मुख्य सचिव ने दिए, कम संसाधनों से अधिकतम आउटकम प्राप्त करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस सन्धु की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
मुख्य सचिव ने कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, उद्यान विभाग, मत्स्य विभाग, डेयरी विभाग, सगंध पौध केन्द्र सेलाकुई, भरसार उद्यान विश्वविद्यालय आदि विभागों के अधिकारियों को निर्देशित किया कि उनके विभागों के अधीन मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना के अंतर्गत जो भी कार्य किये जा रहे हैं अथवा किये जाने हैं उनकी उचित गुणवत्ता बरकरार रखते हुए उन्हें तेजी से पूरा करें। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बनाये जाने वाले प्रोजेक्ट में व्यावहारिकता का ध्यान रखा जाए तथा प्रोजेक्ट इस तरह से बनाये जाएं जो धरातल पर वास्तव में इंप्लीमेंट भी हो जाए तथा सभी परियोजनाओं का आउटकम भी अनिवार्य रूप से प्राप्त होना चाहिए। निर्देशित किया कि योजना के अंतर्गत किये जाने वाले विभिन्न कार्यों में कम संसाधनों से अधिकतम आउटकम प्राप्त करने के नजरिये से कार्य करें, साथ ही किसानों, काश्तकारों तथा कृषि व इससे जुड़े हुए सहायक उद्योगों में संलग्न लोगों का अधिकाधिक कल्याण सुनिश्चित हो।
इस दौरान सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में पूर्व में स्वीकृत की गयी 16 परियोजनाओं की प्रगति का विवरण मुख्य सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया गया। इसके अतिरिक्त इस दौरान पशुपालन विभाग तथा सगंध पौध केन्द्र से संबंधित दो परियोजनाओं की लागत में संशोधन किया गया साथ ही 4 विभागों की उद्यान विभाग, कृषि विभाग व भरसार उद्यान विश्वविद्यालय पौड़ी की 1-1 परियोजना तथा मत्स्य विभाग की 2 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की गयी।
इस अवसर पर बैठक में सचिव कृषि मीनाक्षी सुन्दरम, निदेशक कृषि गौरीशंकर, निदेशक उद्यान एच.एस. बवेजा, निदेशक पशुपालन डॉ. प्रेम कुमार, निदेशक सगंध पौध केन्द्र सेलाकुई डॉ. नृपेन्द्र चौहान, भरसार उद्यान विश्वविद्यालय के निदेशक डॉ. अनमोल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

धामी सरकार का इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर, प्रोत्साहन राशि की घोषणा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस पर आयोजित वेबिनार में प्रतिभाग किया। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से इलेक्ट्रिक वाहनों पर प्रोत्साहन राशि की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को कम करने के लिए निजी इलेक्ट्रिक दो पहिया व चार पहिया वाहनों की खरीद पर पोल्युशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यह प्रोत्साहन राशि निजी प्रयोग में लाये जाने वाले प्रथम 5 हजार दो पहिया और प्रथम 1 हजार चार पहिया वाहनों के लिए अनुमन्य होगी। प्रोत्साहन की धनराशि दो पहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का 10 प्रतिशत अथवा रुपए 7500 जो भी कम हो और चार पहिया वाहनों के लिए वाहन के मूल्य का 5 प्रतिशत अथवा रुपये 50,000 जो भी कम हो, होगा। प्रोत्साहन की धनराशि बैक एंडेड सब्सिडी के रूप में डीबीटी के माध्यम से सीधे बैंक व वित्तीय संस्थाओं या डीलर को उपलब्ध करायी जायेगी।
इसी प्रकार इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग हेतु स्थापित किये जाने वाले चार्जिंग स्टेशन के विद्युत अधिभार को दो वर्षों तक के लिए घरेलू श्रेणी में रखा जायेगा। यह स्थापित होने वाले प्रथम 250 चार्जिंग स्टेशन के लिए अनुमन्य होगा। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए समस्त व्यक्ति/संस्था अनुमन्य होंगे, जिनके पास पर्याप्त स्थान उपलब्ध होगा व स्थानीय नगर निकाय की अनुमति प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभानी होगी। इसके लिए जनसामान्य में जागरूकता जरूरी है। इस संबंध में हिमालयी राज्यों के साथ सम्मेलन पर भी विचार किया जा रहा है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा। प्रकृति के संरक्षण के लिए हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालय हमारी विरासत और भविष्य दोनों ही है। आने वाली पीढ़ी के लिए सतत विकास की नीति पर बल दिया जाना चाहिए। हिमालय से सदानीरा नदियां प्रवाहित होती हैं, जिनके किनारे मानव सभ्यता विकसित हुई है। जलस्त्रोतों और वनों का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता में है। हिमालय पूरे विश्व और मानवता के लिए महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, प्रसिद्ध पर्यावरणविद स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा जी की स्मृति में ‘सुंदर लाल बहुगुणा प्रकृति संरक्षण पुरस्कार’ प्रारम्भ करने जा रही है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि हिमालय भारत का प्रहरी है। यहां बहुमूल्य जड़ी बूटियां प्राप्त होती हैं। हिमालय दिवस को बड़े स्तर पर आयोजित किए जाने की आवश्यकता है। स्कूली पाठ्यक्रमों में हिमालय संरक्षण संबंधी अध्याय होना चाहिए।
पर्यावरणविद पद्मभूषण डॉ. अनिल जोशी ने कहा कि हिमालय संरक्षण के लिए लोगों में जागरूकता बढ़ी है। आज देश भर में 200 से अधिक स्थानों पर हिमालय दिवस मनाया जा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि पारिस्थितिकी और आर्थिकी को जोड़ते हुए उत्तराखण्ड के लिए स्टेट प्लान बनाया जाना चाहिए।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि राज्य स्तर और जिला स्तर पर पर्यावरण योजना बनाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। नदियों और जल स्त्रोतों के संरक्षण पर भी काफी काम किया गया है।
कार्यक्रम में हिमालय यूनाइटेड मिशन (हम) की पुस्तक ’हिमालय दिवस’ का विमोचन किया गया। हिमालय दिवस पर आयोजित इस वेबिनार में अपर प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शासन के वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए 55.75 करोड़ रूपये की स्वीकृति

राज्य सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें स्वावलंबी बनाने के लगातार प्रयास कर रही है। राज्य के महिला स्वयं सहायता समूहों को कोरोना के प्रतिकूल प्रभाव से उबारने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तकरीबन 55.75 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति जारी की है।
असंगठित ग्रामीण महिलाओं को संगठित करने और उन्हें स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से राज्य में ‘मुख्यमंत्री महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना’ संचालित की जा रही है। सरकार महिलाओं को समूह में छोटी-छोटी बचत करने तथा अपनी छोटी-मोटी जरूरतों की पूर्ति के लिए समूह में ही न्यूनतम दर पर लेन-देन हेतु सक्षम बनाने में सहयोग प्रदान कर रही है। लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना महामारी का प्रभाव इन समूहों की व्यवसायिक गतिविधियों पर भी पड़ा है। हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला स्वयं सहायता समूहों और राज्य सरकार की स्वरोजगार योजनाओं से जुड़े लाभार्थियों को 118 करोड़ 35 लाख रुपये की राशि का राहत पैकेज घोषित किया था। बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसमें से महिला स्वयं सहायता समूहों की सहायता के लिए 55.75 करोड़ का बजट जारी कर दिया है। उनका कहना है कि सूबे की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में स्वयं सहायता समूहों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इनसे मुख्यरूप से पहाड़ की लाखों महिलाएं जुड़ी हुई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हर हाल में महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहित करती रहेगी। आयुक्त ग्राम्य विकास आनंद स्वरूप ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री द्वारा घोषित राहत पैकेज से 42989 महिला स्वयं सहायता समूहों को छह माह के लिए दो-दो हजार रुपये की दर से सहायता राशि दिया जाना, 30365 महिला स्वयं सहायता समूहों को पिछले वित्तीय वर्ष में लिये गए बैंक ऋण के ब्याज की प्रतिपूर्ति करना और 159 क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) को एकमुश्त 5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देना शामिल है। इसके लिए कुल 84 करोड़ का बजट चाहिए जिसमें से मुख्यमंत्री ने फिलहाल 55.75 करोड़ की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की है।

सीएम पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर हो रही हैं मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विभिन्न विभागों के अन्तर्गत सीएम घोषणाओं की समीक्षा अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन द्वारा की जा रही है। इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने बुधवार को पर्यटन विभाग से सम्बन्धित सीएम घोषणाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्धारित समय सीमा के अन्दर सीएम घोषणाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में बताया गया कि पर्यटन विभाग में मुख्यमंत्री घोषणा के अन्तर्गत 109 घोषणाएं हुई हैं, जिनमें से विभाग द्वारा 65 घोषणाओं में शासनादेश निर्गत किया जा चुका है।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि विभाग द्वारा उन घोषणाओं जिनके क्रियान्वयन हेतु शासनादेश निर्गत कर दिया गया है, विभाग द्वारा निरन्तर प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय। विभाग द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि शासनादेश किये जाने हेतु 34 घोषणाएं अवशेष हैं। उन्होंने निर्देश दिये कि विभाग द्वारा उक्त के संदर्भ में समयबद्ध रूप से 1 माह के भीतर माह में शासनादेश निर्गत करने की कार्यवाही की जाय एवं घोषणाओं की पूर्ति हेतु निरन्तर अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय।
बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, प्रभारी सचिव एस०एन०पाण्डे, उपसचिव हीरा सिंह बसेड़ा, उप सचिव चिरंजी लाल उपस्थित थे।

विद्यालयी शिक्षा में सीएम घोषणाओं की समीक्षा की

विद्यालयी शिक्षा विभाग में 77 प्रतिशत से अधिक घोषणाएं पूर्ण की जा चुकी हैं। जबकि शेष पर कार्यवाही गतिमान है। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शिक्षा विभाग के अंतर्गत सीएम घोषणाओं की समीक्षा करते हुए शेष घोषणाओं को नियत टाईम फ्रेम में पूरा करने के निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर विभिन्न विभागों के अन्तर्गत सीएम घोषणाओं की समीक्षा अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन द्वारा की जा रही है।
इसी क्रम में अपर मुख्य सचिव ने मंगलवार को विद्यालयी शिक्षा विभाग से सम्बन्धित सीएम घोषणाओं की समीक्षा की। उन्होंने निर्धारित समय सीमा के अन्दर घोषणाओं को पूर्ण करने के निर्देश दिये हैं।
विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा के दौरान बताया गया कि विभाग के अन्तर्गत कुल 155 घोषणाओं में 120 घोषणायें पूर्ण हो चुकी है तथा 35 घोषणायें अवशेष है जिनमें 31 घोषणाओं की कार्यवाही गतिमान है तथा 4 निरस्त होने वाली घोषणायें है।
समीक्षा के दौरान अपर मुख्य सचिव ने घोषणाओं के क्रियान्वयन हेतु टाईमलाइन निर्धारित करते हुये अवशेष घोषणाओं को जल्द पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कि विभाग द्वारा जिन घोषणाओं के क्रियान्वयन के लिए शासनादेश निर्गत कर दिया गया है, विभाग द्वारा निरन्तर प्रभावी अनुश्रवण सुनिश्चित किया जाय। निर्धारित प्रारूप के अनुसार विभागीय स्तर पर भी समय-समय पर समीक्षा की जाय।
अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने निर्देश दिये कि राजीव गांधी नवोदय विद्यालय के भवन निर्माण का प्रस्ताव मंत्रिमण्डल के विचारार्थ प्रस्तुत किया जाये। ज्वालापुर धीरवाली में राजकीय कन्या इण्टर कालेज के भवन का निर्माण करने के सम्बन्ध में 1 सप्ताह के भीतर शासनादेश निर्गत किये जाए।
स्व0 राजेन्द्र शाह इण्टर कालेज का पुनर्निर्माण के सम्बन्ध में वित्तीय एवं प्रशासकीय स्वीकृति निर्गत की जा चुकी है। अतः उक्त निर्माण कार्य समयबद्ध रूप से पूर्ण किया जाये। विधानसभा क्षेत्र खटीमा के अन्तर्गत राइका बण्डिया में चाहरदीवारी गेट व गाडी पार्किंग के निर्माण के लिए एक सप्ताह में शासनादेश निर्गत कर दिया जाये।
अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि अन्य घोषणाओं के सम्बन्ध में भी समयबद्ध रूप से शासनादेश निर्गत करा दिये जाये।

फल, सब्जी उत्पादन को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में कृषि एवं उद्यान आदि विभागों की समीक्षा की। कृषि एवं उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, आर. मीनाक्षी सुन्दरम के साथ ही सम्बन्धित विभागों के अधिकारी समीक्षा बैठक में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि एवं औद्यानिकी के क्षेत्र की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से स्वरोजगार को बढ़ावा देने एवं पलायन रोकने में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों को लाभान्वित करने तथा कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये राज्य एवं केन्द्र सरकार की कृषि एवं औद्यानिक विकास से सम्बन्धित योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के परम्परागत उत्पादों के साथ ही फल एवं सब्जी उत्पादन पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसके लिये प्रोसेसिंग यूनिटों की स्थापना के साथ ही उत्पादों की मार्केटिंग के लिये मार्केटिंग कम्पनी बनाये जाने की कार्य योजना अविलम्ब तैयार की जाय। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों को सिंचाई की बेहतर व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिये सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन में कृषि विभाग की भी सहभागिता सुनिश्चित करायी जाय।
मुख्यमंत्री ने परम्परागत कृषि विकास योजना तथा इसके अधीन लघु कृषक समूह प्रमाणीकरण के कलस्टर तैयार करने में भी तेजी लाये जाने हेतु भारत सरकार से पुनः अनुरोध किये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आने वाले करोड़ों पर्यटकों तक राज्य के जैविक एवं परम्परागत उत्पादों की पहुंच बनाने के भी प्रयास होने चाहिए। उन्होंने राज्य के चार जनपदों में मधु ग्राम योजना का प्रस्ताव भी अविलम्ब तैयार करने तथा हार्टिटूरिज्म को बढ़ावा देने पर भी बल दिया।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं कि किसानों एवं कास्तकारों को गुणवत्ता युक्त बीज एवं खाद आसानी से उपलब्ध हो इसकी व्यवस्था की जाय, उन्होंने उद्यान विभाग के उद्यानों के बेहतर उपयोग पर ध्यान देने तथा उनमें मौसमानुकूल नर्सरी विकसित करने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने एरोमा पार्क के विकास में तेजी लाने, जड़ी-बूटी एवं हर्बल उत्पादन को भी स्वरोजगार से जोड़ने की कार्य योजना बनाने को कहा।
सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभागीय प्रगति एवं कार्यकलापों की जानकारी दी।

मुख्यमंत्री की अल्मोड़ा को सौगात, 29895 लाख रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने अल्मोड़ा जनपद भ्रमण के दौरान आज पाण्डेखोला स्थित नये कलेक्ट्रेट भवन का लोकार्पण किया। पाण्डेखोला स्थित नवीन कलेक्ट्रेट में कोषागार, जिला शासकीय अधिवक्ता कार्यालय, अभियोजन कार्यालय, आबकारी कार्यालय व अन्य पटलों ने कार्य करना शुरू कर दिया है। धीरे-धीरे सभी पटल यहॉ शिफ्ट हो जायेंगे। इस दौरान हुए सूक्ष्म कार्यक्रम में मुख्यमंत्री द्वारा कई लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र व सहायता राशि के चैक वितरित किये। जिनमें पीएमइजीपी योजना के अन्तर्गत 2 लाभार्थी व मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत 3 लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र वितरित किये गये। समाज कल्याण विभाग द्वारा दिये जाने वाले 5 दिव्यांग जन लाभार्थियों को सहायक उपकरण वितरित किये गये। इसके अलावा 5 लाभार्थी महिलाओं को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट व 5 लाभार्थियों को पर्यटन विभाग द्वारा कोविड के कारण हुए आर्थिक नुकसान हेतु दिये जाने वाली सहायता राशि दो हजार रू0 की प्रथम किश्त के रूप में प्रदान की गई। इस अवसर पर उन्होंने कुल 29894.89 लाख रू0 की योजनओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया जिसमें 18097.83 लाख रू0 की योजनाओं का लोकार्पण एवं 11797.06 लाख रू0 की योजनाओं का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिन विकास योजनाओं का लोकार्पण किया उसमें देवलीखान ग्राम समूह (पम्पिंग) पेयजल योजना लागत 2012.53 लाख रू0, नन्दादेवी मंदिर के गीता भवन का पुर्ननिर्माण संरक्षण/रखरखाव लागत 69.11 लाख रू0, डाल लिफ्ट सिंचाई योजना का निर्माण (जिला योजना) लागत 97.96 लाख रू0, सुपईखान से बमनतिलाड़ी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य लागत 464.67, सुपईखान से बमनतिलाड़ी के कि0मी0 06 पर 24 मी0 स्पान स्टील गार्डर ब्रिज का निर्माण लागत 99.24 लाख रू0, दलबैंड से नैनी मोटर मार्ग का निर्माण कार्य स्टेज-2 लागत 258.63 लाख रू0 है। भिकियासैंण में जल संर्वद्धन/जल संरक्षण मद में सौगड़ गधेरे पर वियर-निर्माण की योजना लागत 206.88 लाख रू0, तहसील स्याल्दे सड़क मार्ग के डामरीकरण का कार्य (चचरोटी-स्याल्दे-भाकुड़ा) लागत 360.38 लाख रू0, राजकीय इण्टर कालेज भण्डारखोला में पुस्ताकालय कक्ष, विज्ञान, प्रयोगशाला कक्ष, एवं अतिरिक्त कक्षा कक्ष निर्माण कार्य लागत 84.150 लाख रू0, रा0इ0का0 मानिला का जीर्णाेद्धार लागत 99.690 लाख रू0, इन्हलू भटूली लिफ्ट सिंचाई योजना का निर्माण लागत 173.02 लाख रू0 है।
तोली से मैचून तक लिंक मार्ग का निर्माण लागत 92.66 लाख रू0, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय धारखोल लमगड़ा का निर्माण कार्य लागत 52.17 लाख रू0, रा0उ0मा0वि0 छतोला बलमा का निर्माण लागत 38.35 लाख रू0, जागेश्वर के अन्तर्गत खोला मोटर मार्ग से बर्ताेली मोटर मार्ग का निर्माण 227.93 लाख रू0, जैंती पीपली से सेल्टाचापड़ मोटर मार्ग लागत 432.64 लाख रू0, तलेड़ बैंड से बिरखोला भैसारी मल्ली मोटर मार्ग का निर्माण लागत 520.68 लाख रू0, मोरनौला-जैंती मोटर मार्ग किमी0 21 से चौकुना मोटर मार्ग का निर्माण लागत 783.81 लाख रू0, पशु चिकित्सालय में अनावसीय भवन का निर्माण लागत 20.47 लाख रू0 नाबार्ड मद के अन्तर्गत काकड़ीघाट से सिरौता नदी तक बाढ़ सुरक्षा योजना लागत 245.33 लाख रू0, ताकुला में 33/11 के0वी0 उप संस्थान का निर्माण लागत 472.06 लाख रू0, रानीखेत प्राथमिक विद्यालय टानारैली में कक्षा-कक्षा का निर्माण लागत 35.22 लाख रू0, रा0उ0मा0वि0 सौनी में दो कक्षा-कक्षों का निर्माण लागत 30.30 लाख रू0, रा0उ0मा0वि0 सिरमोली में दो कक्षा-कक्षों का निर्माण लागत 30.30 लाख रू0, ग्राम खत्याड़ी में ग्राम सिंगोली से रीठा महादेव तक मोटर मार्ग के नव निर्माण कार्य लागत 281.00 लाख रू0, रा0उ0मा0वि0 सोनी में कक्षा-कक्षा एवं शौचालय खण्ड के निर्माण कार्य लागत 21.660 लाख रू0, चमड़खान ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना लागत 1758.20 लाख रू0, चिनियानौला ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना लागत 2040.11 लाख रू0, सीएचसी द्वाराहाट में चिकित्साधिकारियों के लिए ट्रान्जिट होस्टल का निर्माण लागत 242.270 लाख रू0, सीएचसी चौखुटिया में चिकित्साधिकारियों के लिए ट्रान्जिट होस्टल का निर्माण लागत 242.110 लाख रू0,
चौखुटिया में ग्राम गंगा बायी नगर का पुनरोद्धार की योजना लागत 296.27 लाख रू0, मनसादेवी मन्दिर का सौन्दर्यकरण लागत 49.540 लाख रू0, रामपुर भनोटिया ग्राम समूह पपिम्ग योजना लागत 762.05 लाख रू0, धौलछीना से कांचुला मोटर मार्ग स्टेज-2 लम्बाई 5.650 किमी0 लागत 33.90 लाख रू0, नये कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण लागत 3623.32 लाख रू0, रा0इ0का0 मानिला का जीर्णाेद्धार लागत 99.690 लाख रू0, भागादेवली से विनायक मेरगॉव मोटर मार्ग स्टेज-2 लम्बाई 6.900 लाख रू0, देवलीखान ग्राम समूह पेयजल योजना लागत 2012.53 लाख रू0, चौबटिया कुनलाखेत बमस्यू मोटर मार्ग का पुनः निर्माण कार्य लागत 233.36 लाख रू0, जाल से लखनारी मोटर मार्ग स्टेज 2 लागत 255.52 लाख रू0, भिकियासैंण में जल संर्वद्धन/ जल संरक्षण मद में सौगड़ गधेरे पर वियर निर्माण की योजना लागत 206.88 लाख रू0, अल्मोड़ा मेडिकल कालेज पेयजल योजना लागत 1090.62 लाख रू0, अल्मोड़ा जलोत्सारण योजना लागत 2515.56 लाख रू0, राजकीय पशु चिकित्सालय कफड़खान में चारा बैंक निर्माण लागत 13.430 लाख रू0, केन्द्रीय विद्यालय अल्मोड़ा में 02 कक्षा कक्षों का निर्माण लागत 39.220 लाख रू0, सराईखेत में मिनी स्टेडियम का निर्माण लागत 99.23 लाख रू0, अल्मोड़ा पनार मोटर मार्ग के किमी0 38 सेघुरकुना मोटर मार्ग लागत 401.79 लाख रू0, अल्मोड़ा-शहरफाटक-चायखान-रणाऊ मोटर मार्ग लागत 508.74 लाख रू0,
रा0उ0प्रा0वि0 बधाण का निर्माण लागत 28.15 लाख रू0, ताकुला के अयारपानी में हैल्थ वेलनैस सेन्टर का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0। ताकुला के गणनाथ में हैल्थ वेलनेस सेन्टर का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0, कोट्यूड़ा में हैल्थ वैलनेस सेन्टर का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0, सुनोली में हैल्थ वेलनेस का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0 लोद में हैल्थ वेलनेस का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत सोमेश्वर में 6 पेयजल योजनाओं का शिलान्यास लागत 177.90 लाख रू0, रमेला, डूगरी और उतरौड़ा में गूल, सिंचाई टैंक का निर्माण लागत 35.37 लाख रू0, दौलाघट में मिनी स्टेडियम का निर्माण लागत 62.92 लाख रू0, कठपुड़िया-बंगसर मोटर मार्ग का निर्माण लागत 105.00 लाख रू0, चिलियानौला के कार्यालय भवन का निर्माण लागत 197.92 लाख रू0, रानीखेत में तहसील के क्षतिग्रस्त आवास एवं कान्फ्रेस हॉल निर्माण है लागत 414.08 लाख रू0, जी0जी0आई0सी0 द्वाराहाट में मल्टी परपस हॉल का निर्माण लागत 120.76 लाख रू0, नगर पंचायत द्वाराहाट में टैक्सी स्टैण्ड का निर्माण लागत 104.74 लाख रू0, रा0इ0का0 चौखुटिया में प्रयोगशाला निर्माण लागत 55.00 लाख रू0 है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिन योजनाओं का शिलान्यास किया उनमें दामूधारा से सरसों तक लिंक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 50.01 लाख रू0, कठपुड़िया-बंगसर मोटर मार्ग लागत 105.00 लाख रू0, द्वारसों-काकड़ीघाट मोटर मार्ग से टूरकोटा ग्राम तक मार्ग का निर्माण लागत 105.00 लाख रू0, ज्योली-बसर-खूॅट मोटर मार्ग में निर्माणाधीन कार्यों से बसगॉव-दड़माड़ मोटर मार्ग का निर्माण लागत 69.93 लाख रू0, ज्योली-बसर-खूॅट मोटर मार्ग के किमी0 2 में 18 किमी0 स्पान सिंगल लेन सेतु का निर्माण लागत 166.26 लाख रू0, पशुपालकों को चारा उपलब्ध कराना लागत 17.00 लाख रू0, अल्मोड़ा में पर्यटकों के सूचनार्थ/मार्गदर्शन हेतु साईनेजों का निर्माण लागत 15.00 लाख रू0, लघुउडियार संरक्षण कार्य लागत 40.00 लाख रू0, अल्मोड़ा के विभिन्न स्थानों पर म्यूरल्सों का निर्माण लागत 15.00 लाख रू0, रानी महल का संरक्षण एवं जीर्णाेद्धार लागत 17.50 लाख रू0, कोसी बैराज में सहासिक गतिविधियों/साईनेज डेवलेप्मेंट लागत 20.00 लाख रू0, स्याहीदेवी मन्दिर में व्यू पाइंट व मचान का निर्माण लागत 15.00 लाख रू0, जसुलीदेवी धर्मशाला कटारमल का जीर्णाेद्वार लागत 10.00 लाख रू0, प्रा0 स्वास्थ्य केन्द्र टाईप ए कनारीछीना का भवन निर्माण कार्य लागत 196.58 लाख रू0, सीएमओ कार्यालय परिसर में दवा गोदाम का भवन निर्माण लागत 240.89 लाख रू0, रा0इ0का0 कमलेश्वर में दो कक्षा-कक्षों का निर्माण लागत 40.91 लाख रू0,
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत राजकीय कुक्कुट प्रक्षेत्र हवालबाग का निर्माण कार्य लागत 8.50 लाख रू0, होटल मैनेजमेंट संस्थान का सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकरण लागत 62.05 लाख रू0, राजकीय प्राथमिक विद्यालय गधोली में भवन निर्माण कार्य लागत 27.55 लाख रू0, राजकीय प्राथमिक विद्यालय कफलकोट में भवन निर्माण कार्य लागत 24.84 लाख रू0, शासकीय कार्यालयों/भवनां में 05-05 किलो क्षमता के ऑफ ग्रिड सोलर पावर प्लान्टों की स्थापना लागत 72.60 लाख रू0, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत विधानसभा अल्मोड़ा की 14 पेयजल योजनाओं का शिलान्यास लागत 972.04 लाख रू0, बिरोड़ा लिफ्ट सिंचाई योजना का निर्माण लागत 86.10 लाख रू0, महतगॉव लिफ्ट सिंचाई योजना का पुनरोद्धार लागत 50.59 लाख रू0, पशुपालकों को चारा उपलब्ध कराना लागत 17.00 लाख रू0, जैनल से डोटियाल मुख्य मार्ग से कुन्हील तक मोटर मार्ग का डामरीकरण लागत 227.27 लाख रू0, पौराणिक कालिका मन्दिर मठखानी के सौन्दर्यकरण लागत 82.62 लाख रू0, जूनियागढ़ी मंदिर के सौन्दर्यकरण लागत 46.60 लाख रू0, पशुपालकों को चारा उपलब्ध कराना लागत 17.00 लाख रू0,
रा0इ0का0 जालली में इण्टर प्रयोगशाला निर्माण लागत 55.00 लाख रू0, रा0इ0का0 सराईखेत में इण्टर कालेज प्रयोगशाला का निर्माण लागत 55.00 लाख रू0, रा0इ0का0 क्वैराला/सल्ट में इण्टर कालेज प्रयोगशाला का निर्माण लागत 55.00 लाख रू0, स्याहीदेवी मण्डल ग्राम पपोली में मिनी स्टेडियम का निर्माण लागत 99.68 लाख रू0, राजकीय महाविद्यालय सल्ट के भवन निर्माण का कार्य लागत 299.750 लाख रू0, रा0इ0का0 लमगड़ा में अनुरक्षण कार्य लागत 20.00 लाख रू0, रा0इ0का कनरा में इण्टर कालेज प्रयोगशाला का निर्माण लागत 55.00 लाख रू0, झॉकरसैम में स्थल विकास एवं सौन्दर्यकरण लागत 10.00 लाख रू0, जल जीवन मिशन के अन्तर्गत विधानसभ जागेश्वर की 11 पेयजल योजनाओं का शिलान्यास 257.24 लाख रू0, सोमेश्वर के बड्यूड़ा से थपनिया तक मोटर मार्ग का नवनिर्माण 240.76 लाख रू0, निरई मोटर मार्ग से ओलिया गॉव लउदमपुर व सूपाकोट तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 42.20 लाख रू0, रा0इ0का0 सोमेश्वर में वृहद् मरम्मत कार्य लागत 30.00 लाख रू0
पिनाकेश्वर महादेव मन्दिर ट्रेकिंग मार्ग में रैन शैल्टर बैंच छतरी का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0, रा0का0जू0हा0 जैनोली में भवन निर्माण लागत 10.00 लाख रू0, रा0इ0का0 ताड़ीखेत में इण्टर कालेज प्रयोगशाला का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0, रा0इ0का0 चौमूधार में 02 कक्षा-कक्षों का निर्माण लागत 10.00 लाख रू0, रानीखेत में चमड़खान कनोली, सैलापानी मोटर मार्ग का निर्माण लागत 240.76 लाख रू0, रा0इ0का0जू0हा0 जैनोली में भवन निर्माण लागत 56.18 लाख रू0, रा0इ0का0 ताड़ीखेत में प्रयोगशाला का निर्माण लागत 55.00 लाख रू0, रा0इ0का0 चौमूधार में 02 कक्षा-कक्षों का निर्माण लागत 40.91 लाख रू0, द्वाराहाट में छब्बीसी-बग्वालीपोखर मोटर मार्ग का सुधारीकरण एवं डामरीकरण लागत 401.00 लाख रू0, द्वाराहाट में कफड़ा-बडे़त-तिपौला मोटर मार्ग सुधारीकरण एवं डामरीकरण लागत 286.69 लाख रू0, द्वाराहाट में सिमलगॉव-सुरईखेत मोटर मार्ग के सुधारीकरण एवं डामरीकरण का कार्य लागत 227.02 लाख रू0 है।
इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान, जनपद प्रभारी मंत्री बिशन सिंह चुफाल, विधायक द्वाराहाट महेश नेगी, विधायक सल्ट महेश जीना, डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे, जिलाधिकारी वन्दना सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट, मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पाण्डे सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

23 औद्योगिक प्रस्ताव स्वीकृत, तीन हजार को मिलेगा रोजगार

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.सन्धू की अध्यक्षता में उनके सचिवालय सभागार में उत्तराखण्ड उद्यम एकल खिड़की सुगमता एवं अनुज्ञापन अधिनियम-2012 के अन्तर्गत गठित राज्य प्राधीकृत समिति की बैठक आयोजित की गई। समिति द्वारा 1013.61 करोड़ रूपये (एक हजार तेरह करोड़ इकसठ लाख रूपये) के 23 औद्योगिक निवेश प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया जिनसे 2952 लोगों को रोजगार देना प्रस्तावित है।
अनुमोदित औद्योगिक प्रस्तावों में वाफ्ट एग्रो इण्डस्ट्रिज का उधम सिंह नगर जसपुर में लिक्विड ग्लूकोज/राइस गुलेटिन प्लाण्ट, नेचर फ्रोजेन फूडस का बाजपुर में फ्रूट वैजिटेबल्स प्लाण्ट, ऑलवेज फ्रेश फूट्स सीए स्टोर का कालाढूंगी, नैनीताल में फ्रूट वैजीटेबल प्लाण्ट, जय औटोमोटिव कम्पोनेन्टस का रूद्रपुर में आयरन कास्ट मशिन्ड ब्रेकेटस, केमर वैल्यु लाइफसाइन्स का रामनगर रोड काशीपुर में मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल, सन्तलादेवी रिसौर्ट नाल्जवाड़ी देहरादून में फाइव स्टार होटल, ट्यूब इन्वेस्टमेंट ऑफ इण्डिया लिमिटेड मेटल फार्मिंग का गंगनॉली लक्सर में साइडवाल-कोल्ड रोल फॉर्मिंग फौर रेलवेज, किरन फूड का किच्छा, रूद्रपुर में फ्रूट वैजिटेबल प्लाण्ट, प्रीतम इण्टरनेशनल का भगवानपुर में हैण्डवाश/शैम्पू प्लाण्ट, गढ़वाल वेन्चर्स का ढालवाला, टिहरी में आयुर्वेदिक मेडिसिन प्लाण्ट, इवोल्ट फार्मासिटिकल्स का भगवानपुर, हरिद्वार में एलोपैथिक फार्मास्टिकल प्लाण्ट, मरूश ओवरसीज का भगवानपुर, हरिद्वार में बल्क ड्रग्स और फार्मास्टिकल रा मेटेरियल प्लाण्ट, टिब्रेवाला इलैक्ट्रिक्लस का रूड़की में इलैक्ट्रिक फैन विद पावर प्लाण्ट, मदीना फ्रीजन एग्रो फूडस का किच्छा में पौल्ट्री एण्ड अदर स्लटरिंग प्रिपेशन प्लाण्ट, गोल्ड प्लस फ्लोर ग्लास का रूड़की में सिल्वर ग्लास प्लान्ट, अकुम्स हैल्थकैयर का कोटद्वार में एलोपैथिक फॉर्मास्टिकल्स प्लाण्ट, ताल्फ एएसआर उर्जा लिमिटेड का कालाढूंगी, नैनीताल में सोलर एनर्जी जनरेटर, फ्यूरिस्टिक अल्टिमेट एनर्जी का मुनस्यारी में सोलर पावर जनरेशन, विवान सोलर लिमिटेड का लक्सर रोड़ हरिद्वार में सोलर एनर्जी इलैक्ट्रिक पावर जनरेशन, सोलर पावरटैक का सिन्धी पट्टी इदवालस्यू पौड़ी में सोलर इलैक्ट्रिक प्लाण्ट, वोल्ट्रोन कौल्सियम का मंगलोर हरिद्वार में कौल्सियम कार्बाेनेट प्लाण्ट तथा आरोग्यम एजुकेशनल ट्रस्ट का भगवानपुर रूड़की में 300 बैड हॉस्पिटल से सम्बन्धित औद्योगिक निवेश प्रस्ताव सम्मिलित है।
मुख्य सचिव ने इस दौरान अन्य सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया कि राज्य में औद्योगिक निवेश हेतु प्राप्त होने वाले प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर अनुमोदन हेतु प्रस्तुत करें। उन्होंने अनुमोदन प्रक्रिया को संक्षिप्त करने तथा अनुमोदन हेतु मुख्य प्रावधानों को पूरा करने वाले औद्योगिक प्रस्तावों पर शीघ्रता से विचार करते हुए कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी विभागों को उनके स्तर पर विभिन्न अनापत्तियों का तेजी से निराकरण और निस्तारण के निर्देश दिये।
बैठक में सचिव राधिका झा, शैलेश बगोली, प्रभारी सचिव वी षणमुगम, अपर सचिव यूएन पाण्डेय, अतर सिंह, केएस नगन्याल, डॉ. आनन्द श्रीवास्तव, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

संसदीय जीवन पर चर्चा के साथ कोश्यारी के योगदान को सराहा

सोमवार को राजपुर रोड स्थित होटल में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के लोकसभा व राज्यसभा में दिए गए भाषणों एवं याचिका समिति के अध्यक्ष के रूप में दिए गए निर्णयों पर आधारित पुस्तक “भारतीय संसद में भगत सिंह कोश्यारी“ पुस्तक के संबंध में उनकी उपस्थिति में परिचर्चा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, गणेश जोशी, रेखा आर्या, विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह, सांसद अजय टम्टा, नरेश बंसल, विधायक एवं भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, बलवंत सिंह भोर्याल, भाजपा नेता श्याम जाजू, साहित्यकार लक्ष्मी नारायण भाला सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
परिचर्चा में सभी वक्ताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के भारतीय संविधान में विहित सदनों, लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा एवं विधान परिषद में उनके द्वारा उठाए गए जनहित एवं राष्ट्रहित से संबंधित मुद्दों की सराहना की। सभी ने कोश्यारी को युगदृष्टा बताते हुए उन्हें आम आदमी से जुड़ा उदार व्यक्तित्व वाला महान व्यक्ति बताया, सभी ने कोश्यारी के ‘‘वन रैंक वन पेंशन’’ की भूमिका तैयार करने के प्रयासों की भी सराहना की। उन्हें सर्वधर्म समभाव, राष्ट्रभक्त एवं राष्ट्रभाषा का समर्थक भी बताया।
राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सभी को जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि राष्ट्र के स्वाभिमान, गौरव एवं राष्ट्रीय अस्मिता को बचाने का दायित्व हम सबका है। इसमें हमारे सांसदों एवं विधायकों की विशेष जिम्मेदारी है। यह कार्य संसद एवं विधानसभाओं में स्वस्थ परिचर्चा के माध्यम से किया जाना चाहिए। ग्राम सभा से लेकर लोक सभा तक लोग कैसे देश को आगे बढ़़ाने में अपना योगदान दे सकें इस पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। उन्होंने हाल में उत्तराखण्ड विधानसभा में हुई स्वस्थ परिचर्चा को जनता के बेहतर हित में बताया।
उन्होंने कहा कि वर्षों पहले रेडियो में संसद समीक्षा हम बड़े ध्यान से सुनते थे जिसमें देश के पक्ष एवं विपक्ष के योग्य सांसदों की बहस की समीक्षा होती थी। ऐसी ही स्वस्थ परिचर्चा हमारी संसद एवं विधान सभाओं में भी होनी चाहिए। उन्होंने राज्य सभा में गुलाम नबी आजाद की विदाई की घटना को देश में सहिष्णुता का वातावरण बनाने वाला बताया। कोश्यारी ने कहा कि हमें अपनी मातृभाषा, राष्ट्रभाषा पर अभिमान होना चाहिए। उन्होंने उदाहरण दिया कि पहले महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों में होने वाले कार्यक्रम अंग्रेजी में होते थे उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों को मातृभाषा व राष्ट्रभाषा में आयोजित करने की पहल की तो आज महाराष्ट्र में मराठी में कार्यक्रम आयोजित होने लगे हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र में भी हिंदी में बोलने का अवसर मिला। हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्हें भगत सिंह कोश्यारी के सानिध्य में रहकर सामाजिक व राजनैतिक क्षेत्र में कार्य करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रकाशित पुस्तक के माध्यम से कोश्यारी के जीवन दर्शन के अनेक अनछुए पहलू समाज के सामने लाये गये हैं। यह पुस्तक उनके विशाल व्यक्तित्व का भी विश्लेषण करती है। उन्होंने सामान्य परिवेश में रहकर शिखर छूने का कार्य किया है तथा अपने पुरुषार्थ से महानता प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 वर्षों से लम्बित टिहरी डैम को उसके पूर्ण स्वरूप में लाने का श्रेय भी कोश्यारी को है। प्रदेश में ऊर्जा मंत्री रहते उन्होंने इसके लिये राजनैतिक नफा नुकसान की चिंता न करते हुए बांध बनाने में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि कोश्यारी सभी नीतिगत विषयों के जानकार, दृढ निश्चय वाले व्यक्ति रहे हैं। उन्होंने उन्हें सीख दी कि अपनी ही विधानसभा नहीं पूरे प्रदेश को समझने, जन समस्याओं को जानने का प्रयास करो, वक्त आने पर व्यक्ति के अच्छे कार्यों को पहचान मिलती है।
देश में वन रैंक वन पेंशन को लागू करने की भूमिका तैयार करने में कोश्यारी के योगदान की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पिता भी पूर्व सैनिक थे जब देश में यह लागू हुआ तो उनके साथ ही क्षेत्र के सभी पूर्व सैनिकों ने खटीमा में कोश्यारी का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खटीमा में केन्द्रीय विद्यालय की स्थापना के उनके अनुरोध को भी कोश्यारी ने पूरा किया। सबको साथ लेकर चलना, छोटे-बड़े का भेदभाव न कर सभी को आगे बढ़ाने में मदद करने की भी सीख हमें कोश्यारी से मिली है। उनका जीवन हम सबके लिये निश्चित रूप में अनुकरणीय एवं प्रेरणादायी है।
पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी ने कहा कि आज के राजनैतिक परिवेश में पढ़े लिखे डिग्रीधारी तो सभी हैं लेकिन वास्तव में जिन्होंने समृद्ध साहित्य, उपनिषद आदि का गहराई से अध्ययन किया है कोश्यारी जी ऐसे वास्तविक पढ़े लिखे व्यक्ति हैं। राष्ट्र के प्रमुख राज्य महाराष्ट्र में उनकी उपस्थिति हमें गौरवान्वित करती है। उन्होंने कहा कि जो अतीत को समझता है वही वर्तमान को संवार सकता है। कोश्यारी अच्छे विचारक एवं मनीषी हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र भाषा के विकास में भी कोश्यारी का बड़ा योगदान है। राष्ट्रभाषा हिंदी का पहाड़ के विकास में बड़ा योगदान है। इस भाषा ने हमें अभिव्यक्ति एवं आत्मिक आजादी देने का कार्य किया है। उन्होंने कामना की कि हमारी युवा पीढ़ी को कोश्यारी का मार्गदर्शन निरंतर प्राप्त होता रहेगा।
प्रदेश की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य द्वारा प्रेषित अपने संदेश में प्रकाशित पुस्तक को देश प्रदेश के जनप्रतिनिधियों एवं जनता के लिये उपयोगी बताया है।
इस अवसर पर जिन लोगों ने अपने विचार रखे उनमें लक्ष्मी नारायण भाला, श्याम जाजू, पुस्तक के लेखक अमित जैन शामिल थे।

विकास की धारा को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाना है सरकार का लक्ष्य-सीएम

समग्र विकास के लिए ‘सतत विकास लक्ष्य’ पर सदन में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार विकास की धारा को समाज के अंतिम छोर तक पहुंचाने के अभियान पर चल रही है। इसके लिए सरकार ने तीन बिंदु निर्धारित किये हैं जो सरलीकरण, समाधान और निस्तारण हैं। सतत विकास लक्ष्य पर सदन में स्वस्थ परिचर्चा करवाने के लिए उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि परिचर्चा में भाग लेने के लिए सदस्यों में काफी उत्साह दिखा। उनकी ओर से कई महत्त्वपूर्ण सुझाव मिले जिन्हें सरकार भविष्य में अमल में लाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार यह देखने में आता है कि सरकारी प्रक्रिया जटिल होने से जनहित के काम प्रभावित हो जाते हैं। पत्रावलियां अनावश्यक रूप से सिस्टम में घूमती रहती हैं। आगे ऐसा न हो इसके लिए जनहित और विकास से जुड़े मामलों में प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा। उसके बाद उनका समाधान ढूंढा जायेगा और फिर तत्काल उसका निस्तारण किया जायेगा। इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि जो अधिकारी जिस काम के लिए है वो अपने स्तर से ही उसे पूरा करे, इसके लिए उसकी जवाबदेही तय की जाएगी। किसी भी कीमत पर प्रकरणों को लंबित नहीं रहने दिया जायेगा। सरकार का ‘नो पेंडेंसी’ पर फोकस रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और दिशानिर्देशन में हमारे देश ने कोरोना के खिलाफ मजबूती से जंग लड़ी। इस चुनौती से लड़ते वक्त देश कई मामलों में आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ा। पीपीई किट, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और मास्क व तमाम जीवन रक्षक दवाओं के निर्माण में हमने लंबी लकीर खींची है। देश में दुनिया का सबसे बड़ा वेक्सिनेशन अभियान चल रहा है। उत्तराखण्ड में भी यह अभियान सफलतापूर्वक लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री जी से इस संबंध में मैंने आग्रह किया था तो उसके बाद उत्तराखण्ड को इस माह अब तक 20 लाख टीके मिल चुके हैं। जबकि पहले हमको 5-6 लाख टीके प्रति माह मिलते थे। इस गति से हम आगामी दिसंबर माह तक पूरे राज्य में टीकाकरण अभियान को 100 फीसद पूरा कर लेंगे। उन्होंने कहा कि गरीब कल्याण योजना के तहत लंबे समय से करोड़ों लोगों को मुफ्त राशन मुहैया करवाया जा रहा है। सरकार की यह उपलब्धि तब है कि जब कुछ पड़ोसी देश सीमा पर अशांति फैलाने के असफल प्रयास जारी रखे हुए हैं।

सामूहिक सहभागिता से दूर होगी बेरोजगारी की समस्या
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार की तरफ से वर्तमान में लगभग 22 हजार से ज़्यादा सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या सामूहिक सहभागिता से ही हल हो सकेगी जिसके लिए हमें स्वरोजगार की तरफ भी रुख करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वरोजगार के लिए बहुत सी योजना राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही हैं लिहाजा युवाओं को इसके लिए प्रोत्साहित करना होगा।

दून-दिल्ली एलिवेटेड रोड के लिए 12000 करोड़ स्वीकृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग समेत तमाम सड़कों का कार्य प्रदेश में तेजी से चल रहा है। देहरादून से दिल्ली की दूरी आने वाले समय में महज 2 घंटे में पूरी हो जाएगी, इसके लिए एलिवेटेड रोड बनकर तैयार हो जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 12000 करोड़ रुपए की स्वीकृति हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात कम होने के बाद आगामी 15 सितंबर से प्रदेश में सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का लेकर विशेष अभियान चलाया जाएगा। सड़कों की मरम्मत के लिए अधिकारियों को पहले ही डीपीआर तैयार करने के निर्देश दे दिए हैं।

बदरीनाथ धाम के लिए 250 करोड़ की व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने केदारनाथ धाम के विकास को लेकर हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों के बारे में कहा कि केदारपुरी में पुनर्निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के लिए 250 करोड़ रुपए सीएसआर के माध्यम से प्राप्त हो चुके हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बदरीनाथ धाम का निर्माण कार्य सबसे दक्ष निर्माण एजेंसी को दिया जाएगा।

पूरे होंगे सभी कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा जो घोषणाएं की गई हैं उनका शिलान्यास भी किया जाएगा और समय व तरीके से वह काम पूरे भी होंगे। उन्होंने कहा कि जो भी घोषणाएं सरकार के स्तर पर की जा रही हैं उनका लोकार्पण जल्द से जल्द किया जाए सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है।

करोड़ों के पेकेज से दी राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में कई लोगों की आजीविका प्रभावित हुई है। राज्य सरकार ने पर्यटन, परिवहन कारोबार से जुड़े व्यवसायों को 200 करोड़, आजीविका मिशन व महिला स्वयं सहायता समूहों को 118 करोड़ के आर्थिक पैकेज जारी कर राहत पहुंचाई है। समूह ख व ग की नौकरियों के आवेदन के लिए आयु सीमा में एक वर्ष की छूट प्रदान की गई है।