देहरादून में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार का दो दिवसीय चिंतन शिविर शुरु

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार की नीतियों से बीते एक दशक में देश भर में करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं। देहरादून में आयोजित केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के दो दिवसीय चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे राज्य के लिए गौरव का विषय है कि यहां सामाजिक न्याय जैसे महत्वपूर्ण विषय पर राष्ट्रीय स्तर का चिंतन शिविर आयजित किया जा रहा है। ये चिंतन शिविर बाबा साहब अंबेडकर तथा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे मनीषियों के चिन्तन का विस्तार भी है। इस शिविर में आय़ोजित होने वाले संवाद से भविष्य में अपनायी जाने वाली सामाजिक सशक्तिकरण की नीतियों का रोडमैप तैयार होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में आज देश में “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मूलमंत्र के साथ कार्य किया जा रहा है। पहले कई दशकों तक देश में समाज कल्याण विभाग कुछ गिने-चुने कार्यों तक ही सीमित माना जाता था। परंतु नरेंद्र मोदी के प्रधान सेवक बनने के बाद अपनाई गई नीतियों और योजनाओं से बीते एक दशक में देश के करीब 30 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर आने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज देश में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा एक ओर देश में बुजुर्गों, विधवाओं एवं दिव्यांगजनों को विशेष पेंशन देकर उनका जीवन स्तर सुधारा जा रहा है, वहीं छात्रों को छात्रृवत्ति देकर उन्हें अपना भविष्य उज्जवल बनाने का अवसर भी दिया जा रहा है। इसी तरह विभिन्न योजनाओं एवं नीतियों के माध्यम से स्वरोजगार और उद्यमिता को प्रोत्साहित कर अति पिछड़े वर्ग को मुख्यधारा में लाने का प्रयास किया जा रहा है। नशे की लत से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता कार्यक्रम और पुनर्वास केंद्रों का संचालन भी किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन से राज्य सरकार भी प्रदेश में सामाजिक न्याय की अवधारणा को धरातल पर उतारने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के साथ ही पति-पत्नी दोनों को पेंशन प्रदान कर रही है, पेंशन योजनाओं का भुगतान मासिक आधार पर किया जा रहा है, पेंशन योजनाओं को ऑनलाइन किए जाने के साथ ही अन्त्योदय परिवारों को प्रतिवर्ष तीन गैस सिलेंडर निशुल्क प्रदान किए जा रहे हैं।

इसी तरह अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के बच्चों को कक्षा 1 से लेकर बारहवीं तक छात्रवृत्ति देने के साथ ही उनके लिए निशुल्क 15 छात्रावास, 5 आवासीय विद्यालय तथा 3 आईटीआई भी संचालित की जा रही हैं। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क कोचिंग और प्रतिमाह छात्रवृत्ति भी प्रदान की जा रही है।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के व्यक्तियों की बेटियों की शादी के लिए 50 हजार रूपए का अनुदान भी दिया जा रहा है। जनजातीय क्षेत्रों में अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने के साथ ही जनजातीय शोध संस्थान के लिये 1 करोड़ रुपए के कार्पस फण्ड की भी व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार अटल आवास योजना के तहत अनुसूचित वर्ग के आवासहीन परिवारों को पक्का घर बनाने के लिए एक लाख 20 हजार रुपए की राशि प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अंतर्गत उत्तराखंड के 128 जनजातीय गांवों का चयन किया गया है। उत्तराखण्ड में केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के सहयोग से वृद्धजनों के आंखों का उपचार तथा जेरियाट्रिक केयर यानि वृद्धजनों को विशेष देखभाल की सुविधा देने के लिए लोगों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की सरकारी नौकरियों में दिव्यांगजनों को 04 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया जा रहा है। राज्य सरकार प्रदेश में नशामुक्त देवभूमि अभियान को मिशन मोड पर संचालित कर रही है। सरकार प्रदेश के प्रत्येक जनपद में नशा मुक्ति केंद्र संचालित करने की योजना पर भी कार्य कर रही है, जनपद नैनीताल के हल्द्वानी में नशा मुक्ति केंद्र का संचालन प्रारंभ भी किया जा चुका है।

राज्य में जहां एक ओर, भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों को रेस्क्यू कर उन्हें स्कूल जाने के हेतु प्रेरित किया जा रहा है, वहीं युवा एवं प्रौढ़ वर्ग के लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें स्वरोजगार से जोड़ने का प्रय़ास भी किया जा रहा है। इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को और अधिक मजबूती देने के लिए केंद्र सरकार की ैडप्स्म् योजना के अंतर्गत प्रदेश के चार शहरों को चयनित किया गया है। मुख्यमंत्री ने अंत में सभी प्रतिभागियों को आगामी चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण देते हुए कहा कि इस साल से प्रदेश सरकार ने शीतकालीन यात्रा भी प्रारंभ की है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर्षिल में पहुंच कर प्रोत्साहित किया है।

राज्यों और केंद्र के बीच तालमेल बहुत जरूरी

इससे पूर्व, चिंतन शिविर में केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ वंचित समुदाय तक पहुंचाने में राज्यों की बेहद महत्वपूर्ण भूमिका है। चिंतन शिविर का उद्देश्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर तालमेल बनाना ही है। उन्होंने बताया कि जब आगरा से चिंतन शिविर का सफर शुरू किया गया था, तब उस कार्यक्रम में सिर्फ आठ राज्यों का प्रतिनिधित्व रहा था। मात्र 12 राज्यों के अधिकारी उस कार्यक्रम में पहुंचे थे। ये शुभ संकेत है कि देहरादून के चिंतन शिविर में 15 राज्यों का प्रतिनिधित्व हो रहा है। उन्होंने नशामुक्त भारत अभियान का खास तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि छात्र, युवा नशे की चपेट में आ रहे हैं। केंद्र और राज्यों को इस चुनौती से मिलकर निपटना है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा ने कहा कि वित्तीय वर्ष की समाप्ति के तुरन्त बाद चिंतन शिविर के आयोजन की खास वजह रही है। हमारा ये मानना है कि योजनाओं के ठोस क्रियान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के बीच शुरू में ही जानकारी साझा होने से बेहतर परिणाम निकल पाएंगे।

इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि हमारे पास एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है। हम वंचित तबके को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभा सकते है। प्रधानमंत्री जी ने भी सबका साथ, सबका विकास का मूल मंत्र इसीलिए दिया है। इस मौके पर कई राज्यों के मंत्री और विभागीय अधिकारी शामिल हुए।

सीएम के निर्देश, जनसेवाओं में सुधार, सड़कों की मरम्मत, पेयजल आपूर्ति व वन अग्नि नियंत्रण पर दिया जाए विशेष जोर

सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों में पब्लिक सर्विस डिलीवरी, सड़कों को गड्ढा मुक्त करने, पेयजल आपूर्ति बनाये रखने और वन अग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए विशेष ध्यान दें। यह निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी जिला अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक के दौरान दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिक्रमण के विरुद्ध नियमित अभियान चलाया जाय। जनपदों में खाद्य पदार्थों की नियमित सैंपलिंग की जाए। बरसात से पहले रिवर ड्रेजिंग और नालों की सफाई का कार्य पूर्ण किया जाए। जन शिकायतों का जल्द समाधान हो इसके लिए नियमित जनता दरबार, तहसील दिवस, बीडीसी की बैठकों का आयोजन किया जाए और ब्लॉक स्तर तक नियमित बहुउद्देशीय शिविर लगाए जाए। वन अग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए रिस्पांस टाइम कम से कम किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी चार धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्ग से जुड़े सभी जनपदों में कंट्रोल रूम पूर्ण रूप से सक्रिय रखे जाएं। यात्रा के दौरान सुव्यवस्थित ट्रैफिक प्लान और श्रद्धालुओं की मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जाए। जिलाधिकारी नियमित मार्गों का स्थलीय निरीक्षण भी करें। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जनपदों में 15 दिन के अंदर सभी सड़के गड्ढा मुक्त हो जाएं। जिलाधिकारी अपने जनपदों की मुख्य समस्याओं को चिन्हित कर उनके समाधान के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों की टीम बनाकर समस्याओं का यथाशीघ्र समाधान करना सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए की एक ही स्थान पर 3 साल से अधिक समय से तैनात कार्मिकों के ट्रांसफर की जल्द कार्यवाही की जाए। ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत जनपदों में पेयजल की सुचारू आपूर्ति की व्यवस्था की जाए, आवश्यकता पड़ने पर पेयजल टैंकरों की पूर्ण व्यवस्था रखी जाए। विद्युत आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए सभी व्यवस्थाएं पहले से सुनिश्चित की जाएं। केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का आम जन को पूरा लाभ मिले, इसके लिए योजनाओं के व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही सभी पात्र लोगों को योजनाओं का लाभ दिया जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव आर.के सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, अपर पुलिस महानिदेशक ए.पी अंशुमन, उपाध्यक्ष एमडीडीए बंशीधर तिवारी, वर्चुअल माध्यम से कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत और सभी जिलाधिकारी उपस्थित थे।

प्रभु श्री राम मर्यादा, भक्ति, त्याग, और धर्म के पथ प्रदर्शकः सीएम

रामनवमी के अवसर पर आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिथौरागढ़ स्थित पांखू के माँ कोकिला कोठग्याड़ी मंदिर में आयोजित अखंड रामायण पाठ को मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअली संबोधित किया।
प्रदेश वासियो को राम नवमी की शुभकामनाएँ देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभु श्रीराम से समस्त उत्तराखंड वासियों के सुख एवं समृद्धि की कामना की।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि रामायण कोई साधारण ग्रंथ नहीं, बल्कि हमारे जीवन का दर्पण है, मर्यादा, भक्ति, त्याग, और धर्म का पथ प्रदर्शक है। भगवान श्रीराम के जीवन से हमें सीखने को मिलता है कि किस प्रकार से विषम परिस्थितियों में भी धर्म और मर्यादा का पालन किया जाता है। माता सीता की पवित्रता, लक्ष्मण की सेवा भावना, भरत का त्याग, हनुमान जी की भक्ति ये सभी आदर्श हमें सदाचरण की प्रेरणा देते हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि रामायण जैसे पवित्र धर्म ग्रंथो के अखंड पाठ के आयोजन हमारी आत्मा को शुद्ध करने के साथ-साथ वातावरण को सात्त्विक बनाने और समाज को जोड़ने का कार्य करते हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हम सभी के लिए यह अत्यंत गर्व एवं हर्ष का विषय है कि 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद दूसरी बार रामनवमी का पर्व प्रभु श्रीराम लला अयोध्या में अपने भव्य मंदिर में विराजमान होकर मना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी का सौभाग्य है कि हमें आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रूप में एक ऐसे प्रधान सेवक मिले हैं जिनके अटूट संकल्प और अथक प्रयासों से अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का हमारा सपना साकार हुआ है।

समस्त प्रदेश वासियों से आग्रह करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हम प्रभु श्री राम के आदर्शों को स्वयं में धारण कर समाज में ईमानदारी, प्रेम, सेवा और सद्भावना के साथ रहने का संकल्प ले।

कार्यक्रम में फकीर राम टम्टा विधायक, गंगोलीहाट, गिरीश जोशी, जिलाध्यक्ष, भाजपा पिथौरागढ़, मनोज कार्की, भाजपा मण्डल अध्यक्ष ग्रामीण, डॉ. स्वामी वीरेन्द्रानंद महाराज महामण्डलेश्वर, पंचदश नाम जूना अखाडा, कल्पना देवलाल, महापौर नगर निगम, पिथौरागढ़, दीपिका बोहरा, प्रशासक, जिला पंचायत पिथौरागढ़, शशिकला सत्याल, जिला संयोजक शिक्षिका प्रकोष्ठ तथा अन्य स्थानीय गणमान्य उपस्थित थे।

उत्तराखंडः खाद्य संरक्षा और औषधि प्रशासन विभाग ने हरित चारधाम यात्रा थीम पर शुरू किया अभियान

चारधाम यात्रा मार्ग के होटल- ढाबों में इस बार तीर्थयात्रियों को ना सिर्फ स्वच्छ और शुद्ध भोजन मिलेगा, बल्कि होटल कारोबारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुसार भोजन में तेल, नमक और चीनी का प्रयोग भी कम करने का प्रयास करेंगे। साथ ही सिंगल यूज प्लास्टिक रोकथाम के लिए भी तीर्थ यात्रियों को प्रोत्साहित करेंगे। इसके लिए खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग ने यात्रा प्रारंभ होने से पहले ही यात्रा मार्ग के होटल और खाद्य कारोबारियों के साथ व्यापक स्तर संवाद और प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस बार सभी विभागों को हरित चारधाम यात्रा की थीम पर, यात्रा संचालित करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में खाद्य संरक्षा औषधि प्रशासन विभाग, यात्रा मार्ग के प्रमुख शहरों में होटल और खाद्य कारोबारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित कर रहा है। आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि इन कार्यशालाओं में होटल कारोबारियों से अपने भोजन में तेल, नमक और चीनी का उपयोग कम करने की अपील की जा रही है। इससे खासकर मधुमेह और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित यात्रियों को सुविधा रहेगी। साथ ही ईट राइट अभियान के क्रम में होटलों को खाद्य तेल को तीन बार से अधिक इस्तेमाल करने के बजाय इसे बायोफ्यूल बनाने के लिए उपलब्ध कराने के लिए कहा जा रहा है। डॉ आर राजेश कुमार ने बताया कि होटल कारोबारियों को पानी की बोतल, रैपर जैसे सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को भी हतोत्साहित करते हुए, पर्यावरण संरक्षण में सहयोग के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उपायुक्त मुख्यालय गणेश कंडवाल ने बताया कि विभागीय निर्देशों के क्रम में अब तक ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग में होटल कारोबारियों के साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया जा चुका है। यात्रा शुरु होने से पहले उत्तरकाशी, चंबा और हरिद्वार सहित कुछ और स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किया जाएगा। साथ ही मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय खाद्य उत्पादों को भी उपलब्ध कराने को कहा जा रहा है।

इस बार हम हरित चारधाम यात्रा का संकल्प लेकर तैयारी कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ना सिर्फ तीर्थ यात्रियों को शुद्ध भोजन और स्वच्छ वातावरण मिले, बल्कि यात्रा के चलते हमारे पवित्र तीर्थस्थलों पर सिंगल यूज प्लास्टिक की समस्या भी पैदा न हो, हम सिंगल यूज प्लास्टिक का रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल के सिद्धांत पर काम कर रहे हैं। इसमें हमें तीर्थ यात्रियों- खाद्य कारोबारियों से लेकर स्थानीय लोगों तक सभी का सहयोग चाहिए।

सीएम ने वंदना कटारिया इंडोर स्टेडियम रोशनाबाद में युवा ऑल स्टार्स प्रतियोगिता के समापन में किया प्रतिभाग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन के तत्वाधान में वन्दना कटारिया इण्डोर स्टेडियम रोशनाबाद में आयोजित युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप -2025 के समापन समारोह में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री इण्डोर स्टेडियम/हॉल को एसी हॉल बनाने की घोषणा करते हुए राष्ट्रीय स्तर की इस कबड्डी चौम्पियनशिप में प्रतिभाग करने हेतु देश के कोने-कोने से पधारे सभी ऊर्जावान खिलाड़ियों, तथा खेल प्रतियोगिता में विजय होकर मेडल प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि जिन टीमों के खिलाड़ी जीत से कुछ कदम दूर रह गए हैं, वे इसे अपनी खेल क्षमताओं में सुधार लाने का एक अवसर के रूप में देखें।

उन्होंने कहा कि कबड्डी हमारे देश का प्राचीन खेल है। कबड्डी में सफलता के लिए जहां एक ओर खिलाड़ी की स्फूर्ति, ताकत और गति महत्वपूर्ण होती है वहीं दूसरी ओर खिलाड़ियों में धैर्य और टीम भावना की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य रहा कि लंबे समय तक कबड्डी को वह सम्मान नहीं मिल पाया था जिसका वह हकदार हैं, उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में कबड्डी ने न केवल भारत बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है। 2014 में प्रारंभ हुई प्रो-कबड्डी लीग जैसी प्रतियोगिता के जरिये न केवल खिलाड़ियों को एक बड़ा मंच मिला है बल्कि कबड्डी को टेलीविजन पर भी काफी लोकप्रियता मिली है। युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप कबड्डी प्रतियोगिता को एक नया आयाम प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार इस चौम्पियनशिप का 100 से अधिक देशों में लाइव प्रसारण किया गया है, इसके साथ ही इस चौम्पियनशिप में उत्तराखंड के लिए अलग से एक 10 दिवसीय लीग आयोजित कर हमारे स्थानीय खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया गया है। जिसके लिए उन्होंने उत्तराखंड कबड्डी एसोसिएशन एवं आयोजकों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज हमारा राज्य देश में देवभूमि के साथ ही खेल भूमि के रूप में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है। अभी हाल में 38वें राष्ट्रीय खेलों के भव्य एवं सफल आयोजन के दौरान हमने जिस प्रकार देशभर में आए खिलाड़ियों को खेल सुविधा उपलब्ध कराई वह एक बेंचमार्क रहा।

उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 517 करोड रुपए की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम बनाने के साथ ही लगभग 100 करोड रुपए की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल उपकरण लाकर उत्तराखंड में विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया है। उन्होंने कहा कि आज यह विश्व स्तरीय स्टेडियम और खेल सुविधाएं प्रदेश के खिलाड़ियों को ट्रेनिंग का एक मजबूत आधार बन चुके हैं। इसके साथ ही हमारे विश्व स्तरीय स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर बड़ी-बड़ी खेल प्रतियोगिताओं के लिए आयोजक अब उत्तराखंड की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की विभिन्न प्रतियोगिता जो पहले से अन्य राज्यों में होती थी, वह अब उत्तराखंड में आयोजित की जा रही है जिसका एक उदाहरण यह युवा ऑल स्टार्स चौम्पियनशिप है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित करने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए राज्य सरकार शीघ्र ही एक स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान लागू करने जा रही है जिसके अंतर्गत प्रदेश के 08 शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी, जिनमें प्रत्येक वर्ष 920 विश्व स्तरीय एथलीट और 1000 अन्य एथलीट उच्च स्तरीय प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे, इन अकादमियों में राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षण के साथ ही स्पोर्ट्स साइंस एक्सपर्ट, फिजियोथैरेपिस्ट, कंडीशनिंग कोच, डाइट स्पेशलिस्ट और साइकैट्रिस्ट भी तैनात किए जाएंगे इसके साथ ही हल्द्वानी में उत्तराखंड का प्रथम खेल विश्वविद्यालय एवं लोहाघाट में महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने सभी खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों, आयोजकों, खेल प्रेमियों को बधाई देते हुए कहा कि इस बार राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने 100 से अधिक मेडल जीतकर इतिहास रचने का कार्य किया है, जिसमें दो पदक कबड्डी के खिलाड़ियों ने भी जीते हैं, आने वाले समय में उत्तराखंड के खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल लाकर उत्तराखंड के साथ संपूर्ण भारत को गौरांवित करेंगे।

इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, विधायक मदन कौशिक, शिवालिक नगर पालिका अध्यक्ष राजीव शर्मा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, जिलाधिकारी कर्मेंन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल, उपाध्यक्ष उत्तराखंड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद ओम प्रकाश जमदग्नि, भाजपा जिलाध्यक्ष आशुतोष शर्मा, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, देशराज कर्णवाल, सुरेश राठौर, कुॅवर प्रणब चौम्पियन, सहित अन्य व्यक्ति व खिलाड़ी आदि उपस्थित थे।

वर्षा जल संरक्षण और भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंः सीएम

आगामी 30 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में जलापूर्ति के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। वर्षा जल संरक्षण और भू जल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाएं। जल स्रोतों, नदियों और जल धाराओं के पुनर्जीवीकरण के लिए जन सहयोग लिया जाए और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के सुझाव लेकर उनको आगे की कार्ययोजनाओं में शामिल किया जाए। पेयजल, जल संचय और जल संरक्षण के लिए आगामी 10 सालों और आगामी 30 सालों की आवश्यकताओं के हिसाब से अलग-अलग ठोस प्लान बनाया जाए। राज्य की अंतिम सीमा तक गंगा का जल पूर्ण रूप से पीने लायक हो इस दिशा में कार्य किये जाएं। गंगा की सहायक नदियों पर एसटीपी के कार्य किए जाएं। गंगा की स्वच्छता के लिए जन सहयोग और सुझाव लिये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को सचिवालय में पेयजल और जलागम की बैठक के दौरान दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लगे कनेक्शनों से लोगों को नियमित जलापूर्ति हो, इसके लिए पुराने जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के साथ ही नये जल स्रोत भी चिन्हित किये जाएं, जिससे गर्मियों में पेयजल की समस्या न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी के स्टोरेज टैंक और पेयजल टैंकर की नियमित सफाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में पेयजल की गुणवत्ता की समय-समय पर टेस्टिंग की जाए। गुणवत्ता के सभी मानक सही पाये जाने पर प्राकृतिक जल स्रोतों से निकलने वाले पानी के अधिक उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। लोगों को पेयजल की परेशानी न हो, इसके लिए टोल फ्री नम्बर के साथ ही जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाए जाएं। जन शिकायतों की विभाग स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग भी की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 05 साल से एक ही स्थान पर तैनात कार्मिकों की सूची उपलब्ध कराई जाए। नई पेयजल लाइन बिछने पर सड़क की खुदाई की शिकायतों के समाधान के लिए संबंधित विभागों द्वारा समन्वय बनाकर कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि कि विभिन्न विभागों की जिन परिसंपत्तियों का उपयोग नहीं हो रहा है, उनकी समीक्षा कर सही उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड रजतोत्सव वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस युवा प्रदेश मे कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। हमें नवाचारों और बेस्ट प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान देना है, हमारा प्रयास होना चाहिए कि राज्य में कुछ ऐसी योजनाएं बने, जो अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बने। उत्तराखण्ड में सारा के तहत हो रहे कार्यों की भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने भी सराहना की है।

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य में जल सखी, जल पुनरुपयोग और पेयजल प्रबंधन पर विशेष फोकस किया जा रहा है। जल सखी में स्वयं सहायता समूह को जोड़ते हुए लोकल स्तर पर ही बिलिंग, बिल सुधार और योजनाओं के रखरखाव की योजना प्रस्तावित है। इसके साथ ही जल के बेहतर प्रबंधन के लिए एसटीपी से उपचारित जल को बागवानी, सिंचाई, औद्योगिक क्षेत्र, नर्सरी, कार धुलाई, कृषि आदि में उपयोग में लाया जाएगा। गंगा तथा उसकी सहायक नदियों का जल राज्य की अन्तिम सीमा तक ए श्रेणी में ही आगे प्रवाहित हो, इस दिशा में कार्य किये जा रहे हैं।

सारा के अंतर्गत विभागों द्वारा मिलकर क्रिटिकल जल स्त्रोतों कों पुनर्जीवित करने का कार्य किया जा रहा है। वर्षा आधारित नदियों के फ्लो और डिस्चार्ज के मापन की भी योजना है। जिसमें आई आर आई रुड़की और राष्ट्रीय हाइड्रोलॉजिक संस्थान नदियों में किए जाने वाले कार्यों को चिन्हित करेगा। उत्तराखंड जलवायु अनुकूल बारानी कृषि परियोजना के अंतर्गत पर्वतीय कृषि को लाभदायक और ग्रीन हाउस गैस के प्रभाव को कम करना है। इसके लिए कृषकों की बंजर भूमि में पौधारोपण किया जाएगा। साथ ही काश्तकारों को कार्बन क्रेडिट से फायदा देने की भी योजना है।

बैठक में उत्तराखण्ड अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, आर मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव शैलेश बगोली, रणवीर सिंह चौहान, विशेष सचिव पराग मधुकर धकाते, परियोजना निदेशक जलागम नीना ग्रेवाल, अपर सचिव हिमांशु खुराना एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएस ने सिंचाई विभाग को रिस्पना एवं बिंदाल नदियों के पुनर्जीवीकरण की स्थिति पर अपडेट करने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने विभिन्न विषयों पर शहरी विकास एवं सिंचाई विभाग के साथ बैठक की।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शहरी विकास विभाग को राज्यभर में मलिन बस्तियों में निवासरत जरूरतमंदों के पुर्नवास हेतु चरणबद्ध कार्ययोजना पर प्रभावी पहल के निर्देश दिए हैं। सीएस ने पहले चरण में शहरी विकास विभाग एवं नगर निगम को देहरादून की मलिन बस्तियों के पुनर्वास के ठोस एवं प्रभावी वर्किंग प्लान पर तत्काल कार्य करने की हिदायत दी है। इसके साथ ही मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सिंचाई विभाग को रिस्पना एवं बिंदाल नदियों के पुनर्जीवीकरण की स्थिति पर अपडेट देने के साथ वर्किंग प्लान पर तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन आज सचिवालय में शहरी विकास एवं सिंचाई विभाग सहित विभिन्न विभागों के साथ मलिन बस्तियों की स्थिति एवं रिस्पना व बिन्दाल के पुनर्जीवीकरण पर समीक्षा कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने शहरी विकास विभाग को मलिन बस्तियों की सूचना, चिन्हीकरण की अद्यतन स्थिति, निवासरत लोगों की सूची पर अपडेट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने वांछित सूचना प्राप्ति के बाद मलिन बस्तियों के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की प्रभावी कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने अधिकारियों को स्लम फ्री उत्तराखण्ड के विजन के साथ कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवारों के जीवन स्तर में सुधार, पुनर्वास एवं पुनरुद्धार पर शीर्ष प्राथमिकता पर कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों के विषय को सामाजिक समस्या की तरह देखा जाना चाहिए तथा इस पर पूर्ण संवेदनशीलता एवं मानवीयता से कार्य किया जाना चाहिए।

बैठक में प्रमुख सचिव वन, सचिव शहरी विकास, सिंचाई, स्वास्थ्य, सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

केंद्र सरकार ने स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर के तहत मंजूर किया बजट

केंद्र सरकार ने देहरादून और नैनीताल में विभिन्न विकास कार्यों के लिए स्कीम फॉर स्पेशल असिस्टेंस टू स्टेट्स फॉर कैपिटल एक्सपेंडिचर के तहत 164.67 करोड़ मंजूर किए हैं।
केंद्र सरकार की ओर से जिन विकास कार्यों के लिए बजट मंजूर किया गया है। उसमें मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के अधीन रामजीवाला (मियांवाला) में तालाब और पार्क निर्माण के लिए 828.27 लाख रुपए, डिफेंस कॉलोनी में गौरा देवी पार्क निर्माण के लिए 672.57 लाख रुपए, तहसील चौक पर मल्टीलेबल कार पार्किंग और ऑफिस स्पेश बिल्डिंग के लिए 13441.85 लाख रुपए, ऋषिकेश में मल्टीलेबल कार पार्किंग के लिए 12560.70 लाख रुपए, कारगी चौक के पास आढ़त बाजार निर्माण के लिए 12150.38 लाख रुपए, रायपुर के पास मालदेवता रोड पर जलस्रोत सौंदर्यीकरण के लिए 404.85 लाख रुपए, गढ़ी कैंट में सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 1215.36 लाख रुपए शामिल है। इसी तरह जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण नैनीताल के अधीन शेर का डांडा में ड्रैनेज और सड़क निर्माण के लिए 1241.59 लाख रुपए और नैनीताल शहर के अंदर सड़क और ड्रैनेज कार्य के लिए 621.10 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

बड़ी परियोजनाओं के लिए लगातार केंद्र सरकार का सहयोग मिल रहा है। देहरादून और नैनीताल के लिए प्रस्तावित विभिन्न विकास कार्यों के लिए बजट मंजूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का विशेष आभार।
– पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

वन विभाग के गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण पर दिया जाए विशेष ध्यानः सीएम

वनों के संरक्षण के साथ वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि के लिए और प्रभावी प्रयास किये जाएं। वन विभाग के गेस्ट हाउस के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाए। जड़ी-बूटियों, कृषिकरण तथा विपणन के क्षेत्र में कार्य के लिए और अधिक संभवनाएं तलाशी जाए। मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए कारगर उपाय किए जाएं। वनाग्नि प्रबंधन, जैव विविधता संरक्षण एवं ईको -टूरिज्म पर विशेष ध्यान दिया जाए। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में वन विभाग की गेम चेंजर योजनाओं की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को दिये।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन सम्पदाओं का बेहतर उपयोग के साथ ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजागार को बढ़ावा दिया जाए। ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत वनाग्नि की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना के साथ रणनीति बनाई जाए, ताकि वनाग्नि से होने वाले नुकसान से बचा जा सके। यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसे प्रयास केवल कागजों तक सीमित न रहे, धरातल पर दिखाई दें। मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं को रोकने के लिए अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिस का अध्ययन किया जाए और राज्य में इसके लिए बेहतर कार्य योजना बनाई जाए।

बैठक में जानकारी दी गई कि इको टूरिज्म के अंतर्गत इको कैंपिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, पुराने फॉरेस्ट रेस्ट हाउस के रिस्टोर, स्थानीय युवाओं को विभिन्न गतिविधियों जैसे नेचर गाइड का प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इको टूरिज्म के लिए समर्पित एक वेबसाइट बनाई जाएगी। अभी तक विभिन्न क्षेत्रों में संचालित इको टूरिज्म क्षेत्र से स्थानीय युवाओं को लगभग रुपए 5 करोड़, जिप्सी संचालन से 17 करोड़ और स्वयं सहायता समूह को 30 लाख की आय सृजित हुई है।

ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान भी मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य में ऊर्जा उत्पादन बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किये जाएं। लघु जल विद्युत परियोजनाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की मुख्य अवधारणा में ऊर्जा और पर्यटन प्रदेश था। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं, लेकिन ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाओं पर कार्य करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य की क्षमताओं के हिसाब से कार्य करने की जरूरत है। शहरी क्षेत्रों में पावर लाइन के अंडरग्राउडिंग का कार्य वर्षाकाल शुरू होने से पहले पूर्ण किया जाए। सरकारी भवनों में सोलर रूफ टॉप से आच्छादित करने का कार्य जल्द पूर्ण किया जाए। यूजेवीएनएल, यूपीसीएल की जो परिसम्पतियां उपयोग में नहीं हैं, उनको उपयोग में लाने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाई जाए। नवीकरणीय ऊर्जा संवर्धन योजना, विद्युत वितरण सुधार योजना और स्मार्ट मीटर की योजनाओं में तेजी लाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।

बैठक में जानकारी दी गई कि 2023 में संशोधित जल विद्युत नीति के अनुसार वन टाइम एमनेस्टी के तहत कुल 160.80 मेगावाट के 8 प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी गई हैं। ये प्रॉजेक्ट 2030 तक 1790 करोड़ की लागत से पूरे होंगे। इसके साथ ही 121 मेगावाट के 6 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी मिली है। इस नीति से क्षेत्र का सामाजिक आर्थिक विकास होगा। यूजीवीएनएल 2028 से 03 पंप स्टोरेज का कार्य शुरू कर 2031 में पूरा करेगा। लगभग 5660 करोड़ की लागत इन तीनों पंप स्टोरेज में इच्छारी, लखवार-व्यासी और व्यासी-कटापत्थर प्रोजेक्ट शामिल हैं।

बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, आर.मीनाक्षी सुंदरम, प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, अपर सचिव रंजना राजगुरु, उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल, यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार, पिटकुल के प्रबंध निदेशक पीसी ध्यानी और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

सीएम ने बरेली के इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बरेली के इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड में सबसे पहले समान नागरिक संहिता लागू किये जाने पर इन्वर्टिस विश्वविद्यालय द्वारा सम्मान एवं अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में यूसीसी की ऐतिहासिक पहल को साकार करने में उत्तराखण्ड की देवतुल्य जनता का महत्वपूर्ण योगदान है। समान नागरिक संहिता का उद्देश्य राज्य के सभी नागरिकों के लिए एक समान और न्यायसंगत कानूनी व्यवस्था सुनिश्चित करना है। यूसीसी के लागू होने से राज्य के नागरिकों को समान अधिकार प्राप्त होने के साथ ही महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कार्य हुआ है। अब किसी भी महिला को उत्तराधिकार या संपत्ति के अधिकार में भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कानून लाखों महिलाओं के अधिकारों का एक सशक्त सुरक्षा कवच है, जो वर्षों से समानता की प्रतीक्षा कर रही थीं। उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता किसी धर्म या पंथ के खिलाफ नहीं है, बल्कि समाज की कुप्रथाओं को मिटाकर सभी नागरिकों के बीच समानता से समरसता स्थापित करने का एक संवैधानिक उपाय है। इसमें किसी भी धर्म की मूल मान्यताओं और प्रथाओं को नहीं बदला गया है, केवल कुप्रथाओं को दूर किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई लोगों द्वारा यूसीसी में लिव इन रिलेशनशिप के रजिस्ट्रेशन को लेकर कई प्रकार के भ्रम फैलाने का प्रयास किये जा रहे हैं। इसके पीछे मंतव्य हमारी बहन-बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और इन संबंधों से जन्म लेने वाले बच्चों के अधिकारों एवं भविष्य की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड से निकलने वाली यूसीसी की गंगा देश में एक नई चेतना जागृत करने का कार्य करेगी। यूसीसी की समरस धारा देश के दूसरे राज्यों को भी इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए अवश्य प्रेरित करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उनके नेतृत्व में जनहित में अनेक निर्णय लिये गये हैं। कश्मीर से धारा 370 का अंत, तीन तलाक जैसी कुप्रथा को समाप्त करना, नागरिकता संशोधन कानून लागू करना और फिर अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण जैसे ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। प्रधानमंत्री से प्रेरणा लेते हुए उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐतिहासिक कदम उठाया गया।

इस अवसर पर सांसद क्षत्रपाल गंगवार, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरूण कुमार, दर्जा मंत्री उत्तराखण्ड विनय रूहेला, महापौर बरेली डॉ. उमेश गौतम, विधायक डॉ. राघवेन्द्र शर्मा, डॉ. श्याम बिहारी लाल, डी. सी. वर्मा, डॉ. एम. पी. आर्या, अशोक कट्टारिया, डीन डॉ. राजेश शर्मा, कार्यकारी निदेशक पार्थ गौतम सहित अन्य लोग उपस्थित थे।