आमजन की समस्याओं के समाधान का सशक्त मंच है तहसील दिवसः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास से प्रदेशभर की सभी तहसीलों में आयोजित तहसील दिवस कार्यक्रमों में वर्चुअल प्रतिभाग कर जनता से संवाद किया। उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित अधिकारियों को उनके त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील दिवस आमजन की समस्याओं के समाधान का सशक्त मंच है तथा सरकार का लक्ष्य है कि हर शिकायत का तय समय में निस्तारण हो।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तहसील दिवस पर आमजन की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर ही हो, ताकि लोगों को अपनी शिकायतों के निस्तारण के लिए जिला मुख्यालय, शासन न जाना पड़े। उन्होंने कहा सभी ने मिलकर तहसील दिवस को शत-प्रतिशत प्रभावी बनाना है। उन्होंने कहा शिकायतों का त्वरित समाधान के साथ ही अन्य शिकायतों का नियमित फॉलो-अप भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि किसी भी स्तर पर समस्या न रहे। उन्होंने कहा सभी अधिकारी तहसील दिवस को गंभीरता से लें। यह दिवस सरकार की जनसेवा की प्रतिबद्धता को दिखाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे अपात्र व्यक्ति जिन्होंने गलत जानकारी के आधार पर आयुष्मान, राशन कार्ड, स्थायी निवास, जाति प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज बनाए हैं। उन्हें भी चिन्हित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों के हक़ और संसाधनों की सुरक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी भूमि, नदी-नालों की ज़मीनों तथा अन्य सार्वजनिक संपत्तियों पर अतिक्रमण रोकने के लिए कठोर कार्रवाई की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अतिक्रमण से संबंधित मामलों पर तुरंत प्रभावी कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की समस्याएं उत्पन्न न हों।

मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनपदों में भूमि विवादों के निस्तारण के लिए तहसील स्तर पर एसडीएम की अध्यक्षता में समिति गठित करने के निर्देश दिए। जिसमें पुलिस विभाग, वन विभाग और सिंचाई विभाग आदि के अधिकारी भी सदस्य होंगे। उन्होंने कहा यह समिति सरकारी भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए जिम्मेदार होगी। साथ ही निजी भूमि के विवाद का निस्तारण भी इस समिति द्वारा किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर प्रदेश भर में सेवा पखवाड़ा आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे सेवा पखवाड़ा में अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग करें और जनहित में चलाए जा रहे कार्यक्रमों को सफल बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा पखवाड़ा समाज को जोड़ने और सेवा भाव को आगे बढ़ाने का एक सशक्त माध्यम भी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में हमारा राज्य आपदा से जूझ रहा है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा से हुए नुकसान का त्वरित आकलन किया जाए, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्निर्माण कार्यों को गति दी जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण को सर्वाेच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भी आपदा प्रभावित परिवारों के साथ संवाद करने एवं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में जाने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को बीडीसी और जिला पंचायत की बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में भागीदारी से अधिकारियों को ग्राम स्तर पर उत्पन्न होने वाली वास्तविक समस्याओं की जानकारी मिलेगी और उनके समाधान की दिशा में ठोस कार्ययोजना बनाई जा सकेगी।

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगोली, सचिव विनय शंकर पांडे, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, एवं वर्चुअल माध्यम से प्रत्येक तहसील से अधिकारी एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे।

सीएस ने दिए गंगोत्री एनएच के अस्थायी झील में डूबे हिस्से के लिये तत्काल वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाने के निर्देश

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने सचिवालय में प्रदेश में आपदा प्रभावितों क्षेत्रों, विशेषकर धराली आपदा प्रभावितों के लिए राहत एवं पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सचिव आपदा एवं आयुक्त गढ़वाल से धराली में राहत एवं रेस्टोरेशन कार्यों की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली।

मुख्य सचिव ने सचिव लोक निर्माण विभाग और सचिव सिंचाई को प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग के अस्थायी झील में डूबे हिस्से के लिए तत्काल वैकल्पिक मार्ग तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित क्षेत्र के लिए अन्य पैदल और वैकल्पिक मार्गों को भी दुरूस्त किया जाए। उन्होंने सर्च ऑपरेशन्स को निरन्तर जारी रखते हुए नवीनतम तकनीक का उपयोग कर सर्च कार्यों में तेजी लाए जाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितों के लिए रहने और खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि मुख्य सड़क मार्ग बाधित होने से प्रभावित क्षे़त्र के साथ ही उससे आगे के पूरे क्षेत्र में फल एवं सब्जी उत्पादकों को अपने उत्पादों के लिए बाजार की समस्या खड़ी हो गयी है। उन्होंने सचिव कृषि को निर्देश दिए कि उत्तराखण्ड हॉर्टीकल्चर बोर्ड और मंडी परिषद द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में उत्पादों की खरीद सुनिश्चित करायी जाए। साथ ही, जीएमवीएन एवं केएमवीएन के बाजार प्रकोष्ठ को भी सक्रिय कर बाजार उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने इन क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रभावितों की आजीविका की दिशा में भी कार्य किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐप्पल मिशन, कीवी मिशन और वीर चंद्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, होम स्टे जैसी विभिन्न योजनाओं को लेकर प्रभावितों की आजीविका में सहायता के लिए कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने आपदा में हुयी पशुधन हानि से सम्बन्धित मुआवजा तत्काल वितरित किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने प्रभावित क्षेत्र में स्कूल, अस्पताल और आंगनवाड़ी केन्द्र के लिए तत्काल प्रीफैब भवन तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि आपदा से लोगों के प्रमाणपत्र एवं अन्य आवश्यक दस्तावेज भी नष्ट हो गए होंगे। इसके लिए शीघ्र मल्टीपरपज कैम्प लगाकर तत्काल प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए जाएं।

मुख्य सचिव ने लापता लोगों के लिए सिविल डेथ के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को भी शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी लापता लोगों (नेपाली मूल के श्रमिक एवं विदेशी पर्यटक) के लिए भी सिविल डेथ के प्रमाणीकरण की निर्धारित प्रक्रिया शीघ्र शुरू कर ली जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि सम्पत्ति क्षति मुआवजा का आंकलन करने के लिए आधुनिकतम तकनीक और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया जाए। इसके लिए यूकॉस्ट की सहायता से शीघ्र आंकलन किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि यूएसडीएमए द्वारा पिछले वर्षों में किए गए सभी अध्ययनों एवं संकलित डाटा का विश्लेषण करा कर भी उपयोग में लाया जाए। उन्होंने डीजी यूकॉस्ट को प्रदेश की सभी ग्लेशियरों और ग्लेशियर झीलों और उनके रास्ते में पड़ने वाले मोरेन और बोल्डर्स आदि का तत्काल विश्लेषण करते हुए, उनसे सम्भावित खतरे का आंकलन के लिए मॉड्यूल तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए इससे सम्बन्धित सभी वैज्ञानिक संगठनों को शामिल कर टीम तैयार किए जाने के भी निर्देश दिए हैं।

इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, आयुक्त कुमाऊं दीपक रावत, आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पाण्डेय, सचिव डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, विनोद कुमार सुमन, युगल किशोर पंत, अपर सचिव डॉ. अहमद इकबाल, आनन्द स्वरूप, आशीष चौहान एवं हिमांशु खुराना सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्री अग्रवाल ने आपदा से हुए नुकसान को लेकर ग्रामीणों व अधिकारियों की कराई संयुक्त बैठक

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अगस्त माह में आई भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान को लेकर जिलाधिकारी, सिंचाई विभाग के उच्चाधिकारियों सहित स्थानीय नागरिकों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि आपदा से हुए नुकसान का प्राकलन (एस्टीमेट) तैयार कर जल्द शासन को भेजा जाए, जिससे अगले वर्षाकाल से पूर्व नुकसान की भरपाई कर स्थायी समाधान किया जा सके।

बैठक के दौरान डॉ अग्रवाल ने कहा कि बीते माह अगस्त में ऋषिकेश विधानसभा के विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश से काफी नुकसान हुआ। जिसके चलते आडवाणी प्लॉट, भल्ला फार्म, बंगाला नाला, खैरी खुर्द, पांडे प्लांट, गढ़ी मयचक, जोगीवाला, तुनीवाला, गौहरी माफी, रायवाला, प्रतीत नगर, साहब नगर, खदरी, भट्टोवाला, गुलजार फॉर्म सहित अन्य क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि सिंचाई विभाग आपदा से हुए नुकसान का स्टीमेट बनाते वक्त स्थानीय लोगों को भरोसे में अवश्य लें, जिससे आपदा से प्रभावित सभी क्षेत्र एस्टीमेट में सम्मिलित हो जाए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि गुलजार फॉर्म में पानी की निकासी के लिए स्थाई समाधान निकाला जाए।

सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ सुरक्षा के कार्याे में बंगालानाला, सेवलानाला, खेरीखुर्द, गढ़ी मयचक के लिए 419.54, तुनिवाला, चक जोगीवाला के लिए 285.43 और गोहरी माफी, प्रतीतनगर, रायवाला के लिए 998.76 करोड़ रुपए का अभी तक एस्टीमेट तैयार किया गया है।

इस मौके पर जिलाधिकारी देहरादून सोनिका, सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता संजय राज, अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल, प्रधान संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष सोबन सिंह कैंतुरा, प्रधान सागर गिरी, प्रधान चंद्रमोहन पोखरियाल, प्रधान रोहित नौटियाल, प्रधान प्रतिनिधि शांति प्रसाद थपलियाल, समाज सेवी मानवेंद्र कंडारी, संदीप कुड़ियाल, ममता रावत, प्रभाकर पैन्यूली, राजेश जुगलान, अंबर गुरुंग, रोशन कुड़ियाल, दिनेश रावत सहित अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे।

सीएम ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में तेजी से कार्य करने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को रायपुर क्षेत्र में माह अक्टूबर 2022 में आपदा से प्रभावित सौंग पुल, ग्राम पंचायत खैरी मानसिंह में क्षतिग्रस्त सड़कें व पुश्तों के पुनर्निर्माण कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया।
सौंग पुल के स्थलीय निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नदी में निर्माणाधीन सुरक्षा दीवारों के निर्माण में तेजी लाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि सौंग नदी के चैनेलाइज हेतु जल्द से जल्द प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए एवं अन्य सभी आपत्तियों के निस्तारण हेतु शीघ्र शासन स्तर से कार्रवाई करने की बात कही। उन्होंने कहा जिस भी क्षेत्र में अधिक कटाव की स्थिति पैदा हो सकती है वहां पर भी सुरक्षा दीवारों का निर्माण हो एवं चैनेलाइज करने का कार्य तेजी से किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 2022 में आपदा के दौरान हुए नुकसान के बाद हुए पुनर्निर्माण कार्य में तेजी से कार्रवाई हुई है। आज उन सभी निर्माण कार्याे का स्थलीय निरीक्षण करते हुए विभिन्न विभागों से समीक्षा रिपोर्ट ली गई है। उन्होंने कहा मानसून से पहले उन सभी क्षेत्रों/नदियों में जहां भी नुकसान होने की संभावना है उन क्षेत्रों में चौनेलाइज की कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा मानसून से पहले पानी की निकासी, पहले से पड़े मलबे को हटाने एवं सुरक्षा दीवारों का कार्य प्राथमिकता से किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को ग्राम पंचायत खैरी मानसिंह में क्षतिग्रस्त सड़कें के पुनर्निर्माण एवं रोड के नीचे सुरक्षा दीवार के निर्माण को अति शीघ्र किए जाने हेतु निर्देशित किया।
इस दौरान विधायक उमेश शर्मा काऊ, जिलाधिकारी सोनिका एवं अन्य लोग मौजूद रहे।