हरकत में शासन के अधिकारी, जिम्मेदारी तय करने के कड़े निर्देश

राज्य में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के संबंध में समस्त जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से सोमवार को सचिवालय में वीडियों कॉन्फ्रसिंग के माध्यम से बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पुलिस-प्रशासन में हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के कड़े निर्देश दिए। उच्च अधिकारियों को अधीनस्थ स्तर के प्रभावी सुपरविजन के निर्देश दिए गए हैं। आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को अपराधिक तत्वों पर निगरानी, शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था मजबूत करने, पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था करने, संभावित आगजनी की घटनाएं रोकने, पटाखों की बिक्री के दौरान एसओपी, एनजीटी तथा माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। एसीएस ने आगामी त्यौहारों को देखते हुए पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था हेतु खाली पड़े स्थानों में पार्किंग की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलों में समस्त पुलिस अधीक्षकों को पीक टाइम में शाम को 6 बजे से 10 बजे के बीच पुलिस अधिकारियों को फील्ड में तैनात रहने को कहा है। एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने संभावित आगजनी की घटनाओं के नियंत्रण हेतु फायर ब्रिगेड के साथ ही एसडीआरएफ की मदद लेने के निर्देश दिए हैं। बैठक में डीजीपी श्री अशोक कुमार ने अपराधिक घटनाओं पर प्रभावी रोक हेतु जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बेसिक ड्रिल, डॉग स्कॉयड, एटीएस टीम, बीडीएस टीम के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि रेवन्यू पुलिस के कार्यों का हस्तान्तरण रेगुलर पुलिस को प्रथम चरण में अगले छः माह में 6 थानों और 20 चौकीयों में सुनिश्चित कर दिया जाएगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द विस्तृत प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। एसीएस ने इस दिशा में प्रशासन को प्रो-एक्टिव मोड पर कार्य करने को कहा है। जिलों में एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को मजबूत करने हेतु श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में ड्रग्स फ्री देवभूमि 2025 मिशन को सफल बनाने हेतु जनजागरूकता अभियान चलाना, नशामुक्ति के क्षेत्र में प्रभावी काम वाले एनजीओं को प्रोत्साहित करना तथा स्कूल कॉलेजों में पैरेन्टस-टीचर्स बैठके आयोजित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा युवाओं को नशे से दूर रखने में पुलिस के अतिरिक्त शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन के साझे प्रयासों की जरूरत है।
बैठक में विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, आईजी एपी अंशुमन, अपर सचिव गृह रिद्धिम अग्रवाल, जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दलीप सिंह कुंवर तथा विडियो कॉन्फ्रसिंग के माध्यम से सभी जिलों के जिलाधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उपस्थित रहे।

डीजीपी को दो टूक, धामी ने कहा-कानून व्यवस्था नही सुधरी तो कुर्सी छोड़ दे अधिकारी

प्रदेश में कानून व्यवस्था के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त निर्देश दिये हैं कि पिछले दिनों हुई कतिपय घटनाओं का खुलासा जल्द से जल्द किया जाए। अपराधों पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार सख्त है। इसी क्रम में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार द्वारा उधमसिंहनगर के काशीपुर में खनन कारोबारी की हत्या, डोईवाला में हुई डकैती एवं जनपद हरिद्वार में पुलिसकर्मियों पर हुई फायरिंग के खुलासे हेतु 3 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है। उन्होंने कहा है कि 3 दिन में उक्त घटनाओं का खुलासा न होने पर संबंधित थाना प्रभारी एवं क्षेत्राधिकारी को हटाया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि संबंधित जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भी उपरोक्त घटनाओं के जल्द खुलासे न होने पर अपराध नियंत्रण में नाकाम माना जाएगा।

पुलिस का बदमाशों को खौफ नही, दिनदहाड़े बंधक बनाकर कर दी डकैती

डोईवाला में हथियारों से लैस छह नकाबपोश बदमाशों ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के चचेरे भाई के घर पर धावा बोला। बदमाशों ने घर की मालकिन और घर पर काम करने वाली दो महिलाओं को बंधक बनाकर डकैती की। करीब डेढ़ घंटे इत्मीनान से लूटपाट करने के बाद बदमाश नगदी और कीमती आभूषण लेकर फरार हो गए। दिनदहाड़े हुई इस दुस्साहसिक घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली।
शहरी विकास मंत्री के चचेरे भाई और डोईवाला के प्रतिष्ठित व्यापारी शीशपाल अग्रवाल उर्फ कोली का घराट रोड पर आवास है। बताया जा रहा है कि व्यापारी अग्रवाल शनिवार को रोज की तरह घर से सुबह करीब 9 बजे डोईवाला चौक रेलवे रोड स्थित अपनी परचून की दुकान के लिए निकल गए। दोपहर करीब 12 बजे छह लोग खुद को व्यापारी का रिश्तेदार बताते हुए जबरन घर के अंदर घुस गए। उस वक्त घर पर व्यापारी की पत्नी ममता के अलावा दो नौकरानी लक्ष्मी और आरती मौजूद थीं। जब तक वह कुछ समझ पाती, असलहों से लैस बदमाशों ने तमंचे और चाकू की नोक पर रस्सी से हाथ-पैर बांधकर उन्हें बंधक बना दिया। महिलाओं को बंधक बनाने के बाद बदमाशों ने घर में दिवान बॉक्स, लॉकर, आलमारी आदि को खंगाला।
लूटपाट के बाद बदमाश नगदी और कीमती आभूषण लेकर फरार हो गए। बदमाशों के जाते ही महिलाओं के शोर-मचाने पर आस-पड़ोस के लोग पहुंचे और महिलाओं को बंधन मुक्त कराया। बदहवास घर की मालकिन और काम करने वाली महिलाओं ने बताया कि बदमाश नकाबपोश थे। उनके पास तमंचे और चाकू थे। सूचना पाकर फोरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना कर साक्ष्य जुटाने के प्रयास किए। एसएसपी दिलीप सिंह, एसपी देहात कमलेश उपाध्याय, सीओ डोईवाला अनिल शर्मा, सीओ ऋषिकेश डीसी ढौडियाल, कोतवाल राजेश शाह आदि मौके पर पहुंचे और बदमाशों की तलाश को कई जगहों पर चेकिंग की गई।

एसआईटी ने अंकिता मर्डर केस में धाराएं बढ़ाई, जांच में और तेजी आई

एसआईटी द्वारा अंकिता मर्डर केस में साक्ष्यों और महत्वपूर्ण गवाहों के आधार पर धारा-354 (क) भा0द0वि0 एवं अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम एक्ट की धारा-5 की बढोत्तरी की गयी है। अभियोग से सम्बन्धित कब्जे लिये सभी बरामद साक्ष्य प्रदर्श/माल जिन्हें विधि प्रयोगशाला परीक्षण हेतु भेजा गया है, के परीक्षण परिणाम को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र प्राप्त करने हेतु अनुरोध किया गया है। वर्तमान में विवेचनात्मक कार्यवाही जारी है।

एसआइटी ने मुकदमे में बढ़ाई धाराएं
एसआइटी ने आरोपित पुलकित आर्य और उसके साथियों पर दर्ज मुकदमे में यौन उत्पीड़न और देह व्यापार कराने की धाराएं बढ़ा दी है। इस संबंध में पुलकित आर्य के रिसोर्ट में मिले साक्ष्य को विधि प्रयोगशाला भेज दिए हैं।चीला बैराज से युवती का शव एसआइटी ने बरामद किया था। इसके अलावा आरोपितों को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेने के बाद मुकदमे से जुड़े महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए गए। इसी आधार पर एसआइटी ने शनिवार को उक्त मुकदमे में दो और महत्वपूर्ण धाराएं बढ़ा दी है। एसआइटी के अनुसार महत्वपूर्ण गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर पुलकित और उनके धारा-354 (क) भादवि एवं अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम एक्ट की धारा-5 की बढोत्तरी की गई है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी गढ़वाल के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश गैरोला ने इसकी पुष्टि की है।

पुलिस के औचक निरीक्षण से खुली सुरक्षा मानकों की पोल, कार्रवाई

गुरुवार को पुलिस के द्वारा स्कूल बसों एवं पेट्रोल पंप की सुरक्षा मानकों को चेक करते हुए चलाया गया चेकिंग अभियान। अनियमितताएं पाए जाने पर 5 बस चालकों के विरुद्ध की गई कार्रवाई।
जनपद के समस्त थाना प्रभारियों को स्कूली छात्रों/आम जनमानस की सुरक्षा की दृष्टिगत स्कूल बसों एवं पेट्रोल पंप के सुरक्षा मानकों, प्रपत्रों, सत्यापन आदि को चेक करते हुए अभियान चलाने के लिए कहा गया है। आदेश के अनुपालन में अन्य आलाधिकारी व निरीक्षक कोतवाली ऋषिकेश के द्वारा स्वयं नेतृत्व करते हुए गुरुवार को स्कूली छात्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत स्कूली बसों के सुरक्षा मानकों को चौक करते हुए एक चेकिंग अभियान चलाया गया। जिसके अंतर्गत स्कूली बसों के सुरक्षा मानकों सीसीटीवी कैमरे, स्कूल बस चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस एवं वाहन संबंधित अन्य प्रपत्र को चेक किया गया। चेकिंग के दौरान पुलिस द्वारा स्कूल बस में जाली ना लगा होने, महिला क्लीनर ना होने, वाहन चालक केबिन न होने, सीसीटीवी कैमरा सही रूप से कार्य न करने संबंधी अनियमितताएं पाए जाने पर 5 बस चालकों के विरुद्ध मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए ₹2500 संयोजन शुल्क वसूला गया।
पुलिस के मुताबिक ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत समस्त पेट्रोल पंप चेक किए गए। इस दौरान पेट्रोल पंप पर सुरक्षा मानकों, सीसीटीवी कैमरे एवं पेट्रोल पंप पर कार्यरत कर्मियों के सत्यापन का जायजा लिया गया। किसी भी पेट्रोल पंप पर कोई अनियमितता नहीं पाई गई।

रेगुलर पुलिस को दिये जायेंगे राजस्व क्षेत्र, सीएस ने अधिकारियों से की चर्चा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में प्रदेश के राजस्व क्षेत्रों को रेगुलर पुलिस को दिए जाने के सम्बन्ध में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की गई।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि रेगुलर पुलिस में शामिल किए जाने हेतु जिन क्षेत्रों को तत्काल शामिल किए जाने की आवश्यकता है, उनके प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाएं। जिन क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस के थाना, रिपोर्टिंग चौकी या एरिया एक्सपेंशन की आवश्यकता है, शीघ्र अतिशीघ्र प्रस्ताव भेज दिए जाएं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक टूरिज्म स्टेट होने के कारण हॉस्पिटैलिटी का क्षेत्र में महिलाओं के कार्य की अत्यधिक संभावना को देखते हुए हम सभी को प्रोएक्टिव होकर कार्य करना होगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि जिन क्षेत्रों में पिछले कुछ समय में पर्यटन अथवा व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ी हैं, उन्हें प्राथमिकता से रेगुलर पुलिस में शामिल किया जाए। उन्होंने डीजीपी अशोक कुमार को भी जघन्य अपराधों की कैटेगरी निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए कि राजस्व क्षेत्रों में जघन्य अपराध के मामलों को तत्काल रेगुलर पुलिस को सौंपते हुए एफआईआर दर्ज की जाए।
अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी कोने में काम करने वाली महिलाओं के लिए रजिस्ट्रेशन या अन्य कोई ऐसा सिस्टम विकसित किया जाना चाहिए जिसमें वह अपनी जानकारी दर्ज कर सके कि वह यहां कार्य कर रही है, ताकि यदि कोई अप्रिय घटना होने पर तत्काल जानकारी उपलब्ध हो सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि पुलिस को इसमें प्रोएक्टिव होकर काम करना होगा। उन्होंने डीजीपी को एक मोबाइल ऐप शुरू करने के निर्देश दिए जिसमें काम करने वाली महिला अपनी जानकारी दर्ज कर सके, साथ ही कॉल सेंटर जैसा सिस्टम भी तैयार किया जाए जो इन महिलाओं से कुछ-कुछ समयांतराल के बाद उनका हालचाल भी पूछा जाए। इसके प्रचार प्रसार पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। महिलाओं और उनके परिजनों को भी इसके लिए जागरूक किया जाए।
इस अवसर पर डीजीपी कानून व्यवस्था वी. मुरुगेशन एवं सचिव चंद्रेश यादव सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

कॉल सेंटर में कार्य कर रहे कर्मचारियों को बंधक बनाने का आरोप, मुकदमा दर्ज

अंकिता भंडारी मर्डर केस के बाद लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। अब कुनाऊं गांव में संचालित एक कॉल सेंटर में कार्यरत आसाम की एक युवती और दो युवकों को बंधक बनाने का मामला सामने आया है। इसका खुलासा बुधवार सुबह उस समय हुआ जब तीनों किसी तरह कॉल सेंटर से भागकर पुलिस की शरण में पहुंचे। पुलिस ने कॉल सेंटर संचालक समेत तीन लोगों के खिलाफ संबंधित धारा में केस दर्ज कर लिया है। संचालक मौके से फरार हैं।
लक्ष्मणझूला थाना पुलिस के मुताबिक बुधवार को गुवाहाटी निवासी आरूप (28) पुत्र चितरंजन ने बताया कि कुनाऊं गांव में संचालित कॉल सेंटर में काम के दौरान संचालकों ने उन्हें जबरन बंधक बनाया। संचालकों पर आरोप है कि उन्होंने आरूप, युवती लिंडा, रिचर्ड निवासी आसाम, मेघालय को जान मारने की धमकी भी दी है। शिकायत में आरोप लगाया कि कॉल सेंटर के संचालक ने आसाम से फ्लाइट से लाने और रहने-खाने ‌‌‌‌‌‌‌‌पर खर्च किए गए करीब ₹एक लाख रुपये मांगे।
आरोप है कि रकम ना देने पर संचालक ने आरूप के मोबाइल को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया। किसी तरह बुधवार की सुबह अंधेरे में यह लोग कॉल सेंटर से भागने में कामयाब हो गए। पहले ऋषिकेश कोतवाली की शरण में पहुंचे। यहां उन्हें लक्ष्मणझूला थाना भेजा गया। यहां तीनों ने अपनी आप-बीती पुलिस को बताई। थाना निरीक्षक विनोद गुसाई ने बताया कि तहरीर के आधार पर कॉल सेंटर संचालक गौरव, वसीम और गुलाम के खिलाफ जान से मारने, जबरन बंधक बनाने और ठगी से संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया है। कहा कि आरोपी मौके से फरार चल रहे हैं।

भारी पुलिस बल की मौजूदगी में भर्ती घोटाले के आरोपी का रिजॉर्ट ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरु

उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग भर्ती घोटाले के मास्टरमाइंड हाकम सिंह के सांकरी स्थित अवैध रिसोर्ट को आज आखिरकार ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू हो गई है। पहले बुलडोजर और फिर प्रशासन ने ग्रामीणों कि मदद से इस आलीशान रिसोर्ट को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। देर शाम तक रिसोर्ट के काफी हिस्से को हटाने की कार्रवाई की जा चुकी है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग की भर्तियों में गड़बड़ी को लेकर पिछले दिनों कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की थी। युवाओं की शिकायतों को बेहद गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए। डीजीपी अशोक कुमार के निर्देशों ओर अगले ही दिन इस मामले में देहरादून के रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया। जांच के दौरान एक के बाद एक बड़े खुलासे होते चले गए। सबसे बड़ा नाम उत्तरकाशी के नेता हाकम सिंह को लेकर हुआ। सीएम ने कार्रवाई से गुरेज नहीं किया और इसी का नतीजा रहा कि हाकम सिंह को जेल की सलाखों के पीछे भेजने में देर नहीं लगाई गई। इस मामले में एसटीएफ अब तक 40 से ज्यादा गिरफ्तारियां कर चुकी है। जबकि हाकम सिंह की संपत्तियों की जब जांच हुई तो उसकी अकूत दौलत और तमाम रिसोर्ट आदि के बारे में पता चला।
ऐसा ही एक रिसोर्ट हाकम का मोरी सांकरी में भी होना प्रकाश में आया। सुदूरवर्ती क्षेत्र में होने के बावजूद यहां आलीशान रिसोर्ट काली कमाई से बनाया गया। प्रशासन की जांच में हालांकि इसके सरकारी भूमि पर बने होने की पुष्टि हुई।
राजस्व विभाग व गोविंद वन्य जीव विहार द्वारा संयुक्त रूप से अतिक्रमण को लेकर नाप-जोख की गई थी। नाप जोख में वन विभाग की मुनारे क्षतिग्रस्त पाए गए। संयुक्त टीम द्वारा वन एवं राजस्व की अतिक्रमण भूमि की नाप-जोख कर चिन्हित किया गया। वन विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त मुनारों की पुनः मरम्मत का कार्य भी किया गया और वन भूमि के अतिक्रमण को लेकर चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए। साथ ही अतिक्रमण की गई भूमि को सील किया गया था।
इसी क्रम में रिसोर्ट के अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण का निर्णय लिया गया और आज इसी क्रम में ध्वस्तीकरण की कार्यवाही प्रारंभ की गई। आज तहसील मोरी के सांकरी में स्थित रिजॉर्ट के वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर वन विभाग,राजस्व व पुलिस प्रशासन टीम ने ध्वस्तीकरण की कार्यवाही शुरू की। पुलिस बल की मौजूदगी में अवैध अतिक्रमण में बने रिजॉर्ट का ध्वस्तीकरण का कार्य गतिमान है, वहीं ग्रामीणों द्वारा भी इस कार्य में प्रशासन को सहयोग किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने परिवार से मिलकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की बात कही

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज पौड़ी के श्रीकोट में अंकिता भंडारी के परिजनों से मुलाकात की और भरोसा दिलाया कि पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि फास्ट ट्रेक कोर्ट में सुनवाई कराते हुए अंकिता के हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पौड़ी जनपद अंतर्गत श्रीनगर के डोभ श्रीकोट गांव पहुँचे और अंकिता के परिजनों से भेंट कर उन्हें ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अंकिता को न्याय दिलाने के लिए हमारी सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मामले की जांच को डीआईजी पी.रेणुका देवी के नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित की गई है जिसने अपनी जांच प्रारंभ कर दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हत्याकांड के तीनों आरोपितों को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और जांच में जिन भी लोगों की भूमिका संदेह के दायरे में है उन पर भी कानून सम्मत कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। इस दौरान उन्होंने पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता की धनराशि भी प्रदान की। इस दौरान कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, जिलाधिकारी डॉ. विजय कुमार जोगदंडे, एसएसपी यशवंत सिंह चौहान, एसडीएम आकाश जोशी आदि भी उपस्थित रहे।

नाबालिक छात्राओं को पुलिस ने दिल्ली से किया सकुशल बरामद

28 सितंबर को वादी के द्वारा कोतवाली ऋषिकेश में लिखित तहरीर के माध्यम से सूचना दी गई कि उनकी दो नाबालिक पुत्रियां उम्र क्रमशः 17 वर्ष एवं 15 वर्ष दिनांक 27 सितंबर की रात लगभग 10.30 बजे से घर से गायब हैं, अभी तक घर नहीं आई है। लिखित तहरीर के आधार पर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कर विवेचना प्रारंभ की गई। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एवं क्षेत्राधिकारी ऋषिकेश के निकट पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक कोतवाली के द्वारा स्वयं नेतृत्व करते हुए गुमशुदा दोनों नाबालिग बहनों की तलाश हेतु दो टीमें गठित की गई।
एक टीम के द्वारा गुमशुदा नाबालिगों के घर से आने जाने वाले रास्तों पर दुकानों एवं प्रतिष्ठानों के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज को चेक करते हुए, परिजनों एवं आसपास के लोगों से पूछताछ कर मुखबिर तंत्र के माध्यम से तलाश शुरू की गई।
दूसरी टीम के द्वारा गुमशुदा नाबालिगों की तलाश हेतु ऋषिकेश-हरिद्वार-देहरादून के बस अड्डा एवं रेलवे स्टेशनों तथा अन्य संभावित स्थानों पर पर सर्च अभियान चलाया गया। गठित टीमों के द्वारा किए गए कार्यों से महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त आपसी सामंजस्य स्थापित कर ज्ञात हुआ कि उपरोक्त गुमशुदा दोनों नाबालिग बहने सोशल मीडिया के माध्यम से फरीदाबाद हरियाणा निवासी दो लड़कों के संपर्क में आई जिनके द्वारा दोनों बहनों को अच्छी सैलरी वाली जॉब लगाने का प्रलोभन दिया गया। जिसके पश्चात दोनों नाबालिग बहने अपने परिजनों को बिना बताए अपने घर से 27 सितंबर की रात्रि बस के माध्यम से हरिद्वार होते हुए दिल्ली पहुंच गई।
दोनों नाबालिग बहनों के दिल्ली में होने की जानकारी प्राप्त होने पर दोनों गठित टीमों के द्वारा संयुक्त रूप से तत्काल दिल्ली रवाना होकर 29 सितंबर को मात्र 24 घंटे के अंदर कश्मीरी गेट दिल्ली के पास से सकुशल बरामद किया गया। दोनों फरार व्यक्तियों के संबंध में अन्य जानकारियां प्राप्त कर उनकी तलाश जारी है। अभियोग उपरोक्त से संबंधित अग्रिम आवश्यक कार्यवाही जारी है।
पुलिस टीम में उप निरीक्षक चिंतामणि मैठाणी चौकी प्रभारी आईडीपीएल, कांस्टेबल सचिन सैनी, कांस्टेबल युवराज सिंह, कांस्टेबल दुष्यंत, कांस्टेबल रोमिल, कांस्टेबल नवनीत नेगी, एसओजी देहात, कांस्टेबल मनोज, एसओजी देहात शामिल रहे।