21 दिनों तक घर की लक्ष्मण रेखा को न लांघेः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश की जनता से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा अगले 21 दिनों के सम्पूर्ण लॉकडाऊन के आह्वान में पूरा सहयोग देने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से इस लङाई में हम सभी भारतवासी अपने प्रधानमंत्री के साथ हैं। जब जब भी देश पर और मानवता पर संकट आया है, हम सभी की एकजुटता से संकट को दूर करने में कामयाब हुए हैं। आईये हम संकल्प लें कि अगले तीन सप्ताह अर्थात 21 दिनों तक हम अपने घर में ही रहेंगे। प्रदेशवासियों को आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की कोई कमी नहीं हो, इसके लिए राज्य सरकार और प्रशासन ने पूरी तैयारियां कर रखी हैं। राज्य सरकार ने कोरोना से निपटने के लिए बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। शासन प्रशासन पूरी तरह एक्टिव है। तमाम कोशिशों के बाद भी हमें कुछ कष्ट उठाना पङ सकता है, परन्तु हम सभी के सामने आए इस भयावह संकट के सामने ये कष्ट कुछ भी नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग ही एकमात्र विकल्प है। घर की लक्ष्मण रेखा को न लांघकर कोरोना वायरस के संक्रमण की चैन को तोङना है। केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों की सबसे बडी प्राथमिकता अपने नागरिकों के जीवन को बचाना है। चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों, सफाई कर्मियों, दूसरे अधिकारियों, कर्मचारियों, मीडिया के साथियों के योगदान में सहयोग देने के लिये घर पर रहें।

मुख्यमंत्री ने दिलाया भरोसा, सरकार सबका रख रही है ध्यान, एडवायजरी का करें पालन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, सचिव वित्त अमित नेगी, स्वास्थ्य एवं गृह सचिव नितेश झा के साथ आपात बैठक ली। बैठक के दौरान निर्णय लिया गया कि जनता कर्फ्यू को 31 मार्च, 2020 तक जारी रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस अनुभवों और उसकी भयावहता को देखते हुए, आज राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के अन्तर्गत हमारी अन्तर्राज्जीय परिवहन सेवा और राज्य के अन्तर्गत सार्वजनिक परिवहन सेवा को प्रतिबन्धित किया जा रहा है। दूसरी बात जो राज्य में हमारी आवश्यक सेवाएं हैं, चाहे स्वास्थ्य सम्बन्धी हों, खाद्य सम्बन्धी हों और अन्य जो भी अन्य आवश्यक सेवाएं हैं वो उपलब्ध रहेंगी, इनकी दुकानें खुली रहेंगी। सभी जिलाधिकारियों को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार निर्णय लेने के लिए अधिकृत कर दिया गया है। सभी प्रदेशवासियों से यह भी अनुरोध है कि वो अपने शहर, अपने मुहल्लों को न छोड़ें। जो गांव के लोग हैं वो अपने गांव से बाहर न निकलें। जब बहुत जरूरी हो, तभी गांव से बाहर निकलें। आगामी 31 मार्च, 2020 तक के लिए यह निर्णय लिया गया है। इसका शासनादेश जारी कर दिया जाएगा।
मैं प्रदेशवासियों से यही कहना चाहूंगा कि हमारे पास कोरोना वायरस से लड़ने का सबसे ज्यादा समर्थ तरीका एक यही कि सामाजिक दूरी बनाए रखें। यही इसका सबसे बड़ा बचाव है। राज्य में सभी जगह प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट में है। मुझे पूरा विश्वास है कि उत्तराखण्ड की जनता ने जिस प्रकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान को स्वीकार किया, अपना समर्थन किया है, उसी प्रकार अपने देश के बचाव के लिए, अपने राज्य के बचाव के लिए, अपने घर-परिवार के बचाव के लिए वो निश्चित रूप से सरकार का सहयोग करेगी। जनता कर्फ्यू आज पूरी स्वेच्छा से देश में लागू हुआ, अब पूरे राज्य में कर्फ्यू केवल आवश्यक सेवाओं के लिए खुला रहेगा, अब पूरे राज्य में कर्फ्यू 31 मार्च तक लागू रहेगा।
हमारे राज्य में जितने भी रजिस्टर्ड मजदूर हैं, उनके खाते में एक हजार रूपये डालेंगे ताकि उनको खाद्यान्न की दिक्कत न रहे। मैं उन्हें आश्वासन देना चाहता हूं कोई भूखा न रहे सरकार इसकी व्यवस्था करेगी। सैनेटाईजेशन की कार्यवाही पूरे राज्य में गतिमान है। राज्य के संस्थान एवं सरकार इकाईयों ने व्यापक सैनेटाईजेशन का कार्य कर रही है। जनता से मैं यही कहना चाहूंगा कि सरकार विश्वभर के विशेषज्ञों की राय एवं अनुभवों के आधार पर निर्देश दे रही। आप उन परामर्शों को ध्यान से पढ़िए, अखबारों में, इलेक्ट्रोनिक मीडिया, स्वास्थ्य विभाग, एसडीआरएफ, आदि द्वारा जो भी समय-समय पर दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं उनका पालन करें। मैं प्रदेशवासियों से कहना चाहता हूं जो भी सोशल मीडिया में एक्टिव रहते हैं, राज्य सरकार ने नोडल अधिकारी नामित किए हैं उनसे कहना चाहता हूं वही अधिकृत खबरें प्रकाशित करें। यदि कोई अफवाह फैलाने की कोशिश करते हैं, उनके साथ दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने पेयजल योजनाओं की प्रतिमाह मॉनिटरिंग करने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में पेयजल परियोजना अन्तर्गत कार्यों की समीक्षा हेतु एनआईसी द्वारा तैयार वेब पोर्टल को लांच किया। विश्व बैंक पोषित अर्द्धनगरीय पेयजल योजनाओं, जल शक्ति मिशन एवं अन्य पेयजल योजनाओं का अनुश्रवण एवं मूल्यांकन इस ऑनलाइन पोर्टल से किया जायेगा। इस पोर्टल के माध्यम से पेयजल योजनाओं की कार्य प्रगति, डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट, योजना के तहत लगाये गये एवं अवशेष कनेक्शनों की जानकारी भी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये की पेयजल योजनाओं की प्रतिमाह मॉनिटरिंग कर प्रगति रिपोर्ट दी जाय। जल शक्ति मिशन एवं अर्द्धनगरीय पेयजल योजनाओं के सफल संचालन के लिए कार्यों की निश्चित समयावधि तय की जाय। नमामि गंगे के तहत अवशेष कार्यों को जल्द पूर्ण किया जाय। वहीं, सचिव पेयजल अरविन्द सिंह ह्ंयाकी ने जानकारी दी कि राज्य के अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति में सुधार के लिए 385.81 करोड़ रूपये की 12 पेयजल योजनाओं का कार्य प्रगति पर है। विश्व बैंक पोषित अर्द्धनगरीय पेयजल योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 22 अर्द्धनगरीय क्षेत्र चिन्हित हैं। इस योजना के तहत 4.39 लाख लोगों को प्रतिदिन 12 से 16 घण्टे पेयजल आपूर्ति करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस अवसर पर विधायक पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त, एमडी स्वजल उदयराज सिंह एवं एनआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर उपब्धियां बताई

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के तीन वर्ष पूरे होने के अवसर पर सहयोग के लिए प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया है। अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों और मातृशक्ति को नमन किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन साल पहले आप सभी के आशीर्वाद से जब हमने सरकार सम्भाली, यहाँ के नीति निर्माण में उत्तराखण्ड राज्य की मूल भावना का अभाव था। हमने आते ही दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा। हाल ही में गैरसैंण में आयोजित विधानसभा सत्र राज्य के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जायेगा। गैरसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय राज्य आंदोलनकारियों, माताओं-बहनों को समर्पित है।
हमने प्रदेश की महान जनता से कुछ वायदे किए थे। मैं आज पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि हमने इन तीन साल में ही 70 फीसदी वायदे पूरे कर दिए हैं। हम अपने सभी वायदों को पूरा करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। हम काम में विश्वास करते हैं। हमारी सरकार के ये तीन साल, विकास के तीन साल रहे। हमारा ध्येय वाक्य रहा है, बातें कम -काम ज्यादा।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से हमारी सरकार के तीन साल में बहुत से ऐसे काम हुए हैं, जो कि पहले मुमकिन नहीं लग रहे थे। डबल इंजन का असर साफ-साफ देखा जा सकता है। केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। इनमें बहुत सी योजनाओं पर तेजी से काम भी चल रहा है। इनमें ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना, चारधाम सड़क परियोजना ऑल वेदर रोड़, केदारनाथ धाम पुनर्निर्माण, भारतमाला परियाजना, जमरानी बहुद्देशीय परियोजना, नमामि गंगे, देहरादून स्मार्ट सिटी आदि प्रमुख हैं।
पर्वतीय राज्य की अवधारणा से बने उत्तराखण्ड में पहली बार किसी सरकार ने पलायन को रोकने पर ही नहीं बल्कि रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से काम शुरू किया है। एमएसएमई के केंद्र में पर्वतीय क्षेत्रों को रखा गया है। ग्रामीण विकास और पलायन आयोग का गठन किया गया। सीमांत तहसीलों के लिए मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना शुरू की है। राजकीय स्कूलों में वर्चुअल क्लासेज शुरू की गई हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में डाक्टरों की संख्या पहले से दोगुनी की गई। टेलीमेडिसीन और टेलीरेडियोलोजी भी फायदेमंद साबित हो रही हैं। ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य उपकेंद्रों का हैल्थ एंड वैलनैस सेंटर के रूप अग्रेडेशन कर रहे हैं। सभी 670 न्याय पंचायतों में क्लस्टर आधारित एप्रोच पर ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण आर्थिकी मजबूत होगी। किसानों और महिला स्वयं सहायता समूहों को ब्याज रहित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। होम स्टे की कन्सेप्ट को बहुप्रचारित किया जा रहा है। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टीनेशन से नए पर्यटन केंद्रों का विकास हो रहा है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 3900 जैविक क्लस्टरों में काम शुरू किया गया है। सौर ऊर्जा और पिरूल ऊर्जा नीति, ग्रामीण युवाओं की आजीविका में सहायक होगी। सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में विस्तार किया जा रहा है। आल वेदर रोड़, भारतमाला परियोजना, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना गेम चेंजर बनने जा रही हैं। एयर कनेक्टीवीटी पर विशेष जोर दिया गया है। 2022 तक सभी गांवों को सड़क से जोड़ने का लक्ष्य रखा है। सौभाग्य योजना से घर-घर बिजली पहुंचा दी गई है। प्रदेश के 15.09 लाख परिवारां को ‘‘हर घर को नल से जल’’ दिलाने की योजना शुरू की है। तीन वर्षों में ये लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। जल संरक्षण और जल संवर्धन पर काफी काम शुरू किया गया है। ग्रेविटी वाली पेयजल योजनाओं पर हमारा फोकस है। हाल ही में उत्तराखण्ड वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट को भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक सहमति दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में उत्तराखण्ड ने विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है। राष्ट्रीय फलक पर उत्तराखण्ड अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहा है। तीन वर्षों में मिले पुरस्कार इस बात की पुष्टि करते हैं। हमारी सरकार ने राज्य में निवेश लाने के लिए पूरा होमवर्क करते हुए गम्भीरता से काम किया। राज्य गठन के बाद पहली बार बड़े स्तर पर इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गय खुद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इसका उद्घाटन किया और स्पिरिचुएल इको जोन की कन्सेप्ट सामने रखी। पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश के लिए पर्यटन, आयुष व वेलनेस, आईटी, सौर ऊर्जा सहित सर्विस सेक्टर पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्ष में हमारी सरकार ने राज्य हित को देखते हुए अनेक साहसिक निर्णय लिए हैं। देवस्थानम चारधाम बोर्ड का गठन और ट्रांसफर एक्ट सहित महत्वपूर्ण संस्थागत सुधार किए गए हैं। सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस हमारी नीति का प्रमुख आधार रहे हैं। हमने भ्रष्टाचाार और माफिया तत्वों को सत्ता के करीब भी नहीं फटकने दिया है। इन तीन वर्षों में राज्य के विकास की न सिर्फ दिशा तय हुई है बल्कि काम भी दिखने लगा है। हमने समाज के हर तबके का भी ध्यान रखा है। विकास का लाभ अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचाने का ईमानदारी से पूरा प्रयास किया है।
हमारे गांव फिर से समृद्धि के केंद्र बनें, इसके लिए हम दिन-रात काम कर रहे हैं। हमें आप सभी का भी मार्गदर्शन और सहयोग चाहिए। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दो साल में उत्तराखण्ड में आप गैरसैण भावना को साकार होता देखेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पूरा विश्व कोरोना वायरस से संघर्ष कर रहा है। उत्तराखंड को कोरोना के प्रभाव से मुक्त रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है, बस सतर्कता बरतें। सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करें।

मुख्यमंत्री ने स्वयं संज्ञान लेकर फसलों के नुकसान की रिपोर्ट देने के दिए निर्देश

उत्तराखंड में भारी वर्षा और ओलावृष्टि से फसलों को पहुंचे नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत बेहद गंभीर है। इसके तहत मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को फसल क्षति का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित किसानों को आश्वासन देते हुए कहा है कि किसानों की हरसंभव मदद की जाएगी।
इन दिनों नियमित अंतराल में हो रही वर्षा और ओलावृष्टि रबी की फसल पर भारी पड़ रही है। विशेषकर मैदानी क्षेत्रों में रबी की मुख्य फसल गेहूं समेत अन्य फसलों को नुकसान पहुंचने से किसानों के माथों पर बल पड़े हैं। अब मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को ओलावृष्टि और भारी वर्षा से किसानों को हुए नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद कृषि महकमा हरकत में आ गया है। सचिव कृषि आर.मीनाक्षी सुंदरम ने कृषि निदेशक को निर्देश दिए हैं कि वह भी अपने स्तर से फसलों को पहुंचे नुकसान का आकलन कराकर रिपोर्ट शासन को भेजना सुनिश्चित करें। उधर, कृषि निदेशक गौरीशंकर ने बताया कि सभी जिलों के मुख्य कृषि अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में जल्द से जल्द सर्वे कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है, ताकि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति की जा सके। दूसरी तरफ, निदेशक हार्टिकल्चर मिशन संजय श्रीवास्तव ने बताया कि वर्षा और ओलावृष्टि से फल-सब्जियों को पहुंची क्षति का भी आकलन कराया जा रहा है।
किसानों का कहना है कि राज्य सरकार ने स्वयं इसका संज्ञान लिया है। यह राज्य के किसानों के लिए अच्छी खबर है। नही तो पहले हमें सरकार से मांग करनी पड़ती थी। किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है कि उनकी समस्याओं का संज्ञान लेकर त्रिवेन्द्र सरकार समय-समय पर राहत देती आ रही है। गौरतलब है कि पहले भी किसानों की समस्याओं को लेकर राज्य सरकार ने किसानों के हितों को लेकर कई राहत देने वाले कार्य किये है। इस बार का बजट भी किसानों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। वही गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर भुगतान के लिए अतिरिक्त धनराशि की व्यवस्था भी त्रिवेन्द्र सरकार ने की है।

हड़ताली कर्मचारियों के समर्थन में विधायकों ने पत्र के जरिए प्रमोशन पर रोक हटाने का किया आग्रह

उत्तराखंड में प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ हड़ताल कर रहे जनरल और ओबीसी कर्मचारियों को समर्थन मिल रहा है। कई संगठनों के बाद अब राज्य के विधायकों ने उनके समर्थन में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र लिखा है। यह सभी विधायक सत्ता पक्ष यानी भाजपाई है।

उत्तराखंड जनरल ओबीसी इम्पलाइज एसोसिएशन पिछले दो मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ, गणेश जोशी, महेंद्र भट्ट, दलीप सिंह रावत, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान के बाद शुक्रवार को रामनगर के विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने भी आंदोलन का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री से प्रमोशन पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया।

रुद्रप्रयाग जनपद की तुलंगा पंचायत प्रधान नवीन सिंह रावत ने जनरल ओबीसी कर्मचारियों के आंदोलन के समर्थन में सीएम को पत्र लिख कर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही आजाद मंच, अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने आंदोलन का समर्थन किया है।

कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कोरोना वायरस के संक्रमण और बजट सत्र का हवाला देते हुए हड़ताल कर रहे कर्मचारियों से काम पर लौटने की अपील की है। उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा है कि विधानसभा बजट सत्र के बाद सरकार कर्मचारियों की मांगों का समाधान तलाश लेगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में कर्मचारियों की हड़ताल राज्य के लिए आत्मघाती साबित होगी। सरकार कोरोना वायरस से निपटने की कोशिश में लगी है। सरकार का यह प्रयास कर्मचारियों की सहभागिता के बिना संभव नहीं है।

ऐसे में यदि प्रदेश में कर्मचारियों की हड़ताल जारी रहती है तो उसका असर पड़ना स्वाभाविक है। सभी हड़ताली कर्मचारी संगठनों को प्रदेश की जनता के व्यापक हित को देखते आंदोलन स्थगित कर काम पर लौटना चाहिए।

कोरोना वायरसः जिलाधिकारियों को मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कोरोना वायरस से निपटने हेतु राज्य स्तर पर की गयी तैयारियों के सम्बन्ध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से निपटने हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को अपने जनपदों में आइसोलेशन वार्ड की स्थापना, प्रशिक्षित चिकित्सकों एवं पैरामेडिक स्टाफ सहित आवश्यक दवाईयों की व्यवस्था करने निर्देश दिए। उन्होंने संदिग्ध मरीजों के स्थानांतरण हेतु डेडिकेटेड एम्बुलेंस और प्रशिक्षित स्टाफ की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
अफवाहों को रोकने हेतु लगातार किया जाए सूचनाओं का आदान प्रदान
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव एवं जागरूकता हेतु प्रदेशभर में चलायी जा रही वर्चुअल क्लासिस एवं विश्वविद्यालयों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव हेतु जारी एडवायजरी का प्रचार-प्रसार किया जाए। मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस से निपटने हेतु सभी विभागाध्यक्षों को आपस में समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि कोरोना वायरस के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार की अफवाहों को रोकने हेतु लगातार मुख्य चिकित्साधिकारियों द्वारा जिला सूचना कार्यालयों के माध्यम से सूचनाओं का आदान प्रदान तेजी से किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सैनेटाईजर एवं मास्क आदि की ओवर रेटिंग एवं कालाबाजारी न होने पाए, इसके लिए भी व्यवस्थाएं बनायी जाएं। कालाबाजारी एवं ओवर रेटिंग को रोकने हेतु कड़े कदम उठाए जाएं।
सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्रियों की लगातार की जाए स्क्रीनिंगः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने चीन एवं नेपाल से लगे सीमावर्ती क्षेत्रों में यात्रियों की लगातार स्क्रीनिंग किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि कोरोना वायरस के प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु संदिग्ध रोगी या किसी भी प्रकार की असामान्य स्थिति की सूचना मिलने पर राज्य एवं जनपद स्तर पर रेपिड रिस्पान्स टीम द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाए। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर यथाशीघ्र शासन को अवगत कराया जाए, ताकि समय पर आवश्यक व्यवस्थाएं बनायी जा सकें। उन्होंने अधिकारियों को चम्पावत में पूर्णागिरी के मेले के अवसर पर अतिरिक्त चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को दिये निर्देश, उद्योग मित्र की बैठकें आयोजित कर समस्याओं का त्वरित समाधान हो

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उद्यमियों से मेरा सामाजिक दायित्व (माई सोसियल रिस्पांसिबिलिटी) के तहत प्रदेश में शिक्षा एवं स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये सहयोगी बनने की अपेक्षा की है। उन्होंने प्रदेश में उद्योगों को सुविधायुक्त वातावरण प्रदान करने, उद्यमियों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये भी सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये हैं।
सचिवालय में इंडस्टस्ट्रीज एशोसियेशन ऑफ उत्तराखण्ड (आई.ए.यू) के प्रतिनिधियों एवं शासन के उच्चाधिकारियों के साथ एशोसियेशन की समस्याओं एवं सुझावों पर कार्यवाही किये जाने सम्बन्धी बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल नीतियां निर्धारित किये जाने के बावजूद भी उद्यमियों की कोई समस्या हो तो उसका त्वरित समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने आई.ए.यू द्वारा प्रदेश में एम.एस.एम.ई सेक्टर को बढ़ावा देने के साथ ही उद्यमियों की विभिन्न समस्याओं एवं सुझावों पर त्वारित कार्यवाही हेतु अधिकारियों को निर्देश दिये। उन्होंने श्रम, उद्योग एवं सिडकुल, सीडा से सम्बन्धित समस्याओं के निराकरण हेतु नियमित रूप से उद्योग मित्र की बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये है कि जिलास्तरीय अधिकारी उद्यमियों के साथ अच्छा व्यवहार करें उनकी समस्याओं का समाधान करें। उन्होंने श्रम, उद्योग एवं सिडकुल आदि, उद्यमिता विकास से जुड़े जिलास्तरीय अधिकारियों के कार्य व्यवहार की जांच करने के भी निर्देश दिये हैं। उन्होंने उद्यमियों से अपेक्षा की कि वे समय समय पर अपनी समस्याओं से विभागीय प्रमुखों को भी अवगत कराये ताकि औद्योगिक विकास मे तेजी आ सके।
मुख्यमंत्री ने उद्यमियों का ऊधम सिंह नगर की भांति मेरा सामाजिक दायित्व के तहत प्रदेश में शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतरी के लिये कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि उधमसिंह नगर में इस योजना के तहत 1100 स्कूलों को 528 स्कूलों में संयोजित कर उन्हें उद्यमियों द्वारा गोद लेकर इनमें परिवहन, स्मार्ट क्लास तथा अध्यापकों की संख्या दुगनी करने के साथ ही पढ़ाई का बेहतर वातावरण सृजित किया गया है। इसी प्रकार जनपद के 8 अस्पतालों का उच्चीकरण कर उन्हें हाईटेक बनाया गया है। उन्होंने अन्य जनपदों में भी इस प्रकार के प्रयास करने की उद्यमियों से अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने एशोसियेशन की मांग पर प्रत्येक जनपद में ईएसआई अस्पताल के लिये भूमि उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। उन्होंने हरिद्वार व उधम सिंह नगर में ईएसआई हास्पिटल की स्वीकृति के लिये केन्द्रीय श्रम मंत्री से वार्ता करने की भी बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमियों के व्यापक हित में ग्रिवास कमीटी भी गठित की गई है। यहां भी वे अपनी समस्याये रख सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने गेहूं का समर्थन मूल्य 1925 रूपये प्रति क्विंटल करने की स्वीकृति दी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में रबी-खरीद सत्र 2020-21 की समीक्षा की। उन्होंने गेहूँ क्रय का समर्थन मूल्य 1925 रूपये प्रति क्विंटल किये जाने की स्वीकृति प्रदान करते हुए कहा कि किसानों को अधिकतम मूल्य एवं बेहतर सुविधायें उपलब्ध हो, यह हमारा प्रयास होना चाहिए। गत वर्ष प्रदेश में गेहूँ का समर्थन मूल्य 20 रूपए बोनस के साथ कुल 1860 रूपये प्रति क्विंटल था जिसमें इस वर्ष 65 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि किसानों को उनकी उपज का समय पर भुगतान हो इसका ध्यान रखा जाना चाहिए। गेहूं किसानों को समय पर भुगतान हेतु उन्होंने 150 करोड़ की धनराशि खाद्य विभाग को दिये जाने की भी स्वीकृति दी।
मुख्यमंत्री ने समय पर गेहूं क्रय केन्द्रों की स्थापना, सीमान्त क्षेत्रों के साथ ही कुम्भ के दृष्टिगत हरिद्वार में भण्डारण क्षमता बढ़ाये जाने की व्यवस्था किये जाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने समीक्षा के दौरान सभी सम्बन्धित विभागों से इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्य योजना बनाकर आपसी समन्वय से कार्य योजना बनाने को कहा। उन्होंने किसानों को समय पर भुगतान के साथ ही क्रय केन्द्रों पर सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित करने के भी सम्बन्धित विभागों को निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने ऑर्गेनिक गेहूँ के उत्पादन एवं इस क्षेत्र में कार्य कर रहे किसानों को भी आवश्यक सहयोग दिये जाने की बात कही। समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने खाद्य विभाग, सहकारिता एवं नैफेड के माध्यम से कुल 174 क्रय केन्द्रों तथा आवश्यकतानुसार नये बोरों के क्रय किये जाने पर सहमति प्रदान की।
सचिव खाद्य सुशील कुमार ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 3,27,000 हेक्टेयर में गेहूँ की बुआई तथा 9,60,000 मी.टन गेहूँ के उत्पादन का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि वर्ड बैंक के साथ हुए समझौते के तहत पांच-पांच सौ मी.टन क्षमता के दो टेम्पररी गोदाम धारचूला एवं हरिद्वार में स्थापित किये जाने के साथ ही ऊधम सिंह नगर व ऋषिकेश में 50 हजार मी.टन क्षमता के दो नये भण्डारण गृह बनाये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि रबी विपणन सत्र 2020-21 में 2.00 लाख मी.टन गेहूँ के संग्रहण हेतु लगभग 2.00 लाख मी.टन भण्डारण क्षमता की आवश्यकता होगी। वर्तमान में विभाग के पास विभागीय/राज्य भण्डारण निगम/केन्द्रीय भण्डारण निगम से किराये पर ली गयी कुल 191707.300 मी.टन अतिरिक्त भण्डारण क्षमता उपलब्ध है।
बैठक में सचिव आर. मीनाक्षी सुदरम, आर.एफ.सी कुमाऊ ललित मोहन श्याल, आर.एफ.सी गढ़वाल चन्द्र सिंह, अपर जिलाधिकारी ऊधम सिंह नगर जगदीश चंद काण्डपाल, निदेशक कृषि गौरी शंकर, एम.डी यू.सी.एफ इरा उप्रेती, प्रबन्धक एफ.सी.आई बी.बी. सिंह सहित अन्य सम्बन्धित विभागों एवं संस्थानों के अधिकारी उपस्थित थे।

अनाथ बच्चों को 5 प्रतिशत आरक्षण देगी राज्य सरकार

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने डोईवाला विधानसभा क्षेत्र के वैष्णो माता मंदिर, पोस्ट ऑफिस चैक नत्थनपुर में रूपये 96.33 लाख की लागत से नलकूप निर्माण कार्य, रूपये 96.01 लाख लागत से ग्राम पंचायत नत्थनपुर में नलकूप निर्माण कार्य का शिलान्यास, अम्बेडकर बस्ती नत्थनपुर में रूपये 97.11 लाख की लागत से नलकूप निर्माण कार्य का लोकार्पण एवं मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण द्वारा नत्थनपुर में सामुदायिक भवन एवं मिलन केन्द्र निर्माण कार्य का भूमि पूजन एवं शिलान्यास किया।
अपने सम्बोधन में मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि क्षेत्र से लगे सैयद नाले के शेष बचे कार्यों को शीघ्र ही पूर्ण किया जाएगा, जिसमें लगभग 4.5 करोड़ रूपये की लागत आएगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की पानी की समस्या को दूर करने के लिए इन निर्माण कार्यों को ससमय पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देहरादून के आसपास के क्षेत्र की पानी की समस्या को दूर करने के लिए सूर्यधार झील का कार्य किया जा रहा है। इससे क्षेत्र के 29 गांवों को गुरूत्व आधारित पीने का पानी उपलब्ध होगा। इसके साथ ही, सौंग बांध हेतु भूमि की व्यवस्था हो गयी है। प्रभावितों के विस्थापन के तुरन्त बाद इसके निर्माण का कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस बांध के निर्माण का कार्य 350 दिनों में पूर्ण किया जाएगा।

सैनिकों के लिए उनका आई कार्ड ही प्रवेश पत्रः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक देश का गौरव हैं। राज्य सरकार सैनिकों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री आवास एवं सचिवालय में सैनिकों के प्रवेश के लिए उनके आई कार्ड को मान्यता दे दी गयी है। अब कोई भी सैनिक अपना आई कार्ड दिखा कर सचिवालय में प्रवेश कर सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा परम विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त सैनिकों को दी जाने वाली धनराशि को 15 हजार से बढ़ाकर 2 लाख रूपये किया गया है। इसी प्रकार अति विशिष्ट सेवा मेडल की धनराशि को भी 7 हजार से बढ़ाकर 1 लाख 50 हजार किया गया है। सेना मेडल प्राप्त सैनिकों को 1 लाख रूपये दिए जाएंगे। इसी प्रकार विशिष्ट सेवा मेडल प्राप्त सैनिक को दी जाने वाली धनराशि को 3 हजार से बढ़ाकर 75 हजार किया गया है। उन्होंने कहा कि अनाथ बच्चों 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें कौशल विकास कार्यक्रमों से भी जोड़ा जाएगा।

अनाथ बच्चों को भी 5 प्रतिशत आरक्षण
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में अनाथ बच्चां के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की है। इससे राजकीय अनाथालयों में रह रहे अनाथ बच्चों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। इस वर्ष महिलाओं के लिए 5100 किओस्क की व्यवस्था की जाएगी, ताकि महिलाएं अपने पैरों में खड़ी हो सकें। महिलाओं को मजबूती प्रदान करने के लिए एकल महिलाओं को बिना ब्याज के 1 लाख रूपये एवं महिला समूहों को बिना ब्याज के 5 लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है।

कलेक्ट्रेट होंगे ऑनलाइन
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि कलेक्ट्रेट को ऑनलाइन किया जायेगा जिससे आम जनता को पेपर लैस सुविधा प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन सुविधा के माध्यम से आम जनमानस की समस्याओं का निस्तारण करने में आसानी होगी तथा साथ ही लोगों की समस्याओं को ट्रेस कर यथा समय निराकरण करने में भी मदद मिल सकेगी।