रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का हो भव्य आयोजनः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक सम्पन्न हुयी। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के रजत जयंती वर्ष में स्वतंत्रता दिवस का भव्य आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य एवं जनपद स्तरीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन के साथ ही ब्लड डोनेशन कैंप, हाई एल्टीट्यूड साहसिक गतिविधियां, मैराथन, साईकिल, बाईक या कार रैली जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि रन फॉर यूनिटी की तर्ज पर विषय आधारित रन और वॉक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं।

प्रदेशभर के मुख्य शहरों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम होगा आयोजित

मुख्य सचिव ने प्रदेशभर के मुख्य शहरों के महत्त्वपूर्ण स्थलों में पुलिस, आर्मी, पैरामिलिट्री और एनसीसी के बैण्ड द्वारा संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किए जाने की भी बात कही। कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हमें सभी की भागीदारी सुनिश्चित करनी है। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को भी संगठित एवं असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को इस आयोजन में शामिल करने के लिए आगे आना होगा।

मुख्य सचिव ने गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी ‘एक पेड़ माँ के नाम‘, जल संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु निर्मित अमृत सरोवरों में ध्वजारोहण एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को यह भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए कि सरकारी एवं गैर-सरकारी भवनों में ध्वजारोहण के दौरान ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002‘ के प्राविधानों का उल्लंघन न हो।

महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर 15 अगस्त को सुबह 10 बजे परेड ग्राउंड में ध्वजारोहण किया जाएगा। मुख्य सचिव द्वारा सचिवालय में प्रातः 9 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून को छोड़कर अन्य सभी जनपदों के जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रातः 9ः30 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा। देहरादून स्थित सभी सरकारी, गैर सरकारी भवनों पर प्रातः 9 बजे विभागाध्यक्ष/कार्यालयाध्यक्ष द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा।

महानिदेशक सूचना ने बताया कि प्रदेश मुख्यालयों/जनपद मुख्यालयों के प्रमुख चौराहों पर 14 अगस्त 2025 को सायं 6 बजे से रात्रि 9 बजे तक और 15 अगस्त को प्रातः 6 बजे से पूर्वान्ह 11 बजे तक देशभक्ति के गीत लाउडस्पीकर के माध्यम से बजाए जाएंगे। प्रदेश मुख्यालय पर 14 अगस्त 2025 को कवि सम्मेलन/मुशायरा का आयोजन किया जाएगा। सरकारी भवनों और ऐतिहासिक इमारतों को कम वोल्टेज के एलईडी बल्ब से प्रकाशमान किया जाएगा। समस्त शिक्षण संस्थाओं द्वारा प्रातः 07.00 बजे प्रभात फेरी निकाली जाएगी। तदोपरान्त अपने शिक्षण संस्थानों एवं निर्धारित स्थानों पर झण्डारोहण, राष्ट्रगान, खेलकूद, विचार गोष्ठी प्रदर्शनी, वाद-विवाद एवं निबन्ध प्रतियोगिता एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।

बैठक में प्रमुख सचिव एल. फैनई, आर. मीनाक्षी सुन्दरम, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, एडीजी डॉ. वी. मुरूगेशन, सचिव रंजीत कुमार सिन्हा, वी. षणमुगम, नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत एवं जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने दिए सहस्त्रधारा एवं सिरसी में एयर ट्रैफिक कंट्रोल शीघ्र स्थापित करने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में केदार वैली में हेली सेवाओं के लिए सुरक्षा व्यवस्थाओं के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने युकाडा और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों को सहस्त्रधारा एवं सिरसी में एयर ट्रैफिक कंट्रोल शीघ्र स्थापित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि सितंबर माह के प्रथम सप्ताह तक एटीसी स्थापित कर लिया जाए। इसके लिए राज्य सरकार से जो भी आवश्यकताएं होंगी, पूरी की जाएंगी। उन्होंने युकाडा को प्रत्येक हेलीपैड पर हेलीपैड-इन-चार्ज तैनात किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि शटल सेवाओं की समयबद्धता सुनिश्चित किया जाना हेलीपैड-इन-चार्ज की जिम्मेदारी रहेगी। उन्होंने युकाडा से कहा कि प्रत्येक हेलीपैड में प्रशिक्षित मैन पावर लगायी जाए। हेलीपैड के संचालन के लिए एसओपी को 100 प्रतिशत प्रवर्तन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि हर हेली का टाइम टेबल के साथ ही उड़ान संख्या निर्धारित कर बोर्डिंग पास पर अंकित किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि युकाडा प्रदेश में हेली सेवाओं के लिए नियामक संस्था है। हेली कंपनियां नियमों का अनुसरण करें, इसकी जिम्मेदारी युकाडा की है। उन्होंने कहा कि मौसम सम्बन्धी जानकारी मौसम विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाए, जिसके लिए मौसम विभाग द्वारा मौसम अधिकारी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उपकरणों एवं सैलरी का व्यय भार युकाडा द्वारा वहन किया जाएगा।

मुख्य सचिव ने ऑटोमेटेड वैदर ऑब्जर्वेशन सिस्टम चिन्हित स्थानों पर शीघ्र स्थापित किए जाएं। उन्होंने युकाडा को भी अपने स्तर से चिन्हित स्थानों पर AWOS एवं Ceilometer शीघ्र स्थापित किए जाने हेतु निर्देशित किया।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली एवं सचिन कुर्वे सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के मध्यान नागरिक उड्डयन मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कुमायूँ व गढवाल के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक आईवीएफ फैसिलिटी एवं ट्रॉमा सेंटर बनाने के निर्देश: सीएस

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सरकारी अस्पतालों में रेफरल सिस्टम पर नाराजगी जतायी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो सुविधाएं जिला एवं उप जिला अस्पतालों में उपलब्ध हैं उनका इलाज उन्हीं अस्पतालों में किया जाए। उन्होंने कहा कि जिन गंभीर मरीजों और घायलों का इलाज जिला अस्पतालों और उप जिला अस्पतालों में नहीं हो पाएगा, सिर्फ उन्हीं मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों में सभी प्रकार की सामान्य एवं महत्त्वपूर्ण जांचों को अनिवार्य रूप से शुरू कराया जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिला अस्पतालों में माईक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती भी शीघ्र सुनिश्चित की जाए, ताकि यूरिन कल्चर जैसी महत्त्वपूर्ण जांचों को भी सरकारी अस्पतालों में शुरू कराया जा सके। उन्होंने कहा कि सिर्फ उन्हीं जांचों को आउटसोर्स एजेन्सी के माध्यम से कराया जाए जो जांचें जिला अस्पतालों में नहीं हो सकती। इसके लिए उन्होंने जिला अस्पतालों के मजबूतीकरण के साथ ही कैपेसिटी बढ़ाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश के सभी जिला एवं उपजिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, चिकित्सकों, पैरामेडिकल की स्थिति एवं उपकरणों की उपलब्धता की रिपोर्ट तलब की।

मुख्य सचिव ने पुराने हो चुकी 108 एम्बुलेंस एवं विभागीय एम्बुलेंसों को तत्काल बदले जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में संचालित हो रही सभी 108 एम्बुलेंस एवं विभागीय एम्बुलेंसों का विश्लेषण कर लिया जाए एवं पुराने एवं खराब वाहनों को शीघ्र बदला जाए। उन्होंने कहा कि एम्बुलेंस बदले जाने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।

मुख्य सचिव ने सचिव स्वास्थ्य को कुमायूँ एवं गढवाल के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक आईवीएफ फैसिलिटी एवं ट्रॉमा सेंटर बनाए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि ये दोनों सुविधाएं शीघ्र पर्वतीय क्षेत्रों में शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं।

बैठक के दौरान सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने प्रदेश में जिला अस्पतालों एवं उप जिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की विस्तृत जानकारी दी।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, एल. फ़ैनयी, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव शैलेश बगौली, नितेश कुमार झा, राधिका झा, सचिन कुर्वे, दिलीप जावलकर, डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, आयुक्त कुमायूँ दीपक कुमार, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सीएस की अध्यक्षता में हुई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

बैठक में संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की वित्तीय और भौतिक प्रगति का प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया।

प्रेजेंटेशन में अवगत कराया गया कि वर्तमान समय में पीएसजीएसवाई योजना का चौथा चरण गतिमान है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना- 4 में 2645 गांव को आच्छादित करते हुए 9500 किलोमीटर की सड़क बनाने का लक्ष्य है। इसके प्रथम फेज में 1370 किलोमीटर की 212 सड़कों की डीपीआर का अनुमोदन किया गया है। जिन पर कार्य चल रहा है।

बताया कि विभाग द्वारा इंस्पेक्ट टू परफेक्ट एप डेवलप किया गया है जिससे प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।

मुख्य सचिव ने पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क निर्माण के कार्यों की गुणवत्ता बेहतर रखें तथा उसकी प्रगति भी तेजी से बढ़ाना सुनिश्चित करें।

उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि पिथौरागढ़ के दुर्गम क्षेत्र में कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर इंटरनेट कनेक्टिविटी दी जानी है तथा उसके लिए सड़क की एप्रोच होना जरूरी है, उन्होंने रिमोट एरिया के सड़क से वंचित इन गांवों को भी प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़क कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए होमवर्क करने तथा इस संबंध में अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर सचिव राधिका झा, सी. रवि शंकर व श्रीधर बाबू अदांकी, अपर सचिव अभिषेक रुहेला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस करेंगे निर्माणाधीन विद्युत जेनरेशन प्लांट व विद्युत सब स्टेशन की क्षेत्रीय विजिट

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय सभागार में पिटकुल (पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड) की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने पिटकुल को निर्देश दिए कि मानसून के दौरान पारेषण तंत्र के सुचारू रूप से संचालन के लिए एसओपी का पूर्णतः पालन करें तथा लाइन ब्रेकडाउन की स्थिति में ब्रेकडाउन एनालिसिस करते हुए विद्युत आपूर्ति को निर्बाध रूप से संचालित करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि इस बात को सुनिश्चित किया जाए कि सभी तरह के प्रोजेक्ट निर्धारित समय अवधि में ही पूरे हों तथा इसकी लागत भी किसी भी दशा में बढ़नी नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि जो भी मास्टर प्लान बनता है उसकी पहले एक बार सीईए (सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ) से जरूर समीक्षा करा ली जाए।

मुख्य सचिव ने लाइन विस्तारीकरण और सब स्टेशन की स्थापना के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित नए मानक के अनुरूप सरकार को प्रस्ताव प्रेषित करने को कहा।

उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी निर्माणाधीन विद्युत जेनरेशन प्लांट व विद्युत सब स्टेशन की क्षेत्रीय विजिट करेंगे।

बैठक में प्रबंध निदेशक पिटकुल पी सी ध्यानी ने अवगत कराया कि पिटकुल की रेटिंग 2024 – 25 में ए से ए$$ हुई है। इससे पिटकुल को मिलने वाले लोन में 0.50 प्रतिशत की छूट प्राप्त होगी जिसका प्रदेश के उपभोक्ताओं को भी रियायती ऊर्जा दरों के रूप में लाभ प्राप्त होगा।

उन्होंने कहा कि बाह्य सहायतित परियोजनाओं के अंतर्गत एडीबी पोषित 6 गतिमान प्रोजेक्ट 220 केवी सेलाकुई, 132 केवी खटीमा, 132 केवी लोहाघाट चंपावत, 132 केवी धौलाखेड़ा नैनीताल, 132 केवी आराघर और 220 केवी मंगलौर ये सभी प्रोजेक्ट 2026 तक कंप्लीट हो जाएंगे। इससे लो वोल्टेज और बार-बार ट्रिप की समस्या से निजात मिलेगी तथा उद्योग और उपभोक्ताओं को बड़े पैमाने पर इसका लाभ मिलेगा।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, मुख्य अभियंता, अनुपम सिंह, इला पंत व कमलकांत, महाप्रबंधक वित्त मनोज कुमार आदि बैठक में उपस्थित थे।

कुंभ मेला तैयारियों पर श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुरूप ही घाटों की संख्या भी बढ़ाएंः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कुंभ मेले की तैयारियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि 2027 में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के दृष्टिगत सभी प्रकार के स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के कार्य 31 अक्टूबर, 2026 तक पूर्ण कर लिए जाएं। उन्होंने कहा कि कार्य समाप्ति की अंतिम तिथि को गंभीरता से लेते हुए सभी कार्यों को समय से पूर्ण करना सुनिश्चित किया जाए।

मुख्य सचिव ने सभी विभागों के नोडल अधिकारी शीघ्र नामित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुख स्नान पर्वों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन कर उसके अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुरूप ही घाटों की संख्या भी बढ़ाई जाए। उन्होंने मेलाधिकारी को सभी हितधारकों से लगातार संवाद करते हुए सभी प्रकार की व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि टेक्निकल ऑडिट कमिटी और थर्ड पार्टी क्वालिटी कंट्रोल की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कुम्भ मेले के लिए सभी प्रकार के कार्यों की प्राथमिकता निर्धारित करते हुए ए, बी, सी श्रेणियों में बांटे जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन कार्यों को प्रत्येक स्थिति में कराया ही कराया जाना है, ऐसे कार्यों के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि के कार्यों को भी प्राथमिकता पर लिया जाए, ताकि वे समय से पूर्ण हो सकें। उन्होंने अस्थायी प्रकृति के कार्यों को समयावधि के अनुरूप कराए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन-जिन विभागों एवं संस्थाओं को कुम्भ मेला क्षेत्र में स्थान आवंटित किया जाता है, उन स्थानों पर यदि अतिक्रमण हो रखा है तो, अतिक्रमण हटाते हुए विभागों को आवंटित किया जाए। उन्होंने कुम्भ मेला क्षेत्र में सभी प्रकार के अतिक्रमण हटाए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने एसपी हरिद्वार को कुम्भ मेले के दौरान यातायात एवं पार्किंग प्लान 20 अगस्त, 2025 तक मेलाधिकारी को उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग, पेयजल एवं विद्युत विभाग सहित अन्य सभी ऐसे विभागों, जो कुम्भ मेले के दौरान सेवाएं देते हैं, को अपनी कार्ययोजना भी 20 अगस्त, 2025 तक उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश द्वारा मरम्मत के लिए नहर बंदी के समय जो कुम्भ मेले से सम्बन्धित कार्य उत्तराखण्ड द्वारा कराए जाने हैं, उसके लिए पूर्व से ही सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए, ताकि नहरबंदी के दौरान तत्काल कार्य कराया जा सके।

मुख्य सचिव ने कुम्भ मेला क्षेत्र को बढ़ाए जाने की सम्भावनाएं तलाशे जाने पर बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी प्रकार की सड़कों की मरम्मत और निर्माण कार्यों को समय से पूर्ण कराए जाने हेतु उच्चाधिकारियों को क्षेत्रीय भ्रमण कर समय से कार्य पूर्ण कराए जाएं। मुख्य सचिव ने रानीपुर मोड़, रेलवे पुल से ज्वालापुर तक जल भराव की समस्या का भी हल निकाले जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं और आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत कुम्भ मेला क्षेत्र में अन्य सुरक्षा व्यवस्थाओं के साथ ही विभिन्न जगहों पर फायर हाइड्रेंट भी स्थापित किए जाएं।

इस अवसर पर मेलाधिकारी सोनिका ने कुम्भ मेले के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।

इस अवसर पर डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव नितेश कुमार झा, बृजेश कुमार संत, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, विनय शंकर पाण्डेय, धीराज सिंह गर्ब्याल, युगल किशोर पंत एवं डॉ . रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम जिलाधिकारी हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी भी उपस्थित थे।

कांवड़ यात्रा मार्ग पर ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, रेट लिस्ट भी लगेः बर्द्धन

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में आगामी कांवड़ मेले को सरल, सुखद व सुरक्षित संपन्न कराने हेतु इंटरस्टेट समन्वय समिति की बैठक सीसीआर सभागार हरिद्वार में संपन्न हुई। जिसमें उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली तथा राजस्थान के उच्चाधिकारियों द्वारा ऑफलाइन व ऑनलाइन माध्यम से प्रतिभाग किया गया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि कांवड़ मेला आस्था एवं श्रद्धा का बहुत बड़ा उत्सव है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा सकुशल एवम् सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने हेतु जिला प्रशासन, पुलिस एवं अन्य सम्बन्धित विभाग चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने सभी राज्यों से रियल टाइम कॉर्डिनेशन व रियल टाइम डाटा साझा किए जाने की बात भी कही। सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स साझा किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं में आधुनिक तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आगामी कुंभ मेले को दृष्टिगत रखते हुए सभी तैयारियों को अंजाम दिया जाए ताकि मेले के अनुभव कुंभ में भी काम आएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि कांवड़ मेले के दौरान कानून व्यवस्था एवं यातायात व्यवस्था के लिए चाक चौबंद व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर भेल पार्किंग का भी उपयोग किए जाने के निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए। यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का अनुपालन हो, साथ ही रेट लिस्ट अनिवार्य रूप से चस्पा की जाए।

डीजीपी दीपम सेठ ने कहा कि हर आयोजन नई चुनौतियां प्रस्तुत करता है। उन्होंने कहा कि आस्था एवं श्रद्धा के इस मेले को सुरक्षात्मक रूप से संपन्न कराने हेतु रियल टाइम सूचनाएं साझा की जाए, किसी भी प्रकार की अफवाह का यूनिफाइड खंडन किया जाए। अपने कार्यों में दक्षता रखने वाले कर्मी ही एक-दूसरे स्टेट भेजे जाएं। उन्होंने कहा कि कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं के लिए क्या करें और क्या नहीं करें की जानकारी यात्रा मार्गों पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए। इंटर स्टेट कॉर्डिनेशन की अपेक्षाएं पूर्ण हों तथा मेला शांतिपूर्वक संपन्न हो।

बैठक में सचिव गृह शैलेश बगौली ने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की समस्या न हो, यातायात व्यवस्था सरल सुगम व सुरक्षित हो तथा श्रद्धालुओं की सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए सभी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित तथा एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कांवड़ यात्रा अवधि, विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं का प्रतिशत, ट्रैफिक मैनेजमेंट प्लान, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सहित कांवड़ यात्रा हेतु की जा रही तैयारियों का पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उत्तर प्रदेश की ओर से डीआईजी अभिषेक ने यात्रा प्लान सहित चल रही तैयारियों की विस्तार से जानकारी दी।

बैठक में निर्णय लिया गया कि सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक सूचनाएं तथा इनपुट्स रियल टाइम साझा किए जाएं, सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग की जाए और अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्यवाही के लिंक भी साझा किया जाए। कांवड़ 10 फीट से अधिक ऊंचाई के न हों। शराब तथा मीट से संबंधित एसओपी का सख्ती से अनुपालन हो, सभी चिन्हित डीजे संचालकों को नियमानुसार नोटिस देते हुए बाउण्ड ऑफ किया जाए। उत्तराखंड द्वारा समय-समय पर हरिद्वार में पार्किंग की स्थिति से उत्तर प्रदेश को अवगत कराया जाए।

बैठक में उत्तर प्रदेश से एडीजे भानु भास्कर, सचिव गृह मोहित गुप्ता, कमिश्नर मेरठ डिवीजन ऋषिकेश भास्कर यशोद, कमिश्नर बरेली सौम्य अग्रवाल, कमिश्नर सहारनपुर एके राय, डीआईजी सहारनपुर अभिषेक सिंह, आईजी आरपीएफ पंकज गंगवार, उत्तराखंड से आईजी निलेश आनंद भरणे, एनएस नपलच्याल, डीआईजी धीरेन्द्र गुंज्याल, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, मेलाधिकारी सोनिका, सहित पांचों राज्यों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

संरचनात्मक और नीतिगत दोनों तरह के प्रयासों से अपेक्षित टारगेट पूरा करते हुए रैंकिंग इंप्रूव करेंः सीएस

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद में राज्य की ओर से रखे जाने वाले बिंदुओं की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

मुख्य सचिव ने पंचायती राज विभाग को राज्य वित्त आयोग के दिशा – निर्देशों की एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। पंचायत को अपने रेवेन्यू सोर्स जनरेट करने के लिए तीन माह के भीतर नियमावली बनाने के निर्देश दिए। नागरिकों को ग्राम पंचायत स्तर पर सभी महत्वपूर्ण सेवाओं की ऑनलाइन डिलीवरी देने के लिए ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार करने तथा इसके लिए तत्काल पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से बच्चों और महिलाओं के सर्वांगीण विकास को समर्पित योजना और कार्यक्रमों के इंप्लीमेंटेशन का स्तर इंप्रूव करने के निर्देश दिए ताकि कुपोषण, अल्प पोषण, वेस्टिंग, कम वजनी इत्यादि बाल विकास के अवरोधों में कमी लाई जा सके तथा इससे संबंधित इंडिकेटर के सूचकांक को भी बेहतर किया जा सके।

फूड सेफ्टी विभाग ने अवगत कराया कि विभाग में सैंपलिंग और एनफोर्समेंट से संबंधित कार्मिकों की शॉर्टेज है।

जिस पर मुख्य सचिव ने विभाग को संबंधित भर्ती बोर्ड को संबंधित पदों की भर्ती का अधियाचन प्रेषित करने के निर्देश दिए। साथ ही शीघ्रता से पदोन्नति की प्रक्रिया भी पूरा करने के कहा।

इस संबंध में उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि सचिव और संबंधित जिलाधिकारी सैंपलिंग और इससे संबंधित लंबित मामलों के निस्तारण के लिए प्रत्येक माह इसकी समीक्षा बैठक आयोजित कर पेंडिंग कार्यों को शीघ्रता से निपटाएं।

बाल व महिला अपराधों के इन्वेस्टिगेशन में तेजी लाएं

मुख्य सचिव ने बच्चों और महिलाओं से संबंधित अपराधों में कमी लाने के लिए पोक्सो एक्ट तथा रेप के मामलों में तेजी से इन्वेस्टिगेशन पूरा करने तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट में लंबित मामलों का भी तेजी से निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने हेड क्वार्टर तथा जनपद दोनों स्तर पर इन मामलों की नियमित मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने अर्बन मास्टर प्लान से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करते हुए सभी टाउन्स में लैंड अवेलेबिलिटी की आख्या प्रस्तुत करने तथा अर्बन एरिया में अफॉर्डेबल आवास देने की सभी स्कीम का लाभार्थियों की अलग-अलग श्रेणी के अनुसार विवरण देने के निर्देश दिए।

स्मार्ट मीटर की प्रगति के संबंध में मुख्य सचिव ने ऊर्जा विभाग को निर्देश दिए कि घरेलू उपभोक्ताओं के यहां जुलाई तक तथा कमर्शियल उपभोक्ताओं के यहां सितंबर तक टारगेट पूरा करें।

उन्होंने पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समिति) को किसान समृद्धि केंद्र के रूप में परिवर्तित करने के लिए (पैक्स के कंप्यूटरीकरण, माइक्रो एटीएम वितरण, मल्टी परपज पैक्स स्थापन इत्यादि) के कार्यों की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने ग्राम्य विकास और लोक निर्माण विभाग को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के टारगेट को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने इमरजेंसी सर्विस रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम छव् – 112 की गुणवत्ता में और सुधार करते हुए इसको अधिक प्रभावी बनाने के निर्देश दिए।

आयुष्मान योजना के संबंध में निर्देश दिए कि अन्य राज्यों के सापेक्ष तुलनात्मक प्रगति का विवरण प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें।

इस दौरान बैठक में सचिव चंद्रेश कुमार व विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, सोनिका, विनीत कुमार, हिमांशु खुराना, अपूर्वा पांडेय सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

राज्य कार्यकारी समिति की बैठक में कुमायूं के दो प्रकरणों पर हुई चर्चा

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में राज्य कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जनपद नैनीताल के रामनगर में स्थित गर्जिया देवी मंदिर के मुख्य टीले के सुरक्षात्मक कार्याे तथा गोला नदी से सटे आपदा प्रबंधन से संबंधित बाढ़ सुरक्षात्मक व सड़क सुधार कार्यों के दो प्रकरणों पर चर्चा की गई।

मुख्य सचिव ने नैनीताल के रामनगर में स्थित गार्जिया देवी मंदिर के कार्यों की प्रगति प्राप्त करते हुए अवशेष सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जनपद नैनीताल के लालकुआं के बनभूलपूरा रेलवे क्रॉसिंग से गोला पुल तक गोला नदी के अत्यधिक पानी के बहाव के चलते क्षतिग्रस्त मार्ग तथा विभागों से जुड़ी हुई सभी परिसंपत्तियों की आईआईटी रुड़की से हाइड्रोलॉजिकल स्टडी कराते हुए सुरक्षात्मक कार्यों को तत्काल पूरा करने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव सचिन कुर्वे, श्रीधर बाबू अदांकी, विनोद कुमार सुमन सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड नागरिक उड्डयन की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड नागरिक उड्डयन (सिविल एविएशन) की समीक्षा बैठक की गई।

बैठक में मुख्य सचिव ने प्रदेश में वर्तमान समय में हवाई सेवाओं के संचालन की वर्तमान स्थिति तथा हवाई कनेक्टिविटी के विस्तार से संबंधित एयरपोर्ट और हवाई पट्टी निर्माण व इसके विस्तार की प्रगति की जानकारी ली।

जिलाधिकारी देहरादून और उधम सिंह नगर द्वारा देहरादून और पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। मुख्य सचिव ने दोनों जिलाधिकारियों को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से संबंधित कार्यों को शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए।

उन्होंने जिलाधिकारी उधम सिंह नगर को एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए अधिग्रहित की जा चुकी भूमि को शीघ्रता से क्लियर करते हुए अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को एयरपोर्ट का नियमित ऑपरेशनल स्ट्रक्चर प्लान तैयार करने के निर्देश दिए। कहा कि एयरपोर्ट के समुचित संचालन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया से डेपुटेशन के माध्यम से जबकि अन्य एजेंसियों से आउटसोर्स के माध्यम से कार्मिकों की तैनाती की जाए।

मुख्य सचिव ने पिथौरागढ़ एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के संबंध में निर्देश दिए कि टनल की लोड बियरिंग कैपेसिटी की आईआईटी रुड़की अथवा इसी तरह के उच्च तकनीकी संस्थान से जांच कराएं।

मुख्य सचिव ने महानिदेशक युकाडा को राज्य में एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से संबंधित किए जा रहे विभिन्न कार्यों की वर्तमान स्टेटस तथा भविष्य की योजनाओं का विस्तार पूर्वक विवरण अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इस दौरान सचिव एविएशन सचिन कुर्वे, महानिदेशक यूकाड़ा सोनिका व जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल सभागार में उपस्थित थे तथा जिलाधिकारी उधम सिंह नगर और पिथौरागढ़ वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े हुए थे।