चारधाम यात्राः दो धामों के लिए कुल आठ हजार से अधिक घोड़े-खच्चरों का पंजीकरण

गंगोत्री ओर यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ ही बुधवार से पवित्र चारधाम यात्रा, शुरु होने जा रही है। चारधाम यात्रा, उत्तराखंड की आर्थिकी में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है। यात्रा से होटल-लॉज संचालक, परिवहन कारोबारियों से लेकर घोड़े खच्चर संचालकों तक की आजीविका चलती है। इसी क्रम में केदारनाथ और यमुनोत्री पैदल मार्ग पर इस बार 4300 से अधिक घोड़े खच्चर संचालक अपनी सेवा देंगे।

केदारनाथ – पांच हजार का पंजीकरण

केदारनाथ धाम जाने के लिए तीर्थयात्रियों को गौरीकुंड से करीब 18 किमी लंबा पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। इस कारण बड़ी संख्या में यात्री घोड़े- खच्चरों की सेवा लेते हैं। इस बार केदारनाथ धाम के लिए अब तक 2493 संचालकों ने पांच हजार से अधिक घोड़े खच्चरों का पंजीकरण करवा लिया है। पशुपालन विभाग ने स्वास्थ्य परीक्षण के आधार पर घोड़े खच्चरों का फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किए हैं। विभाग की ओर से सोनप्रयाग, गौरीकुंड, लिंचौली और केदारनाथ में पशु चिकित्सालय बनाए जाने के साथ ही पांच डॉक्टर और सात पैरावेट भी नियुक्त किए गए हैं, पैदल मार्ग के 13 जगहों पर गरमपानी की भी व्यवस्था की गई है।

यमुनोत्री – 3700 पंजीकरण

यमुनोत्री धाम के लिए 3700 से अधिक घोड़े खच्चरों का पंजीकरण किया गया है। यमुनोत्री यात्रा में इस्तेमाल होने वाले घोड़े खच्चरों की जांच, टीकाकरण, चिकित्सकीय सहायता एवं उपचार की व्यवस्था के लिए जानकीचट्टी में अस्थाई पशु चिकित्सालय की स्थापना की गई है। जहां चार पशु चिकित्सकों के साथ ही चार पशुधन प्रसार अधिकारी एवं दो पशुधन सहायकों को तैनात किया गया है। यात्रा मार्ग पर कुल छह गीजर स्थापित किए गए हैं।

प्रीपेड काउंटर से बुकिंग

केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग, गौरीकुंड, भीमबली, लिचौंली और रुद्र प्वाइंट में पांच प्री पेड बुकिंग काउंटर बनाए गए हैं। इसी तरह यमुनोत्री के लिए जानकीचट्टी में जिला पंचायत के द्वारा प्रीपेड काउंटर स्थापित किया गया है। यमुनोत्री के लिए घोड़े – खच्चर संचालकों को नंबर युक्त जैकेट प्रदान की जा रही है और एक दिन में केवल एक ही बार धाम तक आवागमन की अनुमति होगी।

श्रद्धालुओं की यात्रा, सुखद और आरामदायक हो, इसके लिए सड़क परिवहन से लेकर हेली और घोड़े खच्चरों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पशुपालन विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं, पूरी तरह स्वस्थ घोड़े खच्चरों को ही यात्रा में भेजा जाए। साथ ही यात्रा मार्ग पर भी घोड़े खच्चरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड

मुख्य सचिव प्रत्येक सप्ताह चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की करेंगी बैठकः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों की बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले यात्रा मार्गों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी विभागों के सचिव यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर सभी व्यवस्थाएं समय पर पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा की सभी तैयारियों को लेकर साप्ताहिक समीक्षा बैठक की जाए। चारधाम यात्रा में यातायात प्रबंधन और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए डीजीपी को भी चारधाम यात्रा से पूर्व स्थलीय निरीक्षण के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं। बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए चारधाम यात्रा मार्ग पर जग्ह-जगह प्राईवेट हेल्थकेयर टेस्टिंग किट की व्यवस्था की जायेगी।
चारधाम यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा देश-दुनिया के श्रद्धालुओं के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। यह सुनिश्चित किया जाए कि देवभूमि उत्तराखण्ड का अच्छा संदेश देश और दुनिया तक जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि यात्रा मार्गों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। प्लास्टिक और कूड़ा प्रबंधन के लिए चारधाम यात्रा से जुड़े जनपदों के जिलाधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा धनराशि उपलब्ध कराई जाए।

घोड़े और खच्चर चालकों का किया जायेगा वेरिफिकेशन ।
चारधाम यात्रा के लिए घोड़ा और खच्चर चालकों का वेरिफिकेशन कराया जाए। तथा सभी का पुलिस और आपराधिक रिकॉर्ड चेक कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि जो भी घोड़े और खच्चर चारधाम यात्रा में लगाये जाएं उनका स्वास्थ्य परीक्षण के बाद ही पंजीकरण किया जाए। घोड़े और खच्चरों के लिए गर्म पानी की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं से शालीनतापूर्ण व्यवहार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा मार्गों पर विद्युत, पेयजल और सड़कों की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यात्रा मार्गों पर जगह-जगह बने शौचालयों को दुरस्त किया जाए एवं महिलाओं के लिए पृथक शौचालय की व्यवस्था की जाए। चारधाम यात्रा से जुड़े सभी अधिकारी और कर्मचारी शालीनता एवं सहनशीलता का परिचय दें, यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं के साथ अभद्रता न हो। यात्रा ड्यूटी में तैनात सुरक्षाकर्मी अलर्ट मोड पर रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रत्येक छह घंटे के बाद सुरक्षा में तैनात कर्मियों को आराम दिया जाए। यात्रा में आने वाले वाहन चालकों के रहने और सोने की उचित व्यवस्था की जाए। यह भी प्रयास हो कि चारधाम यात्रा में जाने वाले वाहनों में दो-दो वाहन चालकों की व्यवस्था हो। वाहनों की फिटनेस का विशेष ध्यान रखा जाए।

चारधाम यात्रा के दृष्टिगत श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं समय पर मिल सके, इसके लिए सूचना तंत्र मजबूत किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा के कुशल प्रबंधन के लिए सभी विभाग अलर्ट मोड पर रहें। श्रद्धालुओं को मौसम से संबंधित जानकारी, यातायात प्रबंधन और अन्य व्यवस्थाओं की जानकारी समय पर प्राप्त हो, इसके लिए श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं ससमय प्राप्त हो इसके लिए सोशल मीडिया का बेहतर प्रयोग किया जाए। होटल, गेस्ट हाउस एवं होम स्टे में चारधाम यात्रा संबंधित निर्देशिका विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए। इस निर्देशिका में चारधाम के साथ ही अन्य पर्यटक स्थलों की जानकारी भी विस्तृत रूप से दी जाए।

10 मई 2024 को श्री केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे जबकि 12 मई 2024 को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। अभी तक चारधाम यात्रा के लिये 15 लाख से अधिक श्रद्धालु ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन करा चुके है।

वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए भी अलर्ट मोड पर रहें अधिकारीः मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इस समय चारधाम यात्रा के साथ ही वनाग्नि को रोकना महत्वपूर्ण विषय है। उन्होंने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए।

बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज, शहरी विकास मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, बदरी-केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेन्द्र अजय, मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, डीजीपी अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डॉ. रंजीत सिन्हा, डॉ. आर. राजेश कुमार, विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं चारधाम यात्रा से जुड़े विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

चारधाम यात्रा शुरु, तीर्थयात्रियों के साथ ही कारेाबारियों के खिले चेहरे

केदारनाथ, बदरीनाथ सहित चार धाम में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रदेश में यात्रा का श्रीगणेश हो गया। पहले दिन बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री धाम में 700 से ज्यादा श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। यात्रा शुरू होने से श्रद्धालुओं में उत्साह है तो दूसरी ओर, चारधाम रूट के पर्यटन और परिवहन कारोबारी भी बेहद खुश नजर आ रहे हैं। केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए दोपहर 12 बजे तक 352 तीर्थयात्री प्रस्थान कर चुके थे। केदारधाम में प्रतिदिन 800 लोगों को ही जाने की अनुमति दी गई है।
देवस्थानम बोर्ड के अनुसार, केदारनाथ में गर्भ गृह में भी व्यवस्थाएं बहाल कर दी गई हैं। गर्भ गृह में किसी को प्रवेश की अनुमति नही हैं। सभी यात्रियों को सभा मंडप से ही दर्शन की अनुमति दी गई है। बदरीनाथ में ब्रह़्म मुर्हुत में भगवान बदरी विशाल का पूजन अभिषेक शुरू हुआ। मुख्य रावल ईश्वरी प्रसाद नम्बूदरी ने नियमानुसार भगवान का स्नान, श्रृंगार, अभिषेक किया। धर्माधिकारी भुवन उनियाल अपर धर्माधिकारियों ने वेद ऋचाओं का वाचन किया। कपाट खुलते ही श्रद्धालुओं ने जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ मंदिर परिसर में प्रवेश किया। दोपहर तक 250 श्रद्धालु भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर चुके थे। अभी सिलसिला जारी है। उधर, उत्तरकाशी में दोपहर तक गंगोत्री धाम में 73 श्रद्धालु दर्शन कर चुके थे। यमुनोत्री में भी श्रद्धालुओं ने मां यमुना की पूजा अर्चना की। दोनों धामों में शाम तक 302 श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की।

कोविड जांच के लिए सख्त इंतजाम
भगवान बदरीनाथ के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य जांच के लिये जिले के प्रवेश द्वार गौचर, मोहन खाल, मेहलचौरी से ही बैरियर पर कोविड जांच की व्यवस्था की गई है। पांडुकेश्वर में भी कोविड जांच यात्रियों की जांच हो रही है । हेमकुंड जाने वाले यात्रियों की भी कोविड जांच की जा रही है। बदरीनाथ आने वाले यात्रियों कोविड प्रपत्रों की जांच देवदर्शनी में भी हो रही है। उधर,केदारनाथ के दर्शन के लिए जाने वाले महाराष्ट्र, केरल और आंध्रप्रदेश के श्रद्धालुओं के लिए सोनप्रयाग में आरटीपीसीआर कोविड टेस्ट की अलग से व्यवस्था की है।

चारधाम यात्राः विजयादशमी के मौके पर धामों के कपाट बंद होने की तिथियां घोषित

उत्तराखंड के चारधाम यानी (बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री) के कपाट शीतकाल में किस तिथि को बंद होंगे। इसका ऐलान आज किया गया। बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को तीसरे पहर तीन बजकर 35 मिनट पर बंद होंगे। इसी तरह गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को दोपहर 12.35 मिनट पर बंद होंगे। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भैया दूज पर 16 नवंबर को प्रातः 8.30 बजे बंद होंगे। साथ ही यमुनोत्री धाम के कपाट 16 नवंबर और गंगोत्री के कपाट अन्नकूट पर्व पर 15 नवंबर को बंद किए जाएंगे।

अंबानी परिवार ने बढ़ाया हाथ, देवस्थानम बोर्ड के लिए किए पांच करोड़ रूपये अनुदान

उद्योगपति मुकेश अंबानी के बेटे मुकेश अंबानी ने पांच करोड़ रूपये का दान उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम एवं प्रबंधन बोर्ड के लिए किया है। इससे 650 कर्मचारियों का वेतन में समस्या नहीं आड़े नहीं आएगी।

बता दें कि प्रत्येक वर्ष उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए 30 लाख से ज्यादा श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। मगर, कोरोना के चलते इस वर्ष कुल 60 हजार के करीब श्रद्धालु आए। इस कम संख्या का असर सीधे बोर्ड के राजस्व पर भी पड़ा है। इन मुश्किल हालात में अंबानी परिवार से उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को मिले पांच करोड़ को बड़ी राहत माना जा रहा है।

बोर्ड के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह के अनुरोध पर अनंत अंबानी ने देवस्थानम बोर्ड को पांच करोड़ दिए। अनंत अंबानी पूर्व में श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पूर्व सदस्य भी रह चुके हैं। बीडी सिंह ने बताया कि मुकेश अंबानी सहित पूरे अंबानी परिवार की श्री बदरीनाथ एवं केदारनाथ सहित चारों धामों में अपार आस्था है।

बोर्ड कर्मचारियों ने उद्योगपति अनंत अंबानी सहित प्रदेश सरकार, देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविनाथ रमन तथा अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी बीडी सिंह का आभार व्यक्त किया है

चारों धामों को श्राइन बोर्ड से जोड़ने पर गाडू घड़ा का होगा विरोध

राज्य सरकार के राज्य के चारों धामों को श्राइन बोर्ड (देवस्थानम अधिनियम) से जोड़ने के फैसले का देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी का विरोध करेगी। तीर्थ पुरोहितों ने बैठक कर गाडू घड़ा यात्रा का पूर्ण रूप से विरोध दर्ज करने का निर्णय लिया है।

रविवार को हरिद्वार रोड स्थित भगवान भवन आश्रम में देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूक धारी महापंचायत की बैठक आयोजित की गई। बैठक में महा पंचायत के अध्यक्ष कृष्णकांत कोठियाल ने कहा कि गाडू घड़ा यात्रा के आयोजन का पंचायत पूर्ण रूप से विरोध करेगी। इसके अलावा बैठक में निर्णय लिया गया कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में देश के प्रमुख संतों के सानिध्य में अखिल भारतीय स्तर का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। संयोजक सुरेश सेमवाल ने बताया कि फरवरी के प्रथम सप्ताह में देवस्थानम अधिनियम के विरोध में अखिल भारतीय महापंचायत का आयोजन हरिद्वार में किया जाएगा। इसके अलावा महापंचायत का प्रतिनिधिमंडल प्रयागराज में देश के चारों पीठों के शंकराचार्य, अखाड़ा परिषद, भारत साधु समाज के अलावा अन्य सभी धार्मिक संगठनों के लोगों से मिलेगा। बैठक में महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी, महेश सेमवाल, आलोक सेमवाल, जगमोहन उनियाल, विनोद शुक्ला, उमेश सती, सतेंद्र सेमवाल, डा. बृजेश सती आदि मौजूद रहे।

गंगोत्री और हिमालय घाटी का फोटो संग्रहालय विश्व को किया समर्पित

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने गंगोत्री धाम में पूजा अर्चना की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने गंगोत्री धाम में मां गंगा से प्रदेश की खुशहाली व समृद्धि की कामना की।
इसके बाद मुख्यमत्री और केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री ने तपोवनम् कुटी, गंगोत्री में संयुक्त रूप से स्वामी सुंदरानंद के नवनिर्मित तपोवन हिरण्यगर्भ कलादीर्घा एवं तपोवनम् हिरण्यगर्भ मंदिर और ध्यान केन्द्र का उद्घाटन किया। हिरण्यगर्भ कलादीर्घा में स्वामी सुंदरानंद ने 1948 से अब तक गंगोत्री, हिमालय और उपला टकनौर की संस्कृति और परंपरा को तस्वीरों में कैद किया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 81 करोड़ 19 लाख 68 हजार रूपये की विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण भी किया।

शिलान्यास की गई योजनाओं में कुवां कफनोल राड़ी मोटर मार्ग लागत 168.92, राजगढ़ी से मस्सू मोटर मार्ग लागत 106.03, राष्ट्रीय राजमार्ग से डंडालगांव तक मोटर मार्ग निर्माण लागत 50.00, स्याना चट्टी से कुंसाला मोटर मार्ग में सतह सुधार तथा क्षतिग्रस्त दिवारों व स्कवरों का पुनः निर्माण लागत 85.96, भाटिया प्रथम में पार्किग स्थल का निर्माण लागत 32.76, नाकुरी सिंगोट मोटर मार्ग के किमी 5,6,7 मंे चैड़ीकरण व डामरीकरण कार्य लागत 280.62, हरेथी से जिनेथ होते हुए पटारा स्यालना तक मोटर मार्ग का नव निर्माण लागत 210.60, ब्रहमखाल से मंडियासारी-मसौन मोटरमार्ग का निर्माण लागत 322.85, ज्ञानसू साल्ड मोटर मार्ग से उपला बस्ती ज्ञानसू तक मोटर मार्ग का निर्माण लागत 273.60, डुण्डा देवीदार से खटटूखाल तक मोटर मार्ग निर्माण 254.03, धनारी से पीपली थाती बैंड से धारकोट मुसड़गांव तक मोटर मार्ग का पुनः निर्माण कार्य व डामरीकरण व 24 मीटर स्पान का स्टील गार्डर सेतु सहित कार्य लागत 354.29, कमद अयारखाल मोटर मार्ग के किमी 1 से 5 तक डामरीकरण का कार्य लागत 411.57, द्वारी रेथल मोटर मार्ग का डामरीकरण का कार्य लागत 209.54, भटवाड़ी में मीनी स्टेडियम रेथल पंहुच मार्ग का डामरीकरण व विस्तार कार्य 330.26 इन्दरा टिपरी के कण्डारा खोल से दिवारी खोल तक मोटर मार्ग नव निर्माण कार्य 118.33, बादसी गोपाल गोलोकघाम मोटर मार्ग से खाण्ड तक मोटर मार्ग का नव निर्माण कार्य लागत 131.11, आराकोट कलीच थुनारा डामटी मोटर मार्ग का निर्माण 221.80, टिकोची पुल से झाकूली दूचाणू कण्डासी धार मोटर मार्ग का निर्माण लागत 440.00, कलीच थुनारा डामटी अवशेष मोटर मार्ग का विस्तार 175.00 स्यानाचट्टी से निसणी मोटर मार्ग लागत 380.16, पुजार गांव से पाली मोटर मार्ग लागत 278.51, स्यालना डांग सरतली मोटर मार्ग स्टेज 2 लागत 158.11, राजकीय आयुर्वेेदिक चिकित्सालय चमियारी भवन निर्माण का कार्य लागत 88.67, नौगांव पुरोला मोटर मार्ग के किमी 2 से थली लागत 623.3 कुल 57 करोड़ 5 लाख 75 हजार शामिल है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी जी का संकलन आने वाली पीढ़ी के लिए विश्व धरोहर हैं। स्वामी जी की 72 वर्ष की तपस्या का संग्रह आज विश्व को समर्पित हो गया है। स्वामी जी की तस्वीरें हिमालय को करीब से देखने के लिए पूर्ण सहयोग करेंगी। साथ ही हमारे वैज्ञानिकों और हिमालयन शोधकर्ताओं के लिए यह एक संजीवनी का कार्य करेगा। उन्होंन कहा कि स्वामी सुंदरानंद ने गंगोत्री धाम में एक विश्व धरोहर दी है, जिसका सरक्षंण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने स्वामी सुंदरानंद के स्वास्थ्य का हालचाल भी जाना।
केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने कहा कि हमें गंगा की निर्मलता और इसके प्रवाह को सरंक्षित करना है। जिसके लिए गंगा किनारे रहने वाले 45 करोड़ लोगों को भी अपना कर्तव्य समझना चाहिए। सभी देशवासी मिलकर गंगा की निर्मलता और स्वच्छता को बनाये रखेंगे, तब जाकर गंगा की सेवा पूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति को अक्षुण बनाएं रखने में साधु समाज का अहम योगदान रहा है। हिमालय की विशालता गंगा की पवित्रता विश्व में अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि विश्व के अनेक लोग हिमालय व गंगा पर शोध करने आते हैं, इस कला दिर्घा के चित्रों यदि ठीक से देखा व समझा जाए तो निश्चित ही हिमालय के दर्शन एक ही स्थान पर हो सकते है।
इस अवसर पर स्वामी सुंदरानंद ऑटोग्राफी पुस्तक का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर विधायक गोपाल सिंह रावत, स्वामी सुन्दरानन्द महाराज, स्वामी राघवाचार्य महाराज, जिलाधिकारी डॉ. आशीष चैहान, पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट सहित देश विदेश से आये श्रद्धालु, साधु संत आदि उपस्थित थे।