शिक्षा महानिदेशालय के अधिकारियों संग शिक्षा मंत्री ने की बैठक

विद्यालयी शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारी प्रदेश के प्रत्येक जनपद में जाकर शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत शिक्षक संगठनों, अभिभावक संघों एवं छात्र-छात्राओं से वार्तालाप कर शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये सुझाव प्राप्त करेंगे। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर दो सप्ताह के भीतर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को सौंपेंगे। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती, कलस्टर विद्यालय योजना एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को समक्ष व्यक्तियों द्वारा गोद लेने सहित आधा दर्जन प्रस्ताव कैबिनेट में लाये जायेंगे।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्यालयों के बेहतर संचालन के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में जाकर शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत विभिन्न संगठनों से सुझाव प्राप्त करने के निर्देश दिये। जिसके अंतर्गत विभागीय अधिकारी जनपद स्तरीय भ्रमण कर संबंधित जनपदों के शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों, अभिभावक संघों एवं छात्र-छात्राओं के साथ संवाद स्थापित कर सुझाव प्राप्त करेंगे। जिसकी रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को सौंपेंगे। इस कार्यक्रम के तहत प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये प्रयास किये जायेंगे। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती, कलस्टर विद्यालय योजना, डायट नियमावली, समक्ष व्यक्तियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को गोद लेने, माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लम्बे अवकाश, स्थानांतरण व सेवानिवृत्ती की स्थिति में कामचलाऊ शिक्षकों की व्यवस्था किये जाने सहित आधा दर्जन प्रस्ताव कैबिनेट में लाने को कहा। पात्र छा़त्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, स्कूल बैग, जूते एवं यूनिर्फाम की धनराशि डीबीटी के माध्यम से शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। डॉ0 रावत ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा बोर्ड में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को दो विषयों में अंक सुधार परीक्षा देने हेतु प्रस्ताव पर शीघ्र कार्यवाही अमल में लायी जाय। उन्होंने न्यायालय में चल रहे शिक्षकों की प्रोन्नति से संबंधित मामलों का शीघ्र निस्तारण के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रत्येक छात्र-छात्राओं को स्काउट गाइडए, एनएसएस तथा एनसीसी से जोड़ा जायेगा, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिये। डॉ0 रावत ने विभाग में अधिकारियों के प्रोन्नति संबंधी मामलों का निस्तारण एवं प्रत्येक विकासखंड में खंड शिक्षा अधिकारियों की तैनाती में हो रही लेटलतीफी पर नाराजगी व्यक्त करते हुये तत्काल कार्रवाई के निर्देश शासन के अधिकारियों को दिये।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक वंदना गर्ब्याल सहित शासन एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को लगाई जमकर फटकार

कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग में लम्बित प्रकरणों को समय पर पूरा न किये जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। विद्या समीक्षा केन्द्र की धीमी प्रगति, बीआरसी-सीआरसी की तैनाती, स्कूल ड्रेस, जूते, बैग एवं पुस्तक वितरण में देरी, ब्लॉक से लेकर निदेषालय स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पदों की डीपीसी ने किये जाने सहित कई प्रकरणों पर विभागीय अधिकारियों का जबाव तलब किया। विभागीय मंत्री ने नितांत अस्थाई व्यवस्था के तहत 6 विषयों में शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने हेतु अधिकारियों को आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डॉ0 रावत ने विभाग में लम्बित प्रकरणों को समय पर पूरा न किये जाने पर विभागीय अधिकारियों से जबाव तलब कर जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी लाने व लम्बित प्रकरणों को शीघ्र पूरा करने के निर्देष विभागीय अधिकारियों को दिये। विद्या समीक्षा केन्द्र की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये डॉ0 रावत ने कहा कि विद्या समीक्षा केन्द्र का निर्माणकार्य छह महीने के भीतर पूरा कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि समीक्षा केन्द्र के निर्माण कार्यों में कतई भी लापरवाही बर्दाष्त नहीं की जायेगी। विभागीय मंत्री ने ब्लॉक, जिला एवं निदेषालय स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पड़े प्रषासनिक संवर्ग के पदों पर डीपीसी करने तथा बीआरसी व सीआरसी की शीघ्र तैनाती करने के निर्देष भी अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने निःषुल्क स्कूल ड्रेस, जूते एवं बैग के लिये छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से शीघ्र धनराषि भेजने को भी कहा। डॉ0 रावत ने आगामी कैबिनेट बैठक में नितांत अस्थाई व्यवस्था के तहत दैनिक वेतनमान के आधार पर 6 विषयों में षिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने हेतु प्रस्ताव लाने के निर्देष विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत स्थानीय स्तर पर षिक्षकों की तैनाती की जायेगी ताकि विज्ञान जैसे विषयों में शिक्षकों की कमी दूर की जा सकेगी।

बैठक में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर के कुंवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्व्याल, संयुक्त निदेशक बी एस नेगी सहित शासन के अधिकारी उपस्थित रहे।

शिक्षा मंत्री बोले, सूबे की शिक्षा व्यवस्था में होगा क्रांतिकारी बदलाव

सूबे में अगले छह महीनों के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित किया जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने प्रारम्भिक तैयारियां शुरू कर दी है। जिसके तहत विभाग ने आईटी क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी से अनुबंध कर लिया है, जो एक माह के भीतर शिक्षा महानिदेशालय में समीक्षा केन्द्र की स्थापना का कार्य प्रारम्भ कर देगी। जल्द ही गुजरात एवं गोवा के बाद उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन जायेगा जहां पर आधुनिक तकनीकी से लैस विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित होगा।

शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को प्रखर व प्रभावी बनाने के लिये राज्य सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार एवं आधुनिक तकनीकी का उपयोग कर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को और अधिक विश्वसनीय एवं रोजगारोन्मुख बनाने के उद्देश्य से सूबे में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना की जा रही है जो कि अगले छह माह के भीतर बनकर तैयार हो जायेगा। इसके लिये शिक्षा विभाग ने देश की एक ख्याति प्राप्त आईटी कंपनी कॉन्वेजीनियस के साथ अनुबंध कर लिया है। यह कंपनी इससे पूर्व गुजरात एवं गोवा राज्यों में विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना करने में अहम भूमिका निभा चुकी है। हाल ही में गुजरात में आयोजित देशभर के शिक्षा मंत्रियों के सम्मेलन के दौरान विभागीय अधिकारियों के साथ गुजरात के विद्या समीक्षा केन्द्र का भ्रमण करने का मौका मिला। इस दौरान विद्या समीक्षा केन्द्र की कार्यप्रणाली को समझने का प्रयास किया गया। इसी केन्द्र की प्रेरणा से उत्तराखंड में भी विद्या समीक्षा केन्द्र की स्थापना का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया। केन्द्र सरकार ने प्रस्ताव को स्वीकृत कर रूपये 5 करोड़ की धनराशि भी जारी कर दी है। इसके लिये डॉ0 रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान का आभार जताया।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को छह माह के भीतर विद्या समीक्षा केन्द्र स्थापित करने के निर्देश दे दिये गये है। समीक्षा केन्द्र की स्थापना के बाद विभाग का सम्पूर्ण डाटा ऑनलाइन उपलब्ध रहेगा। जिसके तहत विद्यालयों का विवरण, शिक्षकों का विषयवार डाटा, छात्र-छात्राओं का विवरण के साथ ही प्रदेश के विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों डाटा मौजूद रहेगा। इसके अलावा शासन एवं महानिदेशालय स्तर के अधिकारी विद्या समीक्षा केन्द्र के माध्यम से किसी भी विद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण के साथ ही वहां की सम्पूर्ण गतिविधियों पर भी नजर रख सकेंगे। केन्द्र की स्थापना के उपरांत निश्चित रूप से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में शैक्षणिक, प्रशासनिक सुधार तो आयेगा ही साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता में आमूलचूल परिवर्तन लाया जा सकेगा।

शिक्षा मंत्री बोले, दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में मिलेगी शिक्षकों को प्रथम नियुक्ति

आगामी 15 अगस्त से पहले विभिन्न विषयों के 449 प्रवक्ताओं को तैनाती दी जायेगी। उत्तराखंड लोक सेवा आयोग से चयनित इन शिक्षकों को पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। जिसके निर्देश विभाग के उच्चाधिकारियों को दे दिए गये हैं। गंभीर बीमारियों से पीड़ित शिक्षकों को अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर शीघ्र तैनाती के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं।

शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय देहरादून में विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में डॉ0 रावत ने राज्य लोक सेवा आयोग से विभिन्न विषयों में चयनित 449 प्रवक्ताओं को आगामी 15 अगस्त से पहले नियक्ति देने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दीये। उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों को सूबे के पर्वतीय एवं दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में 5 साल के लिये तैनाती दी जायेगी। जिससे दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में शिक्षकों की कमी दूर हो जायेगी साथ ही पठन-पठान भी सुचारू हो जायेगा। डॉ0 रावत ने बताया कि सामान्य शाखा के अंतर्गत दुर्गम श्रेणी के स्कूलों में अंग्रेजी विषय के 64, हिन्दी के 81, संस्कृत के 18, भौतिक विज्ञान के 46, रसायन विज्ञान के 42, गणित के 6, जीव विज्ञान के 35, नागरिकशास्त्र के 38, अर्थशास्त्र के 74, इतिहास के 8, भूगोल के 17, समाजशास्त्र के 6, कला, मनोविज्ञान एवं कृषि के एक-एक शिक्षक की तैनाती की जायेगी। बालिका इंटर कॉलेजों में हिन्दी विषय की 2, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान एवं अर्थशास्त्र की 3-3 शिक्षिकाओं को नियुक्ति दी जायेगी। विभागीय मंत्री ने बताया कि ऐसे शिक्षक जो गंभीर रोग से ग्रसित हैं उन्हें अनुरोध के आधार पर इच्छित स्थानों पर तैनाती दी जायेगी , जिसके निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिये गए हैं। उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था से रोगग्रस्त शिक्षक अपने उपचार के साथ-साथ शैक्षणिक कार्य का निर्वहन भी कर सकेंगे।

बैठक में महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक आर0के0कुंवर, निदेशक सीमैट सीमा जौनसारी, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल, अपर निदेशक आर0के0 उनियाल, भूपेन्द्र नेगी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सरकार प्रदेश में खोलने जा रही अंग्रेजी माध्यम के अटल उत्कृष्ट विद्यालय

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने रविवार को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में हरेला पर्व अस्कोट से आराकोट कार्यक्रम के तहत पौधारोपण किया। इसके बाद शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के अभाव में पलायन न हो। इसके लिए जल्द ही अंग्रेजी माध्यम के अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाएंगे। इन विद्यालयों में एनसीईआरटी का पैटर्न लागू होगा। इस विद्यालय में करोड़पति से लेकर गरीब तबके के आदमी का बच्चा भी शिक्षा लेगा। शिक्षा का बाजारीकरण किसी कीमत में नहीं होगा। यदि प्राइवेट स्कूल इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान विस अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि भारत फिर से विश्वगुरू बनने जा रहा है। इसके लिए उन्होंने मौजूदा सभी लोगों को शुभकामनाएं दी। शिक्षकों का वास्तविक सम्मान तभी होगा। जब उनका पढ़ाया हुआ विद्यार्थी एक दिन बड़े मंच पर जाकर कहे कि मैं आज जो कुछ भी हूं। अपने शिक्षक की बदौलत हूं। उन्होंने पौधारोपण को आवश्यक बताते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने बेटे के जन्म पर पौधारोपण करना चाहिए। इससे बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होगा, वैसे ही वह पौधा भी बड़ा होगा और यादगार रहेगा। कहा कि प्रकृति स्वच्छ रहेगी तो मानव भी स्वस्थ रहेगा।

प्रकृति संरक्षण को हरेला एकमात्र त्योहारः स्पीकर
ऋषिकेश। कार्यक्रम के दौरान स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने किया कि लोकपर्व हरेला दुनिया में ऐसा एकमात्र त्योहार होगा जिसमें जीवों के कल्याण के साथ ही प्रकृति संरक्षण की कामना भी की जाती है। पेड़ लगाने और पर्यावरण बचाने की संस्कृति की ऐसी सुंदर झलक देवभूमि उत्तराखंड में ही दिखती है। उन्होंने कहा की उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला पूरी दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का संदेश देता है।