प्रदेश में पर्यावरण दिवस पर एक्शन प्लान तैयार करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में पर्यावरण दिवस के वृहद स्तर पर आयोजित किए जाने के सम्बन्ध में संबंधित विभाग एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने कहा कि इस वर्ष पर्यावरण दिवस की विषयवस्तु प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने पर केंद्रित होगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को विश्व पर्यावरण दिवस के लिए एक्शन प्लान तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यावरण दिवस की विषयवस्तु के अनुरूप प्रदेशभर ने जन जागरूकता अभियान संचालित किए जाएं। प्रत्येक गतिविधि में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों के प्रभावी व्यक्तियों, चिकित्सकों, वकीलों, स्वयं सहायता समूहों आदि को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक संस्थाओं, एनजीओ एवं स्वयं सहायता समूहों को शामिल करते हुए प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं। बड़े स्तर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेशभर में सफाई अभियान आयोजित किए जाएं। ग्राम पंचायतों, शहरों, सड़कों नदियों के लिए सफाई अभियान आयोजित किए जाएं। उन्होंने सभी वरिष्ठ अधिकारियों और जिलाधिकारियों से भी पर्यावरण दिवस पर अभिनव प्रयास पर फोकस किए जाने की बात कही।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, एल. फ़ैनाई, आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सी. रविशंकर, विनोद कुमार सुमन, निदेशक उत्तराखण्ड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एस.पी. सुबुद्धि एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न निर्माण कार्यों के लिये की धनराशि स्वीकृत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद पिथौरागढ़ के विधानसभा क्षेत्र धारचूला में तवाघाट-थानीधार मोटर मार्ग में डामरीकरण हेतु 3.44 करोड़, जनपद बागेश्वर के विधानसभा क्षेत्र कपकोट में सौंग-खलीचार हल्का वाहन मार्ग में सीमेंट कंक्रीट द्वारा सुधारीकरण के कार्य के लिए 4.15 करोड़ की धनराशि का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

मुख्यमंत्री द्वारा जनपद नैनीताल के विधान सभा क्षेत्र भीमताल में भीड़ापानी खुजेटी मोटर मार्ग के कि०मी० 1 से 5 तक मार्ग का सुधारीकरण कार्य के लिए 3.27 करोड़, जनपद नैनीताल के विधान सभा क्षेत्र में पंगोट से देचौरी मोटर मार्ग का नवनिर्माण के लिए 8.19 करोड़ की धनराशि के साथ ही जनपद चम्पावत के विधानसभा क्षेत्र में सूखीढांग-श्यामलाताल मोटर मार्ग का सिंगल लेन से टू लेन में परिवर्तन कार्य हेतु 4.01 लाख की धनराशि स्वीकृत करने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री द्वारा देहरादून के विधानसभा क्षेत्र धर्मपुर में दीपनगर एवं केदारपुरम को जोड़ने वाले हरे पुल के स्थान पर सेतु के निर्माण के लिए 3.56 करोड़ की धनराशि स्वीकृत किये जाने का अनुमोदन प्रदान किया गया है।

गुरूवार से विभागों में अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक उपस्थिति सुनिश्चित करें अधिकारीः बर्द्धन

सभी अधिकारीगण 01 मई, 2025 से स्वयं एवं अपने अधीनस्थ विभागों में अनिवार्य रूप से बायोमैट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना सुनिश्चित करें। प्रत्येक विभाग अपने विभाग के 05 से 10 महत्वपूर्ण आउटकम निर्धारित करें एवं योजना के अनुरूप कार्य करें। यह निर्देश मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिव समिति के दौरान सभी अधिकारियों को दिए।

जनहित एवं राज्यहित में 10-10 प्रस्तावों की सूची की जाए तैयार

मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि जनहित एवं राज्यहित में आवश्यक, महत्त्वपूर्ण
एवं प्राथमिकता वाले लगभग 10-10 प्रस्तावों/योजनाओं/कार्यों की सूची (Shelf of projects)
तैयार किए जाएं। उन्होंने कहा कि Plinth Area Rates के आधार पर उनकी अनुमानित लागत
का विवरण देते हुए, नियोजन विभाग को तथा उसकी प्रतिलिपि मुख्य सचिव कार्यालय को उपलब्ध करायी जाए। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव स्तर पर बैठक तभी प्रस्तावित की जाय, जब प्रकरण नीतिगत हों अथवा अन्तर्विभागीय हो अथवा प्रस्ताव As per rules of business हो अथवा कई विभागों से सम्बन्धित हो या इसका प्रभाव कई विभागों पर पड़ने की सम्भावना हो। उन्होंने कहा कि सामान्य प्रकरणों पर विभाग के स्तर से ही निर्णय लिया जाय। मुख्य सचिव स्तर पर पत्रावली प्रेषित करते समय किन-किन बिन्दुओं पर निर्णय होना है तथा इनके विकल्प क्या-क्या हैं, आदि का भी अनिवार्य रूप से उल्लेख किया जाय। उन्होंने सभी विभागों को अपनी-अपनी विभागीय परिसंपत्तियों की सूची Government Assets inventory पोर्टल पर अपलोड किये जाने के भी निर्देश दिए।

सचिव, अपर सचिव, विभागाध्यक्ष अनिवार्य रूप से क्षेत्रीय भ्रमण पर जाएं

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों, अपर सचिवों तथा वरिष्ठ अधिकारियों को अनिवार्य रूप से क्षेत्रीय भ्रमण पर जाने एवं अपने भ्रमण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी भ्रमण के दौरान जनपदों में गतिमान विभिन्न कार्यों का स्थलीय निरीक्षण भी करें। भ्रमण कार्यक्रम पर जाते समय यह ध्यान रखा जाय कि सचिव एवं अपर सचिव में से तथा सचिव एवं विभागाध्यक्ष में से एक बार में केवल एक ही अधिकारी एक समय पर भ्रमण पर जाए तथा अन्य अधिकारी अपने मुख्यालय में उपस्थित रहे, ताकि राजकीय कार्यों के निर्वहन में असुविधा से बचा जा सके। उन्होंने सभी अधिकारियों को अपने अधीनस्थ विभागों का Annual Work Calendar बनाये जाने के भी निर्देश दिए, ताकि सभी कार्यों को समयबद्ध तरीके से बिना विलम्ब किये संपन्न कराया जाना सम्भव हो सके।

सभी कार्यालयों में ई-ऑफिस किया जाए लागू

मुख्य सचिव ने सभी सचिवों को निर्देश दिए कि जिन विभागों में ई-ऑफिस के माध्यम से अभी तक कार्य आरम्भ नहीं किया गया है, उन सभी विभागों को शीघ्र ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। सभी सचिव एवं विभागाध्यक्ष स्वयं इसकी समीक्षा करते हुए अपने अधीनस्थ कार्यालयों में शीघ्र ई-ऑफिस के माध्यम से कार्य लागू कराएं। कहा कि ई-ऑफिस के माध्यम से सक्षम स्तर से किसी भी शासनादेश पर अनुमति के उपरान्त सम्बन्धित पोर्टल पर उस शासनादेश को अपलोड किये जाने हेतु व्यवस्था सुनिश्चित की जाय।

इस अवसर पर सचिव, सूचना प्रौद्योगिकी द्वारा Digital Uttarakhand Portal के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण किया गया। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से अधिकारियों को विभिन्न Portal/Applications के लिए Single Sign-in की सुविधा प्राप्त हो सकेगी तथा नागरिकों को एक ही Portal के माध्यम से विभिन्न विभागों द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न नागरिक सेवाओं के लिये Log-in की सुविधा प्राप्त हो सकेगी। यह पहल राज्य को Digital रूप से सक्षम बनाकर समावेशी एवं प्रभावी सेवा वितरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

इसके उपरान्त निदेशक, आई0टी0डी0ए0 द्वारा राज्य में डिजिटल परियोजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और निगरानी हेतु विकसित किये गये पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल की प्रस्तुति की गयी है, जिसमें निदेशक, आई0टी0डी0ए0 द्वारा बताया गया कि वर्तमान में पी0एम0 गतिशक्ति पोर्टल के द्वारा राज्य में 01.00 करोड़ रूपये से अधिक की लागत की सभी परियोजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की वास्तविक समय की मॉनिटिरिंग की जा रही है। भविष्य में आई0टी0डी0ए0 द्वारा पी0एम0 गतिशक्ति, भारत सरकार, ई-डी0पी0आर0, UKGAMS पोर्टल को IFMS एवं ई-ऑफिस के साथ एकीकृत करते हुए राज्य के समस्त परियोजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति का अवलोकन किया जा सकता है।

निदेशक, आई0टी0डी0ए0 ने कहा कि इसमें शासकीय कार्यों को मॉनिटरिंग करने के उद्देश्य से Official Log-in की सुविधा प्रदान की गयी है जिसके द्वारा सचिवगण एवं विभागाध्यक्ष अपने विभाग से सम्बन्धित विभिन्न ई-सेवाओं की रियल टाईम मॉनिटरिंग कर सकते हैं। वर्तमान में Digital Uttarakhand Portal के अन्तर्गत अपणी सरकार पोर्टल, IFMS, E-Office, मुख्यमंत्री घोषणा, ई-मंत्रिमण्डल, सी0एम0 हेल्पलाइन, पी0एम0 गतिशक्ति, कोर्ट केस, ई-डी0पी0आर0, सी0एम0 डैशबोर्ड(दर्पण) आदि को एकीकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि Digital Uttarakhand Portal द्वारा सचिवगण एवं विभागाध्यक्ष अपने विभाग से सम्बन्धित वित्तीय आय-व्यय का वित्तीय वर्षवार मॉनिटरिंग, स्वयं तथा अधीनस्थ अधिकारियों के स्तर पर लम्बित ई-ऑफिस फाइलों/निस्तारित फाईलों का विवरण, सी0एम0 हेल्पलाइन पोर्टल के स्वयं के स्तर पर लम्बित शिकायतों/निस्तारित शिकायतों एवं अपने अधीनस्थ कार्यरत अधिकारी/कर्मचारियों की लम्बित/निस्तारित शिकायतों का विवरण रियल टाईम पर मॉनिटर कर सकते है।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांश, एल. फैनई, प्रदीप पन्त, विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव नितेश कुमार झा, रविनाथ रमन, डॉ0 पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ0 रंजीत कुमार सिन्हा, डॉ0 वी0 षणमुगम, डॉ0 आर0 राजेश कुमार, डॉ0 नीरज खैरवाल, दीपेन्द्र कुमार चौधरी, विनोद कुमार सुमन, दीपक कुमार, सी0 रविशंकर, युगल किशोर पंत, रणवीर सिंह चौहान, धीराज सिंह गर्ब्याल, अपर सचिव विजय कुमार जोगदण्डे उपस्थित थे।

मुख्य सचिव बर्द्धन ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के कार्यों का किया निरीक्षण

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन अपने तय कार्यक्रमानुसार बद्रीनाथ पहुंचे। मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ में चल रहे मास्टर प्लान कार्यों निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने एराइवल प्लाजा, सिविक एनीमिटी सेंटर, बद्रीश व शेष नेत्र झील, रिवर फ्रंट और हॉस्पिटल का निरीक्षण किया। उन्होने कार्यदायी संस्था को सिविक एमिनिटी सेंटर, एराइवल प्लाजा और टूरिज्म मैनेजमेंट सेंटर का मई तक पूर्ण करने के निर्देश दिए।उन्होने कार्यदायी संस्था को हॉस्पिटल को अगस्त तक हैंडओवर करने और रिवर फ्रंट के एफ व जी फेस के कार्य को जल्द ही पूर्ण करने के निर्देश दिए।

इस दौरान जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान कार्यों की प्रगति की जानकारी दी जिलाधिकारी ने बताया कि पेयजल, बिजली आपूर्ति, शौचालयों का कार्य पूरा कर लिया गया है साथ ही कहा कि मास्टर प्लान के तहत ब्रह्म कपाल, रिवर फ्रंट, आस्था पथ, अराइवल प्लाजा, दर्शन लाइन का कार्य कपाट खुलने तक पूरा कर लिया जाएगा।

जिलाधिकारी ने बताया कि धाम में पहुंचे व्यापारियों और अन्य लोगों के बिजली और पानी के कनेक्शन का संयोजन भी शुरू कर लिया गया। उन्होंने बताया कि धाम में सुलभ इंटरनेशनल की ओर से शौचालयों को दुरुस्त कर लिया गया है।

जिलाधिकारी ने मुख्य सचिव को जानकारी देते हुए बताया कि धाम के आंतरिक मार्गों का सुधारीकरण भी तेजी से किया जा रहा है। नगर सफाई की व्यवस्था को लेकर पर्यावरण मित्रों की तैनाती की गई है। साथ ही धाम में क्षतिग्रस्त पैदल मार्गों का सुधारीकरण किया जा रहा है। जिसका कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। पुलिस की ओर से सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि धाम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं किसी भी आपदा की स्थिति से निपटने के लिए पुलिस के जवानों के साथ साथ एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई है।

इस दौरान पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, उपजिलाधिकारी जोशीमठ सीएस वशिष्ट, अधीक्षण अभियंता पीडब्लूडी राजेश चन्द्रा, बीकेटीसी सीईओ विजय थपलियाल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अभिषेक गुप्ता, पीआईयू के सहायक अभियंता सन्नी पालीवाल सहित यात्रा व्यवस्था से जुड़े सभी अधिकारी मौजूद थे।

मुख्य सचिव रतूड़ी ने आपदा प्रबन्धन विभाग की बैठक ली, दिए आवश्यक निर्देश

उत्तराखण्ड में भूकम्प संवेदी उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की निर्माण सामग्री के उपयोग को प्राथमिकता देने तथा बिल्डिंग कोड् का सख्ती से पालन कराने को लेकर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आपदा प्रबन्धन विभाग को सभी कार्यदायी एजेंसियों के लिए बिल्डिंग कोड से सम्बन्धित कार्यशालाएं एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कराने के निर्देश दिए हैं। सीएस रतूड़ी ने कहा कि भूकम्प संवेदी विशेषकर उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में भवन निर्माण में हल्की सामग्री का प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकारी भवनों के निर्माण में यह प्रयोग आरम्भ करने के निर्देश दिए हैं। आपदा प्रबंधन की रणनीति में निरंतर सुधार के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने राज्य में हाल ही में घटित हिमस्खलन सहित सभी आपदाओं की केस स्टडी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आपदा संवेदी क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा को लेकर कॉन्ट्रेक्टर, कार्यदायी संस्था व जिला प्रशासन की जिम्मेदारी तय करते हुए इस सम्बन्ध में एक स्पष्ट एसओपी बनाने के निर्देश दिए हैं। इसमें कार्यरत श्रमिकों की जानकारी जिला प्रशासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्य सचिव ने उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हिमस्खलन जैसी आपदाओं से बचाव एवं राहत हेतु स्थानीय समुदायों को जागरूक एवं सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सचिवालय में आयोजित आपदा प्रबन्धन विभाग की बैठक में नेशनल ग्लेश्यिल लेक आउटबर्स्ट फ्लड रिस्क मिटिगेशन प्रोग्राम (एनजीआरएमपी) के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण (एनडीएमए) को उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण की ओर से भेजी गई प्रोजेक्ट प्री फिजीबिलिटी रिपोर्ट व राष्ट्रीय भूकम्प जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम की प्राथमिक प्रोजेक्ट रिपोर्ट पर विस्तृत चर्चा की। सीएस राधा रतूड़ी ने ग्लेश्यिल लेक आउटब्रस्ट फ्लड पर अर्ली वार्निग सिस्टम पर सीडैक के तकनीकी एवं वित्तीय प्रस्तावों की भी समीक्षा की।

बैठक में जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा एनईआरएमपी के लिए तैयार किए गए फ्रेमवर्क डाक्यूमेंट में उत्तराखण्ड राज्य भूकम्प पूर्व चेतावनी प्रणाली नेटवर्क की प्रंशसा की गई है। एनडीएमए ने कहा है कि भारत में, उत्तराखंड राज्य भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली (यूईईडब्ल्यूएस) नेटवर्क जिसमें अंडाकार आकार के 169 भूकंपीय सेंसर शामिल हैं, जो भारतीय हिमालय के मध्य भूकंपीय अंतराल के एक क्षेत्र उत्तराखंड-धारचूला भूकंप अंतराल में पूर्व-पश्चिम में लगभग 290 किमी और उत्तर-दक्षिण में 120 किमी की बड़ी धुरी के साथ नेटवर्क बनाते हैं। इसकी मजबूत गतियों ने विभिन्न भूकंपों को रिकॉर्ड किया और समर्पित निजी नेटवर्क के माध्यम से रुड़की में केंद्रीय सर्वर पर वास्तविक समय में जानकारी प्राप्त की। केंद्रीय सर्वर ने मोबाइल ऐप पर उत्तराखंड की जनता को सूचनाएं और चेतावनी अलर्ट जारी किए द्य ट्रिगर किए गए सेंसर के स्थान, भूकंप के केंद्र और इन घटनाओं में लोगों को मिलने वाले लीड टाइम के साथ चेतावनी जारी करने की एक सफल कहानी है। इन उदाहरणों को भारत के हिमालयी क्षेत्रों के अन्य हिस्सों में भूकंपीय नेटवर्क और भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली के उच्च घनत्व की स्थापना को तर्कसंगत बनाने के लिए एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में माना जा सकता है।

बैठक में सचिव विनोद कुमार सुमन, आईजी अरुण मोहन जोशी सहित आपदा प्रबंधन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

सीएस ने इस योजना में प्रथम आने पर दी बधाई, आप भी जानिए…

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा वर्तमान में गतिमान पीएमएवाई-ग्रामीण 2.0 सर्वे में शत-प्रतिशत पात्र लाभार्थियों को भारत सरकार द्वारा निर्धारित समयसीमा 31 मार्च, 2025 तक पंजीकृत करने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत सचिव, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार की अध्यक्षता में इम्पावर्ड कमेटी की बैठक में उत्तराखण्ड राज्य को पीएमएवाई-ग्रामीण एवं प्रधानमंत्री जनमन योजना में देश में प्रथम आने पर ग्राम्य विकास विभाग, उत्तराखण्ड शासन की सराहना गयी थी तथा राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी की बैठक आयोजित किए जाने की अपेक्षा की गयी थी।

भारत सरकार के निर्देशों के क्रम में आज सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय इम्पावर्ड कमेटी की बैठक आयोजित की गयी थी। बैठक में उत्तराखण्ड राज्य को पीएमएवाई-ग्रामीण एवं प्रधानमंत्री जनमन योजना में देश में प्रथम आने पर मुख्य सचिव ने राधिका झा, सचिव, ग्राम्य विकास, अनुराधा पाल, अपर सचिव, ग्राम्य विकास एवं उनकी टीम को बधाई दी।