मैराथन बैठक में विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को दिये कार्यों में तेजी के निर्देश

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ सूबे के प्रत्येक व्यक्ति को मिले। जिसके लिये योजनाओं के क्रियान्वयन एवं मॉनिटिरिंग के साथ ही प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी समय-समय पर योजनाओं की समीक्षा करेंगे।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित एनएचएम सभागार में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की। डॉ. रावत ने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा सूबे की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आमजन तक पहुचाने के दृष्टिगत विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है। जिनके धरातल पर क्रियान्वयन, मॉनिटिरिंग व प्रचार-प्रसार पर विशेष ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है। इसके लिये परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों को अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा के साथ करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर के साथ-साथ जनपद स्तर पर भी विभिन्न योजनाओं की समय पर मॉनिटिरिंग अति आवश्यक है। जिसके लिये उन्होंने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं परियोजना के डीपीएम को निर्देश दिये हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि एनएचएम के अंतर्गत राज्य में लगभग 28 स्वास्थ्य परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें मोतियाविंद का निःशुल्क उपचार एवं चश्मा वितरण, टीबी उन्मूलन, जनन सुरक्षा, राष्ट्रीय बाल सुरक्षा, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, एनसीडी एवं कृमि मुक्त कार्यक्रम, संस्थागत प्रसव, तम्बाकू उन्मूलन, निःशुल्क जांच एवं औषधि वितरण तथा आशा कार्यक्रम आदि प्रमुख है। जिनका लाभ शत-प्रतिशत प्रदेश के अंतिम गांव के लोगों तक पहुंचाना सरकार की जिम्मेदारी है। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की गाइडलाइन के अनुरूप शत-प्रतिशत परिणाम देना होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश में शत-प्रतिशत संस्थागत प्रसव के लिये रोड़मैप तैयार करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त खुशियों की सवारी कार्यक्रम के तहत वाहनों की संख्या बढ़ाई जायेगी जिसके लिये प्रत्येक जनपद से सीएमओ प्रस्ताव उपलब्ध करायेंगे।

समीक्षा बैठक में दौरान विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं से जुड़े अधिकारियों द्वारा योजना के संबंध में पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया गया। इस दौरान विभागीय मंत्री ने कई योजनाओं की प्रगति पर असंतोष व्यक्त करते हुये अधिकारियों को फटकार लगाते हुये कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों द्वारा बताया गया कि टीबी उन्मूलन एवं राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम में प्रदेश का राष्ट्रीय स्तर पर चौथा स्थान है जबकि जननी सुरक्षा योजना एवं संस्थागत प्रसव कार्यक्रमों की प्रगति को सभी संतोषजनक बताया गया।

बैठक में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट, कुलपति उत्तराखंड मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रो. एम.एल. ब्रह्म भट्ट, एमडी एनएचएम स्वाती भदौरिया, सलाहकार एनएचएम डॉ. तृप्ति बहुगुणा, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. तारा आर्य, निदेशक डॉ. सुनीता टम्टा, डॉ. मीतू शाह, वित्त नियंत्रक एनएचएम दिपाली भरने, सीएमओ देहरादून डॉ. संजय जैन, डॉ. आर.के.सिंह, डॉ. तुहिन कुमार, डॉ. पंकज सिंह, डॉ. महेन्द्र मौर्य सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी व डीपीएम ने बैठक में वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया।

शिक्षा विभाग ने टोलफ्री नम्बर जारी कर तैनात किये नोडल अधिकारी


विद्यालयी शिक्षा विभाग ने बरसाती सीजन को देखते हुये समस्याओं के निवारण के लिये कंट्रोल रूम की स्थापना की है। इसके साथ ही विभाग ने टोलफ्री नम्बर भी जारी किया है। जिस पर छात्र-छात्राएं, अभिभावक व शिक्षक अपनी शिकायत दर्ज कर सकेंगे। जन समस्याओं के निराकरण के लिये विभाग ने नोडल अधिकारियों की तैनाती भी सुनिश्ति कर दी है ताकि शिकायतों व समस्याओं का समय पर समाधान हो सके।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर शिक्षा विभाग ने मानसून सीजन को देखते हुये कांट्रोल रूम की स्थापना की है, ताकि बरसात के दौरान समाने आने वाली विभिन्न समस्या से तत्काल निपटा जा सके। इसके अलावा विभाग ने शिकायतों व समस्याओं के निराकरण के लिये टोलफ्री नम्बर 18001804132 भी जारी किया है। जिस पर छात्र-छात्राएं, अभिभावक व शिक्षक अपनी समस्याएं दर्ज करा सकेंगे। टोलफ्री नम्बर पर दर्ज शिकायतों व समस्याओं के तत्काल निवारण के लिये विभाग ने नोडल अधिकारी, सह नोडल अधिकारी व 10 कम्प्यूटर ऑपरेटर की तैनाती की है। जिसमें अजीत भण्डारी, प्रद्युमन रावत, पल्लवी नैन, अंजुम फातिमा, एम.एम. जोशी को नोडल जबकि हरीश नेगी, नूतन, विजयलक्ष्मी, पूनम व मुकेश कुमेड़ी सह नोडल होंगे। ये सभी कार्मिक 8 जुलाई से 10 अगस्त 2024 तक कंट्रोल रूम में बैठकर टोलफ्री नम्बर पर दर्ज समस्याओं व शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लेकर विभागीय स्तर पर निवारण करेंगे। इस संबंध में विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को दो टूक निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को टोलफ्री नम्बर पर आने वाली प्रत्येक कॉल को रिसीव करने तथा प्रत्येक समस्या का समय पर समाधान करने को कहा। इसके साथ ही कांट्रोल रूम के सफल संचालन को प्रत्येक दो सप्ताह में समीक्षा करने के निर्देश भी विभागीय अधिकारियां को दिये हैं।

————————
मानसूनी सीजन में राजकीय विद्यालयों में शैक्षणिक गतिविधियों में व्यवधान उत्पन्न न हो इसके लिये शिक्षा विभाग में पहली बार कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। विभाग ने टोलफ्री नम्बर 18001804132 भी जारी किया है। जिस पर विद्यालयों से सम्बंधित शिकायत व समस्याएं दर्ज की जा सकेंगी। किसी भी समस्या का समय से समाधान करने के लिये कार्मिकों की तैनाती भी सुनिश्चित की गई है।
– डॉ. धन सिंह रावत, विद्यालयी शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

शिक्षा विभाग में शीघ्र मिलेंगे 955 कार्मिकः धन सिंह

समग्र शिक्षा के अंतर्गत बीआरपी-सीआरपी के रिक्त 955 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उक्त पदों की पात्रता रखने वाले अभ्यर्थी कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के रोजगार प्रयाग पोर्टल पर 29 जून से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के लिये दो सप्ताह का समय निर्धारित किया गया है। इसके उपरांत चयन प्रक्रिया पूर्ण कर प्रदेश के सभी सीआरपी-बीआरपी केन्द्रों पर चयनित अभ्यर्थियों की तैनाती आउटसोर्स के माध्यम से कर दी जायेगी। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों के साथ ही आउटसोर्स एजेंसी को शीघ्र भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न करने के निर्देश दे दिये गये हैं।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि सूबे में शैक्षिक गतिविधियों में सुधार लाने के दृष्टिगत समग्र शिक्षा के अंतर्गत लम्बे समय रिक्त बीआरपी-सीआरपी के 955 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है। जिस हेतु पात्र अभ्यर्थी सेवायोजन विभाग के अंतर्गत रोजगार प्रयाग पोर्टल पर शनिवार 01रू00 बजे के उपरांत ऑनलाइन आवेदन भर सकेंगे। अभ्यर्थी आवेदन संबंधित समस्त जानकारियां एवं सहायता के लिये संबंधित पोर्टल के दूरभाष संख्या 0135-2653665 तथा आउटसोर्स एजेंसी के दूरभाष नम्बर 0135-4145780 पर सम्पर्क कर सकते हैं। इस भर्ती प्रक्रिया में वही अभ्यर्थी अवेदन कर पायेंगे जो राज्य के किसी भी रोजगार कार्यालय में पंजीकृत होंगे। इसके अलावा 10 प्रतिशत पद सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये आरक्षित किये गये हैं।

विभागीय मंत्री ने बताया कि ब्लॉक संदर्भ व्यक्ति (बीआरपी) हिन्दी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणति एवं सामाजिक विज्ञान के कुल 255 पदों हेतु न्यूनतम अर्हता स्नातक एवं स्नातकोत्तर में 55 फीसदी अंकों के साथ उपाधि ग्रहण की हो। इसके अलावा संकुल संदर्भ व्यक्ति (सीआरपी) के लिये 55 प्रतिशत अंकों के साथ किसी भी विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि होनी जरूरी है। इसके अतिरिक्त बीआरीपी व सीआरपी पदों के लिये बीएड की उपाधि के साथ-साथ सीटीईटी अथवा यूटीईटी प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। साथ ही कम्प्यूटर में कार्य करने की दक्षता भी जरूरी है। जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये बीएड अथवा एलटी अर्हता होनी अनिवार्य है। बीआरपी-सीआरपी पदों के लिये आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 42 वर्ष निर्धारित की गई है जबकि सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिये अधिकतम आयु सीमा 65 वर्ष तय की गई है, सेवानिवृत्त शिक्षकों के पास चिकित्सा प्रमाण पत्रा होना भी जरूरी है।

खुशखबरीः को-ऑपरेटिव बैंकों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण को धामी कैबिनेट की मंजूरी


सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी को लेकर महत्वपूर्ण बयान दिया है। उनके अनुसार, सहकारी संस्थाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने से उनके संचालन में और पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में एकल परिवारों के वर्चस्व की समस्या खत्म कर दी गई है। डॉ. रावत ने कहा कि सत्ता के इस असंतुलन को दूर करने और अधिक समावेशी और न्यायसंगत शासन संरचना का मार्ग प्रशस्त करने का लक्ष्य बनाने के लिए यह कदम उठाए गए हैं। महिलाएं, जिन्हें ऐतिहासिक रूप से नेतृत्व के पदों पर कम प्रतिनिधित्व मिला है, सहकारी संस्थाओं के प्रभावी कामकाज की दिशा में एक अनूठा दृष्टिकोण और योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि , सहकारी समितियों के उच्च स्तरों पर निदेशक मंडल और अध्यक्षों में महिलाओं की महत्वपूर्ण उपस्थिति होनी जरूरी है। इससे महिलाओं के निर्णय लेने की प्रक्रिया में विचारों और अनुभवों की विविधता भी आएगी। महिलाओं की भागीदारी से सहकारिता के प्रति विश्वसनीयता बढ़ेगी और संतुलित निर्णय लिए जा सकेंगे , जो सहकारी समिति के सभी सदस्यों के हितों और जरूरतों को दर्शाएंगे। उन्होंने कहा देश का उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहाँ महिलाओं के लिए सहकारी संस्थाओं में 33ः आरक्षण की मंजूरी दी गई है।

सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम
उत्तराखंड में महिलाओं के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि धामी कैबिनेट ने सहकारी बैंकों और संस्थाओं में महिलाओं के लिए 33ः आरक्षण के सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सहकारी क्षेत्र में नेतृत्व के पदों पर लैंगिक समानता सुनिश्चित करने के लिए डॉ. रावत की अटूट लगन और दृढ़ संकल्प ने पिछले दो वर्षों में आयोजित एक दर्जन से अधिक समीक्षा बैठकों के बाद आखिरकार फल दिया है।

उत्तराखंड, कई अन्य राज्यों की तरह, लैंगिक असमानता और निर्णय लेने वाली भूमिकाओं में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी के मुद्दों से लंबे समय से जूझ रहा है। राज्य में 10 जिला सहकारी बैंक, शीर्ष सहकारी संस्था, 670 एमपैक्स ( बहुद्देश्यीय सहकारी समिति) संचालित होने के साथ, नेतृत्व के पदों पर महिलाओं की कमी स्पष्ट रूप से दिखाई देती थी।

डॉ. रावत के प्रयासों ने न केवल सहकारी क्षेत्र में अधिक लैंगिक विविधता और समावेशिता का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी अनुकरणीय मिसाल कायम की है। महिलाओं के प्रतिनिधित्व के लिए आवाज उठाकर उन्होंने सार्थक बदलाव लाने में राजनीतिक इच्छाशक्ति और वकालत की शक्ति का प्रदर्शन किया है। यह देखकर खुशी होती है कि उत्तराखंड में महिलाओं की आवाज सुनी जा रही है और उनके योगदान को मान्यता दी जा रही है। सहकारी संस्थाओं में लैंगिक समानता की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम राज्य सरकार की प्रगतिशील मानसिकता और इस प्रयास में शामिल सभी लोगों के सामूहिक प्रयासों का प्रमाण है।

’उत्तराखंड सहकारी समिति अधिनियम 2003 नियमावली 2004 के अंतर्गत निबंधित सभी प्रकार की सहकारी समितियों एवं संस्थाओं में, यह संशोधन लागू होंगे’

सहकारिता विभाग की शीर्ष सहकारी संस्था

’उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड’
’उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ
’उत्तराखंड आवास एवं निर्माण सहकारी संघ’
’प्रादेशिक कोऑपरेटिव यूनियन
’उपभोक्ता सहकारी संघ’
’उत्तराखंड रेशम फेडरेशन’
’उत्तराखंड को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन’
’उत्तराखंड भेड़ -बकरी एवं शशक फेडरेशन’
’उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ’
’श्रम निर्माण संविदा सहकारी संघ’
’उत्तराखंड सेब उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ’
’उत्तराखंड साइलेज उत्पादन एवं विपणन सहकारी संघ’
’उत्तराखंड मत्स्य सहकारी संघ’

’10 जिला सहकारी बैंक’
’670 एम पैक्स (बहुद्देश्यीय सहकारी समिति)’
संपादक, यूकेसीडीपी, देहरादून।

उत्तराखंडः 3600 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता हुआ साफ


उत्तराखंड के सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों की सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए शिक्षकों की भर्ती के लिये बीएड की बाध्यता समाप्त कर दी है। इसके स्थान पर दो वर्षीय डीएलएड कोर्स को मंजूरी प्रदान कर दी है। राज्य सरकार के इस फैसले से लगभग 3600 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभागीय अधिकारियों को बेसिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दे दिए हैं।

शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के वर्ष 2018 में जारी उस अधिसूचना को निरस्त कर दिया था जिसमें प्राथमिक शिक्षकों के लिए बीएड डिग्री की अनिवार्यता लागू की गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुपालन में राज्य कैबिनेट ने हाल ही में राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) सेवा नियमावली, 2012 में संशोधन को अपनी स्वीकृति प्रदान की थी। जिसके क्रम में शासन ने उत्तराखंड राजकीय प्रारम्भिक शिक्षा (अध्यापक) (संशोधन) सेवा नियमावली, 2024 को जारी कर दी है।

नियमावली में संशोधन से बेसिक शिक्षकों के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता बीएड डिग्री की बाध्यता खत्म कर दी गई है। अब राज्य में केवल डीएलएड डिग्रीधारक ही पहली से पांचवीं कक्षा तक के बेसिक शिक्षक के पद के लिये पात्र होंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि प्रदेश में बेसिक शिक्षकों की नई नियमावली लागू होने से लगभग 3600 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। भर्ती प्रक्रिया शुरू करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है। इसके लिये निर्वाचन आयोग से भर्ती की अनुमति लेते हुये शीघ्र उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को रिक्त पदों के सापेक्ष अधियाचन भेजने के निर्देश दिये गए हैं।

खेती का मॉडल दे रहा कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में योगदानः धन सिंह

सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा है कि, माधो सिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती में किसानों की रूचि दिखाई दे रही है। पिछले साल 70 बहुउद्देशीय सहकारी समितियों में 1236 एकड़ कृषि भूमि में 2400 किसानों का चयन किया गया है। इस वर्ष और किसानों को इस खेती से जोड़े जाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

सहकारिता मंत्री डॉ. रावत ने एक भेंट में बताया कि, सहकारी खेती के माध्यम से विभिन्न सब्जियों की खेती किसानों के लि नकद आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत साबित हो रही है। उत्तराखंड में संयुक्त सहकारी खेती की सफलता कृषि क्षेत्र में सहयोगात्मक प्रयासों की क्षमता का प्रमाण है। संसाधनों और विशेषज्ञता को एकत्रित करके, किसानों ने अपनी आय बढ़ाई है। खेती का यह मॉडल व्यक्तिगत किसानों को लाभ पहुंचाने के साथ- साथ क्षेत्र में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में भी योगदान दे रहा है।

उन्होंने कहा माधोसिंह भण्डारी संयुक्त सहकारी खेती राज्य में किसानों की आजीविका में सुधार का एक टिकाऊ और प्रभावी साधन साबित करने के लिए राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना द्वारा प्रदान किया गया समर्थन और मार्गदर्शन इस पहल की सफलता सुनिश्चित करने में सहायक रहा है। मंत्री डॉ रावत ने सहकारिता अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह संयुक्त सहकारी खेती का न्याय पंचायत स्तर पर प्रचार प्रसार करें और विभिन्न सहकारी योजनाओं से अवगत कराते हुए इस खेती को बढ़ावा दे।

गौरतलब है कि, उत्तराखंड में संयुक्त सहकारी खेती में किसानों की रुचि एक सकारात्मक विकास है जो क्षेत्र में किसानों की आर्थिक संभावनाओं में उल्लेखनीय सुधार लाने की क्षमता रखता है। किसानों के बीच सहयोग और आपसी सहयोग को बढ़ावा देकर, सहकारिता विभाग ने खेती के इस रूप को बढ़ावा देने और इसकी सफलता को सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक लोग सहकारी खेती को अपनाएंगे, इसका उत्तराखंड के कृषि परिदृश्य पर स्थायी प्रभाव पड़ने की संभावना है। निरंतर समर्थन और निवेश के साथ, संयुक्त सहकारी खेती में क्षेत्र में कृषक समुदाय के लिए गेम-चेंजर बनने की क्षमता है।

बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियों में अभी से जुटें अधिकारीः डॉ. धन सिंह रावत

शिक्षा सत्र को नियमित करने के लिये विभागीय अधिकारियों को अभी से तैयारियों में जुटने के निर्देश दे दिये गये हैं। सरकार का उद्देश्य बोर्ड परीक्षाओं को समय पर आयोजित करा कर परीक्षाफल समय पर घोषित करना है। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को 30 अप्रैल तक बोर्ड परीक्षा परिणाम तथा 30 मई तक अंक सुधार परीक्षा परिणाम घोषित करने का लक्ष्य दिया गया है ताकि उच्च शिक्षा का सत्र भी समय पर शुरू किया जा सके।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डॉ. रावत ने बताया प्रदेश में शिक्षण सत्र समय पर शुरू कराने के दृष्टिगत विभागीय उच्चाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया गया। जिसमें तय किया गया कि वर्तमान शैक्षिक सत्र की बोर्ड परीक्षाएं फरवरी-मार्च में करा कर 30 अप्रैल तक 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं का परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया जायेगा, जबकि बोर्ड परीक्षाओं के तहत अंकसुधार परीक्षा का परिणाम भी एक माह के भीतर घोषित कर दिये जायेंगे। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को अभी से तैयारियों में जुटने के निर्देश दे दिये गये हैं। विद्य़ालयी शिक्षा का सत्र नियमित होने से जहां एक ओर छात्र-छात्राएं नई कक्षा में समय पर प्रवेश ले सकेंगे वहीं दूसरी ओर उच्च शिक्षा के सत्र को सभी समय पर शुरू करने में मदद मिलेगी। इसका लाभ प्रदेश की पूरी शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा। डॉ. रावत ने विभागीय अधिकारियों को आवंटित जनपदों का भ्रमण कर विद्यालयों का बरीकी से स्थलीय निरीक्षण करने के साथ ही स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों की भी रिपोर्ट तैयार कर मंत्रालय को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि भ्रमण के दौरान अधिकारी पीएम-श्री स्कूल, अटल उत्कृष्ट विद्यालय व कलस्टर विद्यालयों सहित नेता जी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों का भी स्थलीय निरीक्षण कर वहां के छात्र-छात्राओं एवं अभिभावकों से भी संवाद स्थापित करेंगे। भ्रमण के पश्चात विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिये प्रभावी निर्णय लिये जायेंगे।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव शिक्षा योगेन्द्र यादव, रंजना राजगुरू, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव एम.एम. सेमवाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल, निदेशक प्राथमिक शिक्षा रामकृष्ण उनियाल, संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, बी.एस. बोरा, उप सचिव अनिल कुमार पाण्डेय सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में प्रादेशिक परिषद की विशेष बैठक में पारित हुये कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव

प्रदेश में स्काउट्स एंड गाइड्स का दायरा बढ़ाया जायेगा। जिसके लिये संस्कृत विद्यालयों से लेकर विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा व मदरसों में भी स्काउट्स एवं गाइड्स की इकाईयों की स्थापना की जायेगी ताकि वर्ष 2025 तक प्रदेश में स्काउट्स एंड गाइड्स तथा रोवर रेंजर्स के रूप में एक लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया जा सके। स्काउट्स एंड गाइड्स अपने पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों के साथ-साथ राष्ट्रीय कार्यक्रमों भी बढ़-चढ़कर भागीदारी निभायेंगे। इसके लिये विभागीय अधिकारियों वार्षिक कार्ययोजना तैयार करेंगे।

भारत स्काउट्स एंड गाइड्स उत्तराखंड के प्रादेशिक अध्यक्ष एवं विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज देहरादून स्थित राज्य मुख्यालय में प्रादेशिक परिषद की विशेष बैठक आहूत की गई। जिसमें परिषद द्वारा स्काउट्स एंड गाइड्स को लेकर कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किये गये। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में स्काउट्स एंड गाइड्स का दायरा बढ़ाया जायेगा, जिसके लिये विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा से लेकर संस्कृत विद्यालयों एवं मरदसों में स्काउट्स एंड गाइड्स की इकाईयां स्थापित की जायेंगी। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में जब उत्तराखंड अपनी स्थापना का रजत जयंती बना रहा होगा। तबतक प्रदेशभर में एक लाख से अधिक स्काउट्स एंड गाइड्स तथा रोवर रेंजर्स पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अलावा स्काउट्स गाइड्स तथा रोवर रेंजर्स को समय-समय पर प्रदेशभर में चलाये जाने वाले नशा मुक्ति अभियान, रक्तदान एवं रक्तदाता पंजीकरण अभियान, सड़क सुरक्षा अभियान, नये मतदाता अभियान एवं साक्षरता आदि अभियानों से भी जोड़ा जायेगा ताकि सभी स्काउट्स गाइड्स अपने जीवन में पारिवारिक एवं सामाजिक दायित्वों के साथ-साथ राष्ट्रीय दायित्वों का भी निर्वहन कर सकें।

डा. रावत ने बताया कि उत्तराखंड आपदा के दृष्टिगत एक संवेदनशील प्रदेश है जिसको देखते हुये 10 हजार स्काउट्स गाइड्स तथा रोवर्स रेंजर्स को आपदा प्रबंधन संबंधी प्रशिक्षण भी दिया जायेगा ताकि आपदा के दौरान इन स्वयं सेवकों से आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सहयोग लिया जा सके। बैठक में निर्णय लिया गया कि अप्रैल 2024 में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय स्तर के 11वीं एशिया-पैसेफिक रिजनल स्काउट लीडर्स समिट के अयोजन हेतु लगने वाली बिड़ में प्रतिभाग किया जायेगा यदि इस आयोजन का मौका उत्तराखंड को मिलता है तो यह राज्य के लिये बड़ी उपलब्धि होगी। बैठक में स्काउट गाइड के प्रादेशिक भवन निर्माण, वाहन एवं अन्य ढ़ाचागत सुविधाओं का प्रस्ताव आगामी वित्तीय वर्ष हेतु शासन को भेजे जाने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि स्काउट्स गाइड्स की गतिविधियों के संचालन के लिये वर्षिक कार्ययोजना तैयार की जायेगी ताकि प्रदेशभर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में समयबद्धता व एकरूपता बनी रही।

बैठक में प्रादेशिक मुख्य आयुक्त भारत स्काउट एंड गाइड उत्तराखंड एवं निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, प्रादेशिक आयुक्त वंदना गर्ब्याल, रघुनाथ लाल आर्य, राज्य सचिव आर.एम. काला, मुख्य आयुक्त डी.आर.एन. भारती, उपाध्यक्ष प्रो. ए.एस. उनियाल, डॉ. अनीता चमोला, डॉ. सांई किरन तोमर सहित प्रदेश एवं जिला स्तर के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

बेहतर प्रदर्शन करने वाले यूनिट लीडर्स किये सम्मानित
भारत स्काउट्स एंड गाइड्स उत्तराखंड के प्रादेशिक अध्यक्ष एवं विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि जनवरी 2023 में राजस्थान में आयोजित राष्ट्रीय स्तरीय जम्बूरी में स्काउट्स एंड गाइड्स द्वारा सभी 16 प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया और नेशनल कमिशनर शील्ड प्राप्त की। इसी प्रकार उच्च शिक्षा के अंतर्गत महाविद्यालयों ने सामुहिक सामुदायिक कार्यक्रम में उप राष्ट्रपति शील्ड प्रतियोगिता अपने नाम की। अंतराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले ओलिव अवार्ड में भी राज्य की टीम ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर एशिया पैसिफिक क्षेत्र में देश व राज्य का नाम रोशन किया। इस अवसर पर डॉ. रावत ने बेहतर प्रदर्शन करने वाले स्काउट्स एंड गाइड्स के विभिन्न जनपदों के यूनिट लीडर्स को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

स्वास्थ्य मंत्री ने डेंगू मामले पर जिलाधिकारी को दिये अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने के निर्देश

देहरादून जनपद में लगातर बढ़ रहे डेंगू के मामले पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने अधिकारियों को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने डेंगू के बढ़ते केसों पर नाराजगी जताते हुये अधिकारियों से शीघ्र इस पर नियंत्रण पाने के निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने जिलाधिकारी को अधिकारियों की जिम्मेदारी सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जिला प्रशासन, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग को संयुक्त रूप से अभियान चलने के निर्देश दिए हैं। डॉ. रावत ने नगर निगम को शहर में फोगिंग बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने डेंगू पर शीघ्र नियंत्रण न पाने पर जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाये जाने की बात कही।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज देहरादून जिला मुख्यालय के ऋषिपर्णा सभागार में डेंगू के बढते मामले की रोकथाम एवं प्रभावी नियंत्रण हेतु की जा रही कार्यवाही को लेकर समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने देहरादून जनपद में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों पर अधिकारियों जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने कहा कि अकेले देहरादून जनपद में डेंगू के केस सबसे ज्यादा सामने आए हैं। विभागीय मंत्री ने कहा कि जनपद में डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण को लेकर जिलाधिकारी को अधिकरियों कीजिम्मेदारी सुनिश्चित करने को कहा गया है। यदि इसके बाद भी डेंगू के मामलों में नियंत्रण नहीं पाया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डॉ रावत ने बैठक में डेंगू पर नियंत्रण पाने के लिये आंगनबाड़ी, स्कूली बच्चों से लेकर आमजनमास में डेंगू से बचाव एवं रोकथाम के प्रति जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। साथ ही डेंगू से बचाव हेतु 10 दिन के लिए माइक्रो प्लान बनाकर आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए।

उन्होंने नगर स्वास्थ्य अधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी, एवं प्रधानाचार्य दून मेडिकल कालेज के प्रति कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यों में सक्रियता बनाये रखने की हिदायत दी। कहा कि किसी भी प्रकार के रोगियों को असुविधा न हो इस बात को गंभीरता से लेना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अस्पतालों मेें उपलब्ध व्यवस्था एवं डेंगू से बचाव एवं जन जागरूकता हेतु सम्पादित कार्यों की प्रचार-प्रसार करना सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने चिकित्सालयों में लापरवाही बरतने तथा नियमित फॉगिंग न होने की शिकायतों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नगर स्वास्थ्य अधिकारी को व्यवस्था सुधारने को कहा।

उन्होंने निर्देश दिए जनमानस को डेंगू के प्रति जागरूक किया जाए ताकि कोई अनावश्यक न घबराए (पैनिक न करे), इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को कांउसिलिंग एवं जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वाथ्य विभाग को प्रतिदिन हेल्थ बुलेटिन जारी करने के निर्देश दिए।

स्वास्थ्य ने निर्देश दिए कि स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम एवं प्रशासन युद्धस्तर पर कार्यवाही करें, जिससे नये मामलें न बढें। माननीय मंत्री ने निर्देश दिए कि स्कूलों एवं आंगबाड़ी केन्द्रों में प्रार्थना सभा बच्चों को जागरूक करें इसके लिए चिकित्सक/कांउसलर स्कूलों में भेजे जाएं, नगर निगम एवं नगर निकायों को सभी वार्डों में, जिला पंचायत विभाग एवं पंचायतीराज अधिकारी को ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन फॉगिंग एवं जनजागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए फॉगिंग चार्ट बनाने के निर्देश दिए। साथ ही निर्देशित किया कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्तियों के माध्यम से सर्वे कराते हुए सोर्स रैडिक्शन को चिन्हित करते हुए लार्वा को नष्ट करने के निर्देश दिए।
विभागीय मंत्री डॉ रावत ने जिलाधिकारी एवं मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम को सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से प्रतिदिन राहत बचाव कार्यों की समीक्षा बैठक /मॉनिटिरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होेंने रक्तदान हेतु कैम्प आयोजित करते हुए जनमानस की भागीदारी बढाने तथा इस कार्य में एनजीओ का सहयोग लेने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि लोगों को रक्तदान करने हेतु प्रेरित हुए प्रत्येक वार्ड में पूर्व सूचना देकर रक्तदान करने हेतु अभियान चलाया जाए। उन्होंने आईएमए के अधिकारियों को चिकित्सकों के साथ बैठक करने एवं कांउसलर बिठाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में मेयर नगर निगम देहरादून सुनील उनियाल गामा, सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर राजेश कुमार, जिलाधिकारी श्रीमती सोनिका, मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम मनुज गोयल, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 बिनीता शाह, प्रधानाध्यापक दून मेडिकल कालेज डॉ आशुतोष सयाना, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 संजय जैन, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक जिला चिकित्सालय डॉ शिखा जंगपांगी, मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप रावत सहित, बाल विकास, पंचायतीराज, जिला पंचायत, बाल विकास आदि सम्बन्धित समस्त विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

चयनित एलटी शिक्षकों को शीघ्र वितरित होंगे नियुक्ति पत्रः धन सिंह रावत

प्रदेश के विद्यालयी शिक्षा के पाठ्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा संचालित चन्द्रयान अभियानों को शामिल किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। सभी राजकीय विद्यालयों में कार्यक्रमों का आयोजन कर शिक्षक दिवस को धूमधाम से मनाया जायेगा। इस अवसर पर राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर पर उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जायेगा। हाल ही में चयनित एलटी शिक्षकों को आगामी 6 सितम्बर को नियुक्ति पत्र सौंपकर प्रथम तैनाती दी जायेगी।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर विद्यालयी शिक्षा विभाग की बैठक ली। जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। मीडिया को जारी बयान में डॉ. रावत ने बताया कि चन्द्रयान-3 अभियान की सफलता ने देश एवं दुनिया में भारतीय मेधा का परचम लहराया है। बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से राज्य के विद्यालयी शिक्षा पाठ्यक्रम में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) द्वारा संचालित चन्द्रयान अभियानों को शामिल किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को विज्ञान वर्ग के अंतर्गत कक्षा 6वीं से 12वीं तक के लिये चरणवद्ध पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा गया है। आगामी 5 सितम्बर को सभी राजकीय विद्यालयों में शिक्षक दिवस को धूमधाम से मनाया जायेगा। इसी के साथ उत्कृष्ट कार्य करने वाले शिक्षकों को राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर पर सम्मानित किया जायेगा। इसके अलावा हाल ही में चयनित एलटी शिक्षकों को आगामी 6 सितम्बर को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के हाथों नियुक्ति पत्र सौंपे जायेंगे। जिसकी तैयारी के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कतिपय विद्यालय ऐसे हैं जहां पर शिक्षक तैनात हैं लेकिन उनके विषय में छात्र-छात्राओं की संख्या शून्य है। ऐसे शिक्षकों को अन्यत्र विद्यालयों में जहां पर संबंधित विषय में छात्र पंजीकृत हों समायोजित किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को सूची तैयार कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि विभिन्न राजकीय विद्यालयों में कार्यरत संविदा शिक्षकों की समस्याओं के समाधान के लिये सितम्बर प्रथम सप्ताह में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर ठोस निर्णय लिया जायेगा ताकि उनकी समस्याओं का संतोषजनक समाधान निकाला जा सके। इसके साथ ही उन्होंने विभागीय अधिकारियों को आपदा से क्षतिग्रसत विद्यालयों के आपदा मद से शीघ्र मरम्मत एवं निर्माण कराने के भी निर्देश दिये।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक बेसिक शिक्षा आर.के. उनियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।