निराश्रित गौवंशीय पशुओं के लिए गौसदनों के विस्तार को लेकर मुख्य सचिवन ने ली बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में निराश्रित गौवंशीय पशुओं के लिए गौसदनों के विस्तार एवं निर्माण के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक ली। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रदेश में गौसदनों के विस्तार एवं निर्माण कार्यों को ससमय पूर्ण करने के लिए समय सीमा निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश को गौसदनों की दृष्टि से सैचुरेट करना है। उन्होंने प्रदेश के सभी स्थानीय निकायों को शीघ्र से शीघ्र गौसदनों का विस्तारीकरण एवं स्थापना आदि कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने गौसदनों तक पशुओं को ले जाने के लिए हाईड्रॉलिक वाहनों की समुचित व्यवस्था भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि जहां नए गौसदनों का निर्माण होना है उसके भूमि चिन्हांकन के कार्य सहित डीपीआर तैयार कर शीघ्र प्रस्तुत की जाए। जिला योजना में भी गौसदनों के लिए बजट मद की व्यवस्था की जाए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरूषोत्तम एवं निदेशक शहरी विकास नितिन सिंह भदौरिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

दर्जाधारी राज्यमंत्री की सूचना पर गंगा पार फंसे बछड़े की बची जान

ऋषिकेश।त्रिवेणीघाट पर गंगा पार गाय का एक बछड़ा फंस गया। वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम रेस्क्यू में जुटी। काफी मशक्कत के बाद बछड़े को पानी से बचाकर सुरक्षित बाहर ले आए।
वन विभाग के मुताबिक आज गाय का एक बछड़ा भटककर गंगा के पार चला गया। वापस आते समय वह पानी से भरे एक गड्ढे में फंस गया। इसी बीच उसे पानी में फंसा देख पशु प्रेमी चारू कोठारी ने दर्जा धारी राज्य मंत्री पति भगतराम कोठारी सूचना दी।

कोठारी मौके पर पहुंचे और प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून को सूचित किया। सूचना के करीब एक घंटे बाद देहरादून से वन विभाग की क्विक रिस्पांस टीम त्रिवेणीघाट पहुंची और राफ्ट लेकर गंगा पार गई। जहां पानी से भरे गड्ढे में फंसे गाय के बछड़े को निकालने के लिए रेस्क्यू शुरू किया।

वनक्षेत्राधिकारी महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद क्विक रिस्पांस टीम बछड़े को सुरक्षित बाहर निकाल ले आयी। दर्जाधारी राज्य मंत्री और उनकी पत्नी ने रेस्क्यू टीम का आभार जताया व 5100 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। मौके पर रवि जोशी, जीत सिंह, अजय त्यागी मौजूद थे।