सीएम हेल्पलाइन की सक्रियता जांचने के क्रम में सीएम ने शिकायतकर्ताओं से की बातचीत

सीएम हेल्पलाइन 1905 पर दर्ज होने वाली शिकायतों के निस्तारण के लिए दिए जाने वाले निर्देशों पर विभाग कितनी तत्परता से काम कर रहे हैं, यह जांचने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कई आवेदकों से बातचीत कर फीडबैक लिया। इस दौरान सभी शिकायतकर्ताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री के पिछले दिशा-निर्देश के बाद अब उनकी शिकायतों का निस्तारण हो चुका है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गत दिनों सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा की थी। इसमें कुछ प्रकरण ऐसे थे, जिनमें मुख्यमंत्री ने विभागों को तय समय सीमा के भीतर निस्तारण के निर्देश दिए थे। इन्हीं प्रकरणों में विभागों के स्तर से क्या कार्रवाई की गई, यह जानने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कई शिकायतकर्ताओं से बातचीत की। पहले मामले में उत्तरकाशी निवासी लक्ष्मी देवी ने शिक्षा विभाग से पारिवारिक पेंशन नहीं लग पाने की शिकायत की थी। सीएम से बातचीत में उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के पिछले दिशा-निर्देश के बाद विभाग ने उनकी पारिवारिक पेंशन स्वीकृत कर दी है। इसी तरह रुद्रप्रयाग निवासी जगदम्बा प्रसाद नौटियाल ने शिक्षा विभाग से मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं हो पाने की शिकायत की थी। बुधवार को उन्होंने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को बताया कि मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप के बाद लंबित बिलों का भुगतान हो गया है। इसी तरह उद्यान विभाग से रिटायर्ड नैनीताल निवासी बहादुर सिंह बिष्ट ने भी सीएम पुष्कर सिंह धामी को बताया कि सीएम के गत दिशा-निर्देशों के क्रम में विभाग ने उनका जीपीएफ का भुगतान कर लिया है। सभी शिकायतकर्ताओं ने इसके लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया है।

सीएम ने दिखाई संवेदनशीलता
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी न सिर्फ सीएम हेल्पलाइन पर दर्ज होने वाली शिकायतों की समीक्षा कर रहे हैं, बल्कि वह बैठकों के बाद होने वाली कार्रवाई पर भी संवेदनशीलता के साथ नजर बनाए हुए हैं। इसी क्रम में सीएम अब पुनः शिकायतकर्ताओं से वास्तविक फीडबैक ले रहे हैं। इससे विभागों पर भी शिकायतों के निस्तारण में तत्परता दिखाने का दबाव बन रहा है।

इस अवसर प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी.अंशुमन, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी उपस्थित थे।

सीएम ने किया जनपद देहरादून में ई-अभिलेखागार वेब पोर्टल का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सी.एम हेल्पलाइन-1905 की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए सचिव एवं विभागाध्यक्ष सी.एम हेल्पलाइन की नियमित समीक्षा करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी सुनिश्चित करें कि शिकायत जिस अधिकारी के स्तर की है, उनका समाधान उनके स्तर पर ही हो जाय। अनावश्यक रूप से शिकायतें उच्च स्तर पर न आये। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सी.एम. हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक में इसका भी विवरण दिया जाय कि जनपदों के प्रभारी सचिवों द्वारा जनपदों में विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए कितनी बैठकों का आयोजन किया और किन महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान करवाया। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि बीडीसी और तहसील दिवसों का आयोजन नियमित रूप से हो और इनमें जनपद स्तरीय अधिकारी भी अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करें।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ई-अभिलेखागार जिला देहरादून के वेब पोर्टल का भी शुभारंभ किया। जनपद देहरादून की तहसीलों के रिकॉर्ड को स्कैन कर पोर्टल पर अपलोड किया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि अन्य जनपद भी ई-अभिलेखागार के माध्यम से वेब पोर्टल बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों के पेंशन संबंधी प्रकरणों का समयबद्धता के साथ निस्तारण किया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी को भी पेंशन संबंधी प्रकरणों में कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर न लगाना पड़े। विभागों के पेंशन प्रकरणों की नियमित समीक्षा के निर्देश उन्होंने मुख्य सचिव को दिये हैं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सी.एम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने वाले 06 शिकायतकर्ताओं से फोन पर वार्ता भी की। तीन शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का समाधान किया जा चुका था। जिन तीन शिकायतकर्ताओं की समस्या का अभी तक समाधान नहीं हुआ था उनमें बागेश्वर के मोहन सिंह ने शिकायत की थी कि उनके मकान के पीछे एक बड़ा पेड़ गिरने की स्थिति में हैं, जिसकी जड़े दरक गई हैं, जिससे उनके मकान में पेड़ गिरने का खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी बागेशवर को निर्देश दिये कि इनकी समस्या का शीघ्र समाधान कर जानकारी सीएम कार्यालय को उपलब्ध कराई जाए। उधमसिंह नगर के राकेश कुमार अग्रवाल ने शिकायत की थी कि उनका बिजली का बिल आरडीएफ में आ रहा था, बिल जमा न करने पर उन पर 09 हजार रूपये का ब्याज लगा दिया गया। उन्होंने वास्तविक बिल उपलब्ध कराये जाने की मांगी की। मुख्यमंत्री ने यूपीसीएल के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनकी समस्या का जल्द समाधान किया जाए। देहरादून के अरुण अहलूवालिया ने शिकायत की कि वे 31 अगस्त 2023 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं, उन्हें पेंशन का लाभ तो मिल चुका है, लेकिन इंश्योरेंस का पैसा नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इनके इंश्योरेंस की धनराशि यथाशीघ्र उपलब्ध करवाई जाय।

बैठक में निदेशक आईटीडीए नितिका खंडेलवाल ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सी.एम हेल्पलाइन में शिकायतों के निस्तारण के संबंध में शिकायतकर्ताओं का फीडबैक दर्ज करने की व्यवस्था की गई है। अधिकारियों को मण्डल स्तर पर सीएम हेल्पलाइन 1905 और डिजिटल तहसील दिवस के आयोजन के लिए 07 अगस्त से देहरादून और नैनीताल में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव एल.फैनई, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, चन्द्रेश यादव, बृजेश कुमार संत, डॉ. वी.षणमुगम, डॉ. आर. राजेश कुमार, एस.एन पाण्डेय, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष वर्चुअल माध्यम से जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सीएम हेल्पलाईन पर लंबित शिकायतों का आगामी 15 दिनों में सकारात्मक निवारण करेंः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन से वर्चुअल माध्यम से सी.एम. हेल्पलाईन की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि सी.एम हेल्पलाईन पर आयी सभी शिकायतों का समयबद्धता से निस्तारण किया जाए। आगामी 15 दिनों में लंबित शिकायतों का सकारात्मक निवारण किया जाए। उन्होंने सख्त निर्देश दिये हैं कि जिन अधिकारियों ने पिछले एक माह में सी.एम हेल्पलाईन पोर्टल में लॉगइन नहीं किया है, संबंधित विभागीय शीघ्र उन अधिकारियों का यथाशीघ्र स्पष्टीकरण लें। यदि स्पष्टीकरण में संतोषजनक कारण नहीं बताया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में विभागों की कार्य के प्रति इस प्रकार की शिथिलता पाये जाने पर संबंधित विभागीय सचिव एवं विभागाध्यक्ष की भी जिम्मेदारी तय की जायेगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि ब्लॉक लेबल अधिकारी से विभागीय सचिव तक सभी अधिकारी जन शिकायतों के समाधान के लिए शिकायतकर्ताओं से स्वयं नियमित संवाद करें। उन्होंने कहा कि संवाद से समरसता के भाव से कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि अपने जनपदों में प्रत्येक ब्लॉक में आयोजित होने वाली बीडीसी की बैठकों के लिए रोस्टर बनाया जाए। इन बैठकों में विकास से संबंधित विभागीय अधिकारियों और रेखीय विभागों के अधिकारियों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करवाई जाय। बीडीसी की बैठकों में जनपद स्तरीय अधिकारियों की ड्यूटी का भी रोस्टर बनाकर उन्हें बैठकों में भेजा जाए। जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी भी प्रयास करें कि वे हर बीडीसी बैठक में रहें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि तहसील दिवस का नियमित आयोजन किया जाए। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और जनपदों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तहसील दिवस में नियमित प्रतिभाग कर जन समस्याओं का समाधान करें। तहसील दिवस पर शिकायतों के निस्तारण संबंधी जानकारी मुख्यमंत्री जन-समर्पण तहसील दिवस पोर्टल पर भी नियमित अपलोड किया जाए।

180 दिनों से अधिक समय से लंबित शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने संबंधित विभागीय सचिवों को निर्देश दिये कि इन शिकायतों का जल्द समाधान किया जाए। इन शिकायतों में जो शिकायतें मांग से संबंधित हैं, उनका अलग से उल्लेख किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिकायतों को क्लोज करना उद्देश्य न हो, बल्कि शिकायतों का समाधान किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाईन मॉड्यूल के हिसाब से नियमित प्रशिक्षण कराया जाय। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रशिक्षण में संबंधित अधिकारी स्वयं उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष प्रत्येक माह के द्वितीय सप्ताह में सीएम हेल्पलाईन-1905 की विभागीय समीक्षा करें और शिकायतों का त्वरित निस्तारण करें। सभी विभागों द्वारा समीक्षा बैठकों का कार्यवृत्त नियमित पोर्टल पर अपलोड किया जाए।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सी.एम. हेल्पलाईन पर प्राप्त हुई शिकायतों के शिकायतकर्ताओं से फोन से वार्ता की। जिन 07 शिकायतकर्ताओं से मुख्यमंत्री ने वार्ता की उनमें से 03 शिकायतकर्ताओं की समस्या का समाधान किया जा चुका है, जबकि 04 शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का शीघ्र समाधान किये जाने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सी.एम. हेल्पलाईन के व्हाट्सएप चौटबोट का भी शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.एम हेल्पलाईन के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाए।

बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, विनय शंकर पाण्डेय, रंजीत सिन्हा, बृजेश कुमार संत, डॉ. आर. राजेश कुमार, विनोद कुमार सुमन, निदेशक आई.टी.डी.ए. नितिका खण्डेलवाल, सभी विभागों के विभागाध्यक्ष और वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

सीएम हेल्पलाईन में मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान विभिन्न शिकायतकर्ताओं से वार्ता कर उनकी समस्याएं सुनी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सी.एम हेल्पलाईन 1905 की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान विभिन्न शिकायतकर्ताओं से वार्ता कर उनकी समस्याएं सुनी एवं सीएम हेल्पलाईन के संबंध में फीडबैक लिया।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी सीएम हेल्पलाइन 1905 में आने वाली शिकायतों को शीर्ष प्राथमिकता से लें। साथ ही सीएम हेल्पलाइन 1905 को और अधिक प्रभावी बनाए जाने पर कार्य हो। उन्होंने कहा सीएम हेल्पलाइन का मकसद जनता को सहूलियत पहुंचाना है। शिकायत का समाधान न होने पर संबंधित विभाग व अधिकारी उसका अनवरत रूप से फॉलोअप करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि दीर्घकालीन/ टेक्निकल समस्याओं को लंबित रखने की आदत छोड़, समस्याओं के शीघ्र समाधान पर कार्य करें। शासन व प्रशासन का एकमात्र मकसद जनता को संतुष्ट करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी अधिकारी प्रत्येक स्तर पर नियमित रुप से सीएम हेल्पलाइन 1905 के संबंध में बैठके लें। शासन एवं प्रशासन की जवाबदेही जनता के प्रति होनी चाहिए। उन्होंने कहा शिकायतकर्ताओं के प्रति सभी सेवा भाव से कार्य करें, एवं उनकी समस्याओं को बेवजह लंबित न रखते हुए शीघ्र समाधान करें। मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी जिला अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि तहसील दिवसों के दौरान भी सीएम हेल्पलाइन 1905 से आने वाली शिकायतों को तत्काल पोर्टल पर अपडेट किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाईन के शिकायतकर्ताओं से फोन के माध्यम से वार्ता की जिसमें उधम सिंह नगर की शिकायकर्ता भावना फुलारा द्वारा बताया गया है कि उनका राशन कार्ड ऑनलाइन प्रदर्शित नही हुआ था, जिस कारण उनका आयुष्मान कार्ड नही बन पा रहा था। सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करने के महज 5 दिन में उनकी शिकायत का समाधान किया जा चुका है। जिसके लिए शिकायकर्ता भावना फुलारा ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान नैनीताल के शिकायकर्ता सर्वेश शर्मा ने बताया कि उनके घर में कई दिनों से पानी नही आ रहा था। नई पाइप लाइन डालते समय उनके घर की पुरानी पाइप लाइन टूट गई थी। कोई अधिकारी सुनने को तैयार नहीं था। परंतु सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करने के महज कुछ दिनों बाद ही उनकी शिकायत का समाधान किया जा चुका है। शिकायकर्ता सर्वेश शर्मा ने सीएम हेल्पलाईन की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
हरिद्वार से शिकायकर्ता सुखजीवन सिंह ने मुख्यमंत्री से वार्ता के दौरान बताया कि उनकी कॉलोनी वसंत विहार में कुछ दिन पहले सड़क का निर्माण कार्य किया गया है। उन्होंने घटिया सड़क निर्माण कार्य के संबंध में सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज की थी। शिकायत दर्ज करने के उपरांत बीते रविवार को ही सड़क को फिर से बना लिया गया है। जिसके लिए उन्होंने सीएम हेल्पलाईन की सराहना की एवं सीएम के प्रति आभार प्रकट किया।
देहरादून से शिकायकर्ता विवेक की शिकायत को सुनते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल लंबित पड़ी शिकायत के शीघ्र समाधान हेतु जिलाधिकारी देहरादून को निर्देशित किया। उन्होंने जिला अधिकारियों को भी नियमित रूप से सीएम हेल्पलाइन के संबंध में बैठक लेने की बात कहीं।
बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री के निर्देश अनुसार सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर नियमित रूप से कार्य न करने वाले अधिकारियों की रिपोर्ट किए जाने व्यवस्था भी की गई है। साथ ही अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ताओं से किये गये संवाद सम्बन्धी मैसेज अलर्ट की व्यवस्था भी शुरू हो गई है। कॉलिंग एग्जीक्यूटिव के संवाद कौशल प्रशिक्षण के सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही संतोषजनक रूप से बंद शिकायतों का प्रतिशत बीते एक माह में 60 प्रतिशत से बढ़कर 61 प्रतिशत हो गया है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष अवस्थापना अनुश्रवण परिषद विश्वास डाबर, अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव शैलेश बगौली, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, वर्चुअल माध्यम से विभिन्न जिलों के जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री बोले, सीएम हेल्पलाइन में शिकायतकर्ता के पूर्ण रूप से संतुष्ट होने के बाद ही शिकायत क्लोज की जाए

जन शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए जब तक शिकायतकर्ता पूर्ण रूप से संतुष्ट नहीं हो जाता है, उनकी शिकायत फोर्सली क्लोज न की जाए, यदि कोई अधिकारी ऐसा कर रहे हैं तो उन पर सख्त कारवाई की जाए। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में सीएम हेल्पलाइन-1905 की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री जन समर्पण दिवस (सहयोग से समाधान की ओर) डिजिटाइजेशन प्रक्रिया द्वारा तहसील दिवस एवं जिलाधिकारी जनता दिवस पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पोर्टल सीएम हेल्पलाइन 1905 से कनेक्ट होगा। इससे तहसील दिवस एवं जिलाधिकारी के समक्ष प्रत्येक माह प्राप्त शिकायतों एवं उनमें कितनों का समाधान किया गया इसकी पूरी जानकारी प्राप्त होगी। यह सभी जानकारी डिजिटल माध्यम से प्राप्त होगी। इसके लिए अलग से रजिस्टर मेंटेन करने की आवश्यकता नहीं होगी।
लोक निर्माण विभाग और नगर निगम में एक ही दिन में कई शिकायतों के निस्तारण होने पर मुख्यमंत्री ने सचिव लोक निर्माण विभाग एवं आयुक्त गढ़वाल मण्डल इसकी जॉच करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने सभी उच्चाधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाईन पर आ रही शिकायतों के सबंध में शिकायतकर्ताओं से वार्ता कर उनका समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि अगली बैठकों में यह भी देखा जायेगा कि कौन अधिकारी शिकायतकर्ताओं से लगातार बातचीत कर रहे हैं और कौन लापरवाही बरत रहे हैं।

सतर्कता अधिष्ठान को मजबूत बनाने के लिए सभी विभाग नोडल अधिकारी नियुक्त करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सभी विभाग सतर्कता अधिष्ठान को मजबूत बनाने के लिए अपने विभागों में एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। सीएम हेल्पलाइन की पिछले माह हुई बैठक में सतर्कता अधिष्ठान को मजबूत करने के निर्देश दिये थे। इस सबंध में उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाईन 1905 के सफल संचालन के लिए कार्य कर रहे लोगों को और अधिक प्रशिक्षित किया जाए। समय-समय पर विभागीय अधिकारियों को भी प्रशिक्षण दिया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये जिन शिकायतों के समाधान में अधिक समय लगने की संभावना है। ऐसी शिकायतों पर शिकायतकर्ताओं से बात कर उनको जानकारी दी जाय और कार्य में लेट होने की स्पष्ट वजह भी बताई जाय।

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने वाले शिकायतकर्ताओं से मुख्यमंत्री ने फोन से बात कर वस्तुस्थिति जानी।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कुछ शिकायतकर्ताओं से फोन से वार्ता की एवं उनकी समस्याओं की जानकारी ली। कुछ शिकायतों का समाधान किया जा चुका था। जिन समस्याओं का समाधान अभी नहीं हुआ था, मुख्यमंत्री ने सबंधित अधिकारियों को शीघ्र उनका समाधान करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर देहरादून के श्री आलोक शर्मा, उत्तरकाशी के राहुल राणा, कमला चौहान, मारथा डेविड, मोहन चन्द्र उप्रेती एवं कुशलपाल सिंह राणा से बातचीत कर उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, सचिन कुर्वे, विनय शंकर पाण्डेय, निदेशक आईटीडीए नितिका खण्डेलवाल अपर सचिवगण, विभागीय एचओडी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

अब सीएम हेल्पलाइन 1905 पर 24 घंटे रहेगी शिकायत दर्ज करने की सुविधा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1905 के नये प्रारूप का शुभारंभ किया। सीएम हैल्प लाईन 1905 के नये वर्जन में 1905 डायल करने के अलावा वेब पोर्टल, मोबाइल एप एवं ऑडियो कॉल रिकॉर्डिंग फीचर की सुविधा भी दी गई है। अब 24 घंटे सीएम हेल्पलाइन 1905 पर मदद लिये जाने के साथ शिकायत भी दर्ज करने की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम हेल्पलाइन 1905 की विभागों द्वारा माह में दो बार समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री प्रत्येक माह के अन्तिम सप्ताह में इसकी स्वयं समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 से लोगों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाय। यह सुनिश्चित किया जाए कि जन समस्याओं एवं शिकायतों के निस्तारण के लिए बनाये गये इस हेल्पलाईन का लाभ आमजन को मिले। उन्होंने कहा कि गुड गवर्नेंस हमारा उत्तरदायित्व है। सरलीकरण, समाधान, निस्तारण एवं संतुष्टि का जो सरकार का उद्देश्य है, उसमें सीएम हेल्पलाइन 1905 महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए जन समस्याओं का जिस स्तर पर समाधान होना है, उस स्तर पर ही समाधान हो जाए। तहसील स्तर पर जिन समस्याओं का समाधान हो सकता है, वे अनावश्यक जिलाधिकारी तक न आये और जिन समस्याओं का समाधान जनपद स्तर पर वो शासन स्तर तक न आये। जिस स्तर पर समस्याओं का समाधान होना है, यदि नहीं हो रहा है तो संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जाय। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064 को और सशक्त बनाया जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं तहसील दिवसों का नियमित आयोजन किया जाय। जनपद स्तर पर भी जिलाधिकारी प्रतिमाह जनसुनवाई करें। उन्होंने ने निर्देश दिये कि प्रत्येक माह के पहले एवं तीसरे मंगलवार को तहसील जन समर्पण दिवस का आयोजन किया जाए एवं चौथे मंगलवार को जनपद में जिलाधिकारी जन समर्पण दिवस लगाकर जन समस्याओं का समाधान करें। सभी जन समस्याओं एवं जन शिकायतों को ऑनलाईन रजिस्टर किया जाए। जिन लोगों की समस्याओं का समाधान तहसील एवं जनपद स्तर पर नहीं हो पायेगा, उन समस्याओं को ही मुख्यमंत्री कार्यालय को संदर्भित किया जायेगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल. फैनई, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, विनोद रतूड़ी, निदेशक आईडीटीए नितिका खण्डेलवाल एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे, सभी जिलाधिकारी वर्चुवल माध्यम से बैठक से जुड़े थे।

मुख्यमंत्री ने की सी.एम. हेल्पलाइन 1905 की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीएम हेल्पलाइन 1905 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का निर्धारित अवधि में निस्तारण के निर्देश दिये हैं। यह पोर्टल औपचारिक नहीं बल्कि जन समस्याओं के समाधान का कारगर माध्यम बने, सभी विभागीय अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने प्रत्येक 15 दिन में हेल्पलाइन पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की शासन स्तर पर समीक्षा करने के भी निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री प्रति सप्ताह सभी जनपदों के कुछ शिकायतकर्ताओं से भी वार्ता कर शिकायतों के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय स्थित वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में सीएम हेल्पलाइन 1905 में प्राप्त शिकायतों एवं उनके निस्तारण की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के साथ सभी प्रमुख सचिव, सचिव, विभागाध्यक्ष, पुलिस महानिदेशक एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सचिव शैलेश बगोली एवं अपर सचिव जगदीश कांडपाल द्वारा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से इससे सम्बन्धित व्यवस्थाओं एवं प्रक्रियाओं की जानकारी प्रस्तुत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन 1905 आम जन की सुविधा तथा जरूरतमंद लोगों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये बनाया गया है। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि हमारा उद्देश्य है। लोगों की संतुष्टि के लिये यदि इसमें कुछ सुधार की जरूरत हो तो वह भी की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पेशल क्लोज वाली शिकायतों की जानकारी कॉल सेंटर एवं संबंधित अधिकारी द्वारा शिकायतकर्ता को दी जाये।
मुख्यमंत्री ने बैठक में ऊधमसिंह नगर के शिकायतकर्ता सुनील तथा रूद्रप्रयाग के वीरेन्द्र सिंह से वार्ता कर जानकारी भी प्राप्त की यही नहीं मुख्यमंत्री ने हेल्पलाइन 1905 पर फोन कर कंट्रोल रूम की व्यवस्थाओं को भी परखा। उन्होंने इस व्यवस्था से जुड़े कार्मिकों को भी और अधिक प्रशिक्षित किये जाने की जरूरत बताते हुए कहा कि काल सेन्टर के कार्मिकों का व्यवहार शिकायर्ता से सम्मानयुक्त एवं शिष्टाचार पूर्ण होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही समस्या का समाधान माना जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिये कि आगामी 10 दिनों में लम्बित समस्याओं के समाधान का प्रयास किये जाएं। उन्होंने यह व्यवस्था बनाने को भी कहा कि शिकायतकर्ता को उनकी शिकायतों पर की गई कार्यवाही की भी जानकारी समय पर उन्हें उपलब्ध करायी जाय।
उन्होंने कहा कि इस योजना की जानकारी अधिक से अधिक लोगों को हो यह भी देखा जाना चाहिए। उन्होंने जन समस्याओं का समाधान ई ऑफिस के माध्यम से किये जाने की भी बात कही।
मुख्यमंत्री ने सभी सचिवों, विभागाध्यक्षों एवं जिलाधिकारियों से भी नियमित रूप से प्राप्त शिकायतों की समीक्षा तथा शिकायतकर्ताओं से संवाद करने को कहा। इससे लोगों में शिकायतों के प्रति संतुष्टि का स्तर बढ़ेगा तथा उन्हें तथ्यों की सही जानकारी भी प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया के तहत बेहतर तथा औसत कार्य करने वाले विभागों के चिन्हीकरण के भी निर्देश दिये ताकि इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों की वस्तुस्थिति भी सामने आ सके।

सीएम हेल्पलाइन को लेकर सीएम सख्त, दिए निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में सीएम हेल्पलाइन-1905 की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त जन शिकायतों का समाधान समयबद्धता से हो। इसके लिए एक उच्च स्तरीय मॉनिटरिंग मैकेनिज्म बनाया जाय। एक माह में मुख्य सचिव द्वारा एवं प्रत्येक 15 दिन में विभागीय सचिवों इसकी मॉनिटरिंग के लिए बैठक की जाय।

जन शिकायतों के समाधान में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई होगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर जन शिकायतों के समाधान के लिए अगर किसी स्तर पर संबंधित अधिकारी द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, तो ऐसे अधिकारियों पर शीघ्र सख्त कार्रवाई की जाय। समाज के अन्तिम पंक्ति तक के लोगों को सीएम हेल्पलाइन से मदद मिले एवं उनकी समस्याओं का समाधान हो, इसकी जानकारी भी जन-जन तक पहुंचाई जाय। यदि सीएम हेल्पलाइन पर कोई आपातकालीन कॉल आती है, तो संबंधित व्यक्ति की मदद के लिए संबंधित हेल्पलाइन नम्बर या आपातकालीन सेवाओं से उन्हें कनेक्ट करने की व्यवस्था भी की जाय।

सीएम ने शिकायतकर्ताओं से फीडबैक लिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो शिकायतें या शिकायती पत्र सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय में आती हैं, उन्हें भी सीएम हेल्पलाइन में डाला जाए। जन शिकायतों एवं समस्याओं का समाधान करना सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सीएम हेल्पलाइन 1905 के शिकायतकर्ता अगस्त्यमुनी के पंकज गोस्वामी एवं हल्द्वानी की बीना पंत से फोन से भी वार्ता की। पंकज गोस्वामी ने देवभूमि एप पर पुलिस वेरिफिकेशन के लिए अप्लाई किया था। काफी समय तक वेरिफिकेशन न होने के कारण उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। उन्होंने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के 12 घण्टे के अन्दर ही उनका पुलिस वेरिफिकेशन हो गया था। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। बीना ने बताया कि उन्होंने विद्युत से संबंधित समस्या के समाधान के लिए सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने के बाद जल्द ही समस्या का समाधान हो गया था। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि 1905 नम्बर जनसमस्याओं के त्वरित समाधान के लिए काफी कारगर साबित हो रहा है।
निदेशक आईटीडीए डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर पर जन शिकायत प्रतिदिन सुबह 8 बजे से रात्रि 12 बजे तक दर्ज की जा रही है। पहले यह रात्रि के 10 बजे तक दर्ज की जा रही थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इसे 2 घण्टे और बढ़ाया गया है। सीएम हैल्पलाईन में 54 विभाग एवं 155 उप विभाग पंजीकृत हैं। समस्याओं के समाधान के लिए चार स्तर बनाये गये हैं। जो क्रमशः ब्लॉक, जिला, विभागाध्यक्ष एवं शासन स्तर तक है। सीएम हेल्पलाइन 1905 पर अभी तक कुल 174250 शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। जिसमें से 105060 शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बाद बंद कर दी गई है। शेष पर अलग-अलग स्तर पर प्रक्रिया गतिमान है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, अरविन्द सिंह ह्यांकी, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव सोनिका उपस्थित थे।

उत्तराखंड सीएम हेल्पलाइन 1905 पर अब तक हुआ 51 हजार 248 शिकायतों का संतुष्टि के साथ समाधान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 23 फरवरी 2019 को जनता की सहूलियत के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 का शुभारम्भ किया था। जिसका मकसद यह था कि जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिये दूर दराज के क्षेत्रों से मुख्यमंत्री कार्यालय या सचिवालय के चक्कर ना काटने पड़ें, जिससे जनता के समय और धन दोनों की बचत होगी तथा जनता घर बैठे ही सरकार तक विभागों की समस्या ऑनलाइन या फोन पर बता सकेगी।

सीएम हेल्पलाइन के सफलतापूर्वक 2 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की जनता को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर बेहतर कार्य और उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

सीएम हेल्पलाइन पर हिन्दी, गढ़वाली, कुमाउनी, पंजाबी, अंग्रजी किसी भी भाषा में समस्या दर्ज करा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन सुशासन का जीता जागता उदाहरण है इससे सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित हुआ है और सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिय बनी सीएम हेल्पलाइन 1905 का उत्तराखंड की जनता अधिक से अधिक लाभ उठाये। सीएम हेल्पलाइन पर किसी भी फ़ोन से निशुल्क टोलफ्री नंबर 1905 पर डायल करके किसी भी विभाग से सबंधित समस्या दर्ज करा सकते हैं या वेबसाइट cmhelpline.uk.gov.in पर भी समस्या दर्ज करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त ने बताया कि अभी तक सीएम हेल्पलाइन पर 51 हजार 248 शिकायतों का संतुष्टि के साथ समाधान हो गया है। कोरोना महामारी और प्राकृतिक आपदा के दौरान सीएम हेल्पलाईन जनता के लिए वरदान बनकर सामने आई है। लॉकडाउन के दौरान सीएम हेल्पलाईन ने आपातकालीन सेवा के रूप में भी कार्य किया है। सीएम हेल्पलाईन के अधिकारी एवं कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों की समस्याओं को सुनकर उनका 24 घंटे के भीतर ही निस्तारण करा रहे थे। लॉकडाउन खुलने के बाद से सीएम हेल्पलाइन में पंजीकृत प्रदेश के सभी अधिकारी उतनी ही तत्परता से जनसमस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

सीएम हेल्पलाइन में अधिकारियों द्वारा शिकायत का समाधान होने पर सीएम हेल्पलाइन 1905 के कॉल सेन्टर द्वारा शिकायतकर्ता को कॉल भी किया जाता है और शिकायतकर्ता की संतुष्टि प्राप्त होने पर ही शिकायत को बन्द किया जाता है। सीएम हेल्पलाइन में अधिकारियों को शिकायत प्राप्त होते ही 15 दिन के भीतर शिकायत पर कार्यवाही करना अनिवार्य है।

सीएम हेल्पलाइन में उत्तराखंड के सभी विभागों के अधिकारियों को जोड़ा गया है। प्रत्येक माह आयुक्त गढ़वाल मंडल और आयुक्त कुमाऊं मंडल सभी जिलों के अधिकारियों की समीक्षा बैठकें भी ले रहे हैं और शिकायतों के गुणवत्ता पूर्वक समाधान पर प्रतिदिन मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों द्वारा नजर रखी जा रही है।

अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी द्वारा समय-समय पर सचिव स्तर पर सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठकें भी ली जाती हैं।

सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास कर रही

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘‘विकास के तीन सालः बातें कम, काम ज्यादा’’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने सरकार को सहयोग देने के लिए प्रदेशवासियों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास कर रही है। तीन वर्ष के दौरान अनेक बड़े निर्णय लिए गए। 4 मार्च को गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की गई। यह हमारे दृष्टि पत्र में भी था। हमने जनता से किया गया वायदा पूरा किया। प्रदेश की जनता ने भी इसके पक्ष में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। हमारा दूसरा बड़ा निर्णय चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन था। अब चारधाम यात्रा इसके तहत की जाएंगी।
हमने जनता से सुशासन और भ्रष्टाचार मुक्त शासन का वायदा किया था। हमने इसके लिए कड़े कदम उठाए, भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार किया। साबित किया कि सरकार ईमानदारी से भी चल सकती है। पारदर्शी शासन के लिए ई-आफिस, सीएम हेल्पलाईन, सीएम डैशबोर्ड की व्यवस्था की है। तीन साल में एक बड़ा निर्णय अटल आयुष्मान योजना शुरू करना रहा है। इसमें प्रदेश के सभी लोगों को शामिल किया। रैफर के प्रावधान को हटाया गया है। प्रदेश में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट की गई। 1 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू किए गए। इनमें से 21 हजार करोड़ से अधिक का निवेश ग्राउन्ड हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बहुत से निर्णय लिए, जहां सुधार की गुंजाईश होती है, वहां सुधार भी किए जाते हैं।
ऑल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट, एनएच, भारतमाला, टिहरी बांध, शहरी विकास, एयर कनेक्टीवीटी, जमरानी, सौंग, मसूरी पेयजल योजना आदि के रूप में डबल इंजन का प्रभाव देखा जा सकता है। केंद्र से 94 हजार करोड़ रूपए से अधिक के प्रोजेक्टों की स्वीकृति ली गई। पलायन को रोकने के लिए नहीं बल्कि रिवर्स पलायन के लिए ग्राम्य विकास और पलायन आयोग का गठन किया गया। उसने विस्तृत अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट दी। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टीनेशन, होम स्टे से स्थानीय लोगों की आजीविका के लिए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। ग्रोथ सेंटर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। हम ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। सोलर और पिरूल एनर्जी नीति पर्वतीय क्षेत्र में काफी फायदेमंद होंगी। प्रदेश में एयर कनेक्टीवीटी का भी विस्तार हुआ है। देहरादून, देश के प्रमुख शहरों से जुड़ चुका है। चिन्यालीसौड़, गौचर भी हवाई सेवा से जुड़ चुके हैं। उड़ान के अंतर्गत हेली सेवा शुरू करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। आर्गेनिक खेती में भी बड़ी पहल की गई है। साहसिक पर्यटन के लिए अलग से विभाग बनाया जा रहा है। साहसिक पर्यटन हमारे युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी हम अपने विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ते रहेंगे। सभी डिग्री कॉलेजों, आंगनबाड़ी केंद्रों को भवन और स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध करवाया जाएगा। कनेक्टीवीटी के लिए जहां भी पुलों की आवश्यकता होगी, बनाए जाएंगे। बालिका अनुपात में काफी सुधार आया है, इस पर और ध्यान दिया जाएगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चैहान, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चैहान, खजान दास, महानिदेशक सूचना डा.मेहरबान सिंह बिष्ट उपस्थित रहे।