गुरूवार से विभागों में अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करें अधिकारीः बर्द्धन

सभी अधिकारीगण 01 मई, 2025 से स्वयं एवं अपने अधीनस्थ विभागों में अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करें। प्रत्येक विभाग अपने विभाग के 05 से 10 महत्वपूर्ण आउटकम निर्धारित करें एवं योजना के अनुरूप कार्य करें। यह निर्देश मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिव समिति के दौरान सभी अधिकारियों को दिए।

जनहित एवं राज्यहित में 10-10 प्रस्तावों की सूची की जाए तैयार

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि जनहित एवं राज्यहित में आवश्यक, महत्त्वपूर्ण
एवं प्राथमिकता वाले लगभग 10-10 प्रस्तावों/योजनाओं/कार्यों की सूची (Shelf of projects)
तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि Plinth Area Rates के आधार पर उनकी अनुमानित लागत
का विवरण देते हुए, नियोजन विभाग को तथा उसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव स्तर पर बैठक तभी प्रस्तावित की जाय, जब प्रकरण नीतिगत हों अथवा अन्तर्विभागीय हो अथवा प्रस्ताव As per rules of business हो अथवा कई विभागों से सम्बन्धित हो या इसका प्रभाव कई विभागों पर पड़ने की सम्भावना हो। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रकरणों पर विभाग के स्तर से ही निर्णय लिया जाय। मुख्य सचिव स्तर पर पत्रावली प्रेषित करते समय किन-किन बिन्दुओं पर निर्णय होना है तथा इनके विकल्प क्या-क्या हैं, आदि का भी अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाय। उन्होंने सभी विभागों को अपनी-अपनी विभागीय परिसंपत्तियों की सूची Government Assets inventory पोर्टल पर अपलोड किये जाने के भी निर्देश दिए।

सचिव, अपर सचिव, विभागाध्यक्ष अनिवार्य रूप से क्षेत्रीय भ्रमण पर जाएं

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों, अपर सचिवों तथा वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से क्षेत्रीय भ्रमण पर जाने एवं अपने भ्रमण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी भ्रमण के दौरान जनपदों में गतिमान विभिन्न कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करें। भ्रमण कार्यक्रम पर जाते समय यह ध्यान रखा जाय कि सचिव एवं अपर सचिव में से तथा सचिव एवं विभागाध्यक्ष में से एक बार में केवल एक ही अधिकारी एक समय पर भ्रमण पर जाए तथा अन्य अधिकारी अपने मुख्यालय में उपस्थित रहे, ताकि राजकीय कार्यों के निर्वहन में असुविधा से बचा जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ विभागों का Annual Work Calendar बनाये जाने के भी निर्देश दिए, ताकि सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से बिना विलम्ब किये संपन्न कराया जाना सम्भव हो सके।

सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस किया जाए लागू

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि जिन विभागों में ई-ऑफिस के माध्यम से अभी तक कार्य आरम्भ नहीं किया गया है, उन सभी विभागों को शीघ्र ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। सभी सचिव एवं विभागाध्यक्ष स्वयं इसकी समीक्षा करते हुए अपने अधीनस्थ कार्यालयों में शीघ्र ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य लागू कराएं। कहा कि ई-ऑफिस के माध्यम से सक्षम स्तर से किसी भी शासनादेश पर अनुमति के उपरान्त सम्बन्धित पोर्टल पर उस शासनादेश को अपलोड किये जाने हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

इस अवसर पर सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा Digital Uttarakhand Portal के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से अधिकारियों को विभिन्न Portal/Applications के लिए Single Sign-in की सुविधा प्राप्त हो सकेगी तथा नागरिकों को एक ही Portal के माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न नागरिक सेवाओं के लिये Log-in की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। यह पहल राज्य को Digital रूप से सक्षम बनाकर समावेशी एवं प्रभावी सेवा वितरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इसके उपरान्त निदेशक, आई0टी0डी0ए0 द्वारा राज्य में डिजिटल परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी हेतु विकसित किये गये पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल की प्रस्तुति की गयी है, जिसमें निदेशक, आई0टी0डी0ए0 द्वारा बताया गया कि वर्तमान में पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के द्वारा राज्य में 01.00 करोड़ रूपये से अधिक की लागत की सभी परियोजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की वास्तविक समय की मॉनिटिरिंग की जा रही है। भविष्य में आई0टी0डी0ए0 द्वारा पी0एम0 गतिशक्ति, भारत सरकार, ई-डी0पी0आर0, UKGAMS पोर्टल को IFMS एवं ई-ऑफिस के साथ एकीकृत करते हुए राज्य के समस्त परियोजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का अवलोकन किया जा सकता है।

निदेशक, आई0टी0डी0ए0 ने कहा कि इसमें शासकीय कार्यों को मॉनिटरिंग करने के उद्देश्य से Official Log-in की सुविधा प्रदान की गयी है जिसके द्वारा सचिवगण एवं विभागाध्यक्ष अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न ई-सेवाओं की रियल टाईम मॉनिटरिंग कर सकते हैं। वर्तमान में Digital Uttarakhand Portal के अन्तर्गत अपणी सरकार पोर्टल, IFMS, E-Office, मुख्यमंत्री घोषणा, ई-मंत्रिमण्डल, सी0एम0 हेल्पलाइन, पी0एम0 गतिशक्ति, कोर्ट केस, ई-डी0पी0आर0, सी0एम0 डैशबोर्ड(दर्पण) आदि को एकीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि Digital Uttarakhand Portal द्वारा सचिवगण एवं विभागाध्यक्ष अपने विभाग से सम्बन्धित वित्तीय आय-व्यय का वित्तीय वर्षवार मॉनिटरिंग, स्वयं तथा अधीनस्थ अधिकारियों के स्तर पर लम्बित ई-ऑफिस फाइलों/निस्तारित फाईलों का विवरण, सी0एम0 हेल्पलाइन पोर्टल के स्वयं के स्तर पर लम्बित शिकायतों/निस्तारित शिकायतों एवं अपने अधीनस्थ कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की लम्बित/निस्तारित शिकायतों का विवरण रियल टाईम पर मॉनिटर कर सकते है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांश, एल. फैनई, प्रदीप पन्त, विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव नितेश कुमार झा, रविनाथ रमन, डॉ0 पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ0 रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ0 वी0 षणमुगम, डॉ0 आर0 राजेश कुमार, डॉ0 नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, दीपक कुमार, सी0 रविशंकर, युगल किशोर पंत, रणवीर सिंह चौहान, धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे उपस्थित थे।

देहरादून शहर की यातायात संकुलन की समस्या को दूर करने हेतु तैयार योजना को धरातल पर उतारेंः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने देहरादून शहर की यातायात व्यवस्था को लेकर एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण सहित सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा – निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों की भी अद्यतन जानकारी ली। उन्होंने कहा कि देहरादून शहर की यातायात संकुलन की समस्या को दूर करने हेतु तैयार योजना को धरातल पर शीघ्र से शीघ्र उतारा जाए।

मुख्य सचिव ने सचिव लोक निर्माण विभाग को शहर के यातायात संकुलन वाले चिन्हित 10 चौराहों में सुधार के लिए शीघ्र कार्यवाही शुरू करते हुए डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी एवं एसएसपी देहरादून को यातायात नियमों का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराए जाने के निर्देश दिए। इसके लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि शहर के भीतर नए पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल खुलने और छुट्टी के समय में थोड़ा परिवर्तन करने के लिए स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावकों से संवाद किए जाने की भी बात कही।

मुख्य सचिव ने एमडीडीए को आढ़त बाजार को शिफ्ट किए जाने हेतु कार्यवाही में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को प्लॉट आबंटन का कार्य शीघ्र सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने आढ़त बाजार शिफ्टिंग के लिए प्रत्येक स्तर के कार्य पूर्ण होने की समय सीमा निर्धारित करते हुए, उक्त कैलेण्डर का सख्ती से पालन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वाणिज्यिक परिसरों एंव शॉपिंग मॉल्स के पार्किंग स्थलों का सर्वे किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो वाणिज्यिक परिसर और शॉपिंग मॉल अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं कर रहे हैं उन पर कार्रवाही की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों एवं आने वाली पीढ़ी में यातायात नियमों के प्रति जागरूकता लाने हेतु यातायात पार्क तैयार किए जाएं। उन्होंने फुटपाथ से अतिक्रमण हटाए जाने और यूटिलिटी शिफ्टिंग के लिए भी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चौड़ी की गयी सड़कों के किनारे फिर से वाहन खड़े हो रहे हैं, जिससे हालात पूर्व की भांति हो गए हैं। उन्होंने कहा गलत पार्किंग पर भी सख्ती से कार्रवाही की जाए।

इस अवसर पर सचिव नितेश कुमार झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, एसएसपी देहरादून अजय कुमार, प्रबंध निदेशक उत्तराखण्ड रोडवेज रीना जोशी एवं उत्तराखंड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन से बृजेश कुमार मिश्रा सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने कार्यरत आटउसोर्स कर्मचारियों को दी राहत, बोले सेवाओं पर नहीं पड़ेगा असर

सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, वर्कचार्ज कार्यप्रभरित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक से, इस तरह की सेवा शर्तों के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मुख्यसचिव आनंद वर्द्धन ने स्पष्ट किया है कि, इस रोक का आशय मात्र भविष्य में होने वाली भर्तियों से है।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा है कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, वर्कचार्ज कार्यप्रभरित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक संबंधित ताजा शासनादेश का, इस तरह की व्यवस्था के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने बताया कि उक्त शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि, भविष्य में रिक्त पदों पर अब मात्र नियमित भर्तियां ही की जाएंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि कोई भी शासनादेश पिछली तिथि से लागू नहीं होता, इस कारण इस शासनादेश का असर भी आगामी भर्तियों पर होगा, पहले से कार्यरत कर्मचारी इससे प्रभावित नहीं होंगे। सभी विभाग इसी क्रम में शासनादेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।

मुख्य सचिव बर्द्धन ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन अपने तय कार्यक्रमानुसार बद्रीनाथ पहुंचे। मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ में चल रहे मास्टर प्लान कार्यों निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एराइवल प्लाजा, सिविक एनीमिटी सेंटर, बद्रीश व शेष नेत्र झील, रिवर फ्रंट और हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होने कार्यदायी संस्था को सिविक एमिनिटी सेंटर, एराइवल प्लाजा और टूरिज्म मैनेजमेंट सेंटर का मई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।उन्होने कार्यदायी संस्था को हॉस्पिटल को अगस्त तक हैंडओवर करने और रिवर फ्रंट के एफ व जी फेस के कार्य को जल्द ही पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान कार्यों की प्रगति की जानकारी दी जिलाधिकारी ने बताया कि पेयजल, बिजली आपूर्ति, शौचालयों का कार्य पूरा कर लिया गया है साथ ही कहा कि मास्टर प्लान के तहत ब्रह्म कपाल, रिवर फ्रंट, आस्था पथ, अराइवल प्लाजा, दर्शन लाइन का कार्य कपाट खुलने तक पूरा कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि धाम में पहुंचे व्यापारियों और अन्य लोगों के बिजली और पानी के कनेक्शन का संयोजन भी शुरू कर लिया गया। उन्होंने बताया कि धाम में सुलभ इंटरनेशनल की ओर से शौचालयों को दुरुस्त कर लिया गया है।

जिलाधिकारी ने मुख्य सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि धाम के आंतरिक मार्गों का सुधारीकरण भी तेजी से किया जा रहा है। नगर सफाई की व्यवस्था को लेकर पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गई है। साथ ही धाम में क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों का सुधारीकरण किया जा रहा है। जिसका कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। पुलिस की ओर से सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि धाम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस के जवानों के साथ साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है।

इस दौरान पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, उपजिलाधिकारी जोशीमठ सीएस वशिष्ट, अधीक्षण अभियंता पीडब्लूडी राजेश चन्द्रा, बीकेटीसी सीईओ विजय थपलियाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक गुप्ता, पीआईयू के सहायक अभियंता सन्नी पालीवाल सहित यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद थे।

केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों और यात्रियों की सुविधाओं का सीएस ने किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने केदारनाथ धाम पहुंचकर आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों और व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। अपने इस दौरे में उन्होंने सबसे पहले केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लिया और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने मंदाकिनी और सरस्वती नदियों पर बनाए गए बेली ब्रिज का भी निरीक्षण किया। उन्होंने जानकारी दी कि इस पुल का कार्य पूरा हो चुका है, जिससे यात्रियों को आने-जाने में और अधिक सुविधा और सुगमता प्राप्त होगी। उन्होंने आस्था पथ पर बने रेन शेल्टरों का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा के लिए इन रेन शेल्टरों में एलईडी साइनेज लगाए जाने चाहिए, ताकि यात्रियों को यह स्पष्ट जानकारी मिल सके कि शौचालय, मेडिकल सहायता और अन्य जरूरी सुविधाएं किस स्थान पर उपलब्ध हैं।

मुख्य सचिव ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि कतार में खड़े यात्रियों को गर्म पानी की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए, ताकि वे ठंडे मौसम में भी आरामदायक अनुभव प्राप्त कर सकें। उन्होंने मंदिर परिसर से लेकर सरस्वती नदी के किनारे बने आस्था पथ तक की स्वच्छता व्यवस्था का भी निरीक्षण किया और वहां स्थापित शौचालयों की स्थिति को परखा। इसके साथ ही उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यात्रा मार्ग में बने सभी कॉटेजों की मरम्मत समय पर पूरी की जाए और उनकी साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान किसी भी यात्री को असुविधा न हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध और सुचारू रूप से पूरी कर ली जाएं।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने रुद्र प्वाइंट और घोड़ा पड़ाव का भी निरीक्षण किया। इन स्थलों पर उन्होंने यात्रियों की भीड़ प्रबंधन, पेयजल, चिकित्सा, विश्राम और सफाई व्यवस्था की समीक्षा की।

जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने मुख्य सचिव को अवगत कराया कि केदारनाथ यात्रा से जुड़े सभी विभाग आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। यात्रा मार्ग से लेकर धाम क्षेत्र तक सभी जरूरी व्यवस्थाएं समय पर पूरी कर ली गई हैं। जो कुछ शेष कार्य हैं, उन्हें भी यात्रा प्रारंभ होने से पूर्व पूर्ण कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि पैदल मार्ग, ठहरने की व्यवस्था, स्वच्छता, स्वास्थ्य सेवाएं, पेयजल, विद्युत आपूर्ति, संचार सुविधा एवं आपातकालीन व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरुस्त किया गया है। तीर्थ यात्रियों की सुविधा के लिए सभी पड़ावों पर मूलभूत सुविधाओं को भी सुनिश्चित कर दिया गया है।

पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि सुरक्षा दृष्टि से सभी आवश्यक व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। यात्रा मार्ग पर पुलिस बल की तैनाती सुनिश्चित कर दी गई है। अधिकारियों और पुलिस कर्मियों को नियमित रूप से यात्रा मार्ग की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि यात्रा अवधि के दौरान यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए पूर्व से ही विस्तृत ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है, ताकि किसी भी स्थान पर जाम की स्थिति न बने।पुलिस एवं प्रशासन द्वारा आपदा प्रबंधन से जुड़ी टीमें भी यात्रा मार्ग पर सक्रिय रहेंगी, ताकि किसी आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई की जा सके।

मानसून से पहले 200 ग्राम पंचायतों की जागरूकता के लिए कार्यशाला की जाए आयोजितः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में जल स्रोत एवं नदी पुनरोद्धार प्राधिकरण की उच्च अधिकार प्राप्त समिति की बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने बड़े प्रोजेक्ट न आने पर नाराजगी जताते हुए जल स्रोतों एवं नदियों के पुनरोद्धार की दिशा में सभी सम्बन्धित विभाग गंभीरता से लेते हुए कार्य करें।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिला स्तरीय कार्यकारी समितियों की बैठकों नियमित रूप से आयोजित की जाएं। उन्होंने सभी जनपदों में विकासखंड स्तर से 2 से 3 गांवों से जनप्रतिनिधि एवं इच्छुक लोगों को इसके प्रति जागरुकता के लिए मानसून से पूर्व कार्यशाला आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 200 ग्राम पंचायतों को कार्यशाला में शामिल किए जाने का लक्ष्य रखा जाए।

मुख्य सचिव ने सभी सम्बन्धित संस्थानों को अपने लक्ष्य बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने सिंचाई और लघु सिंचाई विभाग को चेक डैम आदि बनाए जाने की दिशा में तेजी से कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की समस्या नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने ै।त्त्। को प्राप्त प्रस्तावों में से शीघ्र कार्य शुरू किया जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने नैनीताल एवं टिहरी जनपद द्वारा इस दिशा में अच्छे कार्य की प्रशंसा करते हुए बाकी जनपदों को भी जल स्रोतों के संवर्द्धन की दिशा में गंभीरता से कार्य किए जाने की बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि नदियों की मॉनिटरिंग के लिए सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की को नोडल एजेंसी बनाते हुए भूमिका एवं जिम्मेदारियां निर्धारित करते हुए एमओयू कर लिया जाए।

बैठक के दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी सर्रा नीना ग्रेवाल ने प्रस्तुतीकरण दिया एवं अब किए गए कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर एपीसीसीएफ कपिल लाल, सचिव आर. राजेश कुमार, कुमार यादव, विनोद कुमार सुमन जनपदों से जिलाधिकारी सहित सभी संबंधित विभाग एवं संस्थानों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

विभाग के महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की नियमित रूप से समीक्षा करें अधिकारीः सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में लोक निर्माण विभाग एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की राज्य के अंतर्गत चल रही एवं आगामी महत्त्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी योजनाओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए योजनाओं की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।

लोनिवि की योजनाओं की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभाग के महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स की नियमित रूप से समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि रिस्पना-बिंदाल एलिवेटेड रोड देहरादून के जाम की समस्या को कम करने के लिए महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने इस प्रोजेक्ट के शीघ्र निर्माण के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर लिए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने निर्देश दिए कि रिस्पना – बिंदाल एलिवेटेड रोड एवं टिहरी रिंग रोड जैसे महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स को समय पर पूर्ण करने हेतु साप्ताहिक रूप से समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि योजना की फंडिंग के लिए विभिन्न विकल्पों पर वित्त विभाग के साथ मंथन कर लिया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी योजनाओं की प्राथमिकताएं तय करते हुए योजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की योजनाओं की समीक्षा करते हुए योजनाओं को भी समय पर पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरिद्वार – नगीना रोड को भी शीघ्र पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि यह चारधाम यात्रा एवं आगामी कुंभ 2027 के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है। उन्होंने कहा कि बल्लूपुर – पोंटा साहिब रोड निर्माण में भी गति लाई जाए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, विनीत कुमार एवं एनएचएआई से विशाल गुप्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने की कुंभ 2027 की तैयारियों की समीक्षा कर योजनाएं तैयार करने को कहा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में कुंभ 2027 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को कुंभ 2027 की तैयारियों के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को योजना एवं प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को सम्बन्धित विभागों के साथ शीघ्र बैठक आयोजित किए जाने की के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि अगले 7 दिनों में सभी कार्यदायी विभागों के नोडल अधिकारी नामित कर लिए जाएं। साथ ही, पदों के सृजन की कार्यवाही भी पूर्ण कर ली जाए। इनसे सम्बन्धित आदेश अगले 7 दिनों में कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन समितियों/उप समितियों का गठन किया जाना है, अगले 7 दिनों में कर लिया जाए। उन्होंने 30 अप्रैल तक प्रस्ताव एवं आंकलन तैयार कर भारत सरकार को भेजे जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के अंतर्गत शाही स्नान वाले विशेष दिवसों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन करते हुए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कनेक्टिविटी बढ़ने श्रद्धालुओं के बढ़ने की अत्यधिक सम्भावना है। उन्होंने इसके अनुरूप श्रद्धालुओं संख्या का आंकलन करते हुए पार्किंग एवं ट्रैफिक मूवमेंट योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों द्वारा आंकलन कराए जाने के उपरांत योजनाएं तैयार कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने नए पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाने के साथ ही पुराने पार्किंक स्थलों की क्षमता बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए।

हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेला, कांवड़ यात्रा एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है, इसके लिए मूलभूत ढांचों को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन योजना के अंतर्गत स्थाई प्रकृति के कार्यों को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र सहित अन्य उपयोगी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कुंभ 2027 के लिए अनिवार्य कार्यों की सूची तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा ऐसे कार्य जिन्हें अनिवार्य रूप से कराया जाना है, उनकी तैयारी पूर्व से ही कर ली जाए। साथ ही, तत्काल शुरू किए जाने वाले कार्यों की सूची भी तैयार कर इनकी डीपीआर एवं आंकलन सहित अन्य तैयारियां पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कराए जा सकें।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नीतेश झा, राधिका झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, आर. राजेश कुमार, जिलाधिकारी हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह, जिलाधिकारी पौड़ी आशीष चौहान, जिलाधिकारी टिहरी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने पीएम विश्वकर्मा योजना की समीक्षा कर विस्तृत जानकारी ली

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) और प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों से योजनाओं के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन (पीएम-एबीएचआईएम) के तहत शीघ्र ही ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट, ज़िला एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला (डीआईपीएचएल) एवं क्रिटिकल केयर ब्लॉक को तैयार कर शीघ्र संचालन शुरू किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन सभी यूनिट्स का निर्माण कार्य पूर्ण कर संचालन किए जाने हेतु समयबद्ध कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। उन्होंने योजनाओं के समयबद्ध संचालन के लिए राज्य एवं जनपद स्तर पर मॉनीटरिंग किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा साप्ताहिक रूप से इन यूनिट्स की निगरानी की। साथ ही जिन यूनिट्स का कार्य पूर्ण हो चुका है उनके उपयोगिता प्रमाण पत्र भारत सरकार को शीघ्र प्रस्तुत किए जाएं।

मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को अधिक से अधिक पंजीकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा के जिला कार्यान्वयन समिति एवं यूएलबी स्तर पर लम्बित आवेदन पत्रों को शीघ्र निस्तारित किया जाए। साथ ही, कारीगरों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाए जाने हेतु लगातार मॉनिटरिंग भी की जाए। साथ ही, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के माध्यम से बेचे जाने पर भी जोर दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों के यूनिटी मॉल में भी राज्य के उत्पादों के लिए स्टॉल उपलब्ध कराए जाने हेतु व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव आर. राजेश कुमार, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे एवं स्वाति भदौरिया सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने किया सभी विभागों में बायोमैट्रिक को अनिवार्य

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में सचिव समिति की बैठक आयोजित हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि 1 मई, 2025 से सभी विभागों में अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक से किये जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। यदि विभाग में बायोमैट्रिक मशीनें स्थापित नहीं हैं अथवा पर्याप्त संख्या में नहीं है, इस हेतु समय से आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली जाय। पूर्व में स्थापित बायोमैट्रिक मशीनों में यदि कोई कमी है तो उसे ठीक करा लिया जाय।

*महत्वपूर्ण प्रस्तावों का विवरण तैयार किये जाने के दिये गये निर्देश*

उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विभागों द्वारा जनहित एवं राज्यहित में आवश्यक, महत्त्वपूर्ण एवं प्राथमिकता वाली योजनाओं की सूची तैयार किये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि व्यापक जनहित में इन योजनाओं हेतु धनराशि की व्यवस्था की जा सके तथा इनकी स्वीकृति हेतु समुचित कार्यवाही की जा सके। इन योजनाओं की सूची नियोजन विभाग को तथा उसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये।

*महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल पर: मुख्य सचिव*

मुख्य सचिव ने एक करोड़ से अधिक लागत की परियोजनाओं की समीक्षा पीएम गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। इसके लिये सभी विभागों को आवश्यक तैयारी किये जाने के निर्देश दिये गये। भविष्य में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली ई0एफ0सी0 पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से की जायेगी। विभागीय सचिवगणों से भी विभागीय ई0एफ0सी0 पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के माध्यम से कराये जाने हेतु निर्देश दिये गये।

साथ ही, उन्होंने सभी विभागों द्वारा तैयार की जाने वाली विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को ई-डीपीआर के रूप में तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि इससे योजनाओं के क्रियान्वयन में गति आएगी। कुछ राज्यों में ई-डी0पी0आर0 बनाये जाने का कार्य किया जा रहा है। एन0आई0सी0 के माध्यम से इसका अध्ययन कराते हुए भविष्य में परियोजनाओं हेतु ई-डी0पी0आर0 बनाये जाने हेतु समुचित व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये गये।

*विभागीय सचिवगणों तथा अन्य अधिकारियों को अनुभागों का निरीक्षण किये जाने हेतु दिये गये निर्देश*

बैठक में सभी विभागीय सचिवगणों को सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा पूर्व में दिये गये निर्देशों के क्रम में वर्ष में न्यूनतम एक बार अनुभागाों का विस्तृत निरीक्षण किये जाने के निर्देश दिये गये। इसी प्रकार का निरीक्षण रोस्टर के अनुसार अपर सचिवों, संयुक्त सचिवों, उप सचिवों एवं अनुसचिवों को किये जाने के निर्देश दिये गये।

*Annual Work Plan बनाये जाने के दिये गये निर्देश*

बैठक में सभी अधिकारियों को अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार के कार्यों हेतु Annual Work Plan बनाये जाने के निर्देश दिये गये, ताकि सभी प्रकार के विभागीय कार्यों को समय से पूरा किया जा सके तथा विलम्ब से बचा जा सके।

*Government Assets की सूची तैयार किये जाने हेतु दिये गये निर्देश*

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची तैयार कर इस हेतु पूर्व में बनाए गए पोर्टल पर अपलोड किए जाने के निर्देश दिए हैं। इस बारे में पूर्व में काफी कार्य किया गया था तथा कई विभागों द्वारा अपनी विभागीय परिसम्पत्तियों की सूची Government Assets Inventory पर अपलोड किया गया था। पुनः सभी विभागों को अपनी-अपनी परिसम्पत्तियों की सूची इस पोर्टल पर अपलोड किये जाने के निर्देश दिये गये।

*कार्मिकों को अपनी अचल सम्पत्ति का विवरण देना होगा*

अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के बारे में विवरण देते समय अनिवार्य रूप से अचल सम्पत्ति का विवरण दिया जाना अनिवार्य है। बैठक के दौरान यह संज्ञान में लाया गया कि कई विभागीय अधिकारियों द्वारा समय से अपनी वार्षिक अचल सम्पत्ति का विवरण अपने विभागों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। वार्षिक गोपनीय आख्या के बारे में विवरण देते समय अचल सम्पत्ति का विवरण घोषित किये जाने को अनिवार्य बनाये जाने हेतु व्यवस्था बनाये जाने के निर्देश दिये गये। पदोन्नति के समय यह देखा जायेगा कि कार्मिक द्वारा अचल सम्पत्ति का विवरण प्रस्तुत किया गया है अथवा नहीं।

*प्रदेश का अपना राज्य संग्रहालय तैयार किए जाने के भी दिए निर्देश*

बैठक में देहरादून में राज्य संग्रहालय की आवश्यकता बतायी गयी। इस हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किये जाने के निर्देश दिये गये। कोलागढ़ में स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केन्द्र का अधिक से अधिक उपयोग किये जाने हेतु कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश दिये गये। संस्कृति विभाग में पंजीकृत विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक दलों की आपस में प्रतियोगिता कराते हुए पारदर्शी तथा निष्पक्ष तरीके से इनको श्रेणी ए, बी, सी आदि में रखे जाने के निर्देश दिये गये, ताकि आवश्यकतानुसार इनका उपयोग किया जा सके।

सचिव समिति की बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव शैलेश बगोली, राधिका झा, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ. नीरज खैरवाल, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, रणवीर सिंह चौहान एवं धीराज सिंह गर्ब्याल उपस्थित थे।