शिक्षा मंत्री बोले, लम्बी अवधि से गायब शिक्षकों को देंगे अनिवार्य सेवानिवृत्ति

शिक्षा मंत्री डा0 धन सिंह रावत ने कहा कि विभाग से लम्बे समय से गायब एवं अन्य प्रदेशों में तैनात शिक्षकों को चिन्हित कर अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी जायेगी। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों को चिन्हित कर सूची तैयार करने के निर्देश दे दिये गये हैं। साथ ही शारीरिक एवं मानसिक रूप से अक्षम शिक्षकों से भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हेतु आवेदन लिये जायेंगे ताकि उनके स्थान पर नये शिक्षकों की नियुक्ति की जा सके। शिक्षा विभाग में शिक्षकों का सम्पूर्ण विवरण ऑनलाइन उपलब्ध करने के लिये मानव सम्पदा पोर्टल तैयार किया जायेगा। जिसका संचालन राज्य विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत होगा।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज विद्यालयी शिक्षा निदेशालय में विभागीय अधिकारियों की बैठक ली। जिसमें उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि लम्बे समय से विभाग से अनुपस्थित एवं दीर्घकालिक अवकाश पर चल रहे शिक्षकों के साथ ही अन्य प्रदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षकों को छात्रहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्रवाई करें। इसके साथ ही मानसिक एवं शारीरिक रूप से अक्षम शिक्षकों से भी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिये आवेदन करा लिया जाय ताकि उनके स्थान पर नये शिक्षकों की तैनाती कर पठन-पाठन को सुचारू रूप से चलाया जा सके। डा. रावत ने कहा कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था को उच्च मापदंडों पर स्थापित करना होगा, इसके लिये विद्या समीक्षा केन्द्र के अंतर्गत मानव संपदा एवं कैरियर काउंसिलिंग पोर्टल तैयार किये जायेंगे, ताकि छात्र-छात्राओं को कैरियर काउंसिलिंग सम्बंधी विभिन्न क्षेत्रों की जानकारी देने के साथ ही शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों का सम्पूर्ण विवरण पोर्टल पर ऑनलाइन उपलब्ध हो सके। उन्होंने बताया कि पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुये मानव सम्पदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों की विद्यालयों में ऑनलाइन तैनाती, वेतन प्रक्रिया, अवकाश स्वीकृति, एरियर, सेवानिवृत्ति देयकों एवं अनुकम्पा के आधार पर मृतक आश्रितों को नियुक्ति सहित अन्य कार्यों का सम्पादन किया जायेगा। विभाग के अंतर्गत आईटी सम्बंधी विभिन्न कार्यों के संचालन के लिये एक आईटी सेल का भी गठन किया जायेगा, जिसमें आउटसोर्स के माध्यम से आईटी एक्सपर्ट्स तैनात किये जायेंगे। जो शिक्षा विभाग को आईटी संबंधी कार्यों में हर तरह का सहयोग प्रदान करेंगे। बैठक में विभाग के अंतर्गत प्रदेशभर में चल रहे निर्माण कार्यों एवं नये कार्यों की शुरूआत को लेकर कार्यदायी संस्थाओं के साथ विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। जिसमें दो सप्ताह के भीतर कलस्टर स्कूल एवं पीएम-श्री स्कूलों की डीपीआर एवं ड्राइंग तैयार कर प्रस्तुतिकरण देने को कहा गया। विभागीय मंत्री द्वारा कार्यदायी संस्थाओं को स्पष्ट निर्देश दिये गये कि नये निर्माण कार्यों की डीपीआर समय पर उपलब्ध कराई जाय, जिसमें वहां की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुये सभी जरूरतों का समावेश भी किया जाय। इसके अलावा विद्यालय भवनों के वृहद एवं लघु मरम्मत कार्यों की डीपीआर भी विभाग को समय पर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये ताकि समय पर कार्यदायी संस्थाओं को धनराशि जारी की जा सके।

बैठक में अपर सचिव विद्यालय शिक्षा योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक माध्यमिक गढ़वाल महावीर सिंह बिष्ट, वित्त नियंत्रक गुलफाम अली, संयुक्त निदेशक राघुवीर लाल आर्य, उप निदेशक कमला मधववाल, सहित विभागीय अधिकारी एवं विभिन्न कार्यदायी संस्थाओं सिंचाई विभाग, मंडी समिति, ग्रामीण निर्माण विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

स्कूलों में फर्नीचर, कम्प्यूटर व खेलकूद का बजट शीघ्र जारी करने के निर्देश

उत्तराखंड में कलस्टर स्कूलों के गठन हेतु धरातल पर काम किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को जनपद स्तर पर बैठक का आयोजन कर सभी पहलुओं पर विचार करने को कहा गया है, ताकि आस-पास के विद्यालयों का विलय कर कलस्टर स्कूलों का गठन किया जा सके। प्रत्येक विद्यालय में ढांचागत सुविधाओं एवं अन्य सामग्री के लिये बजट समय जारी करने के निर्देश दिये गये हैं। वर्चुअल कक्षाओं के संचालन को लेकर राज्य स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात किया जायेगा।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने कलस्टर स्कूलों के गठन को लेकर विभागीय अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में जाकर क्षेत्रीय विधायक, स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अभिभावकों के साथ बैठक कर सभी पहलुओं पर चर्चा करने के निर्देश दिये, ताकि भविष्य में स्कूलों के गठन के उपरांत किसी प्रकार की समस्या का समाना न करना पड़े। उन्होंने प्रदेशभर के जीर्ण-शीर्ण विद्यालयों के नये भवन निर्माण, वृहद एवं लघु मरम्मत सहित फर्नीचर, कप्यूटर, खेल सामग्री आदि का बजट एक माह के भीतर जारी करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। इसके अलावा विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को जूते, बैग एवं साइकिल की धनराशि शीघ्र डीबीटी के माध्यम से ट्रांसफर करने को कहा। वहीं बच्चों को पाठ्य पुस्तकें समय पर उपलब्ध न कराये जाने पर विभागीय मंत्री ने नाराजगी जताते हुये अधिकारियों को यथाशीघ्र स्कूलों में पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने आईसीटीई के तहत संचालित वर्चुअल क्लासेज के बेहतर संचालन के लिये स्टेट स्तर पर नोडल अधिकारी तैनात करने को कहा। उन्होंने कहा कि वुर्चअल कक्षाओं का निरंतर संचालन सुनिश्चित किया जाय ताकि दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को इस योजना का भरपूर लाभ मिल सके। विभागीय बजट का समय पर व्यय न होने पर विभागीय मंत्री ने प्रत्येक माह बजट की समीक्षा करने के निर्देश अधिकारियों को दिये, ताकि स्वीकृत बजट समय पर व्यय किया जा सके। इसके अलावा विभागीय मंत्री ने अटल उत्कृष्ट विद्यालयों, निर्माण कार्यों, लम्बे समय से रिक्त पड़े पदों एवं रिक्त पदों के सापेक्ष पदोन्नति, स्थानांतरण एवं पारस्परिक स्थानांतरण की समीक्षा करते हुये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि पात्र शिक्षकों के स्थानांतरण की प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ शीघ्र शुरू की जाय ताकि वर्षों से दुर्गम क्षेत्रों में तैनात शिक्षकों को सुगम में आने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि सबसे पहले दुर्गम से दुर्गम श्रेणी के स्थानांतरण किये जाय तत्पश्चात पारस्परिक, अनुरोध व अनिवार्य स्थानांतरण किये जायेंगे।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, अपर निदेशक रामकृष्ण उनियाल, महावीर सिंह बिष्ट, अजय कुमार नौड़ियाल, संयुक्त निदेशक जे.एल शर्मा, रघुनाथ लाल आर्य, डा. एस.बी. जोशी, उप निदेशक जगमोहन सोनी, चेतन प्रसाद नौटियाल, अनुभाग अधिकारी राकेश सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

शिक्षक संगठनों के साथ बैठक में बनी सहमति, होगी पदोन्नति

शिक्षा विभाग के अंतर्गत पात्र एल.टी. शिक्षकों को प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर शीघ्र पदोन्नत किया जायेगा, इसके लिये अधिकारियों को विभागीय प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दे दिये गये हैं। प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद से संबंधित पक्षों ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है, जबकि वरष्ठिता संबंधी मामलों पर बाद में निर्णय लिया जायेगा। बैठक में विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने अपने-अपने पक्ष रखे, जिस पर विभागीय मंत्री ने छात्रहित एवं शिक्षकहित को ध्यान में रख कर कार्रवाही करने की बात कही।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद से संबंधित पक्षों के बीच मैराथन बैठक चली। जिसमें शिक्षा विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के विभिन्न पदों पर पदोन्नति को लेकर मैराथन चर्चा की गई। विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि एल.टी. (सहायक अध्यापक) से प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जायेगी, जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर पदोन्नति को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले पक्षों यथा तदर्थ विनियमति, सीधी भर्ती एवं प्रवक्ता (सीधी भर्ती) ने लिखित रूप से अपनी सहमति प्रदान कर दी है। बैठक में मौजूद सभी पक्षों की आपसी सहमति मिलने से अब प्रवक्ता एवं प्रधानाध्यापक के पदों पर प्रोन्नति के रास्ते खुल गये हैं। विभागीय मंत्री डॉ. रावत ने कहा भविष्य में सभी शिक्षक संगठनों एवं न्यायालय में वाद दायर करने वाले पक्षों के बीच आपसी सहमति बना कर प्रवक्ता से प्रधानाध्यापक एवं प्रधानाध्यापक से प्रधानाचार्य के पदों पर पदोन्नति के प्रकरणों को भी हल कर लिया जायेगा।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र कुमार, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, संयुक्त सचिव जे.एल. शर्मा, अपर निदेशक महावीर बिष्ट, आर.के. उनियाल, डा. मुकुल कुमार सती, राजकीय शिक्षक संघ के महासचिव सोहन सिंह माजिला, राजकीय शिक्षक संघ कुमाऊं के अध्यक्ष विजय गोस्वामी, तदर्थ विनियमित शिक्षक समिति के संयोजक विरेन्द्र दत्त विजल्वाण, राजेन्द्र कुलाश्री, माधो सिंह बिष्ट, प्रेमलता बौड़ाई, अंकित जोशी, जगमोहन सोनी, मुकेश बहुगुणा, धन सिंह चौहान सहित विभिन्न शिक्षक संगठन के पदाधिकारी एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षा के पुस्तकालयों में एनईपी के अनुरूप उपलब्ध रहेंगी किताबें

राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को ई-ग्रंथालय में अपना पंजीकरण अनिवार्य रूप से कराना होगा, ताकि ई-ग्रंथालय के माध्यम से छात्र-छात्राओं को कैटलॉगिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उपलब्ध पुस्तकों, शोध पत्र-पत्रिकाओं सहित अन्य पठन-पाठ्न के संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। सभी राजकीय शिक्षण संस्थानों को यह प्रक्रिया को एक माह के भीतर पूर्ण करानी होगी। इसके साथ ही राजकीय उच्च शिक्षण संस्थानों में वर्षों से बेकार पड़ी आउट ऑफ सिलेबस हो चुकी पुस्तकों को हटाकर नई पुस्तकें खरीदी जायेंगी, साथ ही ई-ग्रंथालय में एनईपी-2020 के अनुरूप नये पाठ्यक्रम की सभी विषयों की पुस्तकों को अपलोड किया जायेगा।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज दून विश्वविद्यालय देहरादून में उच्च शिक्षा विभाग एवं एनआईसी भारत सरकार के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय ई-ग्रंथालय हैण्ड्सऑन प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारम्भ किया। इस मौके पर डॉ0 रावत ने कहा कि आने वाला समय डिजिटल एजुकेशन का है। हमें भी खुद को इसी के अनुरूप तैयार करना होगा। उन्होंने कहा कि सूबे के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना कर दी गई है, जिसमें 21 लाख से अधिक पुस्तकें उपलब्ध हैं, लेकिन इनका अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या अभी काफी कम है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एक माह के भीतर सूबे के सभी राजकीय शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत शतप्रतिशत छात्र-छात्राओं का ई-ग्रंथालय में पंजीकरण सुनिश्चित करें। ई-ग्रंथालय में पंजीकरण के उपरांत छात्र-छात्राओं को कैटलॉगिंग की आधुनिक डिजिटल सुविधा के साथ-साथ देश के अन्य विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में उपलब्ध पुस्तकों, शोध पत्र-पत्रिकाओं सहित अन्य पठन-पाठ्न की सामग्री आसानी से उपलब्ध रहेगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी संस्थान में छात्र-छात्राओं का पंजीकरण का कार्य पूरा नहीं होता है तो इसके लिये संबंधित संस्थान के प्राचार्य एवं पुस्तकालयाध्यक्ष को जिम्मेदार माना जायेगा। डॉ0 रावत ने कहा कि भविष्य में ई-ग्रंथालय में एनईपी-2020 के अनुरूप तैयार नये पाठ्यक्रम की पुस्तकों के साथ ही विभिन्न विषय विशेषज्ञों के शोध पत्रों व उच्च शिक्षा में तैनात शिक्षकों की उपयुक्त पुस्तकों को भी अपलोड किया जायेगा ताकि छात्र-छात्राओं को विभिन्न विषयों की अध्ययन सामग्री आसानी से उपलब्ध हो सके। विभागीय मंत्री ने कहा कि विभिन्न महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में हजारों ऐसी पुस्तक उपलब्ध है जो अब आउट ऑफ सिलेबस हो चुकी है। ऐसी पुस्तकों को वन टाइम सेटेलमेंट के तहत किसी जरूरतमंद अथवा सार्वजनिक पुस्तकालयों को दान की जायेंगी, पुरानी पुस्तकों के स्थान पर शिक्षण संस्थानों में नवीन पाठ्यक्रम के अनुरूप अच्छे लेखक एवं प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदी जायेंगी।

बैठक में विधायक धर्मपुर विनोद चमोली, सलाहकार रूसा प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, अपर सचिव उच्च शिक्षा प्रशांत आर्य, एम.एम. सेमवाल, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो0 जगदीश प्रसाद, संयुक्त निदेशक ए.एस. उनियाल, डॉ. दीपक पाण्डेय, डॉ. चमन कुमार, एनआईसी के आईटी विशेषज्ञ के नारायण, राम कुमार मतोरिया, एस. के. शर्मा, सहित अन्य विभागीय अधिकारी एवं राजकीय महाविद्यालयों से आये पुस्तकालयाध्यक्ष व मेधावी छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

’दूरस्थ क्षेत्रों की 51 मेधावी छात्राओं को मिली स्कॉलरशिप’
विद्या ज्योति स्कॉलरशिप के तहत राज्य के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत स्नातकोत्तर की दूरस्थ क्षेत्रों की 51 छात्राओं को ऋषि मिशन खोसला स्कॉलरशिप के अंतर्गत 35-35 हजार की छात्रवृत्ति प्रदान की गई। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत एवं विधायक धर्मपुर विनोद चमोली ने विभिन्न महाविद्यालयों से आयी छात्राओं शालिनी रौतेला, शिवांगी, साक्षी बेंजवाल, अपर्णा रावत, सिमरन रावत, हिमांशी तिवारी, गीतांजली मेलकानी एवं माधुरी को छात्रवृत्ति के चैक सौंपे। इसके अलावा संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित 163 छात्र-छात्राओं को मुख्य परीक्षा में बेहतर कोचिंग हेतु 50-50 हजार की पुरस्कार राशि प्रदान की गई, साथ ही एनडीए, सीडीएस, ओटीए, आईएनए, आईएएफ के माध्यम से चयनित 148 छात्र-छात्राओं को 50-50 हजार की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।

’उच्च शिक्षा विभाग ने यूपीईएस व रूट्स टू रूट्स के साथ किया एमओयू साइन’
उच्च शिक्षा विभाग ने आज दो बड़े संस्थानों रूट्स टू रूट्स नई दिल्ली एवं यूपीईएस देहरादून के साथ एमओयू साइन किये। विभाग ने कला संस्कृति एवं परफॉर्मिंग आर्ट्स तथा भारतीय ज्ञान के क्षेत्र में सहयोग हेतु रूट्स टू रूट्स नई दिल्ली के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जबकि यूपीईएस देहरादून के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित कौशल विकास पाठ्यक्रमों को एनईपी-2020 के अनुरूप राजकीय महाविद्यालयों में संचालित करने को लेकर अनुबंध किया गया।

’उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट का हुआ लोकार्पण’
विभागीय मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने उच्च शिक्षा विभाग की वेबसाइट का लोकार्पण किया। डॉ0 रावत ने बताया कि नवीन वेबसाइट एनईपी-2020 के अनुरूप अपेडट की गई है, ताकि विभाग से जुड़ी सभी जानकारियां छात्र-छात्राओं, शोधार्थियों एवं विभागीय कार्मिकों को एक क्लिक पर उपलब्ध हो सके।

’स्मार्ट क्लास पर प्रस्तुतिकरण’
कार्यशाला में स्मार्ट क्लास डिवाइस के-यान को लेकर आईएल एंड एफएस कंपनी के प्रतिनिधियों ने अपना प्रस्तुतिकरण दिया। उन्होंने बताया कि के-यान एक नॉलेज डिवाइस है जिसे आईआईटी मुम्बई के साथ मिलकर बनाया गया। के-यान एक पोर्टेबल स्मार्ट क्लास साल्यूशन है। जिसमें हाईएंड कम्प्यूटर सिस्टम, प्रोजेक्शन सिस्टम, हाई क्वालिटी ऑडिया-वीडियो स्टिस्म, वर्चुअल इंट्रेक्टिव फीचर सहित इन बिल्ट कैमरा है जो किसी भी क्लास रूम को स्मार्ट क्लास रूम बना सकता है। उन्होंने बताया कि इसमें राज्य के पाठ्यक्रमों का पूरा कंटेंट हैं जो ऑडियो-वीडियो माध्यम में उपलब्ध है। अध्यापकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों के लिये यह डिवाइस छात्र-छात्राओं के लिये उपयोगी साबित होगी। यह आसान तरीके के मुश्किल विषयों को समझाने की क्षमता रखता है। इसमें टीचर ट्रैकिंग सिस्टम भी लगा हुआ है ताकि यह पता लगाया जा सकता है कि किस शिक्षक ने कितना पढ़ाया। इस डिवाइस को अब तक देशभर के 70 हजार स्कूलों में लगाया जा चुका है। के-यान स्कूलों के अलावा कम्युनिटी अवेयरनेस कार्यक्रमों में भी उपयोग में लाया जा सकता है।

डॉ0 धन सिंह रावत ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की मुलाकात

शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मांडविया से मुलाकात कर आगामी चार धाम यात्रा मार्गों पर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिये अतिरिक्त धनराशि की मांग की। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुये राज्य सरकार ने चार धाम यात्रा मार्गों पर सुपर स्पेशसिलिटी हॉस्पिटल खोलने का निर्णय लिया हैए ताकि गंगोत्री यमुनोत्री बदरीनाथ केदारनाथ हेमकुंड साहिब तथा मानसरोवर यात्राओं पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों को विषेश चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड में प्रत्येक वर्ष लाखों लोग चार धाम यात्रा पर आते हैं। इस दौरान तीर्थ यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार ने चार धाम यात्रा मार्गां पर सुपर स्पेशसिलिटी अस्पताल खोलने का फैसला लिया है जिन में तीर्थ यात्रियों के लिये अति आधुनिक आईसीयू बेडए आक्सीजन बेड के साथ ही कार्डिकए न्यूरोए नेफ्रो आदि तमाम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हो सके। इन योजनाओं को धरातल पर उतरने के लिये केन्द्र सरकार से अतिरिक्त धनराशि की मांग की गई है। कैबिनेट मंत्री रावत ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से शीघ्र ही उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में प्रस्तावित एम्स सैटालाइट सेंटर का उद्घाटन करने का आग्रह किया है जिस पर उन्होंने अपनी सहमति जताते हुये चार धाम यात्रा के लिये अतिरिक्त पैकेज स्वीकृत करने तथा एम्स सैटालाइट सेंटर के उद्घाटन समारोह में आने का भरोसा दिलाया है।

इस दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट तथा पौड़ी के पूर्व विधायक मुकेश कोली भी मौजूद रहे।

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से मिले कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत

कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सोमवार हो नई दिल्ली में केन्द्रीय शिक्षा एव कौशल विकास मंत्री धर्मेंद प्रधान से मुलाकात की। इस दौरान डॉ0 रावत ने केन्द्रीय शिक्षा मंत्री से केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में स्थाई कुलसचिव नियुक्त करने तथा कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर विस्तृत चर्चा की। इसके साथ ही डॉ0 रावत ने एनआईटी श्रीनगर गढ़वाल के फेज-2 के निर्माण कार्यों के लिये धनराशि स्वीकृत करने तथा एनआईटी में भी स्थाई कुलसचिव तैनाता करने की मांग की।

सूबे के शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने सोमवार को केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से उनके कार्यालय में मुलाकात की। डॉ0 रावत ने बताया कि उन्होंने केन्द्रीय गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर में स्थाई कुलसचिव की तैनाती करने, लम्बे समय से विभिन्न संकायों में फैक्लटी के रिक्त पदों को भरने तथा शिक्षणेत्तर कार्मिकों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग रखी। मुलाकात के दौरान डॉ0 रावत ने एनआईटी श्रीनगर के द्वितीय चरण के कार्यों के लिये शीघ्र धनराशि जारी करने तथा सुमाड़ी में निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग भी केन्द्रीय मंत्री के समक्ष रखी।
डॉ0 रावत ने बताया कि केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री ने दोनों ही संस्थानों की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुये शीघ्र निराकरण का आश्वासन दिया है। अपने दिल्ली भ्रमण के दौरान शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने एनसीईआरटी नई दिल्ली के विद्या समीक्षा केन्द्र का भ्रमण कर उसके संचालन एवं मॉनिटिरिंग संबंधी जानकारियां हासिल की। उन्होंने एनसीईआरटी के अधिकारियों से शिक्षा व्यवस्था में सुधार एवं शिक्षा की गुणवत्ता में विद्या समीक्षा केन्द्र की भूमिका के बारे में भी चर्चा की।

डॉ0 रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भी केन्द्र सरकार द्वारा विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने की स्वीकृति दी गई है, जिसकी स्थापना का कार्य शुरू कर दिया गया है, इससे पूर्व विभागीय अधिकारियों की टीम द्वारा गुजरात व केरल के विद्या समीक्षा केन्द्रों का अध्ययन भी किया जा चुका है।

इस दौरान प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट तथा पौड़ी के पूर्व विधायक मुकेश कोली भी मौजूद रहे।

परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण करेगा शिक्षा विभाग

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया सेंटर, सचिवालय में मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि 27 जनवरी 2023 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तालकटोरा स्टेडियम, नई दिल्ली से छात्रों से ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के माध्यम से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण 9 से 12वीं कक्षा तक के सभी विद्यार्थी, शिक्षक एवं विद्यार्थियों के अभिभावक देख सकें। इसके लिए सभी विद्यालयों में आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। कार्यक्रम में राजकीय, राजकीय सहायता प्राप्त एवं निजी विद्यालयों के छात्र भी जुड़ेगे। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री से संवाद के लिए उत्तराखण्ड से 2 बच्चों का नामांकन हुआ है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम में राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री भी जुड़ेंगें। मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण, राज्य के पद्म पुरस्कार प्राप्तकर्ता, शिक्षा, कला एवं संस्कृति से जुड़े महानुभाव एवं नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों के जनप्रतिनिधि भी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे। राज्य के 65464 शासकीय, अशासकीय एवं निजी विद्यालयों में यह कार्यक्रम संचालित होगा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में ‘परीक्षा पर चर्चा’ कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार के दृष्टिगत दिनांक 20 से 23 जनवरी 2023 तक परीक्षा में चर्चा के थीम से सम्बन्धित कला/पेंटिंग प्रतियोगिता राज्य के 95 विकासखण्ड एवं 8 नगर निगमों में स्थित विद्यालयों में आयोजित की जायेगी। इस प्रतियोगिता में शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कार दिये जायेंगे। 25 प्रतिभागियों को पारितोषिक एवं सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जायेंगे। इस कार्यक्रम में छात्रों के लिए जो थीम रखी गई है उनमें अपने स्वतंत्रता सैनानियों को जाने। हमारी संस्कृति ही शान है। मेरी किताब मेरी प्रेरणा। भविष्य की पीढ़ियों के लिए पर्यावरण सुरक्षा। मेरा जीवन मेरा स्वास्थ्य। मेरा स्टार्टअप सपना। सीमाओं के बिना शिक्षा। विद्यालयों में सीखने के लिए खिलौने और खेल है। शिक्षकों के लिए जो थीम रखी गई है उनमें हमारी विरासत। सीखने के लिए समर्थ वातावरण। कौशल के लिए शिक्षा। पाठ्यक्रम का कम भार और परीक्षा के लिए कोई भय नहीं। भविष्य में शिक्षा की चुनौतियाँ शामिल हैं। अभिभावकों के लिए थीम मेरा बच्चा मेरा शिक्षक । प्रौढ शिक्षा रू सभी को साक्षर बनायें। सीखना और एक साथ बढ़ना है। इस वर्ष इस कार्यक्रम में 81315 शिक्षक, छात्र एवं अभिभावकों की थीम प्राप्त हुई हैं।
इस अवसर पर सचिव शिक्षा रविनाथ रमन एवं शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी उपस्थित रहे।

धामी सरकार ने जोशीमठ आपदा के प्रभावित छात्रों को दी ये सुविधा

जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित छात्र-छात्राओं की परेशानी देखते हुये उन्हें बोर्ड परीक्षा के लिये परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट दी जायेगी, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। शीघ्र ही प्रभावित छात्र-छात्राओं से परीक्षा केन्द्र के लिये विकल्प मांगे जायेंगे। बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षार्थियों का मनोबल बढ़ाने के दृष्टिगत प्रधानमंत्री के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम’ का प्रदेशभर के स्कूलों में आयोजन किया जायेगा। इसके साथ ही सूबे के स्कूलों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर चित्रकला प्रतियागिता का भी आयोजन किया जायेगा। जिसके आयोजन की तैयारियों के बावत विभागीय अधिकारियों को दिशा-निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में विभागीय अधिकारियों को वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को शीघ्र व्यय कर उपयोगिता प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध करने को कहा गया है।
आपदा प्रभावित क्षेत्र जोशीमठ दौरे से वापस लौटने पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ में विभागीय बैठक ली। जिसमें डॉ0 रावत ने राहत कैम्पों में रह रहे प्रभावित छात्र-छात्राओं को बोर्ड परीक्षा में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि भू-धंसाव से प्रभावित छात्रों को बोर्ड परीक्षा देने में कोई परेशानी न हो इसके लिये उन्हें अपनी सुविधानुसार किसी भी शहर में परीक्षा केन्द्र चुनने की छूट देने का निर्णय लिया है। इसके लिये जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सूची तैयार कर शीघ्र संबंधित बोर्ड के अधिकारियों को प्रभावित छात्र-छात्राओं का विवरण उपलब्ध कराने को कहा है। बैठक में डॉ0 रावत ने बताया कि जोशीमठ आपदा प्रभावित क्षेत्र के अधिकतर छात्र-छात्राएं उत्तराखंड बोर्ड व सीबीएससी बोर्ड के विद्यालयों में अध्ययनरत हैं। इस संबंध में सीबीएससी बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी व उत्तराखंड बोर्ड के सचिव को प्रभावित छात्र-छात्रों को उनकी सुविधानुसार बोर्ड परीक्षा केन्द्र आवंटित कराने के निर्देश दे दिये गये हैं। बैठक में डॉ0 रावत ने आगामी 27 जनवरी को प्रधानमत्रीं के साथ ‘परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम’ की तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यक्रम के माध्यम से बोर्ड परीक्षाओं में प्रतिभाग करने वाले परीक्षार्थियों को सम्बोधित करेंगे। प्रदेश के सभी विकासखंड मुख्यालयों के विद्यालयों में इस कार्यक्रम को आयोजित किया जायेगी, जिसकी सभी तैयारियों के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गये हैं। विभागीय मंत्री ने बताया कि आगामी 20 जनवरी से 23 जनवरी तक प्रदेशभर के विद्यालयों में चित्रकला प्रतियागिता का आयोजन किया जायेगा, जोकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ की थीम पर आधारित होगी। जिसमें विजेता छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र भी दिये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों कार्यक्रमों में सांसद, स्थानीय विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, ब्लॉक प्रमुख एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति जरूरी है। इसके विभागीय अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये गये।
बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, सीबीएससी बोर्ड के संयुक्त सचिव व क्षेत्रीय अधिकारी रणवीर सिंह चौहान, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आर0डी0 शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी छात्रों की बनेगी आभा आईडी

प्रदेश की उच्च शिक्षा में गुणवत्ता बनाये रखने एवं छात्र-छात्राओं में नैतिक मूल्यों के विकास के दृष्टिगत एनईपी के अंतर्गत विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में नैतिक शिक्षा संबंधी विषयों का समावेश किया जायेगा। इसके साथ ही प्रदेश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाने के लिये सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम और एक चुनाव कार्य योजना को लागू किया जायेगा। सभी शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की डिजीटल हेल्थ आईडी अनिवार्य रूप से बनाई जायेगी। इसके अलावा उच्च शिक्षण संस्थानों में नशा मुक्त अभियान, तम्बाकू मुक्त अभियान, टीबी मुक्त अभियान एवं रक्तदान अभियान चलाये जायेंगे।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज राष्ट्रीय दृष्टिबाधितार्थ संस्थान देहरादून के सभागार में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध अशासकीय एवं निजी शिक्षण संस्थानों के साथ विभिन्न बिन्दुओं को लेकर बैठक की। जिसमें डॉ0 रावत ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे सभी छात्र-छात्राओं की डिजिटल हेल्थ आईडी अनिवार्य रूप से बनाई जायेगी, ताकि छात्र-छात्राओं के स्वास्थ्य से संबंधित समस्त जानकारियां ऑनलाइन सुरक्षित रह सकेगी और जरूरत पड़ने पर उसका उपयोग कर सकेंगें। इसी प्रकार सभी छात्र-छात्राओं की आयुष्मान कार्ड भी बनाये जायेंगे, जिसके लिये राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण विश्वविद्यालयों के साथ क्यूआर कोड़ साझा करेगा, जिसे विश्वविद्यालय अपने संबद्ध संस्थानों को उपलब्ध करायेगा जिसके आधार पर सभी छात्र-छात्राएं डिजीटल हेल्थ आईडी के लिये अपना पंजीकरण करा सकेंगे। डॉ0 रावत ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत प्रदेश को 2024 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें उच्च शिक्षण संस्थानों की भागीदारी भी अहम है। उन्होंने ने सभी शिक्षण संस्थानों से अपनी क्षमता के अनुसार एक से पांच तक टीबी मरीजों को गोद लेते हुये अपने सामाजिक दायित्वों को निभाने का आह्वान किया। इसी प्रकार सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में सुभाष चन्द्र बोस जयंती 23 जनवरी से लेकर एक माह तक रक्तदान शिविरों का आयोजन कराने को कहा, जिसमें स्वास्थ्य विभाग का भी सहयोग रहेगा। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को स्वैच्छिक रक्तदान के लिये ई-रक्तकोश, आरोग्य सेतु ऐप और विभागीय पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा ताकि जरूरत पड़ने पर रक्तदान के लिये बुलाया जा सके। इसके अलावा उन्होंने शिक्षण संस्थानों में नशा मुक्त अभियान, तम्बाकू मुक्त अभियान संचालित करने को भी कहा। विभागीय मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही नैतिक शिक्षा आधारित ज्ञान का होना भी आवश्यक है। इसके लिये एनईपी-2020 के तहत विश्वद्यालयों के पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान परम्परा आधारित नैतिक शिक्षा से संबंधित विषयों को भी शामिल किया जायेगा। उन्होंने उच्च शिक्षा में एकरूपता लाने के लिये विश्वविद्यालयों को एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम और एक चुनाव की कार्य योजना पर काम कर अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी निजी शिक्षण संस्थानों से नैक मूल्यांकन के लिये अनिवार्य रूप से आवेदन करने को कहा। इसके लिये विश्वविद्यालय के माध्यम से नैक मूल्यांकन कार्यशाला का आयोजन फरवरी माह में कराया जायेगा। बैठक में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 महावीर सिंह रावत ने विश्वविद्यालय द्वारा संचालित क्रियाकलापों व भविष्य की योजनाओं की जानकारी दी, साथ ही उन्होंने निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों को किसी भी प्रकार की समस्या का त्वरित समाधान का भरोसा दिलाया। बैठक में विश्वविद्यालय के कुलसचिव खेमराज भट्ट ने निजी शिक्षण संस्थानों से मान्यता से संबंधी प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने को कहा। कार्यक्रम का संचालन सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ0 हेमंत बिष्ट ने किया।

बैठक में श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 एम0एस0 रावत, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक एनआईवीएच डॉ0 मनीष वर्मा, वरिष्ठ प्रशिक्षण अधिकारी एनईवीएच जगदीश लखेड़ा, कुलसचिव खेमराज भट्ट, सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ0 हेमंत बिष्ट, देवेन्द्र सिंह रावत, सुनील नौटियाल सहित विश्वविद्यालय से सम्बद्ध आशासकीय मान्यता प्राप्त एवं निजी शिक्षण संस्थानों के चेयरमैन, निदेशक एवं प्राचार्य उपस्थित रहे।

शिक्षा के साथ जरूरी है खेल प्रतियोगिताएंः डा. धन सिंह रावत

केन्द्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट और शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने संयुक्त रूप से आज मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम रूद्रपुर में नवम राज्य स्तरीय क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता 2022 का शुभारम्भ दीप प्रज्वलित कर एवं ध्वज पताका फहराकर किया। श्री भट्ट ने खिलाड़ियों के परेड की सलामी ली।

ेकेंद्रीय मंत्री भट्ट ने कहा कि नवम राज्य स्तरीय क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता में आये 2007 छात्र-छात्राओं, शिक्षक, रेफरी एवं अभिभावक को बधाई दी। उन्होने सभी शिक्षकों से कहा कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम सब भविष्य के प्रतिभाओं को तलाश रहे है। उन्होने प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले सभी खिलाड़ियों को बधाई एवं शुभकामनाऐं दी। उन्होने कार्यक्रम के आयोजकों से कहा कि उक्त प्रतियोगिता में राज्य के सभी जनपदों से पहंुचें खिलाड़ियों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हों इसका विशेष ध्यान रखें।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि इस वर्ष की भांति हम हर वर्ष इस प्रतियोगिता को करायेंगे ताकि बच्चों में खेल की भावना बढ़े। उन्होने कहा इस प्रतियोगिता में आने वाले सभी खिलाड़ियों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं कि वह जिस क्षेत्र में भी जाये उसमें आगे बढ़े। उन्होने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग किये है। कहा कि हमारे प्रदेश में लगभग 12 लाख बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़ रहे है। उन सभी बच्चों को स्कूल बैग, किताबें, खेल का सामान दिया जायेगा, हर स्कूल में बालक, बालिका एवं दिव्यांगजनों के लिए शौचालय की व्यवस्था होगी, शिक्षकों की कमी नही होने दी जायेगी और विद्यालय का व्यापक स्तर पर सुधार करने का कार्य किया जायेगा। ताकि हमारे बच्चे प्रतिस्पर्धा में देश-विदेश में मुकाबला कर सके। उन्होने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में 2-2 पीएमश्री स्कूल खोले जायेंगे। इन स्कूलों विश्व स्तर की सुविधाऐं छात्र-छात्राओं की दी जायेंगी।

उन्होने कहा कि प्राथमिक विद्यालय के लगभग 23 हजार शिक्षकों को 10-10 हजार रूपये का एक टैबलेट फोन भी दिया जायेगा ताकि वे अपने-अपने विद्यालयों में बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए आईटी का प्रयोग कर सके।

इस अवसर पर विधायक शिव अरोरा, जिलाध्यक्ष कमल जिन्दल, गुंजन सुखीजा, जिलाधिकारी युगल किशोर पंत, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा उत्तराखण्ड एसपी खाली, उपनिदेशक प्रा0 शिक्षा हेमलता भट्ट, कुमांऊ अपर निदेशक प्रा0 शिक्षा अजय कुमार नौडियाल, उपजिलाधिकारी प्रत्युष सिंह, मुख्य शिक्षा अधिकारी आरसी आर्या, जिला शिक्षा अधिकारी एके सिंह, सुरेश परिहार, विवेक सक्सेना, नागेन्द्र शर्मा, तहसीलदार नीतू डागर आदि उपस्थित थे।