मुख्य सचिव की अध्यक्षता में यूपीसीएल की 125 वीं बोर्ड बैठक आयोजित हुई

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में उत्तराखण्ड पावर कार्पाेरेशन लिमिटेड की 125वीं बोर्ड बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने बोर्ड में सचिव वित्त को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने टेक्निकल पृष्ठभूमि के व्यक्ति को भी बोर्ड में शामिल किए जाने की बात कही।

अगले वित्तीय वर्ष का बजट फरवरी-मार्च तक हो जाए बोर्ड से स्वीकृतः मुख्य सचिव
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रोजेक्ट्स की लागत को कम किए जाने के लगातार प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट्स के लिए लिया जाना वाला ऋण जितना सस्ता हो, उतना अच्छा। इसके लिए वित्त उपलब्ध कराने वाली एजेन्सियों से लगातार सम्पर्क किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अगले वित्त वर्ष के बजट के लिए फरवरी-मार्च तक बोर्ड से संस्तुति अनिवार्य रूप से ले ली जाए।

तीनों कार्पाेरेशन में विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किए जाने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने तीनों कार्पाेरेशन में विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सचिव विजिलेंस के साथ बैठक कर तीनों कार्पाेरेशन्स में शीघ्र ही विजिलेंस मैकेनिज्म तैयार किया जाए। मुख्य सचिव ने यूपीसीएल को 1 जनवरी, 2026 से ईआरपी लागू किए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि तीनों कार्पाेरेशन में त्रैमासिक प्रदर्शन की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि इससे अल्पकालिक लक्ष्यों पर कार्पाेरेशन की प्रगति का आंकलन एवं सुधार के क्षेत्रों को चिन्हित कर अगली तिमाही के लिए नए उद्देश्य निर्धारित किए जा सकेंगे।

मुख्य सचिव ने नई तकनीकों के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई तकनीक का उपयोग करने से पहले एक दो स्थानों पर अनिवार्य रूप से प्रयोग कर लिया जाए, ताकि तकनीक के कम सफल होने या असफल होने पर उपयोग से हटाए जाने में अधिक नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि सभी कार्पाेरेशन को पेशेवर दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। उन्होंने प्रोजेक्ट्स को शुरू करने से पहले उसका तकनीकी आर्थिक व्यवहार्यता (टेक्नो इकोनॉमिक फीजीबिलिटी) परीक्षण कराए जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, स्वतंत्र निदेशक (बोर्ड) पराग गुप्ता, बी.पी. पाण्डेय, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, एमडी यूपीसीएल अनिल यादव, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल एवं एमडी पिटकुल पी.सी. ध्यानी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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सीएस ने किया एनआईसी उत्तराखण्ड की त्रैमासिक न्यूज़लेटर ‘द डिजिटल थ्रेड‘ का विमोचन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने एन.आई.सी. उत्तराखण्ड की प्रथम त्रैमासिक न्यूज़लेटर ‘द डिजिटल थ्रेड‘ का विमोचन किया। इस अवसर पर मुख्य सचिव ने आशा व्यक्त की कि यह न्यूज़लेटर राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए जा रहे नवाचारों, सफल परियोजनाओं, डिजिटल पहलों एवं एन.आई.सी. उत्तराखण्ड की प्रमुख गतिविधियों को व्यापक रूप से आम जनमानस तक से पहुंचाने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि ‘द डिजिटल थ्रेड‘, शासन, तकनीक और नागरिकों के बीच सेतु का कार्य करेगा।

राज्य सूचना विज्ञान अधिकारी (एन.आई.सी.) संजय गुप्ता ने कहा कि एन.आई.सी. उत्तराखण्ड राज्य में डिजिटल इंडिया मिशन को सशक्त बनाने हेतु प्रतिबद्ध है, एवं निरंतर अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कार्य कर रहा है।

इस अवसर पर ए.एस.आई.ओ. (जिला) राजीव जोशी, संयुक्त निदेशक (आई.टी.) चंचल गोयल, संयुक्त निदेशक (आई.टी.) शिवानी गोठी, सयुंक्त निदेशक (आई.टी.) रोहित चंद्रा, उप निदेशक (आई.टी.) प्रीति जोशी एवं उप निदेशक (आई.टी.) अनुज धनगर भी उपस्थित रहे।

प्रदेश के लोगों को भूकम्प जैसी परिस्थितियों के लिए जागरूक किए जाने की आवश्यकताः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में उत्तराखण्ड भूकम्प जोखिम मूल्यांकन एवं शमन के सम्बन्ध में बैठक ली। बैठक में आईआईटी रूड़की और वाडिया हिमालयन भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव ने कहा कि भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता की दृष्टि से प्रदेश का एक बड़ा भू-भाग के जोन 5 में है, जिसके कारण यूईआरएएम के उद्देश्य, एक औपचारिक सुरक्षा-संचालित वातावरण तैयार करते हुए भूकंप से होने वाले मानवीय और आर्थिक नुकसान को कम करना पर विशेष फोकस किया जाना चाहिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के लोगों को भूकम्प जैसी परिस्थितियों के लिए जागरूक किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता को देखते हुए भूकम्प की मॉक ड्रिल के लिए एक दिन निर्धारित करते हुए नियमित रूप से भूकम्प जागरूकता दिवस मनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे भूकम्प जैसी परिस्थिति में न्यूनतम मानवीय और आर्थिक नुकसान होगा।

मुख्य सचिव ने कहा कि यूएसडीएमए द्वारा विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों के साथ एक विस्तृत एमओयू किया जाए जिसमें विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के लिए संस्थानों को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। उन्होंने कहा कि वाडिया संस्थान ग्लेशियर लेक पर काम कर रहा है तो आईआईटी रूड़की भूकम्प जोखिम मूल्यांकन और शमन पर कार्य कर सकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि भूकम्प के प्रति संवेदनशीलता की दृष्टि से भवन निर्माण के लिए कुछ मापदंड भी निर्धारित किए जाने चाहिए। उन्होंने भूकम्परोधी भवनों के सम्बन्ध सीबीआरआई के साथ एमओयू किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस अवसर पर सचिव विनोद कुमार सुमन एवं अपर सचिव आनन्द स्वरूप सहित आईआईटी रुड़की, वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान और सीबीआरआई के वैज्ञानिक उपस्थित थे।

लोक निर्माण विभाग प्रदेश की सड़कों को क्रैश बैरियर से संतृप्त करेः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट भाषण में उल्लिखित संतृप्तिकरण बिंदुओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि बजट सत्र 2024-25 के दौरान वित्त मंत्री के बजट भाषण में उल्लिखित संतृप्तिकरण बिन्दुओं को सम्बन्धित विभाग, शीघ्र समय-सीमा निर्धारित करते हुए कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपद मुख्यालयों एवं महत्त्वपूर्ण पर्यटक स्थलों को हवाई कनेक्टिविटी उपलब्ध कराए जाने हेतु शीघ्र कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कार्ययोजना के सभी स्तरों की समय सीमा निर्धारित करते हुए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए कि प्रदेश के असुरक्षित पुलों एवं आवागमन हेतु प्रयोग हो रही ट्रॉलियों का शीघ्र ही जीर्णाेद्धार करा लिया जाए। उन्होंने कहा कि जहां-जहां ट्रॉलियां संचालित हो रही हैं, वहां शीघ्र से शीघ्र पुल तैयार कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि यदि प्रदेश में कहीं गैर सरकारी ट्रॉली भी संचालित हो रही है, तो ऐसी ट्रॉलियों का भी सेफ्टी ऑडिट करवा लिया जाए, साथ ही सरकार द्वारा इसे नियमानुसार संचालित कराया जाए एवं ऐसी ट्रॉलियों को लोक निर्माण विभाग द्वारा जीर्णाेद्धार किया जाएगा। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को प्रदेश की सड़कों को क्रैश बैरियर से संतृप्त किया जाए। उन्होंने इसके लिए समय-सीमा निर्धारित करते हुए कार्य योजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों एवं जनपद स्तरीय कार्यालयों में ई-ऑफिस लागू किए जाने हेतु सभी विभागों से सूचना मांगी है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को ई-ऑफिस में शिफ्ट किए जाने और शासन के साथ लिंकेज की प्रक्रिया में गति लाने की आवश्यकता है। उन्होंने आईटी विभाग को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में थीम बेस्ड विज्ञान एवं नवाचार केन्द्रों की स्थापना की दिशा में तेजी लाते हुए कार्य पूर्ण किए जाएं। उन्होंने जनपद रूद्रप्रयाग में विज्ञान एवं नवाचार केन्द्र के लिए जिलाधिकारी से सम्पर्क कर शीघ्र भूमि चिन्हित किए जाने की बात कही। उन्होंने प्रदेश के 13 रोजगार केन्द्रों को स्वरोजगार केन्द्रों के रूप में विकसित किए जाने और इन स्वरोजगार केन्द्रों को लाइब्रेरी, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग आदि सुविधाओं से आच्छादित करते हुए केन्द्रीयकृत स्वरोजगार केन्द्र तैयार किए जाएं। उन्होंने इसके लिए सभी विभागों से समन्वय बनाकर कार्ययोजना प्रस्तुत किए जाने के निर्देश उद्योग विभाग एवं सेवायोजन विभाग को दिए।

मुख्य सचिव ने शिक्षा विभाग को स्कूलों में फर्नीचर की उपलब्धता के साथ ही सभी जनपद मुख्यालयों और 50 हजार से अधिक आबादी वाले शहरों में शीघ्र से शीघ्र पुस्तकालय की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इन पुस्तकालयों का संचालन दून लाइब्रेरी की तर्ज पर सोसाईटी मोड पर किया जाए, ताकि इनके संचालन एवं रखरखाव की समस्या का हल हो सके।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, सी. रविशंकर, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, रंजना राजगुरू, हिमांशु खुराना एवं गौरव कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अपर सचिव मनमोहन मैनाली ने किया।

हरिद्वार में मुख्य सचिव ने कुंभ मेला क्षेत्रों का निरीक्षण कर दिए निर्देश

2027 के कुंभ को दिव्य एवं भव्य ढंग से आयोजित करने के उद्देश्य से तथा आने वाले श्रद्धालुओं को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने एवं किए जाने वाले निर्माण कार्यों का आज मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने मेला क्षेत्र का स्थलीय किया,निरीक्षण के दौरान मेला अधिकारी सोनिका,जिलाधिकारी मयूर दीक्षित,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

इस अवसर पर मुख्य सचिव एवं संबंधित अधिकारियों द्वारा नजीबाबाद हाईवे पर गौरी पार्किंग स्थल में मल्टी मॉडल हब बनाये जाने हेतु कार्य का निरीक्षण, चण्डी देवी मन्दिर तक रोपवे का निर्माण हेतु स्थलीय निरीक्षण, दिव्य प्रेम मिशन आश्रम के समीप नीलधारा में कल्चरल हब के निर्माण की योजना कार्य का निरीक्षण,नमामिः गंगे घाट नीलधारा में लेजर शो हेतु स्थिल निर्माण की योजना का निरीक्षण, बैरागी कैम्प क्षेत्र में विभिन्न अखाड़ों एवं धार्मिक संस्थाओं के कैम्पिंग की योजना का निरीक्षण, बैरागी कैम्प क्षेत्र, दक्षद्वीप क्षेत्र में मायापुर स्कैप चौनल के दोनो 15 और नये घाटों के निर्माण कार्य की योजना का निरीक्षण, आईरीस सेतु से श्री यंत्र मन्दिर होते हुए मातृ सदन तक मार्ग के सुदृढ़ीकरण योजना का एवं उक्त मार्ग के मध्य 700 से 800 मी0 की कच्ची सड़क को पक्की सड़क बनाने जाने की योजना कार्य का निरीक्षण, नक्षत्र वाटिका के समीप कनखल ऐरिया कैनाल फ्रन्ट डेवलपमेन्ट योजना जिसके अन्तर्गत नक्षत्र वाटिका के पास पार्किंग ऐरिया, लैण्ड स्कैपिंग, पैदल स्थाई पुल चौड़ाई 7.0 मी0 (01 पुल दक्ष मन्दिर को जोडने हेतु एवं 01 पुल बैरागी क्षेत्र से सतीघाट को जोड़ने हेतु) कार्य का निरीक्षण, शमशान घाट कनखल के सामने 01 नग अतिरिक्त स्थाई सेतु के निर्माण कार्य का निरीक्षण,आनन्दमयी पुलिया से जान्ह्वी डेल होटल तक सिल्टइजैक्टर के ऊपर सड़क निर्माण की योजना कार्य का निरीक्षण,आनन्दमयी पुलिया से झंडा चौक कनखल है होते दक्ष मन्दिर मार्ग का निरीक्षण एवं झंडा चौक कनखल के चौड़ीकरण कार्य का निरीक्षण,भीमगोड़ा स्थित खड़खड़ी शमशान घाट को चमगाद्ध टापू से जोड़ने हेतु स्थाई सेतु निर्माण कार्य का निरीक्षण एवं हरकी पैड़ी क्षेत्र का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव ने मेलाधिकारी, जिलाधिकारी एवं संबंधित कार्यदाई संस्थाओ के अधिकारियों को निर्देश दिए है कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकता है कि 2027 का कुंभ दिव्य एवं भव्य ढंग से आयोजित किया जाए। इसमें जिस स्तर से जो भी स्थाई एवं अस्थाई निर्माण कार्य एवं घाटों का विस्तारीकरण आदि कार्य किए जाने है, उन कार्यों को दिसंबर 2026 तक पूर्ण कर लिए जाए तथा श्रद्धालुओं की सुरक्षा की दृष्टिगत जिन घाटों पर रेलिंग लगाई जानी है उन घाटों पर प्राथमिकता से रेलिंग का कार्य किया जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि जो कार्य किए जाने है उन कार्य को तत्परता एवं समयबद्धता के साथ पूर्ण किए जाएं।

जनपद आगमन पर मेलाधिकारी सोनिका, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने पुष्प गुच्छ भेंट कर मुख्य सचिव का स्वागत किया। मेलाधिकारी सोनिका एवं जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मुख्य सचिव को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी दिशा निर्देश दिए गए उनका संबंधित अधिकारियों से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।

निरीक्षण के दौरान प्रमुख अभियंता सिंचाई सुभाष चंद पांडे, मुख्य अभियंता सिंचाई चंद्र शेखर सिंह, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, अपर मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, सचिव एचआरडीए मनीष सिंह, उप जिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, एसपी क्राइम जितेंद्र मेहरा, एसपी सिटी पंकज गैरोला, सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान, अधीक्षण अभियंता लोनिवि डीके सिंह, अभियंता सिंचाई ओमजी गुप्ता, अधिशासी अभियंता लोनिवि दीपक कुमार सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।
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मेला के सफल आयोजन को विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से लिये गए सुझाव

2027 कुंभ मेले को सुव्यवस्थित एवं दिव्य व भव्य ढंग से आयोजित करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सीसीआर सभागार में जनप्रतिनिधियों,स्टेक होल्डर,श्री गंगा सभा,व्यापार मंडल, प्रेस क्लब एवं विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी के साथ महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की जिसमें सभी सुझाव लिए गए।

बैठक में मुख्य सचिव ने सभी जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थाओं से आए पदाधिकारियों का स्वागत किया, उन्होंने कहा कि कुंभ मेला का सफल संचालन एवं भव्यता के साथ आयोजित किए जाने के लिए सभी का सहयोग बहुत जरूरी है ताकि सभी सुविधाओं एवं व्यवस्थाओं को ठीक किया जा सके।

उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के सफल आयोजन के लिए सभी का सहयोग हर कुंभ मेले में उपलब्ध हो रहा है तथ्य आगामी कुंभ मेले को भी सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है जिससे कि सभी के सहयोग से कुंभ मेले को दिव्य एवं भव्य ढंग से आयोजित किया जा सके।

उन्होंने सभी पदाधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया है कि उनके द्वारा जो भी सुझाव दिए गए हैं तथा जो भी व्यवस्थाएं कराई जानी है उसके लिए मेला अधिकारी एवं जिला अधिकारी द्वारा बैठक में आए सभी सुझावों को शामिल किया जाएगा तथा उन पर जो भी कार्यवाही की जानी है वह कार्यवाही संबंधित विभाग द्वारा तत्परता से कराई जाएगी।

बैठक के दौरान महापौर किरण जैसल, मेलाधिकारी सोनिका, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष एचआरडीए अंशुल सिंह, जिलाध्यक्ष भाजपा आशुतोष शर्मा, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध, मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरके सिंह, एसपी क्राइम जितेंद्र मेहरा, एसपी सिटी पंकज गैरोला, अपर मेलाधिकारी दयानंद सरस्वती, सचिव एचआरडीए मनीष सिंह, उपजिलाधिकारी जितेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट कुसुम चौहान, सेक्रेटरी होटल एसोसिशन अमित चौहान, अध्यक्ष धर्मशाला समिति महेश गौड़, अध्यक्ष प्रेस क्लब हरिद्वार धर्मेंद्र चौधरी, महामंत्री दीपक मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष राज्य व्यापार मंडल तेज प्रकाश साहू, जिला महामंत्री प्रदेश व्यापार मंडल संजय त्रिवाल, जिलाध्यक्ष महानगर व्यापार मंडल सुनील सेठी सहित अन्य संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी भी मौजूद थे।

ड्रग के खिलाफ लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाएंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में स्टेट लेवल नारकोटिक्स को-ऑर्डिनेशन (NCORD) मीटिंग सम्पन्न हुई। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जनपदों से उनके द्वारा की गई कार्यवाही की जानकारियां ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को जनपद स्तरीय NCORD बैठकों को नियमित रूप से प्रत्येक माह आयोजित किये जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि विभिन्न विभागों के अंतर्गत एंटी ड्रग के लिए बनी समितियों एवं नोडल अधिकारियों की सूची विशेष सचिव गृह से साझा किए जाएं। उन्होंने ड्रग के खिलाफ लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने सरकारी नशा मुक्ति केंद्र संचालित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने नारकोटिक्स रूट मैप पर विशेष अभियान संचालित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालयों के आसपास एवं नशा के लिए ऐसे संभावित क्षेत्रों को चिन्हित कर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं, जहां इस प्रकार की गतिविधियां अधिक होती हैं। लगातार गिरफ्तारियां की जायें एवं केस फाइल किए जायें। ड्रग्स की गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने एसपी देहरादून को देहरादून में एंटी ड्रग्स के तहत प्रभावी एक्शन के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने PITNDPS एक्ट के तहत मामलों को मजबूती से तैयार किया जाए। उन्होंने नेटवर्क आइडेंटिफिकेशन पर सभी सम्बन्धित एजेंसियों मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर सचिव गृह शैलेश बगौली, डॉ. आर. राजेश कुमार, एडीजी जेल अभिनव कुमार, एडीजी डॉ. वी. मुरुगेशन, आईजी नीलेश आनंद भरणे, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

आपदा जैसी आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान हेली सेवाओं के प्रयोग के लिए एसओपी तैयार करेंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आज सचिवालय में राज्य आपदा मोचन निधि एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि मद के अंतर्गत राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान समिति द्वारा पुलिस महानिदेशक को एसडीआरफ दल को प्रशिक्षण हेतु इस मद हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 की अवशेष धनराशि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025 – 26में व्यय किए जाने, जनपद चंपावत एवं पौड़ी को क्रमशः पुनर्प्राप्ति एवं पुनर्निर्माण एवं राहत एवं बचाव कार्यों को दूसरी किश्त आबंटित किए जाने पर सहमति प्रदान की गई।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मानव वन्यजीव संघर्ष सहित आपदा प्रभावितों को अनुमन्य अनुग्रह अनुदान सहायता तत्काल वितरित की जाए। इसमें लंबित मामलों को तत्काल निस्तारित किया जाए।

मुख्य सचिव ने आपदा विभाग को आपदा जैसी आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान हेली सेवाओं के प्रयोग के लिए एसओपी तैयार किए जाने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने देहरादून में रिस्पना नदी के चौनलाइजेशन और ड्रेजिंग आदि कार्यों के लिए सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग को आपसी सामंजस्य के साथ प्रस्ताव तैयार कर कार्य किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश की सभी बड़ी नदियों का अध्ययन कर सम्पूर्ण कार्ययोजना तैयार किए जाने की बात कही। कार्यों को उनकी प्राथमिकता के आधार पर किया जा सकता है। उन्होंने खतरे की जद वाली सभी बड़ी बस्तियों के बाढ़ सुरक्षा कार्यों के प्रस्ताव तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों में बायो इंजीनियरिंग और बायो फेंसिंग का प्रयोग पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने इस सम्बन्ध में वन विभाग द्वारा जाइका के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जानकारी के लिए सम्बन्धित विभागों के साथ वर्कशॉप आयोजित किए जाने की बात भी कही।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, अपर सचिव विनीत कुमार, आनन्द स्वरूप सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में अतिवृष्टि की जानकारी जुटाई

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से विभिन्न जनपदों में अतिवृष्टि की स्थिति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने जनपदों में हुई वर्षा की विस्तृत जानकारी लेते हुए सम्बन्धित जिलाधिकारियों से क्षेत्रवार हालात के बारे में जानकारी प्राप्त की।

संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से हों आवश्यक प्रबन्धः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आने वाले दिनों में मौसम विभाग द्वारा जारी की गई चेतावनियों और पूर्वानुमानों पर पूरी गंभीरता और सतर्कता के साथ कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि भारी वर्षा और भूस्खलन की सम्भावनाओं को देखते हुए संवेदनशील क्षेत्रों में पहले से ही आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में राहत एवं बचाव कार्यों में किसी प्रकार का विलम्ब न हो। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित परिवारों को निर्धारित मानकों के अनुसार शीघ्र मुआवजा उपलब्ध कराया जाए तथा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सभी आवश्यक संसाधन तुरंत उपलब्ध कराए जाएं।

मूलभूत सेवाएं तत्काल की जाए सुचारू

मुख्य सचिव ने कहा कि सड़क, पेयजल और विद्युत आपूर्ति जैसी मूलभूत सेवाओं के बाधित होने की स्थिति में इन्हें तत्काल सुचारू किया जाए। उन्होंने सभी विभागों के बीच समन्वय बनाते हुए प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री समय पर पहुँचाना सुनिश्चित किया जाए। राज्य और जिला स्तर के आपदा नियंत्रण कक्षों को चौबीसों घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने जनसामान्य को समय पर सूचनाएं उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया है। इस संदर्भ में उन्होंने अधिकारियों को ’सचेत एप’ के प्रचार-प्रसार के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक लोग मौसम से जुड़ी अद्यतन जानकारी समय रहते प्राप्त कर सकें।

इस अवसर पर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का हो भव्य आयोजनः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का भव्य आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य एवं जनपद स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन के साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप, हाई एल्टीट्यूड साहसिक गतिविधियां, मैराथन, साईकिल, बाईक या कार रैली जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि रन फॉर यूनिटी की तर्ज पर विषय आधारित रन और वॉक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं।

प्रदेशभर के मुख्य शहरों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम होगा आयोजित

मुख्य सचिव ने प्रदेशभर के मुख्य शहरों के महत्त्वपूर्ण स्थलों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री और एनसीसी के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जाने की भी बात कही। कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित करनी है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को भी संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को इस आयोजन में शामिल करने के लिए आगे आना होगा।

मुख्य सचिव ने गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘एक पेड़ माँ के नाम‘, जल संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु निर्मित अमृत सरोवरों में ध्वजारोहण एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यह भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए कि सरकारी एवं गैर-सरकारी भवनों में ध्वजारोहण के दौरान ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002‘ के प्राविधानों का उल्लंघन न हो।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को सुबह 10 बजे परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण किया जाएगा। मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय में प्रातः 9 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून को छोड़कर अन्य सभी जनपदों के जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रातः 9ः30 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून स्थित सभी सरकारी, गैर सरकारी भवनों पर प्रातः 9 बजे विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा।

महानिदेशक सूचना ने बताया कि प्रदेश मुख्यालयों/जनपद मुख्यालयों के प्रमुख चौराहों पर 14 अगस्त 2025 को सायं 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक और 15 अगस्त को प्रातः 6 बजे से पूर्वान्ह 11 बजे तक देशभक्ति के गीत लाउडस्पीकर के माध्यम से बजाए जाएंगे। प्रदेश मुख्यालय पर 14 अगस्त 2025 को कवि सम्मेलन/मुशायरा का आयोजन किया जाएगा। सरकारी भवनों और ऐतिहासिक इमारतों को कम वोल्टेज के एलईडी बल्ब से प्रकाशमान किया जाएगा। समस्त शिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रातः 07.00 बजे प्रभात फेरी निकाली जाएगी। तदोपरान्त अपने शिक्षण संस्थानों एवं निर्धारित स्थानों पर झण्डारोहण, राष्ट्रगान, खेलकूद, विचार गोष्ठी प्रदर्शनी, वाद-विवाद एवं निबन्ध प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में प्रमुख सचिव एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, एडीजी डॉ. वी. मुरूगेशन, सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, वी. षणमुगम, नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत एवं जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने दिए सहस्त्रधारा एवं सिरसी में एयर ट्रैफिक कंट्रोल शीघ्र स्थापित करने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में केदार वैली में हेली सेवाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने युकाडा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों को सहस्त्रधारा एवं सिरसी में एयर ट्रैफिक कंट्रोल शीघ्र स्थापित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सितंबर माह के प्रथम सप्ताह तक एटीसी स्थापित कर लिया जाए। इसके लिए राज्य सरकार से जो भी आवश्यकताएं होंगी, पूरी की जाएंगी। उन्होंने युकाडा को प्रत्येक हेलीपैड पर हेलीपैड-इन-चार्ज तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शटल सेवाओं की समयबद्धता सुनिश्चित किया जाना हेलीपैड-इन-चार्ज की जिम्मेदारी रहेगी। उन्होंने युकाडा से कहा कि प्रत्येक हेलीपैड में प्रशिक्षित मैन पावर लगायी जाए। हेलीपैड के संचालन के लिए एसओपी को 100 प्रतिशत प्रवर्तन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि हर हेली का टाइम टेबल के साथ ही उड़ान संख्या निर्धारित कर बोर्डिंग पास पर अंकित किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि युकाडा प्रदेश में हेली सेवाओं के लिए नियामक संस्था है। हेली कंपनियां नियमों का अनुसरण करें, इसकी जिम्मेदारी युकाडा की है। उन्होंने कहा कि मौसम सम्बन्धी जानकारी मौसम विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाए, जिसके लिए मौसम विभाग द्वारा मौसम अधिकारी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उपकरणों एवं सैलरी का व्यय भार युकाडा द्वारा वहन किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने ऑटोमेटेड वैदर ऑब्जर्वेशन सिस्टम चिन्हित स्थानों पर शीघ्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने युकाडा को भी अपने स्तर से चिन्हित स्थानों पर AWOS एवं Ceilometer शीघ्र स्थापित किए जाने हेतु निर्देशित किया।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली एवं सचिन कुर्वे सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के मध्यान नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कुमायूँ व गढवाल के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक आईवीएफ फैसिलिटी एवं ट्रॉमा सेंटर बनाने के निर्देश: सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर नाराजगी जतायी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो सुविधाएं जिला एवं उप जिला अस्पतालों में उपलब्ध हैं उनका इलाज उन्हीं अस्पतालों में किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन गंभीर मरीजों और घायलों का इलाज जिला अस्पतालों और उप जिला अस्पतालों में नहीं हो पाएगा, सिर्फ उन्हीं मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों में सभी प्रकार की सामान्य एवं महत्त्वपूर्ण जांचों को अनिवार्य रूप से शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिला अस्पतालों में माईक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती भी शीघ्र सुनिश्चित की जाए, ताकि यूरिन कल्चर जैसी महत्त्वपूर्ण जांचों को भी सरकारी अस्पतालों में शुरू कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्हीं जांचों को आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से कराया जाए जो जांचें जिला अस्पतालों में नहीं हो सकती। इसके लिए उन्होंने जिला अस्पतालों के मजबूतीकरण के साथ ही कैपेसिटी बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश के सभी जिला एवं उपजिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, चिकित्सकों, पैरामेडिकल की स्थिति एवं उपकरणों की उपलब्धता की रिपोर्ट तलब की।

मुख्य सचिव ने पुराने हो चुकी 108 एम्बुलेंस एवं विभागीय एम्बुलेंसों को तत्काल बदले जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में संचालित हो रही सभी 108 एम्बुलेंस एवं विभागीय एम्बुलेंसों का विश्लेषण कर लिया जाए एवं पुराने एवं खराब वाहनों को शीघ्र बदला जाए। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस बदले जाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।

मुख्य सचिव ने सचिव स्वास्थ्य को कुमायूँ एवं गढवाल के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक आईवीएफ फैसिलिटी एवं ट्रॉमा सेंटर बनाए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों सुविधाएं शीघ्र पर्वतीय क्षेत्रों में शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक के दौरान सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश में जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फ़ैनयी, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कुमायूँ दीपक कुमार, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।