जलवायु परिवर्तन संबंधी कार्यों को मुख्यधारा में लाने हेतु क्लाईमेंट बजटिंग प्रारंभः तीरथ सिंह रावत

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अपने जीएमएस रोड स्थित भागीरथीपुरम आवास पर पौधारोपण किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जामुन का पेड़ लगाया।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर घोषणा की है कि राज्य में स्थित समस्त गांवों एवं गांवों के आस-पास के क्षेत्र में स्थित तालाबों-जल निकायों, जो राजस्व अभिलेखों में दर्ज हैं, उन सब का अगले 01 वर्ष में पुनर्जीवन किया जायेगा तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 में जलवायु परिवर्ततन सम्बन्धी कार्यों को मुख्यधारा में लाने हेतु राज्य में क्लाईमेंट बजटिंग प्रारम्भ किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से अपील की कि प्रत्येक व्यक्ति एक-एक पौधारोपण कर पर्यावरण के संरक्षण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें। पर्यावरण की सुरक्षा आम आदमी के जीवन से जुड़ा विषय है। पर्यावरण का संरक्षण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली है। इकोसिस्टम रेस्टोरेशन के तहत पेड़ लगाकर एवं पर्यावरण की रक्षा कर हमें प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करने और इकोसिस्टम पर बढ़ते दबाव को कम करने की दिशा में विशेष ध्यान देना होगा।

मुख्यमंत्री तीरथ ने ली टिहरी में जिलास्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने टिहरी दौरे के दौरान हाइड्रो इंजीनियरिंग कालेज भागीरथीपुरम में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को कोविड गाइड लाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश दिए कि गांव-गांव जाने वाली स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ पुलिस कर्मियों को भी भेजा जाए। सीएमओ को निर्देश दिए कि जिन चिकित्सकों को अटेच किया गया है उनको तत्काल उनके मूल स्थानों पर तैनाती की जाय।

जनपद में संचालित कोविड केयर सेंटरों में मानव संसाधन की कमी को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को स्थानीय स्तर से 11 माह की अवधि के लिए नियुक्तियां करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड पर कड़ी कार्यवाही से अब स्थितियां सामान्य हो रही है। कहा यही समय है जब और अधिक सावधानी बरते जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्रों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आर०टी०पी०सी०आर० टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट का चेकपोस्ट पर अनिवार्य रूप से अवलोकन किया जाए।

इसके अलावा उन्होंने ग्राम निगरानी समितियों को सक्रिय रखने, नगरपालिका गांव पंचायतों सहित गांव-गांव निरंतर सैनिटाइजेशन कराने, लक्षणयुक्त व्यक्तियों को कोविड से सम्बंधित दवाई की किटों का वितरण, मास प्रोफिलेक्सिस के तहत आइवर मेक्टिन का वितरण, कोविड केयर सेंटर्स की स्थिति व ऑक्सीजन की उपलब्धता की समीक्षा की।

आगमी मानसून की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि मानसून आगमन से पूर्व सभी मोटर मार्गो के स्लाइडिंग जोन का चिह्नीकरण कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि मोटर मार्गो के अवरुद्ध होने की स्थिति में 30 मिनट में घटना स्थल पर मानव संसाधन सहित मशीनरी पहुच जाए। इसके साथ ही उन्होंने समस्त जेसीबी व उनके ऑपरेटर के संपर्क नंबर कंट्रोल रूम में उपलब्ध रखने को कहा है। जल जीवन मिशन के तहत किये जा रहे कार्यो की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को माह जून तक नलों में पानी की आपूर्ति करने के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा उन्होंने मानसून के दौरान स्वास्थ्य सुविधा, खाद्यान्न आपूर्ति, विद्युत आपूर्ति, पेयजल आपूर्ति को सुचारू रखने को लेकर पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए है।

बैठक में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, प्रभारी मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, विधायक टिहरी डॉ. धन सिंह नेगी, विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह, विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी, जिलाधिकारी ईवा आशीष श्रीवास्तव, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, एसएसपी तृप्ति भट्ट, सीएमओ सुमन आर्य आदि उपस्थित रहे।

निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओें के कार्यों में तेजी लाई जायः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ऊर्जा विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि निर्माणाधीन विद्युत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लाई जाय। उन्होंने ऊर्जा विभाग के सभी निगमों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करने एवं राज्य की विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण व्यवस्था और सुदृढ़ करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली चोरी से संबंधित गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी जाय। इसमें संलिप्त पाये जाने वालों पर सख्त कारवाई भी की जाय। विद्युत चोरी रोकने के लिए स्मार्ट मीटरों की व्यवस्था की जाय।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि राज्य को बिजली खरीदनी न पड़े, इस दिशा में आगे बढ़ने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार पर भी विशेष ध्यान दिया जाय। ऊर्जा विभाग की विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ाने एवं महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया जाय। विद्युत हानि को कम करने पर विशेष फोकस किया जाय। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में हाइड्रो एवं सोलर प्रोजेक्ट की अपार संभावनाएं हैं, इस ओर आगे बढ़ने की जरूरत है।

बैठक में सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि रोजगार के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों की भागीदारी बढ़ाए जाने के दृष्टिगत सौर ऊर्जा, पिरूल एवं एल0ई0डी0 ग्राम लाईट योजना पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विद्युत चोरी हतोत्साहित करने हेतु ऊर्जागिरी अभियान चलाया जा रहा है, साथ ही बिलिंग दक्षता में भी वृद्धि की जा रही है। इस अवसर पर उन्होंने राज्य की विभिन्न बहुद्देशीय परियोजनाओं पर प्रस्तुतीकरण दिया।

बैठक में सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, सचिव वित्त सौजन्या, अपर सचिव एवं प्रबन्ध निदेशक यूपीसीएल एवं पिटकुल डॉ. नीरज खेरवाल आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत ने पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई। तीरथ छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूरी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चैबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।

एक नजर में तीरथ सिंह रावत

पिता का नामः कमल सिंह रावत
जन्मतिथिः नौ अप्रैल 1964
निवासीः ग्राम सीरों, पट्टी असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल।
शिक्षाः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में परास्नातक।

राजनीतिक सफर

1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे। उसके बाद अभाविप के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री, गढ़वाल विवि में छात्र संघ अध्यक्ष व छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। भाजयुमो (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।

1997 में पहली बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित।
2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री का दायित्व।
2007 में भाजपा के प्रांतीय महामंत्री बने।
2012 के विस चुनाव में चैबट्टाखाल से जीत हासिल की।
2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे।
वर्ष 2013 में ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूरी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चैबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।

मैंने कभी भी यहां पहुंचने की कल्पना नहीं की

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुझ पर भरोसा करने के लिए लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी चीफ का धन्यवाद करता हूं। मैं पार्टी का ऐसा कार्यकर्ता हूं जो एक छोटे गांव से आता है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं यहां पहुंचूंगा। मैं जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा।

जानिए तीरथ सिंह रावत के बारे में खास बातें…
राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 2000 में उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे।
वर्ष 1997 में वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य के सदस्य निर्वाचित हुए।
इसके बाद 2007 में उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए थे। उसके बाद वह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं।
पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।
तीरथ ने गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर श्रीनगर से छात्र राजनीति शुरू की।
वर्ष 1992 में वह सबसे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से गढ़वाल विवि बिड़ला परिसर श्रीनगर के छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े और जीते।
इसके बाद वे अभाविप के प्रदेश संगठन मंत्री, भाजयुमो में प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में तीरथ ने गढ़वाल संसदीय सीट से संसदीय राजनीति में पहला कदम रखा था।
पौड़ी-गढ़वाल सीट पर भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी को हराया था। तीरथ को 506980 और मनीष खंडूरी को 204311 वोट मिले थे।
वर्ष 2012 में विधानसभा चैबट्टाखाल से विधायक चुने जाने के बाद वर्ष 2013 में उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
वर्ष 2017 में सिटिंग विधायक होते हुए टिकट कटने के बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी।
वर्तमान में तीरथ हिमाचल प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। रामजन्मभूमि आंदोलन में दो माह तक जेल में रहे तीरथ ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
नवनिर्वाचित गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और प्रत्याशी के रुप में शत-प्रतिशत परिणाम दिए।
तीरथ को 2013 में भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में गईं।
लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी ने तीरथ को गढ़वाल सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के प्रभारी का दायित्व भी सौंपा।
उन्होंने अपनी जीत के साथ हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें जिताकर पार्टी में खुद के कद को और मजबूत किया।