ही पदों के सृजन के प्रस्ताव भी साथ-साथ स्वीकृत कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इन आयुष एवं वेलनेस केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ ही आत्मनिर्भर बनाने हेतु एक समुचित प्लान बनाने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी एवं अपर सचिव आनन्द स्वरूप सहित अन्य विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये की धनराशि स्वीकृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद पिथौरागढ़ के विधानसभा क्षेत्र धारचूला में तवाघाट-थानीधार मोटर मार्ग में डामरीकरण हेतु 3.44 करोड़, जनपद बागेश्वर के विधानसभा क्षेत्र कपकोट में सौंग-खलीचार हल्का वाहन मार्ग में सीमेंट कंक्रीट द्वारा सुधारीकरण के कार्य के लिए 4.15 करोड़ की धनराशि का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री द्वारा जनपद नैनीताल के विधान सभा क्षेत्र भीमताल में भीड़ापानी खुजेटी मोटर मार्ग के कि०मी० 1 से 5 तक मार्ग का सुधारीकरण कार्य के लिए 3.27 करोड़, जनपद नैनीताल के विधान सभा क्षेत्र में पंगोट से देचौरी मोटर मार्ग का नवनिर्माण के लिए 8.19 करोड़ की धनराशि के साथ ही जनपद चम्पावत के विधानसभा क्षेत्र में सूखीढांग-श्यामलाताल मोटर मार्ग का सिंगल लेन से टू लेन में परिवर्तन कार्य हेतु 4.01 लाख की धनराशि स्वीकृत करने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा देहरादून के विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर में दीपनगर एवं केदारपुरम को जोड़ने वाले हरे पुल के स्थान पर सेतु के निर्माण के लिए 3.56 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

सिंचाई विभाग प्रदेशभर में चेक डैम की बनाए जाने की दिशा में कार्य करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिवालय में सिंचाई विभाग द्वारा जल संरक्षण हेतु बनाये जा रहे चेक डैम की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण के अंतर्गत प्रदेश में सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे चेक डैम प्रस्तावों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चेक डैम्स की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में चेक डैम की बनाए जाने की दिशा में कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ से कम धनराशि वाले प्रस्तावों को जिला स्तर पर ही निस्तारित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पेयजल की दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रस्तावों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि पेयजल निगम एवं जल संस्थान को इसमें शामिल किया जाए। जल संस्थान एवं पेयजल निगम से भी पानी की कमी वाले स्थानों को चिन्हित कर उन स्थानों के लिए प्रस्ताव तैयार किए जाएं। उन्होंने इसकी जॉइन्ट रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन प्रस्तावों की डीपीआर तैयार हो गयी है उनके शासनादेश शीघ्र जारी किए जाएं। प्रत्येक प्रस्ताव के लिए ईसी, एफसी, टीएसी एवं ईएफसी आदि संस्तुतियों के लिए समय सीमा निर्धारित करते हुए कैलेण्डर भी तैयार किया जाए एवं निर्धारित समय सीमा में कार्य पूर्ण कराए जाएं।

सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश की विभिन्न जनपदों में बैराज एवं चौक डैम बनाए जाने का कार्य गतिमान है। उन्होंने कहा कि नैनीताल, अल्मोड़ा, देहरादून एवं पौड़ी में जलाशयों का निर्माण कार्य गतिमान है। कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश में प्रथम वरीयता के कुल 111 स्रोतों को प्राथमिकता पर लिया गया, जिनमें से 105 पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है, 06 स्रोतों पर कार्य गतिमान है। वर्ष 2025-26 के लिए 124 कार्य प्रस्तावित हैं, जिनकी डीपीआर तैयार करने के साथ ही प्राक्कलन गठन की कार्यवाही गतिमान है।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण नीना ग्रेवाल, सिंचाई विभाग से जयपाल सिंह एवं लघु सिंचाई से बृजेश कुमार तिवारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

हरिद्वार कॉरिडोर के विकास कार्यों में मूल स्वरूप से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न होः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में हरिद्वार कॉरिडोर, ऋषिकेश मास्टर प्लान और शारदा कॉरिडोर के सम्बन्ध में बैठक ली। बैठक के दौरान उत्तराखंड निवेश एवं अवसंरचना विकास बोर्ड (यूआईआईडीबी) ने उक्त विषयों पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर के अंतर्गत सभी प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता निर्धारित की जाए। उन्होंने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स को शीघ्र धरातल पर उतारने की आवश्यकता है, उनको प्राथमिकता पर लेते हुए कार्य प्रारम्भ किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार एवं उसका धार्मिक महत्त्व भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में रह रहे लोगों की आस्था से जुड़ा है हरिद्वार कॉरिडोर के विकास कार्यों में इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि आस्था से जुड़े क्षेत्रों एवं उनके मूल स्वरूप से किसी प्रकार की छेड़छाड़ ना हो। उन्होंने योजनाओं से जुड़े हितधारकों से लगातार संवाद किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर के अंतर्गत सभी प्रोजेक्ट पर बजट, कार्यदायी संस्था, उसका रखरखाव सहित समग्र प्लान शीघ्र प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने यूआईआईडीबी को प्रत्येक प्रोजेक्ट की प्रकृति को देखते हुए, उनसे सम्बन्धित विभागों को योजना में शामिल किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने हरिद्वार कॉरिडोर के प्रोजेक्ट्स पर चर्चा के दौरान ब्रह्मकुंड और महिला घाट के क्षेत्र को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सती कुंड के पुनर्विकास कार्य में सती कुंड के ऐतिहासिक महत्त्व और उसकी थीम को बनाए रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में मल्टीलेवल पार्किंग बनाने के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि नदी दर्शन में अवरोध न उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों की डीपीआर तैयार हो गयी है, उन पर आगे की कार्यवाही शीघ्र शुरू की जाए।

मुख्य सचिव ने शारदा नदी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के कार्यों की भी प्राथमिकता निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों की प्रकृति के अनुसार सम्बन्धित विभाग द्वारा ही कार्यों को संपन्न कराया जाए। उन्होंने वन भूमि में ईको टूरिज्म गतिविधियों को शामिल किए जाने की भी बात कही। उन्होंने यूआईआईडीबी को जिलाधिकारी चंपावत की प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स को भी शारदा कॉरिडोर में शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि योजना में टूरिज्म सर्किट के विकास के साथ ही कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए हेलीपैड और हेलीपोर्ट के प्रावधान रखे जाएं।

मुख्य सचिव ने ऋषिकेश मास्टर प्लान पर चर्चा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऋषिकेश का मोबिलिटी प्लान और पुराना रेलवे स्टेशन के आसपास प्रस्तावित कार्यों को समग्र रूप से तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि चंद्रभागा नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए हाईड्रोलॉजी सर्वे कराया जाए।
मुख्य सचिव ने सभी प्रोजेक्ट्स की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए नितांत आवश्यक कार्यों को तत्काल शुरू कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार कॉरिडोर, शारदा रिवर फ्रंट डेवेलपमेंट और ऋषिकेश मास्टर प्लान कार्यों के महत्त्व को देखते हुए शीघ्रातिशीघ्र कार्यवाही शुरू की जाए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. वी. षणमुगम एवं मुख्य वन संरक्षक पी.के. पात्रो सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सचिवालय में हुई कैंचीधाम में यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में कैंचीधाम में यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कैंचीधाम के लिए मास्टर प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि कैंचीधाम में सप्ताहांत में लगने वाले जाम को देखते हुए इसके लिए व्यापक योजना तैयार किए जाने की आवश्यकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि कैंचीधाम बाजार की मुख्य सड़क का चौड़ीकरण एवं सुधारीकरण कार्य तत्काल शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए मिसिंग लिंक से बजट उपलब्ध कराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कैंचीधाम में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने की सम्भावना को देखते हुए कैंचीधाम के लिए मास्टर प्लान की सख्त आवश्यकता है। उन्होंने इसके लिए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि स्थानीय लोगों के लिए वैकल्पिक मार्गों को सुदृढ़ किया जाए। जिनका चौड़ीकरण सम्भव हो किया जाए। उन्होंने कहा कि नए पार्किंग स्थल चिन्हित करते हुए विकसित किए जाए। धाम के लिए एक व्यवस्थित शटल सेवा शुरू की जाए। साथ ही मोबिलिटी प्लान तैयार किया जाए, ताकि वीकेंड में लगने वाले जाम को कंट्रोल किया जा सके। उन्होंने कहा कि मोबिलिटी प्लान को लागू कराया जाना भी सुनिश्चित किया जाए।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने तकनीक के प्रयोग को बढ़ाए दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पार्किंग आदि स्थलों में डिस्प्ले के माध्यम से यात्रियों को जानकारी उपलब्ध करायी जाए। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से रूट एवं भीड़ प्रबन्धन का कार्य किया जाए। साथ ही विभिन्न मार्गाे में वन-वे को प्रयोग किया जा सकता है।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आई.जी. कुमाऊ रिद्धिम अग्रवाल एवं जिलाधिकारी नैनीताल वंदना सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन का कार्य निर्धारित समय पर हो पूराः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में संचालित विभिन्न रेलवे परियोजनाओं की समीक्षा की। इस अवसर पर मुरादाबाद एवं इज्जत नगर के मंडल रेल प्रबंधक एवं शासन के उच्चाधिकारी एवं सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाईन पर विस्तार से चर्चा करते हुए प्रोजेक्ट की अद्यतन जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने रेलवे एवं शासन/प्रशासन के मध्य राजस्व एवं वन भूमि आदि के मामलों को शीघ्र निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारियों और रेलवे के अधिकारियों से समस्याओं पर बिंदुवार चर्चा कर मामलों को निस्तारित किया। उन्होंने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग की अध्यक्षता में रेलवे, वन एवं राजस्व को संयुक्त रूप से बैठक कर भूमि अधिग्रहण एवं हस्तांतरण की प्रक्रिया का निस्तारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने परियोजना को निर्धारित समय पर पूर्ण किए जाने पर जोर दिया। कहा कि योजना की अद्यतन जानकारी समय-समय पर मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है। विभिन्न टनलों के आसपास रेलवे द्वारा प्रयोग में लायी जा रही सड़कों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है, जिसे रेलवे द्वारा दुरूस्त कराया जाना है, उन्हें बिना देरी किए तत्काल ठीक कराया जाए।

मुख्य सचिव ने डीआरएम आर.के. सिंह से हर्रावाला रेलवे स्टेशन को एक पूर्ण विकसित रेलवे स्टेशन की तर्ज पर तैयार करने की योजना पर काम किए जाने की बात कही। उन्होंने आश्वासन दिया कि उन्हें इसके लिए जितनी भी भूमि की आवश्यकता होगी, राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। उन्होंने कहा कि योग नगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्र के लिए डेवेलपमेंट प्लान तैयार कर लिया जाए। साथ ही, उसे रेलवे स्टेशन के प्लान के साथ शामिल करते हुए एक विस्तृत एवं एकीकृत प्लान तैयार किया जाए।

मुख्य सचिव ने शहरी विकास, पर्यटन, उद्योग और रेलवे संयुक्त रूप से भविष्य की आवश्यकताओं के अनुसार प्रदेशभर में रेलवे प्रोजेक्ट्स का प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2027 में हरिद्वार में कुम्भ मेला आयोजित होना है। उन्होंने रेलवे को इसके लिए ज्वालापुर रेलवे स्टेशन के विस्तारीकरण और अपग्रेडेशन की योजना तैयार कर कार्यवाही शुरू किए जाने की बात कही, ताकि कुम्भ के दौरान क्षेत्र में भीड़ प्रबन्धन और निकासी को सुव्यवस्थित ढंग से किया जा सके। उन्होंने डीआरएम मुरादाबाद एवं इज्जतनगर से, उनके सम्मुख आ रही अन्य समस्याओं की भी जानकारी ली। उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रदेश सरकार द्वारा रेलवे द्वारा कराए जा रहे कार्यों में हर सम्भव सहायता उपलब्ध करायी जाएगी एवं शासन प्रशासन स्तर से समस्याओं का शीघ्रातिशीघ्र निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने डीआरएम इज्जतनगर श्रीमती वीना सिन्हा से टनकपुर-देहरादून कोच की आवृत्ति बढ़ाए जाने और टनकपुर-दिल्ली के बीच वंदे भारत चलाए जाने पर चर्चा की।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, अपर सचिव विनीत कुमार एवं रीना जोशी सहित शासन और रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।